गौशाला में नकद राशि देकर मनाया अपना जन्मदिन
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कनीना। कनीना मंडी निवासी सुरेंद्र शर्मा सेवानिवृत्त गार्ड रेलवे ने गौशाला में नकद राशि देकर अपना जन्मदिवस मनाया । उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी हर खुशी के अवसर पर गायों के निमित कुछ राशि अवश्य भेंट करनी चाहिए ताकि गौ सेवा का सच्चा पुण्य प्राप्त हो सके । उन्होंने बताया कि आज की आधुनिक पीढ़ी को भी अपने जन्मदिन पर अनाप शनाप राशि खर्च ना करके बल्कि इस राशि को सेवा कार्य मे लगाना चाहिये ताकि समाज में एक जागरूकता आए इसी कड़ी में उन्होंने भी अपने जन्मदिन पर 3100 की नकद राशि गौशाला में दान की है। गौरतलब है कि इससे पहले भी वो अपने जन्मदिन पर पौधे लगाने जैसे कार्य करते रहे हैं ।
फोटो कैप्शन 9: नकद राशि देकर गौशाला में जन्म दिन मनाते हुये सुरेंद्र सिंह।
बेवल में कम पेयजल सप्लाई से उपभोक्ता परेशान
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कनीना। बेवल गांव में सरकारी नलकूप द्वारा गांव में पानी छोड़ा जाता है परंतु जिस व्यक्ति के द्वारा पानी छोड़ा जाता है। वह तीन-चार दिन में सिर्फ एक बार ही 15- 20 मिनट के लिए ही पानी छोड़ता है और उसमें भी पानी छोडऩे वाले व्यक्ति व अन्य व्यक्तियों द्वारा मोटर चला कर पानी भर लिया जाता है। जिसकी वजह से पानी आगे नहीं आ पाता है। इस भीषण गर्मी में दिन प्रतिदिन पानी की बढ़ती जा रही किल्लत की वजह से आमजन को तो परेशानियों का सामना करना ही पड़ता है बल्कि साथ साथ में मवेशियों को भी पानी की कमी के चलते हालत खराब रहती है। इससे आमजन व मवेशियों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। बेवल गांव के ग्रामीणों ने कहा है कि गांव के पश्चिम साइड में पानी की ऊंची टंकी है उसकी मेन लाइन में 30 से 40 नलके लगे हुए हैं इनको मैन लाइन से हटाया जाए तथा जो पानी की सप्लाई छोड़ता है उसका भी कोई समय निश्चित नहीं है। इसलिए पानी छोडऩे का एक समय निश्चित होना चाहिए। ग्रामीणों ने यह भी कहा है कि उन्होंने इसकी शिकायत सीएम विंडो तथा जन स्वास्थ्य विभाग में लिखित शिकायत दे चुके हैं लेकिन उनकी इस समस्या का कोई भी समाधान नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि अभी दो दिन पहले वो कनीना में बीडीओ से भी इस समस्या को लेकर मिले थे लेकिन बीडीओ ने उनसे सीधे मुंह बात तक भी नहीं की। इस भीषण गर्मी में पानी की किल्लत से उनको भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला पंचायत अधिकारी के पास इस समस्या को लेकर जाते हैं तो बीडीओ उनकी बात तक नहीं सुनते तथा पंचायत सचिव जन स्वास्थ्य विभाग का हवाला दे देते हैं कि पानी की सप्लाई का काम जन स्वास्थ्य विभाग का है। तथा जब इस समस्या के लिए जन स्वास्थ्य विभाग के पास जाते हैं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पंचायत का काम बता कर टाल देते हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्दी से जल्दी पीने के पानी की समस्या से निजात दिलाया जाए।
अमित,पंचायत सचिव का कहना है कि पानी की मोटर खराब है ठीक करने के लिए मैंने बोला हुआ है।
सुरेंद्र यादव जेई जन स्वास्थ्य विभाग काकहना है कि जन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई कमी नहीं है हम लोगों को पंचायत को फंड देना होता है बाकी सारा काम पंचायत को ही करना होता है।
भोजावास में लगाई 21 कोरोना रोधी वैक्सीन
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कनीना। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भोजावास में विभिन्न आयु वर्ग के लोगों को 21 कोरोना रोधी वैक्सीन दी गई। राजकुमार चौहान एचआई ने यह जानकारी दी।
