Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Saturday, August 20, 2022

 कनीना क्षेत्र में गोगा पर्व की रही धूम
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कनीना की आवाज। कनीना। कनीना क्षेत्र में गोगा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। मेले लगे तथा परंपरागत ढंग से पेड़ पौधों के अलावा जाहर वीर गोगा की पूजा की गई।
 वर्षों से क्षेत्र में इस दिन सिरसवाला नामक जोहड़ पर मेला लगता आ रहा है। इस दिन गोगा देव की पूजा की जाती है और साथ में खेजड़ी एवं लटजीरा की पूजा करके उन्हें शाम के वक्त जोहड़ में प्रवाहित करते हैं। खीर एवं लापसी बनाने का रिवाज है जो घर घर में बनाकर खाया गया। गांव मोहनपुर नांगल में भी खेल प्रतियोगिता आयोजित की गई तथा मेला लगा।
  एक प्रथा अनुसार कनीना के लोग खेजड़ी एवं लटजीरा की पूजा करने के बाद शाम के वक्त उन्हें जोहड़ में प्रवाहित कर देते हैं। यहां तक कि घरों में दीवारों पर जाहर वीर गोगा की चित्रकारी की जाती है और पूजा अर्चना की जाती है। पेड़ पौधों की पूजा करने का यही प्रमुख पर्व है।
 



रोशन कर रहे अपने गांव का नाम रोशन
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कनीना की आवाज। कनीना के 65 वर्षीय रोशन कुमार अपने गांव का नाम रोशन कर रहे हैं। बुड्ढों की दौड़ में प्रथम तीन स्थानों में से अवश्य एक स्थान पाते हैं। विभिन्न प्रकार की बूढ़ों की दौड़ आयोजित होती है वे सभी में भाग लेते हैं विशेषकर मेले आदि में बढ़-चढ़कर भाग लेते और हर बार ईनाम लेकर आते हैं। गोगा नवमी के पर्व पर तीन जगह उन्होंने भाग लिया और 3 अलग-अलग इनाम पाए।
 रोशन कुमार के पुत्र अशोक कुमार ने बताया कि उनके पिता ने मोहनपुर मेले में बूढ़ों की दौड़ में दूसरा स्थान, कोटिया मेले में प्रथम स्थान, कनीना मेले में तीसरा स्थान गोगा नवमी पर हासिल किया है। अब तक वे एक दर्जन से अधिक मेलों में दौड़ लगा चुके और हर बार उनका प्रथम तीन स्थानों में नाम पाया जाता है। इस प्रकार उन्हें तेज धावक बुजुर्ग कैी संज्ञा दी जाती है।
 फोटो कैप्शन: रोशन



स्कूलों में 15 दिनों से पढ़ाई ठप
-शिक्षक तबादलों में व्यस्त
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कनीना की आवाज। हरियाणा सरकार द्वारा शिक्षकों के तबादले खोल रखे हैं जिसके चलते करीब 15 दिनों से शिक्षक उधेड़बुन में लगे हुए हैं।
क्योंकि इस बार तबादला चाहने वाले ज्यादा है तथा पोस्ट कम है इसलिए मारामारी चल रही है। कभी शिक्षक 200 ऑप्शन पूरे हरियाणा के भरते हैं तो कभी 300 भरते हैं। यहां तक कि कुछ शिक्षकों ने बताया कि उन्होंने पूरे हरियाणा के सभी ऑप्शन भर दिए हैं वास्तव में बहुत अधिक पोस्ट कट कर दी गई है या खत्म कर दी गई है जिसके चलते सेवानिवृत्ति के पास बैठे कर्मचारी भी मजबूरन  100-100 किलोमीटर दूर जाने को बाध्य हो रहे है। अब तो विभिन्न स्कूलों के दरवाजों पर पंचायतों ने भी धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
जिस हिसाब से तबादलों का विरोध हो रहा है उससे लगता है कि तबादला होने से पहले ही जब शिक्षक इतने नाराज है तबादला होने के बाद उनकी हालात और भी बदतर होगी। वास्तविकता यह है कि तबादलों से खुशी होनी चाहिए क्योंकि शिक्षक अपने घर के पास पहुंच जाने चाहिए किंतु इन तबादलों से हर कोई नाराज नजर आ रहा है। वास्तविकता यह है कि हजारों शिक्षकों ने सोचा था कि वह घर के पास जाएंगे इसलिए 5 साल की अवधि पूरी होने से पहले ही उन्होंने तबादलों के लिए यस का ऑप्शन दबा दिया। अब वह बेहद पछता रहे हैं। उनके लिए नजदीक कोई स्टेशन नहीं नजर आ रहा। शिक्षा विभाग ने डेढ़ सौ बच्चों पर भी एक विज्ञान का शिक्षक नहीं दिया। अधिकांश पोस्ट खत्म या केप्ट कर दी हैं, गेस्ट की पोस्ट भी रिक्त नहीं दिखाई जा रही है। परिणामस्वरूप शिक्षक सुबह से शाम रात दिन हर समय तबादलों के ऑप्शन भरने में लगे हुए हैं। गाड़ी चालकों से स्टेशनों की दूरी पूछ रहे हैं ताकि नजदीक से नजदीक में कोई स्टेशन मिल जाए। वास्तव में इतने परेशान शिक्षक शायद ही कभी नजर आए हो।
अगर तबादलों का यही आलम कुछ दिन और चला या तबादले नहीं हुए या कोई निर्णय नहीं हुआ तो निश्चित रूप से पढ़ाई ठप हो जाएगी। अब तो पंचायतों, शिक्षकों और विद्यार्थियों ने मांग की है कि तबादले तुरंत प्रभाव से रोके जाए या एक बार फिर से यस या नो दिया जाए ताकि  5 साल से कम अवधि वाले शिक्षक नो का ऑप्शन दबा सके। अब पाल गेंद सरकार के पाले में है। अगर सरकार उनको यस एवं नो का ऑप्शन उन्हें देती है तो हजारों शिक्षकों की समस्या हल हो सकती है या फिर जितने जिले में शिक्षक तबादला चाहते हैं उतनी पोस्ट खोल दी जाए तो हो सकता है शिक्षक खुश हो जाए।



