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Saturday, May 17, 2025


 





मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार- 148
 -आज भी ला सकता हूं बेहतरीन परिणाम-होशियार सिंह
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कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक कम प्राध्यापक बतौर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्होंने राज्य शिक्षक पुरस्कार भी मिला हुआ है। सदा ही शिक्षण कार्य में एक कदम अग्रणी मिला है। शिक्षण कार्य में उनका कोई सानी नहीं रहा है। आज भी बेहतरीन से बेहतरीन परीक्षा परिणाम लाने में सक्षम हैं बस कुछ कुछ सामान्य शर्तें हैं। आइये सुनते हैं उन्हीं की कहानी उन्हीं की जुबानी-
 आज मैं सेवानिवृत्ति के 1 साल बाद भी दावे के साथ यह लिखित रूप से दे सकता हूं कि बहुत-बहुत बेहतर परिणाम ला सकता हूं। अगर बेहतर परिणाम न आए तो जो फीस मिले उससे चार गुणा वापस कर सकता हूं और हलफनामा दे सकता हूं। परंतु कुछ सामान्य शर्तें हैं। सरकारी स्कूलों में लंबे समय तक शिक्षण कार्य किया है तो एक ही बात सामने आई कि विद्यार्थी नियमित नहीं हैं। यदि विद्यार्थी नियमित रूप से स्कूल पहुंचे अभिभावक थोड़ा सा ध्यान दें और विद्यार्थी नियमित रूप से कम करें तो दावा है कि बहुत बेहतर परिणाम आ सकते हैं। लोग जिसे कमजोर विद्यार्थी कहते हैं उसका मैं बहुत बेहतर परिणाम लाने में सक्षम हूं। बस अभिभावक थोड़ा सा ध्यान दें कि यह घर जाकर पढ़ता है या नहीं? साथ में किसी दिन भी स्कूल से अनुपस्थित नहीं रहे क्योंकि मैं अब स्कूल में नहीं हूं इसलिए घर पर यह कार्य कर सकता हूं और यह भी दावा है अगर अनुरूप परिणाम न आए तो मुझे दी गई फीस से  चार गुणा वापस दे सकता हूं, साथ में जो सजा है वह भी भुगतने को तैयार रहूंगा। आज भी बहुत से विद्यार्थी आते हैं कि ट्यूशन कर लो, पर मैं मजबूर हूं। जब सरकार ने हमें इतने समय तक शिक्षण कार्य दिया उससे मेरा पेट नहीं भरा तो अब ट्यूशन से क्या पेट भर जाएगा। यह भी सत्य है कि जिस दिन अर्थात 6 अप्रैल 1995 को मैं सरकारी नौकरी लगा उस दिन जो विद्यार्थी मेरे पास पढ़ रहे थे/ ट्यूशन कर रहे थे उनकी पूरी फीस माफ करते हुए यह कहकर वापस भेज दिया था कि इतने दिन मैं तुम्हें पढ़ा सकता था क्योंकि अब सरकारी सेवा में आ गया हूं, ट्यूशन नहीं कर सकता और मैं ट्यूशन लगभग बंद कर दिया था।


 



