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Wednesday, May 21, 2025
लड़की गुम, गुमशुदगी का मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के एक गांव से एक युवती घर से बगैर बताएं कहीं चली गई। युवती के पिता ने पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि 20 मई को उसकी पुत्री घर से बिना बताए कहीं चली गई। हर जगह पता किया कहीं नहीं मिली। कनीना पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।
स्कूलों का समय बदला
स्कूल लगेंगे 7 से दोपहर 12 बजे, शिक्षक रुकेंगे 1:30 तक
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कनीना की आवाज। उपयुक्त महेंद्रगढ़ के आदेश अनुसार आप सभी राजकीय और निजी विद्यालयों का कक्षा 1 से 12 तक का समय प्राप्त 7 बजे से दोपहर 12 तक रहेगा। जबकि विद्यालय के शिक्षक 7 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक हाजिर रहेगा। साथ में भीषण गर्मी के दृष्टिगत चंद हिदायतें भी दी गई हैं।
लंबे लंबे लगे बिजली कट
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कनीना की आवाज। कनीना में जहां तापमान 44 डिग्री पहुंच गया वहीं पर जल की समस्या रही क्योंकि बिजली कट लंबे-लंबे जारी रहे। प्रात: सही बिजली गुम हो गई और करीब 3 बजे के आसपास फिर से आई। इसके बाद फिर से बिजली गुल हो गई। लोगों में रोष है विशेषकर दुकानदार जो बिजली पर आधारित काम करते हैं वे दुखी है क्योंकि उनका रोटी रोजी का काम ठप हो गया।
तेज अंधड़ से धूल ही धूल
-गर्मी से मिली राहत
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में रात 8 बजे तेज अंधड़ आया। अंधड़ के कारण लोगों की टीन शेड उड़ गई, पेड़ पौधों की टहनियां टूट गई। यही नहीं अंधड़ के कारण लोग बेहद परेशान नजर आए। विशेष कर महिलाएं परेशान नजर आई क्योंकि अंधड़ से धूल ही धूल घरों में जमा हो गई।
नागरिक सुरक्षा अधिनियम एवं विनियमों के प्रावधानों के अनुसार स्वयं को नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक के रूप में नामांकित करना आवश्यक
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कनीना की आवाज। भूतपूर्व सैनिकों को नागरिक सुरक्षा अधिनियम एवं विनियमों के प्रावधानों के अनुसार स्वयं को नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक के रूप में नामांकित करना आवश्यक है। इसलिए 23 मई को जिला के सभी स्वयंसेवक भूतपूर्व सैनिक प्रात: 10:30 बजे लघु सचिवालय के कमरा नंबर 118 में पहुंचना सुनिश्चित करें।
जिला सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति अनुसार नागरिक सुरक्षा अधिनियम एवं विनियमों के प्रावधानों के अनुसार स्वयं को नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक के रूप में नामांकित करने के लिए वे अपना विवरण जैसे सेना क्रमांक, पद, नाम, पिता का नाम, गांव एवं संपर्क नंबर जिला सैनिक एवं अर्ध सैनिक कल्याण कार्यालय के जगदीश के मोबाइल नंबर
9812544213, कुलदीप के मोबाइल नंबर 8186880637, रणबीर के मोबाइल नंबर 9781672381 व विजय के मोबाइल नंबर 9408049973 पर भेजें।
सड़क के बीचों-बीच बने चार फीट के गड्ढे में लोग गिरकर हो रहे हैं घायल
-दो तीन दिनों में हो जाएगा ठीक-कनिष्ट अभियंता
