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Monday, September 13, 2021

 

दहेज हत्या का मामला दर्ज
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कनीना। दौंगड़ा अहीर पुलिस चौकी में कनीना उप मंडल के गांव सेहलंग निवासी पवन कुमार ने शिकायत दी कि उसकी लड़की मीना को मारकर फांसी पर लटकाने, दहेज के लिए परेशान करने व ससुर द्वारा गलत संबंध बनाकर मौत के घाट उतारने की शिकायत दर्ज करवाई।
 पवन कुमार ने बताया कि मेरी लड़की मीना की शादी 6 मार्च 2018 को रविंद्र दौंगड़ा जाट के साथ की थी। जिसमें मैंने मेरी हैसियत के इस से भी ज्यादा दान दहेज दिया था लेकिन इस पूरे परिवार जिसमें रामरतन,दोनों लड़कियां रेनू व सरिता, रेणु का पति मोनू अटेली व रविंद्र, लड़की की सास सुशीला सहित दहेज के लिए लड़की से लड़ाई झगड़ा करते रहते थे। ससुर रामरतन तो मेरी लड़की के साथ गलत संबंध बनाने का दबाव बनाता था। मेरी लड़की 5 सितंबर को मेरे घर से आई थी तब हमें सब हरकतों के बारे में बताया था। मैं 11 सितंबर को शाम के समय अपनी लड़की को समझा-बूझाकर दौगड़ा जाट छोड़ आया था। इसलिए कि राम रतन के आग्रह पर हमें 12 सितंबर 2021 को लड़की के लिए हिसार लड़का देखने जाना है। मीना को साथ लेकर जाएंगे। 12 सितंबर को शाम को राम रतन का फोन आया कि चार पांच व्यक्ति दौगड़ा जाट चले आओ मीना की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है। तब मैं लोगों को लेकर दौगड़ा जाट लड़की के पास पहुंचा तो मीना मृत अवस्था में फांसी के लटकी हुई मिली। उन्होंने आरोप लगाया है कि मेरी बेटी के साथ रामरतन ने बलात्कार करके मार कर फांसी के फंदे पर लटका दिया है और मेरे को फोन पर मीना की तबीयत खराब का हवाले के जरिए दिया। अत: सभी दोषों खिलाफ दहेज हत्या, षड्यंत्र करके हत्या बलात्कार जैसी घिनौनी हरकत के लिए कड़ी से कड़ी दोषियों को सजा दी जाए। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत सास, ससुर,पति सहित तीन अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।



कालेज में प्रवेश की प्रथम सूची जारी
-17 सितंबर तक भर सकेंगे फीस
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 कनीना। कनीना क्षेत्र के विभिन्न कालेजों की प्रवेश की प्रथम सूची जारी हो गई है। 17 सितंबर तक आनलाइन या आफलाइन फीस भरी जा सकती है।
 विस्तृत जानकारी देते हुए नोडल अधिकारी (प्रवेश) डा हरिओम भारद्वाज राजकीय महाविद्यालय कनीना ने बताया कि बीकाम की अखिल भारतीय मेरिट 93.6 प्रतिशत रही जबकि बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय प्रवेश मेरिट 95. 2, बीएससी नान मेडिकल 98.2 तथा बीएससी मेडिकल 97. 6 प्रतिशत पहुंची।
इसी प्रकार हरियाणा ओपन मेरिट बीकाम 56.2 बीए प्रथम वर्ष 87.6 बीएससी नान मेडिकल 91.4 जबकि बीएससी मेडिकल 86 प्रतिशत पहुंची। र्बीसी-बी की मेरिट बीए प्रथम प्रथम 77.8 बीएससी नॉन मेडिकल 87. 8 बीएससी मेडिकल 86 प्रतिशत पहुंची। इसी प्रकार एससी बीए 52.8 बीएससी नॉन मेडिकल 62. 2 तथा बीएससी मेडिकल 78. 2 प्रतिशत रही।
आर्थिक रूप से पिछड़े पिछड़े हुए हैं विद्यार्थियों के लिए दिए बीए 60 प्रतिशत बीएससी नॉन मेडिकल 88.8 पहुंची। जबकि हरियाणा आर्थिक रूप से पिछड़े हुए वर्ग में बीएससी नॉन मेडिकल 68.8 तथा बीएससी मेडिकल 63 प्रतिशत रही।
उधर राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हाणी में बीएससी नॉन मेडिकल अखिल भारतीय वर्ग में मेरिट 96.4 हरियाणा ओपन मेरिट 90.8 बीर्सी-बी 81.2  बीसी-ए 74 तथा एसी 69.8 पहुंची। जबकि बीकॉम में अखिल भारतीय ओपन कैटेगरी 82.6 तथा हरियाणा जनरल कैटेगरी 62.8 बीए की मेरिट अखिल स्तर पर 93.8 हरियाणा स्तर 75.2 अखिल स्तर पर आर्थिक रूप से पिछड़े हुए 59. 8 बीसीबी 55.6 बीसी-ए 54 तथा एससी 62.4 प्रतिशत रही।





