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Friday, January 7, 2022

 
 नौकरी के नाम पर ठगे 1.40 लाख, धोखाधड़ी का मामला दर्ज
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 कनीना। मर्चेंट नेवी में नौकरी दिलाने के नाम पर कनीना के एक युवक से 1.40 लाख रुपये ठग लिये।  कनीना के वार्ड नंबर 10 के साहिल ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है जिसके बयान पर मामला दर्ज कर लिया है।
 मिली जानकारी अनुसार साहिल ने मर्चेंट नेवी में नौकरी के लिए नेवी की मेल पर अपने आंकड़े एवं मेल आईडी भेजी थी। नेवी की मेल आईडी को राम कुमार उर्फ राम सिंह चलाता है। साहिल का बायोडाटा मिलने के बाद उन्होंने साहिल से संपर्क किया कि वह उन्हें मर्चेंट नेवी नौकरी लगवा सकता है। उन्होंने 1.40 लाख मांगे पैरादीप उड़ीसा में आने की बात कही। उन्होंने आनलाइन पैसे भेजने की बात कही जिस पर दो सितंबर 2021 को साहिल ने राम कुमार उर्फ राम सिंह के  आईसीआईसीआई बैंक की जोधपुर शाखा में 1.40 लाख रुपये जमा करवा दिए। 2 सितंबर 2021 को साहिल इंदिरा गांधी हवाई अड्डे से भुवनेश्वर पहुंचा जब उन्होंने आरोपित से संपर्क किया तो आरोपित ने फोन रिसीव नहीं किया। बार-बार फोन करने पर भी उनका फोन रिसीव नहीं हुआ और समाधान न निकलने पर उन्हें वापस घर आना पड़ा। इस प्रकार उनके ऑनलाइन फोन पे के द्वारा 1.40 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। उनकी शिकायत पर राम कुमार उर्फ राम सिंह के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।





पिक अप ने अल्टो गाड़ी को मारी टक्कर ,एक घायल, मामला दर्ज
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 कनीना।  कनीना उपमंडल के गांव चेलावास के पेट्रोल पंप के पास अल्टो गाड़ी को सामने से आ रही पिकअप ने टक्कर मार दी जिससे अल्टो गाड़ी चालक घायल हो गया। पिकअप चालक गाड़ी सहित फरार हो गया। गाड़ी चालक रामकिशन करीरा की शिकायत पर पिकअप चालक के विरूद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
 मिली जानकारी अनुसार करीरा निवासी रामकिशन कोथल गांव से करीरा अपनी अल्टो गाड़ी से आ रहा था। जब वह चेलावास पेट्रोल पंप के पास पहुंचा तो आगे से तेज रफ्तार से आ रही पिकअप ने उन्हें टक्कर मार दी और टक्कर मारकर पिकअप गाड़ी चालक गाड़ी को लेकर फरार हो गया। राहगीरों ने घायल रामकिशन को कनीना अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उन्हें हायर सेंट्रल रेफर कर दिया। रामकिशन के स्वजन उन्हें रेवाड़ी एक निजी अस्पताल में ले गये जहां उनका इलाज करवाया गया। मिली जानकारी अनुसार उनके पैर का ऑपरेशन चला। रामकिशन की शिकायत पर पिकअप चालक के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।           






