Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Wednesday, February 16, 2022

दिन में गर्मी रात को ठंड, फसलों को सकता है नुकसान
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां दिन के समय गर्मी पड़ रही है वहीं रात को ठंड पड़ रही है जिसके चलते फसलों को नुकसान होने की संभावना है। यद्यपि मौसम विभाग भी मौसम परिवर्तन की बात कर रहा है किंतु यदि यूं ही मौसम चलता रहा तो फसल की वृद्धि और विकास नहीं हो पाएगा और जल्द से जल्द फसल कटाई पर आ जाएगी। अभी से ही कुछ कुछ किसानों की सरसों फसल पक कर तैयार हो गई है वहीं गेहूं की फसल अभी छोटी है। किसान किसानों की नजर मटर की फसल पर भी टिकी हुई है। इस बार क्षेत्र में काफी मात्रा में मटर की खेती की गई है। अगर मौसम की कोई मार नहीं पड़ी तो इस बार अच्छी पैदावार होने की संभावना है। किसान राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, अजीत कुमार ने बताया कि मौसम पर उनकी नजर टिकी हुई है। यदि मौसम में कोई कु-प्रभाव नहीं डाला तो अच्छी पैदावार हो जाएगी।




जिला में अब कोरोना पॉजिटिव की कुल संख्या 24532
-आज 39 मरीज ठीक होने के बाद डिस्चार्ज
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कनीना । सिविल सर्जन डा.अशोक कुमार ने बताया कि जिला में आज 14 नए कोरोना वायरस संक्रमित केस आए हैं। अब जिला में कोरोना पॉजिटिव की कुल संख्या 24532 हो गई है। उन्होंने बताया कि आज 39 कोरोना संक्रमित मरीज को डिस्चार्ज किया गया है। अभी तक जिले में कुल 24289 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि 6 फरवरी को धौलेड़ा के एक कोरोना संक्रमित की मौत हो गई थी। अब तक जिला में 161 कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। कोरोना के 82 केस अभी भी एक्टिव हैं। जिले में 16 फरवरी तक 246500 नागरिकों की स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से 113811 मरीजों में सामान्य बीमारी पाई गई है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के लिए अब तक जिले से 521245 सैंपल भेजे गए हैं। इनमें से 1678 सैंपल की रिपोर्ट आनी शेष है।
कोरोना संक्रमितों की सूची:
1. मोहल्ला पीरआगा नारनौल-1

2.  हुडा सेक्टर नारनौल-1

3. बचिनी-1

4.भगड़ाना-1

5. कनीना-1

6.देवास-1

7. खुडाना-1

8. मुकुंदपुरा- 1

9.पाथेड़ा-1

10.राजावास-1

11.सिहमा-2

12. नांगल चौधरी-2






भक्तिकाल के महान सुधारक थे संत रविदास-संतोष
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कनीना। भक्ति काल के महान कवि समाज सुधारक सामाजिक परिवर्तन के महानायक संत रविदास की जयंती पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व डिप्टी स्पीकर  संतोष यादव ने राजकुमार कनीनवाल के निवास पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका जन्म 1376 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था। उनके पिता का नाम संतोखादास और माता का नाम कलसा देवी था। उनका पैतृक व्यवसाय जूते चप्पल बनाना एवं सुधारना था। एक सामान्य परिवार में जन्म लेने के पश्चात उनका लक्ष्य सिर्फ समाज से सामाजिक भेदभाव को मिटाना था इसलिए उनको सामाजिक परिवर्तन के महानायक के रूप में देखा जाता है। संत शिरोमणि रविदास जी ना केवल भक्ति काल के एक अच्छे कवि थे बल्कि उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में जाति धर्म संप्रदाय  की संकीर्ण मानसिकता पर चोट करते हुए सब  प्रभु के भक्त  का संदेश दिया और अपनी कलम के माध्यम से संसार को जीवन के महत्व के बारे में समझाया। हमारे पिछड़े और वंचितों के मसीहा के रूप में रविदास को पूजा जाता है क्योंकि उन्होंने समाज को एकता के सूत्र में पिरोने के लिए बड़े-बड़े सामाजिक और अध्यात्मिक आंदोलन किए इसलिए इनको निर्गुण संप्रदाय के महान संत की उपाधि से अलंकृत किया गया । उनके द्वारा दिया गया समानता ,सद्भावना एवं सामाजिक समरसता का संदेश युगों युगों तक मानवता को प्रेरित करता रहेगा। हमें सदैव ऐसे महापुरुषों के दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए! इस मौके पर जिला सचिव निलम, राजकुमार चेयरमैन, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हंसराज भडफ, मोहन सिंह पुर्व पार्षद,रतन सिंह, दलीप,धीरज युवा मंडल अध्यक्ष, अनील संरपच,सवाई सिंह आदि मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 4: संतोष यादव एवं अन्य संत रविदास को पुष्प अर्पित करते हुए।





