कृष्ण प्रकाश हुये सेवानिवृत्त
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कनीना। मुख्य अध्यापक कृष्ण प्रकाश का कार्यकाल पूर्ण होने पर राजकीय उच्च विद्यालय भडफ़ में कार्यक्रम कर स्टाफ की तरफ से विदाई दी गई। कृष्ण प्रकाश 16 अप्रैल 1993 में शिक्षा विभाग में अध्यापक के पद पर नियुक्त हुए थे। उसके बाद से अब तक वे शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं। उनकी सेवानिवृत्ति को लेकर स्टाफ सदस्यों ने कार्यक्रम का आयोजन कर उन्हें सम्मानित किया। प्राचार्य अशोक पैकेन ने बताया कि मुख्य अध्यापक कृष्णप्रकाश ने 28 वर्ष 3 माह और 15 दिनों तक शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दी हैं। उनके इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने अपनी पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ कार्य किया और हमेशा विद्यार्थियों को उपलब्धि हासिल करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में नंबरदार मुकेश, बलवान सिंह आर्य ,आर्य समाज भडफ़ के प्रधान ओम प्रकाश आर्य ,आर्य समाज कनीना के प्रधान मोहर सिंह, प्रवक्ता सचिन शर्मा ,नीरज देवी, विजयपाल चेयरमैन, राजकुमार कनीनवाल पूर्व चेयरमैन,प्राचार्य अशोक पैकन, महेश, फूलचंद ,अशोक कुमार ,हनुमान सिंह सहित विद्यालय स्टाफ के सदस्य व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 13: कृष्ण प्रकाश को सेवानिवृत्ति पर विदा करते हुए स्कूल स्टाफ व अन्य ।
जगह-जगह हुआ पौधारोपण
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कनीना। कनीना उपमंडल के कई स्थानों पर पौधारोपण कर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया।
भडफ़ गांव के सरपंच महेंद्र कुमार ने बताया कि उनके यहां विभिन्न स्थानों पर नीम,पीपल, बरगद की त्रिवेणी लगवाई हैं। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी वातावरण को सबसे अधिक शुद्ध करने वाली पौधे की तिकड़ी होती है। उन्होंने कहा कि जहां त्रिवेणी लगी होती है वहां आक्सीजन की कमी नहीं होती है। इस मौके ग्रामीणों के साथ मिलकर धार्मिक स्थानों पर त्रिवेणियां लगाई।
उधर सूबे सिंह समाजसेवी ने ट्यूबवेल के आसपास नीम के पेड़ लगाए। उन्होंने बताया कि नीम सबसे अधिक छाया देते हैं, ऐसे में उन्होंने विभिन्न स्थानों पर नीम के पेड़ लगाए हैं। नीम के पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण भी उनका सदा ही निश्चय रहा है कि अधिक से अधिक नीम के पेड़ लगाए जाए। इसी कड़ी में उन्होंने
20 पेड़ नीम के विभिन्न स्थानों पर लगाए।
फोटो कैप्शन 14: भडफ़ गांव में त्रिवेणी लगाते
फोटो कैप्शन 15:सूबे सिंह समाजसेवी पौधा रोपण करते हुए
सेवानिवृत्ति सेवा का है अभिन्न अंग- बाबू लाल यादव
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कनीना। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बवानिया में प्रवक्ता इतिहास रामअवतार बोहरा का सेवाकाल पूर्ण होने पर शनिवार को कार्यक्रम का आयोजन कर स्टाफ सदस्यों ने उन्हें सम्मान सहित विदाई दी।
