12 परीक्षा केंद्रों पर दी 1468 विद्यार्थियों ने दी परीक्षा
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कनीना। जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा 2021 कक्षा 6 में प्रवेश हेतु जिला महेंद्रगढ़ के 12 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा में कुल 2314 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे जिसमें से 63 प्रतिशत विद्यार्थी उपस्थित हुए। जानकारी देते हुए जिला स्तरीय पर्यवेक्षक, प्राचार्य जवाहर नवोदय विद्यालय सुरेश कुमार ने बताया कि परीक्षा में 846 विद्यार्थी परीक्षा अनुपस्थित रहे तथा 1468 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।
उन्होंने बताया कि सभी परीक्षा केंद्रों पर काविड 19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए सफलतापूर्वक संपन्न करवाया। जिला शिक्षा अधिकारी नारनौल सुनील दत्त यादव ने परीक्षा केंद्रों का दौरा किया तथा सभी पांच खंड स्तरीय शिक्षा अधिकारी अपने-अपने ब्लाक में विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन6: परीक्षा देते विद्यार्थी।
जल्द ही लाल डोरा की रजिस्ट्रियां बनाकर लोगों को सौंप दी जाएंगी -सत्यपाल
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कनीना। अब गांव को लाल डोरा के अंदर की भी रजिस्ट्रियां उपलब्ध कराई जा रही हैं जिसका श्रेय हरियाणा सरकार को जाता है और जल्द ही हमारे इलाके के सभी गांव की लाल डोरा क्षेत्र की रजिस्ट्री कंप्लीट हो जाएगी उक्त विचार कनीना के नायब तहसीलदार सत्यपाल यादव ने आज एक भेंट के दौरान व्यक्त किए इस अवसर पर बोलते हुए सत्यपाल यादव ने कहा कि जिला उपायुक्त वह सरकार के आदेश पर खंड एवं पंचायत अधिकारी ग्राम सचिव वह तहसील स्टाफ के अथक प्रयासों से सभी गांव में जा जाकर लोगों से पूछताछ कर ड्रोन द्वारा बनाए गए मैप के अनुसार उनको रजिस्ट्री करा मालिकाना हक सौंपा जाएगा जिससे गांव में खुशी की लहर है और प्रशासन भी इस कार्य में बढ़-चढ़कर भाग ले रहा है उन्होंने यह भी बताया कि आए दिन डेढ़ सौ से 200 रजिस्ट्रियां तैयार करके लोगों को समर्पित कर दी जाती हैं जिसे जल्द ही उक्त कार्य पूर्ण हो जाएगा इस अवसर पर इनके साथ आरसी ओम प्रकाश शर्मा व अन्य स्टाफ उपस्थित था
फोटो कैप्शन 7: नायब तहसीलदार जमरीन रजिस्ट्रियों की जानकारी देते हुये।
गांव धनोदा नहर में मिली अज्ञात व्यक्ति का शव
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कनीना। खंड कनीना के निकटवर्ती ग्राम ग्राम धनौंदा में एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
मिली जानकारी के अनुसार खंड कनीना के निकटवर्ती ग्राम धनौंदा में एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला है जिसे पहचान के लिए कनीना थाने में रखा गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति जिसकी उम्र लगभग 45 वर्ष पैरों में फौजी जूते पहने हुए हैं जिसकी की डेड बाडी को पानी से निकलवा कर पहचान के लिए कनीना थाने में रखा गया है। यहां गौरतलब है कि इससे पहले भी इस नहर में कई लोगों की डेड बॉडी मिल चुकी है इसलिए क्षेत्र के लोग किसे खूनी नहर के नाम से जानने लगे हैं।
जवाहर नवोदय में कक्षा छठी में प्रवेश के लिए परीक्षा आयोजित