अब पंचायतें भी आने लगी है शिक्षकों के पक्ष में
- बढऩे लगे हैं आंदोलन
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कनीना की आवाज। प्रदेश सरकार ने शिक्षकों के तबादले छेड़कर एक नई समस्या मौल ले ली है। जहां शिक्षक नाराज थे वहीं जब पंचायतों को पता चलने लगा है कि उनके स्कूलों से अधिकांश पद खत्म कर दिये है तो अपने बच्चों की पढ़ाई चौपट होती नजर देख आंदोलन पर उतारू हो गए हैं। पूरे ही प्रदेश में जहां शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं वहां पंचायतें भी अब सामने आने लगी है। इन तबादलों का जमकर विरोध होने लगा है। जिस दिन स्कूल खुलते हैं उसी दिन स्कूलों के द्वार पर आंदोलन धरना प्रदर्शन हो रहा है। अब तो विपक्ष के नेता भी इस तबादला नीति का विरोध कर रहे हैं। जिस किसी के मुख से सुना जाए वह अध्यापकों के तबादले की बात कर रहा है, विरोध कर रहा है। ऐसे में शिक्षकों के तबादले इन परिस्थितियों में अगर होते हैं तो बेहद परेशान शिक्षक भविष्य में कोई भी नया आंदोलन कर सकते हैं। यही कारण है की शिक्षकों, विद्यार्थियों, पंचायतों, अभिभावकों में रोष पनपने लगा है। उनका कहना है कि उनके स्कूल के सभी पद भरे जाएं वरना यह तबादले रोके जाए। एक और जहां सरकार इन तबादलों को करने के लिए आमादा है वहीं शिक्षक आए दिन और तेज प्रदर्शन करते जा रहे हैं। जहां व्हाट्सएप आदि पर अनेक प्रकार की अफवाहें चल रही हैं। ऐसे में ट्रांसफर ड्राइव-2022 पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है और शिक्षा विभाग के लिए ये तबादले जी के जंजाल बनते जा रहे हैं। आंदोलन के दृष्टिगत अब सरकार को निर्णय लेना है कि तबादले करती है या नहीं। यहां तक कि कुछ ऐसी चर्चाएं भी सामने आ रही है कि अब यह तबादले रोक दिए जाएंगे और पंचायत चुनाव के बाद ही फिर से कोई निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल यह भी सूचना मिल रही है कि जेबीटी के जिले के तहत ही तबादले किए जाएंगे क्योंकि 5 सालों से जेबीटी शिक्षकों के तबादले नहीं हुए हैं। इससे उनमें रोष पनप रहा है।




