कड़ी -01
अब नहीं मिलते खाने को शहतूत
--ग्रामीण बेहतरीन एवं पौष्टिक फल है शहतूत
*********************************************
*****************************************************
********************************************
कनीना की आवाज। आज से करीब 30 वर्ष पहले एक दौर था जब शहतूत के प्रति गहन लगाव होता था। बड़े-बड़े शहतूतों को माली भी बेचने के लिए गांव में आते थे। बर्फ में शहतूत को लगाकर बेचते थे और यह शहतूत खाने में बहुत मजेदार होते थे। यद्यपि बहुत से लोग शहतूत खाने के पक्ष में नहीं है क्योंकि उनका कहना है कि यह एक ऐसा फल है जिस पर कोई छिलका नहीं होता इसलिए इस पर मक्खियां, मच्छर और कीट धावा बोलते हैं। ऐसे में उनका कहना है कि इनको नहीं खाना चाहिए परंतु ये फल बहुत लाभप्रद होते हंै। याद है बचपन के दौरान शहतूत को ढूंढ-ढूंढकर खाते थे। दूर दराज तक शहतूत के पेड़ ढूंढते, उन पर फलों को ढूंढते और चाव से खाते थे। वर्तमान समय में शहतूत की एक बिगड़ी प्रजाति जरूर दिखाई देती है जिसमें बहुत छोटे-छोटे शहतूत होते हैं जो बिल्कुल काले हो जाते हैं तब तो उनमें कुछ स्वाद आता है वरना वो स्वादिष्ट नहीं होते। जो बेहतर दर्जे के शहतूत मीठे, लंबे होते हैं और बहुत रसीले होते हैं। इन शहतूतों को बड़े चाव से खाया जाता था ।ग्रामीण फलों में शहतूत का नाम भी एक था क्योंकि शहतूत का पेड़ बहुत आसानी से उग जाता है, तैयार हो जाता है और फल भी लगते हैं। परंतु उत्तम किस्म के शहतूत पेड़ इक्का दुक्का कहीं नजर आता है उस पर भी फल बहुत कम लगते हैं।
याद है जब स्कूल में जाते थे तो शहतूत छोटे-छोटे कागज के टुकड़ों पर रखकर रास्ते में खाते हुए जाते थे। आज शहतूत युवा पीढ़ी को दिये जाए तो आधुनिक पीढि़ इनको नहीं खाएगी। जबकि चाव से खाना भी चाहिए। यह सत्य है कि ग्रामीण बेहतरीन फलों में शहतूत की गिनती की जाती है। परंतु युवा पीढ़ी इनको किनारा कर रही है। आज भी याद है लोग पेड़ पर चढऩे में माहिर होते थे, आसानी से पेड़ पर चढ़ जाते और शहतूत को तोड़कर खाते थे। आजकल तैरना एवं पेड़ पर चढऩा ये कम होते जा रहे हैं।
शहतूत फल में कई विटामिन और खनिज लवण होते हैं। इनमें विटामिन-ए,बी,सी के अलावा कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, पोटेशियम आदि शामिल हैं। ये फल एंटीआक्सीडेंट, फाइबर से भरपूर होता है। इसलिए सेहत के लिए ज्यादा लाभप्रद होते हैं। ये प्रतिरक्षी प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। आंखों और त्वचा के लिए बहुत लाभप्रद हैं। यह त्वचा के को स्वस्थ रखने में तथा मस्तिष्क की गतिविधियों को तेज करते हैं। लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण को बढ़ावा देते हैं और एनीमिया रोग से बचाते हैं। दांत और हड्डियां मजबूत होती है, तंत्रिका तंत्र स्वस्थ बनता है, रक्तचाप नियंत्रित रहता है। यह पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है। शहतूत एक पौष्टिक फल है जो स्वास्थ्य के लिए ज्यादा लाभप्रद है तथा हमारी बेहतर प्रतिरक्षा प्रणाली, पाचन तंत्र, स्वस्थ त्वचा, आंखें आदि को बनाए रखने में अहम योगदान देता है।
फोटो : शहतूत
सैनिक न तो यूनिट में पहुंचा और न ही घर पर
-गुमशुदगी का मामला करवाया दर्र्ज
