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Tuesday, August 3, 2021

 
मानसून मेहरबान
- 1995 की आई याद
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में मानसून मेहरबान है। अच्छी बारिश ने 1995 की याद फिर से ताजा कर दी है। महज जुलाई और अगस्त में 202 एमएम बारिश हो चुकी है। बेशक वर्तमान में कुछ किसानों की फसल तबाह हो गई हो किंतु भूमि भूमिगत जल स्तर तथा भावी फसल को बेहद लाभ होने की संभावना जताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि जून माह में कनीना क्षेत्र में अल्प बारिश हुई थी जिसके चलते किसानों ने अपनी फसल अगेती रूप में उगा दी थी जिसका परिणाम सार्थक आया। फसल बड़ी हो गई है और किसान लहलहाती फसल को देखकर प्रसन्न है किंतु जब से सावन मास शुरू हुआ है चार बार बारिश हो चुकी है। जहां 18 जुलाई को करीब 80 एमएम बारिश हुई वहीं 30 जुलाई को को 81 एमएम बारिश हुई। सावन में 25 जुलाई से शुरू हुआ और 4 बार बारिश हो चुकी है। हर बार पांच से 7 एमएम बारिश हुई है। हल्की बारिश कई बार हो चुकी है तथा मंगलवार को एक बार फिर से शाम के समय बादल जमकर बरसे और 10 एमएम बारिश हुई। इस प्रकार बारिश के चलते जहां सड़के टूट गई है, सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई है वहीं खेतों में बारिश का पानी खड़ा हुआ है। किसान प्रसन्न भी है और दुखी भी है। निसंदेह भावी फसल और भूमिगत जल को लाभ होगा। कृषि वैज्ञानिक मानते हैं कि सावन मा यूं ही बरसता रहे तो भूमिगत जल में वृद्धि हो सकती है। अभी सावन में 22 अगस्त तक चलेगा तब तक बारिश होने की संभावना जताई जा रही है।
जून माह में जहां कनीना क्षेत्र के किसान मायूस हो गए थे बारिश कम हो रही थी परंतु ज्यों ही जुलाई माह आया बारिश अच्छी होने लगी और अगस्त में आते-आते बारिश बढ़ती चली गई। किसानों के वारे न्यारे कर दिए हैं। वर्तमान में चहुं और पानी ही पानी खड़ा नजर आ रहा है। कनीना कस्बे में बेशक अल्प बारिश हो किंतु सड़कों पर पानी चलने लग जाता है, ऐसे में आवागमन बारिश के पानी से होता है।
किसान राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, अजीत कुमार कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि 1995 में जमकर बारिश हुई थी जिससे महेंद्रगढ़ जिला को छोड़कर हरियाणा के लगभग सभी जिलों में बाढ़ आ गई थी किंतु इस बार 1995 की कुछ यादें ताजा हो गई क्योंकि क्षेत्र में बारिश जमकर हो रही है। अगर यूं ही बारिश होती रही तो 1995 वाली स्थिति बन सकती है।
किसान बताते हैं कि हर वर्ष 20 से 30 फुट गहराई पर जल स्तर चला जाता है। 1995 में कुछ पुराने कुओं में बारिश का पानी चढ़ गया था तथा जल स्तर बढ़ा था तब से अब तक लगातार 30 सालों से पानी लगातार गिरता जा रहा है जिसके चलते किसान चिंतित है। ऐसे में किसान चाहते हैं कि एक बार फिर से 1995 वाली बारिश आ जाए ताकि वर्तमान में ही नहीं अपितु भावी समय के लिए किसानों की अच्छी पैदावार हो सके।
कृषि वैज्ञानिक डा देवराज, डा देवेंद्र आदि भी मानते हैं कि बारिश का पानी किसानों के लिए और फसलों के लिए बेहद लाभप्रद है। ऐसे में सभी की नजरें बारिश पर टिकी हुई है और बारिश आए दिन हो रही है।
फोटो कैप्शन 5:बारिश के बाद कनीना कस्बे की हालात।



