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Friday, April 1, 2022

 

एक माह तक चलेगा अन्नक्षेत्र का पर्व
- प्रतिदिन कोई भी साधु संत एवं अन्य जन ले सेकेगा अन्न
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 कनीना। कनीना के समीपी गांव जैनाबाद के उधोदास आश्रम में लगातार एक माह तक अन्नक्षेत्र का पर्व मनाया जाएगा।
 विस्तृत जानकारी देते हुए संत लालदास महाराज ने बताया कि दो अप्रैल विक्रमी संवत 2079 को मंदिर आश्रम में इस पर्व का शुभारंभ किया जाएगा। लगातार एक महीने तक यह कार्यक्रम चलता रहेगा जिसके तहत कोई भी व्यक्ति या साधु संत आदि किसी भी समय आ कर यहां भोजन ग्रहण कर सकेगा। इससे एक नया संदेश लोगों तक जाएगा तथा विक्रमी संवत के दृष्टिगत एक पुनीत कार्य माना जाएगा।








उन्हाणी महाविद्यालय की छात्राओं ने देखा परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम
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कनीना। राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हाणी की छात्राओं ने प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम परीक्षा पे चर्चा 2022  का सीधा प्रसारण देखा। जिसका उद्देश्य युवा वर्ग को परीक्षा के तनाव से मुक्त करना था।
 प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि परीक्षा  एक शब्द है- कसौटी। मतलब खुद को कसना है, ऐसा नहीं है कि परीक्षा आखिरी मौका है बल्कि परीक्षा तो एक प्रकार से एक लंबी जिंदगी जीने के लिए अपने आप को कसने का उत्तम अवसर है। परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है। यह आपकी विकास यात्रा का हिस्सा है। आप कई बार परीक्षा दे चुके हैं। परीक्षा के अनुभवों को अपनी ताकत बनाएं। परीक्षा जीवन का एक पड़ाव भर है।  उन्होंने नई शिक्षा नीति, नारी शिक्षा, हमारी संस्कृति तथा कौशलों आदि के बारे में ज्ञानवर्धक जानकारी दी। इस कार्यक्रम के उपरांत प्राचार्य डा विक्रम सिंह ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार की चर्चाएं  विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं। उन्होंने  छात्राओं को प्रधानमंत्री के संदेशों को जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने  नई शिक्षा नीति  के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि यह नीति वर्तमान युग की आवश्यकता के अनुरूप है। इस अवसर पर डा.सुधीर, डा सीमा, डा अंकिता,  कविता, सोमेश चंद, अनिल, दिनेश, अरूण, सीमा, मोनू यादव, पूनम, कंवर सिंह आदि महाविद्यालय परिवारजन उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 09: परीक्षा पर चर्चा का लाइव प्रसारण देखती उन्हाणी कालेज की छात्राएं।




रेडक्रास सोसायटी द्वारा मिलने वाली सुविधाओं के लिए अब नारनौल नहीं जाना पड़ेगा -सुविधाएं कनीना में ही मिलेंगी- सुरेंद्र सिंह
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कनीना। फस्र्ट एड ट्रेनिंग के लिए अब क्षेत्र के विद्यार्थियों को नारनौल नहीं जाना पड़ेगा और उनको ट्रेनिंग यही करा दी जाएगी।
   ये विचार कनीना के एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने कनीना सरल केंद्र में स्थापित रेडक्रास द्वारा संचालित फार्म स्टाल केंद्र का उद्घाटन करने के उपरांत पत्रकार वार्ता में व्यक्त किए।
 इस अवसर पर उन्होंने कहा रेडक्रास सोसाइटी द्वारा संचालित फार्म स्टाल केंद्र जो कनीना में संचालित किया गया है इससे सीनियर सिटीजन के लोगों को मिलने वाली सुविधाओं के लिए अब उनको बाहर धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। यहीं से उनको विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। दिव्यांग जनों को लेकर उन्होंने कहा कि अब दिव्यांग रजिस्ट्रेशन के लिए उनको सीएससी पर निशुल्क रजिस्ट्रेशन कराना होगा जिसके बाद में रेडक्रास सोसाइटी की टीम द्वारा उनकी जांच की जाएगी तथा सीनियर सिटीजन के लिए बनाई गई सरकार द्वारा दी जाने वाली स्कीम का लाभ उनको मिल सके। उपमंडल अधिकारी ने बताया सीनियर सिटीजन में जिनको कम दिखाई देने पर चश्मे, दांतों की समस्या के लिए दांत व कम सुनाई देने पर कान की मशीन, जबड़ा, आदि निशुल्क प्रदान कराया जाएगा।
 उन्होंने यह भी बताया फस्र्ट एड ट्रेनिंग की 1180 रुपये होगी तथा ट्रेनिंग उपमंडल कनीना के प्रांगण  में ही कराई जाएगी। इस अवसर पर सुरेंद्र सिंह अधीक्षक, वीरेंद्र कुमार कोका ,विकास, विजय, नवीन, राजू ,टिंकू ,बलवान, मनीष कुमार, गौरव के अलावा अन्य टीम के सदस्य उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 06: एसडीएम कनीना में रेडक्रास के फार्म स्टाल केंद्र का उद्घाटन करते हुए।


