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Sunday, July 10, 2022

 
एसडी स्कूल ककराला में पीटीएम आयोजित
-862 अभिभावकों ने लिया भाग
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कनीना की आवाज। एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला में अध्यापक-अभिभावक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें 862 अभिभावको का इस बैठक में भाग लेना उनके उत्साह, छात्रों के प्रति अपनी जिम्मेदारी एवं अध्यापक-अभिभावक बैठक के महत्व को दर्शाता है। सभी अभिभावकों ने अपनी व्यस्तता के चलते व मौसम के प्रभाव की प्रवाह के बिना अपने बच्चों के भविष्य के लिए विद्यालय प्रबंधन व सभी संबंधित अध्यापकों के साथ अध्ययन संबंधी समस्याओं के समाधान, शैक्षिक उपलब्धियों के साथ-साथ अन्य गतिविधियों व विषयों पर विमर्श किया। अभिभावकों ने शिक्षकों के परिश्रम विद्यालय की कार्यप्रणाली  की सराहना की। पुस्तकों के साथ डिजिटल उपकरणों के उपयोग करते हुए तहत शिक्षा प्रदान करवाने के तरीकों को श्रेष्ठ बताया। सभी अभिभावकों ने अपने बच्चों की दिनचर्या उनके व्यवहार समय-सारिणी, रुचि आदि से संबंधित पहलुओं से प्रबंधन व संबंधित अध्यापकों से परिचित करवाया और अपने बच्चों की रिपोर्ट लेने में काफीरुचि दिखाई।
    विद्यालय निदेशक जगदेव यादव ने अध्यापक-अभिभावक बैठक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हम अपने आपको गौरवशाली समझते हैं कि हमारे अभिभावक इतने सजग व जागरुक है कि बैठक के महत्व को समझते है तथा छात्र के भविष्य निर्माण में प्रबंधन व अध्यापकों के साथ महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यह बैठक शैक्षिक जानकारी के साथ-साथ सम्पूर्ण व्यवहार, रुचिया सामथ्र्यता से संबंधित बातों के आदान-प्रदान के लिए आयोजित की जाती है। अध्यापक एवं अभिभावकों  का विचार-विमर्श छात्र के जीवन को नई दिशा प्रदान करता है। आगे बताया कि शिक्षण एक त्रिआयामी प्रक्रिया है। ये तीन पक्ष हैं अध्यापक, अभिभावक व विद्यार्थी। इनमें से कोई दो अक्सर साथ रहते हैं परंतु तीनों एक साथ इस प्रकार के आयोजनों में होते हैं जिसका प्रमुख केन्द्र बिंदु छात्र ही होता हैं और बच्चे के शैक्षणिक विकास में विद्यालय के साथ-साथ अभिभावक की भी अहम् भूभिका होती है। उन्होंने सभी अभिभावकों का धन्यावद कर बैठक का समापन किया।
फोटो कैप्शन 01: एसडी स्कूल ककराला में पीटीएम का एक नजारा।




