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Sunday, May 15, 2022


 
मारपीट और छीना झपटी का मामला दर्ज
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 कनीना। कनीना उप-मंडल के गांव मालड़ा बास की लक्ष्मी देवी 70 वर्षीय ने उसके साथ एक व्यक्ति द्वारा मारपीट करने नकदी व सोने की चेन छीनने का मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने कहा है कि वह दूध लेने के लिए अपने घर से जा रही थी। उस समय अकेली थी उनकी पुत्रवधू खेत में गई हुई थी तभी सिद्धार्थ नामक युवक नशे में आया गालियां देने लगा। घर पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिये। हाथ में लोहे की रॉड ले रखी थी जिसमें हाथ पैर सिर में चोट मारी और जान से मारने की धमकी दे रहा था। उन्होंने बाल खींचे, पेटिकोट की जेब से 1680 रुपये छीन लिये जो दूध के हिसाब करने जा रहे थे। इसी बीच सोने की चेन छीनकर गायब हो गया। कनीना पुलिस ने महिला की शिकायत पर सिद्धार्थ के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।





मार पिटाई का मामला दर्ज
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 कनीना। इंडस वैली पब्लिक स्कूल दौंगड़ा अहीर में 10 + 2 में पढऩे वाले विद्यार्थी ने उनके साथ मारपीट करने का पुलिस में मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने कहा है कि वह 12वीं में पढ़ता है और 27 मार्च को स्कूल आया था। उसी वक्त उनके गांव का मनोज कुमार आया हुआ था। मनोज मास्टर की लड़की दसवीं क्लास में पढ़ती है। लड़की का भाई डेविड कुछ लड़कों को बुलाया हुआ था। जब मैं घर जाने के लिए बस में बैठ गया तो मनोज ने बस से उतारकर कुछ थप्पड़ जड़ दिए। थप्पड़ एवं मुक्कों के कारण कान का पर्दा फट गया। उस वक्त मास्टर मनोज भी खड़ा था। उसी वक्त पिता संजय एवं मामा सतीश स्कूल आ गये। डाक्टरों ने इलाज के लिए नारनौल रेफर कर दिया। अंकित की शिकायत पर दो लोगों के दो मामला दर्ज कर लिया है।




जमकर चल रही हैं लू
- घर से बाहर निकलना भी कठिन
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कनीना। कनीना क्षेत्र में जमकर लू चलने लगी है। बाहर निकलना भी कठिन हो गया है। स्कूलों के तीनों दिनों के अवकाश के बाद अब विद्यार्थी मंगलवार को स्कूल में जाएंगे। तत्पश्चात उनको मंगलवार को गर्मी का एहसास होगा।
अब तो अभिभावक इस भीषण भीषण गर्मी में अपने बच्चों को बाहर भेजने से कतराने लगे हैं। इन दिनों बीमारों की संख्या बढऩे लगी है। अगर सरकार स्कूलों के मसले में फैसला नहीं ले पाएगी तो समस्या विकराल बन सकती।
अभिभावकों ने सरकार से मांग की है कि अविलंब अववास घोषित किये जाए या फिर स्कूलों का समय सात से 11 बजे का ही रखा जाए।