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कनीना। जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में कक्षा छठी में प्रवेश के लिए बुधवार को परीक्षा आयोजित की गई। प्रधान बाबूलाल यादव ने बताया कि जवाहर नवोदय परीक्षा के लिए ब्लॉक कनीना में 3 केंद्र स्थापित किए गए। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी में 151 छात्रों ने परीक्षा दी तथा 89 छात्र अनुपस्थित रहे। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में 163 छात्रों ने परीक्षा दी तथा 77 छात्र अनुपस्थित रहे। राजकीय उच्च विद्यालय में 87 छात्रों ने परीक्षा दी तथा 59 छात्र अनुपस्थित रहे। कार्यवाहक खंड शिक्षा अधिकारी कनीना अभय राम यादव ने सभी परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। तीनों परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हुई।
फोटो कैप्शन 10:- परीक्षा देते विद्यार्थी।
जीआर स्कूल कनीना में तीज महोत्सव पर किया गया मेहंदी रचाओ व पतंग बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन
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कनीना। जीआर इंटरनेशनल स्कूल के प्रांगण में तीज के उपलक्ष में मेहंदी रचाओ व पतंग बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया लड़कियों ने मेहंदी रचा कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया तथा वहीं लड़कों ने पतंग बनाकर अपनी कला का प्रदर्शन किया प्रतियोगिता का अवलोकन अध्यापिका पवित्रा यादव ममता मुद्गल व क्रियाकलाप इंचार्ज अनिल कुमार द्वारा किया गया। काईट मेकिंग में कक्षा छठवीं से जतिन कक्षा सातवीं से उदित कक्षा आठवीं से उचित छात्र प्रथम रहे। इसी के साथ मेहंदी प्रतियोगिता में कक्षा छठी से इशिता कक्षा सातवीं से महिमा कक्षा आठवीं से रूपक्षी कक्षा 9वी से शगुन कक्षा दसवीं के सरिता कक्षा ग्यारहवीं से कशिश कक्षा बारहवीं से प्रिया छात्रा प्रथम रही विद्यालय के संचालक विजय पाल यादव ने बच्चों के कलात्मक प्रदर्शन को की प्रशंसा करते हुए कहा कि बच्चे देश के भावी संरक्षक होते हैं जो देश को सर्वोच्च एवं उन्नति की ओर ले जाते हैं बच्चों से ही बचपन से ही बच्चों में इस प्रकार के गुणों का विकास करना चाहिए जिससे वे आगे चलकर देश के विकास में सहयोग दे सकें आचार्य दीपक वशिष्ठ ने इस त्यौहार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं से हम अपनी विलुप्त हुई संस्कृति को संरक्षित कर सकते हैं एवं सभी अध्यापकों व बच्चों को तीज की बधाई दी प्रतियोगिता के आयोजन में विद्यालय के समस्त स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
फोटो कैप्शन11 :- प्रतियोगिता में विजेता विद्यार्थियों को सम्मानित करते स्कूल स्टाफ व अन्य।
_रामचंद्र पब्लिक स्कूल में मनाया तीज महोत्सव
_विजेता विद्यार्थियों को किया सम्मानित
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कनीना। बुधवार को रामचंद्र पब्लिक स्कूल में हरियाली तीज के अवसर पर सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ-साथ पतंग प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया। जिसमें विद्यार्थियों ने हर्षोल्लास के साथ भाग लिया। प्रतियोगिता में पहले स्थान पर हिमांशु व किया, दूसरे स्थान पर लोकेश व मुस्कान तथा तीसरे स्थान पर हिमांशी, खुशी और निशु रहे। सभी विजेता विद्यार्थियों को संस्था के प्राचार्य राकेश कौशिक ने सम्मानित किया। राकेश कौशिक ने बताया कि भारतीय संस्कृति को जीवित रखने के लिए समय-समय पर त्योहारों पर प्रतियोगिताओं का आयोजन होते रहना चाहिए। जिससे विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में मदद मिलती है। इस दौरान रितु यादव, अनीता यादव, पवन शर्मा, नरेंद्र, सतीश यादव, मनीषा यादव, नीतू वशिष्ठ, कृष्ण कुमार, प्रदीप कुमार सहित अन्य स्टाफ भी मौजूद रहे।
