8 मुर्रा भैंसों की डेयरी से सरस्वती है प्रसन्न
- प्रति माह कमा लेती है 50 हजार रुपये
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कनीना। कनीना के रेलवे स्टेशन के पास 8 मुर्रा नस्ल की दूध देने वाली भैंस तथा सात कटड़े एवं कटडिय़ों की डेयरी खोलकर सरस्वती अति प्रसन्न है। विगत 10 वर्षों से डेयरी का काम कर रही है और उनके यहां प्रतिदिन 115 लीटर दूध उत्पादन होता है जिसे कनीना मंडी तथा आसपास के गांव के लोग खुद लेकर जाते हैं। मेहनत का काम अधिक होने के कारण सुबह चार बजे उठती है और रात आठ बजे तक काम करती रहती है। सरस्वती के परिवार में जहां जितेंद्र तथा अन्य परिवार के सदस्य उसका कार्य में हाथ बटा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 15लाख रुपये की लागत से टीन शेड बनाकर केवल मुर्रा नस्ल की भैंस पालते हैं तथा सरकार से कोई अनुदान नहीं लिया है। 18 से 20 लीटर दूध वाली मुर्रा नस्ल पालकर वो प्रसन्न है। उनका कहना है कि इस वर्ष चारा महंगा होने के कारण भी दूध सस्ता चल रहा है। जहां चारा 1400 रुपये क्विंटल वहीं मक्का 2200 रुपये क्विंटल चल रही है। चारे की समस्या इस वर्ष आने की संभावना बढ़ रही है क्योंकि सरसों अधिक भूभाग पर उगाई गई है। उन्होंने कहा कि डेयरी का काम बहुत बेहतर है किंतु मुर्रा नस्ल की भैंस जो 20 लीटर से कम दूध देती हो नहीं पाली चाहिए तथा उनकी नस्ल सुधारने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने बताया कि वे अपने इस कार्य से बहुत खुश हैं। उनके परिवार में जहां जितेंद्र पहले मारुति चालन का कार्य करते थे जो अक्सर दिन रात घर से बाहर रहते थे किंतु अब उन्होंने कार्य छोड़ दिया है और अपने पत्नी के साथ मिलकर इस कार्य में जुट गये है। उनका कहना है कि इस कार्य में किसी प्रकार की कोई छुट्टी नहीं होती किंतु बेरोजगारी की दुहाई देने वाले लोगों के लिए वे एक उदाहरण हैं। उन्होंने बताया कि डेयरी के कोई नुकसान नहीं हुआ है। अधिक दूध देने वाली भैंस पालनी चाहिए। वे उनका पालन पोषण कार्य अच्छी नस्ल की भैंस तैयार कर रहे हैं। उन्हें आशा है कि भविष्य में यह से अधिक दूध उत्पादन करेंगी और अच्छी आय होगी।
फोटो कैप्शन 1: सरस्वती महिला
दो तथा तीन: अपनी डेयरी की भैंसों के साथ सरस्वती देवी।
अब कोरोना पॉजिटिव की कुल संख्या 24685
-आज 17 मरीज ठीक होने के बाद डिस्चार्ज, 16 नये केस आये
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कनीना। सिविल सर्जन डा.अशोक कुमार ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में आज 16 नए कोरोना वायरस संक्रमित केस आए हैं। अब जिला में कोरोना पॉजिटिव की कुल संख्या 24685 हो गई है। उन्होंने बताया कि आज 17 कोरोना संक्रमित मरीज को डिस्चार्ज किया गया है। अभी तक जिले में कुल 24472 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं। अब तक जिला में 163 कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। कोरोना के 50 केस अभी भी एक्टिव हैं। जिले में 1 मार्च तक 247562 नागरिकों की स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से 114331 मरीजों में सामान्य बीमारी पाई गई है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के लिए अब तक जिले से 532101 सैंपल भेजे गए हैं। इनमें से 1287 सैंपल की रिपोर्ट आनी शेष है।
कोरोना संक्रमितों की सूची:
1. कनीना- 2
2. उंहाणी-2
3. गाहड़ा-1
4. झिंगावन-1
5. मोहनपुर-2
6. रामबास-1
7. आकोदा-1
8. बसई-3
9. ताजपुर-1
10. भांखरी-1
11. कपूरी-1
101 वर्षों से जगमगा रही है हवेली
