3 लोगों के विरुद्ध मार पिटाई करने का मामला दर्ज
- घटना 2 महीने पहले की
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव स्याणा की कृष्णा ने 3 लोगों के विरुद्ध मारपीट का मामला दर्ज करवाया है। घटना के 2 महीने बाद मारपीट का मामला दर्ज हुआ है। कनीना पुलिस में कृष्णा ने कहा है कि दस अक्टूबर को पड़ोस के घर में गीतों का कार्यक्रम था। उस वक्त घर के सामने जमीन पर जमी हुई ईंटों को मनीराम नामक व्यक्ति उखाड़ रहा था। कहासुनी करने पर उसने ईंट कृष्णा को दे मारी। तत्पश्चात सुनीता तथा हरबाई ने लाठी-डंडों से प्रहार कर दिया। तीनों ने नीचे गिरा कर मार पिटाई की। घर में कोई नहीं था। घायल कृष्णा को सेहलंग मेडिकल में भर्ती हुई जहां से उन्हें कनीना अस्पताल रेफर कर दिया। कनीना से उन्हें नारनौल भेज दिया तत्पश्चात नारनौल से रोहतक रेफर कर दिया गया। अब ईलाज करवाकर घर आने पर तीनों मारने की धमकी दे रहे हैं जिसके चलते उन्होंने तीनों के विरुद्ध मारपीट का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
तीन दिवसीय योग का हुआ शुभारंभ
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय निमोठ में योगाचार्य श्रीराम देव खालेटिया योग पतंजलि तहसील प्रभारी मनेठी ने तीन दिवसीय योग प्रशिक्षण का शुभारंभ किया तथा विद्यालय के प्राचार्य व अध्यापक एवं योगाचार्य ने दीप प्रचलित किया तथा योगाचार्य श्रीराम देव खालेटिया ने बच्चों को योग व व्यायाम के लाभ एवं प्रशिक्षण दिया। तथा इस अवसर पर अध्यापक एवं अध्यापिकाएं उपस्थित रहे। मुख्य रूप से उपस्थित स्टाफ टेकचंद , जोगेंद्र कुमार, सन्दीप कुमार, सुखबीर सिंह, प्रवक्ता नवनीत यादव, महिपाल एवं विद्यालय के 200 छात्र एवं छात्राओं ने योग व व्यायाम का प्रशिक्षण लिया।
फोटो कैप्शन 2: योग करवाते हुए योगाचार्य।
स्केटिंग प्रतियोगिता में आइंस्टाइन सदन ने बाजी मारी
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कनीना की आवाज। यूरो स्कूल प्रागंण में स्केटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता अंतर सदनीय स्तर पर कक्षा छठी से कक्षा आठवीं तक आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में चारों सदनों के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
इस प्रतियोगिता में आइंस्टाइन सदन ने प्रथम, न्यूटन व डार्विन सदन द्वितीय व एडिसन सदन तृतीय स्थान पर रहे। यह प्रतियोगिता स्केटिंग कोच अमित कुमार, को-र्डिनेटर संजू यादव व गतिविधि प्रभारी रितु के दिशा-निर्देशन में संपन्न हुई। इस शुभावसर पर शैक्षणिक निर्देशक डॉ. राजेन्द्र यादव, प्रधानाचार्य सुनील यादव ने बताया कि इस तरह की प्रतियोगिताएँ होती रहनी चाहिए जिससे बच्चों का मानसिक ही नहीं बल्कि शारीरिक विकास भी हो सके। उन्होंने बताया कि हमारे स्कूल के विद्यार्थी स्केटिंग में जिला स्तर पर ही नहीं बल्कि राज्य स्तर भी प्रतियोगिता में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। साथ ही उन्होंने सदन को जीत पर हार्दिक बधाई दी और सभी विद्यार्थियों को भी लगातार प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया।
फोटो कैप्शन 01: यूरो स्कूल में अव्वल विद्यार्थियों को पुरस्कृत करता स्कूल स्टाफ।
कांग्रेस कार्यालय का उद्घाटन 14 दिसंबर को
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कनीना की आवाज। कनीना में आरएस वाटिका 14 दिसंबर को कांग्रेस कार्यालय का उद्घाटन किया जाएगा। विस्तृत जानकारी देते हुए राम नरेंद्र सिंह पूर्व मंत्री एवं जिला संयोजक भारत जोड़ो यात्रा ने बताया कि कांग्रेस कार्यालय का उद्घाटन हो चुका है इसी कड़ी में 14 दिसंबर को कनीना में कांग्रेस कार्यालय का उद्घाटन किया जाएगा।
सवा लाख रुपये की लागत से स्थापित की मां सरस्वती की प्रतिमा
-स्कूल में पहुंचे पूर्व मंत्री ***************************************
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कनीना की आवाज। राजकीय माध्यमिक विद्यालय झगड़ोली में मां सरस्वती की प्रतिमा का अनावरण पूर्व मंत्री राव दान सिंह ने किया। यह प्रतिमा स्कूल के मुख्याध्यापक अशोक कुमार शर्मा ने अपने निजी कोष से करवाई है।
