बदलते मौसम में बदल दिया पौधों की प्रकृति को
-फल एवं सब्जियोंं के पौधे दे रहे हैं कम पैदावार
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कनीना। इंसान के हस्तक्षेप के चलते प्रकृति पूर्णतया बदलती जा रही है। जहां प्रकृति बदलाव के कारण मौसम भी बदल गया है तथा वातावरण भी लगातार बदलता जा रहा है जिसका दुष्परिणाम इस वर्ष देखने को मिल रहा है। चाहे से युद्ध का प्रभाव कहे या बढ़ती गर्मी का प्रभाव, इस बार तो किसानों को न तो गेहूं तथा सरसों की अच्छी पैदावार मिली और न ही फल एवं सब्जियां प्राप्त हुई। इस बार गेहूं की कम तथा सरसों की अधिक खेती की गई थी किंतु किसानों की सारी आशाओं पर उस वक्त पानी फिर गया जब पैदावार ली। पैदावार के समय पाया कि हर वर्ष की तुलना में इस बार बहुत कम पैदावार मिली है। गेहूं और सरसों के दानों को देखा जाए तो वह भी अच्छी प्रकार पके नहीं हैं अपितु कच्चे तथा अधिक वृद्धि नहीं कर पाए परिणाम स्वरूप वजन भी कम हो गया जिसके चलते किसान दुखी हैं। किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, सुनील कुमार, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि इस बार मौसम बदलने के कारण उनके खेतों में फसल पैदावार भी कम हुई है। यही नहीं प्रकृति में होने वाले विभिन्न फल एवं सब्जी इस बार कम लगे हैं। कैर के पेड़ों के फल लगते थे वे भी कम पैदावार दे रहे हैं। प्रकृति में कैर पौधे से टींट एवं पीचू प्राप्त होते हैं जो एक उपयोगी फल एवं सब्जी है जिसे लोग पीचू चुके रूप में खाते भी है तथा विभिन्न प्रकार की सब्जी बनाते हैं। इस बार बणी में खड़ी हुई जाल के पेड़ों पर कोई पील नजर नहीं आई। पील पुराने समय बहुत अधिक मात्रा में पेड़ों पर लगती थी मौसम बदलाव के कारण प्रभाव देखने को मिला है। जाटी पौधे के लगने वाला फल सांगर इस बार नहीं पैदा हुआ है। किसानों का की माने उनका कहना है कि बेरी के भी इस बार कम लगे थे यही नहीं जो भी पौधे किसानों ने अपने खेतों में फसल सब्जी एवं फल के रूप में उगाए उन पर पैदावार विगत वर्ष की तुलना में कम ही लगे हैं या प्राप्त हो रही है जिसके चलते किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है। एक यह भी कारण रहा है कि पैदावार कम होने के कारण लोगों को खाने के लिए अच्छा गेहूं नहीं मिल रहा है और न पशु पालकों के लिए तूड़ी का प्रबंध हो रहा है। कम पैदावार होने के कारण बाजार में भाव अच्छे मिल रहे हैं जो कि अर्थशास्त्र का नियम है। मांग अधिक होने के कारण पैदावार कम हो तो भाव अच्छे मिलेंगे।
क्या कहते हैं शिक्षाविद डा होशियार सिंह यादव का कहना है कि इस बार मौसम में पर्याप्त बदलाव देखने को मिला है। जल्दी गर्मी आने के चलते जल्दी फसल कटाई हो गई। परिणामस्वरूप पैदावार कम हुई है। मौसम इतना बदल गया है कि पेड़ों पर फल एवं सब्जियां भी ठीक समय पर पैदा नहीं हो पाई, जब मौसम अनुकूल होता है उस समय उस समय तक फूल आकर झड़ गये। परिणाम स्वरूप इस समय में तो जाटी तथा जाल आदि पर फल नहीं लगे है और ना ही पैदावार अच्छी मिली है। किसान सभा बेहद मायूस हैं।
12वीं के छात्र की बेरहमी से की पिटाई
- कनीना पुलिस ने किया मामला दर्ज
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कनीना। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा के अंतिम परीक्षा के पश्चात 12वीं के छात्र सज्जन कुमार की जमकर पिटाई की गई। कनीना पुलिस ने उनके बयान पर 6 लोगों के विरुद्ध मार पिटाई का मामला दर्ज कर लिया है।