*********************************************
*****************************************************
********************************************
कनीना की आवाज। बव्वा जिला रेवाड़ी का सैनिक न तो यूनिट पहुंचा और न ही घर पर वापस लौटा। वह 19 मई को कनीना से ट्रेन में बैठकर यूनिट के लिए रवाना हुआ था। पुलिस में संजय कुमार हवलदार के भाई ने शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा है कि संजय कुमार पिछले 14 सालों से सेवा में हवलदार के रैंक पर कार्यरत है। 11 कुमाऊं रेजीमेंट में कालका के पास धामपुर में पोस्टेड है। वह घर से 19 मई को कनीना से ट्रेन के से रात 9:30 बजे चला था किंतु अभी तक न तो यूनिट पहुंचा है और न ही घर वापस लौटा है। न उनकी फोन पर कोई बात हुई है, मोबाइल बंद आ रहा है। अमित कुमार की शिकायत पर संजय कुमार के गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।
ट्रक ने रिक्शा चालक को मारी टक्कर, घायल, मामला दर्ज
*********************************************
*****************************************************
********************************************
कनीना की आवाज। कनीना में बिल्लू मिष्ठान भंडार के यहां कार्यरत एक मजदूर की रिक्शा को ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे बुरी तरह से घायल हो गया। उनका इलाज अभी रेवाड़ी चल रहा है। उन्होंने कनीना पुलिस में ट्रक चालक के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया है। पुलिस में रामु कुमार ,जिला एटा, थाना निदोली ने बताया कि वह मेहनत मजदूरी करता और पिछले एक महीने से बिल्लू मिष्ठान भंडार कनीना के गोदाम से दुकान तक सामान लाने ले जाने का काम करता है। 21 मई को सुबह करीब 8 बजे अपनी रिक्शा से दुकान का सामान लेकर गोदाम जा रहा था। दुकान से रिक्शा लेकर लगभग 20 कदम चला था, सामने से ट्रक चालक तेज गति से चलाता आया और टक्कर मार दी जिससे रिक्शा का पिछला टायर ट्रक से जा टकराया। रिक्शा में रखे लड्डू आदि बिखर गए और रिक्शा का हैंडल छाती में लगा, सड़क पर गिर गया और ट्रक का कुछ हिस्सा उसके पैर के पंजे के ऊपर से गुजर गया। दुकान मालिक ने कनीना के सरकारी अस्पताल में इलाज करवाया जहां से अधिक चोट होने के कारण हायर सेंटर रेफर कर दिया। अब उनका इलाज रेवाड़ी के निजी अस्पताल में चल रहा है। उन्होंने ट्रक चालक के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया है।
उन्हानी में वालीबाल की प्रतियोगिता करवाकर युवा खिलाडिय़ों को नशे के खिलाफ जागरूक किया
*********************************************
*****************************************************
********************************************
कनीना की आवाज। थाना शहर कनीना पुलिस ने गांव उन्हानी में वालीबाल की प्रतियोगिता करवाकर युवा खिलाडिय़ों को नशे के खिलाफ जागरूक किया। पुलिस की टीमें पिछले काफी समय से जिले के अधिकतर स्कूलों व कॉलेजों एवं गांवों में इस तरह के जागरूकता अभियान चला चुकी हैं। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में डीएसपी दिनेश कुमार मौजूद रहे।
शुक्रवार की शाम को कनीना के गांव उन्हानी के खेल मैदान में जिला पुलिस की तरफ से वॉलीबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस दौरान थाना सदर महेंद्रगढ़ की पुलिस टीम, गांव के मौजिज व्यक्ति व खिलाड़ी मौजूद रहे।