खेड़ी तलवाना में मनाई रविदास जयंती
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कनीना। गांव खेड़ी तलवाना में संत शिरोमणि रविदास की जयंती बुधवार को गांव खेड़ी में धूमधाम से मनाई। इस अवसर पर भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा हरियाणा प्रदेश के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य चौधरी रामनिवास खेड़ी ने संत रविदास की फोटो पर पुष्प अर्पित किए और दीप प्रज्वलित कर नमन किया।
 इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संत रविदास ऐसे महान पुरुष थे जिनके अंदर सेवा भावना कूट-कूट कर भरी गई थी उनके अंदर सभी के लिए प्रेम था उन्होंने समाज को  कर्तव्य निष्ठा का पाठ पढ़ाया, समाज में ऊंच-नीच को खत्म किया जो आज भारतीय जनता पार्टी एक ऐसी पार्टी है जो देश के सभी महान पुरुषों की जयंती मोहल्ले स्तर तक मनाने का कार्य कर रही है। भाजपा देश की वीर शहीदों और महान संत पुरुषों को सम्मान देने के लिए उनकी जयंती के अवसर पर पूरे उत्साह के साथ गांव में मनाने का कार्य कर अपने महान पुरुषों को सच्चे दिल से शत-शत नमन करने का कार्य भाजपा ही कर रही है। उन्होंने संत शिरोमणि रविदास जयंती के अवसर पर बुजुर्गों का सम्मान किया और उन्होंने बताया कि यह सप्ताह संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती के अवसर पर एक सप्ताह समाज सेवा सप्ताह चलेगा। इस अवसर पर क्षेत्र के समाजसेवी तेजपाल सेन ने बताया कि संत शिरोमणि रविदास ने उन समय में समाज को एक सूत्र बांधने में शुरुआत साथ की चरम सीमा पर सद्भावना को बढ़ाने के लिए एक- एक व्यक्ति को जागृत कर हिंदू धर्म की जो रक्षा की यह संत शिरोमणि का बहुत बड़ा त्याग है। हम सब ने मिलकर संत शिरोमणि रविदास के दिखाए मार्ग पर चलकर अपने समाज और देश का विकास करने में अपना योगदान देना चाहिए।
 इस अवसर पर पूर्व स्टेशन अधीक्षक ओमप्रकाश, तेजपाल सेन, करण सिंह, कृष्ण सिंह पवार, तेजपाल, धर्मवीर, कृष्ण कुमार, फतेह सिंह, सूबे सिंह, राजकुमार आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 5: संत रविदास को नमन करते खेड़ी के पूर्व सरपंच रामनिवास दुबट एवं अन्य।





