अंबेडकर सेवा समिति ने किया पौधारोपण
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कनीना। रविवार को रक्षाबंधन के पर अंबेडकर सेवा समिति भोजावास ने अंबेडकर भवन व सार्वजनिक स्थानों पर पौधारोपण किया। समिति के प्रधान विनोद कुमार एडवोकेट ने इस अवसर पर कहा कि पौधे हमारे जीवन के लिए अति आवश्यक हैं और जीवन में हमें पौधों की रक्षा करनी चाहिए। इस अवसर पर अनिल पंच, मदनलाल पंच, महावीर, जयप्रकाश सरपंच प्रतिनिधि ,रघुवीर पंच, सतीश पंच, विजय कुमार, सुभाष नंबरदार, संतलाल, राहुल, अशोक, संजय, नर पाल आदि ग्रामीण उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 12: करोंदा का पौधा लगाते समिति के सदस्य।
हल्की बारिश के साथ सावन माह संपन्न
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कनीना। कनीना क्षेत्र में हल्की बारिश के साथ सावन माह संपन्न हो गया है। सावन माह में जहां चार सोमवार आए वहीं शिव भक्तों में शिव के प्रति गहन आस्था देखने को मिली।
सावन माह में इस कनीना क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई है। विगत वर्षों की अपेक्षा इस सावन माह में जहां बारिश अच्छी हुई किंतु कावड़ लाने वाले परेशान नजर आए। इस बार विगत वर्ष की भांति कावडिय़ों को कांवड़ लाने की अनुमति नहीं दी गई। सावन माह इस बार किसानों के लिए अच्छा साबित हुआ है।
102 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी पड़पौती से बंधवाई राखी
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कनीना। कनीना उप- मंडल के गांव मोहनपुर नांगल में प्रभु चौहान 102 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी पड़पौती से राखी बंधवाई और खुशी का इजहार किया। प्रभु चौहान की कोई बहन नहीं है किंतु उनकी पड़पौती संतरा 40 वर्षीय है जिनसे उन्होंने आज रक्षाबंधन पर रक्षा सूत्र बंधवाया और खुशीव्यक्त की।
प्रभु चौहान ने बताया कि वे लंबे समय से रक्षाबंधन पर अपनी पौतियों एवं पड़पौतियों से ही रक्षा सूत्र बंधवाते आ रहे हैं। एक साधारण किसान के रूप में मोहनपुर तथा नांगल गांवों में सबसे अधिक उम्र के प्रभु चौहान आज स्वास्थ्य तथा खुश है कि उन्होंने यह पर्व खुशी-खुशी मनाया।
उनकी पड़पौती भी आज आपने परदादा परदादा को राखी बांधकर खुशी महसूस कर रही है। प्रभु चौहान का कहना है कि उनकी यह इच्छा है कि भविष्य में भी इसी प्रकार रक्षाबंधन देखता रहूं।
फोटो कैप्शन 13: अपनी परपौती से रक्षाबंधन पर राखी बंधवाते प्रभु चौहान।
कनीना में रविवार को भी हुआ डाक वितरण का कार्य
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कनीना। कनीना उप डाकघर में जहां रक्षाबंधन पर्व के दृष्टिगत रविवार को भी डाक वितरण कार्य हुआ। विस्तृत जानकारी देते हुए उप डाकपाल विकास शर्मा ने बताया कि सरकार की हिदायतों के अनुसार तथा रक्षाबंधन पर के दृष्टिगत डाक वितरण का कार्य किया गया। विगत वर्षों भी रक्षा बंधन पर डाक वितरण का कार्य चला था।
राधा कृष्ण मूर्ति की स्थापना जन्मोत्सव 30 अगस्त को
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कनीना। कनीना के ठाकुर के बड़े मंदिर में 30 अगस्त को राधाकृष्ण की मूर्ति स्थापित की जाएगी।
विस्तृत जानकारी देते हुये कंवरसेन वशिष्ठ ने बताया कि 29 अगस्त को कलश यात्रा होगी वही 29 अगस्त की ही रात को जागरण/कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। 30 अगस्त को मूर्ति स्थापित की जाएगी वही कब 31 अगस्त को भंडारा आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ठाकुर जी का बड़ा मंदिर कस्बा कनीना का बहुत पुराना मंदिर है जहां अभी तक राधा कृष्ण की मूर्ति स्थापित नहीं हो पाई थी। अब यह मूर्ति स्थापित की जा रही है।