अतिक्रमण और गंदगी बढ़ गए हैं कनीना में
 -जोहड़ों की पैमाइश और अतिक्रमण कैसे हटाए जब स्वयं ही जमीन पर अतिक्रमण किया हो
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कनीना की आवाज।
 कनीना में इस वक्त गंदगी पूरे यौवन पर है। पूर्व एसडीएम संदीप सिंह ने बतौर प्रशासक कनीना में कूड़ादान लगवाए थे वे अधिकांश कूड़ादान आज के दिन जर्जर हो चले हैं या तोड़ डाले हैं। पास में इतना कूड़ा पड़ा होता है कि गौवंश उसमें मुंह मारता रहता है। कई जगह कूड़े के ढेर लगे देखे गए, कोई सुनवाई नहीं है। सुमेर सिंह पूर्व मैनेजर का तो कहना है कि एक-एक महीने तक गंदगी को नहीं उठाया जाता। कितने लोग हैं जो यह बात कहते हुए नहीं शर्माते कि अब तो गंदगी का साम्राज्य बन गया है। वैसे भी गंदे नाले भरे पड़े हैं जिनकी सफाई भी नहीं करवाई गई है और मानसून सिर पर है। उधर यदि नालियों पर देखे तो जालिया नहीं है। सबसे बड़ी बात है कि अतिक्रमण सिर चढ़कर बोलता है। अतिक्रमण हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आश्चर्यजनक बात है कि अतिक्रमण हटाना तो दूर पैमाइश करने की बात मंत्री ने भेजी हुई है किंतु होलीवाला जोहड़ की न तो पैमाइश हुई और नहीं अतिक्रमण हटाया गया है। यहां तक की कनीना की सभी बणियां/जंगल अतिक्रमण का शिकार हैं। कोई सुनने वाला नहीं लगता। सुने भी कैसे स्वयं पूर्व प्रधान का घर अवैध करार दिया हुआ है। उन्होंने काफी जमीन पर अवैध कब्जा किया हुआ है। न केवल कनीना अपितु गुरुग्राम से भी न्यायालय में वो हार चुके हैं। यदि वह अतिक्रमण हटाने का काम करता तभी अच्छा लगे जब स्वयं अतिक्रमण नहीं कर रखा हो। उन्हें चाहिए कि सबसे पहले अपने घर को तोड़कर अतिक्रमण हटाए ताकि दूसरों के लिए उदाहरण बन सके किंतु अपने सिर पर आती है तब बात और वरना मुझे याद है इसी पूर्व प्रधान ने 1988-89 में उन गरीब लोगों के घर तोड़ डालें जिन्होंने इन्हें वोट दिए थे। जयनारायण का एक घर ऐसा था जिसमें वो गरीब पशु पालता था और जीवन यापन कर रहा था। उनका घर तोड़कर सिद्ध कर दिया था कि इनका अपना कोई नहीं है, स्वार्थ सिर चढ़कर बोलता है, वरना आज के दिन अतिक्रमण हटाकर दिखाएं। अतिक्रमण हटाए और दूसरों को छोडि़ए खुद का अवैध करार दिया हुआ घर तोड़कर दूसरों के लिए उदाहरण बने तब तो लोग कहे कि वास्तव में पूर्व प्रधान और प्रधान के घर का प्रधान कुछ काम के हैं।






चोरी के मामले में पुलिस ने आरोपी को एक दिन बाद ही गिरफ्तार
-न्यायालय ने भेजा पुलिस रिमांड पर
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कनीना की आवाज।
श्रीकृष्णा मारुति सर्विस सेंटर से चोरी करने वाला आरोपी गिरफतार कर न्यायालय में पेश कर दिया जहां से उसे पुलिस रिमांड पर भेजा है।
   शिकायतकर्ता अनिल यादव प्राणपुरा, थाना खोल की गाडी स्विफ्ट जो श्री कृष्णा मारुति अथराइज सर्विस सेंटर कनीना मे खड़ी थी जिसके अंदर से कंप्रेसर व कंडेंसर चोरी होने का मामला थाना शहर कनीना में दर्ज गया था।
इस मामले में आरोपी इम्तियाज पेमा खेड़ा को  गिरफ्तार करके कनीना अदालत में पेश किया गया जिस पर न्यायाधीश ने एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।





मारुति सर्विस सेंटर से हुई चोरी
-अज्ञात चोर मारुति के कंडेंसर कंप्रेशर कर ले गया चोरी
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कनीना की आवाज।
कनीना में चल रहे मारुति सर्विस सेंटर से गाड़ी से कंप्रेसर कंडेंसर व चार अन्य कंडेंसर चोरी कर ले गया। कृष्णा मोटर नाम से कनीना में चल रहे सर्विस सेंटर के मालिक का अनिल यादव ने पुलिस में दी गई शिकायत में कहा कि वह प्राणपुर ,खोल, जिला रेवाड़ी का रहने वाला है और उसका कनीना में मारुति का श्री कृष्णा मोटर नाम से सर्विस सेंटर है। 15 मई की सुबह स्विफ्ट गाड़ी से कंप्रेसर कंडेंसर तथा चार अन्य कंडेंसर अज्ञात चोर चोरी कर ले गया। अनिल कुमार के बयान पर हजारों रुपये की चोरी का मामला दर्ज कर लिया है।






