Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Monday, February 20, 2023

 
तांत्रिक क्रिया को देख पुलिस को किया सूचित
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव चेलावास में रात्रि के समय श्मशान घाट में तांत्रिक क्रिया करने का मामला प्रकाश में आया है। जिस पर ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन से संबंधित आरोपियों का पता लगाकर कार्रवाई करने की मांग की गई है। ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव के श्मशान घाट में रात्रि करीब 8:30 बजे आग की तेज लपटे जलती हुई दिखाई दी। जिसकी सूचना गांव में आग की तरह फैल गई व गांव के अनेक मौजिजान लोग मौके पर पहुंचे। श्मशान घाट की तरफ लोगों को आता देख आरोपित अपनी गाडिय़ों को लेकर मौके से फरार हो गए। जिसके संबंध में पुलिस को सूचना देने के बाद पुलिस की टीम भी रात्रि को मौके पर पहुंच गई।
दादा ठाकुर मंदिर कमेटी के प्रधान विनोद गुड्डू चौधरी, उपप्रधान सुनील कालिया, कृष्ण पहलवान, मास्टर ओमप्रकाश शर्मा, कृष्ण, बलवान सिंह सहित अन्य लोगों ने बताया कि गांव के श्मशान घाट में रात्रि के समय तांत्रिक क्रिया की गई है। लोगों को मौके पर आट्टे से बनाया गया एक बच्चे का एक आधा जला हुआ पुतला भी बरामद हुआ है। जिसके बाद से लोगों में भारी हड़कम मचा हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि आरोपितों के पास दो गाडिय़ां थी जो ग्रामीणों को श्मशान घाट की तरफ आता देखकर मौके से अपनी गाडिय़ों में सवार होकर फरार हो गए। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंची पुलिस टीम से इस प्रकार के आरोपियों का पता लगाकर कार्रवाई करने की मांग की है।










होलिका दहन 7 मार्च को ही शुभ- ऋषिराज
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कनीना की आवाज। शीतिकंठ ज्योतिष केंद्र कनीना के ज्योतिषाचार्य ऋषिराज ने बताया कि होलिका  दहन का पर्व सात मार्च को शाम 6 बजकर 9 मिनट से पहले बेहतर होगा। होलिका का पर्व पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार पूर्णिमा तिथि 6 और सात 7 मार्च दोनों दिन पड़ रही है।  लेकिन उदया तिथि 7 मार्च को है। ऐसे में होली का पर्व 7 मार्च को ही मनाया जाएगा।
  उन्होंने बताया कि पूर्णिमा तिथि 6 मार्च को शाम 4:17 बजे से शुरू होगी तथा 7 मार्च की संध्या 6:09 बजे पर समाप्त होगी। होली का पर्व पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है इसलिए सूर्योदय समय पूर्णिमा तिथि 7 मार्च को ही पड़ेगी। सूर्योदय समय, उदया तिथि का पर्व मान्य होता है। उन्होंने बताया कि 6 मार्च को शाम 4:19 से भद्राकाल शुरू होगा क्योंकि सात मार्च प्रात: 5:17 बजे पर समाप्त होगा। उनके अनुसार पूर्णिमा तिथि वाली भद्रा रात्रि में शुभ होती है केवल दिन के समय अशुभ होती है। वैसे भी 6 मार्च को चंद्रमा सिंह राशि में होने से भद्रा मृत्यु लोक में रहेगी जो अशुभ मानी जाती है। ऐसे में उन्होंने कहा कि 7 मार्च को होलिका दहन सबसे शुभ समय है।
दहन का समय-
 उन्होंने बताया होलिका दहन शाम चार बजकर 49 मिनट से शुरू होकर शाम 6:09 बजे तक रहेगा। इस समय में होलिका दहन किया जाना चाहिए। अत: 7 मार्च को होलिका दहन का सही समय शाम 4:49 से शाम 6:09 तक किया जाना शुभ माना जाएगा।
फोटो कैप्शन 12: कनीना का होली स्थल जहां होली दहन की तैयारी
साथ में ऋषिराज ज्योतिषाचार्य







