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Friday, May 16, 2025


 




मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार- 147
-अब लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में पहुंचेगी
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कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक कम प्राध्यापक बतौर 30 अप्रैल 2024 का सेवानिवृत्त हो चुके हैं। राज्य शिक्षक अवार्ड मिला हुआ है किंतु कोई लाभ नहीं मिला है। अर्जित अवकाश भी काट लिये गये हैं। आश्चर्य यह है कि एक दिन सभी रहाजिरी रजिस्टर तथा सब जगह हाजिर होते हुए भी उस दिन का अर्जित अवकाश काट लिया गया है। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट एकमात्र इलाज है ताकि अपनी तैनाती को सही ढंग से न निभाने वाले दो प्राचार्यों के विरुद्ध कार्रवाई करवाई जा सके। आइये सुनते हैं उनकी कहानी होशियार सिंह की ही जुबानी--
मैं 30 अप्रैल 2024 को सेवानिवृत्त हो गया हूं। उसे समय 24 कैंप के लिए अर्जित अवकाश बनते थे। लेकिन एक प्राचार्य ने जानबूझकर 25 अर्जित अवकाश काट लिए जबकि 24 बनते हैं। रिकार्ड अनुसार 24 बनते हैं ,यही नहीं दूसरे प्राचार्य ने भी अंधा होकर 25 अर्जित अवकाशों पर अपनी मोहर लगा दी है। परिणाम यह निकला कि न तो कैंप के अर्जित अवकाश का लाभ मिला और न ही एक दिन फालतू अर्जित अवकाश काटे का कोई लाभ दिया। और भी कई लाभ नहीं मिले। परिणाम यह हुआ की हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की जिसका भी कोई अच्छा उत्तर न मिलने की पूरी संभावना है। ऐसे में अगर हाई कोर्ट से सही उत्तर नहीं मिला तो एक मात्र इलाज सुप्रीम कोर्ट बाकी है। सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से भी बात हो चुकी है और वो कंस को लेने के लिए तैयार हैं। ऐसे में उन आंख मूंद कर काम करने वाले प्राचार्य के विरुद्ध कार्रवाई करवाने, मानसिक परेशानी देने तथा जो भी खर्चा लगेगा वह खर्चा उनकी जेब से निकालने का प्रयास किया जाएगा। अंजाम कुछ भी हो आगाज बेहतर होगा। फिर से उच्च अधिकारियों को लिखा भी जाएगा ताकि ऐसे प्राचार्य के विरुद्ध कार्रवाई हो सके। ऐसे प्राचार्य न केवल शिक्षक समाज के लिए कलंक है अपितु इंसानियत का गला घोटने वाले होते हैं। इनको स्वार्थ के अतिरिक्त किसी चीज का ज्ञान नहीं होता। इसलिए ऐसी हरकत करते हैं। यदि उनकी वेतन से एक दिन का वेतन जानबूझकर काटा जाए तो इनको पता लगे कि दर्द क्या चीज होती है? आने वाला वक्त बताएगा कि क्या परिणाम आता है।