- कस्बा कनीना में पुराने वक्त से हवेेली के नाम कहलाता है हवेलीवाला परिवार
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कनीना। यूं तो पुरानी हवेली होने की वजह से लोग उनको जल्द ही तोड़कर नव निर्माण कर देते हैं लेकिन कनीना में 1921 में 101 साल पहले निर्मित हवेली आज भी उदाहरण बनी हुई है। सैकड़ों जनों के परिवार वाली हवेली कभी पांच भाइयों के नाम पर बनी थी। 1921 से पहले भी कनीना बड़ी बड़ी हवेली होती थी जिनमें कनीना के मुख्य बाजार में, कनीना मंडी तथा कनीना के मुख्य कस्बे में सेढ़ाराम बणियों की बड़ी होती थी। वैश्य समाज संपन्न कहलाता रहा है। वहीं उनकी आज भी अनेक हवेली जर्जर हालात में पड़ी हुई है। सेढ़ाराम बणिये की हवेली कनीना की सबसे ऊंची तथा सबसे पुरानी होती थी जो आज जर्जर हालात में है।
हवेलीवाला परिवार की हवेली जीसुख के पांच पुत्रों डीगरामत,श्योलाल, हवलदार खूबी राम, निहाल सिंह सूबेदार एवं भूरू ने बनवाई थी। उस वक्त सिर्फ एक मंजिल ही होती थी किंतु वर्तमान में 2 मंजिल की हवेली निर्मित है और कुछ लोग रह रहे है जबकि किसी प्रकार की तोडफ़ोड़ नहीं की गई है। इस हवेली में तीन चौक होते थे वहीं पांच परिवार रहते थे किंतु वर्तमान में करीब 100 सदस्य इस हवेली से संबंध रखते हैं। देश सेवा, शिक्षक समाज, वकील आदि सभी सेवाओं में हवेली के लोगों का अहम योगदान रहा है। किसी जमाने में प्रसिद्ध वैज्ञानिक कमल इसी हवेली से संबंध रखते थे किंतु वर्तमान में भी वैज्ञानिक डाक्टर युवराज तथा सीखा यादव आदि देश सेवा में कार्यरत है। हवेली से संबंध रखने वाले देवेंद्र बलिया ने बताया कि इसी हवेली से जहां वर्तमान में 5 वकील, एक नंबरदार, 7 शिक्षक,दो वैज्ञानिक जीवित है वहीं तीन कर्नल, एक मेजर, चार कैप्टन, 2 वैज्ञानिक देश सेवा कर रहे हैं।
कभी मेजर होशियार सिंह का नाम प्रसिद्ध होता था किंतु आज वह इस दुनिया में नहीं है। वर्तमान में 2400 गज में बनी हुई है और किसी भी क्षेत्र में जाकर हवेलीवाला नाम कहा जाए तो तुरंत इस घर का पता बता दिया जाता है। ग्रामीण बताते हैं कि सैकड़ों वर्षों से इनका नाम हवेली वाला ही पड़ा हुआ है। देवेंद्र कुमार बताते हैं कि उनके पूर्वज पांच हुये हैं इसलिए पांच भाइयों वाली हवेली नाम से भी जाना जाता था। तत्पश्चात इस परिवार को हवेली वाला नाम से जाना जाता है। वर्तमान में सैकड़ों वर्ष पुराने यंत्र हाथ की चक्की, दीवार पर नक्काशी, लालटेन तथा पुराने समय का दीवार के अंदर से बनी चिमनी पुरानी याद दिलाते हैं। इसकी नींव करीब 6 फुट चौड़ी दीवार की बनी है वहीं ऊंपर जाकर दो फुट चौड़ी, छोटी ईंटों एवं चूने से निर्मित है। कभी यहां 13 कमरे होते थे किंतु अब दूसरी मंजिल बनाकर इसमें 80 कमरे बने हुए हैं। हवेली को न केवल बढ़ाया है अपितु आज भी दूर-दराज तक नाम है। बड़े बड़े अधिकारी भी यहां हुए है यही कारण है आज भी लोग उन्हें याद करते हैं। 1921 में निर्मित हवेली का आज भी पत्थर लगा हुआ है।
कुल मिलाकर एक हवेली जिसमें कभी पांच भाई एक साथ रहते थे वही 25 कर्मचारी एवं अधिकारी यहां पैदा हुये हैं। कनीनावासी बताते हैं कि कनीना में सेढ़ाराम, भागमल, बुद्धराम की हवेली यहां प्रसिद्ध रही हैं।
फोटो कैप्शन 6: दीवार की चौड़ाई दिखाते हवेली वाला
फोटो 7: नक्काशी की हुई चौखट
फोटो 4, 5 तथा 8 वर्तमान में हवेली का स्वरूप जो 1921 से चली आ रही है।
गांव के सरपंच ने नीतू यादव का किया सम्मान
-चार लाख रुपये के करीब के पुरस्कार पशु प्रदर्शनी से लेकर लौटी है नीतू यादव
