कोटिया आंगनबाड़ी केंद्र पर हुई चोरी
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव कोटिया स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर अज्ञात चोर चीनी, चावल, तेल आदि खिड़की तोड़कर निकाल ले गया।
आंगनबाड़ी वर्कर पवित्रा देवी ने पुलिस में दी शिकायत में कहा गया है कि 22 और 23 जुलाई की रात्रि को उनके आंगनवाड़ी केंद्र में चोरी हो गई। अज्ञात चोर खिड़की तोड़कर एक डब्बा खिलौना, चीनी, चावल, तेल आदि निकाल कर ले गया। बाकी सामान बिखरा पड़ा पाया गया।कनीना पुलिस ने उनके बयान पर अज्ञात चोरों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
किसी भी कार्यालय में कोताही बरतने वाले अधिकारी व कर्मचारियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा -एसडीएम सुरेंद्र सिंह
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कनीना। किसी भी कार्यालय में हुई कोताई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा उक्त विचार कनीना एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने कस्बा कनीना में सीनियर सेकेंडरी स्कूल तथा पीएचसी भोजावास में औचक निरीक्षण के उपरांत पत्रकार वार्ता में व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि उपमंडल कनीना में आने वाले सभी कार्यालय में सही तरीके से काम हो किसी को भी काम के लिए बार बार चक्कर न काटना पड़े। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हमने सीनियर सेकेंडरी स्कूल कनीना व पीएचसी भोजावास का औचक निरीक्षण किया गया जिसमें कई तरह की कोताही मिली जिसके लिए स्कूल मुखिया तथा अस्पताल मुखिया को निर्देश देकर उनको पूरा करने कहां गया। वही एसडीम कार्यालय के स्टेनो वीरेंद्र सिंह ने बताया कि स्कूल में मौके पर एक कर्मचारी नहीं मिला जिसकी विभागीय कार्रवाई की गई तथा पीएचसी भोजावास में 2 कर्मचारी नहीं मिले और उनके स्टाफ ने बताया कि यह अस्पताल के काम के लिए महेंद्रगढ़ गए हुए हैं जबकि किसी भी आर्डर बुक में वहां यह बात नहीं दर्शाई गई थी कि उक्त कर्मचारी अस्पताल के काम से गए हुए हैं। इसकी जांच कराई जाएगी। इस अवसर पर एसडीम कार्यालय के स्टेनो वीरेंद्र सिंह वह उनका चालक साथ था।
कनीना में लगाई 370 डोज
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कनीना। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में 400 डोज कोरोना वैक्सीन की आई हुई थी जिनमें से 370 डोज विभिन्न आयु वर्ग के लोगों को दी गई। विस्तृत जानकारी देते हुए कंप्यूटर ऑपरेटर पवन कुमार ने बताया की लंबी कतार लगने के बावजूद भी उन्होंने 370 डोज विभिन्न आयु वर्ग के लोगों को दी हैं।
सिमट गए हैं सावन के झूलें
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कनीना। सावन माह में डाले जाने वाले झूलें भी अब विज्ञान की चकाचौंध में गुम होते जा रहे हैं। कभी हर घर में झूलें देखने को मिलते थे वे महज अब कुछ घरों तक ही सिमटकर रह गए हैं। सावन के गीतों की गूंज भी अब मंद पड़ गई है और सावन के प्रति लोगों में वो उत्साह नहीं देखा जा सकता है।
एक वक्त था जब सावन माह आते ही घरों में बड़े वृक्षों पर झूलें डाल दिए जाते थे जहां बच्ची हो या बूढ़ी औरत सभी मिलकर झूला झूलती थी। नव विवाहित महिलाओं के लिए तो झूलें अपना समय बिताने का अच्छा साधन होते थे। मोटे-मोटे रस्सों को बड़े पेड़ से टांगकर उस पर बैठने के लिए लकड़ी की तख्ती लगाई जाती थी। इस झूले पर प्राय: एक ही युवती बैठती थी और दूसरी उसे आगे पीछे झूलाती थी। एक के बाद दूसरी द्वारा झूलाने का यह क्रम अनवरत चलता रहता था। गीतों की गूंज पींग पर सुनाई पड़ती थी।
किसान हो या युवती सभी अपनी धुन में खोए रहते थे। समय के साथ-साथ सावन के झूलों में भी बदलाव आ रहा है। अब यहां वहां एक या दो ही झूलें दिखाई पड़ सकते हैं। पींग का प्रचलन लगभग समाप्त हो रहा है। उस जमाने में जब पींग का प्रचलन था, घरों में मोटे रस्से मिलते थे जिनसे कुएं का पानी खिंचा जाता था। अब न तो कुओं से पानी खिंचने की ही जरूरत रही है और न ही पींग की जरूरत रही है। वैसे भी घरों में मोटे रस्से न होने के कारण पींग कहां से डाली जाए?