जब मन हो चंगा तो कठौती में गंगा स्वामी श्री कृष्णानंद जी महाराज-कृष्णानंद
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कनीना।  जब मन हो चलना तो कठौती में होती है गंगा। ये विचार कृष्णानंद महाराज धनौंदा में रविदासमहाराज की पावन जयंती पर आयोजित यज्ञ के उपरांत व्यक्त किए।
 इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जब मन साफ होता है तो कोई तीर्थ व्रत करने की भी आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि यह कथन संत शिरोमणि स्वामी रविदास जी महाराज ने साफ कर दिया था कि मन का साफ होना जरूरी है चाहे तन साफ हो या ना हो क्योंकि जिनके मन साफ होते हैं उनको कोई तीर्थ स्थल पर जाने की भी जरूरत नहीं है। गंगा स्नान करने की भी आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि जिनके मन साफ होते हैं उनके तो घर में भी गंगा माता स्वयं आ जाती है। इसलिए हमें साफ मन रख कर के अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए।  मन में मैल नहीं रखना चाहिए। प्रभु तो तन के अंदर बैठा है और वह मन को अच्छे से देख रहा है क्योंकि उसकी दृष्टि में साफ मन वाले लोगों का सदा सदा सम्मान होता है।  हमें साफ मन से भगवान का ध्यान करना चाहिए फिर चाहे जो हो वह परमात्मा के पर छोड़ देना  चाहिए। रविदास के बताए हुए मार्ग पर चलकर मानव को हमेशा पुण्य कर्म करने चाहिए और अपने मन को साफ रख सुख शांति का अनुभव करना चाहिए। समाज में सबको समान दृष्टि से प्रेम करते हुए शुभ कार्य करने चाहिए ताकि एक सभ्य समाज का उत्थान हो सके क्योंकि सभ्य समाज ही देश में संसार को सही रास्ता दिखाता है। इस मौके पर भारी संख्या में गणमान्य जन मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 6: धनौंदा में हवन करते संत।



जब मन हो चंगा तो कठौती में गंगा स्वामी श्री कृष्णानंद जी महाराज-कृष्णानंद
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कनीना।  जब मन हो चलना तो कठौती में होती है गंगा। ये विचार कृष्णानंद महाराज धनौंदा में रविदासमहाराज की पावन जयंती पर आयोजित यज्ञ के उपरांत व्यक्त किए।
 इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जब मन साफ होता है तो कोई तीर्थ व्रत करने की भी आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि यह कथन संत शिरोमणि स्वामी रविदास जी महाराज ने साफ कर दिया था कि मन का साफ होना जरूरी है चाहे तन साफ हो या ना हो क्योंकि जिनके मन साफ होते हैं उनको कोई तीर्थ स्थल पर जाने की भी जरूरत नहीं है। गंगा स्नान करने की भी आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि जिनके मन साफ होते हैं उनके तो घर में भी गंगा माता स्वयं आ जाती है। इसलिए हमें साफ मन रख कर के अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए।  मन में मैल नहीं रखना चाहिए। प्रभु तो तन के अंदर बैठा है और वह मन को अच्छे से देख रहा है क्योंकि उसकी दृष्टि में साफ मन वाले लोगों का सदा सदा सम्मान होता है।  हमें साफ मन से भगवान का ध्यान करना चाहिए फिर चाहे जो हो वह परमात्मा के पर छोड़ देना  चाहिए। रविदास के बताए हुए मार्ग पर चलकर मानव को हमेशा पुण्य कर्म करने चाहिए और अपने मन को साफ रख सुख शांति का अनुभव करना चाहिए। समाज में सबको समान दृष्टि से प्रेम करते हुए शुभ कार्य करने चाहिए ताकि एक सभ्य समाज का उत्थान हो सके क्योंकि सभ्य समाज ही देश में संसार को सही रास्ता दिखाता है। इस मौके पर भारी संख्या में गणमान्य जन मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 6: धनौंदा में हवन करते संत।





