5 सितंबर को मिलने वाले स्टेट अवार्डों पर शिक्षकों की नजरें टिकी
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कनीना की आवाज। हर वर्ष 5 सितंबर अध्यापक दिवस पर मिलने वाले अध्यापक स्टेट अवार्ड पर शिक्षकों की नजर टिक गई है। जिन शिक्षकों ने स्टेट अवार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है वो प्रतीक्षा करने लगे हैं। अब तक राष्ट्रीय अवार्ड की सूची जारी हो चुकी है किंतु स्टेट अवार्ड की सूची अभी तक जारी नहीं हुई है। शिक्षकों को आशा है कि जल्द ही स्टेट अवार्ड के शिक्षकों की सूची जारी हो जाएगी। अभी तक शिक्षक तबादलों में फंसे हुए थे जिसके चलते स्टेट अवार्ड की ओर नजरें हट गई थी किंतु अब तबादले होते शिक्षकों की नजरें स्टेट अवार्ड पर टिक गई है। हर जिले से कई शिक्षकों ने स्टेट अवार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। यह भी माना जा रहा है कि अब जल्द ही स्टेट अवार्ड की सूची जारी हो जाएगी।
नहीं रहे शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमाने वाले डा ओपी यादव
-शिक्षा के क्षेत्र महेंद्रगढ़ का नाम देश में स्वर्ण अक्षरों में अंकित करवाने वाली शख्सियत
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कनीना की आवाज। शिक्षा के क्षेत्र महेंद्रगढ़ का नाम देश में स्वर्ण अक्षरों में अंकित करवाने वाली शख्सियत अब नहीं रही। आरपीएस ग्रुप के फाउंडर डायरेक्टर डॉक्टर ओपी यादव का शनिवार देर रात निधन हो गया। घटना का पता चलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। किसी को यकीन नहीं रहा था कि शिक्षा की गतिविधियों में हर समय सक्रिय रहने वाला यह शख्स अचानक चुपचाप दुनिया से विदा लेकर चला जाएगा। रविवार को उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव कनीना में किया गया। उन्हें मुखाग्नि उनके पुत्र एडवोकेट नरेन्द्र राव व मनीष राव ने दी। प्रदेशभर के राजनीतिक, सामाजिक व अन्य संगठनों सहित बड़ी संख्या में शिक्षा जगत से जुड़े लोगों ने शामिल होकर उन्हें अंतिम विदाई दी।
क्षेत्र के वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ-साथ शिक्षा के प्रचार-प्रसार में दक्षिणी हरियाणा का नाम प्रदेश व देश में स्वर्ण अक्षरों में अंकित करवाने वाले डॉ. ओपी यादव का जन्म 1943 में राव पहलाद सिंह के घर कनीना में हुआ था। भारतीय वायु सेना में भर्ती होकर 1962 में भारत- चीन युद्ध में भागीदार बनकर देश की रक्षा में अपना सराहनीय योगदान दिया व 15 वर्षों तक भारतीय वायुसेना में रहते हुए देश की रक्षा की। 1968 से 1971 में भारत-पाक युद्ध में भी अपनी वीरता से युद्ध कौशल का परिचय दिया। वर्ष 1977 में वायु सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कानून के क्षेत्र में पिछले 32 वर्षों से वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में लोगों को न्याय दिलवाने का काम किया। दो बार महेंद्रगढ़ बार एसोसिएशन के प्रधान तथा भारत सरकार के टेलकम सलाहकार समिति के सदस्य रहने के साथ-साथ जिला स्तर व राज्य स्तर पर गठित विभिन्न समितियों के सदस्य रहे।
वर्ष 1998 में महेंद्रगढ़ के गांव खातोद में आरपीएस शिक्षा समिति की स्थापना कर इस पिछड़े क्षेत्र को शिक्षा जगत में आगे ले जाने का काम डॉ. ओपी यादव ने किया। भारतीय शिक्षा समिति के तत्वावधान में आज 13 विद्यालय, 5 कॉलेज व वेटनरी कॉलेज चल रहे हैं। जिनके अंदर करीब 37 हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, वहीं उनके संस्थानों में करीब 6500 से भी अधिक कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनके शिक्षण संस्थानों में हजारों जरूरतमंद बच्चे नि:शुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जो उनकी समाज के विकास की सोच को दर्शाते हैं। आज इस ग्रुप से शिक्षा ग्रहण कर निकले हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं डॉक्टर, इंजीनियर, सेना अधिकारी, अध्यापक, वैज्ञानिक सहित अन्य क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का प्रकाश फैला रहे हैं।