प्रधान बाबूलाल यादव हेमसा प्रधान ने बताया कि रामअवतार प्रवक्ता इतिहास शिक्षा विभाग में 28 वर्ष 2 मास 19 दिन अपनी सेवा दी है। इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने पूरी ईमानदारी व निष्ठा से अपना कार्य किया। उनके मार्गदर्शन में बहुत से विद्यार्थियों ने उच्च उपलब्धियां प्राप्त की। स्टाफ सदस्यों के प्रति इनका व्यवहार बहुत ही सराहनीय रहा। प्राचार्य सूबे सिंह चौहान ने बताया कि रामअवतार ने 13 मई 1993 को शिक्षा विभाग में नियुक्ति प्राप्त की थी। इन्होंने पूरी लगन एवं मेहनत से शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया। उनकी सेवानिवृत्ति को लेकर स्टाफ सदस्यों ने उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर चेयरमैन धर्मेंद्र यादव, सुरेंद्र कुमार उपधीक्षक, रामविलास प्रवक्ता, प्राचार्य सूबे सिंह चौहान, हरीश मंदोला, सोनू यादव दौंगड़ा अहीर, कृष्ण सिंह डहीना, प्राचार्य महेंद्र सिंह, विजय सिंह प्रवक्ता, अरुण कुमार, चरण सिंह, सहित विद्यालय स्टाफ के सदस्य व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 11: बवानिया में प्रवक्ता रामअवतार बोहरा के सेवानिवृत्ति समारोह में उपस्थित स्टाफ सदस्य।
गाहड़ा से दादरी मुख्य मार्ग पर जमा पानी को जनरेटर से निकाला
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कनीना। खण्ड के गांव गाहडा में कनीना से चिडिय़ा दुधवा-दादरी मुख्य मार्ग पर बरसात के समय इस मार्ग पर बहुत अधिक जलभराव हो जाता है। इस जलभराव के कारण इस सड़क मार्ग से आने वाले अनेक गांव के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने बीडीपीओ व कनीना एसडीएम से कई बार शिकायत भी की। शिकायत के बाद बीडीपीओ देशबंधु व ग्राम सचिव जितेंद्र की टीम ने गांव के नहर के पास एक प्राइवेट जरनेटर रखकर पानी को निकालने का प्रयास किया। जनरेटर की मदद से मुख्य मार्ग में जमा पानी को धीरे धीरे नहर में निकालने का कार्य किया गया। यह सड़क मार्ग कनीना से छितरौली-सीहोर-बाघोत-चिडिय़ा होते हुए दादरी जाता है। इस कारण इस पर दिन भर सैकड़ों की संख्या में वाहन आते जाते रहते हैं। इसके साथ साथ रेवाड़ी जिले के के कई गांव के लिए भी यहां से संपर्क मार्ग जाते हैं जिस कारण लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा था। पंचायत विभाग द्वारा जमा बरसाती पानी को निकालने का प्रयास किया गया जिससे लोगों को कुछ राहत मिली। इस कार्य के दौरान वहां मौजूद बंटी पंच, धर्मवीर सहित गांव के कई अन्य लोग भी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 12: जनरेटर से पानी निकालते गाहड़ा के लोग।
कोर्ट परिसर में लगाये 105 पौधे
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कनीना। पर्यावरण मित्र मनोज रामबास एवं कनीना बार एसोसिएशन ने मिलकर 105 पौधे कोर्ट परिसर में लगाकर पर्यावरण ससंरक्षण का संदेश दिया है। इस दौरान बार एसोसिएशन कनीना के प्रधान कुलदीप रामबास अधिवक्ता के नेतृत्व में कनीना कोर्ट परिसर में बड़, पीपल नीम के बड़े पौधे, करंज, गुलमोहर, अमलतास, आंवला शीशम, सीताफल आदि प्रमुख हैं। इस मौके पर बार प्रधान ने कहा कि पेड़-पौधों की कमी से निरंतर पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए पौधारोपण बहुत जरूरी है। पर्यावरण मित्र मनोज कुमार रामबास ने कहा कि हम सभी का फर्ज बनता है कि पृथ्वी की खूबसूरती को बनाए रखने में अपना योगदान दें। उन्होंने सभी को अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील की। इस दौरान कुलदीप यादव अधिवक्ता बार एसोसिएशन प्रधान,राजेश कुमार कनीना अधिवक्ता , संजय कुमार सिहोर अधिवक्ता विनोद कुमार, धर्मबीर फौजी कनीना, सतीश भाटोटीया , संदीप एडवोकेट, मनोज कुमार रामबास, संजीत रामबास, अमित रामबास आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 8: कोर्ट परिसर कनीना में पौधारोपण करते बारएसोसिएशन प्रधान एवं वृक्ष मित्र मनोज रामबास इत्यादि।