साप्ताहिक गतिविधियों  का आयोजन किया गया
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कनीना की आवाज। यदुवंशी शिक्षा निकेतन स्कूल कनीना में कक्षा एलकेजी से आठवीं तक विभिन्न प्रकार की साप्ताहिक गतिविधियों  का आयोजन किया गया। इनमें कक्षा एलकेजी से दूसरी तक चित्र देखो और पहचानो प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। कक्षा तीसरी से कक्षा पांचवीं  तक पेपर बोट (नाव बनाना)प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इसके अलावा कक्षा छठी से आठवीं तक बेस्ट फ्रॉम वेस्ट (प्लास्टिक यूज़) प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। बच्चों ने अति उत्साह के साथ इन प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़कर भाग लिया। छोटे बच्चों ने पेपर नाव बनाकर अपनी प्रतिभा का बहुत अच्छा उदाहरण पेश किया ढ्ढ पेपर से नाव बनाओ प्रतियोगिता में सभी बच्चों ने अति उत्साह के साथ भाग लिया। बच्चों द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकार के अद्भुत कलाकृतियों को देखकर सभी बच्चों में कुछ नया सीखने और बनाने का उत्साह नजर आया ढ्ढ बच्चों ने खराब हो चुका प्लास्टिक का उपयोग करके सुंदर क्राफ्ट्स का निर्माण किया था।
इस अवसर पर चेयरमैन राव बहादुर सिंह जी ने सभी बच्चों का हौसला अफजाई करते हुए उनको जिंदगी में आगे बढऩे की प्रेणना दी।
इस अवसर पर प्राचार्य महोदय श्री योगेंद्र यादव जी ने बच्चों  द्वारा की गई विभिन गतिविधियों की प्रशंसा की ढ्ढ  प्राचार्य जी ने प्रतिभागियों को भी आगे इसी प्रकार अपनी कला के श्रेष्ठतम प्रदर्शन के लिए तैयार रहने को कहा।  शक्षणिक  प्रमुख नरेंद्र यादव जी ने  सभी बच्चों को निरंतर इसी प्रकार अपने पथ पर अग्रसर रहने को कहा अवसर पर डीन अतरसिंह ,गतिविधि प्रभारी ममता यादव,रूपांशी यादव,सरिता यादव ,सहित सभी अध्यापक गण  मौजूद रहे।।
फोटो कैप्शन 11:यदुवंशी के अव्वल रहे बच्चे।





कनीना में आज हुई बरसात ने प्रदेश सरकार व नगर पालिका के विकास कार्यों की खोली पोल
- जल निकासी के नही है पुख्ता इंतजाम
नगर के मुख्य मार्गों पर हुआ जलभराव, लोगों को निकलना हुआ मुश्किल
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कनीना की आवाज। कनीना में एक ही दिन में 50 एमएम बारिश होने से प्रदेश सरकार व नगर पालिका के विकास कार्यों की पोल खोल दी है।
जल निकासी के नही है पुख्ता इंतजाम नहीं हैं।
नगर के मुख्य मार्गों पर हुआ जलभराव होने लोगों को निकलना हुआ मुश्किल  हो गया है।
लोगों के घरों में पानी घुस गया है वहीं वाहन चालकों को मुश्किलों का करना सामना करना पड़ा है।
एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने नगर के मुख्य मार्गों का जायजा भी लिया। दूरभाष पर बात कर संबंधित अधिकारियों को जल निकासी के जल्द समाधान के निर्देश दिये तथा अधिकारियों को मौके पर पंहुचने के भी निर्देश दिये हैं।
कनीना में आज हुई मध्यम बरसात ने ही प्रदेश सरकार व नगर पालिका के विकास कार्यों की पोल खोल दी। नगर के मुख्य मार्गों पर जगह-जगह पानी भर गया। जिससे लोगों को वहां से निकलना भी मुश्किल हो रहा है यही हाल नगर के मुख्य  सड़क मार्ग का भी है जहां पर वाहन चालकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोगों का घरों से निकलना भी मुश्किल हो रहा है। लोगों के घरों में पानी भर गया है एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने नगर के मुख्य मार्गों का जायजा लिया तथा बाद में एसटीपी पर पहुंचे। वहां पर उन्होंने वहां पर कार्यरत कर्मचारियों से बात की व जल निकासी को लेकर  संबंधित अधिकारियों को दूरभाष पर बात कर दिशा निर्देश दिए तथा उन्हें मौके पर पहुंचने का आदेश दिए हैं।
 एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने कहा की बरसात के कारण शहर में दो तीन जगह जल भराव हो गया है। जोहड़ ओवर फ्लो हो गए है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए है जल्द ही समस्या  का समाधान किया जाएगा।
फोटो कैप्शन 05: एसडीएम कनीना कस्बा कनीना का जायजा लेते हुए।




