Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Friday, December 31, 2021


 
स्वर्ण स्वर भारत प्रतियोगिता मुंबई में कनीना का आकाश शर्मा देगा अपनी प्रस्तुति
-भारत के 20 चुने हुए बच्चे आजादी के अमृत महोत्सव पर देंगे अपनी प्रस्तुति
-धार्मिक गीतों और आध्यात्मिक गीतों पर आधारित देश का होगा सबसे बड़ा रियलिटी शो
-कनीना की आवाज सुनाई देगी 173 देशों में
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 कनीना। कनीना में जन्मे तथा बड़े हुए 22 वर्षीय आकाश शर्मा 22 जनवरी 2022 जी-टीवी और जी-अनमोल पर रात्रि 8 बजे  प्रति सप्ताह शनिवार एवं रविवार को 1 घंटे का प्रसरित होने वाले आजादी के अमृत महोत्सव में प्रस्तुति देगा। यह भारत का सबसे बड़ा रियलिटी शो होगा जिसे 173 देशों में प्रसारित किया जाएगा। संगीत आडिशन के दौरान आकाश शर्मा मुंबई के लता स्टूडियो में पहुंचे और एक गीत डबिंग किया। भारत के 20 बच्चों में से आकाश शर्मा एक है तथा हरियाणा से अकेले युवक है। 11 जनवरी 2022 को वे 22 वर्ष हो जाएंगे तथा अपना 22वां जन्म दिन भी मुंबई में ही मनाएगा। कनीना की आवाज 173 देशों में सुनाई पड़ेगी। बचपन से अब तक राज्यपाल से सम्मानित तथा संगीत के क्षेत्र में 170 अवार्ड मिल चुके हैं।
 कनीना के गीता विद्या मंदिर, आरआरसीएम तथा आरपीएस महेंद्रगढ़ में से शिक्षा लेकर दिल्ली के रामजस कालेज से संगीत में स्नातक की परीक्षा पास करने के पश्चात तत्पश्चात संगीत में स्नातकोत्तर दिल्ली विश्वविद्यालय से कर रहे हैं। पहले भी इंडियन आइडल जूनियर में वर्ष 2013 में अपना जौहर दिखा चुके हैं जिनका पूरे भारत में टॉप-7 में नाम रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव पर प्रसारित होने वाला देश का सबसे बड़ा रियलिटी शो में जहां  भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्वर कोकिला लता मंगेशकर सुप्रसिद्ध स्टार अमिताभ बच्चन की भी आवाज सुनाई देगी। चारों धामों देश पर की यात्रा पर आधारित भजन प्रसारित होगा जो सिद्ध करता है कि कभी भारत का भारत सोने की चिडिय़ा के रूप में विख्यात रहा है। रियल्टी शो में सुप्रसिद्ध गायक सुरेश वाडेकर पदम श्री, पदम श्री कैलाश खेर, डा कुमार विश्वास राष्ट्रीय कवि जज की भूमिका में होंगे तथा रवि किशन सांसद उत्तर प्रदेश एंकरिंग करेंगे। 26 सप्ताह तक चलने वालें इस कार्यक्रम के 52 एपीसोड होंगे तथा सभी  एपीसोड में आकाश शर्मा नजर आएंगे।
उल्लेखनीय है कि कनीना के बस स्टैंड पर आकाश के पिता शिवकुमार महज एक रेहड़ी पर केले बेचते हैं जिनका संगीत के क्षेत्र में बहुत लगाव रहा है। वे भी अच्छे गायकों में से एक है तथा संगीत के लिए विभिन्न संस्थाओं में प्रशिक्षण देते रहे हैं।
 क्या कहते शिवकुमार शर्मा-
आकाश शर्मा के पिता शिव कुमार का कहना है कि उनका बच्चा आकाश शर्मा बचपन से ही संगीत से लगाव रखता है। कृष्ण भक्ति में लीन रहने के कारण हमेशा पोशाक भी कृष्ण भक्त जैसी पहनते हैं और भक्त के रूप में अक्सर देखने को मिलते हैं। यहां तक कि ऑडिशन में भी उन्होंने एक भक्त की पोशाक पहन रखी है। उन्होंने बताया कि जो कुछ पैसे कमाता है अधिकांश अपने बच्चे पर खर्च करता है।
फोटो कैप्शन 01: आडिशन देता एवं
गीत डबिंग कराता आकाश शर्मा
फोटो 2: चुने गए देश के 20 बच्चे
फोटो 3 एवं 4: एक भक्त के रूप में स्टूडियो में आकाश शर्मा







