Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Thursday, August 11, 2022

 
घर का ताला तोड़कर हजारों की चोरी
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कनीना की आवाज। कृष्ण कुमार सेहलंग निवासी ने कनीना थाने में मामला दर्ज करवाया है कि उनके घर का मुख्य दरवाजे का ताला तोड़कर अज्ञात चोर नकदी और सोने-चांदी के आभूषण ले उड़ा। उन्होंने कहा है कि वह पलवल प्राइवेट कंपनी में काम करता है तथा तैनाती पर गया हुआ था जबकि उनकी पत्नी प्रियंका 8 अगस्त को आकोदा गई हुई थी। घर के मुख्य दरवाजे पर ताला लगा कर गई थी अंदर कमरों एवं अलमारी के ताले लगे हुए थे। 10 अगस्त को जब उनकी पत्नी वापस आई तो मुख्य द्वार का ताला टूटा मिला। अलमारी कमरे का ताला टूटा हुआ था। सारा सामान बिखरा हुआ था। सामान देखा तो दो अंगूठी जिनमें एक सोने की तथा दूसरी चांदी की, 6 जोड़ी चांदी की पाजेब के अलावा 4 जोड़ी चुटकी, चार सिक्का चांदी, एक जोड़ी सोना का टोपस, 1 जोड़ी सोने की झुमकी, 2 जोड़ी सोने की, एक चेन सोने की तथा 5000 नकद रखे हुए थे। सभी चोरी कर लिए गए। कनीना पुलिस ने अज्ञात चोरों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।






रक्षा बंधन का पर्व मनाया गया
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कनीना की आवाज। क्षेत्र में रक्षा बंधन का पर्व धूमधाम से मनाया गया। सावन का यह अंतिम दिन भी रहा। विभिन्न मार्गों पर साधनों का अभाव रहा वहीं दुकानदारों एवं निजी वाहन चालकों ने बहनों से जमकर पैसे वसूले। फल,सब्जी तथा विभिन्न प्रकार की मिठाइयां महंगी दी गई। कनीना क्षेत्र में रक्षा बंधन का पर्व धूमधाम से मनाया गया। घरों के द्वारों पर शुभ चिह्न लगाए गए और पकवान बनाए गए। बहनों ने अपने भाइयों की कलाइयों पर रक्षासूत्र बांधा। इस मौके पर भाइयों ने भी बहनों को भेंट दी।
  कनीना क्षेत्र में विभिन्न मार्गों पर रोडवेज बसों की कमी रही है जिससे आवागमन में परेशानी रही। विभिन्न मार्गों पर अवैध वाहन खूब चांदी कूटते नजर आए।
  आज मार्केट में भी रोड़ पर दुकानें लगी होने के कारण दिनभर जाम की समस्या बनी रही। आज बाजार में हर वस्तु महंगी रही। केले, सेब, आम, घेवर, मिठाइयां तथा पेठा की मिठाई महंगी रही। आम दिनों की बजाय आज दस रुपये तक महंगी रही। बहनें दुकानदारों के हाथों हर माल में लुटती नजर आई। कहने के तो भाइयों ने बहनों को भेंट दी किंतु महंगाई के युग में अति महंगी वस्तुएं बहनें खरीदकर लाई। विभिन्न क्षेत्रों में भी रक्षा बंधन का पर्व मनाया गया।
साधनों के अभाव में तथा मजबूरी में महिलाएं निजी साधनों की सहायता लेकर अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंची।
    उधर रक्षा बंधन के पावन पर्व पर बहने अपने भाइयों की कलाइयों पर रक्षासूत्र बांधा। कहीं बहन भाई के पास तो कहीं भाई बहन के पास जाकर रक्षा बंधन के पर्व में रंगे नजर आए। उधर कलई पर बांधा जाने वाला धागा कच्चा परन्तु बंधन पक्का होता है क्योंकि बंधन रूपी व्रत तो दिल से लिया जाता। उक्त विचार संत शिरोमणी लालदास महाराज ने उधोदास आश्रम में श्रावणी पर्व पर व्यक्त किए।
  महाराज  ने कहा कि भारतीय संस्कृति में चार वर्ण माने गए है जिनमें ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र इन वर्णों के लिए एक-एक पर्व नियत है। महाराज ने बताया कि ब्राह्मणों के लिए रक्षा बंधन श्रावणी पर्व, क्षत्रियों के लिए दशहरा शस्त्र पूजन, वैश्यों के लिए दीपावली, लक्ष्मी पूजन, शुद्रों के लिए होली होलिका प्रत्येक वर्ण में प्रधानता क्रमश: अपने-अपने पर्व की होती है,किन्तु प्रत्येक पर्व को सब मिलकर मनाते है। महाराज कहते है कि प्राचीनकाल में ब्राह्मण गुरुकुलों में रक्षा बंधन के पर्व पर रक्षा सूत्र जनेऊ देकर गुरुकुलों में नये विद्यार्थियों को प्रवेश देते है तथा संत सन्यासी, महात्मा इस पर्व के पश्चात वर्षा ऋतु में उपदेश आदि के द्वारा शिक्षा देकर अविद्या का नाश करते है। महाराज ने कहा कि कि जाति, आयु और भोग के बारे में खुलकर बताते हुए कहा कि आयु:- सभी जीव-जन्तुओं की आयु निश्चित होती है जिसको न तो कोई बढ़ा सकता तथा नही कोई कम कर सकता। महाराज ने भोग के बारे में बताते हुए कहा कि मनुष्य ने अपने पूर्व जन्म में जो कर्म किए थे वह अब सभी कर्म फल से भोग के द्वारा भोगने पड़ते है तथा अब जो कर्म मानव करते है वह अगले जन्म में भोगने पड़ते है। स्वामी जी ने जाति के बारे में बताते हुए कहा कि इस संसार में 84 लाख योनियां होती है जिनमें सब की अलग-अलग जातियां होती है जैसे मनुष्य, गाय, भैंस, कुत्ता सभी अलग-अलग जातियां होती है। इस मौके पर हवन आयोजित हुआ तथा भंडारा भी लगाया गया। इस अवसर पर भारी संख्या मेंं लोग उपस्थित थे।
छोटे भाई बहन से लेकर वृद्ध भी राखी बंधवाते देखे गए। सभी में उत्साह था। यद्यपि कोरोना ने कुछ समस्याएं पैदा की किंतु महिलाओं का रास्ता नहीं रोक सका।
फोटो कैप्शन 01: रक्षा बंधन पर राखी बंधवाता एक युवक।