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कनीना की आवाज। जन स्वास्थ्य विभाग कनीना द्वारा गंदे पानी के मिलने का कारण ढूंढने के लिए गड्ढा बनाकर छोड़ दिया गया है। इसमें आने जाने वाले इसमें गिरकर अपने हाथ और पैर तुड़वा रहे हैं। कनीना मंडी से बस स्टैंड तक बनी पक्की सड़क में नहर के पास जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा हैमर मशीन चलाकर सड़क को तोड़ डाला। पाइप लिकेज का पता लगाया जा रहा है लेकिन इस कार्य को हुए लगभग 1 सप्ताह का समय बीत गया है लेकिन जन स्वास्थ्य विभाग ने इसे अब तक ठीक नहीं किया है। जिसके कारण सड़क के बीचों-बीच बने लगभग 4 फीट गहरे गड्ढे में आए दिन कोई ना कोई गिरकर दुर्घटनाग्रस्त होकर अवश्य ही घायल हो रहा है। मंडी के लोगों का कहना है की इस मार्ग से आए दिन हजारों वाहन गुजरते हैं लेकिन गड्ढा होने के कारण लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द सड़क को तोड़कर खोदे गए गड्ढे को तुरंत ठीक किया जाए, वह विभाग द्वारा इसमें रोड़ी बजरी और सीमेंट मिलाकर पहले जैसा बनाया जाए ताकि यहां भविष्य में इस सड़क से निकलने वाले वाहन चालकों को कोई परेशानी ना हो। यहां गौरतलब है कि नहर के साथ लगाते हुए कनीना मंडी से रेवाड़ी रोड तक सड़क कार्य का निर्माण कुछ महीनों पहले हुआ है लेकिन जन स्वास्थ्य विभाग सप्लाई हो रहे गंदे पानी के कारणों का पता लगा रहा है। क्या कहते हैं जेई-
जेई तेज बहादुर ने बताया कि वार्ड 9 व 10 में गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। उसे ढूंढने के लिए कट लगवाया है। अब इसे दो तीन दिनों में ठीक करवा दिया जाएगा। लोगों को गंदा पानी मिलेगा तो समस्या पैदा हो जाएगी। यही कारण है कि कट लगवाया गया है।
फोटो कैप्शन 06: सड़क के बीच में बनाया गया कट। फोटो जागरण
गर्मी के तेवर बढ़े, ताप 43 डिग्री पार
--ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कट बढ़े
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कनीना की आवाज। कनीना के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बिजली कटों के साथ-साथ गर्मी के तेवर भी बढ़ते जा रहे हैं। कम से कम तापमान 29 डिग्री अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेंटीग्रेड नोट किया गया। सुबह सवेरे गर्मी से बचने के लिए पार्कों में लोग घूमते देखे जा सकते हैं। वही सुबह करीब 8 बजाते ही लोग अपने घरों के दरवाजों को बंद कर लेते हैं तथा घरों में छुपे मिलते हैं। बाहर निकलना बहुत कठिन हो गया है। एक और जहां गर्मी तेवर तलख हो गए हैं वहीं बिजली कट भी बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में लोग परेशान हैं।
कनीना क्षेत्र में पशुपालक भी बेहद परेशान है क्योंकि जोहड़ों का पानी या तो सूख गया है या साफ नहीं है जिसके चलते पशुओं को गंदा पानी ही पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। पशु चिकित्सक बताते हैं कि पशुओं को सुबह शाम गर्मी से बचाने के लिए जोहड़ों में छोड़ देना चाहिए किंतु अब धीरे-धीरे जोहड़ लुप्त होते जा रहे हैं। ऐसे में गर्मी बेहद परेशान कर रही है।
क्षेत्र में तापमान बढऩे से पंखे, कूलर आदि कम काम कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि गर्मी यूं ही चलती रही तो परेशानी बढ़ेगी।
