संघर्ष करना आदत बन गई है कनीनावासियों की
-बिन रोय मां भी दूध नहीं पिला रही
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कनीना की आवाज। जब जब कनीना के हक को कोई छीनना चाहता है तब तब कनीना वासियों के लिए संघर्ष ही एकमात्र तरीका है जो काम आया है। जो हर कार्य को सफलता की ओर ले जाता है। बीते इतिहास में देखा जाए तो न जाने कितनी बार कनीना वासियों ने संघर्ष किया और हर बार सफलता का मुंह देखना पड़ा चाहे कनीना की नगरपालिका को 2000 में भंग करना, कनीना को गांव का दर्जा देकर पंचायत चुनाव करवाना, कनीना के दो पूर्व प्रधानों को जेल में बंद करना, न्यायिक परिसर कनीना में बनवाना या कोई अन्य और मुद्दा हो सभी के लिए कड़ा संघर्ष झेलना पड़ा है। जीत हर बार हुई है महज कनीना को विधानसभा क्षेत्र का दर्जा देने के लिए कड़ा संघर्ष करने के बावजूद भी असफलता ही हाथ लगी परंतु इस हार ने भी भावी जीत के संकेत दिये, दूर दराज तक के लोगों को पता चल गया कि कनीनावासियों की एकता अटूट है। एक बार फिर से संकेत मिल रहे हैं कि चरखी दादरी से अलवर तक रेल मार्ग बिछाए जाने को लेकर के कनीना ही नहीं अपितु समस्त कनीना और आसपास गांव के लोगों को कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा, तब जाकर कनीना को जंक्शन का दर्जा मिल सकता है क्योंकि हर बार कुछ स्वार्थी नेता कुछ सत्ता लोलुप लोग कनीना की विकास को नहीं देखना चाहते जिसके चलते कनीना के हाथ आई वस्तु को छीनने की फिराक में रहते हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2000 में जब कनीना पालिका के लिए नामांकन भरे जा रहे थे तो नगरपालिका को भंग कर दिया गया यही नहीं नगरपालिका की जगह कनीना को पंचायत का दर्जा दे दिया गया। कनीना वासियों ने वह संघर्ष दिखाया जो पूरे विश्व में नाम हुआ है यहां तक कि कनीना की दादी माना देवी को निर्विरोध महिला सरपंच बना कर उनका त्यागपत्र दिलवा दिया। एकमात्र सरपंच के लिए ही प्रत्याशी को खड़ा करना एकजुटता का परिचय दिया। यही नहीं नगरपालिका को पुन: बहाल करवाने के लिए जी तोड़ संघर्ष किया और नगरपालिका निर्मित हुई नगरपालिका बनने के बाद सर्वसम्मति से सभी पालिका पार्षदों का चयन करना भी अपने आप में अनूठा उदाहरण पेश किया। एक साथ कनीना के पार्षदों का कनीना न्यायिक परिसर की मांग को लेकर त्यागपत्र देना अपने आप में एकता का परिचायक रहा है। परिणाम स्वरूप कनीना का न्यायिक परिसर भी कनीना में ही बननी शुरू हुआ। कनीना पालिका की बहाली की गई जिसके लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा। कनीना के दो पूर्व प्रधानों को रातोंरात उठाकर जेल में बंद कर दिया तो कनीना वासियों ने एकता का परिचय देकर उनको न केवल जेल से छुड़वाया अपितु सम्मान के साथ कनीना में लाया गया। इसी प्रकार के कितने ही संघर्ष कनीना वासियों ने किये है। यह सत्य है कि लंबा संघर्ष कनीना विधानसभा तोडऩे के विधानसभाओं के पुनर्गठन के समय कनीना को विधानसभा बनाने की मांग को लेकर 2015 में लंबे समय तक संघर्ष चला किंतु कुछ असफलता हाथ लगी वरना कभी भी कनीना वासियों ने हार का मुंह नहीं देखा। अब कनीना से होकर के चरखी दादरी से अलवर तक रेल मार्ग बिछाया जा रहा है जिसको लेकर बहुत कड़ा संघर्ष करने के संकेत मिल रहे हैं क्योंकि सत्ता लोलुप, स्वार्थी कुछ नेता अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में कनीना को विकास नहीं देखना चाहते यही कारण है कि वे नहीं चाहते कि कनीना से होकर कोई रेल मार्ग गुजरे। किंतु वासियों ने भी पक्की ठान रखी है कि रेलमार्ग कनीना से होकर ही गुजरेगा। महापंचायत तक आयोजित कर ली है और अब कड़ा संघर्ष होने की उम्मीद जताई जा रही है। यदि यह रेल मार्ग भी हाथ से छिन गया तो भविष्य में कनीना का विकास संभव नहीं हो