कोरोना की मार से शिक्षा के क्षेत्र में बिछडऩे लगे हैं विद्यार्थी
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कनीना। करीब 2 वर्षों से कोरोना की मार झेलते हुए आखिरकार विद्यार्थियों की शिक्षा पर बुरा प्रभाव पडऩे लगा है। शिक्षा जीवन का आधार और भविष्य बनाती है किंतु जब-जब कोरोना की मार पड़ी है स्कूल पहुंचा बंद किए गए हैं। विगत वर्ष तो परीक्षा भी विद्यार्थी कोरोना की मार झेलकर दे चुके हैं। हालात एक बार फिर से बदतर होते जा रहे हैं जिसके चलते विद्यार्थियों की पढ़ाई पर कुप्रभाव पड़ रहा है। विद्यार्थी उच्च शिक्षा पाने के लिए नीट,क्लेट, तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं यहां तक की नौकरी के लिए परीक्षाओं की तैयारी के लिए दूर-दराज तक गए हुए हैं। विगत वर्ष कोरोना की मार झेल कर इस वर्ष इस आशा के साथ गए हुये हैं  कि शायद कोरोना अब नहं आएगा किंतु तीसरी लहर दस्तक देती नजर आने लगी है। दूसरी लहर के बाद हालात अच्छे हो गए थे लेकिन एक बार फिर से कोरोना त्वरित गति से बढ़ रहा है। सर्दियों में हर वर्ष की कोरोना की मार झेलते रहे हैं और फिर से झेलनी पड़ सकती है।
कोरोना की मार हर वर्ग पर पड़ी है और किसी को कम नुकसान तो कुछ को भारी नुकसान झेला है। मजदूरों का भी पलायन होता रहा है। फिर से मजदूरों के माथे पर चिंता की रेखा स्पष्ट नजर आती है। अगर पूर्ण लॉकडाउन लगा तो फिर से इनको वापिस अपने राज्य में जाना पड़ेगा। इसी बात को लेकर मजदूर वर्ग बेहद परेशान नजर आ रहा है। उधर विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटकता नजर आ रहा है क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं में भी विद्यार्थी बिछड़ते चले जाएंगे। कहने को तो तीसरी लहर है लेकिन विद्यार्थी 30 वर्ष पीछे चले जाएंगे क्योंकि शिक्षा के बगैर विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में पड़ जाएगा, बहुत से तो ऐसे विद्यार्थी जिनकी नीव कच्ची रह जाएगी। परिणाम यह निकलेगा कि विद्यार्थी किसी प्रकार अपना भविष्य निर्धारित नहीं कर पाएंगे। विगत वर्ष आयोजित नीट की परीक्षा में सफल हुये विद्यार्थी अभी तक अपना कोर्स करने के लिए नहीं जा पाये हैं। अगर इसी प्रकार हालात चलते रहे तो सबसे अधिक कुप्रभाव विद्यार्थियों पर ही पड़ेगा क्योंकि पैसे तो कमाए जा सकते हैं लेकिन जो नीव कच्ची रह जाएगी उसको पक्की करना बहुत कठिन हो जाएगा। स्कूल संचालक तो पहले ही चिंता में डूब गए हैं कि स्कूल बंद हो गए तो फिर फीस तक नहीं मिल पाएगी। ऐसे में हालात यह है कि अभिभावक अपने बच्चों की चिंता में डूब जाएंगे।





जिला महेंद्रगढ़ में आये 6 नये कोरोना केस.
-एक्टिव केस हुए 28
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कनीना। सिविल सर्जन डा.अशोक कुमार ने बताया कि जिला में आज 6 नये कोरोना वायरस संक्रमित केस आए हैं।  कोरोना के 28 केस अभी भी एक्टिव हैं।  1859 सैंपल की रिपोर्ट आनी शेष है।
कोरोना सक्रमितों की सूची- 1 मोहल्ला राव का नारनौल-1
2 मोहल्ला फ्रांस खाना नारनौल -1
3 बैरावास-1
4 मोहल्ला खडख़ड़ी नारनौल -1
5. भूषण काला -1
6. मोहल्ला पड़ाव महेंद्रगढ़-1
 




ग्राामीण स्कूलों में भी हो विज्ञान प्रयोगशालाएं
-विज्ञान पद तक का अभाव है स्कूलों में
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कनीना। ग्रामीण क्षेत्रों में मिडिल एवं उच्च विद्यालयों को सुसज्जित प्रयोगशालायुक्त करने की मांग बढ़ रही है। विज्ञान के युग में विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान की प्रयोगशालाओं पर बल देना जरूरी बताया जा रहा है। अभी तक मिडिल स्कूलों में विज्ञान लैब पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। अब तो हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने दस सालों के बाद फिर से आठवीं की बोर्ड की परीक्षाएं शुरू कर दी हैं, ऐसे में लैब की जरूरत अधिक समझी जाने लगी हैं।
  हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश पूर्व सचिव धर्मपाल शर्मा ने बताया कि सरकार विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा दे रही है किंतु कई राजकीय वरिष्ठ, राजकीय उच्च एवं माध्यमिक स्कूलों में विज्ञान तक के पद समाप्त कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि कनीना उपमंडल के दर्जनों मिडिल, उच्च एवं वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में े विज्ञान का पद भी स्वीकृत नहीं है जिसके चलते विज्ञान शिक्षण बेहतर ढंग से नहीं चल पा रहा है। यही नहीं अपितु ग्रामीण क्षेत्रों में विज्ञान की प्रयोगशाला का अभाव होने से भी परेशानी बढ़ रही है। बेरोजगार विज्ञान शिक्षकों की कोई कमी नहीं है।
  उधर विज्ञान शिक्षण को प्रयोगशाला के माध्यम से पढ़ाने की जरूरत होती है किंतु अधिकांश राजकीय माध्यमिक एवं उच्च विद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशाला तक नहीं है। महज विज्ञान किट से काम चलाया जाता है। ऐसे में विद्यार्थी बगैर विज्ञान के उपकरणों से विज्ञान को बेहतर ढंग से नहीं सीख पा सकते हैं। उन्होंने मांग की है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित माध्यमिक एवं उच्च विद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशालाएं जरूर स्थापित की जाए ताकि विज्ञान शिक्षण में रुचि बढ़ सके।
  उन्होंने कहा कि विज्ञान शिक्षकों के पद को तकनीकी पद घोषित किया जाए। अभी तक विज्ञान की पुस्तक का नाम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी रख दिया है किंतु विज्ञान शिक्षकों के पद को तकनीकी घोषित करने की मांग को दफन किया जा रहा है। उन्हें प्रायोगिक भत्ता दिया जाए।



