धनौंदा में मनाई परशुराम जयंती
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कनीना। कनीना उप मंडल के गांव धनौन्दा में भगवान परशुराम जयंती श्रद्धा और उल्लास से मनाई गई। मुख्य अतिथि अतरलाल एडवोकेट ने ग्रामीणों के साथ भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर सर्वसमाज के लिए सुख शांति की कामना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता रणवीर नंबरदार ने की।
अतरलाल ने कहा कि भगवान परशुराम शस्त्र और शास्त्र के महान गुरु थे। वे निर्बलों के मसीहा थे। उन्होंने न्याय का शासन स्थापित करने के लिए आजीवन संघर्ष किया। रणवीर नम्बरदार, कैलाश सेठ, वेद शर्मा, रवि शर्मा ने भगवान परशुराम को स्वाभिमान का रक्षक बताते हुए युवाओं से उनके पथ और विचारों पर चलने की अपील की। उन्होंने भगवान परशुराम की जयंती को सामाजिक, सौहार्द का पर्व बताते हुए हर साल गांव में भगवान परशुराम की जयंती मनाने के लिए कहा उपस्थित सभी जनों ने उनकी बात का स्वागत करते हुए भगवान परशुराम ट्रस्ट बनाने तथा गांव में हर साल भगवान परशुराम की जयंती मनाने का निर्णय किया। नवीन शर्मा ने सभी आगंतुकों का स्वागत व धन्यवाद किया। इस अवसर पर गुरुदत्त पंच, भाग सिंह तंवर, नरेन्द्र शर्मा, प्रवीण शर्मा, करतार सिंह, सोनू, धीरज, दान सिंह, औमप्रकाश यादव ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
फोटो कैप्शन 01: गणमान्यों के साथ भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए अतरलाल।
बार एसोसिएशन कनीना ने मनाई परशुराम जयंती
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कनीना। कनीना बार एसोसिएशन ने भगवान परशुराम जयंती मनाई । कनीना बार के सभी अधिवक्ताओं की उपस्थिति में बार एसोसिएशन के प्रधान दीपक चौधरी की अध्यक्षता में भगवान परशुराम की फोटो पर माला अर्पण कर दीप जलाकर पुष्प अर्पित किए और प्रसाद वितरण किया। इस मौके पर पूर्व प्रधान गिरवर लाल कौशिक ने भगवान परशुराम की जीवन गाथा पर प्रकाश डाला और इस मौके पर प्रधान दीपक चौधरी ने कहा की भगवान परशुराम की तरह अधर्म के खिलाफ लड़ाई लडऩी चाहिए हमेशा सत्य का साथ देना चाहिए और उनके मार्गदर्शन पर चलना चाहिए। इस मौके पर पूर्व प्रधान कुलदीप कनीनवाल, अनिल शर्मा रसूलपुर, ओपी रामबास, सुनील राव ककराला, निहाल सिंह खटाना, उप प्रधान मनीष कौशिक, वीरेंद्र दीक्षित, शिवचरण दीक्षित मीनाक्षी यादव, मनजीत कोटिया, नवीन कौशिक, भागीरथ यादव, रघुराज मानपुरा, पवन छिथरोली आदि अधिवक्ता गण मौजूद रहे।
भगवान परशुराम जी का मनाया गया जन्मोत्सव
गांव गांव में मनाया जाना चाहिए भगवान परशुराम जन्मोत्सव-कंवरसेन वशिष्ठ
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कनीना। श्रीगौड़ सभा कनीना के तत्वावधान में मंगलवार को भगवान परशुराम जी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। सबसे पहले विश्व कल्याण के लिए विधान से पूजन व हवन किया गया। उसके बाद भगवान परशुराम जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व जिला प्रमुख सुरेंद्र कौशिक विशिष्ट अतिथि महन्त वि_ल गिरी महाराज, अनिल कौशिक नरेश शर्मा माधोगढ़ अमित शर्मा रहे।
इस मौके पर कंवरसेन वशिष्ठ ने कहा कि भगवान परशुराम जी का जन्मोत्सव सनातन कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी का जन्म धरती पर हो रहे अन्याय, अधर्म और पाप कर्मों का विनाश करने के लिए हुआ था। उन्हें सात चिरंजीवी पुरुषों में से एक माना जाता है। परशुराम का जन्म के वक्त राम नाम रखा गया था। वे भगवान शिव की कठोर साधना करते थे। जिसके बाद भगवान भोले ने प्रसन्न होकर उन्हें कई अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए थे। परशु भी उनमें से एक था जो उनका मुख्य हथियार था। उन्होंने परशु धारण किया था इसलिए उनका नाम परशुराम पड़ गया। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम का जन्म उत्सव गांव-गांव में मनाना चाहिए। ब्राह्मण समाज ने हमेशा सभी समाजों को एक साथ लेकर चलने का कार्य किया है। इस दौरान श्रीगौड सभा कनीना के अध्यक्ष डा रवि दत्त कौशिक, डा. नरेन्द्र शर्मा सुरेश चंद शर्मा, मुनीलाल शर्मा, नानकराम भारद्वाज, सुरेश शास्त्री, डॉ अशोक, मोहित इसराना, कंवर सेन वशिष्ठ, गिरधरलाल अधिवक्ता सहित सैकड़ों ब्राह्मण मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 03: कंवरसेन वशिष्ठ संबोधित करते हुए।
कनीना पुलिस केवल पुरुष शक्ति का ही चालान करती है न कि नारी शक्ति का
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कनीना। जहां एक तरफ तीन सवारी बाइक पर स्कूटी पर बैठते ही पुलिस उनका चालान कर देती है तो किसी की बाइक को सील कर देती है वहीं दूसरी तरफ कनीना शहर में एक बाइक पर चार चार महिलाएं सफर करती देखी जाती हैं लेकिन पुलिस वाले उनकी तरफ देखकर गर्दन घुमा लेते हैं। क्या कानून केवल पुरुषों पर लागू होता है? महिलाओं पर नहीं या पुलिस केवल पुरुषों के ही खिलाफ कार्रवाई करती हैं, महिलाओं के खिलाफ नहीं। आखिर माजरा क्या है, यह तो पुलिस ही बता सकती हैं?
