जंगली जानवर ने बछड़े को मारा
-किसान ने की शिकायत
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कनीना। उपमंडल के गांव भडफ़ में एक जंगली जानवर द्वारा रात के समय कुएं पर रह रहे एक किसान का बछड़ा मारने का मामला प्रकाश में आया है। किसान रोहताश ने बताया कि वह ओपीवाई वल्ड स्कूल के पीछे अपने कुएं पर मकान बनाकर रह रहा है। उसने बताया कि 16 अप्रैल की रात को उसने मकान के सामने खाली पड़ी जगह में चार गाय, एक बछिया, एक बछडा और एक भैंस बांधी हुई थी। रात को करीब 11 बजे तक सभी पशु सुरक्षित थे। लेकिन जब सुबह करीब पांच बजे उन्होंने उठकर देखा तो करीब पांच माह के बछड़े को किसी जंगली जानवर ने मार दिया व उसके पेट का कुछ हिस्सा भी खा गया। जिसके संबंध में वन विभाग व वीएलडी डॉक्टरों की टीम को सूचना दी गई। जिन्होंने किसी जंगली जानवर द्वारा इस घटना को अंजाम देने की बात कही गई है। किसान ने प्रशासन से मांग कर जंगली जानवर को पकडऩे व उसके नुकसान की भरपाई करने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि किसान के पास ही लंगल है जहां हजारों पेड़ पौधे खड़े हैं। इन जंगलों में जंगली जानवर के होने की संभावना है।
थाना अधिकारी के स्थानांतरण होने पर दी विदाई
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कनीना। अपनी बेहतरीन छवि के चलते अल्पसमय में आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय पैदा करने वाले थाना अधिकारी संतोष कुमार का कनीना पुलिस थाने से स्थनांतरण होने के बाद पुलिस थाने में विदाई समारोह कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें भावभीनी विदाई दी। विदाई समारोह में पुलिस अधिकारियों और पुलिस के जवानों तथा कस्बा वासियों ने ने उन्हें फूल माला पहनाकर उन्हें विदा किया। बता दे कि 21 अगस्त 2021 को थानाधिकारी ने कनीना सदर पुलिस थाने में थाना अधिकारी का पदभार ग्रहण किया था। पदभार ग्रहण करते ही कनीना ने आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय का नारा सार्थक करते हुए एक के बाद एक वारदातों का खुलासा कर अपराधियों में खौफ पैदा कर दिया था। थाना अधिकारी के आठ माह के कार्यकाल में कनीना क्षेत्र में शांतिपूर्ण माहौल रहा। विदाई समारोह के दौरान कनीना पुलिस थाने के अधिकारी, कर्मचारी, कस्बा वासियों सहित आसपास के कई ग्रामीण इलाकों के जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 01: कनीना सदर थाने में थाना प्रभारी इंस्पेक्टर संतोष कुमार को विदाई देते हुए।
3 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज
-फांसी खाने के लिए बाध्य करने का आरोप
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कनीना। कनीना पुलिस ने संध्या पत्नी संदीप कुमार वार्ड नंबर 3 की शिकायत पर, संदीप कुमार के अपने घर पर फांसी खाने के मामले में 3 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया है। मामला जमीन से जुड़ा बताया गया।
शिकायत में संध्या ने कहा है कि अढ़ाई किला जमीन पर केस चल रहा है। वेद प्रकाश, महेंद्र सिंह एवं सुरेंद्र सिंह के खिलाफ जमीन का केस चल रहा था जो उनकी बुआ लाली देवी के नाम से था। जमीन का केस सुरेंद्र एवं महेंद्र ने बुआ लाली देवी को लाकर वापस उठवा लिया तथा संदीप एवं परिवार को बार-बार मारने की धमकी दी गई जिसके चलते संदीप ने डर के मारे 13 अप्रैल को शाम के समय ने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। संध्या की शिकायत पर 3 लोगों वेद प्रकाश, महेंद्र सिंह और सुरेंद्र के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
दो मामलों में 11 बोतल एवं 41 पव्वे देसी शराब बरामद
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कनीना। कनीना पुलिस ने दो अलग अलग मामलों में दो लोगों से 11 बोतल एवं 41 पव्वे देशी शराब बरामद की। मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने मुखबिरी के आधार पर आर्य समाज मंदिर कनीना के पास दुकान पर छापामारी कर 11 बोतल अवैध शराब देसी बरामद की है। मुखबिरी के आधार पर सूचना मिली की आर्य समाज मंदिर के पास एक दुकान पर शराब बेची जा रही है। पुलिस ने छापामारी की एक व्यक्ति पुरुषोत्तम दुकान में देसी शराब बेच रहा था तथा तख्त के के नीचे उन्होंने पेटी शराब की रख रखी थी। पुलिस ने पेटी को चेक किया तो उसमें 11 बोतल देसी शराब बरामद की। पुलिस ने आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