बंदर बने राक्षस
-झूठ कहते हैं हनुमान की फौज के अंग हैं
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कनीना। रामायण काल में हनुमान जी का विशेष योगदान आता है किंतु लोग अब बंदरों को हनुमान जी की फौज का हिस्सा बताते हैं जो गलत है। हनुमान जी ने जीवन भर समाज सेवा, देवी-देवताओं की सेवा, जनहित का भला और सबका भला किया। ऐसा एक भी काम नहीं गिना सकते जो हनुमान जी ने अपने रामायण काल या महाभारत काल में बुरा किया हो।  और उनसे बड़ा कोई समाजसेवी धरती पर हअभी तक नहीं हुआ है और न ही होगा।
  उधर कोई एक काम भी नहीं बताया जा कता जो सिद्ध करे कि ये जीव किसी का भला कर रहे हैं। अकेले कनीना कस्बा में दो दर्जन लोगों को काट कर घायल करने की घटनाएं घट युकी है। कस्बा कनीना से विगत वर्षों की एक दर्जन लोगों को बंदरों ने काट खाया था। अगर कस्बा कनीना में सबसे अधिक नुकसान किसी ने किया है तो बंदरों ने किया है। सदा पेड़ों को तोड़ा, एंटीना, लाइट या कोई और नुकसान हुआ है सब बंदरों का एक कारण रहा है। बंदर एक ऐसा राक्षसी जीव है जो अंडे भी खा जाता है और जीवों को मारकर भी खा जाता है। फल और सब्जी खा जाते हैं। यहां तक कि कुछ भी हाथ लग जाए सब कुछ तबाह कर देता है।
यह सत्य है की से भी जीव हैं पर राक्षसी जीव है जिनको उनके थान पर भोजन देना कोई बुरी बात नहीं है। यदि वे अपने निश्चित ठिकाने पर पड़े रहे तो उनको भोजन देना उचित है। अगर इंसान जंगलों में वास करने लगे और बंदरों को भगाए या उन्हें मारे तो भी गलत होगा वहीं बंदर गांवों और शहरों में आये और इंसान को नुकसान पहुंचाये तो उनको भगाना ही जरूरी है।
राक्षसी जीव इसलिये हैं कि पानी की टंकियों में हगना,मूतना, उसी में नहाना ,गंदा करना और सबसे पेड़ पौधे तोड़कर प्रदूषण करना उसकी फितरत है।
सत्य यह है कि ये जीव इंसान के कोई काम के नहीं अपितु अगर जंगलों को काटने तोडऩे सबसे बड़ा योगदान और पृथ्वी को प्रदूषण की ओर धकेलने में भी अहम योगदान माना जाता है। जिस जगह बंदर रहते हैं उस जगह के पेड़ की चोटियां ही गायब हो जाती हैं। वह धीरे-धीरे छतरीनुमा हो जाते हैं और टहनियां तोड़ डालते हैं। आश्चर्य है कि ऐसे जीव हनुमान जी की फौज कैसे हो सकते हैं।
बंदर बच्चे बुड्ढे किसी को भी नहीं बख्शते, पेड़ पौधे, शाक,झाड़ी,पेड़ किसी को भी नहीं बख्शते। कड़वे और मीठे किसी भी फल को नहीं बख्शते, फल मांस किसी भी चीज को किसी भी चीज को नहीं बेख्शते, पानी की गंदगी करने पेड़ों का नुकसान, प्रदूषण करने से नहीं चूकते।
 बंदरों का आक्रामक रूप दिनों दिन बढ़ जाएगा। ऐसे में बंदरों से निजात पाने के वैज्ञानिक तरीके अपनाने होंगे नहीं तो टंकियों में उनके द्वारा दूषित पानी पीने उनके मल युक्त पानी पीने के लिए तथा लोगों को मौत के लिए, प्रदूषण बढ़वाने के लिए सदा तैयार रहे।





एसडी ककराला में आयोजित हुई पीटीएम
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कनीना। एसडी विद्यालय खेड़ी तलवाना में एक अभिभावक अध्यापक  बैठक (पीटीएम)का आयोजन किया गया, इस बैठक में  शिक्षकों ने माता-पिता को विद्यार्थियों की शैक्षणिक गतिविधियों से अवगत करवाया।
माता-पिता और शिक्षक बच्चे के समग्र विकास के लिए जिम्मेदार दो सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।
  संस्था के निदेशक जगदेव यादव ने बताया कि अभिभावक, अध्यापक और विद्यार्थी तीनों एक ही दिशा में चले तो बच्चे को कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता इसलिए जरूरी है कि प्रत्येक अभिभावक बैठक में शामिल हो। विद्यालय में कक्षा 3 से 6 तक  400 अभिभावक इस बैठक में शामिल हुए। उप प्रधानाचार्या शोभा राव खरसाणीयां ने कहा कि अध्यापकों और अभिभावकों के सहयोग से ही बच्चे आगे बढ़ते हैं अब हमारा ध्यान बच्चों के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ उन्हें हर प्रतियोगी क्षेत्र में आगे लेकर जाने का है , इसके लिए माता-पिता के सहयोग की आवश्यकता होगी।  पीटीएम में शामिल हुए अभिभावकों ने कहा कि उन्हें अपने बच्चों की प्रगति पर चर्चा करने का मौका मिला है, और हम बच्चों के शैक्षणिक कार्यों को लेकर बिल्कुल संतुष्ट हैं।  माता-पिता और छात्र दोनों ही स्कूल से जुडऩे की आवश्यकता के बारे में अधिक जागरूक हो रहे हैं।
फोटो कैप्शन 01: पीटीएम खेड़ी तलवाना का एक नजारा।