फ़ोटो कैप्शन 12:- विजेता विद्यार्थियों को सम्मानित करते स्टाफ के सदस्य व अन्य।
जिलास्तरीय खेलों का आयोजन 12 से
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कनीना। खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग हरियाणा द्वारा खेलों इण्डिया यूथ गेम्स की भांति राज्य स्तरीय खेलों हरियाणा का आयोजन किया जाना है। इस संदर्भ में जिला स्तरीय खेल बाक्सिंग, जुड़ो, हाकी, कुश्ती एवं वेट लिफ्टिंग का आयोजन 12 अगस्त एवं 13 अगस्त को एसडी विद्यालय, ककराला में हो रहा है। इन खेलों में 18 वर्ष आयु वर्ग व इससे कम आयु वर्ग के खिलाड़ी लड़के/लड़किया भाग ले सकते है।
बाक्सिंग-भारवर्ग (लड़के)- 46, 48, 50, 52, 54, 57, 60, 63, 69 व 75 किलो ग्राम। लड़कियां- 48, 50, 51, 54, 57, 60, 64, 69 व 75 किलो ग्राम। जुड़ो- भारवर्ग (लड़के)- 50, 55, 60, 66, 73, 81 व 81 अधिक किलो ग्राम। लड़कियां- 40, 44, 48, 52, 57, 63 व 63 अधिक किलो ग्राम।कुश्ती-भारवर्ग (लड़के)- 57, 61, 65, 70, 74, 86 व 97 किलो ग्राम। लड़कियां- 50, 53, 55, 57, 62, 68, 76 किलो ग्राम। कुश्ती (ग्रीको रोमन) (लड़के)- 55, 60, 67, 72, 77, 87 व 97 किलो ग्राम। वेट लिफ्टिंग (लड़के)- 55 से कम, 61 से कम, 67 से कम, 73 से कम, 81 से कम, 89 से कम, 96 से कम, 102 से कम, 109 से कम, 109 से अधिक। लड़कियां- 44 स कम, 49 से कम, 55 से कम, 59 से कम, 64 से कम, 71 से कम, 76 से कम, 81 से कम 87 से कम, 87 से अधिक।
जिलास्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाडिय़ों की जन्मतिथि की प्रमाणिकता के लिए आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, मैट्रिक प्रमाण पत्र व पासपोर्ट, इनमें से कोई भी दो दस्तावेज लेकर आना अनिवार्य है। इस प्रतियोगिता में केवल वही खिलाड़ी भाग लेगा जो हरियाणा राज्य का निवासी है या हरियाणा राज्य में शिक्षा ग्रहण कर रहा है शिक्षा ग्रहण करने का प्रमाणिक दस्तावेज खिलाड़ी को दिखाना होगा। प्रतिभागियों को प्रात: 8 बजे आयोजन स्थल पर पहुंचना अनिवार्य है।
आनलाइन शिक्षा स्कूली शिक्षा का विकल्प नहीं-सूर्यकांत
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कनीना। उम्मीद काउंसलिंग सेंटर डाइट महेन्द्रगढ़ के मनोवैज्ञानिक सूर्यकांत यादव ने जागरण से हुई खास बातचीत में कहा कि कोरोना महामारी के कारण जीवन शैली के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव आए हैं।फलस्वरूप स्कूली शिक्षा भी ऑनलाइन माध्यम की ओर उन्मुख हुई है। हालांकि आनलाइन शिक्षण वयस्क छात्रों के लिए अनुकूल हो सकता है, जो स्वानुशासित होते हैं। लेकिन छोटे बच्चों और किशोरों के लिए पारंपरिक तरीके से स्कूल में जाकर पढऩा ही बेहतर होता है।