बारिश से सड़क टूटने से बना जानलेवा गड्ढा
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कनीना। अटेली सड़क मार्ग पर भोजावास गांव के पास बारिश के कारण सड़क टूटने से एक बड़ा गड्ढा बन गया । इस स्थान पर बारिश का पानी जमा होने के कारण गड्ढा दिखाई नहीं देता और दो पहिया वाहन चालक अक्सर इस गड्ढे में गिरकर घायल हो रहे । कनीना अटेली सड़क मार्ग काफी व्यस्त सड़क मार्ग है और भोजावास गांव के पास सड़क के बीचोबीच  एक काफी बड़ा गड्ढा बन गया है जो पानी भरा होने की वजह से दिखाई नहीं देता। वैसे भी क्षेत्र में पिछले काफी दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण काफी सड़कों  में गड्ढे बन चुके हैं। इस सड़क मार्ग पर छोटे बड़े और भी बहुत से गड्ढे बन गए हैं जिन से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। इस सड़क मार्ग पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं और इस प्रकार के गड्ढे दिखाई नहीं देने के कारण वाहन चालकों को दुर्घटना का शिकार होना पड़ रहा है। सोमवार को भी गड्ढे में पानी भरा होने की वजह से एक कार चालक को दिखाई नहीं दिया और उसने गड्ढे में सीधी गाड़ी उतार दी जिससे उसका नीचे का बोनट टकराकर टूट गया। बारिश के मौसम में इस सड़क मार्ग पर सड़क की साइड भी काफी जगह से टूट चुकी है। टूटी हुई साइड भी हादसों का कारण बन सकती है। अधिक बारिश के कारण मिट्टी कटाव और पानी भरने के कारण सड़क मार्ग जगह-जगह से टूट चुका है। इस सड़क मार्ग पर प्रतिदिन यात्रा करने वाले लोगों ने सड़क मार्ग के गड्ढों को भरकर  तुरंत ठीक कराने की मांग की है।
फोटो कैप्शन 7: सड़क के बीच में बने गड्ढें।




फसल पंजीकरण तिथि बढ़ाने की मांग
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कनीना। बहुजन समाज पार्टी ने हरियाणा सरकार से मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसल पंजीकरण तिथि बढ़ाने की मांग की है।
                  बसपा नेता ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि पोर्टल की खामियों के कारण काफी किसान अपनी फसल का पंजीकरण कराने से वंचित रह गए हैं। किसान पोर्टल की खामियों के कारण अधिकारियों के चक्कर काट-काट कर परेशान हैं। उनकी दिक्कतों का समाधान न होने के कारण अनेक किसान फसल पंजीकरण नहीं करवा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यदि फसल पंजीकरण तिथि नहीं बढ़ाई तो किसानों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा और वे अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने से वंचित रह जाएंगे। उन्होंने तत्काल फसल पंजीकरण तिथि 31 अगस्त तक करने की मांग करते हुए चेतावनी दी यदि सरकार ने पंजीकरण तिथि नहीं बढ़ाई तो बसपा कार्यकर्ता आंदोलन को मजबूर होंगे।