राजा वाली बणी करीरा में आयोजित हुआ मेला
-आयोजित हुई खेलकूद प्रतियोगिताएं
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव करीरा में राजा वाली बणी में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हनुमान जी का मेला आयोजित हुआ। इस मौके पर खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की गई वही विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।
 विस्तृत जानकारी देते हुए महिला सरपंच सपना यादव ने बताया कि करीरा की राजा वाली बणी  पुराने समय से प्रसिद्ध है। यहां हनुमान जी का हर वर्ष भंडारा आयोजित होता है। इस अवसर पर विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई जिनमें कबड्डी की बच्चों की टीम में चेलावास प्रथम स्थान पर रही वहीं करीरा की टीम द्वितीय स्थान पर रही। लोग कबड्डी में प्रथम मोहरखी की टीम तथा दूसरे स्थान पर कन्होरी की टीम रही जिसमें प्रथम पुरस्कार 31 हजार तथा दूसरा पुरस्कार 21 हजार का दिया। इस अवसर पर समाजसेवी अजय, जय सिंह, विनोद, हवा सिंह तथा विभिन्न लोगों ने अव्वल रही टीम के कप्तान को पुरस्कृत किया।
फोटो कैप्शन 11: बच्चों की अव्वल रही टीम के कप्तान को पुरस्कृत करते हुए।







प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत  ब्लॉक स्तरीय ट्रेनिग का हुआ आयोजन
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कनीना की आवाज। सोमवार को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत कन्हाजी प्ले स्कूल में ब्लॉक स्तरीय ट्रेनिग का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता सीडीपीओ ने की। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी, सुपरवाइजर, आंगनबाडी वर्कर, हेल्पर, स्वास्थ्य विभाग से आशा वर्कर ने ट्रेनिग में भाग लिया। ट्रेनिंग में मुख्य ट्रेनर दिनेश जिला समन्वयक प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना रहे। ट्रेनर दिनेश कुमार जिला समन्वयक प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला एक मातृत्व लाभ योजना है, जिसके तहत महिलाओं की आर्थिक मदद की जाती है। गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को तीन आसान किश्तों में 5000 रुपये की मदद प्रदान की जाती है। विशेष मातृ और बाल स्वास्थ्य से जुड़ी आवश्यकता को पूरा करने के लिए परिवार के पहले जीवित बच्चे के लिए प्रोत्साहन स्वरूप यह राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ नियमित रूप से कर्मचारी हैं या जो किसी भी कानून के तहत समान लाभ प्राप्त कर रही हैं उन सभी को छोड़कर सभी गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को इस योजना का लाभ दिया जाता है। उन्होंने स्कीम के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि स्कीम का लाभ लेने के लिए लाभार्थी के लिए गर्भावस्था की तारीख को उसकी अंतिम मासिक धर्म तारीख को ध्यान में रख कर गिना जाता है। योजना के तहत मातृत्व लाभ प्राप्त करने की योग्य महिलाओं को योजना के लिए आंगनबाड़ी केंद्र या एक ऐसे सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। जो भी उस विशेष राज्य के लिए कार्य करता है। रजिस्ट्रेशन अंतिम मासिक धर्म के 150 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। डब्लू सीडीपीओ सरला यादव ने कहा कि सर्वे के दौरान आंगनबाडी वर्कर, हेल्पर अवश्य ध्यान दें की कोई भी लाभार्थी स्कीम से वंचित न रह जाएं। उन्होंने कहा कि विभाग के निर्देशानुसार आंगनबाडी वर्कर व हेल्पर विभाग द्वारा चलाई जा रही स्कीम का प्रचार अवश्य करें। उन्होंने उपस्थित कर्मचारियों से अपील की कि वे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कार्य करें। इस अवसर पर सुभाष जिला समन्वयक प्ले स्कूल, पिंकी, पुष्पा, कुसुम, जितेंद्र क्लर्क, विपिन, अजीत,  विनय, पूनम, अनीता, मंजू, जागौ देवी, सुमन देवी, सहित 200 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुपरवाइजर मौजूद रही।
फोटो कैप्शन 4: ट्रेनिंग की फोटो साथ है