विभिन्न विद्यालयों में शिक्षकों के पद समाप्त करने पर छेड़ा आंदोलन
-पोता और ककराला में आज हुआ विरोध प्रदर्शन
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कनीना की आवाज। तीन वर्षों के बाद जब प्रदेश के स्कूलों में तबादला प्रक्रिया शुरू होने पर शिक्षकों के पद कैप्ट करने या खत्म करने के चलते विभिन्न गांवों में रोष प्रदर्शन शुरू हो गया है।
कनीना खंड के गांव पोता में ग्रामवासियों की तरफ से विरोध प्रदर्शन किया। विभिन्न लोग स्कूल के मुख्य द्वार पर पहुंचे और शिक्षा विभाग के विरुद्ध नारे लगाए।
 मिली जानकारी अनुसार स्याणा, नौताना, सेहलंग के अलावा पोता के छात्र-छात्राएं इस विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जिनकी कुल संख्या 195 है लेकिन इस विद्यालय में तबादला प्रक्रिया के तहत स्कूल से टीजीटी इंग्लिश ,टीजीटी साइंस टीजीटी, ड्राइंग, टीजीटी गणित के पद खत्म कर दिए हैं जिसके चलते ग्रामीणों में रोष है। उनका कहना है कि इस प्रकार की प्रक्रिया चलती रही तो गरीब विद्यार्थी शिक्षा नहीं पा सकेंगे। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा तभी सफल हो पाएगा जब विद्यालय में सभी शिक्षकों के पद होंगे। उन्होंने सरकार के शिक्षा मंत्री तथा विधायक से मांग की है कि विद्यालय के खत्म किये गए पदों को तुरंत सृजित किया जाए तथा ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को पढऩे का मौका दिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी इस समस्या को हल नहीं किया तो बड़ा आंदोलन करने पर उतारू हो जाएंगे। इस मौके पर हनुमान, धर्मवीर यादव ,संजय कुमार, मोतीलाल, वीरमति, सुमित , पूजा धर्मवीर ,बाबूलाल, सीताराम सहित विभिन्न लोग उपस्थित थे।
उधर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला में के लोगों ने शिक्षकों के तबादले में अनेक पद खत्म करने पर विद्यालय के द्वार पर पहुंचकर आंदोलन किया। गांव के विभिन्न लोगों ने मिलकर सरकार से मांग की है कि उनके विद्यालय में खत्म किये गए पद या कैप्ट किए पद खोले जाए ताकि विद्यालय में गरीब विद्यार्थी शिक्षा पा सके। ग्रामीणों ने बताया कि ककराला में कपूरी, भडफ़,ककराला के विद्यार्थी पढऩे के लिए आते हैं। यहां विद्यार्थी की संख्या 240 है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि प्रधानाचार्य, प्राध्यापक, टीजीटी गणित, विज्ञान आदि की पोस्ट खत्म कर दी गई है। कक्षा 6 से 8 तक विद्यार्थियों की संख्या 73 है। कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को पढऩे के लिए जीव विज्ञान विषय का पद तबादला प्रक्रिया में खोला जाए ताकि बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा सार्थक हो सके और गरीब विद्यार्थी शिक्षा पा सके। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अविलंब यहां सभी शिक्षकों के पद सृजित किए जाए। इस मौके पर भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
 फोटो कैप्शन एक: पोता स्कूल के बाहर आंदोलन करते ग्रामीण
दो: ककराला स्कूल के बाहर आंदोलन करते ग्रामीण।


कनीना का मॉडल संस्कृति स्कूल के 16 में से 9 शिक्षकों का हो रहा है तबादला
-नये शिक्षक अभी आने की उम्मीद नहीं
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कनीना की आवाज। यूं तो कनीना सहित जिले में 5 मॉडल स्कूल है किंतु कनीना के स्कूल में 16 में से 9 अध्यापक का तबादला के लिए आवेदन कर चुके है। इस प्रकार आधे से ज्यादा स्कूल का तबादला इस माह के अंत तक होने की उम्मीद है।
 उल्लेखनीय है कि मॉडल संस्कृति स्कूल के शिक्षक अपनी इच्छा से तबादला करवा सकते किंतु आ नहीं सकते। नए शिक्षक एक विशेष प्रक्रिया के द्वारा ही आते हैं। कनीना मॉडल स्कूल दूर-दराज तक विख्यात है। मॉडल संस्कृति स्कूल बने करीब 2 वर्ष हो गए और 2 वर्ष में अब तबादले खुलते ही 16 में से 9 शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन कर दिया है। ट्रांसफर प्रक्रिया चल रही है यदि इस ट्रांसफर हो जाते हैं तो आधे से ज्यादा अध्यापक यहां से अन्यत्र चले जाएंगे और बेहतर शिक्षा के नाम पर स्कूल बदहाल हो जाएगा। ऐसे में शिक्षकों ने मांग की है कि यहां से जाने वाले शिक्षकों के पुन: यश या नो मांगे जाये।



