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Sunday, January 9, 2022

 
बंद घर में लाखों रुपए की हुई चोरी, मामला दर्ज
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 कनीना। कनीना मंडी में बंद घर में अज्ञात चोरों ने सेंध लगाई और लाखों रुपये का सामान एवं आभूषण ले उड़े। कनीना मंडी के वार्ड आठ की अनीता ने कमीना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार अनीता एक जनवरी को अपने परिवार सहित गरुग्राम मायके गई हुई थी। 7 जनवरी को उनका लड़का हेमंत करीब एक बजे घर आया तो घर का मुख द्वार खुला मिला। दरवाजे का ताला टूटा हुआ था जिसकी सूचना उन्होंने अपनी मां को दी। मायके से अनीता घर आई तो चोरी का पता चला। अज्ञात चोर एक एलइडी, सोने की चेन, मंगलसूत्र,सोने के टोपस आदि गायब मिले। पुलिस ने अज्ञात चोरों के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।




21 बोतल शराब सहित पकड़ा
-दूसरे मामले में 8 बोतल देसी शराब बरामद की
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संवाद सहयोगी,कनीना। कनीना पुलिस ने मुखबिरी के आधार पर छापा मारकर एक नौजवान को प्लास्टिक के कट्टे में 21 बोतल देसी शराब पकड़ी। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को सूचना मिली कि रवि नामक व्यक्ति सीहोर में अवैध शराब बेचता है। वह छीथरोली-गाहड़ा रोड से आएगा। पुलिस ने नाकाबंदी की एक लड़के को अपने कंधे पर एक कट्टा प्लास्टिक लिए हुए आता दिखाई दिया। पुलिस ने उसे पकड़ कर उससे  पकड़ कर उससे 21 बोतल देसी शराब बरामद की। मामला दर्ज कर लिया है।
उधर उधर कनीना में अवैध शराब बेचता हुआ बलवंत नामक एक व्यक्ति गिरफ्तार किया है जिससे 8 बोतल शराब बरामद की। पुलिस को मुखबिर के आधार पर सूचना मिली कि बाबा मोलडऩाथ मंदिर कनीना के पास एक व्यक्ति अवैध शराब बेच रहा है। कनीना पुलिस ने छापामारी की तो एक व्यक्ति सफेद रंग के कट्टा रखकर शराब बेच रहा था। कनीना पुलिस ने बलवंत निहालोठ,बुहाना राजस्थान के व्यक्ति से 8 बोतल देशी शराब पकड़ी।  उसके विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।





कालेज में 11 जनवरी को लगेगी वैक्सीन
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कनीना। राजकीय महाविद्यालय कनीना में मंगलवार दिनांक 11 जनवरी 2022 को 15 से 18 वर्ष के विद्यार्थियों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इस आशय की जानकारी महाविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर विनोद यादव ने दी। श्री यादव ने बताया कि जिस भी नागरिक ने वैक्सीनेशन नहीं करवाया है उन्हें तुरंत वैक्सीन लगवाने चाहिए तथा महामारी से  बचते हुए समाज को जागरूक करना चाहिए। विद्यार्थी राष्ट्र की धरोहर है तथा देश की अमूल्य संपदा है। इन्हें सुरक्षित रखना हम सबका ही कर्तव्य है। अत: समय रहते हम सभी को वैक्सीन अवश्य लगवाना चाहिए।
    



 4 दिनों में हुई 22 एमएम बारिश
-शीत लहर बढ़ी
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में विगत 4 दिनों से 22 एमएम बारिश होने के बाद अब शीत लहर बढ़ गई है। शीतलहर के चलते जहां दुकानदार, किसान, मजदूर सभी आग का सहारा लेते देखे गये वहीं ऊनी कपड़ों में लिपटे नजर आए। दोपहर बाद रविवार को कुछ समय सूरज नजर आया बाकी दिन सूरज के दर्शन भी नहीं हो पाये। जहां किसानों का कहना है कि अगर अब खुल मौसम खुल जाएगा तो बेहतर फसल पैदावार के आसार बन जाएंगे। ऐसे में अब किसान मौसम खुलने की लगाए बैठे हैं।





