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Tuesday, August 2, 2022

 
ट्रांसफर को लेकर दिन भर होती है चर्चा शिक्षक
-ट्रांसफर में हजारों शिक्षक ट्रांसफर में ले रहे हैं भाग
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कनीना की आवाज। कुछ अर्से के बाद ट्रांसफर खुलने से शिक्षकों में बदलियों की पूरी उम्मीद जग गई है। अभी तक भाग लेने वाले शिक्षकों से हां या ना का ऑप्शन भरवा लिया गया है और अब 5 अगस्त से 13 अगस्त तक शिक्षकों ने अपने मनचाहे स्टेशनों के ऑप्शन भरने है जिसके बाद 14 अगस्त को अस्थाई आवंटन होगा और 15 अगस्त को अंतिम स्कूल अलॉट कर दिया जाएगा। अब तक इस बार ट्रांसफर ड्राइव सही ढंग से चल रहा है जिसके चलते कुछ बचे हुए वैकेंसी पर छूट गए शिक्षकों को पुन: मौका 15 अगस्त 2022 से दिया जाएगा और उन्हें 16 से 18 अगस्त तक आप्शन संभालने होंगे 19 अगस्त को उनकी सूची जारी होगी।
 ऐसे में बहुत अधिक शिक्षक इस बार तबादले में शामिल हो रहे हैं। उल्लेखनीय इस साल जेबीटी को छोड़कर सभी शिक्षकों के तबादले किए जा रहे हैं जिसके चलते भी दिनभर चर्चा का विषय शिक्षकों में बना हुआ है। यदि ये तबादले हो जाते हैं तो सरकार की साख कुछ बढ़ती है नहीं तो विगत वर्षों की भांति जब यस या नो भरवा कर ट्रांसफर नहीं करवाए गए और वैसी ही हालत इस बार पाए जाने की स्थिति में सरकार की किरकिरी हो सकती है। शिक्षक अब आस-पास के स्टेशन ढूंढने लगे हैं ताकि वहां पर वह अपना ऑप्शन भर सके और बदली करवा सके। बदली करवाने वाले शिक्षकों में इस बार काफी स्पर्धा देखने को मिल रही है क्योंकि महिलाएं या उनके पति यदि नौकरी में है तो उनके नंबर सबसे अधिक मिलते हैं, सामान्य शिक्षकों से आगे मिलती है और उन्हें नजदीक स्टेशन मिलने की संभावना होती है। यहां तक कि जितना बुजुर्ग शिक्षक होगा उसके उतने ही अंक अधिक होते हैं, जिसके चलते बुजुर्ग एवं महिलाएं कपल केस को नजदीक स्टेशन मिलते हैं जबकि युवा शिक्षक दूर जाने को मजबूर हो जाते हैं क्योंकि उनके नंबर कम पाए जाते हैं। ऐसे में युवा शिक्षक जहां 5 साल एक स्टेशन पर पूरी कर गया है उन्हें निश्चित रूप से इस ट्रांसफर में भाग लेना पड़ रहा है जिनको तीन साल हो गए हैं उनसे यस या नो का ऑप्शन मांगा गया है। अब यही कारण है कि युवा शिक्षक कुछ परेशान नजर आ रहा है जबकि बुजुर्ग शिक्षक और महिला या कपल के आश्वस्त है कि नजदीक कोई स्टेशन मिल जाएगा और उनका 5 साल का समय अच्छी प्रकार भी जाएगा। बहरहाल स्कूलों में इस समय जहां यूनिट टेस्ट चल रहे हैं वहीं शिक्षक दिन भर तबादलों को लेकर चर्चा करते देखे जा सकते हैं।