कृत्रिम विधि से पकाए हुये आमों की बहार
-डाक्टरों की राय में नहीं खाने चाहिए ऐसे फल
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कनीना की आवाज।
कनीना के विभिन्न गांवों और विभिन्न शहरों में वर्तमान में आम की बिक्री तेजी से चल रही है। ये आम देखने में तो बहुत मधुर और पके हुए लगते हैं लेकिन यदि हकीकत में जाए जाए तो कार्बाइड से पका कर बेचे जा रहे हैं। बाजार में जल्दी आने से इनकी मार्केट बढ़ी हुई है, ये जल्दी खराब हो जाते हैं और स्वास्थ्य पर दूरगामी नुकसान पहुंचाते हैं। इन आमों  को डाक्टर खाने से बचने की सलाह देते हैं।
   कैल्शियम कार्बाइड से पके हुए आम दिमाग, स्नायुतंत्र एवं फेफड़ों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं और इसी विधि से केला, आम, पपीता, तरबूज आदि को फल पकाए जा रहे हैं ताकि उनकी मांग बढ़ सके। फल खाने से लीवर को नुकसान पहुंचता है वही पोषक तत्व भी कम हो जाते हैं।
बालकिशन और श्रीकिशन वैद्य का कहना है कि कार्बाइड से पके हुए आम लीवर को बेहद नुकसान पहुंचा सकते हैं जिसके परिणाम स्वरूप भविष्य में शारीरिक समस्या उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने इस प्रकार के फलों को खाने से बचने की सलाह दी है। डा वेद प्रकाश कनीना ने बताया कि यह फल लगातार प्रयोग करने से दिमाग की परेशानी बढ़ जाएगी स्नायु तंत्र खराब हो जाएंगे, फेफड़े आदि काम करना बंद कर देंगे। उन्होंने इन फलों से बचने की सलाह दी अपितु जब तक कार्बाइड से पके आम आ रहे हैं तब तक इन फलों को न खाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि यह फल देखने में अच्छे लगेंगे किंतु कृत्रिम विधि से पकाए हुए हैं। ये भविष्य में शरीर को नुकसान पहुंचाएंगे।
 पूर्व कृषि वैज्ञानिक डा. देवराज ने बताया की आम की पैदावार गंगा के तट के साथ-साथ मैदानी इलाकों में ज्यादा होती है। उत्तर प्रदेश, बिहार आदि क्षेत्रों में भारी मात्रा में आम पैदावार होती है जो दिल्ली से विभिन्न राज्यों में पहुंचाए जाते हैं। दिल्ली में इनको पैक किया जाता है। उन्होंने बताया कि आम कतई नहीं खाने चाहिए क्योंकि ये नुकसानदायक होते हैं। उन्होंने पपीता, केला व तरबूज आदि जो कार्बाइड से पकाते हैं। इनसे भी बचने की सलाह दी है।
   उल्लेखनीय है कि बाजार में कैल्शियम कार्बाइड से पकाए गए फल जमकर बेचे जा रहे हैं। अनजाने में लोग भी इन्हें बड़े चाव से खा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार गलत तरीके से पकाए गए फलों का लगातार सेवन गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। सबसे ज्यादा खतरा आम, पपीता और तरबूज से है।
डाक्टर जितेंद्र मोरवाल का कहना है कि कार्बाइड से पके फलों को खाने से स्वास्थ्य पर दूरगामी दुष्प्रभाव पड़ता है। फलों को समय से पहले पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड नामक रसायन का प्रयोग किया जाता है। ये फल लाभ कम नुकसान अधिक पहुंचाते हैं। इसमें काफी मात्रा में कार्बाइड के अंश रहते हैं, जो लीवर सहित शरीर के अन्य भागों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही फलों से मिलने वाले पोषक तत्वों को कम कर देते हैं।
कार्बाइड से पके फलों से कम मिलता है विटामिन-
कार्बाइड से पके आम में विटामिन की मात्रा कम हो जाती है। कैल्सियम कार्बाइड एक रसायनिक पदार्थ है, जो फलों की नमी पानी से क्रिया करके इथाइल गैस बनाता है। इससे गर्मी उत्पन्न होने से समय से पहले फल पक जाता है। यह गैस फलों के माध्यम से लोगों के शरीर में प्रवेश कर जाती है। इससे कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं।
जहर की श्रेणी में कार्बाइड-
 कार्बाइड से पके फलों के सेवन से दुष्प्रभाव तत्काल हो, लेकिन लगातार सेवन करने से पेट में छाले होने के साथ लीवर गुर्दे पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कार्बाइड केमिकल जहर की श्रेणी में आता है इसलिए लोगों को कार्बाइड से पके फलों के सेवन से बचना चाहिए।
कार्बाइड से पकने वाले फलों की जांच कराने के लिए क्षेत्र में लेबोरेट्री नहीं है। कार्बाइड से पकाए गए फल पूरी तरह से नहीं पक पाते हैं। इसकी पहचान गौर करने से हो सकती है। यह फल ऊपर से पके अंदर से कच्चे होते हैं। इनका रंग भी प्राकृतिक रूप से पके फलों की अपेक्षा तेज होता है। फलों को हाथ में लेकर तेज रंगों को देखकर इनकी पहचान की जा सकती है।  अगर आम में एलकोहल, कार्बाइड या किसी अन्य तरह की महक आती है ऐसे आम न खरीदें। ये ज्यादा पके और अंदर से खराब हो सकते हैं। अच्छे आम पर सामान्य के अलावा कोई दाग नहीं होते जबकि केमिकल वाले आम का रंग 2-3 दिन के अंदर काला होने लगता है। आम खरीदते समय इन्हें दबाकर देखें। पके आम आसानी से दब जाएंगे.
आम खरीदने से पहले इन्हें चखकर देखें चखने से मीठे और स्वादिष्ट लगें तो ही लें जबकि कार्बाइड से पकाए फल का स्वाद किनारे पर कच्चा और बीच में मीठा होता है। बिना कार्बाइड के पके हुए फल का वेट और कलर एक समान होता है। स्वाद में भी पूरा फल एक समान मीठा होता है. यह लंबे समय तक खराब नहीं होते जबकि कार्बाइड से पकाए फलों का भार समान नहीं होता। बाजार से खरीदे हुए आम पहले साफ पानी से धो लें फिर किसी ठंडी जगह पर एक-दो घंटे रख दें। इसके बाद खाने में इस्तेमाल करें।
फोटो कैप्शन 04:  बेचे जा रहे आम फोटो: जागरण


