भगवान श्री कृष्ण के लिए किसी भी कंपनी द्वारा की गई असभ्यता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा- राव बहादुर सिंह
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कनीना। भारत के एक निजी कंपनी द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया है जिसको लेकर हिंदू लोगों में इसके प्रति रोष पनप रहा है। वही क्षेत्र के हिंदू लोगों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस कंपनी पर जुर्माना लगाकर इसे खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।
गौरतलब है कि एक निजी कंपनी मंत्रणा द्वारा लिखा गया है कि जब द्रोपती वस्त्रहरण हो रहा था तो भगवान श्रीकृष्ण आनलाइन मंत्रणा कंपनी पर कपड़े ढूंढ रहे थे जिसको लेकर हिंदू समाज में रोष पनप रहा है और उन्होंने सरकार से मांग कर इस कंपनी पर कड़ा संज्ञान लेने की गुहार लगाई है ताकि कोई भी जाति धर्म के लोग किसी इष्ट देव पर इस तरह की टिप्पणी ना करें। वही क्षेत्र के समाजसेवी एवं पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह ने भारत के राष्ट्रपति से मांग कर गुप्त मंत्रणा कंपनी द्वारा भगवान् श्रीकृष्ण के लिए इस तरह की टिप्पणी पर कड़ा रोष जाहिर किया है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी मांग की है।
विधि विधान से मनाया गणेश चतुर्थी पर्व
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कनीना। कनीना क्षेत्र में गणेश चतुर्थी का पर्व विधि विधान से मनाया गया। पं प्रदीप शास्त्री श्रीश्याम मंदिर पुजारी कनीना ने भक्तों को कथा सुनाई। कथा के अनुसार एक बार भगवान शंकर और माता पार्वती नर्मदा नदी के निकट बैठे थे। वहां देवी पार्वती ने भगवान भोलेनाथ से समय व्यतीत करने के लिये चौपड़ खेलने को कहा। भगवान शंकर चौपड़ खेलने के लिये तो तैयार हो गये। परन्तु इस खेल में हार-जीत के लिए पुतले की प्राण प्रतिष्ठा कर दी। महिलाओं ने गणेश की वंदना की, व्रत रखा तथा गणेश जैसा पुत्र पाने की कामना की। इस मौके पर अनेक जन मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 13: गणेश चतुर्थी पर कहानी सुनाते पं प्रदीप शास्त्री।
म्हारे घर पधारो गजानन
-गणेश चतुर्थी की रही धूम विघ्न विनाशक की मूर्तियां की गई स्थापित
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कनीना। कनीना क्षेत्र में भी धीरे-धीरे गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाने लगा है। शुक्रवार को गणेश चतुर्थी के अवसर पर कनीना के ठाकुर जी के बड़े मंदिर में गणेश प्रतिमा 10 दिन के लिए प्रतिष्ठित की गई। दसवें दिन हवन करने के बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा और फिर गणेश विसर्जन किया जाएगा। मूल रूप से महाराष्ट्र का त्यौहार गणेश विसर्जन अब धीरे-धीरे क्षेत्र में भी मनाया जाने लगा है। कस्बे में गणेश चतुर्थी के अवसर पर अनेक जगह गणेश प्रतिमा स्थापित की गई और 10 दिन के बाद गणेश विसर्जन किया जाएगा। वार्ड नंबर 11 में भी मदन लाल शर्मा ने गणेश की स्थापना की। प्रवेश पंडित साईं मंदिर पुजारी ने पूजा करवा कर गणेश स्थापना करवाई। इस अवसर पर मदनलाल, पूर्णचंद, पवन शर्मा, छोटू, नवीन शर्मा, पुनीत, हर्षित आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 14: गणेश प्रतिमा स्थापित करवाते हुए प्रवेश पंडित।
पहली सूची आएगी 11 सितंबर को
