2 लोगों पर मार पिटाई का मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव के झाड़ली में एक व्यक्ति के साथ दो अन्य लोगों ने मारपीट की। पीडि़त द्वारा कनीना थाने में मामला दर्ज करवाया है। मिली जानकारी के अनुसार राहुल झाड़ली निवासी ने पुलिस में दी शिकायत में कहा गया है कि वह अपने खेत में काम कर रहा था तभी गोविंद तथा रमेश नामक व्यक्ति लाठी-डंडों से खेत में पहुंच गए और उनकी पैरों और नलों पर चोट मार कर पिटाई की। उन्होंने कहा कि 29 जून को कनीना कोर्ट में मुकदमा किया है उसे उठा लो वरना जान से मार देंगे। अगली सुनवाई 6 जुलाई की है मौके पर तुम्हें पहुंचने नहीं देंगे। राहुल कुमार ने दो लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है जिस पर पुलिस ने दोनों के विरुद्ध मार पिटाई का मामला दर्ज कर लिया है।
5 लोगों के विरुद्ध कनीना पुलिस ने किया मामला दर्ज
-इस्तगाशा के आधार पर हुआ मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। अगिहार निवासी कविता द्वारा एसडीजेएम कनीना में इस्तगासा दायर करने के बाद पप्पू, कविता, भतेरी, धनपति और कर्मपाल के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होंने इस्तगासा में कहा है कि 12 फरवरी 2022 को उपरोक्त लोग आये और सिर पर ईंट से वार किया जिसे गंभीर चोट आई। उसके बाद उन्होंने गलत हरकत की और मारपीट की, लात घुसा से मारा। जोर-जोर से शोर किया तो वह व्यक्ति मौके से भाग खड़े हुए और जाते-जाते जान से मारने की धमकी दे गए। पुलिस की सहायता से उन्होंने कार्य आई तो मांगी जिस पर पुलिस मौके पर देरी से पहुंची। घायल को कनीना लाया गया जहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया तत्पश्चात उन्होंने महेंद्रगढ़ में अपना इलाज करवाया। कविता का आरोप है कि उन्होंने पुलिस में शिकायत की उच्च अधिकारियों को भी लिखा किंतु पुलिस थाना कनीना ने महज 107/151 के तहत मामला दर्ज किया। इसके बावजूद भी उपरोक्त व्यक्तियों ने धमकी देनी जारी रखी जिसको लेकर पीडि़त ने कनीना एसडीजीएम में इस्तगासा दायर किया जिसके आधार पर कनीना पुलिस ने 5 लोगों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
धनौंदा निवासी पत्रकार जसवंत सिंह को भ्रातृ शोक
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव धनौंदा निवासी पत्रकार जसवंत सिंह के बड़े भाई सेवानिवृत्त सूबेदार जयपाल सिंह को ब्रेन हेमरेज की वजह से निधन हो गया। जिनका अंतिम संस्कार गांव में ही किया गया। उनके बड़े लड़के सूरत सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी। बता दे कि सूबेदार जयपाल सिंह सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद से सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर भाग लेते थे। जिन्होंने मंगलवार सुबह अपनी अंतिम सांस ली। वे अपने पीछे दो पुत्र, एक पुत्री, दो पोते, तीन पौती, एक दोहता, एक दोहती सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए है। उनकी अंतिम यात्रा में प्रेस क्लब कनीना के प्रधान दीपचंद यादव, ब्लॉक प्रधान मनोज रोहिल्ला, उमादत्त कौशिक, अनिल शर्मा, इंद्रजीत शर्मा, कर्मवीर सिंह, मनीष शर्मा, सुमित शर्मा सहित अन्य पत्रकारों व गणमान्य लोगों ने शामिल होकर उन्हें अंतिम विदाई दी।
फोटो कैप्शन: जयपाल सिंह
अब तक हुई 39 एमएम बारिश
-किसान जुटे हैं जोर शोर से बिजाई में
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में विगत दिनों 39 एमएम बारिश हो चुकी है। यह बारिश दो बार में हुई है। किसान जोर शोर से बीजाई कार्य में जुटे हुये हैं।
अभी तक बाजरे की आधी बीजाई हो चुकी है तथा आधी और होने वाली है। गत दिनों से किसान खरीफ फसल बतौर बाजरे की बिजाई में लगे हुये हैं। बीजाई लायक बारिश पहले ही हो चुकी है।