कनीना नगरपालिका का कूड़ा उठाने वाला वाहन हुआ खराब
-जगह.जगह लगे कूड़े के ढेर, नहीं खरीदे जा रहे नये वाहन, न ही ठीक करवाया जा रहा- पालिका प्रधान
-ऊंटगाड़ी से भी ढोया जाता है कूड़ा कचरा
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कनीना की आवाज। कहने को तो कनीना सिटी रेस्पांसिबल टाइटल से जाना जाता है किंतु  विभिन्न वार्डों से कूड़ा कचरा उठाने के लिए दो ऊंट गाडिय़ां, तीन ट्रैक्टर ट्राली तथा दो टेंपो की व्यवस्था की गई है किंतु दोनों टेंपो विगत करीब दो माह से खराब हो जाने के कारण अब कनीना कस्बा में नियमित रूप से सफाई नहीं हो रही है। विभिन्न स्थानों पर कूड़े के ढेर लगे हुए
हैं जहां सूअर मंडराते रहते हैं। कस्बा वासी परेशान हैं।  जब हर गली में वाहन आते थे जिनमें लोग घरों में रखे हुए कूड़े कचरे को डाल देते थे किंतु अब वाहन आना बंद हो गए जिसके चलते घरों में कूड़ा रखे लोग वाहनों के आने का इंतजार कर रहे हैं। कस्बा में विभिन्न स्थानों पर लगे डस्टबिन भर जाते हैं और कूड़े के ढेर लगे देखे गए। पालिका द्वारा कूड़ा उठाने की व्यवस्था के लिए इन दोनों गाडिय़ों को ठीक करवाना बहुत जरूरी है किंतु न तो ठीक करवाया जा रहा है और  न ही नई गाडिय़ां खरीदी जा रही है इसके चलते लोग परेशान हो चले हैं।
डस्ट बिनों से बाहर पड़ा मिलता है कूड़ा-
नगरपालिका कनीना द्वारा कस्बा के विभिन्न स्थानों पर कूड़ा जमा करने के लिए डस्टबिन लगे हें जहां लोग कूड़ा डाल सकते हैं। इन कूड़ा पात्रों के बाहर भारी मात्रा में कूड़ा पड़ा मिलता है। मुख्य मार्ग भी अछूता नहीं है। कनीनावासियों की मांग है कि सफाई नियमित करवा सभी वार्डों में टेंपो भेजा जाए, नये वाहन खरीदे जाएं।
ऊंटगाडिय़ां भी करती हैं मदद-
कनीना पालिका के तहत दो कर्मी ऐसे भी कार्यरत हैं जो अपनी ऊंटगाड़ी से कूड़ा उठाकर दूर डालकर आते हैं। ऊंटगाडिय़ां ऊंटों सहित कर्मी की हैं तथा उन्हें निश्चित वेतन पर रखा गया है। दो ऊंटगाडिय़ों के मालिकों को लंबे समय से डीसी रेट अर्थात दोनों को 49452 रुपये दिये जाते हैं।
37 कर्मी कार्यरत-
कनीना पालिका में 24 कर्मी पालिका रोल, 12 आउटसोर्सिंग तथा एक कर्मी नियमित आधार पर कार्यरत हैं। ट्रैक्टर चालकों को वेतन दिया जाता है तथा वाहनों का तेल नगरपालिका वहन करती है। करीब 30 से 35 हजार रुपये ट्रालियों का तेल का खर्चा आ जाता है।
क्या कहते हैं विधायक अटेली-
विधायक अटेली सीताराम ने कहा कि यह मामला पालिका प्रधान का है। अगर फिर भी कोई समस्या है तो मैं एसडीएम से बात करूंगा।
क्या कहते पालिका प्रधान सतीश जेलदार-
पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि दो कूड़ा उठाने वाले वाहन खराब हो गए हैं जिनको ठीक करवाने के लिए उन्होंने बार-बार बोला है किंतु प्रशासन एवं अधिकारियों द्वारा उनको ठीक नहीं करवाया जा रहा जिसके चलते कस्बा वासी परेशान हैं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा तो नये वाहन खरीदने के आदेश दिए हुए किंतु वाहन नहीं खरीदे जा रहे और पुराने खराब हुए वाहनों को ठीक भी नहीं करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया आजकल सीधे वाहन खरीदने का अधिकार नहीं रहा है।
फोटो कैप्शन 5: नगरपालिका में खड़ी हुई है कूड़ा उठाने वाली खराब गाड़ी।
    8: ऊंटगाड़ी से कूड़ा उठाते कर्मी
    9: सिटी रेस्पोंसिबल के नाम से जाना जाता है कनीना
   10: कूड़े के ढेर, साथ में सतीश जेलदार