गरीबों के के घर तोडऩा तो बहुत आसान
-अब लड़ाई लड़के देखे पता लगेगा
-अभी तक नहीं होने दी जा रही है होलीवाला जोहड़ का पैमाइश
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कनीना की आवाज।
 कहावत है कि गरीब इंसान को कोई भी परेशान कर सकता है लेकिन अमीर लोगों से अच्छे से अच्छों की की बदहालात हो जाती है। कनीना कस्बे में जहां जंगलों/बणियों को देखा जाए तो अतिक्रमण है। कस्बे में अतिक्रमण जमकर  है। जहां भी देखा जाए अतिक्रमण है लेकिन अतिक्रमण हटाने वाला कोई नहीं है। आश्चर्य तो यह है की कालरवाली जोहड़ की पैमाइश करवा दी गई है लेकिन होलीवाला जोहड़ की पैमाइश नहीं होने दी जा रही, क्यों? क्योंकि इसमें गहन राज है।  जबकि इस जोहड़ की पैमाइश मंत्री द्वारा कराने का आदेश दे रखा किंतु उनका भी पालन नहीं किया गया है। वैसे भी अब ठोंडे व्यक्तियों से मुकाबला करना पड़ता है। ऐसे में पैमाइश कौन करवाएं?
 मुझे याद है वर्तमान पालिका प्रधान के परिवार से जब 1988 में प्रधान होता था तो एक गरीब इंसान जयनारायण का घर जिसमें उन्होंने अपने पशु रखे जाते थे और बच्चों को पल रहा था, सब तहस-नहस कर दिया गया था क्योंकि उस वक्त पीडि़त परिवार ने प्रधान को ही वोट दिए थे। परिणाम यह निकला कि उसी थाली में खाकर उसी में छेद कर दिया, कारण चाहे कुछ भी रहा हो। अगर कोई कहे कि अच्छा किया तो भी बहुत अच्छी बात है। आज उस परिवार में जब प्रधान है तो क्यों नहीं अतिक्रमण हटाए जाते। आज सारी बणियां/जंगल ओछी कर रखी है। अतिक्रमण ने जंगलों को घेर रखा है। यहां तक की सबसे चर्चित होलीवाला जोहड़ की पैमाइश नहीं की जा रही है। जोहड़ में भी कब्जा किया हुआ है किंतु पैमाइश न होने के पीछे कोई गहरा राज है। अब तो लोगों की नजरें स्पष्ट कह रही है कि बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है। उल्लेखनीय की जयनारायण के नाम आज भी जमीन रिकार्ड में बोल रही है परंतु उनके घर, पेड़ पौधे, बड़े-बड़े सिरस के पेड़, नीम के पेड़ कटवा दिए और तहस-नहस कर दिया गया, बेघर कर दिया गया। चाहे उन्होंने कैसे भी जीवन जीवन जिया हो परंतु उनका दिया हुआ अभिशाप आज भी आड़े आ रहा है। वहीं वर्तमान पीढ़ी में उसी प्रधान के परिवार से ही प्रधान बने हुए हैं तो आज अगर हिम्मत है तो बणियों की पैमाइश करवाये। होली वाला जोहड़ की पैमाइश करवाए तब पता लगे कि हकीकत क्या है क्योंकि कालर वाली जोहड़ की पैमाइश करवा दी गई है जबकि मंत्री ने दोनों ही जोहड़ों की पैमाइश की बात कही थी किंतु हुई एक जोहड़ की पैमाइश ,क्यों ? इसके पीछे राज स्पष्ट है, अब ठोंडे व्यक्तियों से मुकाबला कौन कर,ें अगर किसी गरीब की झोपड़ी होती तो झटपट से गिरा दिया गया होता परंतु अब अमीरों से मुकाबला है इसलिए न तो पैमाइश हो रही है और न हीं बणियों को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया है। सभी के नजरे बणियों की पैमाइश करवाने, होली वाला जोड़ की पैमाइश करवाने पर टिकी हुई है। आने वाला वक्त बताएगा कि प्रधान क्या कुछ कर पाता है?





कनीना में नगर पालिका में नहीं किसी प्रकार की हड़ताल
-कर्मचारी लगातार दे रहे तैनाती
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कनीना की आवाज।
 कनीना नगर पालिका के तहत विभिन्न कर्मचारी अपनी तैनाती आए दिन की तरह देते आ रहे हैं तथा कोई हड़ताल नहीं है। सुरेंद्र लिपिक ने बताया कि पहले भी कभी कोई हड़ताल इस महीने में नहीं की है और भविष्य में भी कोई संभावना नहीं लगती।
उधर पूर्व पार्षद एवं प्रधान सफाई कर्मचारी विक्की ने बताया कि उनकी कोई हड़ताल नहीं है। प्रतिदिन वे काम पर जाते और दिनभर काम करके ही लौटते हैं।