गोगा पीर की छड़ी-2022 घूमने लगी
-गोगा पर्व को करती है इंगित
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कनीना की आवाज। गोगा पीर की छड़ी को कनीना में घूमते एक माह होने को है। यह छड़ी गोगा पर्व के पास आने पर ही दिखाई पड़ती है। करीब 50 फुट ऊंची गोगा पीर की मुबारक देने वाली छड़ी को चंद एक जाति विशेष के लोग घर घर ले जाते हैं।
   वर्षों से कनीना में एक जाति विशेष के लोग जिनमें प्रवीण मलिक, विजय की टोली जाहर वीर गोगा पर्व नजदीक आने पर गोगा छड़ी को कनीना में घूमाने लग जाते हैं जिसे जाहर वीर को घोड़ा नाम से जाना जाता है। जो इस ओर इंगित करते हैं कि अब गोगा पर्व नजदीक आ पहुंचा है। करीब 50 फुट ऊंची यह गोगा की छड़ी अति मेहनत से बनाई हुई है। इस छड़ी में एक बड़े बांस पर मोर पंख, रंगीन वस्त्र,गोटा आदि से सजाकर गोगा पीर की छड़ी बनाते हैं। गोगा पर्व से दो माह पूर्व ही इस छड़ी को लेकर पांच सात जनों की एक टोली, ढोल और ताशों के साथ नृत्य करती द्वार-द्वार तक पहुंचती है और छड़ी की मुबारक देते हैं।
 जहां गोगा की छड़ी अति मनमोहक होती है वहीं छड़ी के साथ गीत एवं भजन करती टोली भी अति सुंदर लगती है। इस छड़ी को देखने के लिए बच्चों की भारी भीड़ जमा हो जाती है वहीं घर घर के द्वार पर जाने पर घर के दरवाजे खोलकर इसका स्वागत किया जाता है। इस छड़ी के आने के पीछे मुबारकवाद देना होता बदले में प्रत्येक घर से इन्हें कुछ दान दक्षिणा दी जाती है।  
  उन्होंने बताया कि इस छड़ी का हर वर्ष शृंगार किया जाता है तथा गलियों में लेकर जाते हैं। इस छड़ी को हर वर्ष जाहर वीर गोगा स्थल गोगामेड़ी भी ले जाया जाता है। उन्होंने बताया कि सैकड़ों वर्षों से उनके पूर्वज यह छड़ी यूं ही गली गली ले जाया करते थे जो आज भी चली आ रही है।
फोटो कैप्शन  एक व दो: गोगा पर्व की मुबारक देने वाली छड़ी।






हरियाणा सरकार द्वारा पोस्ट बीएससी नर्सिंग की प्रवेश परीक्षा की तिथि बदलने की गुहार लगाई है
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र  के दर्जनों गांव के छात्र छात्राओं ने मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को पत्र भेजकर बीएससी पोस्ट नर्सिंग स्टाफ नर्स की लिखित परीक्षा 31 जुलाई को होनी थी जिसको सरकार द्वारा रद्द कर 4 सितंबर रखी गई है वही दर्जनों छात्र छात्राओं ने मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को पत्र भेजकर 4 सितंबर को होने वाली स्टाफ नर्स की प्रवेश परीक्षा को 6 सितंबर या इससे पहले कराने की मांग की है छात्र छात्राओं ने जानकारी देते हुए बताया कि 4 सितंबर को एनडीए की परीक्षा पहले से ही निर्धारित की गई है। जिसके फॉर्म भी समूचे प्रदेश के छात्र छात्राओं ने भरे हुए हैं वही अब हरियाणा सरकार द्वारा पोस्ट बीएससी स्टाफ नर्स की प्रवेश परीक्षा को 4 सितंबर रख दिया जो अनुचित है। इसलिए सरकार को चाहिए कि 4 सितंबर को स्टाफ नर्स की एंट्रेंस परीक्षा को रद्द कर 21 अगस्त या 28 अगस्त किया जाए ताकि एनडीए व स्टाफ नर्स की परीक्षा देने वाले लोगों को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े। दर्जनों छात्र छात्राओं ने यह भी बताया की इस सरकार को इन दोनों परीक्षाओं में कम से कम एक हफ्ते का फासला देना चाहिए ताकि छात्र-छात्राएं दोनों परीक्षाओं में अपना भाग्य आजमा सके। पीडि़त छात्र छात्राओं ने बताया स्टाफ नर्स के एंट्रेंस परीक्षा व एनडीए की एंट्रेंस परीक्षा कि एक ही तिथि होने के कारण दोनों फॉर्म भरने वाले हजारों छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकार में हो गया है।
 इसलिए छात्र छात्राओं ने हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मांग कर स्टाफ नर्स की एंट्रेंस परीक्षा की तिथि बदलने की गुहार लगाई है ताकि छात्र छात्राओं को उक्त समस्या से जूझना पड़े।
फोटो कैप्शन 03:छात्र-छात्राएं हरियाणा सरकार को पत्र भेजकर 4 सितंबर की स्टाफ नर्स एंट्रेंस परीक्षा को आगे कराने की गुहार लगाते हुए।