दरअसल कोरोना महामारी के बाद जिस तरह की परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं उसमें ऑनलाइन शिक्षण प्रक्रिया को वरीयता दी जा रही है लेकिन अभी तक के अनुभव यह कहते हैं कि इसमें शहरी बच्चों के अलावा ग्रामीण एवं हाशिये पर रहे परिवारों के बच्चें लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं। क्योंकि अनेक परिवारों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं और यदि हैं तो वाट्सएप, ज़ूम व गूगल मीट आदि एप्लिकेशनस पर कक्षाओं का संचालन होने के कारण, कमजोर नेटवर्क या इंटरनेट की अनुपस्थिति राह में रोड़ा बन जाता है। बच्चों के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। अभिभावक इतने समर्थ नहीं हैं कि बच्चों को ये सुविधाएं उपलब्ध करवा सकें।
दूसरी ओर मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से यदि देखा जाए तो ऑनलाइन शिक्षण छोटे बच्चों के लिए कतई सार्थक नहीं है। क्योंकि बच्चों का सीखने का स्तर अलग-अलग होता है जो शिक्षा का उपलब्ध वातावरण और पढ़ाने के तौर तरीकों पर निर्भर करता है। साथ ही छोटे बच्चों के शिक्षण के लिए काम में ली जाने वाली कुछ मनोवैज्ञानिक प्रक्रियाएं होती हैं। उन खास प्रक्रियाओं के माध्यम से बच्चे को अधिगमित किया जाता है। इसी के साथ हमें यह भी समझने की आवश्यकता होती है कि बालक सीखता कैसे है और बालक की प्रवृत्ति किस तरह की होती है। अधिगम के दौरान बाल प्रवृत्ति के अनुरूप बालक कुछ समय बाद काम में नयापन चाहता है,बच्चा हमेशा अपनी गति एवं अनुकरण से सीखता है,बच्चा अपनी पांचों ज्ञानेन्द्रियों का उपयोग करते हुए सीखता है। इसके अलावा शिक्षक बच्चे को एक सहज एवं अनुकूल वातावरण देता है और यह सब कक्षा-कक्ष में ही संभव हो पाता है।
अत: ऑनलाइन शिक्षण एक विकल्प तो हो सकता है लेकिन यह स्कूली प्रक्रिया की जगह नहीं ले सकता। अब यहां सवाल यह है की हमारे संविधान के मुताबिक 6-14 वर्ष तक के बच्चों की आरंभिक शिक्षा को सुनिश्चित करना है,पर ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में उसका यह अधिकार मिलना मुश्किल है। इसके लिए शिक्षा तंत्र और समाज को मिलकर कोई तरीका निकालने की जरूरत है जहां कोरोना से बचाव भी सुनिश्चित हो सके और पढ़ाई भी बाधित ना हो। आनलाइन शिक्षा प्रणाली को ठीक से लागू किये जाने से पूर्व इसमें आने वाली चुनौतियों और सभी बच्चों तक इसकी पहुंच बनाने का विश्लेषण करना होगा।
फोटो कैप्शन: सूर्यकांत
तीज उत्सव पर मेले लगे एवं पतंगबाजी की गई
-वो मारा वो काटा का शोर सुनाई पड़ा
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कनीना। कनीना में तीज का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मेले का आयोजन किया गया और पतंगबाजी का हुल्लड़ चला। कनीना के कई गांवों में तीज के पर्व पर मेले लगे।
कनीना में बुधवार को हरियाली तीज का पर्व मनाया गया। इन दिनों घेवर की मिठाई खाने की रिवाज है। उधर हरियाली तीज के दिन पूरा दिन पतंगबाजी का शोर सुनाई पड़ता रहा। छतों पर युवा, बच्चे एवं बुजुर्ग वो मारा, वो काटा करते रहे। जहां पतंगबाजी के लिए बहुत से लोग पतंग उड़ाने व पतंग की डोर को काटने का मजा ले रहे थे तो कुछ कट कर जाने वाले पतंग का लुत्फ उसे दूर से पकड़कर लाने में उठा रहे थे।
हरियाली तीज के पर्व पर मेले का आयोजन किया गया। इस पर्व को तीज मेला नाम से जाना जाता है। नगरपालिका के पास इस मेले का आयोजन लंबे समय से होता आ रहा है।
यह पर्व किसान भी मनाते है क्योंकि फसल लहलहा रही है। लहलहाती फसल को देखकर किसान प्रसन्न हो रहे हैं। इस बार बारिश मध्यम हुई। किसानों की फसल खेतों में खड़ी है।
महिलाओं को समर्पित हरियाली तीज -