बाजरे की फसल पकान के अंतिम चरण में
-सितंबर के पहले सप्ताह में हो जाएगी लावणी शुरू
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कनीना। क्षेत्र में इस बार 17500 हेक्टेयर में बाजरे की बिजाई की गई है वही दलहन फसलों पर सरकार ने बल दिया है। बाजरे की फसल पकान के अंतिम चरण में पहुंच गई है। सितंबर के पहले सप्ताह में लावणी का कार्य शुरू होने की पूरी उम्मीद है। 20 सितंबर तक लावणी का कार्य पूर्ण हो जाता है। किसान अपनी फसल को देख कर खुश हैं।
इस वक्त फसलों को पानी की जरूरत समझी जा रही थी जो गत दिवस कुछ बारिश होने से पूर्ति हो गई है। किसानों की बाजरे की फसल अब अच्छे ढंग से पकने की संभावना जताई जा रही है। यद्यपि किसान अपने खेतों में अभी भी फव्वारों द्वारा पानी दे रहे हैं ताकि फसल और अच्छी प्रकार पक सके।
विस्तृत जानकारी देते हुए डा देवेंद्र ने बताया कि बाजरा प्रति एकड़ 22 से 25 मण पैदावार देता है जिसकी विगत वर्षों तक सरकारी तौर पर खरीद हुई थी। बाजरा सामान्यत: 72 से 85 दिन के बीच पक कर तैयार हो जाता है। आजकल कुछ ऐसी किस्में भी आ गई जो 65 दिन में पक जाती हैं। उन्होंने बताया कि बाजरा चारे के लिए अधिक उगाई जाने वाली फसल है जबकि राजस्थान, गुजरात और हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में बाजरे को अनाज के रूप में भी प्रयोग करते हैं। मुर्गी फार्म एवं पशुओं के चारे के रूप में इसकी मांग अधिक होती है।
कनीना क्षेत्र में इस बार अच्छी बारिश होने के बाद अब यह फसल पकान की ओर चली गई है। इस क्षेत्र में बाजरा खरीफ फसल बतौर उगाया जाता है तत्पश्चात अक्टूबर में अगली फसल की तैयारी शुरू हो जाती है।
फोटो कैप्शन 8:पकी हुई बाजरे की कनीना क्षेत्र की फसल।
चरवाहों की गाय सड़क कर देती है जाम
-बदबूदार गोबर पर फिसल जाते हैं दोपहिया वाहन
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कनीना। राजस्थान की चरवाहों की गाय क्षेत्र में समस्या बनती जा रही है। विशेषकर दुपहिया वाहन चालकों के लिए सिरदर्द बन जाती है। जब ये सड़क पर चलती है तो चारवाहे इन्हें एक तरफ नहीं करते वही पूरे सड़क पर फैलने से वाहन इनके पीछे-पीछे लंबी दूरी तक चलने को मजबूर हो जाते हैं। सबसे बड़ी समस्या है कि हरा चारा खाकर बदबूदार गोबर करती है जो दुपहिया वाहन चालकों के लिए आफत बन जाता है। तेजी से इस पर राहगीरों के पैर फिसलते हैं वही दुपहिया वाहन भी फिसल जाते हैं।
इंद्रजीत, दिनेश, लक्की, महेश, सुरेश आदि ने बताया कि वे दुपहिया वाहन पर चलते हैं और रास्ते में जब कभी ये गाये मिल जाती है तो वह बहुत परेशान हो उठते हैं। इनके चरवाहों को कहा जाए तो वे किसी की कोई बात नहीं सुनते, यहां तक की
ये गाय पूरे सड़क पर फैल जाती है और समस्या बन जाती है। इनका गोबर बहुत बदबूदार होता है जिस पर दुपहिया वाहन फिसलने का डर बना रहता है।
अक्सर ये गाये राजस्थान से आती है या वापस लौटती है उस समय सिर दर्द बन जाती हैं। एक अनुमान के अनुसार कम से कम तीन दर्जन झुंड एक साथ क्षेत्र में आते हैं। इनको लोग गरीब समझकर अपने खेतों में अन्न एवं जल भी देते हैं परंतु जब ये सड़क पर चलती है तब लोगों को परेशान करके रख देती है।
फोटो कैप्शन 6: गायों का झुंड सड़क को घेरे हुए।
3511 एकड़ में मूंग फसल की हो चुकी वेरीफिकेशन
-त्वरित गति से चल रहा है मूंग उगाने वालों का वेरिफिकेशन कार्य