एसडीएम ने माडल संस्कृति स्कूल व बीईओ कार्यालय का किया औचक निरीक्षण
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कनीना।एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना व खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने विद्यालय स्टाफ व कार्यालय का निरीक्षण कर कमियों को दूर करने के निर्देश दिये। उन्होंने मॉडल संस्कृति स्कूल में विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम की जांच की गई जो संतोषजनक नहीं मिला। जिसे लेकर शिक्षकों को सप्ताहभर का समय देकर पाठ्यक्रम को सुचारू करने के लिये निर्देश दिये गये।
सरकार ने मॉडल संस्कृति स्कूल बनाये हैं जिनमें उनके अनुरूप ही विद्यार्थियों को पढ़ाई करवाई जाये। जिससे अन्य सरकारी स्कूल भी इनका अनुशरण कर सकें। पढ़ाई में शिक्षक किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें। बीईओ कार्यालय कर्मचारियों को निष्ठापूर्वक कार्य करने की हिदायत दी। जन समस्याओं का शीघ्रता से निदान करने और कार्यालय समय के दौरान भवन एवं परिसर की साफ-सफाई रखने के निर्देश दिये। विद्यालय में उन्होंने कक्षाओं व शिक्षकों की हाजिरी देखी। लेटलतीफ शिक्षकों को समय पर हाजिर आने तथा सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ड्यूटी में कोताही बरतने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
फोटो कैप्शन 8:राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक  विद्यालय कनीना में हाजिरी रजिस्ट्रर की जांच करते एसडीएम सुरेंद्र सिंह।



क्षेत्र में हुई 5 एमएम बारिश दिनभर
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कनीना। कनीना क्षेत्र में सोमवार को दिनभर रुक-रुक कर बूंदाबांदी हुई जो 5 एमएम नोट की गई। किसानों की बाजरे की कटाई प्रभावित हो रही है। खरीफ फसल बर्बाद होने का अंदेशा बढ़ता ही जा रहा है। कृषि विभाग बारिश को भावी फसल के लिए लाभप्रद बता रहा है। वहीं किसानों का कहना है कि वर्तमान खरीफ फसल बर्बाद हो जाएगी, बाजरा एवं कपास विशेष रूप से प्रभावित होते हैं।



ज्यादा बारिश होने से घर में घुसा पानी, घर में आई दरार, मुआवजे की गुहार
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कनीना। बारिश का पानी भर जाने के कारण मकान में आई दरार पीडि़त ने प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार खंड के गांव बाघोत निवासी रिछपाल सिंह ने कनीना उप-मंडल अधिकारी सुरेंद्र सिंह से प्रार्थनापत्र देकर बताया कि गत दिवस हुई बारिश के कारण उसके घर में पानी घुस गया जिससे घर की दीवार फट गई है। मैं एक गरीब आदमी हूं, मेरे पास कमाई का कोई साधन न होने के कारण मुझे भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं पीडि़ता ने उप मंडल अधिकारी के माध्यम से जिला उपायुक्त व मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार से मांग करते हुए कहा है कि बारिश की आपदा के कारण मेरा घर फट गया है जिससे मेरे बाल बच्चों को रहने के लिए कोई मकान नहीं है। इसलिए मुझे सरकार से मुआवजा दिलवाया जाए ताकि मेरा रहने के लिए मकान बन सके।
फोटो कैप्शन 7: रिछपाल परिवार अपने घर की हालात दिखाते हुये।