अध्यापकों की आनलाइन तबादले शुरू, विज्ञान शिक्षकों के पद गायब
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 कनीना। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों  के आनलाइन तबादले खोल दिए है जिसके चलते शिक्षकों में हड़कंप मच गई है। हाल ही में शिक्षकों की रेशनलाइजेशन की सूची भी जारी नहीं की है जिसके चलते विज्ञान के पद आस पास रिक्त न होने से उन्हें दूरदराज जाकर शिक्षण कार्य करने की संभावना बढ़ गई है। अभी यश या नो के आप्शन मांगे हुये हैं फिर बदलियां होंगी।
 दो वर्षों पूर्व विज्ञान शिक्षकों के पद समाप्त करने का जमकर रोष पनप रहा है। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के तबादले शुरू कर दिए है और यह प्रक्रिया 3 सितंबर से पहले पहले पूरी की जाने की प्रबल संभावना है।  उधर अध्यापक नेता धर्मपाल शर्मा ने रोष जताते हुए कहा कि आज के युग में विज्ञान शिक्षण बहुत जरूरी है। सरकार को चाहिए कि विज्ञान को बढ़ावा दे किंतु विज्ञान शिक्षकों के पद राजकीय उच्च विद्यालय, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों से समाप्त कर दिए गए हैं जिसका परिणाम यह होगा कि तबादलों के बाद विज्ञान भी या तो संस्कृत या फिर अन्य शिक्षकों को पढ़ाना पड़ेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में तो मिडिल स्कूलों से भी विज्ञान शिक्षक के पद समाप्त कर दिए हैं। जहां पड़तल, ढाणा के मिडिल स्कूलों में विज्ञान का पद या तो दिया नहीं या समाप्त कर दिया है। करीरा के वरिष्ठ माध्यमिक, ककराला के उच्च विद्यालय से पद समाप्त कर दिया है वहीं भडफ़, सिहोर आदि स्कूलों में लंबे समय से विज्ञान शिक्षक पदों की मांग के बाद भी पद सृजित नहीं किया गया है।
 उन्होंने खेद जताया कि विज्ञान को बढ़ावा दिया जाना चाहिए किंतु विज्ञान के पदों को तेजी से खत्म किया जा रहा है। एक और सरकार जहां 35 विद्यार्थियों तक मिडिल स्कूल में विज्ञान का पद देने की बात कह रही है और विज्ञान शिक्षक को ही गणित भी पढ़ाना होगा वही विज्ञान के पद ही मिडिल स्कूल भी खत्म किए जा रहे है। अब शिक्षक कहां जाए उनके सामने बड़ी समस्या बन गई है। शिक्षकों का अभी शिक्षकों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।  उन्होंने सरकार से मांग की है कि पर गहनता से विचार करें और विज्ञान शिक्षकों के पद सृजित कर, उच्च एवं वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में पद जरूर सृजित करें।


सत्संग मंडल लगाएगा सवामणी, कार्यकर्ताओं को खिलाएगा खीर
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 कनीना। बाबा मोलडऩाथ सत्संग मंडल 4 अगस्त बुधवार को कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में सवामणी लगाकर गौशाला में कार्य करने वाले सभी कार्यकर्ताओं को खीर खिलाएगा। विस्तृत जानकारी देते हुए सत्संग मंडल के प्रधान होशियार सिंह ने बताया की गायों के लिए चार क्विंटल गेहूं और साथ में चोरी 7 बैग खल का प्रबंध किया है वहीं 20 लीटर दूध की खीर बनाकर सब्जी, पूड़ी सहित कार्यकर्ताओं को खिलाएगा।





निगरानी समिति के सदस्य मनोनीत करने पर जताया आभार
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कनीना। कनीना क्षेत्र से 4 सदस्य जिला महेंद्रगढ़ निगरानी समिति एवं सीएम विंडो समिति सदस्य मनोनीत किए गए हैं।
 विस्तृत जानकारी देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र भारद्वाज पोता निवासी ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ निगरानी समिति में भोजावास से थान सिंह, कनीना के वार्ड नंबर 8 से मनोज कुमार, एडवोकेट विनय कुमार कनीना तथा सत्यवीर सिंह यादव नौताना से निगरानी समिति के सदस्य मनोनीत गया है। उन्होंने निगरानी समिति का सदस्य मनोनीत किए जाने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और अटेली के विधायक सीताराम यादव का आभार जताया है। फोटो कैप्शन: कनीना निवासी एडवोकेट विनय यादव।