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कनीना। कनीना उपमंडल के तहत विभिन्न गांवों में जहां मूंग उगाने वाले किसानों ने बाजरे की बजाय मूंग उगाकर 4000 रुपये प्रति एकड़ लाभ उठाने का प्रयास किया है वहीं अब कृषि विभाग उन किसानों का मौके पर जाकर वेरिफिकेशन कर रहे हैं। अब तक अब तक 3511 एकड़ पर किसानों की मूंग का वेरिफिकेशन हो चुका है और करीब एक सप्ताह तक की है वेरिफिकेशन का कार्य और जारी रहेगा। पोर्टल पर जहां मूंग उगाने के लिए 2120 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। सरकार की योजना के तहत 31 जुलाई तक उन किसानों को मूंग उगाने के लिए रजिस्टे्रशन करना था। उन्हें 4000 रुपये प्रति एकड़ भुगतान दिया जाएगा जिन्होंने विगत वर्ष बाजरा उगाया था। सरकार दलहन फसलों पर जोर दे रही है। यही कारण है कि इस बार बेहतर परिणाम देखने को मिला है।
विस्तृत जानकारी देते हुए पूर्व कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज ने बताया कि फिजिकल वेरिफिकेशन में खंड कृषि अधिकारी, एडीओ, सुपरवाइजर आदि सभी कर्मचारी कमेटी के रूप में खेत खेत पर जा रहे हैं। नक्शे को देखते हैं और मूंग की खेती की वेरिफिकेशन करते हैं। अभी एक सप्ताह तक और यह कार्य चलने की उम्मीद है। किसानों ने 3840 एकड़ पर पर मूंग उगाया है इसमें से 3511 एकड़ पर मूंग का वेरिफिकेशन हो चुका है। उन्होंने कहा कि जब वेरिफिकेशन का कार्य पूर्ण हो जाएगा सरकार को सूचित किया जाएगा तत्पश्चात ही भविष्य में किसानों के खाते में 4000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से राशि मिलेगी। उन्होंने बताया कि किसान मूंग उगाकर कई लाभ कमा सकते हैं। जहां खेत की उपजाऊ शक्ति बढ़ जाती है वहीं मूंग के भाव भी 60 से 75 रुपये प्रति किलो के हिसाब से उपलब्ध हो जाते हैं। क्षेत्र में दाल की कमी नहीं रहेगी जिससे सेहत भी किसानों की बनी रहेगी।
फोटो कैप्शन 7: मूंग के खेत में फिजिकल वेरीफिकेशन करते कृषि अधिकारी एवं किसान।
रक्षा बंधन का पर्व मनाया गया
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कनीना। क्षेत्र में रक्षा बंधन का पर्व धूमधाम से मनाया गया। सावन का यह अंतिम दिन भी रहा। विभिन्न मार्गों पर साधनों का अभाव रहा वहीं दुकानदारों एवं निजी वाहन चालकों ने बहनों से जमकर पैसे वसूले। फल,सब्जी तथा विभिन्न प्रकार की मिठाइयां महंगी दी गई। कनीना क्षेत्र में रक्षा बंधन का पर्व धूमधाम से मनाया गया। घरों के द्वारों पर शुभ चिह्न लगाए गए और पकवान बनाए गए। बहनों ने अपने भाइयों की कलाइयों पर रक्षासूत्र बांधा। इस मौके पर भाइयों ने भी बहनों को भेंट दी।
कनीना क्षेत्र में विभिन्न मार्गों पर रोडवेज बसों की कमी रही है जिससे आवागमन में परेशानी रही। विभिन्न मार्गों पर अवैध वाहन खूब चांदी कूटते नजर आए।
आज मार्केट में भी रोड़ पर दुकानें लगी होने के कारण दिनभर जाम की समस्या बनी रही। आज बाजार में हर वस्तु महंगी रही। केले, सेब, आम, घेवर, मिठाइयां तथा पेठा की मिठाई महंगी रही। आम दिनों की बजाय आज दस रुपये तक महंगी रही। बहनें दुकानदारों के हाथों हर माल में लुटती नजर आई। कहने के तो भाइयों ने बहनों को भेंट दी किंतु महंगाई के युग में अति महंगी वस्तुएं बहनें खरीदकर लाई। विभिन्न क्षेत्रों में भी रक्षा बंधन का पर्व मनाया गया। रक्षा बंधन के पर्व पर जहां हरियाणा में रोडवेज बसों में इस बार मुफ्त आवागमन की सुविधा दी गई। सरकार ने रोड़वेज बसों में बहनों को मुफ्त यात्रा की सुविधा तो दी किंतु बसों की कमी पूरी नहीं की।
साधनों के अभाव में तथा मजबूरी में महिलाएं निजी साधनों की सहायता लेकर अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंची।