उनकी अंतिम यात्रा में पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा, विधायक सीताराम यादव, पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास, मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेंद्र सिंह, पूर्व विधायक नरेश यादव, पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह, पूर्व जिला प्रमुख भाई राम सिंह, डीआईजी राज सिंह, निदेशक कला परिषद अनिल कौशिक, प्रधान बलवान सिंह आर्य, नपा प्रधान सतीश जैलदार, उपप्रधान अशोक ठेकेदार, पूर्व डीईओ मुकेश लावणियां, आरआरसीएम के चेयरमैन रोशन लाल यादव, पूर्व पार्षद भगत सिंह, प्रो. रोशनलाल, कंवर सिंह कलवाड़ी, एसएस राव, नरेंद्र राव, देवेंद्र राव, भगत सिंह चेयरमैन, सुजान सिंह, राजवीर यादव, तुलसीराम शर्मा, सुशील शर्मा, नरेश जोशी सहित अनेक राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक शिक्षण संस्थाओं के साथ-साथ जिले कि सभी बार एसोसिएशन से अनेक सदस्यों ने शामिल होकर डा यादव को अंतिम विदाई दी।
फोटो कैप्शन 02: डा ओपी यादव के अंतिम दर्शन के लिए रथ द्वारा गांव में घूमाते हुए।
बच्ची के चौथे जन्मदिन पर गौशाला में लगाई सवामणी
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कनीना की आवाज। सूबेदार लेखराम ने अपनी पोती दीक्षा के चौथे जन्मदिन पर कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में सवामणी लगाई तथा 5100 रुपये गायों के लिए दान दिये।
सूबेदार लेख राम ने बताया कि उनकी पोती 28 अगस्त 2018 को जन्मी थी। उनके जन्मदिन की खुशी में कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में गायों के लिए मीठा चारा दिया गया तथा सवामणी लगाई। इस मौके पर पवन कुमार, सुभाष कुमार, सुरेश कुमार, रामफल, बिल्लू ठेकेदार, संजीत प्रधान, डॉ अनिल, दीनदयाल, सुधीर बोहरा, हुकुमचंद प्रधान गौशाला आदि मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 01: कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में सवामणी लगाते दीक्षा के परिजन।
गौशाला में चारे की कमी नहीं
- अभी तक कोई किसी प्रकार का गायों में रोग नहीं
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कनीना की आवाज। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला के प्रधान हुकुम चंद ने बताया कि वर्तमान में श्रीकृष्ण गौशाला में चारे की कोई में कमी नहीं है। वर्तमान में 200 बाई 50 फुट का गोदाम पूरी तरह से चारे से भरा हुआ है। 30 मण अनाज रोजाना गाडिय़ों द्वारा लाया जाता है। दो हजार से अधिक गायें गौशाला में हैं। इस समय गौशाला में है 5 गाडिय़ां विभिन्न गांवों से गो-ग्रास इकट्ठा
करके लाती है। विगत 3 माह से हरे चारे की कोई कमी नहीं है। गायों में वैसे तो बीमारी फैल रही किंतु श्रीकृष्ण गौशाला में किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं है। 30 वर्कर वर्तमान में गौशाला में काम कर रहे हैं जिनकी तनख्वाह तीन लाख रुपये प्रतिमाह देनी पड़ रही है तथा तथा एक लाख रुपये गाडिय़ों का डीजल का खर्चा आ रहा है। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण गौशाला बेहतर कार्य कर रही है।
किसी को मिला नजदीक स्टेशन तो किसी को दूर दराज जाना पड़ा
