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Friday, May 6, 2022

 
डेढ़ एकड़ में सब्जी उगाकर कमा रहे प्रतिदिन 5000 रुपये
-3 मजदूर और दो घर सदस्य जुटे हैं दिन-रात
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में कुछ सालों से सब्जी की खेती में तेजी आ गई है। कनीना के आधा दर्जन किसान सब्जी की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं और दूसरों के लिए उदाहरण बने हुये हैं।
वही कनीना उपमंडल के गांव मोड़ी का  राज्य पुरस्कार से सम्मानित किसान गजराज सिंह एवं उसका परिवार प्रतिदिन पांच हजार रुपये प्रतिदिन महज डेढ़ एकड़ जमीन पर सब्जी की पैदावार कर कमा रहा है। मल्चिंग एवं टपका सिंचाई योजना अपनाकर जल संरक्षण भी कर रहा है पूरा परिवार। वे एक ओर जहां जल की बचत कर रहे हैं वही झटका मशीन लगाकर पूरी फसल की सुरक्षा भी कर रहे हैं। जिससे कोई भी पशु इस फसल के आसपास तक नहीं दिखाई देता।
 गजराज सिंह के दिशा निर्देश में उनके परिवार के अजय कुमार तथा कांता देवी हाथ बंटा रहे हैं तथा तीन मजदूर भी इस काम में लगाये हुये हैं। फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में उन्होंने सब्जी उगाई थी। सब्जी उगाने का उनका लंबा अनुभव होने के कारण वे सब्जी की ओर आकर्षित होते हैं। विगत पांच वर्षों से लगातार सब्जी उगा रहे हैं।  उनका कहना है कनीना सब्जी मंडी 12 किलोमीटर दूर पड़ती है जो स्थापित होने के बाद उनका खर्चा कम हो जाएगा वहीं बचत बढ़ जाएगी। यही नहीं कभी कभी भी अपनी सब्जी को महेंद्रगढ़ सब्जी मंडी में ले जाते हैं। उनके सब्जी पैदावार में दो विशेषताएं देखने को मिली मल्चिंग और ड्रिप सिंचाई से सब्जी पैदावार लेते हैं वहीं चुन्नी की कतरन विशेष रूप से प्रयोग की गई है।  उन्होंने बताया कि करीब आशी 80 चुन्नी फाड़ कर उनकी कतरन बना कर लौकी एवं तोरई आदि की बेल को ऊपर तक चढ़ाया जाता है। पूरे खेत में जाल बिछा हुआ है ताकि उस पर सब्जी बेल घ्चढ़ सके।और अच्छी पैदावार दे सके। दूसरी विशेषता बताते हुए किसान ने बताया कि पूरे खेत की रखवाली झटका मशीन लैगवा रखी है। चूंकि खेत की देखरेख कर पाना कठिन होता है ऐसे में झटका मशीन लगवाकर खेत की सुरक्षा की जाती है।  करीब 5000 रुपये की लागत से पूरे खेत पर झटका मशीन लगा रखी।  ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों में आवारा जंतु नीलगाय एवं बंदर विशेष रूप से परेशान करते हैं। किंतु झटका मशीन के लगने से खेत के अंदर कोई भी जानवर आकर नहीं देखता क्योंकि यह मशीन करंट का झटका लगती है जिससे उस जीव की मौत नहीं होगी बल्कि झटका लगने से वह दोबारा नजदीक नहीं आएगा। इस प्रकार फसल की सुरक्षा अपने आप हो जाती है। उन्होंने बताया कि वे जल संरक्षण के लिए लंबे समय से कार्य कर रहे हैं। उल्लेखनीय मोड़ी की पूरी कॉलोनी वर्षा जल संरक्षण के लिए नाम कमाया है। उन्होंने बताया इंसान अगर चाहे तो सब्जी की पैदावार लेकर आय कमा सकता है किंतु हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहते हैं उनके लिए एक उदाहरण बने हैं।
फोटो कैप्शन 02:सब्जी की पैकिंग करते हुए किसान।
3: देशी टिंडा की खेती
4: मिर्च की खेती करते गजराज सिंह
5: बैंगन की खेती करते गजराज सिंह किसान 6: अपने खेतों सब्जी की पैदावार देेखते किसान
7:किसान कतरन पर बेल की सब्जियां चढ़ाते हुए।