इंस्पायर अवार्ड के लिए चयनित महक को सम्मानित किया
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कनीना। राजकीय कन्या हाई स्कूल कनीना में विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित इंस्पायर मानक योजना के तहत  छात्रा महक कक्षा 8व्री द्वारा बनाये गए। इमरजेंसी ऑक्सीजन डिवाइस माडल को इंस्पायर अवार्ड हेतु चयनित किया गया।
इस अवसर पर संस्था कि बायोलॉजी प्रवक्ता डॉ मंजू यादव ने बताया कि  वर्तमान युग विज्ञान एवं तकनीकी का युग है। बालकों में  विद्यालय स्तर पर ही विज्ञान के प्रति रुचि उत्पन्न करने के लिए विद्यालय में लैब की सुविधा है। इस लैब में आधुनिक तकनीक व विज्ञान पर आधारित परियोजनाओं पर कार्य किया जाता है  और विद्यार्थियों को इस हेतु प्रेरित किया जाता है।
इस अवसर पर संस्था के मुख्य अध्यापक विजय प्रकाश ने बताया कि विद्यालय में आधुनिक लैब है जिसमें बालक प्रायोगिक गतिविधियों के माध्यम से अनेक प्रोजेक्ट्स बनाते है।  प्राचार्य ने चयनित छात्रा महक को बधाई व शुभ कामना प्रदान की तथा जीव विज्ञान प्रवक्ता डा मंजू यादव व रूबी यादव की इस कार्य के लिए प्रशंसा करते हुए कहा कि दोनों ने छात्राओं के साथ अच्छा कार्य कर रही है । समस्त विद्यालय स्टाफ ने भी छात्रा को बधाई व शुभकामनाएं दी।
फोटो कैप्शन 10: छात्रा महक को पुरस्कृत करते राजकीय कन्या उच्च विद्यालय के मुख्याध्यापक।




खंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता ढाणा में एक से
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 कनीना। कनीना उपमंडल के गांव ढाणा में 1 और 2 जनवरी को नेहरू युवा केंद्र नारनौल द्वारा खंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित की गई है। विस्तृत जानकारी देते हुए मोहित इसराना समाजसेवी ने बताया कि ढाणा में वालीबाल शूटिंग में 5100 रुपये प्रथम इनाम दिया जाएगा वहीं द्वितीय इनाम 3100, तृतीय तथा चौथा ईनाम 1100-1100 रुपये का होगा। इस मौके पर लंबी एवं ऊंची कूद के अतिरिक्त दौड़ प्रतियोगिता आदि आयोजित होंगी। नेहरू युवा केंद्र नारनौल द्वारा पारितोषिक दिया जाएगा।