अतिक्रमण हटाने पर दुकानदारों में हउ़कंप
-भाग दौड़ कर अपना सामान रखा अंदर
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कनीना की आवाज।
कनीना नगर पालिका के कर्मियों द्वारा  अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर सुंदर नजारा देखने को मिला। सफाई कर्मी, सचिव कपिल कुमार के आदेश अनुसार जेई राकेश कुमार, लिपिक सुरेंद्र वशिष्ठ ,राकेश जमादार व अन्य सफाई कर्मियों सहित गाड़ी लेकर जब बाजार पहुंचे तो दुकानदारों में दौड़ दौड़ कर अपना सामान दुकानों के अंदर किया। सुरेंद्र लिपिक ने बताया कि नगरपालिका का आदेश है कि दुकानों के आगे बनाए गए गंदे नाले के बाहर कोई वस्तु या सामान किसी दुकानदार का मिलेगा उसे नहीं बख्शा जायेगा। इसलिए जो गंदे नाले के बाहर सामान रखा मिला वह सभी उठाकर नगर पालिका में ले जाया गया। यहां तक की रहेडिय़ों को भी नहीं बख्शा गया। रेहड़ी वाले दुखी नजर आए और कहा कि उनकी रोटी रोजी ही छिन जाएगी। इस प्रकार का अतिक्रमण अभियान अगर कम से कम सप्ताह में एक बार चलाया जाए तो अतिक्रमण से राहत मिल सकती है परंतु अतिक्रमण हटाने का अभियान कभी-कभार ही चलाया जा रहा है। लिपिक बाबू ने बताया कि भविष्य में भी ऐसा अतिक्रमण हटाने का अभियान चलता रहेगा।
 फोटो कैप्शन 8: अतिक्रमण हटाते हुए सफाई कर्मचारी फोटो: जागरण




विभिन्न स्थानों पर डेंगू दिवस मनाया गया
-डेंगू से बचने के उपाय भी बताये
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कनीना की आवाज।
कनीना एवं आस पास क्षेत्रों में डेंगू दिवस मनाया गया तथा डेंगू से बचाव के तरीके भी बताये गये।
डेंगू दिवस पर पीएचसी भोजावास में डा. दीपांशु ने लोगों को किया जागरूक गया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है जो दिन में काटता है। इस मच्छर के शरीर पर सफेद धारियां होती है जिसके कारण इसे टाइगर भी कहा जागता है। इसका लारवा साफ पानी में पनपता है घर के अंदर कूलर फ्रिज की ट्रे छत पर रखे पानी का कोई पात्र पुराना टायर, गमला आदि में लारवा पनपने की सबसे अधिक आशंका रहती है। मच्छर के काटने पर 5-छह दिन बाद लक्षण दिखाई देने लगते हैं। शरीर  में तेज दर्द तेज बुखार, मितली इसके लक्षणों में शामिल हैं।
 डाक्टर दीपांशु और हेल्थ इंस्पेक्टर राज कुमार ने बताया कि आज के समय में दुनिया भर में डेंगू एक गंभीर बीमारी के तौर पर उभरी है। हर साल इस घातक बीमारी की वजह से लाखों लोगों की जान जाती है। इस मच्छर पर रोकथाम के लिए हमें सप्ताह में एक बार अपने कूलर पानी की टैंक व गमलों की सफाई आदि आवश्यक करनी चाहिए ताकि मच्छर का लारवा खत्म किया जा सके। हमारे देश में हर साल बड़ी संख्या संख्या में लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं यही वजह है कि डेंगू की बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल राष्ट्रीय डेंगू  दिवस मनाया जाता हैं। डेंगू होने पर नारियल का पानी, गिलोय का काढ़ा तथा बुखार होने पर पैरासिटामोल की गोली ले। इस अवसर पर  ब्लाक आशा कार्डिनेटर  दिनेश, सूचना सहायक रामबीर ,सोनू, उमेद , सपना,स्वास्थ्य कर्मी अनिल रसूलपुर ओर पूनम देवी स्टाफ नर्स और आशा वर्कर मौजूद थी।
उधर कनीना में डेंगू से बचने के लिए विभिन्न तरीके बताये। इस मौके पर शीशराम एचआई, एमपीएचडब्ल्यू सुनील कुमार सहित डाक्टर उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 05: पीएचसी भोजावास में डेंगू बचाव की विधि बताते हुए।
          06: कनीना के उप नागरिक अस्पताल में डेंगू की जानकारी देते हुए। फोटो-कार्यालय अस्पताल