लाहौल स्पीति पर्वतीय क्षेत्र की दुर्गम यात्रा बाइक से पूर्ण
-भौगोलिक जानकारी एवं सैनिकों के कष्ट को जानने का रहा उद्देश्य
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कनीना। क्षेत्र के गांव झगड़ोली से अंग्रेजी के प्रवक्ता मदन मोहन कौशिक ने लाहौल स्पीति पर्वतीय क्षेत्र कि लगभग 2200 किलोमीटर दुर्गम यात्रा अपनी मोटरसाइकिल से पूरी की है। भौगोलिक जानकारी एवं सैनिकों के कष्ट को जानने का उद्देश्य रहा है।
अपनी यात्रा की जानकारी देते हुए मदन मोहन कौशिक ने बताया कि उन्होंने लगभग 2200 किलोमीटर लंबी दुर्गम यात्रा अपनी मोटरसाइकिल से पूरी की है। अपनी सात दिवसीय यात्रा इन्होंने वाया रोहतक, अंबाला, चंडीगढ़, सोलन, शिमला, नारकंडा, रामपुर, रिकांग पिओ ,कल्पा काजा, लांगझा, हिक्किम, धनकर, गोम्पा, कुंजुम पास केलांग, अटल टनल, मनाली, कुल्लू मंडी, बिलासपुर के रास्ते पूरी की। उन्होंने दुनिया के सबसे ऊंचे पोस्ट आफिस हिक्किम जो 15000 से भी ज्यादा फुट की ऊंचाई पर है, का भी दौरा किया। उन्होंने बताया कि लाहौल स्पीति की यात्रा मानसून के मौसम में बहुत कठिन हो जाती है क्योंकि जगह-जगह भूस्खलन की वजह से रास्ते रुक जाते हैं। उन्होंने इस यात्रा को लेह लद्दाख की यात्रा से भी दुर्गम व रोमांचकारी बताया। खासकर काजा से अटल टनल का 170 किलोमीटर का सफर बहुत ही दुर्गम है तथा पूरे रास्ते पत्थरों के ऊपर चलना पड़ता है जो लगभग डेढ़ दिन में पूरी होती है । वे अपनी बाइक से लेह लद्दाख, केदारनाथ, बद्रीनाथ, माउंट आबू, नैनीताल पिथौरागढ़ आदि पर्वतीय क्षेत्रों के अलावा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के लगभग 140 जिलों का अपनी बाइक द्वारा भ्रमण कर चुके हैं तथा उनकी आगामी योजना अगले 5 वर्षों में देश के 500 से ज्यादा जिलों का बाइक से भ्रमण करने की है।
फोटो कैप्शन 9:लाहौल स्पीति की छीतड़ू जगह जहां बर्फ का पानी बनकर गिर रहा है।
10:पूह कस्बा का नजारा जहां चढ़ाई करनी है।
शिव भोले चौक बना मजदूरों का गढ़
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कनीना। कनीना का 21 फुट शिव प्रतिमा वाला चौक, शिव चौक के नाम से जाना जाता है जहां विभिन्न धार्मिक स्थान स्थित है।
अब यह चौक मजदूरों के लिए भी जाना जाने लगा है, वहां पर भारी मात्रा में मजदूर मिलते हैं। जिनको जरूरत तो इन मजदूरों को ले जा सकता है। अधिकांश मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार तथा राजस्थान से संबंध रखते हैं।
जिन मजदूरों को मजदूरी नहीं मिलती तो यह यहां पीपलएवं बरगद के पेड़ों के नीचे बैठ जाते हैं और जिन लोगों को मजदूरों की जरूरत होती है तो वह यहां आकर जितने मजदूर चाहिए उतने ले जा सकता है। इस प्रकार प्रतिदिन का यही कार्यक्रम है। एक तरफ जहां कनीना में विभिन्न धार्मिक स्थान हैं वहीं ये मजदूर मिल जाते हैं। गर्मी के दिनों में अक्सर दिनभर मजदूर यहां बैठे मिलते हैं। प्रतिदिन सुबह सवेरे यहां मजदूर इकट्ठे हो जाते हैं।