ज्यों ज्यों दोपहर होता है तो लोग घरों में पूर्णतया छुपे होते हैं। इक्का दुक्का वाहन ही सड़कों पर घूमता नजर आता है तथा लोग गर्मी से बचाव के रास्ते ढूंढते रहते हैं। किंतु विद्यार्थी एवं शिक्षक स्कूलों में पढऩे एवं पढ़ाने जाते हैं।
गर्मी के कारण जहां जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, कफ्र्यू जैसी हालत बन जाती है। दोपहर को सड़के सुनसान हो जाती है, हर जीव जंतु और इंसान दुबक जाते हैं। मोलडऩाथ आश्रम के पीछे पक्का जोहड़ है जिसे पानी से भरा हुआ है जिसमें बंदर डुबकी लगाते हैं। भक्त दिनेश कुमार, महेश कुमार, सुरेंद्र, इंद्र देव आदि बताया कि दिन भर बच्चे और लोग गर्मी से राहत पाने के लिए जोहड़ों में स्नान करते हैं, वही पार्क में बैठे दिखाई देते हैं। पक्षी भी पार्क स्थित जाल के पेड़ के नीचे आराम से धूप से बचते नजर आते हैं। जहां भी देखे बस पानी की किल्लत छाई हुई है जोहड़ों का पानी भी घटता ही जा रहा है, ऐसे पशुओं के लिए और पक्षियों के लिए जल की समस्या बनी हुई है। कनीना क्षेत्र के लोग पेयजल किल्लत से भी परेशान है और दोनों वक्त पेयजल सप्लाई करने की मांग कर रहे हैं।
विभिन्न गांवों में लू एवं गर्मी से बीमारों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। अधिकांश समय लोग अपने घरों में बिताते हैं। तुझे भी बाहर जाते हैं तो उस समय भीषण गर्मी होती है। एक और जहां रेहड़ी पर सामान बेचने वाले मजबूरीवश गर्मी में खड़े दिखाई देते हैं ,जिनके पास छत तक नहीं होती वहीं मजदूर भी काम पर जा रहे हैं जिन्हें अपना पेट पालना होता है। गर्मी एवं लू के चलते एसी, कूलर, पंखे सब खिलौने नजर आते हैं। लोग जब भी बाहर निकलते हैं तो पूरे प्रबंध करके निकलते हैं।
हल्का भोजन ले-
जहां गर्मी के तेवर दिनों दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। कहीं भी चैन नहीं मिल रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य निरीक्षक उप-नागरिक अस्पताल कनीना शीशराम लोगों को तेज गर्मी से बचाव के लिए जागरूक कर रहे हैं। सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू तथा शीशराम स्वास्थ्य निरीक्षक ने एक अभियान चला रखा है। जो भी लोगों के संपर्क में आते हैं उनको गर्मी से बचने के उपाय बता रहे हैं। उनका कहना है कि तेज गर्मी के कारण बीमार हो सकते हैं, ऐसे में सावधानियां बरतनी जरूरी है।
इन सावधानियों में घर से बाहर जाते समय शरीर को ढककर, हल्के रंग के आरामदायक कपड़े पहनकर जाना चाहिए। धूप में बाहर जाते समय छाता, तौलिया, टोपी, आंखों पर धूप का चश्मा भी प्रयोग करें, थोड़े-थोड़े समय अंतराल पर तरल पदार्थ पीते रहे, हल्का ताजा भोजन करें ,नंगे पैर, नंगे बदन धूप में न जाए। अधिक गर्मी एवं धूप में कोई भी कार्य करने से बचे, शराब, चाय, काफी कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन करने से बचे, गर्भवती महिलाएं, बच्चे, बीमार, बुजुर्गों का विशेष रूप से गर्मी का ध्यान रखे।