वैक्सीनेशन के लिए महिलाएं आगे आए- सविता चौधरी
कनीना अस्पताल में मंगलवार को कोविड-19 से बचाव के लिए 35 लोगों को लगाई गई वैक्सीन की दूसरी डोज
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कनीना। कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शुरू किए गए वैक्सीनेशन अभियान के तहत लोगों को लगातार वैक्सीन की डोज लगाई जा रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को कनीना स्थित उप-नागरिक अस्पताल में 35 लोगों को कोविड-19 से बचाव के लिए को-वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई गई है। अस्पताल परिसर में वैक्सीन लगवाने पहुंची महिला समाजसेवी सविता चौधरी ने कहा कि महिलाएं वैक्सीनेशन में ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाग ले। क्योंकि बीमारी किसी से पूछ कर नहीं आती। अगर इससे बचाव करना है तो वैक्सीन लगवानी जरूरी है। इससे आप भी सुरक्षित रहेंगे और आपका परिवार भी सुरक्षित रहेगा। अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारी पवन कुमार ने बताया कि अस्पताल में मंगलवार को 35 लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई है। इस दौरान उन्होंने बताया कि वैक्सीन लगवाने के लिए आने वाले लोगों को अपने आधार कार्ड के साथ मोबाइल भी लाना होगा। ताकि रजिस्ट्रेशन के लिए आने वाले ओटीपी को आसानी प्राप्त किया जा सके। वहीं एसएमओ डा धर्मेन्द्र यादव ने लोगों से कोविड-19 के नियमों का पालन करने व अस्पताल परिसर में भीड़ न करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई जाएगी। इसके लिए अस्पताल परिसर में पहुंचकर जल्दबाजी न करे।
फोटो कैप्शन 7: अस्पताल परिसर में वैक्सीन की डोज लगवाती सविता चौधरी।
सीसीटीवी/डीवीआर अज्ञात चोर कर ले गया चोरी
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कनीना। इंडियाना स्कूल भोजावास के सामने घर से सीसीटीवी कैमरे/ डीवीआर, वाईफाई आदि अज्ञात चोर चोरी कर ले गया। घर की मालकिन ने कनीना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है।
पूनम देवी भोजावास निवासी ने कनीना पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि उनका घर कनीना-भोजावास सड़क मार्ग पर इंडिया स्कूल के सामने है। रविवार को शाम सात बजे अपना घर बंद करके गुरुग्राम अपने बच्चों के पास चली गई थी। जब मंगलवार को दोपहर वापस आई तो घर के अंदर से ताला टूटा मिला। अज्ञात चोर सीसीटीवी कैमरे, डीवीआर और वाईफाई आदि चोरी कर ले गया। उन्होंने शिकायत में कहा है कि पहले भी चार बार उनके घर में चोरी हो चुकी है। ऐसे में उन्होंने अज्ञात चोरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
64 बूथों पर लगाये पौधे
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कनीना। भारतीय जनता पार्टी कनीना मंडल अध्यक्ष अतर सिंह व जिला प्रवक्ता ओम प्रकाश लिसानियां दोनों ने मिलकर अपने मंडल के सभी 64 बूथों पर अपने मंडल के पदाधिकारियो के सहयोग एवं बूथ अध्यक्षों के सहयोग से फल एवं फूलदार पौधे लगाये।
उन्होंने बताया कि पार्टी द्वारा प्रखर राष्ट्रवादी पार्टी के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस 23 जून से जन्म जयंती 6 जुलाई तक पौधारोपण व सफाई अभियान चलाया जिसके तहत शिव धाम ,माता चौगान खेड़ी शहीद महिपाल स्टेडियम धनौंदा में सफाई अभियान किया व पेड़ लगाकर कार्य को सम्पूर्ण किया। इस मौके पर कृष्णा यादव सीहोर, कप्तान चौ रामफल, प्रवीण अत्रि बाघोत, धर्मपाल दुबट खेड़ी व ओम प्रकाश कौशिक उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि जामुन, बरगद, शीशम, पीपल आदि के पौधे लगाये हैं।