विभिन्न गांवो में मनाई संत रविदास जयंती
-मीराबाई भी संत रविदास की थी शिष्या
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कनीना। कनीना तथा आस पास गांवों में संत रविदास की 645वीं जयंती मनाई गई। संत के जीवन एवं मूल्यों को दर्शाने वाली अनेकों गांवों व शहरों में झांकियां आयोजित की गई। उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किये गये तथा हवन एवं भंडारा लगा।
   उधोदास आश्रम में लालदास महाराज ने हवन किया,भजन एवं प्रवचन कर संत रविदास पर प्रकाश डाला।। उन्होंने कहा कि कृष्णभक्त मीराबाई के भी गरु रविदास ही थे। महाकवि तुलसीदास भी रविदास का आदर करते थे। काशी के नरेश की पत्नी भी रैदास की शिष्या बनी।
    उन्होंने कहा कि संत रविदास यूं तो निर्गुण राम के उपासक थे किंतु उनके पदों में गोपाल, हरि, माधव, बनवारी, केशव आदि शब्दों का खुलकर प्रयोग हुआ है।  संत रविदास गृहस्थी होकर भी उनकी साधना प्रबल थी।  संत रविदास के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने  तत्कालीन समय में थे। उस समय भारत में जातिवाद चरम पर था ,ऐसे समय में  रविदास ने न केवल रूढि़वाद , मूर्तिपूजा, व जातिवाद जैसी कुरीतियों पर करारी चोट की बल्कि सभी वर्गों के लोगों को  अपना अनुयायी बनाया। एक प्रसंग सुनाते हुए कहा कि एक बार एक ब्राह्मण गंगा तीर्थयात्रा करने जा रहा था, वह  संत रविदास के पास आया व उन्हें साथ चलने को कहा तो सन्त रविदास ने कहा कि मैने एक सन्त मित्र को जूते बनाकर देने का वादा किया हुआ है,इसलिए में आज गंगा यात्रा नहीं कर सकता,क्योंकि यदि मैं वादाखिलाफी करता हूं तो यह घोर पाप होगा,आप गंगा जी को मेरी एक भेंट दे देना। यह कहकर रविदास ने उस ब्राह्मण को एक सुपारी भेंटस्वरूप दी। ब्राह्मण ने गंगा स्नान के बाद अनमने मन से वह सुपारी गंगा नदी में उछाल दी। उस ब्राह्मण ने वह सुपारी फेंकी तो थी अनमने मन से मगर उस वक्त वह आश्चर्यचकित रह गया जब तत्काल गंगा जी ने साक्षात देवी रूप में प्रकट होकर नदी जल में गिरने से पूर्व ही उस सुपारी को अपने दोनो हाथ में ग्रहण कर लिया और लुप्त हो गयी, ब्राह्मण भयभीत हो दौड़ा-दौड़ा संत रविदास के चरणों में जा गिरा तब संत रविदास ने कहा कि अगर आदमी का मन साफ नहीं है तो तीर्थ यात्राओं का कोई औचित्य नही है, यह कहते हुए उन्होंने दूसरा चमत्कार दिखाते हुए अपनी कटौती में ही गंगा जी को प्रकट कर दिया और कहा-- मन चंगा तो कटौती में गंगा। संत ने कहा कि उन्होंने न केवल इस प्रकार के चमत्कारों के द्वारा तत्कालीन समाज को अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया बल्कि समाज में अनेकों कुरीतियों का दमन कर लोगों को श्रेष्ठ रास्ता दिखाया। इस अवसर पर संत लालदास ने यज्ञ करने के उपरांत भजन सत्संग किये और भंडारा लगाया। इस मौके पर सचिव रामशरण, मा प्रताप सिंह, निहाल सिंह काकोडिय़ा, जगमाल सिंह, रणधीर सिंह, अनिल, सुरेंद्र सहित भारी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे।
    जिला के गांव धनौन्दा में संत शिरोमणि रविदास की जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई। मुख्य अतिथि समाजसेवी अतरलाल एडवोकेट ने मौजीजान के साथ संत रविदास के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अध्यक्षता संत सेवक रामानंद ने की।
            अतरलाल ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा की संत रविदास महान समाज सुधारक थे। उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होने युवाओं से संत रविदास की शिक्षाओं पर चलकर समतावादी समाज निर्मित करने के लिए काम करने की अपील की। उन्होंने युवाओं से आडंबर तथा नशाखोरी के विरुद्ध आंदोलन चलाने का भी आह्वान किया। इस अवसर पर विश्व शांति, भाईचारा व पर्यावरण सुरक्षा के लिए हवन यज्ञ आयोजित किया गया। जिसमें सैंकड़ों मौजीजान ने आहुति भेंट की। इस अवसर पर चेयरमैन भाग सिंह, हैडमास्टर सूरत सिंह, रामानंद, योगेन्द्र, मदन पंच ने भी विचार व्यक्त किए।
उधर कनीना की रविदास धर्मशाला में संत रविदास का 645वां जन्मोत्सव मनाया गया। पूर्व मुख्य अध्यापक डीगराम ने अध्यक्षता की। इस अवसर पर रामेश्वर दयाल पूर्व पार्षद ने पुष्प अर्पित कर उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला और समाज को जागृत करने के लिए उत्साहित किया। इस अवसर पर मास्टर सतीश कुमार,पवन कुमार, सत्यवीर मिस्त्री, गोपीचंद प्राध्यापक, विजय इंस्पेक्टर, भवानी दत्त, देशराज मिस्त्री, सचिन, रोहित, पंकज, योगेश, भूपेंद्र, नवीन आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 1: संत लाल दास महाराज हवन यज्ञ करते हुए
फोटो कैप्शन 2: कनीना मंडी में संत रविदास जयंती मनाते हुए
फोटो कैप्शन 3: धनौंदा के अतरलाल संत रविदास जयंती मनाते हुए।