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कनीना। कनीना उप-मंडल के गांव गुढ़ा निवासी नीतू यादव करीब चार लाख रुपये के पुरस्कार पशु प्रदर्शनी में लेकर लौटी है जिसके चलते गांव के सरपंच धर्मपाल ने गांव के धार्मिक स्थल छज्जू पीर पर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर न केवल नीतू यादव अपितु उनकी साससंतरा देवी तथा उनके ससुर राव भगवान सिंह पूर्व मुख्याध्यापक का भी सम्मान किया।
उन्होंने कहा कि यह फक्र की बात है कि उनके गांव की एक महिला भिवानी में आयोजित पशु प्रदर्शनी में चार लाख के करीब राशि के इनाम लेकर लौटी है। इससे पहले भी कई बार नीतू यादव विभिन्न सम्मान, राष्ट्रपति अवार्ड आदि लेकर लौट चुकी है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की महिलाएं अगर गांव में हो तो निसंदेह गांव का भविष्य उज्ज्वल बन सकता है। सरपंच धर्मपाल ने उन्हें स्मृति चिन्ह, शाल एवं फूल मालाओं से फोटो कैप्शन 25: नीतू यादव का सम्मान करते गांव गुढ़ा के सरपंच धर्मपाल यादव।
चेलावास में शिव मंदिर बनवाने के लिए कराया भूमि पूजन
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कनीना। भगवान् शिव की महिमा कल्याणकारी है जिसे हमेशा याद करना चाहिए क्योंकि यह मानव जीवन भगवान शिव का ही दिया हुआ है। ये विचार खनन अधिकारी राजेश सहरावत ने आज उनके पैतृक गांव के दादा ठाकुर के मंदिर में शिव मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन के उपरांत व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि चेलावास में दादा ठाकुर का बहुत पुराना मंदिर है जिस के प्रांगण में गांव के ही वरिष्ठ समाजसेवी एवं धर्म परायण व्यक्ति चिरंजीव लाल द्वारा महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान शिव के मंदिर के निर्माण हेतु भूमि पूजन कार्य कराया जा रहा है। जिसमें समस्त गांव की सहमति और प्रेम साफ नजर आ रहा था। उन्होंने बताया की धर्मपाल व उनकी धर्मपत्नी दोनों ही दादा ठाकुर के अच्छे पुजारी हैं। वही दोनों पति पत्नी भगवान शिव में बड़ी आस्था रखते हैं जिसको लेकर उन्होंने दादा ठाकुर के मंदिर प्रांगण में भगवान शिव का मंदिर बनाने के लिए भूमि पूजन का कार्य करा यह साबित कर दिया कि धर्मपाल व उनकी धर्मपत्नी दोनों ही समाज सेवा में सबसे अग्रणी माने जाते हैं जो गांव में होने वाले समाज के सभी कार्यों में बढ़-चढ़कर के हिस्सा लेते हैं। भगवान में पूरी श्रद्धा व आस्था रखने के कारण आज उन्होंने इस भाव मंदिर निर्माण हेतु भूमि पूजन कराया और जल्द ही उक्त मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। इस पर गांव के समस्त लोगों ने सहमति जताते हुए धर्मपाल के साथ शिव मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कराया जिसमें गांव के सभी आदमी एकत्रित हुए वही सैकड़ों ग्रामीणों ने धर्मपाल सिंह द्वारा भगवान शिव का मंदिर बनवाने के लिए उनकी भूरी भूरी प्रशंसा की है।
फोटो कैप्शन 08: चेलावास के दादा ठाकुर मंदिर के प्रांगण में भगवान शिव मंदिर के लिए भूमि पूजन करते हुए।
पोते के जन्मदिन पर विकलांग गौशाला में दिए 1.50 लाख रुपये
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कनीना। गाहड़ा निवासी इंस्पेक्टर जगदीश ने अपने पोते के जन्मदिन पर विकलांग गौशाला बूचावास को 1.50 लाख रुपये भेंट किए। इस मौके पर सुशील यादव ने बताया कि घर में किसी का भी जन्मदिन हो पूरा परिवार गौशाला में गायों की सेवा करके मनाता है। पुत्र के जन्मदिन पर हवन यज्ञ का आयोजन करने के उपरांत बूचावास स्थित विकलांग गौशाला में डेढ़ लाख रुपये की राशि महंत वि_ल गिरी महाराज को भेंट की। महंत वि_ल गिरी महाराज ने कहा कि शुभ कार्यों पर गौ माता पूजन करने के साथ-साथ सेवा भी करें।