तीसरे दिन भी छाए रहे आसमान में बादल
-सूर्य देव के दर्शन हुये कभी कभार
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में दूसरे दिन भी मौसम फसल अनुकूल रहा। जहां गुरुवार को 4 एमएम बारिश हुई। किसान इस मौसम को फसल के अनुकूल बता रहे हैं। मौसम विभाग बूंदाबांदी की संभावना जता चुका है।
 इस वक्त सरसों और गेहूं की प्रमुख रूप से दो फसलें खेतों में खड़ी हुई हैं। किसान सूरत सिंह, महेंद्र कुमार, दमन सिंह, केशव आदि ने बताया कि मौसम फसल के अनुकूल बन गया है, बारिश होना फसल के लिए लाभप्रद होगा। लगातार दो दिनों से जहां बूंदाबांदी और आसमान में बादल छाए हुए हैं वहीं फसल लहलहा रही है। पल-पल मौसम बदल रहा है। इस वर्ष धुंध कम पड़ी है किंतु चार दिन पाला जमा है। किसान अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं।
   इस वक्त होने वाली बारिश फसल के लिए लाभप्रद मानी जाती है क्योंकि इस वक्त फसल पकान पर नहीं पहुंची है। धरा पर दूर-दराज तक पीली सरसों नजर आती है।  जिस गति से फूल आ रहे हैं अगर वैसे ही फूल आते रहे तो जनवरी माह में अधिकांश फूल खत्म हो जाएंगे। तत्पश्चात फसल पकने लग जाएगी किसान सूबे सिंह, रोहित कुमार, देशराज आदि ने बताया कि फसल के लिए बूंदाबांदी लाभप्रद है यदि ऐसा ही मौसम चला तो फसल को अधिक लाभ होगा।




 सरकारी अस्पताल में नहीं दी जा रही पीसीएम टैबलेट
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कनीना। कोरोना की वैक्सीन लगवाने वालों को कनीना के सरकारी अस्पताल में पेरासिटामोल टेबलेट नहीं दी जा रही। ब्रह्मानंद खिच्ची, रानी, कृष्ण कुमार, धर्मेंद्र आदि ने बताया कि शुक्रवार सुबह जब कोरोना रोधी वैक्सीन लगाने के लिए अस्पताल में पहुंचे थे। कोवैसीन वैक्सीन लगाने और आरटीपीसीआर टेस्ट करने के बाद जब उन्होंने टैबलेट देने को कहा तो मौजूद स्टाफ ने बताया कि टेबलेट तो आपको बाहर से ही लेनी पड़ेगी। अस्पताल में तो टेबलेट आ ही नहीं रही।
हैरानी की बात है कि जब अस्पताल में पेरासिटामोल जैसी मामूली टेबलेट नहीं है तो दूसरी दवाओं का क्या हाल होगा? विभाग को पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध कराने की मांग की है।