आरआरसीएम में किया विद्यार्थियों को सम्मानित
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कनीना की आवाज। आरआरसीएम पब्लिक स्कूल, कनीना में आज अभिज्ञान दा मेगा ओलिंपियाड परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले  विद्यार्थियों के सम्मान में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि डॉ. राकेश कुमार, जिला प्रमुख, महेन्द्रगढ़ व विशिष्ट अतिथि पूर्व चेयरमैन विकास कुमार नगरपालिका, अटेली रहे।
 इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों ने विभिन्न रोचक व मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। मुख्य अतिथि डॉ. राकेश कुमार, जिला प्रमुख, महेन्द्रगढ़ ने अपने संबोधन में कहा कि महेन्द्रगढ़ जिला शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा राज्य में सबसे अग्रणी है तथा महेन्द्रगढ़ जिले में कनीना क़स्बा भी अब शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बना चुका है।  शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए यहां की शिक्षण संस्थाओं ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है जिसके परिणाम स्वरूप महेन्द्रगढ़ जिले में कनीना क़स्बा शिक्षा के एक विशेष केंद्र के रूप में विकसित हुआ है। विशिष्ट अतिथि पूर्व चेयरमैन विकास कुमार नगरपालिका, अटेली ने बताया कि शिक्षक एक अच्छा मार्गदर्शक होता है वह विद्यार्थियों को अच्छे कार्यों के लिए प्रेरित करता है तथा उन्हें अच्छे संस्कारों की शिक्षा देकर अपनी संस्कृति से अवगत करता है इसलिए बालक के विकास में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कार्यक्रम में  अभिज्ञान दा मेगा ओलिंपियाड परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को नकद पुरस्कार राशि व मैडल देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर चेयरमैन रोशन लाल यादव ने बताया कि शिक्षा जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है। शिक्षा ही संस्कारों की जननी है। शिक्षा से व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ उसके व्यवहार में भी सकारात्मक परिवर्तन आते है।  इस मौके पर सज्जन सिंह बोहरा कनीना, कमल यादव जी पार्षद वार्ड -4 कनीना, बलवान सिंह कनीना, राजकुमार चेयरमैन मार्केट कमेटी कनीना, ओमप्रकाश साहब कनीना , मुकेश शर्मा कनीना, दिनेश कुमार कनीना , अरुण कुमार राजपुरा आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 7: आरआरसीएम में विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए।







बहाला की टीम रही विजयी
-विजयी टीम को किया सम्मानित
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कनीना की आवाज। गांव तलवाना में चल रही चार दिवसीय एक पंचायत क्रिकेट प्रतियोगिता का समापन हो गया। प्रतियोगिता में कुल 12 टीमों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता का फाइनल मैच तलवाना एवं बहाला की टीमों के बीच हुआ। रोमांचक मुकाबले में बहाला की टीम ने विजय हासिल कर प्रतियोगिता को अपने नाम किया।
   समापन समारोह के अवसर पर ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचकर विजेता टीमों को पुरस्कार वितरित किए। खिलाडिय़ों को सम्बोधित करते हुए अतरलाल ने कहा कि खुशहाली और तरक्की के लिए तीन चीजें आवश्यक है खेल, शिक्षा और रोजगार। उन्होंने खेलों को मानव का नैसर्गिक गुण बताते हुए युवाओं से खेलों में बढ़-चढ़ कर भाग लेने की अपील की। उन्होंने शानदार खेल प्रतियोगिता आयोजन करने के लिए सभी ग्रामवासियों तथा खेल कमेटी को बधाई देते हुए उन्हें आश्वासत किया कि इलाके के खिलाडिय़ों को किसी भी तरह की कमी नहीं रहने दी जाएगी। दफेदार औमपाल सिंह, नम्बरदार छत्रपाल सिंह, खेड़ी के सरपंच पंकज हिन्दू, करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ओम तंवर ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए अतरलाल को युवाओं के हकों के लिए लडऩे वाला अनथक योद्धा बताया। उन्होंने शानदार प्रदर्शन के लिए खिलाडिय़ों को बधाई दी। इस अवसर पर ठाकुर सुगन सिंह, सूबेदार जगबीर सिंह, मैनपाल सिंह, देशराज सिंह, अनुपाल सिंह, मा. सुनील शर्मा, शिवचरण सिंह, विजयपाल सिंह, जीतू फौजी, रवि फौजी, संदीप फौजी, कालूराम, जोनी, आकाश, धोलू, साहिल, प्र्रीतम, चंकी, विनय, अर्जुन, विष्णु, राहुल, अंकुश तंवर, महिपाल साहब, औमबीर प्रधान, बलजीत साहब सहित सैकड़ों ग्रामीण एवं खिलाड़ी उपस्थित थे।
 फोटो कैप्शन 6: तलवाना में चल रही क्रिकेट प्रतियोगिता के समापन के अवसर पर खिलाडिय़ों को सम्मानित करते हुए ठाकुर अतरलाल एडवोकेट।