सात्विक नव ऊर्जा के साथ करें 2022 का स्वागत -डा राजेश
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कनीना। नव वर्ष भी तो एक नव सृजन का ही संदेश लेकर आता है। कुछ नया होता है तभी तो उसे नया वर्ष कहते हैं। जब नया आता है तो उसका स्वागत भी तो धूम धाम से होना ही चाहिए उक्त विचार उन्हाणी निवासी शिक्षक एवं स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के सदस्य डा राजेश कुमार ने नववर्ष के आगमन पर व्यक्त किए।
  नव वर्ष के स्वागत के लिए कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे हर मन में सात्विक नव ऊर्जा का संचार हो। हमारे संस्कार व संस्कृति कहती है कि हम नवागंतुक का स्वागत दीप जलाकर, थाली सजा, आरती उतार कर करें। कुमकुम, तिलक या टीका लगाकर, स्वच्छ वस्त्र पहनकर, पुष्प, धूप, दीप, आदि से घर को सुगंधित कर शंख व मंगल ध्वनि के साथ हवन-यज्ञ, सत्संग आराधना द्वारा प्रभु का गुणगान करें। प्रभात-फ़ेरियां निकालें, गायों, संतों व वरिष्ठ जनों की सेवा कर, संतों, विद्वानों, कन्याओं, निराश्रितों तथा गौ माताओं को भोजन कराकर पुण्य लाभ कमाएं। भगवान के मंदिर जाएं, गरीबों और रोगियों की सहायता, वृक्षारोपण, समाज में प्यार और विश्वास बढ़ाने के प्रयास, तथा शिक्षा का प्रसार जैसे कार्यों का संकल्प लें। इनके अलावा भी जीवन में उत्साह व आनंद भरने तथा आत्म गौरव बढ़ाने संबंधी अनेक अन्य प्रकार भी स्वागत व अभिवादन हेतु प्रयुक्त किए जा सकते हैं। इसके स्वागतार्थ जाम से जाम टकराने की जगह गौ-घृत के दीप-से दीप जलाकर हृदय से हृदय मिलाएं। बड़ों का तिरस्कार कर नहीं अपितु, उनका अनुशासन व आशीर्वाद पा कर करें।
आगे उन्होंने कहा की आज संपूर्ण विश्व अनेक प्रकार की चुनौतियों से जूझ रहा है। चारों ओर नशे, महामारी और जानलेवा बीमारियों का फैलाव है तथा कुरीतियां और विकार अपनी चरम सीमा पर हैं। लोगों का आपसी प्रेम समाप्त होता जा रहा है और धन को एकत्रित करने की दौड़ में हर इंसान लगा हुआ है। चारों तरफ रोगों का पहरा है कोई भी इंसान आज सुखी नजर नहीं आता। इस दौड़ धूप में जीव अपने अस्तित्व को भूलता जा रहा है और अपने जीवन को केवल बर्बाद कर रहा है। विश्व के समक्ष मौजूद इन सभी चुनौतियों और विकारों को तत्वज्ञान के आधार से दूर किया जा सकता है।
फोटो कैप्शन: डा राजेश कुमार



एक जनवरी को भडफ़ में सती माता का भंडारा
-भजन सत्संग भी होंगे
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कनीना। एक जनवरी को कनीना उपमंडल के गांव भडफ़ में सती माता  क्लब तथा ग्रामवासी द्वारा विशाल भंडारा एवं वार्षिकोत्सव आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर हवन,भजन एवं भंडाराप होगा। सरपंच महेंद्र कुमार ने बताया कि इस मौके पर अंकुर शर्मा ततारपुर वाले भजनोपदेश देंगे।
   विस्तृत जानकारी देते हुए सरपंच महेंद्र सिंह ने बताया कि गांव की बसासत के समय भडफ़ गांव में कनीनवाल खेड़े की एक महिला सती हुई थी। जहां कैर का एक पेड़ तथा छोटा जोहड़ था। तत्पश्चात यहां दूर दराज तक के लोग आने लगे। इस जगह पर विगत समय में चारदीवारी बनाकर एक मंढ़ी का निर्माण कर, बड़ा जोहड़ बना दिया। लोग मस्से आदि रोग दूर करने के लिए यहां झाड़ू लगाते हैं। सती माता के नाम पर लब भी रजिस्टर्ड है। यह क्लब विगत 15 वर्षों से भंडारा आयोजित करवाता आ रहा है। एक जनवरी को यहां भंडारा आयोजित होगा।