गाड़ी और ट्रक की टक्कर में 5 घायल
- अज्ञात ट्रक चालक के विरुद्ध मामला दर्ज
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 कनीना। कनीना-नारनौल मार्ग पर दौंगड़ा चौकी के पास गाड़ी और ट्रक के बीच टक्कर मेें 5 व्यक्ति घायल हो गए। घायलों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। रण सिंह कुशलपुरा, थाना सूरजगढ़ के बयान पर अज्ञात ट्रक चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
 मिली जानकारी अनुसार रण सिंह कुशलपुरा निवासी अपने रिश्तेदार मनोज, शर्मिला, विक्रांत एवं वीरेंद्र के साथ कुआं पूजन समारोह में कटकई की ढाणी अपनी गाड़ी से जा रहे थे जिसे मनोज नामक व्यक्ति चला रहा था। जब वापस रात्रि के समय दौंगड़ा चौक पहुंचे तो एक ट्रक चालक अपने ट्रक को बड़ी तेज रफ्तार से चलाते हुए लाया और गाड़ी को टक्कर मार दी। ट्रक गाड़ी को घसीटते हुए करीब 70-80 फुट ले गया। तत्पश्चात ट्रक चालक ने ट्रक को वापिस कर फिर से दौड़ाना चाहा तो दोबारा से गाड़ी को टक्कर मार दी और ट्रक चालक मौके से ट्रक को भगा ले गया। दुर्घटना में मनोज, शर्मिला, विक्रांत, वीरेंद्र सिंह तथा रणसिंह आदि घायल हो गये।  घायलों को महेंद्रगढ़ अस्पताल भर्ती करवाया गया जहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। मनोज तथा विक्रांत का इलाज जयपुर चल रहा है। रण सिंह की शिकायत पर अज्ञात ट्रक चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।


अदालत ने दो










लोगों को किया भगोड़ा घोषित
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 कनीना। अदालत में बेार बार बुलाये जाने पर भी हाजिर न होने पर अरशद नामक वक्त को भगोड़ा घोषित कर दिया है। कनीना जेएमआईसी के न्यायाधीश वीरेन कादयान की अदालत ने अरशद को भगोड़ा घोषित कर दिया है। बार-बार न्यायालय में बुलाए जाने पर अनुपस्थित रहने पर उन्हें भगोड़ा घोषित किया है।
उधर न्यायधीश वीरेन कादयान की अदालत ने सतीश कुमार नामक व्यक्ति को भी भगोड़ा घोषित किया है। बार-बार न्यायालय से अनुपस्थित रहने पर कोर्ट ने कनीना थाने को आदेश दिया है जिसके चलते कनीना थाने में सतीश नामक व्यक्ति को भगोड़ा घोषित कर दिया है।

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