पीएम के साथ परीक्षा पर चर्चा को दिखाया लाइव प्रसारण
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कनीना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों के साथ एक अप्रैल प्रात: 11:00 बजे से परीक्षा पर चर्चा का पांचवा संस्करण कार्यक्रम का जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में बड़ी एलसीडी पर लाइव प्रसारण बच्चों को दिखाया गया। जिसमें 375 छात्र छात्राओ ने भाग लिया। जिसमें बोर्ड परीक्षा के देशभर के विद्यार्थियों के साथ तनाव मुक्त होकर परीक्षा की तैयारी करने हेतु तरीके बताए।
 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया कि मन को शांत करके पढ़ाई करें । पढ़ाई का माध्यम चाहे आनलाइन हो या आफलाइन हो अगर मन शांत है तो कोई फर्क नही पड़ता। समय के अनुसार माध्यम बदलते रहते हैं। हमें घबराना नही चाहिए जैसी अनेक बातें बताई व बच्चों को परीक्षा में अच्छा करने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम के तहत जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा जिला महेन्द्रगढ़ के प्राचार्य सुरेश कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम से बच्चों में परीक्षा से संबंधित चिन्ता का निवारण हुआ साथ -साथ परीक्षा के लिए बच्चों का मनोबल बढ़ा है।
फोटो कैप्शन 07: परीक्षा पर चर्चा का नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम नवोदय विद्यालय में सीधा प्रसारण दिखाते हुए।



आंगनबाड़ी का सामान चोरी, पुलिस को दी शिकायत
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,कनीना। क्षेत्र में आए दिन हो रही है चोरियों का पता नहीं लग पा रहा है कि आखिर चोर कौन है? इसी कड़ी में लेकर गुरुवार की रात खंड कनीना के गांव कोटिया में 617 नंबर आंगनबाड़ी केंद्र में विभिन्न सामान चोरी होने का मामला प्रकाश में आया है।
 आंगनवाड़ी केंद्र में कार्यरत वर्कर पवित्रा देवी ने कनीना थाने को शिकायत देकर बताया कि वो महिला बाल विकास विभाग में वर्कर के पद पर कार्यरत है तथा  617 नंबर आंगनवाड़ी केंद्र सेंटर जो राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कोटिया में स्थापित है जिसमें रात को चोरी हो गई है। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया किस स्कूल के चतुर्थ श्रेणी कर्मी द्वारा दूरभाष पर सूचना देकर बताया कि उनके सेंटर का ताला टूटा हुआ है। वेर्कर  जाकर देखा मेरे सेंटर का ताला टूटा हुआ था। सेंटर को चेक किया तो पता चला कि उसमें रखे दो सिलेंडर, एक चूल्हा, कुछ सामान व रिकार्ड गायब है जिसकी सूचना स्थानीय पुलिस व संबंधित विभाग को देकर मामले से अवगत करा दिया है। वही पवित्रा ने यह भी बताया इससे पहले भी इस सेंटर का जंगला उखाड़कर 23 जुलाई 2021 को कुछ सामान चोरी हुआ था जिसका मुकदमा भी थाना कनीना में दर्ज कराया था। वही इस बारे में महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर सुमन यादव से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह सूचना हमारी वर्कर द्वारा मुझे भी दी गई है कि सेंटर में चोरी हुई है जिसकी सूचना पुलिस को देकर मामले से अवगत कराया है।
 फोटो कैप्शन 08: आंगनवाड़ी सेंटर में चोरी हुये सामान की जानकारी देते हुए वर्कर।