डीएसपी ने लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक करते हुए कहा कि नशे को जड़ से खत्म करना होगा। इसके लिए सभी का जागरूक होना जरूरी है। नशे के कारण स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, साथ ही अपराध का कारण भी बनता है। उन्होंने आह्वान किया कि यदि कोई नशीले पदार्थ का व्यापार कर रहा है तो तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दें। नशा वो बीमारी है, जो न केवल एक परिवार बल्कि समाज और देश के भविष्य को खतरे में डालने का काम करता है।
इसके बाद गांव के युवाओं के बीच वालीबॉल मैच का आरंभ किया गया। जीतने वाली टीम को डीएसपी के द्वारा ट्राफी देकर सम्मानित किया गया। खेल के माध्यम से सभी को नशे से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में अवगत कराया। युवाओं को बताया कि अपनी ऊर्जा शिक्षा व खेलों में लगाएं। इस अवसर पर थाना प्रभारी ने पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में बढ़-चढ़ कर भाग लेने के लिए लोगों को जागरूक किया और लोगों से नशा बेचने वालों, नशे का व्यापार करने वालों और किसी भी आपराधिक घटना के बारे में पुलिस को सूचित करने की अपील की। उन्होंने युवाओं से भी अपील करते हुए कहा कि युवा नशे के दलदल से बच सकते हैं और देश व समाज के निर्माण में अहम योगदान दे सकते हैं। इसलिए वह नशे से दूर रहे और नशा न करें। उन्होंने कहा खेल के माध्यम से युवाओं को खेल की तरफ जागरूक करना है और उन्हें नशे जैसी सामाजिक बुराई से दूर रखना है। ताकि वह शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बन सकें।
फोटो कैप्शन 04: उन्हाणी में आयोजित पुलिस खेल फोटो: पुलिस
दो वर्ष के लिए एसएमसी का गठन
-सुमित्रा देवी बनी प्रधान
*********************************************
*****************************************************
********************************************
कनीना की आवाज। समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत आगामी 2 वर्ष के लिए राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी)का गठन किया गया ।
आज की सांझी सभा का आयोजन विद्यालय के मुख्य अध्यापक एवं सचिव नरेश कुमार कौशिक की अध्यक्षता में किया गया तथा सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर प्रधान पद के लिए सुमित्रा देवी का चयन किया गया वहीं उप प्रधान पद के लिए संध्या का चयन किया गया ।
इसके साथ सेवा निवृत शिक्षाविद रतन लाल शर्मा , सामाजिक कार्यकर्ता दीपचंद यादव , सावित्री देवी, हेमलता ,मंजू देवी, जगमाल सिंह , नगर पार्षद पूजा देवी ,वरिष्ठ अध्यापक कैलाश चंद्र व सुभाष वर्मा को भी सदस्य बनाया गया है। बैठक के प्रारंभ में सचिव द्वारा समिति का गत दो वर्ष का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया तथा विद्यालय की उपलब्धियां बताई गई तथा विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों के अधिकार व कर्तव्यों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।
विद्यालय प्रबंधन समिति की निवर्तमान प्रधान सावित्री देवी ने सभी सदस्यों का बेहतर सहयोग के लिए आभार जताया तथा आश्वस्त किया कि भविष्य में वह नई कार्यकारिणी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगी ।