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कनीना। राजकीय स्कूलों में विभिन्न कोर्स करने के लिए पहली प्रवेश सूची 11 सितंबर को आएगी। जिसके लिए फीस भरने की अंतिम तिथि 15 सितंबर होगी।
विस्तृत जानकारी देते हुए कनीना के नोडल अधिकारी डाक्टर प्रो.हरिओम भारद्वाज तथा उन्हाणी कालेज के प्राचार्य डा विक्रम सिंह ने बताया कि दूसरी सूची 17 सितंबर को आएगी जिसकी फीस भरने की अंतिम तिथि 20 सितंबर होगी। यदि फिर भी कोई सीट खाली रह जाती है तो कालेज अपने स्तर पर मेरिट बनाकर आन द स्पाट एडमिशन कर सकेंगे। उन्होंने बताया इस बार फीस भरने के लिए आनलाइन तथा आफलाइन दोनों तरीके उपलब्ध हैं।
नीट की परीक्षा 12 सितंबर को,
-विद्यार्थी ढूंढ रहे हैं केंद्रों पर पहुंचने के लिए साधन
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कनीना। 12वीं परीक्षा पास करने के लिए के बाद नीट की परीक्षा 12 सितंबर को विभिन्न स्थानों पर होने जा रही है। कनीना और आसपास के विद्यार्थी का केंद्र गुरुग्राम या पटौदी आया हुआ है जिसके चलते हुए वे विभिन्न साधनों की तलाश कर रहे हैं। विद्यार्थी अमीश, दिनेश महेश, सुरेश, गीता, मोनी ने बताया कि उन्हें सरकारी बसों में सफर करना पड़ेगा क्योंकि निजी साधनों का किराया वे वहन नहीं कर पाएंगे। विभिन्न विद्यार्थियों को दूरदराज परीक्षा केंद्रों पर जाना है, इसके चलते पूरी तैयारी के साथ विद्यार्थी जुटे हुए हैं। विद्यार्थी इस परीक्षा में सफलता पा एमबीबीएस/बीडीएस आदि क्षेत्रों में चले जाते हैं।
कर्मियों की जायज मांगे होंगी पूरी-नौताना
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कनीना। अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कर्मचारी यूनियन की परिचय बैठक विद्युत सदन हिसार में प्रबंधक निदेशक के साथ हुई जो कि बहुत ही सौहार्दपूर्ण पूर्ण रही। जिसमें कर्मचारियों की लंबित मांगों पर विचार विमर्श किया गया और आश्वासन दिया गया कि कर्मचारियों की जायज मांगों का समय रहते हुए निपटारा किया जाएगा।
विस्तृत जानकारी नौताना के राजेंद्र सिंह ने देते हुये बताया कि इस अवसर पर मुख्य रूप से केंद्रीय कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी तथा नेगोशिएशन कमेटी से राज्य प्रधान रमेश तंवर, शिवलाल दहिया चेयरमैन, प्रांतीय वरिष्ठ उपप्रधान पावन भालोट, प्रांतीय वरिष्ठ उप प्रधान राजेंद्र नौताना, राजकुमार मुख्य संगठनकर्ता, संतराम सिंधु आदि कर्मचारी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 12: राजेंद्र सिंह नौताना एवं अन्य पदाधिकारी हिसार में प्रबंध निदेशक से मिलते हुए।
लेटलतीफी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा -एसडीएम सुरेंद्र सिंह
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कनीना। लेटलतीफी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ये विचार कनीना के एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को खंड कनीना के गांव बाघोत मे स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में औचक निरीक्षण के उपरांत व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि किसी भी कार्यालय में लेटलतीफी तथा कामचोर को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा जिसको लेकर उन्होंने बाघोत के स्कूल में सुबह छापा करवाई थी जिसमें तीन कर्मचारी स्कूल टाइम पर नहीं पहुंचने पर उनको कड़ी फटकार लगाई तथा उनकी लेटलतीफी के कारण उनके उच्च अधिकारियों को लिखकर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिससे अन्य कार्यालयों में भी हड़कंप मच गया। यहां गौरतलब है कि जब से कनीना एसडीएम कार्यभार उप मंडल अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने संभाला है तब से लेटलतीफी वह कामचोरों की शामत आ गई है। वही इनके साथ एसडीम कार्यालय के स्टेनो वीरेंद्र सिंह ने बताया कि साहब काम करने वालों को सम्मान देते हैं और कामचोरों को फटकार लगाते हैं।