ऐसा लगता है कि विज्ञान के इस युग में पींग का महत्व घटा है। पींग के बारे में वर्तमान बच्चियां तो शायद ही जानती हो। झूले ही नहीं सिमटे अपितु भागदौड़ की जिंदगी में पींग पर झूलने की भी किसी के पास फुरसत नहीं होती है। कुल मिलाकर पींग का युग समाप्त हो रहा है।
एक अगस्त को जांगिड़ सभा कनीना ब्लाक के होंगे चुनाव
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कनीना। जांगिड़ सभा ब्लाक प्रधान ठेकेदार ओमप्रकाश आर्य ने बताया कि जांगिड़ सभा ब्लाक कनीना के कार्यकारिणी व प्रधान का कार्यकाल समाप्त हो गया है। समाज के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए नए प्रधान व कार्यकारिणी के चुनाव के लिए 1 अगस्त रविवार को चुनाव निश्चित किया गया है। चुनाव विश्वकर्मा धर्मशाला कनीना मंडी में 11 बजे करवाया जाएगा। इस कार्य में पूरा करवाने के लिए जांगिड़ सभा महेंद्रगढ़ के जिला प्रधान रोहताश जांगिड़ मौजूद रहेंगे।
पूर्व डिप्टी स्पीकर ने किया शहीदों को याद
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कनीना। कारगिल विजय दिवस पर पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव ने शहीदों को याद करते हुए पुष्प अर्पित किए। उन्होंने कहा हमारे जवानों ने दुर्गम पहाडिय़ों पर हमारे जवानों ने अदम्य साहस दिखाते हुए दुश्मनों के छक्के छुड़ाते हुए अपने प्राणों की आहुति देकर देश की सीमाओं की रक्षा की और दुश्मनों को रौंदते हुए तिरंगा फहराया। उन्होंने विभिन्न शहीदों को याद किया तथा शहीद स्मारकों पर जाकर उनको पुष्प अर्पित किये।
उन्होंने कहा कि शहीदों एवं वीरों की कुर्बानियों के चलते ही हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उन शहीदों को कभी नहीं भुलाना चाहिए जिन्होंने अपनी कुर्बानी दी है।
इस मौके पर जिला मंत्री नीलम, मंडल महामंत्री देशराज, श्रीराम बागोत,सवाई सिंह, राजकुमार चेयरमैन, युवा मंडल अध्यक्ष धीरज, मोहन सिंह पार्षद, केसर गुढ़ा, हंसराज भड़प, युवा मोर्चा उपाध्यक्ष पंकज आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 7 से 9: कनीना में शहीद स्मारकों पर पुष्प अर्पित करते हुये पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव।
उपमंडल कनीना पहुंचने पर मोबाइल वेन का किया स्वागत
पीने के पानी में आवश्यक तत्वों का कम या ज्यादा होना सेहत के लिए हानिकारक- सन्नी सिंह
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कनीना।पीने के पानी की मौके पर ही कैमिकल जांच करने वाली वाटर टैस्टिंग मोबाइल वेन आज खंड कनीना के गांवों की विजिट करने के लिए उपमंडल कनीना पहुंची जहां विभागीय कर्मचारियों ने स्वागत किया। जानकारी देते हुए जिला सलाहकार मंगतुराम सरसवा ने बताया कि जिले के सभी खंडों के चिन्हित गांवों में एक जुलाई से मोबाइल वैन गांव-गांव जाकर टैस्टिंग कर रही है। कनीना सब डिविजन से जेई सुरेन्द्र कुमार ने हरी झंडी दिखाकर कनीना खंड के लिए रवाना किया। जिला सलाहकार ने बताया कि मोबाइल वैन एक दिन में 7 ग्राम पंचायतों का दौरा करेगी। एक ग्राम पंचायत से एक स्त्रोत का सैंपल लेकर उसकी मौके पर ही जांच की जा रही है। कुल 9 पैरामीटर जांचे जा रहे है। अगर किसी गांव का सैंपल फेल होता है तो उसे करनाल स्थित राज्य स्तरीय लैब में रि-सैंप्लिंग के लिए भेजा जाता है। इस मौके पर लैब अटैंडेट सन्नी सिंह ने बताया कि गांव-गांव जाकर सैंपल जांचने का उद्देश्य है कि ग्रामीणों में पीने के पानी