सरकारी स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थी पर चलाई गोली बाल-बाल बचा, मामला दर्ज
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,कनीना। लोकेश कुमार पोता निवासी ने कनीना पुलिस में उन पर गोली चलाई जाने, जान से मारने, पत्थरों से वार करने का मामला दर्ज करवाया है।
लोकेश कुमार द्वारा दिये गए बयान में उन्होंने कहा कि वह 10 जमा 1 का सरकारी स्कूल का विद्यार्थी है। शाम 6:30 बजे के आसपास सरकारी स्कूल के खेल के मैदान में बास्केटबॉल खेल रहा था। तभी रघु, अभिषेक, धर्मेंद्र एवं अन्य लड़के भी खेल रहे थे। शुभम पोता को प्रीतम नामक युवक ने खेल के मैदान में बुला लिया। शुभम ने आते ही लोकेश के साथ गंदी गालियां दी और गोली से वार करने की बात कही किंतु लोकेश अपने पिता के साथ घर आ गया।
उनके बयान अनुसार कुछ देर पश्चात शुभम, राम खिलाड़ी, सुमन एवं मुकेश आदि उनके घर पर आ पहुंचे। शुभम हाथों में देशी कट्टा लिये था जबकि राम खिलाड़ी अपने हाथों में देसी कट्टा लिए हुए था जिसने घर के सामने गली में आकर जान से मारने के लिए 3-4 फायर किए जबकि राम खिलाड़ी, सुमन और मुकेश ने पत्थरों से वार किया जिससे बाल-बाल बच गया। गोली भी उनको नहीं लग पाई। उन्होंने शोर किया तो उनके चाचा धर्मेंद्र एवं अजीत तथा परिवार के काफी सदस्य आ गए जिसके चलते ये लोग फरार हो गए। कनीना पुलिस ने धाराओं के तहत शुभम, रामखिलाड़ी सुमन और मुकेश चार लोगों के विरुद्ध अभियोग दर्ज कर लिया है।





 चिकित्सा जांच एवं पर्रामर्श 8 को
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 कनीना। कनीना अनाज मंडी स्थित लाला शिवलाल धर्मशाला में सेवा भारती हरियाणा प्रदेश शाखा कनीना की ओर से 08 मई को चिकित्सा जांच एवं परामर्श शिविर आयोजित किया जाएगा। इस मौके डा राहुल सिंगला हृदय रोग तथा डा नेहा वत्स नेत्र रोग विशेषज्ञ उपस्थित रहेंगे।
 विस्तृत जानकारी देते हुए सेवा भारती के योगेश अग्रवाल ने बताया कि इस मौके पर ईसीजी, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर आदि की जांच की जाएगी वही हृदय रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं सामान्य रोग विशेषज्ञ उपलब्ध रहेंगे। उल्लेखनीय की लंबे समय से सेवा भारती की ओर से इस प्रकार के कैंप आयोजित किए जा रहे हैं। अब तक 49 निशुल्क शिविर आयोजित किए जा चुके हैं जिसमें हजारों लोगों ने लाभ उठा लिया है। उन्होंने बताया कि सेवा भारती लगातार जन सेवा में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि प्राय हृदय रोगों की जांच उन लोगों को करवानी चाहिए जिनकी सांस फूलती हो, अत्यधिक मोटापा, अत्यधिक पसीना आता हो, उम्र 40 वर्ष से अधिक हो, तंबाकू-धूम्रपान सेवन करने वाले, रक्तचाप से पीडि़त, अत्यधिक घबराहट बेचैनी, हृदय संबंधित पारिवारिक रोग प्रवृत्ति, आलसी जीवन शैली वाले जरूर इस शिविर का में  जांच करवाएं।