पाली में किया गया सुरेश वाटिका का निर्माण, मिली बधाइयां
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कनीना की आवाज। जननी जन्मभूमि स्वर्ग  से भी बढ़कर होती हैं इन दोनों का ऋण व्यक्ति सौ बार जन्म लेकर भी नहीं उतार सकता परंतु अपनी जन्मभूमि पर लोकहित वह समाज हित में किया गया कार्य सदैव व्यक्ति को जीवंत रखता है। महेंद्रगढ़ जिले के गांव पाली में बाबा जयराम दास मंदिर पर सुमित अग्रवाल व उसकी माता संतोष देवी द्वारा अपने पति की याद में सुरेश वाटिका नाम से एक समारोह स्थल का निर्माण करवा कर जहां पुत्र ने अपने पिता की इच्छा को पूरा करने का प्रयत्न किया। वही पत्नी ने अपने पति की जन्मभूमि पर निर्माण करवाकर जनहित हेतु अपना योगदान दिया।  सेठ सतनारायण के पुत्र सुरेश कुमार का जन्म पाली में हुआ व्यापार के कारण मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में अपना रहन सहन प्रारंभ कर दिया। परंतु सुरेश कुमार का मन सदा यह कहता था की गांव में कोई ना कोई समाज हित का कार्य किया जाए परंतु असामयिक  मृत्यु हो जाने के कारण सुरेश अपना यह स्वप्न पूरा नहीं कर पाए। समय चक्र के कारण उनके बेटे सुमित भी एक दुर्घटना में घायल हो गए और रीड की हड्डी में चोट लगने के कारण वह चलने में लाचार हो गए। उन्होंने अपने पिता की इच्छा के बारे में गांव के ही एक सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश पाली को बताया उन्होंने उनकी माता और उनको सलाह दी कि बाबा जयराम दास पर एक समारोह स्थल की आवश्यकता है चिंतन मनन के बाद मां बेटे ने मंदिर कमेटी के सहयोग से लगभग 35 लाख रुपये लगाकर इस समारोह स्थल का निर्माण करवाया है। इस  स्थल  का निर्माण सेठ विष्णु प्रसाद बधवानिया की देखरेख मे हुआ जिसमे दो 50X50 फुट के टीन सैड बनाए गए हैं, एक रसोई और एक सभी सुविधाओं से युक्त कमरा बनाया गया है। साथ ही दूल्हा दुल्हन के लिए वरमाला हेतु स्टेज का भी इस सुरेश वाटिका में निर्माण करवाया गया है। 200 फुट लंबी और डेढ़ सौ फुट चौड़ी यह वाटिका सामान्य जन मंदिर कमेटी से बुक कर सकता है। सामान्य जन भी इस सुविधा का लाभ उठाकर अपने मांगलिक कार्यक्रम यहां पर कर सकता है। यद्यपि इस जिंदल परिवार को गांव छोड़े हुए 50 वर्ष बीत चुके हैं परंतु आज भी इनका अपने गांव के प्रति लगाव देखकर यह बात सिद्ध हो जाती है कि मेरा गांव मेरा तीर्थ है। ग्राम वासियों ने उनके इस कार्य की भूरी भूरी प्रशंसा की है। 9 जुलाई को इस समारोह स्थल का उद्घाटन सन्तोष देवी द्वारा हवन पूजन के साथ अपने परिवार की उपस्थिति मे किया गया।
फोटो कैप्शन 06: सुरेश वाटिका पाली का नजारा।