फोटो कैप्शन 6: पेड़ के नीचे तथा आसपास बैठे हुए। जागरण
सैकड़ों एकड़ किसानों की फसल जलमग्न
-किसान डूबे चिंता में
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कनीना। विगत एक पखवाड़े में कनीना क्षेत्र में दो बार भारी वर्षा हुई है। 18 जुलाई और 30 जुलाई को करीब 160 एमएम बारिश हो चुकी है। बारिश के चलते जहां खेतों में पानी खड़ा हो गया है और फसल बर्बादी के कगार पर पहुंच गई है।
जहां बारिश ने शकुन दिया है वहीं अब किसानों की मेहनत मिट्टी में मिलती जा रही है। कनीना कस्बा की 52000 हेक्टेयर भूमि है जिसमें से करीब 35000 हेक्टेयर भूमि पर फसल उगाई जाती है । इसमें से सैकड़ों एकड़ फसल पर लगातार पानी खड़ा हुआ है जिसके चलते बाजरे की फसल पीली पड़कर खत्म होती जा रही है। कनीना क्षेत्र के किसान धर्मेंद्र ने बताया कि उनका अढ़ाई एकड़ में बाजरा, सुनीता दो एकड़, अजीत अढ़ाई एकड़,
सूबे सिंह अढ़ाई एकड़ बाजरे की फसल में लगातार पानी खड़ा हुआ है।
किसानों ने बताया कि उनके खेत में लगातार पानी खड़ा रहने से फसल नष्ट हो गई है। से 18 जुलाई को जो बारिश हुई थी तब का पानी अभी सूखा भी नहीं था और फिर से बारिश हो गई। ऐसे में फसल बर्बादहोने के कगार चली गई है। उनकी मांग है कि जिन किसानों की फसल बर्बाद हो गई उन्हें उसे उचित मुआवजा दिया जाए।
क्या कहते कृषि अधिकारी -
पूर्व कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज ने बताया कि लगातार पानी खड़ा रहने से 3 दिनों में बाजरे की फसल बर्बाद हो जाती है इन किसानों की बाजरे की फसल बर्बाद हो जाती है। उन्हें
72 घंटे में अपनी आनलाइन शिकायत दर्ज करवानी चाहिए। जिनका रजिस्ट्रेशन हो रहा है तथा खेत का बीमा है वह जरूर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं ताकि उन्हें किसी प्रकार के नुकसान का मुआवजा मिल सके।
उधर किसानों ने बताया कि नाहड़ रोड से धनौंदा नहर डीग तक नहर के साथ साथ खेतों में पानी खड़ा हुआ है और यह पानी सूखने का नाम भी नहीं ले रहा है। किसान बेहद मायूस हैं।
फोटो कैप्शन 8 एवं 9: कनीना के खेतों में खड़ा बारिश का पानी।
एकीकृत बागवानी विकास केंद्र सुंदरह द्वारा वेबीनार का आयोजन कर किसानों को दी जानकारी
-सब्सिडी व अन्य स्कीमों के बारे में दी जानकारी
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कनीना। एकीकृत बागवानी विकास केंद्र सुंदरह द्वारा जिले में नए बाग के पौधारोपण व रखरखाव के बारे में एक वेबीनार का आयोजन किया गया। इस वेबीनार में बागवानी विभाग के अधिकारी कर्मचारी व किसानों ने भाग लिया। जिसमें चेयरपर्सन डाक्टर सुधीर यादव डीडीएच एवं डॉ मुकेश असिस्टेंट प्रोफेसर बागवानी विभाग बावल से जुड़े थे। वेबीनार का आयोजन डाक्टर प्रेम यादव द्वारा किया गया। जिसमें उन्होंने बागवानी विभाग द्वारा दी जा रही स्कीमों के बारे में बताया। आईएसडीसी सुंदरह पर किसानों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने कहा केंद्र पर सब्जी की पौध तैयार की जा रही हैं। जिसमें किसानों को सब्सिडी भी दी जा रही है। डाक्टर नेहा यादव ने नई बाग