मिली जानकारी अनुसार सज्जन कुमार ऊंचा, खोल का निवासी है तथा भोजावास के सरकारी स्कूल में 12वीं का छात्र है। 12वीं के अंतिम पेपर के समय करीब 12 बजे पेपर देने के लिए भोजावास गया था उसी दौरान भोजावास स्कूल के अंदर उसके दोस्त राम अवतार के साथ क्रांति, सनी अंकुर भोजावास ,धर्मवीर भोजावास एवं कर्मपाल चेलावास मार पिटाई कर रहे थे। मेरे दोस्त राम अवतार को छुड़ाने की कोशिश की तो उन लोगों ने जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद स्कूल भोजावास केंद्र अपना आखिरी पेपर देकर सचिन गोमला की दुकान में पहले से ही रखा स्कूली बैग लेकर दुकान से कुछ ही दूरी पर निकला था कि महेंद्र भोजावास तथा उनके साथियों ने उन पर पुन: मारपीट शुरू कर दी। जब शोर मचाया तो स्कूल स्कूल के डीपी कुलदीप एवं स्टाफ ने आकर छुड़वाया। अंकुर ने अपने हाथ में ली हुई साइकिल की चैन का चक्कर सिर पर मारा जबकि कं्रांति ने हाथ में लिए हुए डंडे से तथा लात घुसा से वार किया। पुलिस को सूचित किया तो पुलिस मौके पर पहुंची। तत्पश्चात घायल को कनीना के सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। कनीना पुलिस ने क्रांति, सन्नी, अंकुर, धर्मवीर, महेंद्र कर्मपाल आदि के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
भीषण गर्मी को देखते हुए विद्यालयों के समय में तुरंत बदलाव करे हरियाणा सरकार- डा.राजेश उन्हाणी
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कनीना। हरियाणा समेत देश के कई हिस्सों में इस बार मार्च के महीने से ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। अप्रैल आते-आते गर्मी बर्दाशत से बाहर हो चुकी है अत: हरियाणा सरकार को विद्यालयों के समय में तुरंत बदलाव करना चाहिए यह कहना है उन्हाणी निवासी शिक्षक व सोशल एक्टिविस्ट, आखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के सदस्य राजेश का।
उन्होंने बताया की लोग अभी से ही मई जून की तपती दोपहरी वाली गर्मी महसूस कर रहे हैं। चिलचिलाती धूप ने लोगों का घरों से बाहर निकालना दूभर कर दिया है। भीषण गर्मी के चलते स्कूल जाने वाले बच्चे भी बीमार पड़ रहे हैं।
दक्षिण हरियाणा में भयंकर लू का प्रकोप जारी है। इन दिनों ऐसा लग रहा है कि मानों आसमान से आग के गोले बरस रहे हों। ऐसे में स्कूली बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तापमान भी 42 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है।
उन्होंने हरियाणा सरकार को तुरंत प्रभाव से विद्यालयों के खुलने के समय में बदलाव किया जाना चाहिए। विद्यालयों का समय बदलकर सुबह आठ बजे से दोपहर12 बजे तक किया जाए ताकि छोटे छोटे बच्चे तेज धूप व गर्मी से बच सके।
फोटो कैप्शन : राजेश कुमार।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में बनेगी सरकार-राव बहादुर सिंह
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कनीना। उदयभान को हरियाणा कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने और वर्किंग अध्यक्ष श्रुति चौधरी, रामकिशन गुर्जर, जितेंद्र भारद्वाज व सुरेश गुप्ता को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की खुशी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह व कार्यकर्ताओं ने लडडू बांटकर खुशियां मनाई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में कांग्रेस ने संगठन में बदलाव किया है। इस बदलाव से आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सत्ता में आने का रास्ता साफ हो गया है। राव बहादुर सिंह ने कहा कि हरियाणा के लोग चौधरी भूपेंद्र हुड्डा के कार्यकाल को याद कर रहे हैं। प्रदेश की जनता आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि चौधरी दीपेंद्र हुड्डा लगातार युवाओं को जोड़ रहे हैं। वर्तमान सरकार कहीं भी विकास कार्यों पर ध्यान नहीं दे रही है। जनता अब बदलाव की मांग कर रही है। पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह ने सोनिया गांधी राहुल गांधी प्रियंका गांधी का आभार जताया। इस मौके पर कांग्रेस के दर्जनों कार्यकर्ता साथ थे। उन्होंने भूपेंद्र हुड्डा के पास पहुंच उन्हें गुलदस्ता भेंट किया।