इस मौके पर राव दान सिंह ने कहा कि विद्या के मंदिर में इस प्रकार की प्रतिमा स्थापित करने से लोगों में एक सकारात्मक संदेश जाएगा। यह कार्य पुनीत का कार्य होता है। ऐसे कार्य सदा करते रहना चाहिए। मां जगत में ज्ञान प्रदान करने वाली होती है। उनसे विद्यार्थी शिक्षा लेते रहेंगे। इस मौके पर अक्षत राव, कई गांवों के पूर्व सरपंच तथा सरपंच, ग्रामीण, स्कूल स्टाफ आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 4: प्रतिमा का अनावरण करते राव दान सिंह।
इंसान की पर्यावरण से छेड़छाड़ जीवों के लिए बन रही है मुसीबत
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कनीना की आवाज। जंगल से तीतर बटेर, शशक, हरिण लुप्त होने के कगार पर हैं। काला तीतर राज्य पक्षी घोषित है किंतु यह लुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। आने वाले समय में मारिशश देश के डोडो पक्षी की भांति ये पुस्तकों में पढऩे को मिलेंगे।
जब झोपड़ पट्टी होती थी और चिडिय़ां भारी संख्या में मिलती थी। वन अधिक होने से तीतर, बटेर, हरियल, फाख्ता, टीटीहरी, काला तीतर, हरिण, शशक एवं नाना प्रकार के जंगली जीव मिलते थे। आज उनके दर्शन दुर्लभ हो गए हैं जिनके पीछे इंसान की पर्यावरण से छेड़छाड़ मानी जाती है। पेड़ पौधों की कटाई, अंधाधुंध उर्वरक एवं पीड़कनाशी खेतों में डालना, पक्के मकान बनाए जाना, वनों का विनाश, औधोगिकरण, बढ़ता प्रदूषण, आखेट पर कड़ा प्रतिबंध न लगा पाना, शौकीनी के लिए जीवों को पालना, जीवों को पालतू बनाने की होड़, सांपों को पकड़कर सपेरे की भूमिका निभाना, गर्मी एवं सर्दी से जीवों को बचने के शरणस्थल न होना, खुले कुओं की जगह बोर बनाया जाना, सूखता जल, नदियों एवं नहरों में पानी का अभाव, भोजन न मिल पाना, आहार शृंंखला का छोटा होना एवं जीवों के लिए संरक्षण कानून सख्त न होना आदि प्रमुख कारण है जिनके चलते जीव जंतु दिनोंदिन लुप्त होते जा रहे हैं।
उधर राजेंद्र सिंह पर्यावरणविद का कहना है कि अभ्यारण्य जैसे स्थल स्थापित किये जाए ताकि जीवों को मरने से बचाया जा सके। उनका कहना है कि जंगली जीवों को बचाने के अब सघन प्रयास करने पड़ेंगे वरना जंगली जीव अब लुप्त हो जाएंगे। जंगली जीवों को बचाने के लिए पेड़ पौधों को बचाना जरूरी है। पेड़ पौधे अकसर गर्मी में जल की कमी के चलते नष्ट हो जाते हैं वहीं सर्दी में झुलस जाते हैं। किसान अपने खेतों से जाटी पेड़ का विनाश करने पर तुले हुए हैं जिसके चलते तीतर, काला तीतर, फाख्ता आदि विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके हैं।
किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है नेपियर घास
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कनीना की आवाज। क्षेत्र के दर्जनों किसानों ने नेपियर घास उगाई हैं जो पशु पालकों के लिए वरदान साबित हो रही है। यह एक सुडान घास से मिलती जुलती घास है जो क्षेत्र में उगाई जा रही है।
झुंडा और गन्ना जैसी दिखाई देने वाली नेपियर घास के चौड़े पत्ते होने तथा बहुत अधिक हरी-भरी एवं एक ही पौधे से 10-15 किलो ग्राम घास प्राप्त होने के कारण किसानों को यह पसंद है। दुधारू पशुओं के लिए लाभदायक साबित हो रही है। मोड़ी के किसान गजराज सिंह, अजय कुमार, कांता कनीना के रामप्रताप, महावीर सिंह आदि ने इस प्रकार के घास पर प्रयोग किए तथा बेहतरीन साबित हुई है। यह घास उगाकर किसान खुश हैं। उल्लेखनीय है कि क्षेत्र में पशु चारे के रूप में बाजर अधिक उगाई जाती है जो बाजरे की एक प्रकार है। बार-बार काटी जाती है। ठीक उसी प्रकार की नेपियर घास है जिसे लगाकर किसान अधिक दूध उत्पादन कर रहे है।
क्या कहते कृषि विशेषज्ञ -
कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज यादव का कहना है कि घास सुडान घास से मिलती जुलती है तथा पशुओं के लिए पौष्टिक साबित हो रही है। दूध देने वाले पशुओं को हरा चारा चाहिए जो इस घास से उपलब्ध हो जाता है। किसान घास उगाकर खुश है तथा इनके पदचिह्नों पर दूसरे किसान भी यह घास उगाने का प्रयास कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन 2: किसान के खेत में खड़ी नेपियर ग्रास।
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