 लगभग हर दिन बूंदाबांदी हुई सावन माह में
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कनीना की आवाज। इस बार सावन में क्षेत्रवासियों के लिए अच्छा बीता। हर दिन थोड़ी बहुत बारिश हुई। यूं तो जुलाई महीने में 204 एमएम बारिश हुई जबकि सावन माह में हर दिन हल्की या तेज बारिश होती रही जिससे इस बार पूरी धरती हरी भरी नजर आती है। बाजरे एवं कपास आदि की फसल खेतों में लहलहा रही है। किसान प्रसन्न हैं।
 यह पहला अवसर है जब सावन माह में बारिश होती रही है। वरना पिछले वर्ष अधिकांश सावन मास सूखा बीता था। सावन के अंतिम दिन रक्षाबंधन को भी बूंदाबांदी दिन भर होती रही। सावन मास अब समाप्त हो गया है।







लंबे अरसे के बाद फिर से हिसार के लिए ट्रेन सेवा 16 अगस्त से शुरू
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कनीना की आवाज। लंबे अरसे तक कोरोना काल में बाद बंद हुई हिसार के लिए ट्रेन एक बार फिर से 16 अगस्त से शुरू हो रही है। 2 जोड़ी ट्रेन दिल्ली-हिसार- रेवाड़ी तथा इस हिसार-रेवाड़ी-दिल्ली के साथ-साथ हिसार- रेवाड़ी एवं रेवाड़ी से हिसार ट्रेन चलेंगी।
 विस्तृत जानकारी देते हुए स्टेशन मास्टर केएल शर्मा ने बताया कि दिल्ली दिल्ली-रेवाड़ी-हिसार ट्रेन 16 अगस्त को पांच बजे दिल्ली से चलेगी और सुबह 8:16 पर कनीना पहुंचेगी यही वापसी में हिसार-रेवाड़ी-दिल्ली 17 अगस्त को कनीना सुबह 8:53 पर पहुंचेगी दूसरी ओर हिसार से रेवाड़ी ट्रेन कनीना में रात 7:00 बजे पहुंचेगी तथा रेवाड़ी से हिसार जाते वक्त यह ट्रेन कनीना में रात 9:08 पर पहुंचेगी। इस प्रकार ये सभी पैसेंजर गाडिय़ां क्षेत्र के लोगों के लिए अति लाभदायक साबित होंगी। अभी तक ट्रेन का अभाव होने से यात्री परेशानी झेल रहे थे। अब उनकी परेशानी दूर हो जाएगी।

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