फोटो कैप्शन01: चौ भूपेंद्र हुड्डा को गुलदस्ता भेंट करते हुए पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह व अन्य।
कनीना-करीरा रोड के निर्माण की मांग, करीब छह माह से पड़ा है अधूरा
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कनीना। कनीना से करीरा तक महज 3 किलोमीटर सड़क मार्ग जो रोड़े और पत्थर डालकर सीमेंटेड तथा ईटों का बनाया जा रहा था किंतु बीच में ही कार्य को रुकवा देने के बाद अब करीब 6 माह से कार्य बंद है। क्षेत्र के लोगों ने इस मार्ग को अविलंब निर्मित किए जाने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि करीरा में एकमात्र जवाहर नवोदय विद्यालय है वहीं पर राजा वाली बणी धार्मिक स्थान तथा अन्य गांव को जाने वाले मार्ग भी जहां स्थित है। ऐसे में करीरा के महिपाल सिंह, निरंजन कुमार एवं आसपास के संदीप, सुरेश, महेश, दिनेश आदि ने सरकार से मांग की है कि इस सड़क मार्ग को अविलंब पूरा किया जाए ताकि आवागमन में बाधा न आए। जिला उपायुक्त नवोदय विद्यालय के अध्यक्ष होते हैं किंतु उनके बार-बार आने जाने के बावजूद भी यह मार्ग अधूरा पड़ा है।
कनीना छितरोली मार्ग की हो मरम्मत
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कनीना। कनीना से छितरौली को जाने वाले मार्ग के हालात अति जर्जर हो गई है। सीएसडी कैंटीन को जाने का यही तार्ग है तथा सीहोर, छितरौली एवं बाघोट को जाने का छोटा रास्ता भी यही मार्ग है परंतु इस मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे हो जाने के कारण आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। जहां सड़क मार्ग के गड्ढों के चलते कई दुर्घटनाएं भी घट चुकी हैं। क्षेत्र के लोग बार-बार प्रशासन से मांग करते आ रहे हैं कि कनीना छीथरोली वाया सीहोर मार्ग अविलंब ठीक किया जाए ताकि आवागमन बाधित न हो। उल्लेखनीय है कि इसी मार्ग पर अनेक शिक्षण संसथानप एवं शिक्षण संस्थानों को चलाने वाले बड़े-बड़े आवास बनाकर रह रहे हैं। यही नहीं विभिन्न सेवानिवृत्त फौजियों को यहां कैंटीन में आना जाना पड़ता है। उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
महंगा होता जा र
हा है चारा
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कनीना। इस बार जहां गेहूं मांग अधिक है वही गेहूं के भूसे की मांग बढ़ती जा रही है। किसान परेशान हो चले हैं और अपने पशुओं के रखरखाव के लिए इधर उधर से तूड़ी का प्रबंध कर रहे लेकिन तूड़ी महंगे भाव पर भी उपलब्ध न होने से किसान परेशान हैं। जहां तूड़ी के भाव 10 से 15 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं वहीं दूध के भाव अभी तक कम चल रहे हैं जिसके चलते लोगों की ने प्रशासन से मांग की है कि तूड़ी का प्रबंध करवाया जाए। सबसे बड़ी परेशानी गौशालाओं को हो रही है जहां भारी मात्रा में तूड़ी की जरूरत होती है। उल्लेखनीय कनीना क्षेत्र में करीब 11000 हेक्टेयर गेहूं उगाया गया था किंतु अनाज मंडी में कोई गेहूं नहीं पहुंचा और न ही उपभोक्ताओं तक। गेहूं की कमी के चलते उपभोक्ता परेशान हैं वही पशुपालक तूड़ी के अभाव में भी अपने पशुओं को बेचने की योजना बना रहे हैं। दूध का काम करने वाले भी डेयरी संचालक भी परेशान हैं क्योंकि अब दूध प्राप्त करना महंगा होता जा रहा है।
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