पौधारोपण तकनीकी के साथ साथ बाग लगाने के तरीके एवं उनके रखरखाव के बारे में भी बताया। बागवानी विशेषज्ञ डॉक्टर अंकुश यादव ने बाग लगाने से पहले की प्रक्रिया के बारे में मिट्टी, पानी जांच के बारे में बताया। इसके साथ ही किसानों को बागवानी विभाग द्वारा दी जा रही सब्सिडी के बारे में भी अवगत करवाया। डाक्टर सुधीर यादव ने एकीकृत बागवानी विकास केंद्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का प्रशंसा की एवं इसको किसानों के हित के बारे में बताया और किसानों को भी बागवानी विभाग से जुड़कर अपने आय दोगुनी करने एवं बागवानी विभाग द्वारा दी जा रही स्कीमों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। वेबीनार में जुड़े किसान रवि प्रकाश भडफ़, हजारी लाल कोटिया, अजय सिंह इसराना ने किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित किया।
फोटो कैप्शन 04: वेबीनार में शामिल किसान व विभाग के अधिकारी।
बारिश से धंसे कु
यें , मुआवजे की मांग
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कनीना। पिछले कई दिनों से हो रही मूसलाधार भारी वर्षा के जल-भराव के कारण कई गांवों के किसानों की बाजरा तथा कपास की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। कई लोगों के मकान तथा घर क्षतिग्रस्त हो गए। कई किसानों के नलकूप धंस गए हैं। इस क्रम में बहुजन समाज पार्टी के नेता समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने अनेक प्रभावित कुओं मकानों तथा फसली क्षेत्रों का दौरा कर भारी बरसात से हुए नुकसान का जायजा लिया।
जायजा के बाद अतरलाल ने राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन से क्षतिग्रस्त कुओं, मकानों तथा फसलों का शीघ्र सर्वे करवाकर प्रभावितों को तत्काल मुआवजा देने की मांग की है। गांव बिहाली के निवासी आशाराम के क्षतिग्रस्त नलकूप का निरक्षण करने के दौरान प्रभावित किसान ने कहा कि उन्होंने लाखों रुपये लगाकर नलकूप बनाया था। लगभग 525 फुट बोर किया था। बहुत विपुल पानी लगा था। साढ़े 12 एच.पी. मोटर तथा कनेक्शन लिया था। जो नलकूप अब बरसाती जलभराव के कारण जमीन में धंस गया है। उन्होंने कहा कि वह अनुसूचित जाति के गरीब किसान हैं। इस कुएं के सहारे उनका गुजारा हो रहा था। अब नलकूप धंसने के कारण उन्हें 5-6 लाख रुपए का भारी नुकसान हो गया है। इसी तरह दौंगड़ा अहीर गांव के किसान धर्मपाल का कुआं धंस गया है और उन्हें भी 5-6 लाख रुपए का भारी नुकसान हो गया है। अटाली गांव के दो किसानों रामप्रताप तथा हंसराज के नलकूप भी तेज वर्षा के कारण जमीन में धंस गए। जिसके कारण उन्हें भारी आर्थिक हानि हुई है। पाथेड़ा गांव निवासी लक्ष्मण के मकान में बरसाती पानी घुसने के कारण काफी नुकसान हो गया है। इसके अतिरिक्त जलभराव के कारण किसानों की बाजरा तथा कपास की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है।
अतरलाल ने राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन से तत्काल प्रभावित लोगों के क्षतिग्रस्त नलकूपों (बोर), मकान तथा फसलों का विशेष सर्वे करवाकर प्रभावितों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।
फोटो कैप्शन 5: भारी बरसात के कारण धंसे नलकूप का निरक्षण करते बसपा नेता ठाकुर अतरलाल एडवोकेट।