 
चोरों ने उड़ाये 1.5 लाख रुपये
-दौंगड़ा में हो चुकी हैं कई चोरियां
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,कनीना। कनीना उपमंडल के निकटवर्ती ग्राम दौंगड़ा अहीर गांव में पुलिस की निष्क्रियता के चलते चोरों के हौसले बुलंद है। बुधवार की रात को गांव में फिर से एक बार चोरी हो गई जिसमें चोरों ने करीब 1.5 लाख चैोरी कर लिये। इससे पहले भी 23 फरवरी को इस घर से चोरी की वारदात हुई थी।  
रोशन पुत्र बनवारी लाल गांव दौंगङा अहीर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि बुधवार की रात को अज्ञात व्यक्ति रात को चोरी कर ले गए। पीडि़त ने पुलिस को बताया कि उसने 156500 की सरसों बेच कर कृषि कार्ड भरने के लिए रुपये बैड में रखे हुए थे जिसे अज्ञात चोर चोरी कर ले गए।
मिली जानकारी के अनुसार चोर रात के समय में एक ही कमरे में 5 लोग सो रहे थे तथा जिस बेड में से चोर चोरी करके ले गए हैं उस बेड पर दो लोग सो रहे थे और वहां से चोर चोरी करके ले गए।  ग्रामीणों ने कहा कि पीडि़त किसान की पूरे साल की कमाई चोर चोरी करके ले गए। इसी कमाई से वह अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई, फीस सहित घर की सभी जरूरतें इसी से पूरी होनी थी।
दौंगड़ा अहीर गांव में चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं। पिछले महीने ही इससे पहले वाले घर में 23 फरवरी की रात को चोर चोरी करके ले गए थे। तथा पिछले साल इससे पहले 23 जुलाई को 3 चोरियां, 14 सितंबर को तथा 28 नवंबर को भी गांव में चोरियां हो चुकी है। घटना को अंजाम देने के बाद चोर आसानी से निकल भागते है लेकिन पुलिस निष्क्रिय बनी हुई है।
ग्रामीणों ने कहा है कि जुलाई अगस्त माह से गांव में लगभग 10-12 चोरियां हो चुकी हैं। हालांकि गांव में पिछली की गई चोरियों के आरोपियों को पुलिस ने 2 जनवरी को जरूर पकडऩे का दावा भी किया था। जिसमें बताया था कि पुलिस ने चोरियों के मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपितों का पता लगाकर गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन पुलिस चोरों से चोरी का सामान बरामद नहीं करवा पाई।
उल्लेखनीय है कि गांव में पुलिस चोरी की घटना को लेकर 28 जुलाई 2021 को भी पंचायत हुई तथा पंचायत में काफी मात्रा में ग्रामीणों ने एक सुर में कहा था कि पुलिस चोरी की घटना के मामले में ढुलमुल रवैया ही अपनाए हुई है। उसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस चौकी में पुलिस को ज्ञापन भी दिया था।