विधिक सेवा प्राधिकरण ने चलाया जागरूक शिविर
-राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में चला जागरुकता शिविर
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कनीना की आवाज।
शिक्षा विभाग  व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से चाइल्ड हेल्प फाउंडेशन द्वारा स्कूली छात्रों के बीच बाल विवाह ,लैंगिक समानता तथा कन्या भू्रण हत्या पर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के अंतर्गत राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन विद्यालय के मुख्य अध्यापक नरेश कुमार कौशिक ने किया तथा बताया कि  समाज की आधी आबादी को अगर विकास की मुख धारा से जोड़ा जाए तो लिंग भेद की समस्या काफी कम हो जाएगी।
आज के सोशल मीडिया के युग में विद्यार्थियों के सामने भ्रमित होने के अनेक मार्ग खुले हुए हैं अगर उन्हें सही दिशा नहीं मिले तो वह गलत रास्ते पर चले जाते हैं।
मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए चाइल्ड हेल्प फाउंडेशन के एडवोकेट अजीत सिंह ने बताया कि आज समाज में बालिकाओं के गिरते अनुपात के कारण अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं तथा प्रधानमंत्री का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान इसमें बहुत कारगर साबित हुआ है।
इस अवसर पर वरिष्ठ अध्यापक कैलाश चंद, सुभाष चंद्र, संदीप कुमार, रूबी यादव, अनीता यादव, राजबाला ,शीला देवी ,राकेश कुमार डीपी शीतल चौहान, शालिनी प्रधान ,कश्मीरी निमल ,बाबूलाल यादव सहित समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित थे। इस अवसर पर चाइल्ड हेल्प फाउंडेशन की तरफ से विद्यालय को एक प्रशस्ति पत्र भी भेंट किया गया।
फोटो कैप्शन 07: जागरुकता शिविर को संबोधित करते हुए नरेश कौशिक। फोटो: मुख्याध्यापक




सफाई व्यवस्था चरमराई-सुमेर सिंह
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कनीना की आवाज।
कनीना नगर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। जगह जगह कूड़े के ढ़ेर लगे हुए हैं। सफाई की डींग हांकने वाले,र्कचारियों समेत अधिकारी लापता हैं। ये विचार पूर्व मैनेजर सुमेर सिंह कनीनवाल के हैं। उन्होंने बताया कि एक माह, सात दिन इन्तजार के बाद खुद सफाई करने के बाद भी जमादार कूड़ा उठाने तब नहीं आते हैं। वार्ड 12 की यह समस्या आम है। उनका कहना है कि एक व्यक्ति विशेष के कारण समस्या विकराल बनी हुई है। उन्होंने प्रतिदिन प्रत्येक वार्ड में सफाई करके कूड़ा उठाने का प्रबंध करने की मांग की है।
फोटो कैप्शन 04: सुमेर सिंह मैनेजर के पास नाले गंदगी से भरे  फोटो: सुमेर सिंह