यहां गौरतलब है कि स्थानीय कस्बा कनीना व इसके आसपास नाकों पर कनीना पुलिस अवश्य ही चालान काटती नजर आती है जो ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते उनके चालान काटे जाते हैं तथा जिस बाइक और स्कूटी ओं में कागजात पूरे नहीं होते उनको इंपाउंड कर दिया जाता है लेकिन इसी कस्बे कनीना में एक बाइक पर एक नहीं दो नहीं तीन नहीं बल्कि चार और पांच तक सवारियां बैठ कर जाती हैं लेकिन पुलिस द्वारा उनका चालान काटना तो दूर की बात उनकी तरफ आंख उठाकर देखने की हिम्मत भी नहीं उठाती है। इससे यह बात साफ हो जाती है कि शायद पुलिस में वह हिम्मत नहीं रही जो आज से 20 साल पहले हुआ करती थी। दूसरे राज्यों से आये हुये हजारों मजदूर जहां किराये के मकानों में रहते हैं और सुबह एवं शाम के वक्त एक बाइक पर पांच तक बैठकर जाते हैं। गरीब समझकर उन्हें छोड़ देते हैं किंतु यही हाल रहा तो ओटो से ज्यादा सवारियां बाइक पर देखने को मिलना आम बात बन जाएगी।
जब इस बारे में सिटी थाना प्रबंधक मूलचंद से बात की गई तो उनका कहना था किस तरह का मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है अगर आएगा तो कानून सबके लिए बराबर है किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
फोटो कैप्शन 5: बाइक पर चार महिलाएं जाते हुए।
गर्मी ने किया बेहाल, चलने लगी लू
- विद्यार्थियों ने ली राहत की सांस, स्कूलों का समय बदला
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कनीना। क्षेत्र में विगत दिनों से गर्मी अपने पूरे तेवर दिखा रही है वही लू चलने लगी है जिसके चलते लोग घरों में दुबक गये हंै। विद्यार्थियों का घर से बाहर निकलना भी दूभर हो गया है। अभी तक छोटे बच्चे स्कूलों में सुबह आाठ बजे से शाम 2:30 बजे तक पढऩे के लिए जा रहे है और शाम तीन बजे तक घर पहुंचते हैं। उस समय लू का प्रकोप पूरे यौवन पर होता है किंतु आगामी 4 मई से स्कूलों का समय प्रात: सात बजे से दोपहर 12 बजे का करने की शिक्षा मंत्री ने घोषणा कर दी है जिसके चलते विद्यार्थियों और अभिभावकों ने राहत की सांस ली है।
अभी तक गर्मी और धूप से बचने के लिए जहां पेय जल का सहारा लेना पड़ रहा था वही छाता, चुन्नी तथा सिर पर कपड़े आदि ढककर उन्हें घर तक जाना पड़ रहा था जिसको लेकर अभिभावक अति चिंतित रहे हैं। उन्होंने बार-बार प्रशासन और सरकार से समय बदलने की मांग की जिसके चलते आखिरकार सरकार ने स्कूलों का समय भीषण गर्मी में प्रात: सात बजे से दोपहर 12 बजे तक का रख दिया है। अब विद्यार्थियों को स्कूल में सुबह सात बजे पहुंचना होगा और दोपहर 12 बजे वापस घर के लिए रवाना होना पड़ेगा।
अभी भाव को रमेश, सुरेश, जितेंद्र , महेंद्र आदि ने बताया कि वे स्कूल में बच्चों को भेजने से कतरा रहे हैं। वैसे भी उल्टी दस्त आदि की शिकायत बढ़ती जा रही है। ऐसे में अभिभावक बेहद चिंतित है किंतु सरकार ने आखिरकार उनकी समस्या की ओर ध्यान दिया जिसके चलते शिक्षा मंत्री का आभार जताया है। विद्यार्थियों और शिक्षकों के संबंध में चर्चा की गई तो वह भी लंबे समय से गर्मी से बेहाल हो रहे थे जिसके चलते वे बार-बार मांग कर रहे थे कि स्कूलों का समय बदला जाए आखिर स्कूलों का समय बदल दिया गया और विद्यार्थियों अभिभावकों और शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। गत दिनों से शिक्षकों ने प्रशासन को भी संबंध में पत्र भेजा था शिक्षा मंत्री से भी विभिन्न शिक्षकों ने मांग की थी अब उनकी मांग को सिरे चढ़ा दी है। 4 मई से बदले हुए समय पर विद्यार्थी स्कूल पहुंचेंगे। उधर डा वेद प्रकाश एवं अजीत कुमार का कहना है कि गर्मी से बचना जरूरी है। ऐसे में घर से बाहर न निकले या फिर जाना भी पड़े तो सिर एवं पैर अच्छी प्रकार ढककर बिना खाये पीये न निकले। उल्टी एवं दस्त से बचने के लिए नमक, चीनी एवं नींबू आदि का घोल पीये।
फोटो कैप्शन 7: विद्यार्थी स्कूल से घर जाते हुए गर्मी का प्रकोप सहते हुए।
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