109 मरीजों ने जांच करवाई तथा ली मुफ्त सलाह
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कनीना की आवाज। कनीना मंडी में लाला शिवलाल धर्मशाला में सेवा भारती हरियाणा प्रदेश शाखा कनीना द्वारा 52वां हृदय रोग, नेत्र रोग जांच एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर मेट्रो अस्पताल एवं हृदय रोग संस्थान डा. आरबी यादव के सहयोग से निरंतर लग रहा है। मेट्रो अस्पताल रेवाड़ी के हृदय रोग विशेषज्ञ डा.अश्विनी यादव ने नेत्र रोगियों की जांच की। उनके साथ देव दायमा, प्रवीन, पूनम,कमल, सुनील, सुनील कुमार ,राहुल, नीलम आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर बीपी, शुगर, ईसीजी निशुल्क जांच की गई। इसी प्रकार डा आरबी यादव अस्पताल रेवाड़ी से नेत्र रोग विशेषज्ञ नेहा वत्स एवं डा अमित कुमार ने नेत्र रोगियों की जांच की। उनके साथ ममता, नवीन, सुभाष आदि उपस्थित रहे। उपस्थित रोगियों को दवाइयां, चश्मा निशुल्क प्रदान किये गये। शिविर में 109 रोगियों ने लाभ उठाया।
   इस अवसर पर सेवा भारती कनीना के अध्यक्ष सुरेश शर्मा, सचिव श्यामसुंदर बंसल, कोषाध्यक्ष अमित कुमार, शिव कुमार अग्रवाल, जगदीश आचार्य, सुरेंद्र गुढ़ा, दयाराम, विनय एवं नरेश शर्मा पार्षद सहित नगर के गणमान्य जन उपस्थित रहे। सेवा भारती कनीना के आर्य समाज मंदिर कनीना में निशुल्क प्राथमिक चिकित्सा केंद्र महिला सिलाई केंद्र चलाता है। उल्लेखनीय है कि सेवा भारती जिसका समय शाम चार से 5:30 तक का है। इस वक्त इस केंद्र पर सलाह ले सकते हैं। फोटो कैप्शन 4: सेवा भारती द्वारा आयोजित मुफ्त चिकित्सा शिविर।


किसानों की समस्याओं पर पत्रिका उपलब्ध, क्षेत्रीय किसानों की समस्याओं को किया है उजागर
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कनीना की आवाज। कनीना डा होशियार सिंह यादव की किसानों और शिक्षा पर प्रकाशित पत्रिका अब उपलब्ध हो चुकी है। यह पुस्तक पत्रिका डा होशियार सिंह के पास उपलब्ध हो सकती है। इस पत्रिका में क्षेत्र के विभिन्न किसानों की समस्याओं को उजागर किया गया है। यह पत्रिका भविष्य में भी निरंतर प्रकाशित होती रहेगी। लंबे समय से इस पत्रिका के आने का इंतजार हो रहा था आखिरकार पत्रिका उपलब्ध हो गई है। आरएनआई द्वारा इसका रजिस्ट्रेशन करवाया जा रहा है। तत्पश्चात या पत्रिका लगातार किसानों की समस्याओं को उजागर करती रहेगी और लोगों को उपलब्ध होती रहेगी।
फोटो कैप्शन 9 व 10: पत्रिका का प्रथम कवर पेज तथा पत्रिका।






अभी भी रेवाड़ी जिलेे के खेतों में होती है श्रीआई
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कनीना की आवाज। एक जमाने में बुजुर्गों के मनपसंद हरी सब्जी श्रीआई अभी भी रेवाड़ी जिले के बहुत से गांवों के खेतों में उपलब्ध है। कनीना के आस पास ढहीना, गोठड़ा, बिसोहा आदि गांवों के खेतों में एवं नहर के किनारे देखने को मिलती है।
श्री आई को देखकर अब भी बुजुर्गों के मुंह में पानी आ जाता है। यह श्रीआई बुजुर्ग रायता, पराठे पकोड़े, कढ़ी आदि के बनाने में प्रयोग करते थे। भाजी दूर-दराज तक इसकी विख्यात रही है। किसानों ने बताया कि श्रीआई इस समय बाजरे के खेत में भारी मात्रा में होती थी किंतु किसानों ने  खरपतवार समझ कर नष्ट कर दिया। अब कुछ खेतों में बहुत मात्रा में उपलब्ध होती है। अभी श्रीआई के शौकीन किसान दूर दराज से ढूंढ कर लाते हैं और विभिन्न सब्जियां बनाकर खाते हैं।
फोटो कैप्शन 8: श्रीआई