पंजाब में उग्रवाद को समाप्त करने में अहं योगदान रहा है पूर्व डीएसपी मातादीन-जसवंत
--पुण्यतिथि पर करवाया गया हवन
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कनीना की आवाज।
पंजाब में उग्रवाद को खत्म करने के लिए कनीना निवासी मातादीन यादव रिटायर्ड एसपी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। वर्ष 1984 में जब इंदिरा गांधी की हत्या की गई तो उसके बाद भड़के हुए दंगों के दौरान पूरा देश दंगों की आग में झुलस गया था। विशेष रूप से पंजाब में उग्रवाद पूरे चरमसीमा पर फैला। जब स्थानीय पुलिस से उग्रवाद पर काबू नहीं पाया गया तो केंद्र सरकार द्वारा अर्ध-सैनिक बलों की नियुक्ति पंजाब के अंदर की गई। इसी दौरान कनीना निवासी मातादीन यादव जो उसे समय सीआरपीएफ में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट अपनी सेवाएं दे रहे थे, तो उनकी बटालियन की नियुक्ति पंजाब के अमृतसर और तारांतरण में की गई। जो उसे समय उग्रवाद का सबसे बड़ा केंद्र बिंदु था। अर्ध-सैनिक बलों द्वारा उग्रवाद पर काबू पाना इसलिए भी मुश्किल था कि सरकार नहीं चाहती थी की इस दौरान निर्दोषों की इसी प्रकार की कोई हत्या हो लेकिन पंजाब के उस समय के अलगाववादी नेेता जो बाद में भिंडरावाला के नाम से मशहूर हुए, उन्होंने स्वयं खाली स्थान की मांग करते हुए इस सारे मिशन को अपने हाथ में ले रखा था। ये विचार उनकी प्रथम पुण्यतिथि पर हवन उपरांत पूर्व प्रदेशमंत्री भाजपा जसवंत सिंह बबलू ने व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि कनीना निवासी मातादीन यादव सीआरपीएफ की जिस बटालियन का नेतृत्व कर रहे थे, उसकी नियुक्ति तारांतरण पट्टी व अमृतसर के इलाके में की गई। इसी दौरान मातादीन यादव की बटालियन को उस समय एक बड़ी कामयाबी मिली जब आपरेशन के दौरान खूंखार आतंकवादियों को मार गिराया था। उस समय के पंजाब पुलिस के डीजीपी जेएफ रेबेरो ने सीआरपीएफ के आईजी व डीआईजी रैंक के अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि आप अपने उसे अधिकारी को बुलाओ जो ने जिन्होंने इस आपरेशन को अंजाम देकर उग्रवादियों को ढेर किया। जब उनके उच्च अधिकारियों द्वारा मातादीन यादव को यह संदेश दिया गया कि आपको डीजीपी साहब सम्मानित करना चाहते हैं, आपको उनके कार्यालय में पहुंचना है। इस बात पर मातादीन यादव ने कहा कि डीजीपी साहब को यह बोलो कि इस आपरेशन की कामयाबी अकेली मातादीन की नहीं थी, बल्कि पूरी टीम की कामयाबी है जिसके लिए मुझे डीजीपी साहब का सम्मान नहीं चाहिए, अगर डीजीपी साहब सम्मानित करना चाहते हैं तो मेरी पूरी टीम को सम्मानित करें और वह भी मेरी बटालियन पर पहुंचकर। मातादीन की इस बात से उनके उच्च अधिकारी हैरत में पड़ गए तथा उनको यह कहा गया कि आप ऐसा नहीं कर सकते लेकिन मातादीन यादव की छवि एक दबंग एवं प्रमुख अधिकारी के रूप में रही जिसकी वजह से उन्होंने अपने कमांडेंट को नम्रतापूर्वक यह आग्रह किया की श्रीमान जी आप डीजीपी साहब को मेरी इच्छा तो जाहिर करें। इस बात पर काफी मंथन होने के बाद मातादीन यादव का संदेश उसे समय के डीजीपी रिपोर्ट तक पहुंचाया गया।  स्वयं डीजीपी ने कहा आप उसे अधिकारी को बोलो इस आपरेशन को सफल बनाने वाली टीम को मिलने आ रहा हूं और बाद में ऐसा ही हुआ, स्वयं जीपी उनकी कंपनी में पहुंचे और सभी लोगों को सम्मानित किया।
इसी प्रकार जालंधर जिला में भी अपने नियुक्ति के दौरान उन्होंने बहुत से ऐसे ही सफल आपरेशन किया जिसके लिए उनको डिप्टी कमांडेंट आपरेशन की जिम्मेदारी दी गई, जालंधर जिला में अपनी नियुक्ति के दौरान उन्होंने अवतार सिंह तारीक जैसे खूंखार आतंकवादी को ढेर करने में कामयाबी हासिल की, जिसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल ने भी मातादीन यादव को सम्मानित किया। ऐसे बहुत से वाक्य हुए जिनकी वजह से सीआरपीएफ के साथ-साथ उस समय पंजाब पुलिस के डीजीपी केपीएस गिल तथा सीबीआई के सरदार जोगिंद्र सिंह जैसे उच्च अधिकारियों के मातादीन यादव बहुत ही प्रिय हो गए।
  सेवानिवृत्त होने के बाद तथा सर्विस के दौरान तो सराहनीय कार्य किया ही उसके बाद वह अपने पैतृक गांव कनीना में शिक्षा समिति के सचिव रहे तथा डीएवी लोकल मैनेजिंग कमेटी के भी सदस्य रहे। अपने बच्चों को भी यही कहते थे किसी भी जायज काम के लिए किसी के आगे झुकना नहीं है वह जिंदगी में कभी झूठ नहीं बोलना है। इस प्रकार इसी परंपरा को आगे बढ़ते हुए उनके छोटे बेटे जसवंत यादव जो अभी भी भाजपा नेता है। इवन उपरांत एमडी हाउस पर प्रसाद वितरण भी किया गया।
फोटो कैप्शन 09: पूर्व डीएसपी मातादीन की पुण्यतिथि पर हवन करते हुए। फोटो: जसवंत सिंह