उधर रक्षा बंधन के पावन पर्व पर बहने अपने भाइयों की कलाइयों पर रक्षासूत्र बांधा। कहीं बहन भाई के पास तो कहीं भाई बहन के पास जाकर रक्षा बंधन के पर्व में रंगे नजर आए। उधर कलई पर बांधा जाने वाला धागा कच्चा परन्तु बंधन पक्का होता है क्योंकि बंधन रूपी व्रत तो दिल से लिया जाता। उक्त विचार संत शिरोमणी लालदास महाराज ने उधोदास आश्रम में श्रावणी पर्व पर व्यक्त किए।
महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति में चार वर्ण माने गए है जिनमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र इन वर्णों के लिए एक-एक पर्व नियत है। महाराज ने बताया कि ब्राह्मणों के लिए रक्षा बंधन श्रावणी पर्व, क्षत्रियों के लिए दशहरा शस्त्र पूजन, वैश्यों के लिए दीपावली, लक्ष्मी पूजन, शुद्रों के लिए होली होलिका प्रत्येक वर्ण में प्रधानता क्रमश: अपने-अपने पर्व की होती है,किन्तु प्रत्येक पर्व को सब मिलकर मनाते है। महाराज कहते है कि प्राचीनकाल में ब्राह्मण गुरुकुलों में रक्षा बंधन के पर्व पर रक्षा सूत्र जनेऊ देकर गुरुकुलों में नये विद्यार्थियों को प्रवेश देते है तथा संत सन्यासी, महात्मा इस पर्व के पश्चात वर्षा ऋतु में उपदेश आदि के द्वारा शिक्षा देकर अविद्या का नाश करते है। महाराज ने कहा कि कि जाति, आयु और भोग के बारे में खुलकर बताते हुए कहा कि आयु:- सभी जीव-जन्तुओं की आयु निश्चित होती है जिसको न तो कोई बढ़ा सकता तथा नही कोई कम कर सकता। महाराज ने भोग के बारे में बताते हुए कहा कि मनुष्य ने अपने पूर्व जन्म में जो कर्म किए थे वह अब सभी कर्म फल से भोग के द्वारा भोगने पड़ते है तथा अब जो कर्म मानव करते है वह अगले जन्म में भोगने पड़ते है। स्वामी जी ने जाति के बारे में बताते हुए कहा कि इस संसार में 84 लाख योनियां होती है जिनमें सब की अलग-अलग जातियां होती है जैसे मनुष्य, गाय, भैंस, कुत्ता सभी अलग-अलग जातियां होती है। इस मौके पर हवन आयोजित हुआ तथा भंडारा भी लगाया गया। इस अवसर पर भारी संख्या मेंं लोग उपस्थित थे।
छोटे भाई बहन से लेकर वृद्ध भी राखी बंधवाते देखे गए। सभी में उत्साह था। यद्यपि कोरोना ने कुछ समस्याएं पैदा की किंतु महिलाओं का रास्ता नहीं रोक सका।
फोटो कैप्शन एक व दो: कनीना में छोटे भाई का बहन राखी बांधते हुए तथा दूसरे में बुजुर्ग राखी बंधवाते हुए
3: बस स्टैंड पर लगी भीड़ एवं जाम। जागरण
4: रक्षा पर्व का महत्व समझाते लालदास महाराज।
खेड़ी स्कूल में
चलाया पौधारोपण कार्यक्रम
-लगाये गये 350 विभिन्न पौधे
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कनीना। पौधारोपण अभियान के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में खेड़ी तलवाना में 300 छायादार एवं औषधीय पौधे लगाए गए। इन पौधों में आम, नीम,बरगद, अमरुद, बरगद, शहतूत, जामुन आदि प्रमुख हैं। मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त प्राचार्य जयप्रकाश यादव ने अपने हाथों से पौधारोपण कर शिक्षकों व विद्यार्थियों का आह्वान किया कि इस मौसम में अधिक से अधिक पौधारोपण करें । क्योंकि पर्यावरण संरक्षण में पेड़ सबसे अहम भूमिका निभाते हैं तथा कोरोना काल ने दिखा दिया की आक्सीजन देने का एकमात्र साधन पेड़ है और यही जीवन का आधार है। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य विजयपाल यादव, नरेश कौशिक , सुमेर सिंह, राजेश कुमार, जयपाल सिंह, सुरेंद्र सिंह, मदन पाल, योगेंद्र सिंह, संजय कुमार, मनीषा कुमारी, नितिन यादव अनीता कुमारी मनीषा कुमारी प्रवीन शास्त्री समस्त स्टाफ सदस्यों विद्यार्थियों ने भी पौधारोपण में हिस्सा लिया तथा पौधे लगाए।
फोटो कैप्शन 5: खेड़ी तलवाना स्कूल में नीम का पेड़ लगाते पूर्व प्राचार्य जयप्रकाश।
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