उल्लेखनीय है कि गत दो वर्षों से विद्यालय का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा है वही बेहतर नामांकन तथा विद्यालय की छात्राओं का खंड व जिला स्तर की प्रतियोगिताओं में सराहनीय प्रदर्शन रहा है।
फोटो कैप्शन 05: नव नियुक्त एसएमसी पदाधिकारी एवं स्टाफ। फोटो: मुख्याध्यापक
नौतपा 25 मई से
अस्पतालों में किये गये विशेष प्रबंध
--भीषण गर्मी से बचे--डा. जितेंद्र
*********************************************
*****************************************************
********************************************
कनीना की आवाज। 25 मई से नौतपा शुरू हो रहा है जो 2 जून तक चलेगा। यदि उस समय का ताप देखा जाए तो 43 डिग्री तक पहुंच गया है जबकि कम से कम ताप 29 डिग्री रहेगा।
इस वक्त 12 घंटे से अधिक समय सूरज चमक रहा है और तापमान आगे बढ़ाने की संभावना बढ़ रही है। नौतपा में सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी गिरकर कम स्थान पर फैल रही है अब सूर्य की किरणें पृथ्वी पर 89.2 डिग्री के आसपास पहुंच रही है। दौरान सूर्य 13 घंटों से अधिक समय तक चमकता रहेगा।
नौतपा कहने को तो 9 दिन चलेगा कि लगातार 15 दिनों की अवधि में ताप अधिक रहता है। इस दौरान पृथ्वी पर सूर्य की किरणें सीधी गिरती हैं। सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर जाएगा। इस दौरान बीमारियां भी बढ़ जाती है। ऐसे में धूप से बचना बहुत जरूरी होता है।
क्या कहते हैं डाक्टर-
डा.जितेंद्र मोरवाल कनीना उप-नागरिक अस्पताल बताते हैं कि गर्मी बढ़ जाने से जहां 10 प्रतिशत तक मरीज बढ़ गये हैं। अस्पताल में सभी दवाओं का प्रबंध किया गया है। जहां लू लगना, उल्टी, बुखार दस्त आदि की शिकायत बढ़ जाती है। धूप से बचना बहुत जरूरी है। हीट वेव को देखते हुए किया गया है। ओआरएस का घोल उपलब्ध कराया गया है ताकि किसी प्रकार की इमरजेंसी से बचा जा सके।
कैसे बचा जाए तपन से-
डा. जितेंद्र मोरवाल बताते हैं की धूप से बचने का सबसे सरल उपाय है घर में छुपकर बैठे रहे। हवादार कमरे में रहे। यदि बाहर जाना पड़े तो पानी की बोतल साथ लेकर जाए तथा पूरे कपड़े शरीर पर पहने, हाथ पैर सर सभी ढके हुए होने चाहिए। पैरों में चप्पल जूते होने चाहिए ताकि गर्मी और तपन से बचा जा सके। इस दौरान तरल पदार्थ जैसे पानी, जूस, लस्सी ,दूध आदि अधिक प्रयोग करना चाहिए। जंक फूड से इस समय बचना चाहिए, ठोस भोजन कम से कम प्रयोग करना चाहिए। हो सके तो कूलर की हवा में बैठना चाहिए। जब सुबह और शाम ताप कम हो जाए उस समय यदि कोई जरूरी काम हो तो बाहर निकलना चाहिए उनका कहना है कि गर्मी और नौतपा से धूप, लू लग जाती है, बुखार आ जाता है और इसमें बचाव में ही बचाव है। उन्होंने बताया घर पर ग्लूकोस वगैराह प्रयोग करें तथा साथ में ओआरएस का बनाकर रखे। ओआरएस घोल बनाना बहुत सरल है। नमक चीनी और थोड़ा सा नींबू का रस भी डाले तो बेहतरीन स्वाद का घोल तैयार हो जाता है। पानी अधिक से अधिक प्रयोग करें, शरीर में पानी की कमी ना आने दे।
बुजुर्ग बताते हैं कि अगर धूप लग जाए, लू लग जाए तो उससे बचने के लिए पुराने समय से बुजुर्ग कच्चे आम को भूनकर उसका रस, नमक ,चीनी आदि मिलाकर पीते आए हैं जो धूप और गर्मी से बचाता है। यह भी ओआरएस की भांति काम करता है। नौतपा से बचाव में ही बचाव है।
फोटो कैप्शन 0$2: गर्मी से बचाव करते हुए स्कूली बच्चे।
फोटो कैप्शन: डा जितेंद्र मोरवाल
धनौंदा के तालाबों में नहीं है पानी