फोटो कैप्शन 10: एसडीएम बाघोत स्कूल में विभिन्न कार्यों की जांच करते हुए।
नगरपालिका का करोड़ों रुपये किराएदारों में बकाया
- विकास कार्यों में आ रही है परेशानी-सतीश जेलदार
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कनीना। कनीना नगर पालिका का करीब तीन करोड़ रुपये किराया विभिन्न दुकानदारों में बकाया है जिसके चलते विकास कार्यों में बाधा आती है।
विस्तृत जानकारी देते हुए पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि लंबे समय से बहुत से दुकानदार किराया नहीं भर रहे हैं। कुछ दुकानदार किराया भरते आ रहे हैं जिसके चलते तीन करोड़ से भी अधिक किराया अकेले दुकानदारों में बकाया है। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में इन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने उनका कहना है कि वे चाहते हैं कि विकास कार्यों में गति आए और हर प्रकार की सुविधा दुकानदारों को उपलब्ध हो सके किंतु दुकानदार जानबूझकर किराया नहीं भरते जो विकास कार्यों में बाधा है। उन्होंने खेद जताया कि विकास कार्य इसी कारण से प्रभावित हो रहे हैं।
सतीश जंलदार ने कहा कि वे चाहते हैं कि सभी दुकानदार अपना किराया समय पर किराया बरे ताकि समुचित सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सके।
इस समय करीब 650 दुकानें नगर पालिका की किराए पर चल रही हैं। यही नहीं कनीना बस स्टैंड पर जहां पंचायत समिति की दुकानें भी चल रही है वहीं निजी दुकानें भी।
स्टेट अवार्ड दो साल से नहीं दिए जाने से रोष
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कनीना। यूं तो सरकार हर वर्ष बेहतर कार्य करने वाले शिक्षकों के लिए स्टेट अवार्ड के लिए आवेदन करवाती है किंतु विगत दो वर्षों से स्टेट अवार्ड नहीं जाने से शिक्षकों में भारी रोष है। शिक्षकों ने बताया कि भारी संख्या में शिक्षक आवेदन करते आ रहे हैं तथा विगत वर्ष तो 44 शिक्षकों की घोषणा कर दी किंतु उनको भी अभी तक न तो अवार्ड दिया गया है और ना ही 2020-21 के अवार्डों की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि कुछ शिक्षक तो सम्मान का इंतजार पाने के चक्कर में सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। एक और जहां स्टेट अवार्ड वाले शिक्षक को 2 साल की अधिक सेवा करनी पड़ती है परंतु ऐसा लगता है कि जो शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं और उनका अगर स्टेट अवार्ड में नंबर आता है तो उनकी 2 साल की अवधि तो बिना सेवा के ही पूर्ण हो जाएगी।
ऐसे में शिक्षकों ने स्टेट अवार्ड घोषित करने अपितु देने की मांग की है। उन्होंने कहा किसी कारण से स्टेट अवार्ड 5 सितंबर अध्यापक दिवस पर नहीं दिए जा सके तो उन्हें हरियाणा दिवस एक नवंबर पर दिया जा सकता है। पर विगत विगत वर्ष अध्यापक दिवस या हरियाणा दिवस पर यह अवार्ड दिया गया। यही हालत रही तो आवाज के लिए आवेदन करने वाले भी मायूस होकर आवेदन करने से गुरेज करेंगे।
निष्ठा कार्यक्रम लाएगा गुणवत्ता में बदलाव-शर्मा