यूरो स्कूल में प्रतिभावान विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को किया सम्मानित
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कनीना की आवाज।
यूरो स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में अपना विशिष्ट स्थान रखता है। वह लगातार अपनी सफलता की बुलंदियों को छू रहा है। अभी हाल ही में कक्षा बारहवीं और दसवीं का वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित हुआ जिसमें बहुत से प्रतिभावान विद्यार्थियों ने अपनी बुद्धि के कौशल का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर शीर्ष स्थान प्राप्त कर अपने क्षेत्र का, स्कूल का और अपने अभिभावकों के नाम को चार चांद लगा दिए। उन प्रतिभावान विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के सम्मान मे स्कूल प्रांगण मे आज एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्कूल के संचालक सत्यवीर यादव, निदेशक नितिन यादव, अकादमिक डीन मीनू दूबे यादव, प्राचार्य सुनील यादव व उपप्राचार्या संजू यादव ने मां सरस्वती की प्रतिमूर्ति के चरणों में दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस कार्यक्रम में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों का फूल मालाओं और पगड़ी पहनाकर सम्मान किया। इस शुभावसर पर संचालक सत्यवीर यादव ने कहा कि हर विद्यार्थी मे प्रतिभा छिपी हुई होती है,
आवश्यकता है उसे निखारने की। हमारा ध्येय केवल बच्चों को शिक्षित करना ही नहीं बल्कि बच्चों को ग्लोबल लीडर बनाना है। साथ ही उन्होनें शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों और अभिभावकों को हार्दिक शुभकामनाएं दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इसी कड़ी में स्कूल के प्राचार्य सुनील यादव ने परीक्षा परिणाम पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी यूरो स्कूल के विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा के बल पर स्कूल के नाम चार चांद लगा दिए। उन्होंने बताया कि कक्षा बारहवीं में 13 विद्यार्थियों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए व कक्षा दसवीं में 25 विद्यार्थियों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर अपना व स्कूल का नाम रोशन किया। साथ ही उन्होंने बताया कि  यह परिणाम विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत, अध्यापकगणों की अथक परिश्रम और स्कूल प्रबंधन के श्रेष्ठ मार्गदर्शन से प्राप्त हुआ। साथ ही उन्होंने इस विशिष्ट उपलब्धि के लिए प्रतिभावान विद्यार्थियों, अभिभावकों व अध्यापकवर्ग को हार्दिक शुभकामनाएं दी। इस शुभावसर पर कोडऱ्ीनेटर रविंद्र यादव, ऋतु तंवर, सुमन यादव, तन्नु यादव,गतिविधि प्रभारी मधू यादव व स्कूल के समस्त सदस्यगण उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: अव्वल रहे यूरों के विद्यार्थी



महापंचायत संपन्न
एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव को दिया ज्ञापन
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कनीना की आवाज।
कनीना खास रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस गाडिय़ों का ठहराव करने की मांग को लेकर शुक्रवार को कनीना स्टेशन पर महापंचायत हुई। प्रमुख समाजसेवी अतरलाल एडवोकेट की अध्यक्षता में संपन्न महापंचायत में भारी संख्या में पूर्व सैनिकों, युवाओं व क्षेत्रवासियों ने भाग लिया।
   महापंचायत में प्रस्ताव पास कर केन्द्रीय रेल मंत्री तथा डीआरएम बीकानेर डिवीजन से कनीना खास रेलवे स्टेशन पर दिन में आने वाली दिल्ली जोधपुर एक्सप्रेस गाड़ी नम्बर 22421-22422, दिल्ली से बीकानेर एक्सप्रेस गाड़ी नम्बर 22471-22472 दिल्ली से सीकर एक्सप्रेस गाड़ी नम्बर