 

 

 

खंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता ढाणा में एक से

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 कनीना। कनीना उपमंडल के गांव ढाणा में 1 और 2 जनवरी को नेहरू युवा केंद्र नारनौल द्वारा खंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित की गई है। विस्तृत जानकारी देते हुए मोहित इसराना समाजसेवी ने बताया कि ढाणा में वालीबाल शूटिंग में 5100 रुपये प्रथम इनाम दिया जाएगा वहीं द्वितीय इनाम 3100, तृतीय तथा चौथा ईनाम 1100-1100 रुपये का होगा। इस मौके पर लंबी एवं ऊंची कूद के अतिरिक्त दौड़ प्रतियोगिता आदि आयोजित होंगी। नेहरू युवा केंद्र नारनौल द्वारा पारितोषिक दिया जाएगा।




आय का बेहतर विकल्प है मिश्रित खेती
-किसान उठा रहे हैं मिश्रित खेती का लाभ
-करीरा का किसान महाबीर सिंह इस मामले में है अग्रणी
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कनीना। अच्छी आय लेने के लिए कनीना क्षेत्र का किसान मिश्रित खेती की ओर ध्यान देने लगा है। क्षेत्र के कई अग्रणी किसान इस विधि से दो या दो से अधिक फसलें एवं फल, सब्जियां एक ही खेत में उगाकर लाभ लेने लगे हैं।
  क्षेत्र का किसान एक साथ दो या अधिक फसलें उगाकर वानिकी एवं कृषि एक साथ करने लगा है। यहां तक कि सिट्रस जाति के पौधों से फल भी ले रहा है वहीं फसल भी उगा रहा है। ऐसे में दोनों फसलें एक दूसरे के लिए लाभकारी लाभकारी साबित हो रही हैं। बड़ी फसलें एवं पौधे छोटी फसलों को सर्दी एवं गर्मी से बचाते हैं। कनीना क्षेत्र में दर्जनों किसानों ने आंवला, नींबू, माल्टा, बेलगिरी, बेरी,संतरा आदि उगाकर उनके बीच में फसल लेना शुरू कर दिया है। जहां बेहतर आय फल एवं सब्जी दे देती है वहीं अच्छी आय फसल से प्राप्त हो जाती है। कृषि वैज्ञानिक इस प्रकार की विविधता को मिश्रित खेती नाम से जानते हैं।
  कनीना के किसान महाबीर सिंह करीरा ने बताया कि वे लंबे अर्से से आंवला एवं नींबू एवं बेरी के पौधों के बीच रबी एवं खरीफ की बेहतर पैदावार ले रहे हैं। इससे फसल पर भी सर्दी की कम मार पड़ती है। उन्होंने बताया कि गर्मियों में नींबू एवं बेर बेहतर पैदावार देते हैं वहीं फसल से आय हो जाती है। किसान राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, अजीत सिंह, अजीत कुमार, रविंद्र कुमार, गजराज सिंह सहित कई अन्य किसान इस प्रकार की मिश्रित कृषि करके बेहतर किसान साबित हो रहे हैं।
फोटो कैप्शन 7: करीरा के महाबीर सिंह किसान के खेत में  मिश्रित खेती।



शीतकालीन अवकाश न होने से पनपा रोष
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 कनीना। हरियाणा के स्कूलों में शीतकालीन अवकाश प्रथम जनवरी से शुरू होते रहे हैं। किंतु इस बार शीतकालीन अवकाश नहीं हो रहे हैं जिसको लेकर अभिभावकों एवं विद्यार्थियों में रोष पनपने लगा है।
अभिभावक रवि कुमार, सुरेंद्र सिंह, महेश कुमार, विद्यार्थी कविता, कोमल, अंकित आदि ने बताया कि ठंड बढ़ जाने से समय पर स्कूल जाना भी कठिन हो गया है। हर वर्ष अवकाश होते रहे हैं किंतु इस बार अवकाश घोषित न होने के कारण विभिन्न कार्य खटाई में पड़ गये हैं। सर्दी बढ़ गई है। शिक्षक भी अब दबी जुबान से सर्दियों के अवकाश घोषित करने की मांग कर रहे हैं।