 9 दिन चलने वाले नवरात्रों के पीछे छुपा है वैज्ञानिक तथ्य-डा होशियार सिंह
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 कनीना। नवरात्र 2 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं तथा लगातार 9 दिन माता के नौ रूपों की पूजा का विधान है। वास्तव में नवरात्रों के पीछे भी वैज्ञानिक तथ्य छुपा हुआ है। विज्ञान के जानकार डा. होशियार सिंह कनीना का कहना है कि नवरात्र वर्ष में दो बार आते हैं जिसमें सर्दी से गर्मी में या गर्मी से सर्दी में प्रवेश किया जाता है जिन्हें शारदीय नवरात्र तथा चैत्र नवरात्र नाम से जाना जाता है। दो अप्रैल से शुरू हो रहे नवरात्रों को शारदीय नवरात्र नाम से जाना जाता है। इनके पीछे भी विज्ञान का गहरा राज छिपा हुआ है। वास्तव में जब मौसम बदलता है उस वक्त नया अनाज आ जाता है और नया अनाज सीधे ग्रहण करने से शरीर में कुछ उल्टे प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में शरीर से पुराने अन्न को पूर्णतया समाप्त करके ही नया अन्न धारण करना चाहिए। 9 दिनों के व्रत के पीछे यही कारण है कि शरीर से पुराना अनाज समाप्त किया जाता है। नौ दिनों में पुराना अनाज शरीर से रस एवं खून में बदल जाता। तत्पश्चात ही नया अन्य धारण किया जाता है जो शरीर में किसी प्रकार का नुकसान नहीं करके स्फूर्ति का संचार करता है। वास्तव में मौसम बदलता है बदले मौसम के अनुरूप ही नया अन्न ग्रहण करना चाहिए। यद्यपि नवरात्रों में जौ उगाये जाते हैं जो 9 दिनों तक बड़ा हो जाता है तथा इस हालात में चले जाते हैं कि उनको व्रत के अंतिम दिन ऊपर से काटकर जवारे रस बनाकर पीना चाहिए और व्रत खोलना चाहिए। उनमें कैंसर तक लडऩे की क्षमता होती है। अक्सर लोग इन 9 दिनों तक उगाए गए जौ को किसी नदी, नाले आदि में बहा कर इतिश्री समझ लेते हैं। और तभी से कहावत चली है गंगा में जौ उगाना। वास्तव में इन उगाये हुये जौ से दोनों लाभ उठाये जा सकते हैं। ऊपर से एक से 2 इंच काटकर रस बनाकर पीना चाहिए और मां के नवरात्र संपन्न करने चाहिए जो शरीर में ऊर्जा स्फूर्ति ,प्रतिरोधकता पैदा करते हैं।
 डा यादव बताते हैं कि सबसे बड़ा तथ्य नवरात्रों के पीछे छुपा है कि 9 दिन व्रत करने से शरीर बिल्कुल शुद्ध किया जाता है। अनाज पूणरूप समाप्त हो जाता है और फिर नए मौसम के अनुसार अनाज को ग्रहण करते हैं तो बेहद स्फूर्ति देता है। अफसर इन 9 दिनों में माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है पुराने वक्त से चली आ रही है।
उनका कहना है कि पुराने वक्त से इसी दिन से नए वर्ष की शुरुआत होती है। दो अप्रैल को 2079 नव वर्ष शुरू होगा जो राजा विक्रमादित्य द्वारा  चलाया हुआ है जिन्होंने हूणों पर विजय पाकर यह नव वर्ष शुरू किया था। ग्रामीण क्षेत्रों में से सम्मत संवत,नव वर्ष आदि नामों से जाना जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों में जहां गुड़ी पाड़वा, विक्रमी संवत आदि नामों से जानते हैं वहीं से नव संवत्सर नाम से भी जानते हैं। विभिन्न पकवान बनाकर इस नए वर्ष का स्वागत किया जाता है जो पूर्वजों से चला आ रहा है।
देखने में आता है की बच्चे नवरात्रि में मां के नौ रूपों तक का ध्यान नहीं रखते। बहुत से व्रत धारण करने वाले भी मां के नौ रूपों का ध्यान नहीं दे पाते वास्तव में नौ रूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री नाम से जाने जाते हैं वही
हर बच्चे बच्चे की जुबान पर जनवरी से दिसंबर तक महीनों के नाम हिंदी व अंग्रेजी में याद है किंतु हिंदू कैलेंडर जो अकसर मार्च-अप्रैल में शुरू होता है के बारे में तथा महीनों के नाम नहीं जानते। ये नाम चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन, भाद्रपद आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष ,पौष, माघ और फागुन हैं।  9 दिनों तक अन्न न ग्रहण करके अधिक से अधिक जल धारण करें तो विज्ञान का तथ्य कहता है कि शरीर पूर्णता शुद्ध हो जाएगा साथ में अन्न की बजाय फल आदि का प्रयोग करें ताकि शरीर में शुद्धता आये। अचानक नया अन्न प्रयोग करने से एलर्जी आदि की संभावना बढ़ जाती है, उससे बचने का सबसे सरल उपाय है माता के नौ रूपों की का व्रत धारण करना चाहिए।