उनका कहना है कि गर्मी लगने के गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यदि ज्यादा देर धूप में काम करें तो गर्मी लग सकती है। इसके लक्षणों में लाल,गर्म,सूखी त्वचा होना, शरीर का तापमान 40 डिग्री सेंटीग्रेड होना, जी मचलाना, उल्टी होना ,सिर दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी, दिल की धड़कन तेज होना, घबराहट, चक्कर आना, बेहोशी, सिर दर्द आदि प्रमुख है। गर्मी और लू से बचने के लिए रोगी को छांयादार एवं ठंडी जगह पर ले जाए, आरिस का गोल पानी एवं अन्य तरल पदार्थ ,पैरों को ऊपर करके लिटाए, शरीर को ठंडे पानी से पोंछे, गिला कपड़ा लपेटकर हवादार स्थान पर विश्राम कराए।
जोहड़ों में स्नान से बचे-
एक जून से 30 जून तक स्कूल बंद रहेंगे और स्कूली बच्चे या तो अपने नाना नानी के यहां या कहीं घूमने के लिए अक्सर जाते रहते हैं। हर वर्ष गर्मियों के दिनों में डूबने से कई बच्चों की मौत हो जाती है क्योंकि वे जोहड़ तालाब आदि में नहाने के लिए उतरते हैं और आजकल जोहड़ तालाबों में गाद भरी होती है जिसके कारण वे गाद में गिर जाते हैं। कई कई बार तो लोग जोर से छलांग लगाकर जोहड़ तालाब में नहाने का प्रयास करते हैं जिसके कारण भी उनकी मौत हो जाती है। कनीना के बड़ी बणी के टैंक में भी कई मौत हो चुकी है जिसके पीछे चाहे कारण कुछ भी हो परंतु माना जाता है नहाने के लिए और पानी पीने के लिए लोग घुसते हैं और डूब जाते हैं। विभिन्न जोहड़ों में डूबने से ऐसी घटनाएं सामने आती है।
डाक्टरों के अनुसार गर्मी से बचने का एकमात्र साधन कुछ पदार्थ का प्रयोग करना है।
डाक्टरों के अनुसार नींबू, राबड़ी, तरबूज ,ककड़ी आदि अधिक से अधिक प्रयोग करने चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी नहीं होने पाये। दो से तीन लीटर कम से कम पानी पीना चाहिए तथा ठोस पदार्थ की बजाय पेय पदार्थ अधिक से अधिक प्रयोग करें। गर्मी में जहां फास्ट फूड न खाए, बासी भोजन भी प्रयोग ने करें। गर्मी एवं लू अगर लग भी जाए तो भूने हुए कच्चे आम का जूस में नमक और कुछ चीनी डालकर प्रयोग करें। इससे लू आदि से बचा जा सकता है।
गर्मी से बचने के लिए तरबूज बहुत उत्तम माना जाता है। तरबूज जहां उच्च रक्तचाप को घटना है वहीं पानी की पूर्ति करता है।
फोटो कैप्शन 04: गर्मी में छाता लेकर जाते हुए बच्चे।
05: जोहड़ में स्नान करते हुए बच्चे। जागरण
गुटखा खाने की आदत बढ़ी
- 80 युवा करते हैं प्रयोग, मुंह से थूकते रहते हैं
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कनीना की आवाज। एक वक्त था जब यूपी, बिहार ,एमपी आदि के गुटखा खाने वाले लोग मुंह से हगतेे थे। विभिन्न प्रकार के गुटका पान मसाला आदि जब खाते थे तब मुंह से हगने रहते थे। मुंह से डाला गया लाल रंग का पदार्थ दीवारों से नहीं छोड़ता। हर वर्ष सरकार को करोड़ों रुपये मुंह से थूक के निशानों को मिटाने के लिए खर्च करने पड़ते हैं। अब जब यह लाल पदार्थ दीवार से कैसे भी नहीं हटता तो इंसान के अंदर एक बार प्रवेश कर जाएगा तो कैसे भी नहीं है खत्म पाएगा विभिन्न रोग होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। यूपी,बिहार, एमपी से किरायेदार बहुत अधिक संख्या में आ गए हैं जो पुराने घरों में पड़े हुए हैं। सबसे ज्यादा गंदगी फैलाते हैं और सबसे ज्यादा पानी प्रयोग करते हैं और बिजली प्रयोग करते हैं लेकिन अभी तक इनकी जांच नहीं हुई है कि यह कहां के निवासी है? कनीना नगरपालिका व प्रशासक मौन है।