कनीना मंडी के शिविर में उठाया 117 लोगों ने लाभ
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 कनीना। कनीना मंडी की शिवलाल धर्मशाला में सेवा भारती हरियाणा प्रदेश शाखा कनीना द्वारा 46वां हृदय रोग एवं नेत्र रोग जांच एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 117 लोगों ने दूरदराज से आकर विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाया। इस मौके पर मेट्रो अस्पताल एवं हृदय रोग संस्थान जो शिविर प्रारंभ से ही सेवा देता रहा है, के डॉक्टर राहुल सिंगला ने पूरी टीम के साथ सेवाएं दी। हृदय रोग विशेषज्ञ डा आरबी अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित कुमार ने विभिन्न लोगों की आंखों  चेक की वहीं नेत्रों से संबंधित विभिन्न जांच कर दवाएं वितरित की।  इस अवसर पर रोगियों को मुफ्त में दवाएं एवं चश्में वितरित किये तथा हृदय रोगियों का की शूगर, इसीजी, बीपी आदि की जांच की। सेवा भारती के  योगेश अग्रवाल ने बताया यह शिविर हर महीने के दूसरे रविवार को आयोजित होता है और अब तक 46 शिविर आयोजित कर नाम कमाया हैं। यही नहीं आर्य समाज मंदिर में प्रतिदिन मरीजों को निशुल्क दवाएं भी वितरित की जाती है।
उन्होंने बताया कि मेट्रो अस्पताल रेवाड़ी के यूनिट हेड प्रताप यादव स्वयं उपस्थित रहे तथा उनके साथ अस्पताल के प्रबंधक त्रिभुवन कौशिक कोमल, परवीना, अमित, सुमित तथा डा आरबी यादव अस्पताल के डा तेजपाल सिंह , भारती कनीना के उपप्रधान नरेश शर्मा पार्षद, सह कोषाध्यक्ष अमित, राकेश, योगेश अग्रवाल, शिव कुमार अग्रवाल, दयाराम एवं जगदीश आचार्य सहित अनेक जन उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 1: रोगियों की जांच करते हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ राहुल सिंगला।