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कनीना। निष्ठा कार्यक्रम शिक्षकों के लिए मील का पत्थर सिद्ध होगा। ये विचार डाइट से आये वरिष्ठ प्रवक्ता विनोद शर्मा ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में प्राचार्यों, हैडमास्टर,मिडिल हैड ,हरियाणा बोर्ड से सम्बंधित प्राइवेट विद्यालयों के डीडीओ को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
विद्यार्थियों को वही अध्यापक आसानी से पढ़ा सकता है जब उसके मनोभावों को समझ कर उसी के अनुरूप अध्ययन करवाया जाएगा। नई शिक्षा नीति में भारत सरकार ने अपनाया है ताकि प्रत्येक विधार्थी को इसका पूर्ण लाभ मिल सके इसलिए सभी अध्यापकों को निष्ठा की ट्रेनिंग हर हाल में करनी है।
उन्होंने कहा कि लर्निंग आउटकम सीखने की क्षमता के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में बदलाव होगा। शिक्षकों के प्रशिक्षण में किताबों की बजाय बच्चों को बौद्धिक विकास पर मुख्य रूप से फोकस किया जा रहा है। इस मकसद से बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ उनके दबाव से बाहर निकालना साथ ही वैज्ञानिक सोच से जोडऩा भी शामिल है। इस प्रकार के प्रशिक्षण शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार लाने में कारगर साबित होते हैं।
इस अवसर पर प्राचार्य सुमेर सिह, औमप्रकाश, पवन कुमार, औमरति, नरेश कुमार, सहदेव, ज्ञान सिह ,रमन शास्त्री व सभी खंड के प्राचार्य, मुख्याध्यापक उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 7: निष्ठा की जानकारी देते प्राचार्य सुमेर सिंह।
एसडीएम कनीना ने कालेज परिसर में लगाई त्रिवेणी
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कनीना। राजकीय महाविद्यालय कनीना में निफा संस्था के द्वारा पौधारोपण अभियान शुरू किया गया। यह अभियान निफा संस्था के जिला अध्यक्ष दीपक कुमार वशिष्ठ के नेतृत्व में शुरू किया गया। इस मौके पर उप मंडल कनीना के एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने कालेज प्रांगण में त्रिवेणी लगाई तथा इसके साथ त्रिवेणी की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड लगाया गया।
इसी दौरान कालेज में नीम, शीशम, पपड़ी आदि के पौधे लगाए गए। कनीना उपमंडल अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि जीवन में हर व्यक्ति को एक पौधा जरूर लगाना चाहिए। जिससे वातावरण में आक्सीजन का लेवल बना रहेगा और भविष्य में आने वाली पीढ़ी को आक्सीजन की कमी नहीं होगी। इस मौके पर निफा संस्था के जिला अध्यक्ष दीपक कुमार वशिष्ठ, महासचिव प्रवीण अत्रि, अमित कुमार, प्रतिक वशिष्ठ, जिला आपदा एवं सेवा के जिला प्रमुख सुरेश कुमार वशिष्ठ,रमन शास्त्री,सारांश, कालेज से डॉ. विनोद यादव, हरिओम भारद्वाज, गजानंद, तरुण, अशोक डीपी, डॉक्टर सुरेंद्र दिनेश आदि सदस्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 8: कालेज प्रांगण कनीना में त्रिवेणी लगाते एसडीएम कनीना।
पर्यावरण संरक्षण में गांव उदाहरण बना
-लगातार कर रहा है पर्यावरण संरक्षण के लिए सकारात्मक प्रयास
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कनीना। उपमंडल कनीना का गाव रामबास में समाजसेवी मनोज ने पर्यावरण संरक्षण के लिए मिसाल कायम की है। पिछले साल गांव के सहयोग से राधा-कृष्ण मंदिर व धर्मशाला परिसर के साथ एक भव्य पार्क का निर्माण किया जो कि बिना किसी सरकारी मदद से हुआ। कई बार विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित हो चुके मनोज कुमार एक ही सपने को लेकर चल रहे हैं कि गांव हरा भरा हो।