जहां अच्छी फसल होने की खुशी में हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है वही यह पर्व महिलाओं को समर्पित है। हरियाली तीज से 1 दिन पहले सिंधारा पर्व आता है वही तीज का पर्व आता है। दोनों ही पर्व पर जहां महिलाओं को याद किया जाता है, विशेषकर विवाहित लड़कियों को उनके घर भाई या पिता पहुंचकर दान देकर आता है। विशेषकर घेवर की मिठाई दी जाती है। जिन्हें आसपास घरों में बांटकर खाया जाता है। वास्तव में इस दिन पींग पर झूलने की प्रथा है। वैसे तो पूरे सावन माह में ही पींग पर झूला जाता है किंतु इस दिन विशेष आकर्षण का केंद्र पींग होती है।
जंगलों में नृत्य करते मोर, बारिश का शोर तथा पतंग उड़ाने वालों की ध्वनि स्पष्ट सुनाई पड़ती है। जहां अब तक बम बम भोले का शोर सुनाई देता था उसकी जगह वो काटा वो मारा का शोर सुनाई पड़ता है। पर्व खुशियां लेकर आता है। बारिश अच्छी होने पर तो खुशियां और भी बढ़ जाती हैं।
पतंगों के लड ़ेपेच--
अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में दो प्रकार की पतंग हवा में उड़ाई जाती है। एक पतंग के पूंछ होती है दूसरी बगैर पूंछ की होती है। बगैर पूंछ की पतंग को पतंगबाजी के एक्सपर्ट जन ही लुत्फ उठा सकते हैं किंतु पूंछ वाली पतंग को छोटे बच्चे तक हवा में उड़ाकर लुत्फ लेते हैं। इन पतंगों के पेच लड़ाए जाते हैं। हरियाली तीज के दिन तो दिनभर डेक पर संगीत चलता रहा और छतों पर कई कई बच्चे इक_े होकर पतंगबाजी करते देखे गये।
फोटो कैप्शन 1: कनीना में छतों पर पतंग उड़ाते बच्चे।
नगरपालिका के दो पार्षद मनोनीत होने पर खुशी
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संवाद सहयोगी,कनीना। शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय हरियाणा द्वारा कनीना के दो पार्षद मनोनीत किये जाने से खुशी का माहौल है। उन्हें अपार बधाइयां मिल रही हैं।
उल्लेखनीय है कि राजकुमार भारद्वाज वार्ड 11 से संबंध रखते हैं तथा पुराने भाजपा कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। सात जमात पढ़े लिखे श्री भरद्वाज 1982 से भाजपा के सदस्य हैं। वे पहले भी भाजपा मंडल के कोषाध्यक्ष, सचिव, उपाध्यक्ष, जिला कार्यकारिणी के सदस्य , एनजीओ प्रकोष्ठ के संयोजक रह चुके हैं। उनके मनोनयन पर खुशी की लहर है तथा जगह जगह लड्डू बांटकर खुशी जताई जा रही है।
उधर ओमप्रकाश वार्ड दो से संबंध रखते हैं जो भाजपा के पुराने कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं।
वे भी जन सेवा में लंबे समय से जुटे हुए हैं। हायर सेकेंडरी(दस जमा दो समकक्ष) पास हैं। वे 1982 से भाजपा के सदस्य हैं। वे किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष, जिला उपाध्यक्ष, कार्यवाहक जिला अध्यक्ष, प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रह चुके हैं। दोनों के मनोनयन पर कनीना के विभिन्न समाजसेवियों ने सरकार का आभार एवं धन्यवाद किया है। दोनों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, ओमप्रकाश धनखड़, विधायक सीताराम, प्रो रामबिलाश शर्मा, सांसद चौधरी धर्मवीर का आभार जताया है।
उल्लेखनीय है कि विगत योजना में मोहन सिंह तथा नरेश पंडित मनोनीत पार्षद के रूप में रह चुके हैं जो आज के दिन भी जन सेवा में जुटे हुये हैं।
फोटो कैप्शन:राजकुमार भारद्वाज एवं ओमप्रकाश यादव।
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Wednesday, August 11, 2021
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