मालड़ा की लड़की यूक्रेन से सकुशल घर पहुंची
-माता पिता के खुशी से आंसू बह निकले
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कनीना। कनीना थाने के तहत आने वाले मालड़ाबास गांव की रितिका सकुशल यूक्रेन फिर लौट आई है। अपनी बच्ची से मिलकर परिवार वालों की खुशी से आंसू बह निकले। करीब एक पखवाड़े से परिवार परेशान चल रहा था अपनी बेटी के सकुशल आने का इंतजार कर रहा था। कभी भगवान से दुआएं मांगी तो कभी रातभर नींद नहीं आई।
बोकोविनियन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी चेरणावित्सी से एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए 5 दिसंबर को भारत से रितिका रवाना हुई थी किंतु ने उन्हें क्या मालूम था कि इस प्रकार के युद्ध के हालात बन जाएंगे कि घर वापस लौटना हीी पड़ेगा। परंतु अब सकुशल लौटने पर उन्होंने भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है। बिना किसी खर्चे के भारत लौट आई तथा उन्हें कुछ तकलीफ हुई उनके बारे में विस्तार से जानकारी दी।
रितिका के पिता राजबीर सिंह एवं रितिका की मां रेखा देवी ने बताया कि विश्वविद्यालय से रोमानिया बॉर्डर तक पहुंचने के लिए 50 किलोमीटर दूरी बस से तय की जिसमें थोड़ा डर लगा चूंकि रोमानिया बॉर्डर पर एंट्री देरी से हुई इसलिए यहां तकलीफ हुई। तत्पश्चात रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट पहुंचने के लिए 10 घंटे का समय लगा और करीब 500 किलोमीटर दूरी बस द्वारा तय करने के बुखारेस्ट एयरपोर्ट पहुंची। वहां से मुंबई पहुंची। मुंबई में सरकार द्वारा बेहतर प्रबंध किए थे, होटल में रहने तथा खाने का बेहतर प्रबंध था तथा मौके पर ही सारी जानकारी उपलब्ध करवाई गई। तत्पश्चात मुंबई एयरपोर्ट से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची और उनके माता-पिता से मिलकर बेहद प्रसन्न हुई है। इस मौके पर माता पिता के खुशी से आंसू झलक आये। अंतत: मालड़ाबास पहुंच गई। उन्होंने सरकार का आभार जताया कि इस बुरी हालत में उनको सकुशल भारत सरकार ले आई।
फोटो कैप्शन 09: खुशी से रितिका की मां बच्ची से लिपटी हुई।
महाशिवरात्रि के पर्व पर रही धूम
-मेले, भंडारे लगे तथा जल किया अर्पित
-सबसे अधिक भीड़ रही बाघेश्वर धाम पर
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कनीना। कनीना एवं आस पास क्षेत्रों में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। शिवालयों में दिनभर पूजा अर्चना का सिलसिला चलता रहा। सबसे अधिक भीड़ प्राचीन शिवालय बाघोत स्थित बाघेश्वर धाम पर रही। कनीना शिवालय पर भी भीड़ रही वहीं कई जगह भंडारे आयोजित किए गए।
महाशिवरात्रि के पर्व पर मंदिरों में भारी भीड़ रही। कनीना के 21 फुट ऊंचे शिव प्रतिमा वाले शिवालय पर दिनभर तांता लगा और भक्तजन गाजर, बेर, फूल एवं फलों से अर्चना करते देखे गए। महिलाओं की संख्या बहुत अधिक थी। उन्होंने आज व्रत किया और शिवलिंग का जलाभिषेक किया। पुराने शिवभक्त भरपूर सिंह, उनकी पत्नी शकुंतला देवी तथा बच्चे सुबह से शिवालय में पूजा अर्चना करते देखे गए।
उधर देशभर में विख्यात कनीना उपमंडल के गांव बाघोत स्थित बाघेश्वर धाम पर अपार जनसमूह उमड़ पड़ा। मेला लगा और खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। मेला आयोजित हुआ जिसमें भारी भीड़ जुटी। भक्तों ने स्वयंभू शिवलिंग का अभिषेक किया।