पाएगा। यही नहीं कनीना के छोटे बड़े सभी गांवों को जोडऩे वाली रेल लाइन का फिर से मौका नहीं मिलेगा। इसलिए पूरे जोर-शोर से संघर्ष करने का लोग मन बना चुके हैं और यदि वे भविष्य में कड़ा संघर्ष करते हैं तो निश्चित रूप से सफलता हासिल होगी। बहरहाल कनीना से होकर गुजरने वाली रेल लाइन को लेकर के न जाने कितने लोगों की नजरें टिकी हुई है और कुछ लोग तो यह नहीं चाहते कि किसी प्रकार करीना का विकास हो। अब कनीना वासियों को देखना है कि किस प्रकार अपने इस रेल मार्ग को कनीना से होकर गुजरने के लिए कष्ट झेलते हुए संघर्ष का मार्ग इख्तियार करना होगा।
शिक्षकों के तबादले का कार्य पूरे यौवन पर
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कनीना की आवाज। जेबीटी को छोड़कर सभी शिक्षकों एवं प्राचार्यों के तबादले एक साथ किए जा रहे हैं जिसके लिए कार्रवाई जारी है। यस या नो के ऑप्शन पहले ही भरवा लिए गए थे किंतु एक बार फिर से जोन 5, 6 तथा सात वाले अध्यापक जिन्होंने पिछली बार अनिवार्य रूप से ड्राइव में भाग लेना पड़ा था उनके लिए यस/स्किप का ऑप्शन खोल दिया है। ये अध्यापक 3 अगस्त की रात तक अपना यस या स्किप का चयन कर सकते हैं। इसके लिए मिली जानकारी अनुसार विभाग व्यक्तिगत रूप से भी संदेश भेज रहा है। लगातार विभाग द्वारा इस बार तबादलों के लेकर कोई न कोई अपडेट आ रहा है जिससे लगता है कि इस बार तबादले निश्चित रूप से होंगे। शिक्षकों में खुशी और गम दोनों शामिल हैं, जिन्हें दूर जाना पड़ेगा उन्हें गम है तथा मनचाहा स्टेशन मिलेगा वो प्रसन्नचित नजर आ रहे हैं। शिक्षा विभाग अनुसार 15 अगस्त तकिया प्रक्रिया पूर्ण होने की संभावना है।
सड़के ठीक नहीं हुई तो अतरलाल देगा धरना
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कनीना की आवाज। अटेली विधानसभा हलके के विभिन्न मार्गों पर पिछले काफी समय से सड़कों की हालत बदहाल बनी हुई है। इस सम्बन्ध में बसपा नेता अतरलाल एडवोकेट ने हरियाणा के उपमुख्यमंत्री एवं सड़क भवन लोक निर्माण मंत्री दुष्यंत चौटाला को ज्ञापन भेजकर चेतावनी दी है कि 15 दिन के अंदर जर्जर सड़कों की सुदृढ़ मरम्मत का कार्य पूरा नहीं किया गया तो पार्टी कार्यकर्ता उपमंडल अधिकारी नागरिक कनीना के कार्यालय पर धरना देंगे।
ज्ञापन के बारे जानकारी देते हुए अतरलाल ने कहा कि कनीना शहर के पास अटेली टी-प्वाइंट से लेकर रेवाड़ी मोड तक सड़क में जगह-जगह काफी गहरे गड्ढे बने हुए है। बारिश के मौसम में यहाँ से पैदल गुजरना भी किसी खतरे से कम नहीं है। गहरे गड्ढों के कारण दिन में कई बार जाम लगता है। कनीना अनाज मंडी रोड़ पर भी जगह-जगह गहरे गड्ढे लोगों की परेशानी का सबब बने हुए हैं। मैन महेन्द्रगढ़ रेवाड़ी से केनरा बैंक के पास सीहोर अप्रोच रोड की हालत अति दयनीय होने के कारण वाहन चालकों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। इस सम्पर्क मार्ग पर सीएसडी कैंटीन होने के कारण यहां से पूर्व सैनिक तथा प्रशासनिक अधिकारियों का भी आना जाना होता है। इसके बावजूद भी इस रोड़ की मरम्मत की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कनीना अटेली रोड़ पर भोजावास के पास सड़क में गहरे गड्ढों के कारण वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। वाहन पलटने का अंदेशा बना रहता है। इसी रोड से पड़तल से ढ़ाणा, मानपुरा, अप्रोच रोड़ पर जगह-जगह गहरे गड्डे दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहें है। धनौन्दा से झाड़ली अप्रोच रोड़ की हालत भी बदतर होने के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। बेवल से खैरानी वायां खैराणा सम्पर्क सड़क जगह-जगह टूटने और गहरे गड्ढों के कारण बड़ा हादसा कभी भी हो सकता है।