के प्रति संवेदनशीलता, जागरूकता व शुद्धता के प्रति सचेत करना है। उन्होंने कहा कि पानी सीधा हमारे स्वास्थ्य के साथ जुड़ा हुआ है। इसलिए हमें पानी में मौजूद तत्वों व शरीर के लिए आवश्यक मात्राओं का पता होना जरूरी है। तत्वों की मात्रा का कम या ज्यादा होना भी हमारे शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसलिए हमें समय-समय पर पीनेे के पानी की केमिकल जांच करवाते रहना चाहिए। साथ ही पीने के पानी का जीवाणु परीक्षण भी करते रहना चाहिए। खासकर बारिश के मौसम में हमें और भी अधिक सजग रहने की आवश्यकता है। उपमंडल अभियंता पवन कुमार ने बताया कि वाटर टैस्टिंग मोबाइल वैन के द्वारा आज कनीना सिहोर, कोटिया, करीरा, बडफ़, ककराला व कपूरी ग्राम पंचायतों का दौरा कर सैंपल जांचे गये है। वहीं 27 जुलाई को नांगल, मोहनपुर, रसूलपुर, गुढा, कैमला, पाथेड़ा व अघियार के गांवों का दौरा कर पानी की जांच की जाएगी। बीआरसी इंद्रजीत ने उपस्थित जनों को पीने के पानी का जीवाणु परीक्षण भी प्रदान किया गया व जल संरक्षण के टिप्स भी बताये। इस मौके पर उपमंडल अभियंता पवन कुमार, जेई सुरेन्द्र कुमार, नरेन्द्र कुमार कलर्क, राजकुमार पूनिया, प्रदीप कुमार, पवन कुमार आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 10: वाटर टैस्टिंग मोबाइल वेन को कनीना उपमंडल से हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए जेई व अन्य।
सावन के पहले सोमवार को बाघोत शिवालय में रही भीड़
-कनीना शिवालयों में भी किया जल अर्पित
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कनीना। सावन के पहले सोमवार को शिवालयों में भारी भीड़ रही। बाघेश्वर धाम पर जलाभिषेक के लिए भीड़ रही वहीं विभिन्न गांवों में भी शिवालयों में भीड़ देखने को मिली। यूं सावन के प्रत्येक सोमवार को यहां भीड़ रहती हैं किंतु कोरोना काल होने के कारण भीड़ अन्य वर्षों की बजाय कम रही।
महिलाओं ने व्रत रखा तथा दिनभर शिवलिंग अभिषेक कार्यक्रम चलता रहा। सावन 25 जुलाई से शुरू हुआ जो 22 अगस्त पूर्णिमा रक्षा बंधन दिन तक चलेगा जिसमें चार सोमवार 26 जुलाई, दो अगस्त, 9 अगस्त, 16 अगस्त को पड़ रहे हैंर्। 6 अगस्त शुक्रवार की शिवरात्रि भी है। कोरोना के चलते विगत दो वर्षों से शिवरात्रि पर कांवड़ नहीं आ रही हैं। 22 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार होगा। व्रत करने वाले सावन के समस्त सोमवारों को व्रत रखते हैं और शिवालयों में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। बाघोत में इस बार कांवड़ मेला भी नहीं लगा।
सावन के पहले सोमवार को आज विभिन्न शिवालयों में भीड़ रही। भारी संख्या में श्रद्धालु कनीना स्थित 21 फुट ऊंची शिव प्रतिमा वाले शिवालय में जल अर्पित करते देखे गए। आगामी सोमवार को भी यहां भीड़ रहेगी। बाघेश्वर धाम पर जहां संतान पाने के इच्छुक वटवृक्ष पर धागा बांधते नजर आए वहीं जलाभिषेक करने के लिए भीड़ जमी रही।
महिलाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में व्रत रखा तथा शिवलिंग का अभिषेक किया। जल अर्पित करने वाले भक्तों में महिलाओं की संख्या अधिक थी। पुरुष भी व्रत रखते हैं।
फोटो कैप्शन 3 व 4: बाघोत शिवलिंग पर जल अर्पित करते भक्तजन।
शहीदों की मूर्तियां साफ कर पुष्प अर्पित किये
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कनीना।बसपा की हिदायतानुसार पार्टी कार्यकर्ताओं ने शहीदों की मूर्तियों की साफ-सफाई कर कारगिल विजय दिवस मनाया।