 संस्था बीबीएसडी की नई कार्यकारिणी ने ली पद व सेवा की शपथ
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कनीना। ककराला ग्राम की बाबा भैया सेवा दल में नई कार्यकारिणी के गठन के बाद संस्था ने शपथग्रहण कार्यक्रम रखा जिसके दौरान पिछली कार्यकारिणी पदाधिकारियों महेश , मदनपाल,  मदनपाल बाबी आदि को संस्था ने सम्मानित किया।
इस मौके पर मुख्याध्यापक रामनिवास ने गांव के कुल देवता बाबा भैंया को साक्षी मानते हुये सभी नई कार्यकारिणी सदस्यों को उनके पद सेवा व कर्तव्यनिष्ठा की शपथ दिलाई।
नवनिर्वाचित प्रधान अजय कुमार ने बताया कि सबकी सर्वसम्मति से इस बार संस्था ने सभी पदों को उनके सेवा विभाग अनुसार करके शासी निकाय में सेवा कार्यों का विकेंद्रीकरण किया गया है। कार्यकारिणी में उपप्रधान इंदरपाल , सचिव  नवीन कुमार, संयुक्त सचिव सुनील शर्मा , कोषाध्यक्ष अजय कुमार, पर्यावरण समन्वयक  ओम प्रकाश , शैक्षणिक समन्वयक रामनिवास मास्टर , कार्यालय प्रबंधक मनोज कुमार और जनसम्पर्क समन्वयक  राजबीर सिंह रहेंगे।
इस मौके पुस्तकालय समिति के अध्यक्ष  रामनिवास , मास्टर वीरेंद्र , बीबीएसडी पूर्व प्रधान डा राजीव , पुस्तकालय प्रभारी विकास, सुनील, अभिषेक, आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 8: ककराला में पद एवं गोपनीयता की शपथ लेते पदाधिकारी।





मजदूरी के लिए निकली महिला नहीं लौटी, गुमशुदगी का मामला दर्ज
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 कनीना। दौंगरा अहीर निवासी ऋषिराज ने दौंगड़ा अहीर चौकी में शिकायत दर्ज करवाई है कि उनकी पत्नी मजदूरी के लिए निकली थी किंतु वह घर नहीं लौटी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। ऋषिराज ने कहा है कि उनकी शादी 10 मार्च 2019 को रेवाड़ी के कनुका गांव में हुई थी। मेरी बीमारी के चलते इलाज के लिए अपने भाई के पास बल्लभगढ़ गया हुआ था। गत दिवस घर पर लौटा तो उसकी पत्नी नहीं मिली। अपनी मां से उन्होंने पूछा तो बताया कि वह मजदूरी के लिए गई थी किंतु वह नहीं लौटी। रिश्तेदारियों में पता करने पर भी नहीं मिली। उन्होंने शक जाहिर किया है कि उसकी पत्नी को कोई बहला फुसला कर ले गया है। दौंगड़ा पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।