अतरलाल ने कहा कि जिला प्रशासन तथा विभाग से बदहाल सड़कों की मरम्मत की मांग कई बार कर चुके हैं। परन्तु प्रशासन बदहाल सड़कों की मरम्मत की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। परिणामस्वरूप लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। इसलिए ज्ञापन के माध्यम से विभाग के आला मंत्री को अवगत करवाया गया है। उन्होंने चेतावनी दी 15 दिन के अंदर उक्त बदहाल सड़कों की मरम्मत का कार्य पूरा नहीं किया गया तो बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता उपमंडल अधिकारी नागरिक कनीना के कार्यालय के समक्ष धरना देंगे।
गुणी सुखीराम को याद किया
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कनीना की आवाज। 31 जुलाई से 4 अगस्त तक गांव स्याणा में गुणी सुखीराम की जयन्ती व पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में पांच दिवसीय उत्सव मनाया जा रहा है जिसमें हरियाणा कला परिषद हिसार मंडल की तरफ से तीन दिवसीय सांग करवाए जा रहे है। हरियाणा की संस्कृति को बचाने के लिए हरियाणा सरकार प्रयासरत है। गुणी सुखी राम 1857 तीज वाले दिन पैदा हुए 1905 तीज वाले दिन संसार से विदा हो गए। महान विद्वान गुणवान याद किया गया प्रथम व द्वितीय दिन सांगी रहीस यादव सांग पृथ्वी सिंह किरणमई का कार्यक्रम रहा। तीसरे दिन सांगी सूरज बेदी कुरुक्षेत्र का सांग माया देवी रहा।
3 अगस्त को सांगी सुभाष प्रचारी व चौथे बाबू दान सिंह चौहान का रहेगा।। स्वर्गवासी श्री बलबीर मुनि बताए रास्ते पर संस्कृति को बताने के लिए कार्यक्रम। इस अवसर पर हरियाणा कला परिषद की तरफ से हिसार डीवीजन अतिरिक्त निदेशक महाबीर गुड्डू व रविंद्र व ढाब धाम के महंत श्रद्धानंद,लख्मीचंद समिति के अध्यक्ष मुकेश गौड़,सियाराम,ओमी पहलवान, गुणी सुखीराम कमेटी के प्रधान हवा सिंह यादव, धर्मपाल पटवारी, जिले सिंह, रामकुमार अलेवा चंद्र लाल लोक संस्कृति मंच के प्रधान वेद प्रकाश भारती आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 1: गुणी सुखीराम स्याणा की याद में कार्यक्रम आयोजित करते हुए।
भोजावास में आयोजित हुआ
एक दिवसीय आंखों का कैंप
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कनीना की आवाज। कनीना खंड के गाव भोजावास में एक मंच एक आवाज संस्था के बैनर तले आंखों का एक दिवसीय जांच शिविर लगाया गया। जिसका उद्घाटन समाजसेवी सनोज भोजावास द्वारा किया गया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि आंखें हमारे शरीर का अभिन्न अंग हैं। आंखों के बगैर संसार और प्रकृति की कल्पना अधूरी और केवल नाम मात्र है। आंखें ही वह माध्यम है जो हमें प्रकृति के अद्भुत और सुनहरे दृश्यों को देखने का मौका देती है। इसलिए हमें शरीर की स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए और समय समय पर अपने शरीर के अंगों की जांच करवानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि क्षेत्र के लोगों की मांग के अनुरूप आंखों के जाँच शिविर की आवश्यकता थी जिसको सावित्री देवी आई अस्पताल महेंद्रगढ़ के नेत्र विशेषज्ञ डॉ राजबीर और डा एसएस यादव के सहयोग द्वारा संपन्न किया गया। क्षेत्र के आस पास के गांव के लोगों ने शिविर जांच का लाभ उठाया। शिविर में नि:शुल्क रजिस्ट्रेशन, जांच और दवाइयां वितरित की गई। सनोज भोजावास ने सावित्री देवी आई अस्पताल टीम को एक मंच एक आवाज का प्रतिक चिन्ह भेंट कर धन्यवाद किया और जल्द ही एक जांच शिविर और लगवाने की घोषणा की।
इस अवसर पर रामचंद्र, जसवंत, संतोष, संजय, गुलु, सुभाष, मदन, महावीर प्रधान, पंच रघुवीर, संदीप, राहुल, सुनील, दीपक, राहुल, सतबीर, रामबीर, सतीश पंच, राजेंद्र एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
फोटों कैप्शन 2: भोजावास में आंखों के जांच शिविर का नजारा।
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