बसपा नेता ठाकुर अतरलाल एडवोकेट के मार्ग दर्शन में उन्हाणी गांव के शहीद प्रमेन्द्र सिंह व शहीद चितरू सिंह, खेड़ी गांव के शहीद विक्टोरिया क्रास शहीद रामस्वरूप सिंह, शहीद रमेश सिंह, शहीद अनिल कुमार, शहीद महेश सिंह, खरकड़ा बास के शहीद अफल सिंह, शहीद हरस्वरूप सिंह, शहीद रमेश कुमार, शहीद अशोक कुमार, धनौन्दा गांव के शहीद महेशपाल सिंह तथा पाथेड़ा गांव के शहीद रविपाल सिंह, गोविन्द सिंह व शहीद सुमेर सिंह की मूर्तियों की साफ सफाई की तथा धूप-दीप व पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट की। इस अवसर पर शहीद सैनिकों के परिजन रिपुदमन सिंह नम्बरदार, पर्वत सिंह तथा उमेश गोस्वामी को शॉल ओढ़ाकर पुस्तक तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
बसपा नेता अतरलाल ने शहीदों के परिजनों का हाल-चाल पूछते हुए कहा कि सरकार शहीदों के परिवारों की उपेक्षा कर रही है। उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार से शहीदों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने तथा सेना भर्ती में हरियाणा का कोटा बढ़ाने की मांग की। इस अवसर पर कैलाश सेठ, पवन, रिपुदमन सिंह, राजबीर, ओ.पी.यादव, मुकेश सिंह, नवीन कुमार, रणवीर आदि अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 5: विक्टोरिया क्रास शहीद रामस्वरूप सिंह की मूर्ति पर कार्यकर्ताओं के साथ पुष्प अर्पित करते हुए बसपा नेता ठाकुर अतरलाल।
चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करने के लिए जरूरी है जीवन कौशल शिक्षा-सूर्यकांत
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कनीना। उम्मीद काउंसलिंग सेंटर डाइट महेंद्रगढ़ के मनोवैज्ञानिक सूर्यकांत यादव का कहना है कि आज के इस भौतिकवादी युग में अधिकांश निजी विद्यालयों का फोकस बच्चे की बौद्धिक क्षमता बढ़ाने पर होता है। लगभग सभी विद्यालयों में एक निश्चित या बंधे हुए पाठ्यक्रम की शिक्षा दी जाती है और उसी पाठ्यक्रम के आधार पर बच्चे का मूल्यांकन किया जाता है। इतना ही नहीं अभिभावक तथा शिक्षक भी उस निश्चित पाठ्यक्रम को आधार मानकर बौद्धिक क्षमता या बुद्धि लब्धि बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। अभिभावक व विद्यालय प्रबंधन चाहता है कि हमारा बच्चा अपनी बौद्धिक क्षमता का उपयोग कर कक्षा में अधिकाधिक नम्बर प्राप्त कर जीवन की ऊंचाइयों को छुए। लेकिन बौद्धिक विकास के साथ-साथ भावनात्मक बुद्धि का विकास भी जरूरी होता है जो छात्रों के व्यवहारिक जीवन के लिए बहुत आवश्यक है।अब शिक्षकों के लिए यह जरूरी है कि छात्रों का मूल्यांकन एक निश्चित व बंधे हुए पाठ्यक्रम के आधार पर करने की बजाय सम्पूर्ण व्यक्तित्व को आधार बनाकर किया जाना चाहिए तथा बच्चों की अभिरुचि को समझकर उनकी कार्यकुशलता को विकसित किया जाना चाहिए।
अभिभावक तथा शिक्षकों को यह भली भांति जान लेना चाहिए कि छात्रों के लिए उचित निर्णय लेने,समस्याओं को सुलझाने,गंभीर और सृजनात्मक तरीके से सोचने,प्रभावी ढंग से संवाद करने,स्वस्थ संबंध बनाने, दूसरों के साथ सहानुभूति रखने और स्वस्थ तथा प्रभावी ढंग से अपने जीवन का प्रबंधन करने के लिए एवं चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करने के लिए जीवन कौशल शिक्षा बहुत ही आवश्यक है।