-पशुपालक व ग्रामीण परेशान, लोगों ने सरकार के खिलाफ उगला जहर
*********************************************
*****************************************************
********************************************
कनीना की आवाज। गांवों में पहले के बने तालाब सूखने लगे हैं। यह समस्या अकेले गांव धनौदा की नहीं है इस प्रकार की समस्या के और भी कई गांवों की हैं जिनमें कई कई वर्ष बीत गए लेकिन पीने के पानी के नाम पर एक बूंद भी नहीं आई है। जिसको लेकर ग्रामीण बड़े परेशान हैं और सरकार को कोस रहे हैं। गांव धनौदा के पूर्व सरपंच एवं मार्केट कमेटी कनीना के पूर्व अध्यक्ष क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी ठाकुर रतन सिंह तंवर गांव के पूर्व सरपंच सुरेंद्र सिंह तंवर पूर्व पंच सुनील कुमार पूर्व पंच रामविलास शर्मा कृपाल सिंह हनुमान सिंह बाबा दयाल के भगत भोलू सिंह सुभाष सिंह हनुमान सिंह तंवर हरि प्रकाश के अलावा दर्जनों ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि गांव धनौंदा में लगभग आधा दर्जन तालाब हैं लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है की एक भी तालाब में एक बूंद पानी तक नहीं है जिसके कारण यहां पशुपालकों में त्राहि त्राहि मची हुई है लेकिन इसकी तरफ ध्यान देने वाला कोई नहीं है ऐसा महसूस होता है जैसे इस गांव का कोई धनी धोरी नहीं है ग्रामीणों का यह भी कहना है की वर्षों पहले इस गांव में लगभग सभी तालाबों में पानी भरा रहता था जिसके कारण गांव में ज्यादा गर्मी भी नहीं होती थी और पशुओं को पीने तथा नहाने के लिए पानी उपलब्ध हो जाता था लेकिन अब पिछले लंबे समय से इस गांव के किसी भी तालाब में पानी की एक बूंद भी नहीं है जिसके कारण ग्रामीण परेशान हैं ग्रामीणों का यह भी कहना है की ग्राम पंचायत व प्रशासन द्वारा गांव में नए तालाब तो खुद वॉए हैं जिन पर मोटा पैसा भी खर्च किया है लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है उसके बावजूद भी गांव के किसी तालाब में एक बूंद पानी तक नहीं है ग्रामीणों का यह भी कहना है जब प्रशासन व ग्राम पंचायत गांव में नए तालाब खुदवाने का ठेका तो उठा लेती है परंतु अब उन तालाबों में एक बूंद पानी नहीं है अब पानी भरने का ठेका कौन उठाएगा ताकि ग्रामीणों को तालाबों में पानी मिल सके और उनके पशु तालाब में जाकर पानी पीकर स्नान कर सके ग्रामीणों ने यह भी बताया इस गांव में ज्यादा लोग कृषि पर आधारित हैं जो अपने घरों में कई कई पशु रखते हैं ताकि वह अपनी आजीविका चला सके लेकिन जब से गांव के तालाबों में पानी नहीं भरा गया है तब से इन पशुपालकों को भारी समस्याओं का सामना उठाना पड़ रहा है लेकिन गांव की ग्राम पंचायत तथा प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है जिसके कारण पशुपालक भारी समस्याओं से जूझ रहे हैं ग्रामीणों का यह भी कहना है इस तरह की भीषण गर्मी में तालाबों में पानी न होने के कारण पशु धन रखने वाले लोग परेशान हैं। गर्मी ज्यादा पड़ेने के कारण पशुओं को पीने के पानी के लाले पड़े हुए हैं जिसके कारण पशु बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। पशुपालकों का यह भी कहना है जब तालाबों में पानी होता था तो कई-कई घंटे तक हमारे पशु तालाबों में स्नान कराते थे जिसके कारण उनका गर्मी से बचाव हो जाता था और वह समय पर दूध देते थे लेकिन जब