दूसरी तरफ भोजावास से मुखबिरी के आधार पर 41 पव्वा देसी शराब बरामद किए हैं। पुलिस को सूचना मिली कि भोजावास में अपने घर के सामने गली में एक व्यक्ति शराब बेच रहा है। पुलिस ने छापामारी कर की तो भोजावास में बताए गए स्थान पर देवेंद्र नामक व्यक्ति तेज कदमों से चलने लगा। उसे काबू कर लिया तथा उनके पास प्लास्टिक का थैला चेक किया तो उसमें 41 पव्वा देशी शराब बरामद की। आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
बार प्रधान ने किया स्टोर का उद्घाटन
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कनीना। कनीना में पूर्व सीपीएस अनीता रोड पर हर हित जनरल स्टोर का उद्घाटन हुआ । जिसके मुख्य अतिथि के रूप में बार एसोसिएशन कनीना के प्रधान दीपक चौधरी पहुंचे। उन्होंने रिबन काटकर जनरल स्टोर का उद्घाटन किया। उनके साथ बार एसोसिएशन के सचिव सुनील राव ककराला व मार्केटिंग सोसायटी के चेयरमैन वीरेंद्र दीक्षित भी उनके साथ मौजूद रहे । हर हित जनरल स्टोर के संचालक गजराज व अमित ने बताया कि यह जर्नल स्टोर पर घरेलू सामान उचित रेट पर उपलब्ध है। इस मौके पर रामेश्वर दयाल, राजकुमार, अंकित, रिंकू आदि मौजूद थे।
याद आने लगी है गर्मियों का टानिक राबड़ी
-आय का साधन भी बनी है राबड़ी
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कनीना। गर्मी आते ही किसानों को राबड़ी याद आने लगी है। खेतों में काम करते वक्त इसका लुत्फ उठाते हैं। ग्रामीण लोगों का बेहतर टानिक राबड़ी होती है जो जौ के आटे से बनाकर छाछ में मिलाकर खाई जाती है। राबड़ी पिलाकर रोटी रोजी भी कमाने लगे हैं।
जहां अमीर घरानों के लोग कुलफी, आइसक्रीम और ठंडे पीकर अपने शरीर की गर्मी को दूर करते हैं और गर्मी से बचते हैं वहीं ग्रामीण लोग राबड़ी का जमकर उपयोग करते हैं जो उन्हें गर्मी से तो बचाता ही है साथ में एक स्वास्थ्यवर्धक टानिक का काम करती है। रात के समय बनाकर रखी हुई राबड़ी को किसान हो या ग्रामीण दिनभर उपभोग करते हैं और भीषण गर्मी में राहत महसूस करते हैं।
राबड़ी को बुजुर्ग चाव से खाते हैं किंतु युवा पीढ़ी ठंडों की ओर आकर्षित होती है। युवा पीढ़ी राबड़ी कम प्रयोग करते हैं परंतु गरीबों और किसानों का हमदर्द टानिक एवं पेय है। किसानों का कहना है कि जब राबड़ी ही जौ के आटे से तैयार हो जाती है और सस्ती भी पड़ती है तो फिर क्यों न प्रयोग की जाए।
बिक्री भी होने लगी है-
ग्रामीण परिवेश में तो राबड़ी को बेचने लगे हैं ताकि अपनी रोटी रोजी कमा सके। ग्रामीण लोगों के खाने में राबड़ी का समावेश जरूरी होता है। अब राबड़ी बनाने के पदार्थ और यहां तक कि छाछ भी ग्रामीण परिवेश में बिकने लगा है। राबड़ी को बनाकर पांच से दस रुपये प्रति गिलास बेचने का काम भी जोरों पर है। राबड़ी बेचने वाले एक व्यक्ति भानू का कहना है कि वो राबड़ी के बल पर प्रतिदिन एक सौ से 200 रुपये तक कमा लेते हैं।
राबड़ी के निर्माण में जौ की घाट, नमक,छाछ, प्याज आदि की जरूरत होती है। राबड़ी बनाने के लिए ज्यादा बेहतर जौ का आटा है परंतु आजकल बाजरे के आटे से भी लोग राबड़ी बनाने लगे हैं क्योंकि जौ का आटा बहुत कम मिलता है। हांडी में जौ का आटा छाछ में घोलकर धीमी आंच पर पकाते हैं। इसके अंदर प्याज व बाजरा के कुछ दाने ,चने की कुछ दाल भी डाल देते हैं। लंबे समय तक आंच पर पकने के बाद इसे आग से उतारकर रख देते हैं। वैद्य बालकिशन करीरा का कहना राबड़ी लू लगने से बचाती है। बासी रोटी एवं छाछ खाना उच्च रक्तचाप से बचाने का साधन है। योगाचार्य मांगेराम शर्मा तो गर्मी के दिनों में राबड़ी पीने पर बल देते हैं। वे इसे प्राकृतिक ठंडाई बताते हुए गाय की लस्सी में इसका सेवन करने की सलाह देते हैं।
फोटो कैप्शन 2: राबड़ी का सेवन करते हुए बच्चे।
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