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कनीना की आवाज। करीब एक माह से शिक्षकों के तबादले के बाद आखिरकार रविवार को शिक्षक तबादलों पर विराम लग गया जब शिक्षकों के तबादले कर दिए गए और उनके तबादले के आदेश भी जारी कर दिए गए। एनीव्हेयर वालों को स्टेशन अलाट नहीं हुआ, उन्हें नये नजदीक स्टेशन खोलकर समायोजित करने की मांग की है।
कम उम्र के प्राचार्यो को एनीव्हेयर में जाना पड़ा जबकि कुछ कम उम्र के प्राध्यापकों एवं अध्यापकों को भी दूसरे जिलों में जाकर नौकरी करनी पड़ेगी। इस बार विज्ञान के शिक्षकों को कुछ ठीक स्टेशन मिले हैं।
मिली जानकारी के अनुसार शिक्षकों ने चाहा था कि घर के पास पहुंचेंगे किंतु उन्हें अंबाला, करनाल, यमुनानगर आदि जाना पड़ गया है। धनौंदा के प्राचार्य ने एक सौ स्टेशन आप्शन बतौर भरे किंतु एनीव्हेयर में भेज दिया गया। मयही नहीं बहुत से विद्यालयों में शिक्षकों को गुरुग्राम,अंबाला आदि जिलों में भेज दिया गया हैं। शिक्षकों के तबादले प्रक्रिया लगभग पूर्ण हो चुकी है ,दूसरा ड्राइव इसके बाद चलेगा जिसमें एनीव्हेयर में जाने वाले शिक्षक फिर से भाग ले सकेंगे परंतु शिक्षक इस बार तबादला पाकर नाखुश अधिक नजर आए। पहला अवसर है जब इतने लंबे अरसे के बाद तबादले हुए किंतु अनेको ऐसे स्कूल जहां विज्ञान का एक भी तो प्राध्यापक और ना ही अध्यापक भेजा गया। कनीना खंड में विज्ञान शिक्षकों के पद तक सृजित नहीं किये गये। भडफ़, सीहोर, ककराला, बुचावास, गुढ़ा, सुंदराह, उन्हाणी, बूचावास, उन्हाणी आदि स्कूलों में एक भी विज्ञान शिक्षक पद सृजित नहीं किया जिसके चलते कनीना क्षेत्र के शिक्षकों को मायूसी हाथ लगी।
शिक्षक नेताओं ने सरकार से मांग की है कि जिन शिक्षकों को एनीव्हेयर अर्थात कहीं भी सटेशन नहीं मिला है उन्हें उनके आस पास के केप्ट स्टेशन खोलकर वहां समायोजित किया जाए।
आरपीएस ग्रुप आफ स्कूल के फाउंडर एवं डायरेक्टर का निधन
-कनीना में किया उनका अंतिम संस्कार
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कनीना की आवाज। कनीना के निवासी तथा महेंद्रगढ़ में आरपीएस ग्रुप आफ स्कूल के फाउंडर एवं डायरेक्टर डा ओपी यादव का निधन हो गया। वे 79 वर्ष के थे। वे गत दिनों से बीमार थे तथा गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। वहीं पर उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार कनीना में रविवार शाम को कर दिया गया। वे भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं।
डीलिट,एमए, एलएलबी सहित विभिन्न विषयों में डिप्लोमा धारी कनीना में एक साधारण परिवार में 1943 में जन्मे थे। उनके पिता राव प्रह्लाद सिंह पंजाब तथा नाभा स्टेट पुलिस में होते थे जिन्होंने नाभा के महाराज तथा आईजी पुलिस पंजाब से उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया था। उनके परिवार में के गुरुदयाल सिंह शिक्षा के क्षेत्र में विशेषकर पीकेएसडी कालेज कनीना में चेयरमैन रहे थे। छोटा भाई भी वायु सेना में काम कर चुके हैं। पूरा ही परिवार समाजसेवा एवं देश सेवा में जुटा रहा है। डा ओपी यादव ने अपने कैरियर की शुरुआत 1962 में भारत चीन युद्ध से कुछ समय पहले भारतीय वायु सेना में भर्ती होकर की। उन्होंने 15 वर्षों तक भारतीय वायुसेना में रहकर देश की सेवा की। 1968 और 1971 भारत पाक युद्ध में भी अपनी वीरता का परिचय दिया। भारतीय वायुसेना से 1977 में सेवानिवृत्त और कानून के क्षेत्र में प्रवेश किया। 