असल में बच्चे कोमल मिट्टी के समान होते हैं। इन्हें जैसा आकार दिया जाता है उसी रूप में ढल जाते हैं। बचपन में बताई गई बातें और आसपास के परिवेश से जो कुछ सीखने को मिलता है उसी के अनुरूप उनके व्यक्तित्व का निर्माण होता है। ऐसे में शिक्षकों की भूमिका और कत्र्तव्य बन जाता है कि वे अपने छात्र-छात्राओं को जीवन कौशलों की शिक्षा देकर उनमें एक स्वस्थ जीवनशैली विकसित करें।
दरअसल छात्र जीवन में अनेक शारीरिक व मनो-सामाजिक परिवर्तन बड़े तीव्र गति से होते हैं। छात्रों के समक्ष आत्म- छवि बनाने,भावनाओं को प्रबंधित करने,सामाजिक कौशलों को मजबूत करने और आपसी दबाव से निपटने या विरोध करने से संबंधित कई मुद्दे और चिंताएं होती हैं। छात्र संवेदनशील होने के कारण अनेक जोखिम भरी स्थितियों से घिर जाते हैं और इन जोखिम पूर्ण स्थितियों से कैसे निपटा जाए यह निर्भर करता है उनकी जीवन कौशल शिक्षा पर। इसी दिशा में शिक्षा निदेशालय पंचकूला द्वारा यह महसूस किया गया कि छात्रों के पास ऐसे अनेक मुद्दे और प्रश्न थे जिन्हें केवल प्रशिक्षित परामर्शदाताओं और पेशेवर मनोवैज्ञानिकों द्वारा ही संभाला जा सकता था। इसीलिए शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न जिलों में उम्मीद काउंसलिंग सेंटरों को स्थापित कर छात्रों व शिक्षकों के अनेक मनोवैज्ञानिक पहलुओं और मुद्दों को सुलझाने की पहल की गई।
फोटो केप्शन: सूर्यकांत मनोवैज्ञानिक।
दो समुदायों में झगड़े में एक ने दूसरे की टीन शेड तोड़ी, 11 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव खेड़ी में दो समुदायों में झगड़े में एक समुदाय ने दूसरे की टीन शेड तोड़ डाली जिसके चलते उन्होंने 11 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया है। कनीना पुलिस ने विभिन्न 11 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है तथा जांच जारी है।
श्रद्धा का महासावन, शिव का माह है सावन
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कनीना। शिव उपासना का माह सावन है। कई पर्वों से परिपूर्ण इस माह की सबसे बड़ी विशेषत शिव को स्मरण करना है। शिव का स्मरण करने के लिए इस मास में व्रत को विधि विधान से पूर्ण करना चाहिए। शिव सर्वोच्च शक्ति एवं परमशक्ति है। उसी की आराधना से न केवल जीव के समस्त संकट समाप्त हो जाते हैं अपितु पापों से छुटकारा पाने का परम साधन है। देवाधिदेव शिव को प्रसन्न करना अति सरल है। सावन माह में उनकी पूजा करने से वे प्रसन्न हो जाते हैं। यदि पूजा के अलावा उस महादेव को पूरे माह में याद किया जाए तो शरीर के समस्त पाप दोष नष्ट हो जाते हें। शरीर को पवित्र करने तथा शिव को अर्पित करने का एकमात्र साधन व्रत है। अगर सावन माह में प्रति सोमवार व्रत धारण करके ओम नम: शिवाय का जाप किया जाए तो मनोवांछित फल प्राप्त होगा। गंगा का जल लाकर जो जीव शिवलिंग का अभिषेक करता है उसकी मुक्ति हो जाती है और शिव के धाम को पा जाता है। मन में शिव के प्रति विचार लाकर तथा उसी को दिनरात पूजकर इंसान शिव के चरणों में स्थान पाता है। यदि इंसान एक धूप जलाकर शिव को प्रसन्न करना चाहे या अल्प वस्तु से भी शिव को प्रसन्न किया जा सकता है जिसके कारण ये भोलेनाथ कहलाते हैं। एक बर शिव को प्रसन्न कर लिया जाए तो फिर घर में शुभ ही शुभ प्राप्त होगा। नीलकंठ महादेव को सबसे बेहतर ढंग से पूजने का अर्थ है सावन माह में उन्हें नमन करना। वे भक्तों के रखवाले हैं और जल्दी प्रसन्न होकर भक्त के भंडार भर देते हैं। विभिन्न पुराणों में शिव का वर्णन मिलता है।
फोटो कैप्शन: लालदास महाराज
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