बाघोत स्थित स्वयंभू शिलिंग के दर्शन हजारों वर्ष पूर्व राजा कल्याण सिंह रैबारी ने यहां स्थित जंगल में सर्वप्रथम किए थे तत्पश्चात यहां अपार जनसमूह प्रतिवर्ष उमड़ता है। बाघेश्वर धाम नि:संतानों के लिए आस्था का केंद्र बन चुका है। राजा दलीप ने यहीं पर तप एवं व्रत करके संतान प्राप्त की थी। यहीं कारण है कि इस मेले में एक प्राचीन पीपल के पेड़ पर अपनी आस्था एवं मन्नत के परिणित संतान प्राप्ति हेतु कच्चा धागा बांधते हैं और जब उनकी मन्नत पूर्ण होती है तो उस कच्चे धागे को अपने कमलों से हटाने का रिवाज चला आ रहा है। कई कारणों एवं आस्थाओं के चलते बाघेश्वर धाम पर भारी भीड़ रहती है। वैसे भी प्रत्येक सोमवार को यहां भक्तों का तांता लगता है। वहीं इस वर्ष सोमवार के बाद मंगलवार को महाशिवरात्रि पर भीड़ रही। बाघेश्वर धाम पर कनीना के लेखक डा होशियार सिंह ने कुछ वर्ष पूर्व पुस्तक भी प्रकाशित करवाई है।
विभिन्न गांवों में शिवालयों में भारी भीड़ रही। विभिन्न गांवों में भंडारा आयोजित किया गया जहां नि:संतान दंपत्ति।
फोटो कैप्शन 04 से 06 तक बाघोत के प्राचीन मंदिर में जल अर्पित करते भक्तजन
07: कनीना के 21 फुट ऊंची प्रतिमा वाले शिवालय में जल अर्पित करती महिलाएं।
महाशिवरात्रि पर बेर एवं गाजर की रही मांग
-दोगुने भाव पर बिके फल एवं सब्जियां
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कनीना। मंगलवार को महाशिवरात्रि पर बेर, गाजर एवं फलों की मांग रही। गाजर जो 10 रुपये किलो मिलती थी जो 30 रुपये रुपये किलो तक बिकी। बेरों की मांग कम होती थी उसमें आज इजाफा हो गया। झाड़ी के बेर 50 रुपये तो बागों वाले बेर 90 रुपये किलो बिके। केले भी 70 रुपये दर्जन बिके। पपीता 30 रुपये किलो बिकता था वह 50 रुपये किलो बिका। मजबूरी में ये फल एवं सब्जियां खरीदनी पड़ी।
गाजर के अच्छे भाव मिलने से किसानों ने खेतों से गाजर को उखाड़ा और उन्हें बाजार में बेचकर आय कमाई। उधर करीरा के महाबीर सिंह ने बेहतर बेर की पैदावार की है। उनके बेर की अच्छी मांग रही। ये वस्तुएं शिव भोले को अर्पित की जाती हैं। दूध, बेलपत्र, धतूरा, भाग के पौधों की भी मांग रही।
14 मार्च को लगेगा कनीना का संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ मेला
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कनीना। कनीना के प्रख्यात संत शिरोमणि मोलडऩाथ की याद में 14 मार्च को मेला लगेगा। फागुन सुदी एकादशी को यह मेला लगता है। विस्तृत जानकारी देते हुए सुमेर सिंह चेयरमैन एवं महेश बोहरा कनीना ने बताया कि 13 मार्च रात्रि को जागरण आयोजित होगा जिसमें प्रीति चौधरी, गीता चौधरी, दीपा चौधरी, जयप्रकाश, गोविंद कुमार आदि भजन उपदेश देंगे। जहां 14 मार्च को सुबह से ही ऊंट ,घोडिय़ों आदि की दौड़ होगी वहीं अनेक कार्यक्रम चलेंगे मंदिर। 15 मार्च को विधिवत रूप से मेले का समापन किया जाएगा।
14 मार्च को कोर्ट में घोड़ों की दौड़ आयोजित होगी। उन्होंने बताया कि ऊंटों की दौड़ में प्रथम 51 हजार,द्वितीय को 41 हजार तथा तृतीय को 25000 रुपये इनाम बतौर दिए जाएंगे। देसी घोडिय़ों की दौड़ मेंप्रथम 51 हजार,द्वितीय को 41 हजार तथा तृतीय को 25000 रुपये इनाम बतौर दिए जाएंगे। बड़ी कुश्ती का 31 हजार रुपये की होगी वही रस्साकशी में 71 सो रुपए प्रथम तथा 5100 रुपये द्वितीय इनाम दिया जाएगा। लोंग कबड्डी 31000 रुपये प्रथम तथा 21000 द्वितीय को, घोडिय़ों की चाल में में 21 हजार प्रथम, 15000 द्वितीय तथा 7100 रुपये तृतीय को दिये जाएंगे। ऊंट एवं घोडिय़ों की ग्रुप दौड़ में प्रथम आने वाले 5100 रुपये इनाम दिया जाएगा। इसी प्रकार रस्साकशी में प्रथम इनाम 7100 तथा द्वितीय 5100 रुपये का होगा। उन्होंने बताया कि यह मेला पूर्णतया धार्मिक मेला है तथा इसमें शक्कर का प्रसाद ही चढ़ाया जाता है।