सिहोर के सरकारी स्कूल भवन के जर्जर बेकार कमरों के पुनर्निर्माण के लिए स्वीकृत राशि शीघ्र जारी करने की मांग
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 कनीना। प्रजा भलाई संगठन के ठाकुर अतरलाल ने हरियाणा सरकार तथा शिक्षा विभाग जिले के गांव सिहोर के शहीद सतपाल सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के जर्जर बेकार कमरों के पुनर्निर्माण के लिए स्वीकृत राशि शीघ्र जारी करने की मांग की है। अतरलाल ने सीहोर ग्रामीणों की मांग पर स्कूल के कंडम घोषित कमरों के निरीक्षण के बाद कहा कि निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि जर्जर बेकार कमरों के पुनर्निर्माण के लिए स्कूल द्वारा भेजा गया एस्टीमेट पास हो चुका है और बजट राशि भी स्वीकृत हो चुकी है, परन्तु स्वीकृत राशि जारी न होने के कारण छात्रों को इस भयंकर गर्मी में डर के साये में कंडम घोषित कमरों में ही बैठना पड़ता है। अतरलाल ने इसे सरकार की चूक बताते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल से तत्काल हस्तक्षेप कर स्वीकृत बजट राशि तत्काल जारी करने की मांग की ताकि छात्र बिना खौफ अपनी पढ़ाई कर सके। उन्होंने सरकार तथा जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि मजबूरीवश कंडम कमरों में बैठ रहे छात्र व अध्यापकों के साथ कोई हादसा हो गया तो उसकी जिम्मेवारी सरकार व जिला प्रशासन की होगी। उन्होंने कहा कि स्वीकृत बजट राशि अब तक जारी न होने के कारण ग्रामीण छात्र अध्यापक व अभिभावकों में भारी रोष व्याप्त है। इसलिए सरकार को संवेदनशील होकर तत्काल स्वीकृत बजट जारी करना चाहिए।
फोटो कैप्शन 02: जर्जर भवन का निरीक्षण करने के बाद स्कूल के बाहर आते प्रमुख समाजसेवी अतरलाल




वार्ड नंबर 7 के लोग वाटर सप्लाई के साथ मिलकर आने वाला गंदी नालियों का पानी पीने के लिए मजबूर
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कनीना।। जन स्वास्थ्य विभाग की पीने के पानी की लाइन लीक हो जाने के कारण कस्बा वासियों को शुद्ध जल नहीं मिल रहा है तथा कस्बे के लोग गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हो रहे हैं। यह कहना है वार्ड नंबर 7 के समाजसेवी राजकुमार यादव, भीम सिंह यादव, बबलू सेठ, दीपांशु तंवर, गौरव दायमा के अलावा अन्य दर्जन भर लोगों का सभी लोगों ने अमर उजाला संवाददाता को जानकारी देते हुए बताया कि हमारे वार्ड नंबर 7 में जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा आ रही पीने के पानी की लाइन कई जगह से लीक हो रही है जिसमें गंदे नालियों का पानी चला जाता है और जब वाटर सप्लाई का पानी आता है तो वह पानी उसके साथ मिलकर लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। जिसको पीने के उपरांत कस्बे के कई लोग उल्टी दस्त जैसी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं लेकिन प्रशासन मूक दर्शक बना तमाशा देख रहा है और लोगों ने यह भी बताया कि इसकी शिकायत कई बार मौखिक व लिखित में जन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों तथा अधिकारियों को देकर अवगत कराया जा चुका है लेकिन अब तक इसे ठीक करना तो दूर की बात कोई देखने तक भी नहीं आया जिससे यह बात साबित हो जाती है कि जन स्वास्थ्य विभाग लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहा है और उसे लोगों के जीवन से कोई लेना-देना नहीं। वार्ड वासियों का यह भी कहना है के यह गंदा पानी पीते पीते लोगों का जीना हराम हो गया है। लेकिन इस विभाग की सेहत पर कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है। वार्ड के लोगों ने यह भी कहा अगर जल्द ही विभाग द्वारा इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं किया गया तो हमें परेशान होकर विभाग के ऑफिस के सामने धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। वार्ड के लोगों का यह भी कहना है कि विभाग के पास अधिकारी व कर्मचारियों की भरमार होने के बाद भी आखिर यह लोग क्यों काम नहीं करते इनसे प्रशासन द्वारा पूछना चाहिए वही वार्ड वासियों का यह भी कहना है इसके साथ साथ वार्ड में सीवर जाम की भी समस्या आम बात रहती है जिसके बारे में जब इस विभाग को अवगत कराया जाता है तो उसके बाद भी इस विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती कस्बा वासियों का यह भी कहना है तो फिर जब ऊपर इन के आला अधिकारियों से बात की जाती है तो वह कहते हैं कि क्या करें शिविर साफ करने की बड़ी मशीन एक ही है जिसके कारण यह समस्या बन जाती है अब देखना यह है कि क्या इस समस्या का कहीं कोई स्थायी समाधान भी है या फिर कस्बा वासी इसी तरह परेशान होते रहेंगे। वार्ड वासियों ने जिला उपायुक्त से मांग करते हुए कहा है कि जल्द से जल्द हमारे वार्ड में वाटर सप्लाई की लिकेज लाइन को ठीक कराया जाए ताकि वार्ड के लोग गंदा पानी पीने से बच सकें और किसी बड़ी महामारी के आगोश में आने से बच जाएं।
फोटो कैप्शन 03: वार्ड नंबर 7 में गंदा पानी पीने के लिए मजबूर लोग गिलासों में भरे गंदे पानी का फोटो दिखाते हुए।