कैमला में आयोजित हुआ हवन, प्रवेश प्रारंभ
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कनीना। राजकीय माध्यमिक विद्यालय कैमला में प्रवेश उत्सव कार्यक्रम धूमधाम के साथ मनाया गया जिसमें राधेश्याम शास्त्री के द्वारा यज्ञ सम्पन्न  किया गया। सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों ने यज्ञ में आहुति डालते हुए हिन्दू नववर्ष  विक्रमी संवत 2079    की मंगल कामना की और नए शैक्षिक सत्र का शुभारंभ किया। उपस्थित सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों को  प्रेरित करते हुए वीरेंद्र सिंह जांगिड़ मौलिक मुख्याध्यापक बताया कि नया शैक्षिक सत्र का शुभारंभ हो गया है। यह हमारे विद्यालय की परंपरा रही है कि कि नया शैक्षिक सत्र का शुभारंभ हवन/ यज्ञ के साथ किया जाता है। सभी विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई निरंतर जारी रखनी चाहिए और प्रतिदिन विद्यालय आकर गुरु के सानिध्य में निर्धारित पाठ्क्रयम के अनुसार कुछ नया सीखना चाहिए शिक्षा ही आज की आवश्यकता है। शिक्षा के द्वारा ही मनुष्य के व्यवहार में परिवर्तन आता है और संस्कारों का विकास होता है। हवन से वातावरण शुद्ध होने के साथ-साथ संस्कारों की भावना जागृत होती है। इस अवसर पर सतबीर सिंह, संदीप डीपीई, भगत सिंह ,राजेश कुमार, सुबे सिंह ,सुनील कुमार, तारामणी, कलावती देवी ,माया देवी, गंगाराम शिक्षाविद, रामबीर व सन्नीदत्त प्रधान आदि गणमान्य अभिभावक उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 04: कैमला में हवन करते हुए मुख्याध्यापक वीरेंद्र कैमला।





 नव संवत्सर की तैयारी शुरू
-दो अप्रैल से नवरात्रे शुरू होंगे
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कनीना। नव संवत्सर 2079 जहां 2 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है वहीं कनीना क्षेत्र में नव संवत्सर मनाए जाने की तैयारी जारी हैं। कनीना की कुलदीप बोहरा, महेश बोहरा आदि नव संवत्सर को हिंदु नव वर्ष के रूप में मनाते आ रहे हैं। इस पर्व को गुड़ी पाड़वा तथा चैत्र नवरात्र के नाम से जाना जाता है। चैत्र प्रतिपदा को नव वर्ष मनाया जाएगा। लोग मिठाइयां बांटकर खुशी जताते हैं, कई जगह हवन आयोजित होंगे या सरकारी स्कूलों में भी प्रवेश प्रारंभ हो जाएगा वहीं नव संवत्सर के साथ साथ ही नवरात्रे भी शुरू हो जाएंगे।
महेश बोहरा ने बताया कि इस बार नव संवत्सर और नवरात्रि पर वे देसी महीनों के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे तथा मिठाई बांटकर इसका आगाज करेंगे। उन्होंने बताया कि नव संवत्सर और नववर्ष बहुत पुराने हिंदु पर्व हैं। इनको हर व्यक्ति तक पहुंचाना हम सभी का कर्तव्य है।
निकलेगी भव्य शोभायात्रा-
उधर बजरंग दल कनीना की हनुमान मंदिर में एक बैठक आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता दिलावर सिंह प्रखंड अध्यक्ष ने करते हुए कहा कि नव वर्ष दो अप्रैल पर कार्यक्रम आयोजित होंगे जिससे समाज व युवा पीढ़ी को अपने हिंदू नव वर्ष के बारे जानकारी हो। हमें इस अवसर पर सबको बधाई संदेश देनी चाहिए।
 बुजुर्गों बड़ों को प्रणाम कर आशीर्वाद लेना चाहिए। जिस पर सभी ने अपनी सहमति देते हुए एक भव्य शोभा यात्रा निकालने की बात कही। शोभा यात्रा कि योजना बनाते हुए प्रखंड  बजरंग दल संयोजक विजय सिंह ने बताया कि 2 अप्रैल हिंदू नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर कनीना में सभी सामाजिक व धार्मिक संगठनों को साथ लेकर एक शोभायात्रा आयोजित की जाएगी । शोभा यात्रा ठाकुर जी के बड़े मंदिर में हवन के साथ संपूर्ण होगी। इस अवसर पर शिव कुमार खंड संघचालक , विभाग मंत्री सुरेंद्र सिंह , श्रीश्याम सेवा मंडल के प्रधान संदीप राठी, एडवोकेट योगेश कुमार, रामपाल, महेन्द्र सिंह, डा दिलबाग, नवीन, सोनू ,बाबा मोलडऩाथ युवा संगठन से नवीन शर्मा , राकेश कुमार आदि अनेक बजरंग दल के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