फोटो कैप्शन 08: संत शिरोमणि मोलडऩाथ आश्रम का नजारा।
मंत्रियों ने ओलावृष्टि से हुये फसल नुकसान का लिया जायजा
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कनीना। कनीना व आसपास के क्षेत्र में विगत दिनों हुई ओलावृष्टि का जायजा लेने केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओम प्रकाश यादव ने कनीना क्षेत्र में पहुंचे और किसानों से बात की।
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने किसानों के खेतों में जाकर किसानों से बात की व उनकी फसलों का बारीकी से जायजा लिया।
उल्लेखनीय है कि तीन दिन पूर्व कनीना व आसपास के क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि से किसानों की फसलों के हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह तथा सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री ओम प्रकाश यादव ने किसानों की फसलों का जायजा लिया। इस मौके पर उन्होंने किसानों से बातचीत की। जायजा लेने के बाद केंद्रीय मंत्री ने किसानों को प्रदेश सरकार से गिरदावरी करवाने उपरांत अधिक से अधिक आर्थिक मदद दिलवाने का भरोसा दिलाया। इस मौके पर लोगों द्वारा कई समस्याएं रखी गई। राव इंद्रजीत सिंह ने लोगों की समस्याओं को सुनते हुए उन्हें जल्द ही पूरा करवाने का आश्वासन दिया। वे गाहड़ा, सिहोर, छीथरोली सहित कई गांवों में किसानों के खेतों में जाकर किसानों से मिल।
केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि वह गिरदावरी करवाने के बाद किसानों को उचित मुआवजा दिलवाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने इससे पूर्व भी किसानों की फसलों के हुए नुकसान का 20 से 30 हजार मुआवजा दिया था। इससे पूर्व किसी भी सरकार ने इतना मुआवजा कभी नहीं दिया । वही यूक्रेन में फंसे छात्रों के बारे में उनसे बात की गई तो उनका कहना था की चार मंत्रियों की एक टीम बनाई गई है जो वहां से छात्रों को लाने का काम करेगी। हमारी सरकार यूके्रेन में फंसे सभी छात्रों को सकुशल लेकर आने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस इस मौके पर एसडीएम सुरेंद्र सिंह और तहसीलदार नवनीत कौर सहित पटवारी अनूप सिंह और उमेद सिंह मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन एक व दो: राव इंद्रजीत सिंह तथा ओमप्रकाश यादव मंत्री किसानों के खेतों में जाकर फसल नुकसान का जायजा लेते हुए।
23 वर्षों की सेवा पूरी कर सेवानिवृत्त हुये गोपीचंद प्राध्यापक
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कनीना। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भोजावास के प्रांगण में गोपीचंद प्रवक्ता अंग्रेजी के 58 वर्ष पूर्ण होने पर सेवानिवृत्ति समारोह का आयोजन किया गया।
इस मौके पर विजय पाल प्रवक्ता अंग्रेजी ने बताया कि गोपीचंद अंग्रेजी विषय के ज्ञाता थे और उन्होंने अपनी सेवा के दौरान विद्यार्थियों को बड़ी इमानदारी और कर्मठता के साथ पढ़ाया है कुल 23 वर्ष की सरकारी सेवा के उपरांत सेवानिवृत्त हो गये हैं। गोपीचंद को विद्यालय के प्राचार्य यादवेंद्र सिंह वह रामेश्वर दयाल रिटायर्ड लिपिक ने पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया। साथ ही सभी प्रवक्ता गण व बाहर से आए गांव समाज के गणमान्य लोगों ने फूल मालाओं से गोपीचंद का सम्मान किया और सभी ने भूरी भूरी प्रशंसा भी की।