पेयजल सप्लाई विभाग के भवन हुए नकारा
-1975 से चली आ रही है नकारा ऊंची टंकी
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कनीना। 21 दिसंबर 1975 को तत्कालीन कृषि मंत्री कर्नल महासिंह द्वारा कनीना की वाटर सप्लाई पेयजल केंद्र का उद्घाटन रेवाड़ी रोड पर किया था। तब से लेकर आज तक यह केंद्र पेयजल सप्लाई लगातार करता आ रहा है किंतु वाटर सप्लाई कर्मियों के लिए बनाये गये दो भवन/ क्वार्टर नकारा हो गए हैं, यही नहीं करीब 150 फुट ऊंची पेयजल टंकी एवं फिल्टर टैंक बेकार पड़े हैं। करोड़ों रुपए की लागत से पेयजल सप्लाई की टंकी, फिल्टर टैंक एवं कर्मियों के भवन पुराने समय की याद दिला रहे हैं। 1.800 लाख गैलन क्षमता वाला पेयजल केंद्र कनीना में 5 जून में पेयजल सप्लाई करता आ रहा है।
 विस्तृत जानकारी देते हुए जयपाल सिंह प्रभारी ने बताया इस पेयजल केंद्र से पेयजल सप्लाई कनीना अस्पताल,मुख्य बाजार, कनीना कस्बा, ब्राह्मण मोहल्ला, संगम कॉलोनी और रेवाड़ी रोड पर होता आ रहा है। नहर पर आधारित पेयजल सप्लाई श्रीकृष्ण गौशाला कनीना के पास बनी हुई है जिससे कनीना मंडी तथा कस्बा के कुछ वार्डों में पेयजल सप्लाई होता आ रहा है। सिवर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तथा नहर पर आधारित पेयजल योजना का उद्घाटन तत्कालीन मंत्री किरण चौधरी ने 22 मई 2011 को किया था।
1975 में कनीना में पेयजल के लिए भडफ़ गांव से पाइपों द्वारा जल लाकर कनीना में इकट्ठा किया जाता था जिसे सभी वार्डों में पहुंचाने के लिए ऊंची टंकी बनाई गई थी जो कुछ दिन भी नहीं चल पाई और वर्तमान में नकारा खड़ी हुई है। यही नहीं 2001 में कनीना के लोगों की प्यास बूझाने के लिए चार फिल्टर टैंक बनाए गए जो पानी को फिल्टर करके कस्बा वासियों की प्यास बुझाते थे आज वो टैंक भी नकारा हो गए हैं। 1975 में ही बने स्टाफ क्वार्टर आज नकारा हो चुके हैं ऐसे में यहां के कर्मचारी आंधी और बारिश में सर छुपाने के लिए परेशान नजर आते हैं। पेयजल की चारदिवारी खंडित हो चुकी है और किसी अपराधी के यहां प्रवेश करने से सुरक्षा प्रदान नहीं कर पा रही है।
नकारा क्वॉर्टरो को तोड़कर नए क्वार्टर बनाए जाने की मांग उठ रही है। वर्तमान में जहां पेयजल के लिए नहर पर आधारित फिल्टर होकर कुछ पानी स्टोर में जमा होता है। यही नहीं कुछ पानी डीप  बोर से लिया जाता है और समस्त कस्बा में सप्लाई किया जा रहा है।  वर्तमान में पेयजल सप्लाई की बनाई गई चारदीवारी भी कई जगह से टूटी पड़ी है।  पेयजल सप्लाई केंद्र में खड़े सूखे हुए पेड़ ,पुरानी पेयजल सप्लाई की वाटर टंकी और क्वार्टरों को नहीं हटाया तो किसी भी बड़ी अनहोनी होने से नकारा नहीं जा सकता। ऐसे में पेयजल सप्लाई करने वाले कर्मी दबी जुबान से कह रहे है कि यहां अविलंब नए क्वार्टर निर्मित किए जाए।
वाटर सप्लाई केंद्र पर करीब 20 वर्ष पुराने फिल्टर टैंक दिखाई देते हैं जिन्हें बड़े-बड़े पेड़ पौधे खड़े हुए । किसी समय नहर का पानी आकर फिल्टर होता था और फिल्टर करके सप्लाई किया जाता था किंतु वर्तमान में नहर से सप्लाई पाइप ही बंद कर दी गई है तथा फिल्टर टैंक सरकार ने बंद करके त्वरित पेय जल शुद्धीकरण योजनाशुरू कर दी है।
फोटो कैप्शन 3: वाटर सप्लाई केंद्र पर 2001 में निर्मित फिल्टर टैंक नकारा पड़े फिल्टर टैंक
4 वाटर सप्लाई टैंक पर खड़ी नकारा टंकी
5: वाटर सप्लाई केंद्र पर नकारा क्वार्टर
 