बेहतर रहा परीक्षा परिणाम
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कनीना की आवाज।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी की ओर से जारी किए गए 10वीं, 12वीं कक्षा के परिणाम में एसडीएम वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने श्म प्रतिशत परिणाम हासिल किया संस्था की प्रधानाचार्य रेखा दांगी ने बताया कि घोषित परिणाम शत प्रतिशत रहा। स्कूल के विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। दसवीं कक्षा के ने फीसदी अंक लेकर प्रथम व ने फीसदी अंक लेकर तृतीय स्थान प्राप्त किया है। कक्षा 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम भी सत प्रतिशत रहा । जिसमें 11 बच्चों ने मेरिट व 17 बच्चों ने प्रथम स्थान हासिल किया । मेडिकल संकाय में नैंसी ने 96 प्रतिशत अंक लेकर प्रथम स्थान व सुदेश ने 91 प्रतिशत अंक लेकर द्वितीय स्थान हासिल किया । नान मेडिकल संकाय में मुस्कान ने 91 प्रतिशत अंक लेकर प्रथम व सरिता ने द्वितीय व पवित्रा ने 90 प्रतिशत अंक लेकर तृतीय स्थान प्राप्त किया । श्रेष्ठ स्थान पर रहने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया । इस अवसर पर विद्यालय के चेयरमैन अजमेर सिंह दांगी ने उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम के लिए विद्यार्थियों का उत्साहित किया तथा शानदार परीक्षा परिणाम के लिए खुशी जताते हुए अभिभावकों, अध्यापकों तथा विद्यार्थियों की प्रशंसा की उन्होंने बताया कि इन छात्रों ने यह मुकाम मेहनत करके हासिल किया है । शानदार प्रदर्शन पर सभी बच्चों का उत्साह वर्धन करते हुए सभी छात्रों को आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी । इस अवसर पर सतपाल यादव, प्रवीन कुमार, संकित कुमार , रमेश कौशिक,सोनू राजपूत, मनीषा शर्मा , मंजू लाम्बा, प्रमिला, मंजू कुमारी, मनीषा ,मंजू माहौर ,नीरज आदि स्टाफ सदस्य मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 03: परिणाम जानकर खुशी जताते हुए फोटो: प्राचार्या