विजय पाल प्रवक्ता अंग्रेजी ने गोपीचंद के अब तक के अध्यापन सफर व जीवन शैली के बारे में बताया। गोपीचंद का जीवन सादगी से परिपूर्ण रहा एवं समाज की भलाई में बीता। परंपरा के अनुसार इस विदाई समारोह के अवसर पर गोपीचंद जी को विद्यालय परिवार की ओर सम्मान स्वरूप कुछ भेंट प्रदान की गई जिसमें एक ट्रॉली बैग, एक सफारी सूट, छाता व गीता भेंट की गई। इस अवसर पर रिटायर हो रहे श्री गोपीचंद जी ने विद्यालय को आश्वस्त किया की जब तक सेशन खत्म नहीं हो जाता अर्थात जब तक बच्चों की वार्षिक परीक्षा पूर्ण नहीं हो जाती तब तक वह नियमित तौर पर विद्यालय आते रहेंगे और बच्चों को पढ़ाते रहेंगे। रोशनलाल प्रवक्ता इतिहास ने गोपीचंद के अध्यापन एवं कर्तव्यनिष्ठता की प्रशंसा करते हुए कहा की गोपीचंद सदैव विद्यालय में समय से पूर्व पहुंचते एवं छुट्टी के बाद भी अक्सर बोर्ड कक्षाओं को पढ़ाते थे।
फोटो कैप्शन 3: गोपीचंद अंग्रेजी प्रवक्ता को सेवानिवृत्ति पर विदाई देते स्टाफ सदस्य।
देसी शराब के 41 पव्वे बरामद
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कनीना। कनीना पुलिस ने मुखबिर के आधार पर भोजावास गांव में छापामार 41 पव्वे देशी शराब के बरामद किये है। शराब बेचने वाला अनिल पुलिस को आता देख अपने थैले को छोड़कर भाग खड़ा हुआ। पुलिस ने जब जांच की तो उसमें 41 व देशी बरामद की है। कनीना पुलिस ने आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
केंद्रीय मंत्री राव इं
द्रजीत सिंह ने लिया ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों का जायजा
अधिकारियों को दिए गिरदावरी करवाने के निर्देश
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कनीना। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मंगलवार को कनीना के आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ओलावृष्टि से प्रभावित हुई फसलों का जायजा लिया तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान उनके साथ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव भी मौजूद थे।
केंद्रीय मंत्री ने गांव गाहडा, सिहोर, छितरौली व बाघौत गांव का दौरा किया। उन्होंने इन गांव में खेतों के बीच में जाकर नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे फसल को हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए गिरदावरी करवाकर जल्द से जल्द सरकार को रिपोर्ट भेजें।
इस मौके पर उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा अवश्य कराएं। इस योजना के तहत बहुत ही मामूली प्रीमियम पर फसल का जोखिम कवर किया जाता है। केंद्र सरकार ने पूरे देश में किसानों के हित में यह योजना चलाई है ऐसे में किसान अपनी फसल को हर साल बीमित करवाएं।
श्री राव ने कहा कि सरकार किसानों के हित में कार्य कर रही हैं। अब पहले के मुकाबले फसलों के दाम भी वाजिब मिल रहे हैं। दक्षिणी हरियाणा में पहले के मुकाबले फसल की सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
इस मौके पर उन्होंने एसडीएम कनीना सुरेंद्र कुमार को निर्देश दिए कि इन सभी गांव की एक ही बार में गिरदावरी करवाई जाए तथा उसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाए।
इस दौरे के दौरान उनके साथ मनीष मित्तल तथा पार्टी के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे। किसानों ने राव इंद्रजीत सिंह को ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए मांग पत्र भी सौंपा।
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