वो काटा वो मारा का शोर पडऩे लगा है सुनाई
-अच्छी बारिश के बाद किसानों में खुशी
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 कनीना। हरियाली तीज के दृष्टिगत पतंगों की बहार आ गई है। करीब 200 एमएम बारिश के बाद किसान प्रसन्न हैं। सुबह से शाम अब वो मारा, वो काटा की आवाज सुनाई पड़ती है। युवा वर्ग इस मामले में अधिक सक्रिय है। सर्वाधिक पतंगबाजी हरियाली तीज पर होती है। आगामी 11 अगस्त को हरियाली तीज का पर्व मनाया जा रहा है। बाजार में घेवर की मिठाई एवं पतंग पर्याप्त मात्रा में मिल रहे हैं।
  शहरी क्षेत्र में पतंगबाजी में तेजी आ गई है। बाजारों में दुकानों पर पतंग एवं डोर ही नजर आती है। युवा हो या बच्चा अपनी छतों पर सुबह शाम पतंगबाजी करता है। जिस दिन स्कूलों की छुट्टी होती है उस दिन तो बच्चे अपने घरों की छतों से नीचे ही नहीं आते हैं।  सावन में आने वाली हरियाली तीज पर सर्वाधिक पतंगबाजी की जाती है तत्पश्चात पतंगबाजी में कमी आ जाती है।
   पतंगबाजी में युवा एवं बच्चों की अधिक भागीदारी होती है। एक दुकानदार योगेश कुमार ने बताया कि इस बार पतंगबाजी के लिए युवा वर्ग में इतना उत्साह नहीं है जितना होना चाहिए।   
  वैसे तो पतंगबाजी का पर्व खुशी को इंगित करता है। सावन माह में अच्छी खासी बारिश हो जाती है जिसके बाद खेतों में फसल लहलहाने लग जाती है। सावन माह 25 जुलाई से शुरू हो चुका है।
 अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में दो प्रकार की पतंग हवा में उड़ाई जाती है। एक पतंग के पूंछ होती है जिसे ' 'लंगरीÓ कहा जाता है तो दूसरी बगैर पूंछ की होती है जिसे 'लंड्डूÓ कहा जाता है। बगैर पूंछ की पतंग को पतंगबाजी के एक्सपर्ट जन ही लुत्फ उठा सकते हैं किंतु पूंछ वाली पतंग को छोटे बच्चे तक हवा में उड़ाकर लुत्फ लेते हैं। इन पतंगों के पेच लड़ाए जाते हैं। जिस किसी की डोर कमजोर होती है उसके पतंग की डोर कट जाती है और पतंग दूर जा गिरता है। जहां एक तरफ पतंग उड़ाने में मजा लेने वाले जन होते हैं तो वहीं कटी हुई पतंग को दूर से पकड़कर लाने वाले भी कम नहीं होते हैं। कंटीली झाड़ी को डंडे पर बांधकर कुछ लोग कटी पतंग को हवा में लूटने में काम में लेते हैं।
   हरियाली तीज के दिन तो दिनभर डेक पर संगीत चलता है और छतों पर कई कई बच्चे इक_े होकर पतंगबाजी करते देखे जा सकते हैं। एक तरफ डेक का शोर सुनाई पड़ता है तो दूसरी ओर वो काटा वो मारा का शोर सुनाई पड़ता है। जिस किसी की पतंग की डोर कट जाती है वो शांत हो जाता है और जो किसी की डोर को काट देता है वो जीत की खुशी में वो काटा, वो मारा का शोर करता है।



 11 अगस्त को होगी जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा
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 कनीना। जिला महेंद्रगढ़ के एकमात्र जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में कक्षा छठी में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली 11 अगस्त को प्रवेश परीक्षा में 12 विभिन्न केंद्रों पर 2314 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। इस परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र ऑनलाइन डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडाटनवोदयडाटगोवडाटइन या डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडाटजेएनवीमहेंद्रगढ़ की वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकते हैं।
यदि प्रवेश पत्र डाउनलोड करने में दिक्कत आ रही हो तो जवाहर नवोदय विद्यालय कार्यालय में से मिला जा सकता है। प्राचार्य सुरेश कुमार ने बताया कि इस परीक्षा के लिए जिला महेंद्रगढ़ जिला में 12 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं जिनमें अटेली में दो, कनीना में तीन, महेंद्रगढ़ में दो, नारनौल में दो तथा नांगल चौधरी में 3 परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया अटेली मंडी राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय 180, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ब्वायज में 192 राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी में 240, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ब्वायज में 240, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 146 विद्यार्थी प्रवेश परीक्षा देंगे। वही राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय महेंद्रगढ़ में 144 राजकीय माडल संस्कृति स्कूल महेंद्रगढ़ में 198 राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नारनौल में 180 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नारनौल में 177 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। इसी कड़ी में नांगल चौधरी के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 204 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ब्वायज 180 तथा सरस्वती सीनियर सेकेंडरी स्कूल नांगल चौधरी में 233 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे।