ग्रीटिंग बना बीते जमाने की बात
-व्हाटसअप और आधुनिक तरीकों से भेज रहे हैं ग्रीटिंग
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कनीना। अब नए साल की ग्रीटिंग देने का तौर तरीका ही बदल गया है। अब एसएमएस, व्हाट्स अप,मेल भेजकर ही ग्रीटिंग देते हैं। पत्र की शुभकामनाएं एवं ग्रीटिंग कार्ड भेजने की काम लगभग बंद हो गया है।
 जब मोबाइल का प्रचलन इतनी उन्नति पर नहीं था और ग्रामीण लोगों को नए साल पर या फिर किसी पर्व पर ग्रीटिंग भेजने के लिए डाकघर का सहारा लेना पड़ता था। ग्रीटिंग को लिफाफे में बंद करके पर्व या नए वर्ष से एक दो दिन पूर्व ही भेजते थे और पाने वाले को भी ये ग्रीटिंग अक्सर देर से मिलने की शिकायत होती थी। नए साल पूर्व डाकघरों में केवल ग्रीटिंग ही दिखाई पड़ते थे और पोस्टमैन को सबसे अधिक व्यस्त इन्हीं में रहते थे। रंगीन ग्रीटिंग कार्ड भेजने के लिए कई तैयारियां करनी होती थी किंतु बाद में समय बदला ओर ग्रीटिंग की ओर कम ध्यान दिया जाने लगा।
  आज के दिन गांव-गांव में मोबाइल की टावर लगी हुई हैं और उपभोक्ता भी ग्रीटिंग पर काफी पैसे खर्च करने की बजाए मोबाइल से बधाई संदेश भेजकर खुश हो जाते हैं। इस प्रकार न केवल समय की बचत होती है अपितु तुरंत संदेश पहुंचाया जाता है। ग्रीटिंग कार्ड बेचने वाले सुरेंद्र कुमार एवं कृष्ण कुमार का कहना है कि अब तो कोई बच्चा ही बेशक ग्रीटिंग कार्ड लेने उनके पास आता हो। अब तो ग्रीटिंग महज एक बीते जमाने की बात बन गई है।
    उधर डाकघर में काम कर चुके पोस्टमैन एवं वर्तमान में काम कर रहे पोस्टमैन राजेंद्र सिंह से बात की जाए तो दोनों के विचार एकदम विपरीत होते हैं। वर्तमान में काम करने वाले पोस्टमैन का कहना है कि अब तो कोई दस-बीस ही ग्रीटिंग कार्ड नए वर्ष या किसी पर्व के मौके पर मिलते हैं जबकि पूर्व पोस्टमैन रामकिशन का कहना है कि उनके वक्त तो नए वर्ष के शुरू होने से दस दिनों पूर्व से लेकर दस दिन बाद तक केवल ग्रीटिंग कार्डों की ही धूम मची रहती थी। डाक पत्र तो शायद ही कोई मिलता था किंतु ग्रीटिंग कार्ड दिनभर बांटते-बांटते थक जाते थे। एक एसएमएस कुछ ही समय में एसएमएस मिल जाता है वहीं ग्रीटिंग कार्ड पर कुल मिलाकर 20-25 रुपये का खर्चा आता था वहीं उसके समय पर मिलने की संभावना कम होती थी वहीं एक सप्ताह का समय लगता था। अब तो मेल एवं व्हाट्स अप के जरिये भी संदेश त्वरित गति से भेजे जाते हैं।  