बिहार ,यूपी, मध्य प्रदेश आदि के लोग जब आते थे तो ग्रामीण क्षेत्र के लोग उनके मुंह की ओर देखते रहते थे। न तो भाषा समझ आती थी और न ही उनका खानपान। यदि उनसे पूछा जाए कि क्यों खाते हैं तो उनका कहना होता है कि आदत बन गई ताकि वह अपने धंधों में लगे रहे क्योंकि एमपी यूपी, बिहार के अधिकांश लोग या तो कारीगरी का काम करते हैं या बर्गर व पानी बतासा आदि बेचते हैं और वे जमकर गंदगी मिलकर ही बेचते हैं। उनको देखकर स्थानीय लोग भी धीरे-धीरे आदि होते चले गए और आज स्थानीय 80 प्रतिशत युवा पीढ़ी इस प्रकार के पान, गुटखा आदि को चबाते हैं। किसी सार्वजनिक नल पर जाकर देखें तो पानी पीना कठिन हो सकता है क्योंकि सब जगह गंदगी की बदबू आती है जो मुंह से हगते हैं। लाल ही लाल पानी बहता नजर आता है। ऐसे में इस पानी को पीना भी आसान नहीं होता है परंतु धीरे-धीरे आई आदत ग्रामीण क्षेत्रों में फैलती जा रही है। अब तो राजस्थान, हरियाणा आदि के लोग भी जमकर प्रयोग करते हैं और फिर मुंह से हगते रहते हैं।
माडल संस्कृति स्कूल कनीना में आयोजित हुआ आपदा प्रबंधन जागरूकता कार्यक्रम
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कनीना की आवाज।रााजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, कनीना में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल द्वारा विद्यार्थियों के लिए एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का (एनडीआर एफ) आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराना और आपदाओं के समय सुरक्षित रहने के उपायों की जानकारी देना था।
यह कार्यक्रम एसडीएम कनीना जितेन्द्र कुमार के दिशा-निर्देशन में सम्पन्न हुआ। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि विद्यार्थियों को आपदाओं के प्रति सजग और सतर्क रहना आवश्यक है, क्योंकि सही जानकारी और त्वरित प्रतिक्रिया से जान-माल की हानि को कम किया जा सकता है।
कार्यक्रम में एनडीआरएफ की विशेषज्ञ टीम ने छात्रों को आपदा के समय के प्रबंधन की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि किसी भी आपदा की स्थिति में सही जानकारी और प्रशिक्षण का अभाव उस आपदा की गंभीरता को और अधिक बढ़ा देता है। टीम के सदस्यों ने विद्यार्थियों को भूकंप, बाढ़, अग्निकांड, और अन्य प्राकृतिक एवं मानवनिर्मित आपदाओं से निपटने के व्यावहारिक उपाय सिखाए। इसके साथ ही, लाइव डेमोंस्ट्रेशन के माध्यम से छात्रों को प्राथमिक चिकित्सा, आग बुझाने के तरीके, और इमरजेंसी एग्जिट प्लान की जानकारी दी गई।
इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य सुनील खुडानिया जी ने भी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा से डरना नहीं चाहिए बल्कि उससे निपटने की तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने एन डी आर एफ टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों में जागरूकता लाते हैं और उन्हें आत्मनिर्भर बनाते हैं।
कार्यक्रम के अंत में बच्चों ने भी प्रश्न पूछे और टीम से सीधा संवाद किया। यह जागरूकता कार्यक्रम विद्यालय के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ और बच्चों ने इसे बड़ी उत्सुकता से ग्रहण किया।
फोटो कैप्शन 01: आपदा प्रबंध की टीम । फोटो :जागरण
अव्वल रहे विद्यार्थियों की निकाली रैली
-वाहनों में सरकारी स्कूल के जयकारे लगाते हुए गुजरी कई गांवों से रैली