विभिन्न स्कूलों में चला प्रवेश उत्सव
संवाद सहयोगी,कनीना। विभिन्न सरकारी स्कूलों में एक अप्रैल से प्रवेश उत्सव शुरू हो गया है। इस मौके पर हवन आयोजित हुये तथा विद्यार्थियों को तिलक कर प्रवेश दिया गया।
  उल्लेखनीय है कि 31 मार्च को परीक्षा परिणाम सुनाने के बाद सरकारी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। जगह जगह हवन आयोजित हुये तथा अगली कक्षा में प्रवेश दिया गया। उन्हें मुफ्त पुस्तकें भी वितरित की गई।




दो अप्रैल से शुरू हो रहे हैं नवरात्र
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,कनीना। नवरात्र एवं हिन्दु नव वर्ष 2079 के प्रारंभ की तैयारियां जोरों पर हैं। दो अप्रैल को दोनों ही पर्व मनाएं जाएंगे। मंदिरों को भी सजाया गया है।
दो अप्रैल को क्षेत्र में नवरात्रों का आगाज हो रहा है। इस मौके पर व्रत रखाने एवं पुराने अन्न को नौ दिनों तक शरीर से समाप्त करके नए अन्न को ग्रहण करने का नियम है। मौसम के बदलाव से नया अन्न तुरंत शरीर में ग्रहण नहीं करना चाहिए। यही कारण है कि इस दिन व्रत किया जाता है। मां दुर्गा के नौ दिनों में नौ रूपों की पूजा की जाती है। राम नवमी के दिन नवरात्रों को समाप्त कर दिया जाता है।
   दो अप्रैल को ही क्षेत्र में हिंदु नव वर्ष 2079 प्रारंभ हो रहा है। इस नए वर्ष को क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जाता है। महाशय श्यामसुंदर, महेश कुमार, कुलदीप कुमार बोहरा ने बताया कि वर्षों की भांति इस नए वर्ष को धूमधाम से मनाएंगे। उन्होंने बताया कि इस दिन हवन भी आयोजित किया जाएगा।
  उल्लेखनीय है कि बच्चे-बच्चे की जुबान पर अंग्रेजी वर्ष है किंतु हिंदुओं के सबसे प्राचीन वर्ष का ज्ञान नहीं है। विक्रम संवत या गुड़ी पाड़वा आदि नामों से जाना जाता है। इस दिन घरों में पकवान बनाए जाते हैं और नए वर्ष का आगाज किया जाता है। इसे ग्रामीण क्षेत्रों में 'सम्म्तÓ नाम से जाना जाता है।
  महाराजा विक्रमादित्य द्वारा चलाया गया विक्रमी संवत आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रासंगिक है। इसी दिन महाराजा विक्रमादित्य ने हुणों पर विजय प्राप्त करके अक्सास नदी में घोड़ों को जल पिलाया था। तभी से आज तक यह पर्व चला आ रहा है।
क्या है नव संवत-
  दो अप्रैल को पूरे ही देश में सम्राट विक्रमादित्य द्वारा चलाया हुआ नव संवत्सर का पर्व मनाया जा रहा है। विश्व का सबसे पुराना संवत नव संवत्सर जिसे वर्ष प्रतिपदा, उगादि पर्व तथा गुड़ी पाड़वा नामों से जाना जाता है। माना जाता है है कि ब्रह्मïाजी ने इसी दिन सृष्टिï की रचना की थी जिसके चलते इस दिन दिन ब्रह्मा की भी पूजा की जाती है।  
    उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य द्वारा चलाया हुआ नवसंवत्सर आज से 2079 शुरू हो रहा है।  ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी इस दिन विभिन्न पकवान बनाकर नव वर्ष का स्वागत किया जाता है।  विक्रमादित्य भारतवर्ष के चक्रवर्ती सम्राटों में से एक थे जिन्होंने शकों का भारतवर्ष से समूल नाश किया था और अपने शौर्य की वो छाप छोड़ी जो आज भी प्रेरणा का स्रोत है। आज से ठीक 2079 वर्ष पहले सम्राट ने शकों का पूर्णतया सफाया किया था और चैत्र शुक्ल प्रथमा के दिन से ही नव संवत्सर की शुरुआत की थी।              
 विक्रमादित्य ने अपने बल पर शकों का नामोंनिशान मिटा अश्वों को आक्सस नदी का पानी पिलाया था। अपनी जीत की खुशी में विक्रमी संवत का श्रीगणेश किया था।  इसी दिन को हिन्दू अपना नववर्ष मानते हैं।  विक्रमादित्य ने अपने पिता गंधर्वसेन की मृत्यु का बदला लिया था।  
नवरात्र-  
  नव संवत्सर के दिन से ही नवरात्र शुरू हो जाते हैं। इन नवरात्रों का सौभाग्यवती महिलाओं के लिए विशेष महत्व होता है। प्राचीन ग्रंथों में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती आ रही है। ये नौ रूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, सकंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री नामों से जाना जाता है। इन नौ रूपों के दर्शनों के लिए मंदिरों में जाकर पूजा की जाती है।