14713-14714 तथा रात को आने वाली दिल्ली बीकानेर एक्सप्रेस गाड़ी नम्बर 12457-12458 और दिल्ली जोधपुर एक्सप्रेस गाड़ी नम्बर 22481-22482 का ठहराव तत्काल कनीना खास रेलवे स्टेशन पर करने की मांग की। पंचायत में श्रीभगवान गौतम, सज्जन सिंह बोहरा, कर्णसिंह यादव, ब्रहमदत जांगड़ा, मोहन सिंह पूर्व पार्शद, सूबेदार मदन सिंह, सीताराम जांगड़ा, किशनपाल तंवर, देशराज यादव, अनिता चैधरी, नीटू ठेकेदार ने सम्बोधित करते हुए कहा कि मीटरगेज लाईन के समय यहां एक्सप्रेस ट्रेन ठहरती थी परन्तु ब्राड गेज लाईन बनने के बाद कोई भी एक्सप्रेस ट्रेन नहीं ठहरती जिससे यात्रियों को भारी परेशानी होती है। यह सैनिक तथा पूर्व सैनिकों का इलाका है। कनीना पुरानी अनाज मंडी तथा व्यापारिक केन्द्र हैं। उपमंडल स्तरीय मुख्यालय है। इसलिए यहां एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि एक माह के अंदर आगामी 18 जून तक उक्त एक्सप्रेस गाडिय़ों को ठहराव कनीना खास रेलवे स्टेशन पर शुरू नहीं किया तो क्षेत्रवासी धरना व रेल रोको आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। दूसरे प्रस्ताव में जनभावना की अवहेलना करने के कारण बीकानेर डिविजन के डीआरएम आशीष कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास कर उनका तबादला कर नया डीआरएम नियुक्त करने की मांग की गई।
     बाद में महापंचायत के सदस्यों ने केन्द्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव तथा बीकानेर डिविजन डीआरएम आशीष कुमार के नाम प्रेषित दो अलग-अलग ज्ञापन स्टेशन मास्टर अशोक यादव को सौंपे। उन्होंने ज्ञापनों को तत्काल उच्च अधिकारियों को भेजने का भरोसा दिया। ज्ञापनों में एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव करने सहित कनीना खास रेलवे स्टेशन को आदर्श भारत स्टेशन योजना में शामिल करने तथा सादुलपुर से दिल्ली पानीपत तक नई डीएमयू गाड़ी चलाने की मांग की। इस अवसर पर श्रीभगवान गौतम, सज्जन सिंह बोहरा, विजय सिंह, संदीप, रामकिशन, बिजेन्द्र कुमार, पूर्णचंद इंस्पेक्टर, राजेन्द्र सिंह नम्बरदार, धनराज गोयल, ब्रहमदत जांगड़ा, पदमसिंह तंवर, रामबीर पूर्व पंच, करणसिंह यादव, देशराज यादव, मोहन सिंह पूर्व पार्शद, राजेन्द्र यादव पंच, कैलाश सेठ, सतबीर जांगड़ा, पवन प्रधान, माडूराम, नरेन्द्र कुमार, डॉ. मुकेश, देवेन्द्र तंवर, अजय, फूल सिंह, तोफराम, अमित, संदीप, नीटू ठेकेदार, राजेन्द्र स्वामी, बिरेन्द्र, प्रवीण, परमेन्द्र, अनिता चैधरी, ताराचंद योगी, सुबेदार घनश्याम सिंह, सुबेदार मदन सिंह आदि सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।
फोटो कैप्शन1. महापंचायत में विचार विमर्श करते इलाकावासी।
2. स्टेशन मास्टर को ज्ञापन सौंपते महापंचायत के सदस्यगण।

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