नसीहत-
 हमें कोरोना महामारी की तो विद्यार्थियों को डालनी होगी आनलाइन पढ़ाई की आदत-डा राजेंद्र यादव
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संवाद सहयोगी,कनीना। जिस प्रकार जानकार कहने लगे हैं कि हमें कोरोना महामारी के साथ जीने की आदत डालनी होगी, ठीक उसी प्रकार विद्यार्थियों को आनलाइन पढऩे की आदत डालनी होगी। ये विचार पूर्व डिप्टी डीइओ एवं शिक्षा निदेशक यूरो ग्रुप आफ एजूकेशन डा राजेंद्र सिंह यादव ने यहां व्यक्त किये।
 उन्होंने कहा कि प्रशासन व सरकार सबसे पहले स्कूल और कालेजों को बंद करती है, जिससे लोग समझ लें कि उन्हें कोविड-19 प्रोटोकॉल  का पालन करना होगा। जब बच्चे आनलाइन आ जाते हैं तो उनके हाथ में मोबाइल आना भी  स्वाभाविक है। आनलाइन शिक्षा घर पर पढऩे का अच्छा साधन है। विद्यार्थी कोविड-19 के समय में घर पर ही अपनी पढ़ाई को इस माध्यम से जारी रख सकते हैं परंतु दूसरी तरफ इस आनलाइन एजुकेशन की परेशानियां भी हैं। इस समय 3 वर्ष के बच्चे से लेकर स्कूल, कालेजों तक जाने वाले बच्चे भी खाना खाते वक्त फोन पर व्यस्त हैं। अगर अभिभावक उनसे मना करते हैं तो या तो वो जिद पकड़ लेते हैं या फिर छिपकर फोन चलाते हैं। देश-विदेश में न जाने कितने ही बच्चे इस लत के शिकार हो चुके हैं। यह एक गंभीर समस्या है जो प्रत्येक माता-पिता के लिए चुनौती बनी हुई है। आज के दौर  में अगर घर में फोन और टीवी न हो तो वह परिवार पुराने जमाने का माना जाता  है और अगर हो तो युवाओं के लिए यह एक नशा बन जाता है जो कि उनको आनलाइन एजुकेशन के साथ इंटरनेट के जरिए मिलता है। इसके लिए हम केवल बच्चों को ही दोषी मानकर नहीं चल सकते बल्कि पूरे समाज को बहुत समझदारी से इसके उपयोग को समझना होगा। आज बहुत से युवाओं को घंटों व्हाट्सएप, फेसबुक , ट्विटर तथा अन्य सोशल प्लेटफार्मों पर  बतियाते हुए देखा जा सकता है। समझ में नहीं आता कि वे किससे बात करते हैं। शादीशुदा लोगों को भी इसकी  ऐसी लत लगी है कि इससे परिवार बर्बाद हो रहे हैं। हमारा यह भी मानना है कि इसके कुछ उपाय भी हैं जो सहज रूप से इस समस्या से निजात दिला सकें। माता-पिता और अभिभावकों से कहना चाहेंगे कि सबसे पहले इस समस्या को समस्या मानें। अगर इसे समस्या मानेंगे तो समाधान भी खोजे जाएंगे।  उनका कहना है कि बच्चों के साथ समय बिताएं ताकि उनको आपके साथ का आनंद अन्य प्रलोभनों से दूर रख सके। वह समस्या जो फोन को हाथ में लेते ही उनको घेर लेती है, उसे धीरे-धीरे समझाएं। बच्चों को समस्या होने से पहले ही उन लोगों से मिलवाएं जो काउंसलिंग में एक्सपर्ट हैं। बच्चों को अच्छी पुस्तकें पढऩे और कहानियां लिखने की ओर अग्रसर करें। बच्चों को यह भी समझाएं कि वह हमारे लिए और इस  समाज के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।
फोटो कैप्शन: डा राजेंद्र सिंह यादव





मिले 3 कोरोना संक्रमित
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में तीन कोरोना संक्रमित मिले हैं। उनको हाम आइसोलेट कर दिया गया है।
 मिली जानकारी अनुसार झाड़ली में एक महिला तो मोहनपुर और सीहोर में एक-एक पुरुष कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। कोरोना तेजी से बढ़ रहा है। वरिष्ठ चिकित्सक धर्मेंद्र यादव का कहना है कि हाथों को नियमित साफ करना, दो गज की दूरी बनाए रखें, भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए। बचाव में ही बचाव संभव है।