सट्टा खाई वाला करता एक गिरफ्तार
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कनीना की आवाज। कनीना पुलिस को मुखबिरी के आधार पर सूचना मिली की कनीना मंडी टी-प्वाइंट पर एक दुकान में कुर्सी डालकर अपने मोबाइल से एक व्यक्ति पैसे दाव पर लगाकर सट्टा खाई वाला कर रहा है।
 पुलिस ने मंडी टी-प्वाइंट पर रेड की तो एक व्यक्ति को फलों की दुकान पर कुर्सी पर बैठा पाया जो व्हाट्सएप पर जी- सोनू 70-30 पर लोगों का पैसा लगाकर जुआ खिलाता पाया गया। पुलिस ने सोनू से ओप्पो -5 नीले रंग का बरामद किया है। सोनू सरेआम, नंबरों पर पैसे दाव पर लगाकर सट्टा खाई वाला कराता मिला है जिसके  विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।






दीवारों पर प्राकृतिक तस्वीरें छपवा कर रहा है लोगों को जागरूक
-प्रकृति को बचाना सर्वश्रेष्ठ कार्य-गगेंद्र
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव सीहोर में गगेंद्र नामक युवक ने अपने घर की दीवारों पर प्राकृतिक दृश्य छपवाकर लोगों को प्रकृति बचाने की प्रेरणा देने का प्रयास किया है। उनका कहना है कि  अगर सैकड़ों दीवारों पर ऐसे मनोरम चित्र हों, पूरे चांद की धवल चांदनी हो,तो निश्चित ही युवा पीढ़ी में प्रकृति बचाने की सकारात्मक सोच पैदा होगी। यह उनकी शुरुआत है तथा अब वे विभिन्न लोगों को ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनका कहना है कि सीहोर गांव में अगर इस प्रकार की पहल हो जाए तो सीहोर को एक अनोखा गांव बन जाएगा। यह सोच उनकी अपनी है।
इस काम का उद्देश्य न सिर्फ  सुशोभित करने का है बल्कि प्रकृति ,पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना भी है। गगेंद्र का कहना है किआज इंसान प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहा है पर जब प्रकृति खिलवाड़ करती है तो ये सब सहन से परे होता है।
 वे ग्रामीणों को प्रकृति बचाने की प्रेरणा देने लगे हैं।  उनका साथ बाबू गौतम दे रहे हैं। वे मिलकर इस पहल को आगे बढ़ाएंगे तथा दीवारों पर वन, उपवन, पक्षी, पहाड़, नदी और झरने की पेंटिंग करवाएंगे। उनका मानना है कि सभी की दीवारों पर ऐसा मनोरम दृश्य हो तो एक अलग दुनिया में अपने आप को महसूस करेंगे।
बाबू गौतम एक लेखक हैं, उनके जीवन की यात्रा अनुभवों से भरी है। एक कस्टम ऑफिसर से फिल्मकार और फिर एक लेखक। उनका मानना है कि मन की कोमल भावनाओं के मुखर होने से ही समाज में बड़ा बदलाव आएगा, और उसके लिए कला का जन जीवन में समाना जरूरी है।
अब वे घर घर जाकर हर इंसान को इस प्रकार के दृश्यों को दीवारों पर उकेरने तथा प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधनों को बचाने की प्रेरणा को आगे बढ़ाएंगे। उन्हें आशा है कि एक दिन उनका गांव सीहोर बदलकर एक नये अंदाज में नजर आएगा जिसे देखने के लिए लोग आएंगे और मुहिम कामयाब हो जाएगी। प्रकृति का विनाश बचेगा।
फोटो कैप्शन 3: सीहोर में प्रकृति कर छठा उकेरी हुई दीवारों के साथ गगेंद्र एवं बाबू गौतम