बारिश ने कर दिया सभी मार्गों को छतिग्रस्त
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कनीना। कनीना क्षेत्र में करीब 200 एमएम बारिश अब तक हो चुकी है जिसके चलते विभिन्न अप्रोच एवं प्रमुख मार्गों की हालात जर्जर हो गई है। कनीना बस स्टैंड के समक्ष से गुजरने वाले रेवाड़ी-महेंद्रगढ़ मार्ग की हालात दोनों तरफ 2 किलोमीटर पर बहुत जर्जर हो गई है। कोसली टी-प्वाइंट के पास सड़क जगह-जगह से कट गई है वहीं अटेली टी-प्वाइंट के पास भी यही हालात है। रेवाड़ी, अटेली, नारनौल, महेंद्रगढ़ आदि प्रमुख मार्गों की हालात खराब हो चुकी है। कनीना कस्बे के विभिन्न मार्गों में सीवर लाइन में कनेक्शन लेने वाले तथा नेल कनेक्षन इलेने वाले लोगों ने भारी क्षति पहुंचाई है। पूर्व सीपीएस अनीता यादव की कोठी के सामने से गुजरने वाला मार्ग तो अति जर्जर हो गया है।
कनीना से विभिन्न अप्रोच मार्ग चलने योग्य नहीं रहे हैं। हर वर्ष जब जब बारिश होती है तब तक सड़क मार्गों की हालात ऐसी ही बन जाती है। राहगीरों को परेशानी होती है तथा उन्होंने मांग की है कि सभी प्रमुख एवं संपर्क मार्गो की सुध ली जाए।
फोटो कैप्शन 09:कनीना में पूर्व सीपीएस अनीता यादव की कोठी के समक्ष मार्ग की जर्जर हालात।
 

समस्या-
 सड़क मार्ग पर गहरे गड्ढे होने की वजह से आमजन परेशान
-सड़क मार्ग में भारी गड्ढे होने की वजह से रेवाड़ी
टी-प्वाइंट से अटेली टी-प्वाइंट तक लगता है जाम
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 कनीना। कस्बे में सोमवार को पुन: बारिश से कई स्थानों पर पानी भर गया है। जलभराव के कारण शहर में कई जगह जाम लगने लगा है। विगत एक माह से यह समस्या विकराल बन गई है। रेवाड़ी मोड़ से लेकर अटेली टी -वाइंट तक सड़क मार्ग मैं गहरे गड्ढे हो रखे हैं जिसमें बरसात का पानी घुसने से यह पता नहीं चलता कहां गड्ढा है वह कहां पर सही है इस वजह से दो पहिया वाहन चालकों को बहुत भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ सड़क पर ओवरलोड वाहनों की लाइन लगी रहती है। राहगीर राजेंद्र,सुरेंद्र, महेश, मोहन पार्षद, रवि कुमार सहित अन्य लोगों ने बताया कि इस रास्ते को बनाने में घटिया सामग्री का ठेकेदार ने प्रयोग किया था जिसकी वजह से यह मार्ग जल्दी टूट गया। रेवाड़ी दिल्ली जाने के लिए यह एकमात्र यही रास्ता है यहां से हजारों की संख्या में लोग आवागमन करते हैं लेकिन प्रशासन का इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं है। आसपास के दुकानदारों ने बताया कि इस मार्ग में बहुत अधिक गहरे गड्ढे हो रखे हैं। बारिश होने की वजह से इन गड्ढों में पानी भर जाता है विशेषकर दोपहिया वाहन चालकों को यह पता नहीं रहता कहां पर गड्ढा है वह कहां पर रास्ता सही है जिसकी वजह से आए दिन कोई ना कोई सड़क दुर्घटना होती रहती है।
 फोटो कैप्शन 10 : पेट्रोल पंप कनीना के सामने भारी वाहनों से जाम की स्थिति।


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