करीब 2 साल बाद फिर से आनंद ले रहे हैं विद्यार्थी मिड डे मील का
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 कनीना। सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में दोपहर भोजन योजना के तहत पका पकाया भोजन देना करीब 2 वर्षों तक बंद रखा किंतु एक बार फिर से पका पकाया भोजन विद्यालय में वितरित हो रहा है। करीब एक पखवाड़े से सभी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी पका पकाया भोजन का आनंद ले रहे हैं।
 उल्लेखनीय है कि मार्च 2020 से कोरोना का के चलते स्कूल बंद बार-बार बंद कर दिए गए। विद्यार्थियों को मिड डे मिल का भोजन उनके घरों पर सूखे रूप में पहुंचाया गया तथ उनकी राशि विद्यार्थियों के खातों में डाली गई  जिसके चलते अनेक अभिभावकों ने इस अनाज को या तो गौशालाओं में दान कर दिया या फिर खाने से गुरेज किया। पैसे आदि का भी कुछ अभिभावकों ने शराब आदि में लुटा दिया इसका परिणाम यह निकला विद्यार्थियों के पेट में कोई राशन नहीं गया। संभ्रांत परिवारों के बच्चे तो इस अनाज को नहीं खाते परंतु सरकारी स्कूलों में जब पका पकाया भोजन खिलाया जाता है तो अधिकांश विद्यार्थी भोजन ग्रहण करते हैं। गरीबों के लिए यह योजना बहुत बेहतरीन साबित हो रही है। एक और विद्यार्थी जहां सुबह सवेरे सात बजे ही आजकल स्कूल में पहुंच जाते हैं जिसके चलते उनका खाना टिफिन में या तो बासी बन जाता है या लजीज नहीं रहने के चलते माथा मारकर ही खाते हैं परंतु जब से सरकारी स्कूलों में पका पकाया भोजन खिलाने की पुन: शुरुआत हुई है तब से विद्यार्थियों के चेहरे पर रौनक देखने को मिली है। विद्यार्थी जमकर भोजन का स्वाद ले रहे हैं। अभिभावक भी प्रसन्न हैं, शिक्षक भी एक बार फिर से व्यस्त हो गए हैं। मिड डे मील वर्कर भी भोजन पका कर देने से प्रतिदिन स्कूलों में जा रही हैं।
 विद्यार्थी दिनेश, महेश, नीरु आदि ने बताया कि लंबे समय के बाद उन्हें पका पकाया भोजन मिल रहा है वह भी पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है। घरों में बेशक इस प्रकार का पौष्टिक भोजन उपलब्ध न हो किंतु स्कूलों में जरूर उपलब्ध करवाए जा रहा है जिसके चलते वे खुश हैं। अभिभावक अमर, दिनेश, सुनील आदि ने बताया कि यद्यपि वे अपने बच्चों को भोजन पैक करके देते थे परंतु जब से सरकार ने फिर से भोजन पका कर देने की योजना शुरू की है वे खुश है ताकि बच्चों को ताजा भोजन स्कूल में ही उपलब्ध हो सके।
शिक्षकों और मिड डे मील वर्करों से भी बात की तो उन्होंने कहा कि वे अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। यद्यपि मिड डे मील वर्कर कम पारिश्रमिक मिलने के चलते परेशान हैं। वे चाहती है कि उन्हें नियमित कर्मचारी माना जाए और सभी सुविधाएं दी जाए क्योंकि सरकारी स्कूलों में मिड डे मील वर्कर पार्ट टाइम रखे जाते हैं या फिर  सरकार पका पकाया भोजन विद्यालय में पहुंचाने लिए कुछ एजेंसी मनोनीत करने पर विचार कर रही है। ै। उधर शिक्षक भी व्यस्त हो गए हैं चूंकि स्कूल में वैसे ही अनेकों प्रकार की जिम्मेदारियां उन पर होती है अब राशन खरीदना, रिकॉर्ड रखना, पका कर खिलाना आदि की जिम्मेवारी बढ़ गई है। परंतु विद्यालयों में रौनक आ गई है विद्यार्थी की संख्या निश्चित रूप से बढ़ सकती है।
 फोटो कैप्शन 01: विद्यालय में पका पकाया भोजन खाते विद्यार्थी।




सरकार द्वारा सम्मानित किसान राजेंद्र सिंह की मां का निधन
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कनीना। हरियाणा सरकार द्वारा सम्मानित एवं अग्रणी किसान राजेंद्र सिंह की माता मूर्ति देवी ( 96)का निधन हो गया। उनका दाह संस्कार कनीना में गणमान्य लोगों की उपस्थिति में कनीना में किया गया। राजेंद्र सिंह के पिता का 1983 में देहांत हो चुका है।
वे अपने पीछे 3 पुत्र, 2 पौत्री, 2 पड़पौत्र, 2 पड़पौत्री आदि भरा पूरा परिवार छोड़ गई है।
उनके अंतिम संस्कार में विंग कमांडर जसबीर सिंह, विजयपाल चेयरमैन, बाबू वेद, डा सुरेंद्र सनसनवाल, कंवर सिंह रामदयाल,रामदास सहित पूरा परिवार शामिल हुआ।
उल्लेखनीय क्या राजेंद्र सिंह आदरणीय किसान माने जाते हैं उनके भाई भी अग्रणी किसान सुबह सिंह क्षेत्र में प्रसिद्ध किसान है जीआर स्कूल के पीछे लंबे समय से अपने ट्यूबेल पर पूरा परिवार रहता है।
फोटो कैप्शन: मूर्ति देवी।









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