उच्च रक्तचाप दिवस पर शिविर आयोजित
उच्च रक्तचाप की दी गई जानकारी
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कनीना की आवाज।
 कनीना के राजवंती की आंगनवाड़ी, वार्ड नंबर 12 में एक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया जिसमें उच्च रक्तचाप संबंधित जांच की गई
इस शिविर में उच्च रक्तचाप संबंधी 35 जांच की गई, साथ में हीमोग्लोबिन, शुगर, वजन, ऊंचाई आदि भी की भी जांच की गई। इस मौके पर सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू ,सुनीता आंगनवाड़ी वर्कर एवं सरिता एएनएम ने लोगों को बताया कि उच्च रक्तचाप कोई बीमारी नहीं है। यह किसी बीमारी का संकेत हो सकता है जैसे गुर्दे की बीमारी होना,हृदय सं संबधित बीमारी, तनाव आदि। समय-समय पर हमें इसकी जांच करवाते रहना चाहिए। इससे बचने के लिए फास्ट फूड जैसे समोसा, जलेबी, बर्गर, वाऊमिन तथा अन्य फ्राई की हुई वस्तुएं नहीं खानी चाहिए। विशेष कर एक ही तेल जो बार-बार गर्म किया जाता है और उसमें तली हुई वस्तुएं घातक साबित होती हैं। इससे  बेड कोलेस्ट्राल बढ़ जाता है तथा नसों के अंदर चिपकना शुरू हो जाता है। जिससे नसों का रक्त बहाव का रास्ता कम हो जाता है और उच्च रक्तचाप कहा जाता है। इससे बचाने के लिए फास्ट फूड से बचना चाहिए तथा वजन घटाना चाहिए, प्रात: व शाम को सैर अवश्य करनी चाहिए, हल्का व्यायाम करना चाहिए तथा सफेद नमक का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। चिकनाई का प्रयोग कम करें। इस मौके पर पांच लोगों का बीपी, चार लोगों को शुगर सामान्य स्तर से अधिक मिला और उन्हें उप नागरिक अस्पताल जाने की सलाह दी गई तथा चार लोगों को हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य स्तर से कम मिली उन्हें आयरन की गोलियां दी गई।
 फोटो कैप्शन 01: उच्च रक्तचाप की जांच करते हुए आंगनबाड़ी वर्कर फोटो: सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू





पूर्व डीएसपी मातादीन की बरसी पर किया याद
-आयोजित हुआ हवन और प्रसाद वितरण
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कनीना की आवाज।
 कनीना के रेवाड़ी रोड एमडी हाउस पर पूर्व डीएसपी मातादीन की प्रथम बरसी मनाई गई। इस मौके पर उनके देश के लिए योगदान पर चर्चा की गई तथा एक हवन आयोजित किया गया। हवन अरविंद जोशी ने पूर्ण करवाया। इस मौके पर यजमान के रूप में हरीश कुमार सपत्नी तथा जसवंत सिंह बबलू सपत्नी उपस्थित रहे। इस मौके पर प्रसाद वितरण भी किया गया।
इस मौके पर जसवंत सिंह बबलू ने बताया कि उनके पिता डीएवी लोकल मैनेजिंग कमेटी के सदस्य भी रहे वहीं कनीना की शिक्षा समिति के सचिव भी रहे तथा उनके सराहनीय कार्य को देश कभी नहीं भुला सकता। पंजाब में उग्रवाद के समय उग्रवाद को समाप्त करने में अहं भूमिका निभाई। इस मौके पर सवाई सिंह, नरेश कुमार पूर्व प्राचार्य, कुलदीप सिंह तथा गांव के जन मौजूद रहे। 








फोटो कैप्शन 02: डीएसपी मातादीन को उनकी बरसी पर याद करते हुए।

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