मनोज कुमार रामबास ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण कोई मुहिम नही हमारा कर्तव्य भी है हमने गांव के सहयोग से सुंदर पार्क बनाया यहां पर सुबह शाम सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण व्यायाम व सैर के लिए आते है यहां हरियाली का नजारा बहुत मनमोहक है। उन्होंने पार्क बनाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण भी किया है, बरसात के मौसम में गाव के सार्वजनिक स्थानों धर्मशाला परिसर से लेकर गाव की जंगलात बणी के अंतिम छोर तक हजारों की संख्या में नीम, पीपल, पिलखन, जामुन, पापडी, सहेजना, बरगद शहतूत व फूलदार पौधे लगाये।
सिर्फ पौधे लहलहाये ही नहीं उनका संरक्षण का प्रण भी लिया है। बारिश में देरी होने के कारण टैंकरों से पानी भी डाला व ट्री-गार्ड व कांटेदार छड़ी लगाकर सुरक्षा का भी इंतजाम करने का प्रयास किया है। यही नही पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को मजबूती देने के लिए लिखा। अपने घर पर लगभग 3000 पौधे बीज से तैयार कर रहे हैं। इनमें नीम पापड़ी, अमलतास, जामुन, आम, नींबू मौसमी, पीपल, बरगद , बकायन आदि के पौधे तैयार कर रहे हैं ताकि अपने गाव को हराभरा बना सके है।
उन्होंने बताया कि औषधीय पौधों मे हमने तुलसी ग्वारपठा, गिलोय, पत्थरचट्टा आदि के पौधे तैयार किया है ताकि हम भविष्य में एक हर्बल पार्क तैयार कर सके।
फोटो कैप्शन 01: मनोज कुमार पौधे लगाते हुये।
मौसम बदलने से किसान बाजरे की कटाई में व्यस्त
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कनीना। क्षेत्र के किसान बदलते मौसम के दृष्टिगत तेज गति से पैदावार ले रहे हैं। जहां बाजरे की लावणी का कार्य पूरे वेग से चल रहा है और करीब दो सप्ताह में पूर्ण होने की पूरी संभावना है।
तत्पश्चात अनाज मंडियों में सरकारी तौर पर बाजरे की खरीद शुरू होने की पूरी संभावना है। 1 अक्टूबर से खरीद कार्य शुरू होगी। सरकारी तौर पर खरीद शुरू होने के अंदेशे से किसान अपनी पैदावार सीधी घरों में डाल रहे हैं। पहली बार देखने को मिला है कि किसान खुली मंडियों में बाजरे को नहीं ले जा रहे हैं। किसान सुखबीर सिंह, अजीत सिंह, राजेंद्र कुमार, महेंद्र सिंह आदि ने बताया कि खुली मंडियों में 1500 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि सरकारी भाव 2250 प्रति क्विंटल है। यही कारण है कि अबकी बार किसान खुली मंडी में बाजरा बेचने के लिए नहीं ले जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मौसम बदल रहा है। गुरुवार को हल्की बूंदाबांदी हुई जिसके चलते किसानों के माथे पर चिंता स्पष्ट नजर आई। दिन में भी बादल नजर आए। यही कारण है कि किसी बारिश आदि की संभावना के दृष्टिगत जल्दी-जल्दी अपनी बाजरे की पूलियां (कड़बी)इकट्ठी कर रहे और पैदावार को ले रहे हैं। किसानों का कहना है कि बाजरे की कड़वी पूरे साल काम में लाई जाती है। जहां इस बार मजदूर भारी संख्या में पहुंच रहे हैं जिसके चलते मजदूरों द्वारा कार्य करवाया जा रहा है। अधिक बारिश बार बार बारिश से कपास एवं बाजरे की फसल को नुकसान पहुंचा है वहीं फसल कटाई प्रयोग कृषि विभाग कर रहा है जिसके बाद ही पैदावार का आकलन हो पाएगा। बहरहाल कनीना क्षेत्र में करीब 17500 हेक्टेयर पर बाजरा तो 4800 हेक्टेयर पर कपास उगाई गई है।
फोटो कैप्शन 2: बाजरे की पूलियां इकट्ठी करता किसान।
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