कनीना कस्बा के वार्ड नंबर 8 में मूलभूत सुविधाओं का टोटा
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कनीना की आवाज। कस्बा कनीना के वार्ड नंबर 8 में लगभग 2000 लोगों की बस्ती है लेकिन मूलभूत सुविधाएं न के बराबर होने के कारण वार्ड नंबर आठ के लोग दर-दर की ठोकरें खाने पर विवश हो रहे हैं। यह जानकारी देते हुए वार्ड वासी संजय कुमार यादव, अमित कुमार, केला देवी, जगत सिंह, सुरेश कुमार, रविंद्र कुमार, संतोष देवी सेवानिवृत्त मुख्य अध्यापक डीग राम, हरीश कुमार, सतनारायण, शर्मिला देवी के अलावा अन्य वार्ड वासियों ने जानकारी देते हुए बताया कि वार्ड नंबर 8 में लगभग गलियां कच्ची पड़ी है जिनके कारण वार्ड में आना जाना मुश्किल हो रहा है। वहीं उन्होंने यह भी बताया की जो गली पक्की है उनके सही लेवल न होने के कारण वह कच्ची जैसी ही बनी हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि वार्ड में पीने के पानी की विकट समस्या है। जन स्वास्थ्य विभाग की वाटर सप्लाई का जो पानी आता है वह ठीक समय पर नहीं आता तथा रोजाना नहीं आता जिसके कारण वार्ड के लोगों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ता है। वहीं बिजली की समस्या भी वार्ड के लिए एक चुनौती बनी हुई है क्योंकि वार्ड में आबादी ज्यादा होने के कारण तथा ट्रांसफार्मर पर लोड ज्यादा होने के कारण आए दिन बिजली की वोल्टेज की समस्या बनी रहती है जिसके कारण लोगों के कई बिजली उपकरण जलकर राख हो गए या खराब हो गए। वार्ड वासियों ने यह भी बताया की नगर पालिका के पास दर्जनों सफाई कर्मी हैं लेकिन इस वार्ड की गलियों में कभी कभार छोड़ सफाई कर्मी आकर सफाई करना तो दूर की बात देखना भी उचित नहीं समझते जिसके कारण यह वार्ड नारकीय जीवन जीने पर मजबूर हो रहा है। नालियों की भरी गंदगी इस बात का सबूत है कि यहां सफाई कर्मी आते भी है या नहीं। वार्ड के लोगों ने यह भी बताया कि इस वार्ड में मेन रास्ता नहीं होने के कारण लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है वहीं वार्ड में जाने के लिए नहर पर एक पुल बनाया गया है जो नहर के लेवल से काफी ऊंचा होने के कारण इससे गाडिय़ों का आना जाना तो दूर की बात पैदल आना जाना भी मुश्किल हो रहा है जिसके लिए वार्ड के लोगों ने कई बार संबंधित नहर विभाग व नगरपालिका को शिकायत देकर मामले से अवगत कराया है। लेकिन इसके बावजूद भी आज तक इसका कोई समाधान नहीं हुआ।
लोगों ने बताया कि गलियों में  स्ट्रीट लाइट न होने के कारण रात के अंधेरे में निकलना मुश्किल हो रहा है जिसको लेकर उन्होंने गलियों में स्ट्रीट लाइट लगवाने की गुहार लगाई है। वार्ड में सीवर के पाइप छोटे लगे होने के कारण उनसे वार्ड का पानी बड़ी मुश्किल से बाहर निकलता है जिसके कारण थोड़ी सी बारिश होने पर गलियों में एक एक-एक फीट तक पानी खड़ा हो जाता है जिसके कारण लोगों के घरों में पानी घुसने से लोगों का जीना हराम हो रहा है। कस्बा वासियों ने शिविर व्यवस्था दुरुस्त कराने की भी गुहार लगाई है। वही वार्ड के लोगों ने उप मंडल अधिकारी सुरेंद्र सिंह नगर पालिका के चेयरमैन सतीश जेलदार तथा वार्ड नंबर 8 के पार्षद तथा पूर्व पालिका का प्रधान मास्टर दलीप सिंह से मांग करते हुए कहा है कि वार्ड नंबर 8 में पड़े विकास के अधूरे कार्यों को पूरा कराया जाए तथा वार्ड में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए तथा वार्ड की गलियों में बनी नालियों का पानी शिविर में जाने की समुचित व्यवस्था कराने की मांग की है ताकि वार्ड नंबर आठ के लोग नारकीय जीवन जीने से बाहर आ सके।  
 फोटो कैप्शन 04:गली में खड़े दर्जनों लोग वार्ड की समस्या बताते हुए।





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