आ गई है जामुन की बहार
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कनीना की आवाज। बारिश के मौसम में जहां निबोरी, आम तथा जामुन जैसे फल बहुत अधिक मात्रा में उपलब्ध हो जाते हैं। जामुन जो विभिन्न रोगियों विशेषकर शुगर के मरीजों के लिए बेहद लाभप्रद माना जाता है बारिश के समय में ही उपलब्ध हो पाता है। परंतु जामुन की सबसे बड़ी कमी है कि यह महज सात आठ दिन ही चल पाता है तत्पश्चात पेड़ से समाप्त हो जाता है।
 जामुन पैदा करने वाले किसान अजीत कुमार एवं महावीर सिंह करीरा आदि ने बताया कि उनके यहां भारी मात्रा में जामुन लगते हैं किंतु अधिक दिनों तक नहीं चलते। तुरंत पककर धरती पर आ गिरते हैं जिसके चलते उन्हें उठाकर प्रयोग करना जरूरी है, वरना ये समाप्त हो जाते है। वर्तमान में अभी भी कुछ किसानों के खेतों में भारी मात्रा में जामुन लगी हुई है। मरीज ढूंढ कर लाते हैं और बड़े चाव से खाते हैं।
 फोटो कैप्शन 7: जामुन का नजारा।


बादल बरसे जमकर, खेतों में हुआ जमा पानी
-50 एमएम हुई बारिश
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में रविवार को बादल जमकर बरसे। सुबह से दोपहर पश्चात तक लगातार रुक-रुक कर बारिश होती रही। 50 एमएम बारिश हुई। अब तक एक जुलाई के नौ एमएम तथा 10 जुलाई को 50 एमएम बारिश हुई है। कुल मिलाकर 59 एमएम बारिश जुलाई माह में हुई है जबकि 30 मार्च को 30 एमएम बारिश हुई थी।
किसान बाजरे की बिजाई कर चुके हैं किंतु उनकी बिजाई इस बारिश से प्रभावित होने के आसार बन गए हैं। भारी मात्रा में खेतों में पानी जमा हो गया है। उधर कनीना कस्बे में भी एक एक-एक फुट पानी सड़कों पर जमा हो गया  किंतु कुछ समय पश्चात नालियों में चला गया।
एसडीएम ने भी विभिन्न स्थानों का दौरा करके पाया कि जोहड़ों का पानी बढ़ता जा रहा है। अगर यही हालत रही और सीवर द्वारा पानी नहीं निकला तो भविष्य में कनीना वासियों को बड़ी परेशानी हो सकती है।
 करीरा के घरों में बरसात का पानी घुसने के आसार -
उधर करीरा गांव के रामकिशन, गजेंद्र, सुभाष विनयपाल, गजराज सिंह, बनवारीलाल, सतपाल रामपाल, सत्यवीर, ओमप्रकाश, रामनारायण इत्यादि ने बताया कि उनके घरों में गंदा पानी घुसने के लिए तैयार खड़ा है। जोहड़ के गंदे पानी  निकासी का कोई प्रबंध नहीं है जिसके चलते घरों के आगे पानी जमा हो गया है। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल से बीडीपीओ तथा विभिन्न उच्च अधिकारियों तक भी उन्होंने निवेदन किया था किंतु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि एक जोहड़ है जिसका पानी लिसान गंव वाले कच्चे रास्ते की तरफ ओवरफ्लो हो जाता है। गांव की फिरनी बनी उस समय बड़ा पाइप दबाकर पानी के लिए रास्ता दिया था जो कुछ दिनों पहले मिटटी डलवा कर दबा दिया गया। जिसके कारण पानी नहीं निकल पाता। उन्होंने सरकार से मांग की है कि करीरा गांव में जोहड़ों की बदौलत आफत बनी है तथा गलियों में खड़े पानी की निकासी करवाई जाए।
फोटो कैप्शन :2 व 3:  करीरा में घरों के आगे जमा बारिश का पानी।












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