से गांव के तालाब सूखे हैं तब से पशुओं को स्नान कराना तो दूर की बात उनके पीने के पानी के लाले पड़ गए हैं। ग्रामीणों ने यह भी बताया तालाबों में पीने का पानी न होने के कारण पशुपालक अपने पशुओं को औने- पौने दामों पर बेचने के लिए विवश हो रहे हैं। प्रशासन व ग्राम पंचायत द्वारा तालाबों की खुदाई के लिए मोटा पैसा खर्च किया गया है क्योंकि गांव में तालाब बने और उनमें पानी भरा जाए जिससे गांव में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था हो।
गांव में स्थित बाबा दयाल के मंदिर के पास बने एक तालाब में हमेशा पानी रहता था जो पशुओं के लिए भी पीने के काम आता था तथा बाबा दयाल की मजार पर लगने वाले मेले में गांव धनौंदा के लोग ही नहीं बल्कि आसपास के गांव के लोग आकर इस तालाब से पानी भरकर बाबा दयाल के मंदिर में बाबा को स्नान कराते थे और प्रसाद बांटते थे लेकिन पिछले लंबे समय से इस तालाब में पानी न होने के कारण लोगों को पूजा के लिए भी पानी लाने की बड़ी समस्या बनी हुई है क्योंकि यह तालाब धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ तालाब है। गांव के दर्जनों लोगों ने मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार तथा जिला प्रशासन मांग करते हुए कहा है कि सरकार को गांव में बने तालाबों में पानी की समुचित व्यवस्था करानी चाहिए ताकि गांव में पशुधन रखने वाले लोगों को पशुओं को पिलाने के पानी की कोई समस्या ना हो और उनके पशु बीमार ना हो।
फोटो कैप्शन 01:सैकड़ो ग्रामीणों ने प्रशासन व सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए फोटो: ग्रामीण
हेरिटेज विद्यालय के 28
विद्यार्थियों ने सैनिक स्कूल में सफलता पाकर लहराया परचम
*********************************************
*****************************************************
********************************************
कनीना की आवाज। उपमंडल कनीना में स्थित हेरिटेज वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मोहनपुर के 28 विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त कर दिखाई अपनी प्रतिभा जिसमें दुर्गा, जितिन, लकी यादव, इशिका हरिशंकर ,साहिल, राहुल, प्रियांशु, मिस्टी, मयंक कुमार, लक्ष्य, अयान ,दीपक यादव, देवराज, देव ध्रुव, दीक्षा यादव, दीपेंद्र कुमार, इशिका शर्मा, गौरव शर्मा, अवनी, एंजेल, हर्ष कुमार ,आयुषी अहरोदिया, आयुष कौशिक, इशू, पारस व मानवी ने सफलता पाकर अपने विद्यालय तथा अध्यापक व माता-पिता का नाम रोशन किया है।। विद्यालय के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने बच्चों को उनके उत्कृष्ट परिणाम की बधाई दी और उन्हें सदैव प्रगति पथ पर अग्रसर रहने का आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर पूरे विद्यालय में खुशी का माहौल बना हुआ है। सभी विद्यार्थी एक दूसरे को मिठाई खिलाकर वह बधाइयां देते हुए डांस कर रहे हैं। अध्यापक गण भी बच्चों के साथ डांस कर रहे हैं व खुशी मना रहे हैं। इस अवसर पर विद्यालय के सीईओ कैलाश शर्मा, मनीष कुमार डायरेक्टर, खुशीराम शर्मा प्रधानाचार्य ,कृष्ण सिंह सीनियर कोआर्डिनेटर, सुरेंद्र कुमार कोआर्डिनेटर, सुमन व समस्त अध्यापक गण उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 03: चयनित विद्यार्थी। फोटों: स्कूल प्राचार्य
No comments:
Post a Comment