किसान अजीत कुमार, कृष्ण कुमार, योगेश कुमार, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह आदि ने बताया कि उन्होंने बीजाई कर दी है। कनीना क्षेत्र में करीब 8500 हेक्टेयर में बाजरे की बिजाई हो चुकी है। कृषि वैज्ञानिक भी इस समय बिजाई को समय अनुकूल मानते हैं। उनका कहना है कि इस समय बिजाई का अर्थ है कि भावी फसल के लिए पर्याप्त समय बच जाएगा और यह फसल करीब 72 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। कृषि विस्तार सलाहकार डा देवराज यादव का कहना है कि बाजरे के अंकुरण के लिए जितनी नमी चाहिए वो वायुमंडल में है। उनका कहना है कि बीजाई लायक बारिश हो चुकी है। किसानों को मौसम का ख्याल रख बीजाई करनी चाहिए।
फोटो कैप्शन 01: बीजाई करता किसान।
किसान जुटे निराई कार्यों में
-अगेती बाजरे की फसल की हो रही है गुड़ाई
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में जहां बाजरे संबंधित कृषि कार्यों में लगे हुए हैं। अगेती की बिजाई की है वे निराई कार्यों में तो पछेती बीजाई करने वाले किसान अभी बीजाई के कार्यों में ही लगे हुए हैं।
अगेती बिजाई करने वाले किसान खेतों में अवांछनीय पौधे, खरपतवार आदि को हटाने का कार्य कर रहे हैं। किसान सूबे सिंह और राजेंद्र सिंह ने बताया कि खेतों में निराई का कार्य चल रहा है ताकि बारिश के बाद फसल को अधिक लाभ हो सके। उन्होंने बताया कि अभी जा पछेती बिजाई की गई है उसे अभी अंकुरित होने में समय लगेगा। अगेती बीजाई की फसल बड़ी हो चुकी है। बारिश होती तो उसे ज्यादा लाभ होगा। ऐसे में किसान अपने खेतों से निराई करके बाजरे की फसल में खाद आदि डालने का प्रयास हैं। उल्लेखनीय है कि किसानों के खेतों में जंगली चौलाई,सांटी, बुई, घास सहित कई अवांछनीय पौधे फसल के साथ पैदा हो गए हैं और फसल को कमजोर कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि निराई करने के बाद पैदावार बढऩे की संभावना होती है।
जहां पछेती बिजाई के तहत कनीना और आसपास क्षेत्र में बाजरे की बिजाई अभी हाल ही में की है और किसान अभी भी जुटे हुए हैं। किसान अगेती फसल उगा कर खुश है जो अब बड़ी हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि जब कुछ दिनों पहले बारिश हुई थी तो उसका लाभ उठाकर कुछ किसानों ने अगेती फसल उगा दी थी तत्पश्चात जून माह में जो बारिश हुई है उसमें अच्छी फसल उगाई गई है। कनीना क्षेत्र में करीब 19 हजार हेक्टेयर पर बाजरे की फसल बीजाई किये जाने की संभावना है।
खेतों में निराई करने के लिए भारी पैसा खर्च करना पड़ता है। विभिन्न प्रकार की दवाई डालकर इन पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है। खरपतवार पशुचारे के रूप में जरूर काम आते हैं किंतु किसानों ने पशु रखने ही कम कर दिए हैं।
कुछ खरपतवार तो किसी काम की नहीं है तो कुछ खरपतवार को किसान पशुचारे के रूप में प्रयोग कर रहे हैं। बारिश के बाद तो इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। इनको नष्ट करने के लिए दिनरात किसानों को खेतों में काम करना पड़ता है तथा उन्हें हाथों से उखाड़कर फेंकना पड़ रहा है।
किसानों ने बताया कि बाजार से महंगे दामों पर खरपतवारनाशी खरीदकर लानी पड़ती है। दुकानदार महेश कुमार, कुलदीप सिंह ने बताया कि अलग अलग खरपतवार को नष्ट करने के लिए दवाओं की जरूरत पड़ती है। किसान इनको डालकर खरपतवार से निजात पा सकते हैं।
अच्छे भाव मिलेंगे-बाजरे का एमएसपी 2350 रुपये प्रति क्विंटल का रखा गया है। विगत वर्षों से सरकारी तौर पर बाजरा खरीदा जा रहा है जिसके चलते भी किसान उत्साहित है और रुझान बाजरे की ओर है।
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Tuesday, July 5, 2022
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