किसान केंचुआ खाद से पैदा करने लगे खेती
-30 हजार किसानों में से महज 12 किसान जुटे हैं
-जलवायु सखी योजना दे रही वर्मी कंपोस्टिंग को बढ़ावा

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कनीना की आवाज। किसानों का परंपरागत खाद एवं उर्वरकों से मन ऊबने लगा है। पर्यावरण को बचाने के लिए तथा स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए वर्मी कंपोस्टिंग (केंचुआ खाद) की ओर रुझान बढऩे लगा है। कनीना खंड कृषि अधिकारी कार्यालय के तहत 50 गांवों में करीब 30 हजार किसान हैं तथा वर्तमान में 29 हजार हेक्टेयर पर फसल उगा रहे हैं किंतु महज एक दर्जन किसान ही वर्मी कंपोस्ट खाद से सब्जी एवं फसल उगा रहे हैैं।
  लगातार खेतों में विभिन्न प्रकार के उर्वरक एवं रासायनिक पदार्थ डालकर सब्जी एवं अन्न पर्यावरण एवं सेहत बिगाड़ रहा है। जागरूक किसान वर्मी कंपोस्ट की ओर बढऩे लगे हैं।
  कनीना खंड के यूं तो कई किसान केंचुआ खाद तैयार करने लगे हैं जिनमें गांव करीरा के महाबीर सिंह, ढ़ाणा के अजीत कुमार, कनीना के राजेंद्र सिंह व सूबे सिंह, मोड़ी के गजराज सिंह तथा भोजावास की गौशाला एवं कई अन्य किसान वर्मी कंपोस्ट की ओर बढे थे किंतु अब रुझान कम हो गया।  लगातार कीटनाशक एवं उर्वरकों के प्रयोग से कैंसर जैसी बीमारी घर करने लगी है। इनके दुष्प्रभावों से बचने के लिए केंचुआ खाद प्रयोग करने लगे हैं।
 जलवायु सखी के तहत दस किसान-
किसानों का रुझान वर्मी कंपोस्ट से खेती की ओर बढ़ाने के लिए एनजीओ जलवायु सखी ऐंड पावर्टी ने दस महिला किसानों को कांता मोड़ी, रेखा मोड़ी, निशा मोड़ी, सुनील देवी, दीपिका, सविता भोजावास, स्नेहलता, रविना, शर्मिला एवं उषा गोमला को प्रोत्साहित कर वर्मी कंपोस्ट तैयार कर कृषि करने के लिए जागरूक किया है। दूसरे चरण में 30 अन्य किसानों को शामिल किया गया है।
कौन हैं शामिल प्रोजेक्ट में-
इस प्रोजेक्ट में सुभम प्रजापति प्रोजेक्ट मैनेजर, पवित्रा एवं दीपक क्लस्टर कोर्डिनेटर हैं जो किसानों को विभिन्न प्रकार से केंचुआ पालने व उनका खाद प्रयोग करने पर बल दे रहे हैं।
पवित्रा क्लस्टर कार्डिनेटर ने बताया कि प्रथम चरण के दस किसानों को वर्मी कंपोस्टिंग, अजोला घास, 50-50 पौधे ग्राफ्टिड फ्रूट प्लांट, ड्रिप सिंचाई संयत्र प्रदान किये हैं तथा जलवायु परिवर्तन विषय को लेकर काम किया जा रहा है। अभी और किसानों को जोड़ा जाएगा।
मनोज कुमार सुंदराह ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट से वे सब्जी उगा रहे हैं जिनके बेहतर भाव आर्गेनिक सब्जी के रूप में मिलते हैं किंतु पैदावार कम होती है। इससे सेहत को लाभ होता है। हर किसान को अपनाना चाहिए।
कांता देवी मोड़ी की किसान ने बताया कि जलवायु परिवर्तन योजना के चलते वे खेती तथा सब्जी केंचुआ खाद से करने लगी हैं। बेशक पैदावार कम हो किंतु अन्न एवं सब्जी का स्वाद निराला होता है।
पूर्व कृषि विशेषज्ञा डा देवराज ने बताया कि सीधे ही वर्मी कंपोस्ट काम नहीं करेगा अपितु हर वर्ष 25 प्रतिशत उर्वरक एवं कीटनाशी कम प्रयोग करते हुए चार-पांच वर्ष बाद खेत में केंचुआ पैदा होगा और आर्गेनिक खेती तैयार होने लगेगी। पैदावार घटेगी जिससे घबराना नहीं चाहिए।
फोटो कैप्शन मनोज सुंदराह, कांता देवी, पवित्रा, डा देवराज।
फोटो कैप्शन 02: सुंदराह का किसान वर्मी कंपोस्ट से सब्जी उगाकर दिखाते हुए।