फोटो कैप्शन 8: जामुन कापौधा लगाते मंडल अध्यक्ष भाजपा एवं अन्य।
झगड़ोली खेल मैदान में की हनुमान जी की मूर्ति की स्थापित
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कनीना। क्षेत्र के गांव झगड़ोली गांव में भगतसिंह युवा सेवा समिति व ग्रामीणों द्वारा खेल मैदान में मंगलवार को हवन का आयोजन कर हनुमानजी की मूर्ति की स्थापना की गई। मूर्ति स्थापना के दौरान कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए अधिक लोगों को शामिल नहीं किया गया। इस दौरान गांव की महिलाओं द्वारा भजन सत्संग भी किया गया।
इस दौरान संस्था के संरक्षक जितेंद्र ने कहा कि खेल मैदान में आकर सुबह गांव के युवा सेना में भर्ती होने की तैयारी करते हैं। इस दौरान गांव के सभी युवाओं ने मिलकर या विचार किया था कि खेल ग्राउंड में हनुमानजी की मूर्ति की स्थापना की जाए। उसके बाद हर रोज यहां हनुमानजी की पूजा करने के बाद सेना की भर्ती की तैयारी की शुरुआत करते हैं। इस दौरान शिव मंदिर के पुजारी, सतेंद्र भगत पाथेडा, दीपक सैन, निशु, अभिषेक , सतपाल, सन्नी, नरेंद्र, महिपाल, नवीन, प्राण, सोमवीर, सचिन, सुमित, प्रवीण सहित कमेटी के सदस्य व ग्रामवासी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 4: खेल मैदान झगड़ोली में स्थापित की गई हनुमानजी की मूर्ति ।
सांस्कृतिक अहीरवाल कनीना के कार्य दल का गठन
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कनीना। सांस्कृतिक अहीरवाल की एक बैठक की शिवलाल धर्मशाला कनीना में संपन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता दिलावर सिंह जी ने की। बैठक में सांस्कृतिक अहीरवाल के निदेशक सत्यव्रत शास्त्री भी उपस्थित रहे। सत्यव्रत शास्त्री ने बैठक में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सांस्कृतिक अहीरवाल अपनी खोई विरासत और पहचान को पुनर्जीवित कर विश्व पटल पर प्रदर्शित करने के लिए काम कर रहा है। इस काम में इस क्षेत्र का हर वह व्यक्ति जो अपनी मातृभूमि के लिए और उसको गौरव प्रदान करने के लिए जो कुछ कर सकता है उसका सहयोग लिया जाएगा क्योंकि हजारों सालों के प्रयासों से जो हमारे पूर्वजों ने संस्कृति का विकास किया था उसका क्षरण पिछले डेढ़ सौ साल से हो रहा है भारत के आजादी के आंदोलन में अ_ारह सौ सत्तावन के कालखंड में देश में अनेक स्थानों पर अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ युद्ध हुए उनमें एक महत्वपूर्ण युद्ध अहीरवाल की धरती नसीबपुर में भी हुआ। इस युद्ध की असफलता के कारण हमारी संस्कृति विस्मृति की ओर चली गई और युद्ध के बाद खाई चोट को याद करते हुए अंग्रेजों ने इस इलाके पर अनेक प्रकार के अत्याचार किये और अनेक प्रकार से अपना बदला लेने का काम किया। इतिहासकार इस बात को मानते हैं कि महाभारत कालीन समय में आभीर गणराज्य के नाम से स्थापित राज्य ही आज अहीरवाल के नाम से जाना जाता है जो अपने प्रारंभ से लेकर अ_ारह सौ सत्तावन तक किसी भी विदेशी सत्ता के आधीन नहीं रहा। मुगल काल मुस्लिम काल और अंग्रेजों का राज देश में रहा परंतु इस इलाके के पूर्वजों ने अपने शौर्य वीरता और राजनीतिक कुशलता के कारण अपने आप को अविजित रखा ।