1998 में भारतीय शिक्षा समिति की स्थापना की और अंतिम सांस तक आरपीएस शिक्षण संस्थाओं के फाउंडर और डायरेक्टर रहे। बतौर वकील कार्यरत थे तथा अपराधिक एवं वैवाहिक केसों के स्पेशलिस्ट होते थे। शिक्षा विभाग में आने से केस कम ही देख पाते थे। अपने जीवनकाल में उन्होंने करीब 10,000 केस क्राइम एवं वैवाहिक संबंधित डील किये किंतु एक केस को छोड़कर सभी मामलों में उन्हें समझा बूझाकर दांपत्य जीवन को फिर से आबाद करने में सफल हुए थे। वर्ष 1998-99 से शिक्षा के क्षेत्र में पदार्पण किया और टाटा ग्रुप द्वारा सर्वे से पता चलता है कि उनके तथा अन्य कुछ लोगों के सहयोग से महेंद्रगढ़ शिक्षा के क्षेत्र में नंबर वन पर हैं। उन्होंने सैकड़ों बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी तथा गरीब एवं असहाय बच्चों को शिक्षा दिलवाने का प्रयास करते रहे। उनकी शिक्षण संस्थानों में 37000 से अधिक बच्चे व 6500 अधिकारी कर्मचारी फिलहाल काम कर रहे हैं। 13 स्कूल 5 कालेज, वेटरनरी कॉलेज चल रहे हैं। हरियाणा प्रदेश के 134 ए के तहत सबसे अधिक विद्यार्थी प्रवेश ले रहे हैं।
जिन बच्चों के मां बाप नहीं उन्हें मुफ्त शिक्षा दे रहे। उनकी शिक्षण संस्थाओं से अब तक 3 आईएएस, 300 एमबीबीएस, 260 आईआईटी, 260 किशोर वैज्ञानिक पुरस्कार, 44 नेट/जेआरएफ पास कर चुके हैं। हर वर्ष 10-15 सीए परीक्षा पास कर लेते हैं। उनके महाविद्यालय में हर वर्ष यहां से किसी न किसी विषय में विद्यार्थी विश्वविद्यालय स्तर पर टापर रहता है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमाया। उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के चलते डा ओपी यादव को नवंबर 2014 में श्रीलंका से डीलिट की उपाधि मिली थी।
कई वर्षों से जनसेवा में-
डा ओपी यादव कई वर्र्षोंं से जनसेवा में जुटे रहे। कनीना श्रीकृष्ण गौशाला में पांच लाख की लागत से बड़ा हाल बनवाया, गौशाला महेंद्रगढ़, बूचावास गौशाला में करीब 2.25 लाख रुपये दान किये। भोजावास, गुदडिय़ा माधोगढ़ में समय समय पर धन व अन्न से सहायता की। गरीब एवं असहाय कन्याओं की शादी में बढ़ चढ़कर दान दिया। यादव धर्मशाला महेंद्रगढ़, में सवा दो लाख रुपये के करीब, यादव धर्मशाला कुरुक्षेत्र व नारनौल को एक एक लाख रुपये दान दिए। विभिन्न खेलों तथा उत्सवों में 51 हजार रुपये तक, शमशानघाट कनीना के लिए एक लाख, महेंद्रगढ़ की रामलीला में 25 से 30 हजार रुपये दान दिया। विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर भाग लेने के साथ दान दक्षिणा देते आये थे। बाबा मोलडऩाथ की सेवार्थ, खाटू श्याम बाबा के लिए, बाबा लालगिरी के लिए 50-50 हजार रुपये दान किये थे। विभिन्न आपदाओं में बढ़ चढ़ कर दान दिया है। कश्मीर, कोरोना, केरला में लाखों रुपये दान किये। केरला एक परिवार को अडाप्ट भी किया। यादव धर्मशाला महेंद्रगढ़ चार लाख रुपये दिये।
उनके अंतिम संस्कार में हजारों गणमान्य जन पहुंचे। एसडीएम कनीना सुरेंद्र सिंह,राव बहादुर सिंह, रोशनलाल, पूर्व जिला प्रमुख राम सिंह, पालिका प्रधान सतीश जेलदार, राजकुमार कनीनवाल, पालिका के पूर्व प्रधान एवं वर्तमान पार्ष, विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आये हुये शिक्षक एवं अधिकारी सहित भारी संख्या में गणमान्य लोग शामिल हुए।
आरएसएस ने भी शोक जताया-
ओपी यादव का आकस्मिक निधन शिक्षा जगत के साथ समाज की एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपने जीवन को समाज हित और शिक्षा के हित में लगाया वे सदैव आम जनमानस के लिए भलाई का कार्य करने हेतु आतुर रहते थे। महेंद्रगढ़ जैसे पिछड़े जिले के सामान्य परिवार में जन्म लेकर उन्होंने जिस शिखर को छुआ उससे सदैव समाज प्रेरणा लेता रहेगा उनके असमयिक निधन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता है। कैलाश पाली भिवानी विभाग प्रचार प्रमुख ने उनके निधन पर शोक जताते हुये ये शब्द कहे।
फोटो कैप्शन: डा ओपी यादव फाइल फोटो
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