  विभिन्न शिक्षण संस्थानों में चला कोरोना रोधी टीके लगाने का अभियान
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कनीना। हेरिटेज पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल मोहनपुर में 15 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए कोविड-19 टीकाकरण के लिए कैंप लगाया गया जिसमें भोजावास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्पेशल टीम ने 15 से 18 वर्ष के बच्चों को कोविड-19 का टीका लगाया। जिसमें विद्यालय के सभी बच्चों ने टीकाकरण करवाया। विद्यालय के चेयरमैन ओमप्रकाश शर्मा ने बच्चों को कोविड-19 से बचाव के सुझाव दिए और उन्हें कोविड-19 के नियमों का पालन करने के लिए संदेश दिया। सभी बच्चों ने स्वास्थ्य अधिकारियों ने अध्यापकगणों ने कोविड-19 के नियमों का पालन करने का संकल्प लिया और कहा कि हम सभी इस बीमारी से बचाव के लिए पूरे देश पूरी स्वास्थ्य टीम के साथ है और उनके द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करेंगे और अपने परिवार जनों तथा अपने साथियों सहपाठियों सभी को कोविड-19 से बचाव के लिए नियमों का पालन करने के लिए कहेंगे।  विद्यालय के चेयरमैन ने स्वास्थ्य विभाग की टीम का आभार जताया कि उन्होंने हेरिटेज स्कूल में कोविड-19 टीकाकरण के लिए कैंप लगाकर टीकाकरण किया।
उधर एसडीएम. वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय छिथरोली में शुक्रवार को कोविड - 19 टीकाकरण कैंप का आयोजन किया गया । कैंप के 15 से 18 आयुवर्ग के विद्यार्थियों को कोविड - 19 का टीका लगाया गया। विद्यालय की प्रधानाचार्य रेखा दांगी ने बताया कि टीकाकरण कैंप में 191        विद्यार्थियों को कोरोना के टीके लगाए गए। टीकाकरण कैंप उप - प्राचार्य सत्यपाल यादव की अध्यक्षता में हुआ। टीकाकरण कैंप धनौंदा पीएचसी की स्वास्थ्य विभाग की पांच टीमों ने टीकाकरण किया। प्रधानाचार्य रेखा दांगी ने स्वास्थ्य विभाग की टीमो का धन्यवाद किया। इस मौके पर संदीप, प्रवीण , प्रमिला आदि स्टाफ सदस्य मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 01: हेरिटेज स्कूल में कोरोना रोधी टीका लगाते हुए कर्मी।
02:एसडीएम स्कूल में कोरोना रोधी टीका लगाते हुए कर्मी।





कोरोना रो







धी टीकाकरण का किया एसडीएम ने निरीक्षण
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कनीना। करोना महामारी को रोकने के लिए जगह-जगह लगाए जा रहे शिविरों में टीकाकरण का उप मंडल अधिकारी कनीना ने निरीक्षण किया। स्कूल एवं कालेज स्टाफ को ज्यादा से ज्यादा बच्चों को इसमें शामिल कराने के निर्देश दिये। एसडीएम कनीना सुरेंद्र सिंह ने कनीना एसडी स्कूल ककराला कनीना एवं उन्हाणी के कालेज में लगने वाले टीकाकरण का  उपमंडल अधिकारी नागरिक कनीना ने औचक निरीक्षण किया।
उप मंडल अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने स्टाफ व बच्चों को बताया की कोरोना महामारी व ओमीक्रोन को हल्के में नहीं लेना चाहिए और इससे बचाव के लिए सरकार व प्रशासन द्वारा बनाई गाइडलाइन का पालन करते रहना चाहिए। क्योंकि इस बीमारी से बचाव के लिए सरकार व प्रशासन द्वारा बनाई गई गाइडलाइन का पालन करना ही उचित है। उन्होंने यह भी बताया 13 से और 17 साल के बीच के सभी बच्चों को टीकाकरण कराने के लिए आगे आना चाहिए क्योंकि यह टीकाकरण ही शरीर में में ऊर्जा भर देता है जिससे हमारे शरीर में रोगों से लडऩे की क्षमता आ जाती है और बड़े से बड़ा रोग भी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाता। इसलिए हमें टीकाकरण कराने के लिए आगे आना चाहिए। वहीं उन्होंने यह भी बताया टीकाकरण के साथ-साथ सरकार व प्रशासन द्वारा बताए गए नियमों का पालन भी हमें करते रहना चाहिए क्योंकि हमारे वेद और शास्त्रों में बहुत पहले से लिखा हुआ है कि जिस घर में शुद्धता होती है वहां कोई भी बीमारी नहीं आ सकती क्योंकि जहां शुद्धता होगी वहां बार-बार हाथ धोयेे जाएंगे, बर्तन साफ रखे जाएंगे, कपड़े साफ रखे जाएंगे तो उन में पनपने वाले रोगाणु स्वत: ही समाप्त हो जाते हैं और उस घर में रहने वाले लोग सभी सुरक्षित और स्वस्थ रहते हैं। इस अवसर पर इनके साथ कालेज में स्कूल के अन्य स्टाफ उपस्थित था।
फोटो कैप्शन 2: एसडीएम कनीना सुरेंद्र सिंह किये जा रहे टीकाकरण की जानकारी लेते हुये।

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