आज सांस्कृतिक अहीरवाल अपनी वर्तमान पीढ़ी और भावी पीढ़ी को अपने इतिहास व गौरवपूर्ण परंपराओं से अवगत कराना चाहता है और उनसे इस सांस्कृतिक मूल्यों को जीवन में डालने का आह्वान करता है । इस अवसर पर प्रवक्ता सुरेन्द्र सिंह कनीना ने कहा आज अहीरवाल हरियाणा राजस्थान और दिल्ली में बटा हुआ है । जिसमें लगभग 1600 गांव आते हैं। इन सभी का व्यापक और प्रमाणिक इतिहास लेखन का काम करवाया जाएगा। इसके लिए 45 ब्लाक बनाए गए हैं। हर ब्लाक में 11 सदस्यों की एक टीम तय कर उसका प्रशिक्षण करवा कर इस काम में लगाया जाएगा। इस कार्य के निमित्त कनीना ब्लाक में कार्य करने के लिए सदस्यता ग्रहण करने वाले सदस्य प्रवक्ता सुरेंद्र सिंह कनीना, दिलावर सिंह कनीना, विजयपाल सेहलांग, शमशेर सिंह स्याना, जगदेव ककराला निदेशक एसडी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सुनील बेवल देवयानी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, एडवोकेट हवा सिंह खैराना, मुख्य अध्यापकसूरत सिंह धनौदा, प्रवक्ता डा योगेश मानव रामबास, कुलदीप बोहरा ने सदस्यता ग्रहण की और इस कार्य में अपना सहयोग करने का संकल्प लिया। कार्य की अगली कड़ी में प्रत्येक गांव से एक प्रमुख के साथ 11 लोगों की टोली बनाई जाएगी जो अपने अपने गांव का इतिहास लेखन का कार्य प्रमाणिकता के साथ करेंगे।
फोटो कैप्शन 5: सांस्कृतिक अहीरवाल की आयोजित बैठक में सत्यव्रत शास्त्री सहित लेखक।
बच्चों के व्यवहार और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल रहे हैं कार्टून-सूर्यकांत
-मनोवैज्ञानिक सूर्यकांत यादव से हुई बच्चों के स्वास्थ्य पर खास बातचीत
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कनीना। वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण शैक्षिक गतिविधियां रुक जाने से बच्चों की दैनिक जीवन शैली प्रभावित हो रही है। जिसके चलते देर से सोना,देर से जागना,मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग व अधिक देर तक टीवी पर समय बिताना आदि व्यवहारिक समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। ये विचार उम्मीद काउंसलिंग सेंटर डाइट महेंद्रगढ़ के मुख्य मनोवैज्ञानिक सूर्यकांत यादव ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि दरअसल टीवी देखना गलत नहीं है लेकिन इस आदत की अति हो जाना गलत है। बच्चों के इन व्यवहारों से अभिभावक भी चिंतित हो रहे हैं। टीवी के सामने ज्यादा समय बिताने से बच्चों के सामाजिक व्यवहार पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे बच्चे अपने आसपास होने वाली गतिविधियों के प्रति उदासीन हो जाते हैं और उनका सामाजिक विकास अवरुद्ध हो जाता है। इतना ही नहीं ऐसा करने से बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है और वे काल्पनिक दुनिया में विचरण करने लगते हैं। काल्पनिक दुनिया के क्रियाकलापों को वास्तविक जीवन में लागू करने का प्रयास करते हैं जो उनके लिए घातक सिद्ध होता है।
मनोवैज्ञानिक ने बताया कि काल्पनिक पात्रों के प्रति आकर्षण से सामने आ रहे अनेक दुष्परिणाम।
टीवी पर मोटू-पतलू, डोरेमोन, छोटा-भीम व सुपरमैन आदि कार्टून जैसे कार्यक्रम से बच्चों को न केवल भावनात्मक और शारीरिक रूप से नुकसान हो रहा है बल्कि अल्पायु में ही उनका बचपन भी छीन रहा है। इन कार्यक्रमों में उडऩा, अदृश्य होना, चलती ट्रेन को रोकना, मारपीट करना व विनाशकारी किरणें छोडऩा आदि क्रिया-कलाप दिखाए जाते हैं जो बाल मन पर अपनी अमिट छाप छोड़ते हैं जिससे बच्चों में हिंसक प्रवृत्ति का जन्म होता है। वाशिंगटन में हुए एक रिसर्च के अनुसार जो बच्चे अधिक टीवी देखते हैं वे ज्यादा हिंसक होते जा रहे हैं। दस साल से कम उम्र के 4 प्रतिशत बच्चे माता-पिता के साथ मारपीट करने से भी गुरेज नहीं करते। उन्होंने कहा कि अनेक अभिभावकों का कहना है कि कार्टून पात्रों से बच्चे इस कदर प्रभावित हो रहे हैं कि आम बोलचाल में भी वही डायलाग इस्तेमाल करने लगे हैं।
क्या है समाधान---