चने के हरे पौधे भी दुकानों पर रहे हैं बिक
-होला,चटनी आदि बनाते हैं लोग
-कनीना क्षेत्र में किसी किसान ने भी नहीं उगाया चना
संवाद सहयोगी कनीना। किसान जौ एवं चने की खेती करना भूलते जा रहे हैं। गर्मियों के मौसम में चने के भुगड़े बनाते थे और चाव से खाते थे। अब तो चने के हरे पेड़ भी हर सब्जी की दुकान पर बिक रहे हैं।
  करीब 30 वर्ष पूर्व जब कनीना क्षेत्र में हजारों एकड़  में जौ एवं चने की खेती की जाती थी। अब वो जौ कहीं दूसरे राज्यों से ही मंगवाएं जा रहे हैं। चने की पैदावार ही नहीं होने से किसानों ने इसकी खेती छोड़ दी है। अब इक्का दुक्का किसान ही अपने खेत में उगाता है।  
  किसान कृष्ण, रोहित, मनोज, दिनेश, महेंद्र आदि ने बताया कि एक वक्त था जब हर घर में जौ एवं चने की खेती की जाती थी जिसे पूरी गर्मी आनंद से रोटी एवं अन्य रूपों में प्रयोग किया जाता था। अब जमाना लद गया है।  जौ-चने की रोटी खाने के लिए या फिर धानी एवं भुगड़ा बनवाने के लिए दूसरे क्षेत्रों से जौ खरीदकर लाते हैं। कनीना क्षेत्र में कोई चना नहीं उगाया है। हरा चना भी राजस्थान से लेकर आते हैं।
हरे चने भी बिकने लगे---
 चने की खेती न होने से चने के रहे पेड़ भी बिकने लग गए हैं। चने के पेड़ों पर लगी टाट से हरे चने निकाल कर जहां हरी सब्जियां बनाते हैं वही चटनी आदि के काम में भी लेते हैं। यही कारण है कि हरे चनों की मांग बढ़ती जा रही है और कुछ व्यक्ति विशेष तो हरे चनों से अपनी रोटी रोजी कमा रहे हैं। कुछ लोग तो गाडिय़ां भर कर चने लाते हैं और उन्हें बेचते हैं। मिली जानकारी अनुसार नांगल चौधरी तथा राजस्थान क्षेत्रों से भारी मात्रा में हरे चने लाए जा रहे हैं और यह पौधे युक्त चने बाजार में बेचे जा रहे हैं।
क्या कहते हैं खंड कृषि अधिकारी-
खंड कृषि अधिकारी कनीना का कहना है कि या तो बरानी खेती चने की होती है या फिर मीठे पानी की जरूरत होती है। नहरों के जल से तो चना पैदा किया जा सकता है। क्षेत्र का जल तेलिये होने से चने नहीं हो पा रहे हैं।

 

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