धनौंदा में मनाई जाहर वीर गोगा की जयंती
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कनीना की आवाज। धनौन्दा गांव में प्रजा भलाई संगठन द्वारा जाहरवीर गोगा की 1077 वीं जयंती श्रद्धा और धूमधाम से मनाई गई। मुख्य अतिथि समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने श्रद्धालुओं के साथ गोगा के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया। अध्यक्षता भारतीय जांगिड़ समाज के राष्ट्रीय प्रचार सचिव डॉ. बालकिशन जांगड़ा ने की।
समारोह में प्रस्ताव पास कर हरियाणा सरकार से जाहरवीर गोगाजी की जयंती हर साल प्रदेश स्तर पर मनाने तथा गोगा जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर शोध करने के लिए हरियाणा के किसी एक विश्वविद्यालय में जाहरवीर गोगा के नाम पर शोध पीठ स्थापित करने की मांग की गई। समारोह में समाज सेवा के कार्यों में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. बालकिशन जांगड़ा को पगड़ी पहनाकर तथा प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। समारोह को सम्बोधित करते हुए अतरलाल ने कहा कि महापुरुष समाज के आइकान होते हैं। उनकी जयंतिया मनाने से समाज में देशभक्ति समाज सेवा और भाईचारे की भावना बढ़ती है। उन्होंने प्रजा भलाई संगठन द्वारा जाहरवीर गोगाजी की स्मृति में जाहरवीर गोगा सेवा अवार्ड शुरू करने की घोषणा की। जिसके तहत हर साल दस हस्तियों को समाजसेवा के कार्यों में उल्लेखनीय योगदान के लिए जाहरवीर गोगा सेवा अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। डॉ. बालकिशन व प्रोफेसर सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि जाहरवीर गोगाजी का जन्म भादो बदी नवमी विक्रम संवत 1003 में राजस्थान के ददरेवा गांव में प्रतिष्ठित चौहान क्षत्रिय परिवार में हुआ था। उन्होंने अपना पुरा जीवन असहाय निर्बल गरीब पिछड़े दलित महिला वर्ग की भलाई में लगाया। यही कारण है कि 1000 वर्ष से ऊपर व्यतीत होने के बाद भी जन-जन में उनकी आस्था अक्षुण्ण बनी हुई है। इस अवसर पर दान सिंह प्रजापत, अनुपाल सिंह, महेश सिंह, भाग सिंह तंवर, कैलाश सेठ, पवन चौधरी, लालचंद शर्मा, कृष्ण यादव, पूर्व मुख्याध्यापक रणजीत सिंह, सतबीर सिंह, मुकेश सिंह आदि अनेक गणमान्य उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 3: श्रद्धालुओं के साथ जाहरवीर गोगाजी के चित्र पर पुष्प अर्पित करते अतरलाल एडवोकेट।
4. समाजसेवा के लिए डॉ. बालकिशन जांगड़ा को सम्मानित करते हुए।


अन्तर सदनीय गणित प्रश्नोतरी प्रतियोगिता का आयोजित
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कनीना की आवाज। आरआरसीएम पब्लिक स्कूल, कनीना में अन्तर सदनीय गणित प्रश्नोतरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के कक्षा तीसरी  से बारहवीं  तक सभी सदनों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में कक्षा तीसरी से पांचवीं में राजगुरु सदन से महक, यतिन, पारुल व हिमानी ने प्रथम व सुखदेव सदन से आदित्य,जतिन, नितेश  ने दूसरा स्थान प्राप्त किया वही दूसरी और कक्षा छह से आठवीं में चन्द्रशेखर सदन से नायशा, भविष्य, अंशिका व नकुल  ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, वहीं कक्षा नौवीं  से बाहरवीं में चन्द्रशेखर सदन से अंशिका, संजना, वंशिका व लक्षिता ने प्रथम व राजगुरु सदन से रमन, रितिका, निकिता व हीना ने दूसरा स्थान प्राप्त किया ।








बीएसएनल टावर की बैटरी चोरी
-करीब चार लाख रुपये लागत की थी बैटरी
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कनीना की आवाज। दौंगड़ा अहीर में स्थित बीएसएनएल टावर की बैटरी रातों रात चोरी हो गई। हरिराम वाच वार्ड ने दौंगड़ा अहीर चौकी में मामला दर्ज करवाया है।
 मिली जानकारी अनुसार दौंगड़ा अहीर में बीएसएनएल टावर कमरे में एक हजार एएच की बैटरी लगी हुई थी। इन्हें अगस्त 2018 को लगाया गया था। कुल 25 सेल की इस बैटरी की लागत करीब चार लाख रुपये थी। 70 फुट डीसी केबल सहित बैटरी चोरी हो गई। जब टावर डाउन हुआ तो हरिराम ने मौके पर जाकर देखा तो दरवाजों के ताले टूटे मिले तथा बैटरी गायब मिली। ऐसे में हरिराम वाच वार्ड ने दौंगड़ा अहीर चौकी में मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने अज्ञात चोरों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

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