विश्व हंसी दिवस 10 जनवरी को
- महामारी में सिमट गई है लोगों की हंसी
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 कनीना। 10 जनवरी को विश्व हास्य दिवस मनाया जाता है किंतु विगत 2 सालों से कोरोना महामारी ने लोगों की हंसी छीन ली है। लोग चाहे वह किसान है या विद्यार्थी या फिर आमजन व अधिकारी है सभी के चेहरे की हंसी गायब हो गई है। महामारी ने कुछ लोगों की तो नींद हराम कर दी है। यद्यपि 2 वर्ष पहले जब कोरोना का नाम सुनते थे लोग ऐसे डरते थे कि मौत सामने आ गई है किंतु धीरे-धीरे लोगों ने महामारी के साथ जीने की कुछ आदत डाल ली है। अब कोरोना संक्रमित आने पर इतने अधिक परेशान नहीं होते जितने प्रारंभ में होते थे। विश्व हंसी दिवस पर जहां खुलकर हंसने की इच्छा होनी चाहिए वहां अब लोग हंसते कम नजर आते हैं। भागदौड़ की जिंदगी के चलते धन कमाने की इच्छा व लालसा के चलते लोग खाना, पीना, सोना व हंसना सब कुछ भूलते जा रहे हैं। यही कारण है कि विश्व हंसी दिवस विश्व रोना दिवस में बदलता जा रहा है।
एक ग्रहणी सुबह उठकर परेशानी में नजर आती है तो एक व्यापारी भी आज के दिन रोता नजर आता है। उसके पास खाने पीने की फुर्सत भी नहीं होती बल्कि वह धन कमाने की सोचता नजर आता है किंतु उस काम में भी महामासारी आफत बन गई है। चाहे आज के विद्यार्थी से पूछा जाए तो उसकी शिक्षा और हंसी महामारी में दफन होती जा रही है, यदि किसान से पूछा जाए तो वह भी महामारी की बात कहता और मजदूरों की हालात तो बहुत खस्ता है। विश्व दिवस पर आज भी कुछ लोग हंसने की बात कह रहे हैं। हंसी से सभी रोग दूर हो जाते हैं। बाबा रामदेव भी खुलकर हंसने की बात कहते हैं। पर लोग हंसना तो चाहते हैं परंतु चेहरे पर परेशानी नजर आती है। बल्कि रोने को लालायित रहते हैं।
आशी दिवस पर क्या कहते हैं लोग-
कनीना के महेश कुमार व्यवसायी का कहना है कि अपनी रोटी रोजी कमाने के लिए भागदौड़ इतनी बढ़ गई है कि हंसना भूल गए हैं। परिवार के साथ मिल बैठकर 2 मिनट का समय मुश्किल से मिल पाता है बाकी दिन भर भागदौड़ जारी रहती है। परिणाम यह निकलता है कि इंसान हंसने की बजाय परेशान अधिक है। उन्होंने बताया कि जब से महामारी फैली है तब से हंसना भूलते जा रहे हैं। उनका कहना है कि कभी दूसरी लहर तो कभी तीसरी लहर और इस प्रकार हंसना गायब हो गया है।
 विद्यार्थी अमीश कुमार का कहना है कि उनकी पढ़ाई प्रभावित हो गई है। बाहर निकलना दूभर हो गया है। ऐसे में हंसना बहुत कठिन हो गया है। कभी स्कूल में जाते वक्त हंस लिया करते थे परंतु महामारी ने स्कूल भी बंद करवा दिए हैं। ऐसे में हंसी कोसों दूर नजर आती है। हंसी बाजार में भी नहीं मिलती कि खरीद लिया जाये।
किसान सूबे सिंह का कहना है कि महामारी के चलते उन्हें अपने घरों में दुबके रहना पड़ता है। कभी खेतों में हल चलाते वक्त दुख सहन करके पेड़ की छांव में हंस लेते थे तो कभी परिवार के संग मिल बैठकर मुस्कुरा लेते थे किंतु अब तो महामारी का शोर मचा है। हंसना बहुत कठिन हो गया है। ऐसे में विश्व हास्य दिवस पर हंसना नहीं बल्कि रोना आ रही है।
कवि महेंद्र शर्मा का कहना है कि कभी काव्य के माध्यम से हुए हंस लेते थे, हास्य कविताएं  लिखते थे जिसे खुद भी हंसना पड़ता था परंतु जब से महामारी चली है तब से काव्य में भी महामारी झलकती है और हंसी गायब हो गई है। उनका कहना है कि अब तो महामारी जब तक खत्म नहीं हो जाती तब तक हंसना दूभर हो गया है।
 फोटो कैप्शन:सूबे सिंह किसान,अमीश कुमार विद्यार्थी, महेश बोहरा व्यवसायी, महेंद्र शर्मा कवि।

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