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कनीना की आवाज। शहीद सतपाल सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सीहोर ने शत प्रतिशत वार्षिक परीक्षा परिणाम उपरांत बच्चों को सम्मानित करते हुए विशेष नामांकन अभियान के तहत बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए गांव सीहोर, छितरोली, झाड़ली एवं उच्चत गांव में रैली निकाली गई।
शाहिद सतपाल सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सीहोर का 10वीं 12वीं का वार्षिक परिणाम सत प्रतिशत रहा, 12वीं कक्षा में कुमकुम ने मेडिकल संकाय में 500 में से 442 अंक प्राप्त करके विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया, 28 विद्यार्थियों में से पांच विद्यार्थी मेरिट प्राप्त की बाकी सभी 70 प्रतिशत से ऊपर अंक लेकर पास है। दसवीं कक्षा में कोमल ने 500 में से 416 अंक लेकर प्रथम स्थान पर रही, दसवीं कक्षा में 20 में से 9 मेरिट मेरिट आई है, गत वर्ष भी इस विद्यालय परिणाम शत प्रतिशत रहा था, विशेष नामांकन अभियान में एसएमसी प्रधान सीमा शर्मा, प्रधान बलवंत सिंह, धर्मपाल ,सावित्री, सीमा, सभी एसएमसी सदस्य, समस्त विद्यालय ग्राम पंचायत मौजूद रही, नामांकन बढ़ाने में एमसी ग्राम पंचायत के विशेष सहयोग रहा। यह विद्यालय का 24 अगस्त को नारनौल आडिटोरियम हाल में शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा सम्मानित हो चुका है। विद्यालय प्राचार्य हरीश प्रधान ने सभी को बधाई दी।
फोटो कैप्शन 02: विद्यार्थियों को वाहनों में बैठाकर निकाली रैली। फोटो: प्राचार्य
धनौंदा के ब्रह्मचारी श्री कृष्णानंद आश्रम में युवाओं ने पक्षियों के लिए रखे सिकोरे
--पक्षियों को बचाना जरूरी-शिवानंद
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कनीना की आवाज। उप मंडल के गांव धनौंदा स्थित ब्रह्मचारी श्री कृष्णानंद आश्रम में भारत सिंह, युवा कार्य और खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पक्षियों के लिए सिकोरे रखे गए। जिसमें मुख्य रूप से स्वामी शिवानंद महाराज मौजूद रहे। ब्लाक कार्डिनेटर रचना शर्मा ने बताया कि जिला युवा अधिकारी नित्यानंद यादव के निर्देशन में कनीना उपमंडल के गांव में पक्षियों के लिए स्कोर रखने का अभियान चलाया हुआ है। दिनों दिन गर्मी बढ़ती जा रही है। इस भीषण गर्मी में पशु-पक्षियों को पानी की अत्यंत आवश्यकता है। इसलिए हम सब का कर्तव्य बनता है कि हम पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करें। शिवानंद महाराज ने कहा कि पक्षियों के लिए पानी के सकोरे वितरित करके एक अच्छी पहल की जा रही है। पानी के सकोरे वितरित करने से लोगों में पशु-पक्षियों के प्रति जागरूकता आएगी। लोगों को जागरूक करने के लिए पानी के सकोरे वितरित करके एक नेक कार्य कर रही है। पशु-पक्षियों का हमारे पर्यावरण में एक अत्यंत महत्वपूर्ण रोल है। पेड़-पौधे व पशु-पक्षी हमारे पर्यावरण के अभिन्न अंग हैं। इनके बिना हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। इस दौरान मनीषा स्वामी, प्रियंका प्रजापति, टीना वर्मा, सुरेश यादव, हेमलता यादव, हेमलता सैन, अंजू, भारती सहित अन्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 03: सिकोरे रखते हुए संत।
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