दिनभर मजाक में बीता एक अप्रैल का दिन
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कनीना। क्षेत्र में हंसी मजाक के रूप में एक अप्रैल का दिन मूर्ख दिवस के रूप में मनाया गया। अंग्रेजी काल के समय से ही चली आ रही परिपाटी को मनाने वाले कम लोग रह गये हैं।नव वर्ष मनाने वाले मूर्ख दिवस मनाए जाने का विरोध भी करते हैं।
  ग्रामीण क्षेत्रों में प्रथम अप्रैल फूल डे मनाने की अनोखी परंपरा है। सुबह से ही मूर्ख बनाने की कार्रवाई शुरू हो गई और दोपहर तक चलती रही। तत्पश्चात इस दिन के बारे में लोगों को जानकारी हो गई। ग्रामीण लोगों को तो इस दिन भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। किसी को फोन के मार्फत मूर्ख बनाया गया जो भारी तनाव का कारण बना।
  यूं तो मूर्ख बनाने के तरीके अनेक प्रयोग किये गये किंतु बच्चे से लेकर युवा वर्ग नोट से मूर्ख बनाते देखे गये। नोट का एक सिरा धागे से बांध लिया और भीड़ वाले रास्ते में डाल दिया गया। इस नोट को बड़े धागे से बांधकर दूर ले जाया गया था। जब कोई सज्जन इस नोट को उठाने लगता तो धागे की सहायता से इसे तेजी से खींच लिया गया। जब नोट उठाने वाले की नजर इन शरारतियों पर पड़ी तो भारी मजाक होता रहा। ग्रामीण लोग अक्सर फूल डे के बारे में अंजान होते हैं और ऐसे में उनके साथ अच्छा खासा मजाक हुआ। वैसे भी फसल कटाई चल रही है और किसान अपनी फसल काटने में व्यस्त हैं। किसानों को कह दिया कि वह कृषि के यंत्र और खेत में लेकर आओ।  किसान बेचारा पुन: खेत से घर गया और बार-बार उसके साथ मजाक हुआ। जब उन्हें अप्रैल फूल बनने का पता चलता है तो वे झुंझलाते हुए नजर आये।
 फोन धारकों को कई प्रकार की समस्याएं  अप्रैल फूल से संबंधित झेलनी पड़ी।  ऐसे फोन आये कि आपके परिचित की दुर्घटना होने के कारण उन्हें अमुक अस्पताल में भर्ती कराया गया है आप जल्दी से पहुंचो। जब फोन उठाने वाला भाग दौड़कर अस्पताल पहुंचता है तो उसे भारी झुंझलाहट हुई। मोबाइल पर भी अनेकों प्रकार की मजाक किये गये किंतु ये मजाक अधिक समय तक नहीं चले।
   अप्रैल फूल बनने से सरकारी कर्मी भी पीछे नहीं रहे। जहां अस्थाई कर्मी काम करते हैं उनका एक अप्रैल फूल संबंधित आदेश निकालकर रख दिया गया जिसमें लिखा था कि आपकी सेवाएं समाप्त की जाती हैं। कर्मी परेशान होते हैं किंतु जब उन्हें हकीकत का पता चला तो वे अपना सा मुंह लेकर रह गये। पूरा दिन ही छोटे बड़े मजाकों में व्यतीत हुआ।




शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होते-एसडीएम
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कनीना। राजकीय माध्यमिक विद्यालय कैमला में वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित किया गया और बच्चों को पुरस्कृत किया गया और देशराज विज्ञान अध्यापक की सेवानिवृत्ति का कार्यक्रम किया गया जिसमें मुख्य अतिथि डॉ अभय सिंह यादव विधायक नांगल चौधरी रहें और कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेंद्र सिंह एसडीएम  कनीना ने की। वीरेंद्र सिंह जांगिड़ मुख्यअध्यापक ने  देशराज की कर्तव्यनिष्ठा शिक्षा के प्रति प्रेम और बच्चों की लगन ,निष्ठा के साथ उन्होंने अपने सेवाकाल के दौरान विद्यार्थियों को पढ़ाया आज वे 28 वर्ष 7 महीने और 5 दिन सेवाकाल करने के उपरांत विभाग से सेवानिवृत्त हो रहे हैं डॉ राजेंद्र सिंह यादव ने उनकी कार्यशैली और शिक्षा के प्रति बच्चों को प्रेरित किया और अपने उद्बोधन में बताया कि सेवानिवृत्ति तो निर्धारित होती है परंतु व्यक्ति कभी सेवानिवृत्त नहीं होता बल्कि दूसरे सामाजिक सेवाओं की बढ़ोतरी होती है।  निरंतर दायित्व बढ़ता जाता है इसलिए हम सभी ने रिटायर तो होना है परंतु रिटायरमेंट के उपरांत ईमानदारी और स्वच्छता के साथ समाज सेवा और जनहित के कार्य करना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग कल्याण हो सकें।
सुरेंद्र सिंह एसडीएम कनीना ने शिक्षक की भूमिका और बच्चों के चरित्र निर्माण एवं सर्वांगीण विकास और गुणवत्ता परक शिक्षा के प्रति बताया कि एक अच्छा अध्यापक ही अच्छा नागरिक बना सकता है और अच्छे नागरिक ही राष्ट्र की धरोहर होती है, देश का भविष्य है। डॉ हरी सिंह यादव ने सभी शिक्षकों और बच्चों को प्रेरित करते हुए बताया कि जो विद्यार्थी अपने गुरु की बात को विचार को ध्यान से सुनता है, वही सफल होता है। सच्चा गुरु ही विद्यार्थी को आदर्श बना देता है और वही विद्यार्थी आगे चलकर के राष्ट्र के निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान देता है। आज बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उन्होंने प्रभु से उनके उज्ज्वल और स्वस्थ भविष्य की मंगल कामना करता हूं बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर डॉक्टर सुधीर यादव प्राचार्य , ओम प्रकाश प्राचार्य, सूबे सिंह चौहान, एल एन यादव प्रोफेसर, डॉ महेश कुमार कुमार ,महिपाल सिंह मुख्याध्यापक, रणधीर सिंह मुख्याध्यापक, कृष्ण कुमार सेवानिवृत्त अध्यापक ,गंगाराम शिक्षाविद्, रामवीर प्रधान, गुरूदयाल सिंह चेयरमैन, दलिप सरपंच, छोटेलाल महाशय, सुरेंद्र सिंह, बृजलाल सेठ आदि गांव के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें।
फोटो कैप्शन 11: देशराज विज्ञान शिक्षक के सेवानिवृत्ति समारोह का नजारा।








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