ककराला में पो










तों ने दादी की स्मृति में पुस्तकालय को भेंट किया वाटर डिस्पेंसर
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव ककराला में दीपचंद, महेश, महेंद्र, अनूप, निमेश पोतों ने मिलकर अपनी स्वर्गीय दादी संतरा देवी की स्मृति में ककराला के पुस्तकालय में पानी निकालने की मशीन, जिसे आम भाषा में वाटर डिस्पेंसर भी बोला जाता है, भेंट किया है।
   इस अवसर पर परिवार से शारदा देवी, लाली देवी, किरण, वंशिका, शैली, यस, महेंद्र सुबह-सुबह ही पुस्तकालय भवन पहुंच गये थे।
बीबीएसडी पुस्तकालय प्रबन्धन कमेटी अध्यक्ष मास्टर रामनिवास ने बताया कि आइटीबीपी में सेवारत दीपचंद, सेना में सेवारत महेश भाइयों ने मिलकर हर वर्ष गांव में अपनी स्वर्गीय दादी को याद करने का परोपकारी रचनात्मक विकल्प सामने लाकर हम सबको प्रेरित करते हैं। उन्होंने पिछले वर्ष भी अपनी दादी की पुण्यतिथि पर गांव को वॉटर कूलर भेंट किया था। बीबीएसडी अध्यक्ष अजय कुमार ने बताया जब से संस्था ने गाँव में पुस्तकालय स्थापित किया है, समाज में बहुत से प्रबुद्धजन हमें खुले दिल से सहयोग कर रहे हैं। पुस्तकालय अपनी अलग-अलग योजनाओं के जरिये जरूरतमंद प्रतिभावान बच्चों को पाठन सामग्री व उनकी कोचिंग आदि के जरिये लगातार प्रयास कर रहा है। मूलभूत जरूरतों व भौतिक रूप से सुविधा संपन्न हो चुका समाज पुण्य अर्पण करने के नए-नए सार्थक विकल्प तलाश रहा है। संस्था अध्यक्ष ने बताया सामूहिक भोज, भंडारों, काज आदि से ककराला गांव लगातार आगे आने की पहल व प्रयास कर रहा है। पिछले एक वर्ष दौरान ही पुस्तकालय में प्राध्यापक रमेश कुमार  द्वारा सेवानिवृत्ति पर सीसीटीवी कैमरा, स्वर्गीय हीरालाल के परिवार ने कम्प्यूटर प्रिंटर, स्वर्गीय जयलाल के परिवार ने सहयोगी धनराशि भेंट की थी। इन नेक प्रयासों से लाइब्रेरी में पढऩे वाले बच्चों को तकनीक से जुडऩे का अवसर मिलेगा। भविष्य में पुस्तकालय में प्रोजेक्टर, कम्प्यूटर लैब, इंटरनेट युक्त स्मार्ट कक्षाएं भी आरंभ करना चाहते हैं। पुस्तकालय विजन 2025 के तहत वातानुकूलित व माडर्न लाइट्स से सुसज्जित अध्ययन कक्ष, बाल-भवन व लर्निंग सेंटर, अध्यात्मिक कक्ष, अनुसंधान कक्ष, हरा-भरा एक खुला व बड़ा स्वच्छ प्रांगण आदि जैसे सभी सुविधाओं को जोडऩा है। लाइब्रेरी में कैरियर गाइडेंस सेमिनार, विचार संगोष्ठी व गांव के होनहारों के साथ साथ साथ गांव की ऐतिहासिक डाक्यूमेंट्री भी जोडऩी है।
इस मौके पर लाली देवी, महेंद्र, उपाध्यक्ष इंदरपाल शर्मा, पर्यावरण समन्वयक ओमप्रकाश, डा राजीव, राममेहर,अभिषेक, कमल, आयुष एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 5: ककराला लाइब्रेरी को वाटर डिस्पेंसर प्रदान करते दीपचंद एवं उनके परिजन।

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