ककराला में ग्रामीणों ने राहगीरों को पिलाया मीठा पानी
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 कनीना। उप-मंडल के गांव ककराला में हर वर्ष की भांति धन्या कालोनी के पास रोड पर ज्येष्ठ माह में ठंडे मीठे पानी की छबील लगाई गई। जिसमें दर्जनभर सेवादारों ने दिनभर सड़क से गुजरने वाले वाहनों को रोककर ठंडा व मीठा पानी राहगीरों को पिलाया। छबील को रविवार सुबह से प्रारंभ कर सांय तक लगाया गया। जिसमें दिनभर सैकड़ों लोगों की प्यास बुझाई गई। मास्टर सुशील ने बताया कि इस ज्येष्ठ माह की भीषण गर्मी में प्यास से व्याकुल जीव को पानी पिलाना, उसे नया जीवन देने के समान है। एक दशक पूर्व ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं चौपालों व बैठकों में पूरे ज्येष्ठ माह पुण्य प्राप्ति हेतु मिट्टी के नए घडों में पानी भरकर रखती थी,ताकि उन्हें गर्मी में प्यासे को पानी पिलाने का कई गुणा फल प्राप्त हो सके। इस दौरान ताराचंद, गोपाल, नवीन, बंटी, जतिन, महेश, देवन, नितिन, हिमांशु, प्रवीन, हर्ष, सनी, नवीन व सचिन यादव सहित अन्य ग्रामीणों ने राहगीरों को पानी पिलाया ।
फोटो कैप्शन 04:राहगीरों को मीठा पानी पिलाते हुए ग्रामीण।




कनीना में लगाई मीठे पानी की छबील
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कनीना। कनीना में लगाई मीठे पानी की छबील पिछले 8 साल से मीठे पानी की छबील लगाई है। लोगों को पानी पिला रहे हैं।
 डीएवी अकादमी के पा विभिन्न लोगों के सहयोग से मीठे पानी की छबील लगाई।
  इस मौके पर सुमेर सिंह चैयरमैन, नौरंगखान, बास उर्फ मिंटू,अजीत सिंह सुनील कुमार  धीलु,संदीप सिंह, जितेंद्र कुमार ,गोलिया ,वेदप्रकाश,ने मीठा पानी पिलाकर लोगों को राहत दिलाई। विभिन्न गांवों में आये दिन सड़क मार्गों पर मीठे पानी की छबील लगाई जा रही है।
फोटो कैप्शन 05: डीएवी के पास मीठे पानी की छबील लगाते हुए लोग।



डाक्टर ने रखे पक्षियों के लिए सकोरे
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 कनीना। खेड़ा के डा ऋषिराज ने बाबा शंकरदास राजावाली बणी पार्क में विभिन्न सकोरे रखे और पक्षियों के लिए पेयजल उपलब्ध कराया। उन्होंने बताया कि वे हर वर्ष इस प्रकार े सकोरे रखेते आ रहे हैं।




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