मनोवैज्ञानिक ने समाधान बताते हुए कहा कि बच्चों का टीवी देखने का समय फिक्स करें। अचानक उनका टीवी देखने का समय कम ना करें बल्कि टोकन इकोनॉमी व पाजिटिव रिनफोर्समेंट तकनीक के माध्यम से उनके व्यवहार को परिवर्तित करें। बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं,उन्हें आउटडोर गेम खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चों के अंदर उनकी अभिरुचि के अनुरूप कोई हॉबी विकसित करें। जैसे चित्रकारी,म्यूजिक,डांस,गार्डनिंग इत्यादि। व्यवहार में निरंतरता बनाए रखें, आपके द्वारा जो नियम बनाए गए हैं उन पर दृढ़ रहें। कभी बच्चे के देर रात तक टीवी देखने पर एतराज करना और कभी उसको अपने साथ बैठाकर टीवी दिखाना,ऐसा ना करें। ऐसा करने से बच्चा आपकी बातों को कम महत्व देने लगेगा। जब-जब बच्चा वांछित व्यवहार करें तब-तब उसे पुरस्कृत करें ताकि वांछित व्यवहार का सुदृढ़ीकरण हो सके। और जब बच्चा अवांछित व्यवहार की पुनरावृत्ति करें तो उसके समक्ष उदासीन रवैया अपनाएं, ऐसा करने से अवांछित व्यवहार का विलोप और वांछित व्यवहार का सुदृढ़ होना संभव हो पाता है।
इस विषय पर अधिक जानकारी या मदद के लिए नजदीक के किसी प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक या मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता से संपर्क किया जा सकता है।
फोटो कैप्शन: मनोवैज्ञानिक सूर्यकांत।
लट्ठमार कर लाते हैं पुलिस कर्मी थाने की बिजली
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कनीना। पुलिस का लट्ठ देखकर अच्छे-अच्छे की फूंक निकल जाती है। बच्चे तो मारे डर के घरों में घुस जाते हैं और यह भी कहावत सत्य है की मार के सामने भूत भी नाचते हैं किंतु कनीना थाने में कोई भूत नाचे या न नाचे किंतु अगर बिजली नहीं आती है तो डंडे मार कर तुरंत हाजिर कर दी जाती है। कनीना थाने के द्वार के पास ट्रांसफार्मर रखा हुआ है जहां से कनीना थाने को बजली सप्लाई की जाती है। जिस पर बिजली गड़बड़ हो हो जाती है तो पुलिसकर्मी अपना डंडा लेकर पहुंच जाते हैं और पुलिस के डंडे से खाकर डर के मारे बिजली थाने में आ जाती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली लाने का यही एक जरिया देखा गया है। लोग बिजली विभाग को सूचित करने की बजाय लट्ठ से तारों की घड़त पूजा कर देते हैं फिर क्या देखते ही देखते बिजली आ जाती है। पर कई कई बार मार खाकर बिजली भी इतनी मायूस हो जाती है और बिल्कुल ही नहीं आती, चिंगारी उत्पन्न हो जाती है, तार जल जाते हैं। ऐसे में बिजली लाने के लिए डंडा प्रथा पुरानी हो गई हो किंतु बिजली कर्मियों के लिए यह प्रथा आज भी प्रचलित है।
फोटो कैप्शन 3: ट्रांसफार्मर पर डंडा मारकर बिजली लाते पुलिसकर्मी।
बादल बिना बरसे जाते हैं गुजर
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कनीना। प्रतिदिन आकाश में काले काले बादल आते हैं और किसानों का मन मोह कर चले जाते हैं लेकिन बरसते नहीं। विगत दिनों से बारिश नहीं होने से क्षेत्र में किसान परेशान हो चले हैं। वहीं इस बार भारी गर्मी पड़ रही है जिसके चलते जीना मुहाल हो गया है एक और जहां बिजली कम होने से लोग थोड़ा अमन चैन से जी रहे हैं वरना जीना दूभर हो गया होता। कोरोना का डर ऊपर से गर्मी तथा अब बारिश न होना तथा सभी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। किसान कृष्ण कुमार, राजेंद्र सिंह, धर्मेंद्र कुमार आदि ने बताया कि बारिश ने होना बड़ी परेशानी हो रही है। प्रतिदिन भी आकाश को निहारते रहते हैं। प्रतिदिन लगता है कि बारिश होगी लेकिन वो बादल बिना बरसे आकाश से गुजर जाते हैं। ऐसा कई दिनों से वह देख रहे हैं। लगातार बारिश का मौसम बनता है और बिना बरसे गुजर जाने से उनकी माथे पर चिंता की रेखा स्पष्ट दिखाई देने लगी है।
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