गुरुग्राम में सम्मानित किया कनीना के केएस वशिष्ठ को
-कनीना गौशाला की हुई प्रशंसा
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कनीना। भारत विकास परिषद
के कंएस वशिष्ठ को गुरुग्राम में सम्मानित किया गया। दक्षिणी प्रांत की प्रथम प्रांतीय बैठक में उन्हें सम्मान दिया गया।
   बैठक में सभी शाखाओं द्वारा किए गए कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई वहीं बैठक में गो सेवा प्रमुख केएस वशिष्ठ सहित अन्य पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया । बैठक में कनीना पार्षद  राजेंद्र प्रसाद द्वारा कनीना श्रीकृष्ण गौशाला में किए गए कार्यों की मुक्त कष्ट से जिला महासचिव रमेश टांक द्वारा की गई व शाखा कनीना द्वारा किए गए कार्यों का विवरण बैठक में प्रस्तुत किया गया । जिला प्रधान विश्वनाथ मिश्रा ने कनीना ठाकुरजी के मंदिर में कंवर सैन वशिष्ठ व सुरेश शर्मा के सहयोग व भारत विकास परिषद शाखा कनीना के सदस्यों के लिए प्रशंसा का पात्र बताया।
             इस अवसर पर अपने उदोध्न में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनीत गर्ग ने कहा कार्यकर्ता शाखाओं की रीढ़ होते हैं हमें अपने शाखाओं में मेम्बर नही अपितु कार्यकर्ता तैयार करने हैं।
 उन्होंने कहा आज भारत विकास परिषद सेवा संस्कार सहयोग में अग्रणी राष्ट्रीय संस्थान है। इस का श्रेय यहां के कार्यकर्ताओं को जाता है। प्रांतीय अध्यक्ष महेंद्र शर्मा ने कहा कि सेवा समर्पण भाव भारत विकास परिषद के कार्यकर्ता की पहचान है। शाखा का प्रत्येक कार्यकर्ता संगठन के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना राष्ट्रीय दायित्व धारी मंच का संचालक प्रांतीय सचिव डा आरबी यादव ने किया इस मौके पर प्रांतीय उपप्रधान महेश बोहरा, सचिव संजय शर्मा, जिला प्रधान विश्वनाथ मिश्रा, रमेश टार्जन, वरिष्ठ मोहन सिंह शाखा प्रधान,  लखनलाल, संतलाल, मनोज कुमार यादव, धनपत साहब बैठक में भाग लिया।
फोटो कैप्शन 6: गुरुग्राम में भारत विकास परिषद की  आयोजित बैठक
             7: केएस वशिष्ठ कनीना को सम्मानित करते हुए प्रधान विश्वनाथ मिश्रा।






हिंदी के मजबूत कंधों पर ही सशक्त हो सकता है आत्मनिर्भरता का आधार-राजेश उन्हाणी
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कनीना। आत्मनिर्भरता का आधार हिंदी के मजबूत कंधों पर ही सशक्त हो सकता है। ये विचार स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के सदस्य राजेश उन्हाणी ने हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर व्यक्त किए।
उन्होंने आगे कहा की आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे देश के लिए यह सही समय है कि हम हिंदी की ताकत को पहचानकर आजादी का अमृत महोत्सव मनाए। आजादी का यह महोत्सव वस्तुत: उन संकल्पों को दोहराने और उन सपनों को साकार करने के लिए है, जो हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने देखे थे। ये स्वप्न थे भारत की संपूर्ण स्वतंत्रता, स्वाभिमान की प्रतिष्ठा, देश की उन्नति और स्वावलंबन। इन सपनों को साकार करने में अन्य कारकों के साथ-साथ हिंदी की भी महत्व पूर्ण भूमिका रही है।अंग्रेजो के विरुद्ध स्वाभिमान और स्वतंत्रता की लड़ाई में हिंदी के योगदान के बारे में आज की पीढ़ी को प्रमुख तौर से बताने की आवश्यकता है जो आज पश्चिम की आंधी में हिंदी से उदासीन हो रही है और सारा दिन अंग्रेजी विडियो देखती है यही हिंदी का भविष्य है और मां बाप भी बच्चों को ए फार एप्पल सिखाने में ज्यादा खुश रहते है। यह बहुत चिंतनीय विषय है।
यह दिन हर साल हमें हमारी असली पहचान की याद दिलाता है और देश के लोगों को एकजुट करता है। जहां भी हम जाएं हमारी भाषा, संस्कृति और मूल्य हमारे साथ बरकरार रहने चाहिए और ये एक गौरवमयी संस्कृति के रूप में कार्य करते है। हिंदी दिवस एक ऐसा दिन है जो हमें देशभक्ति भावना के लिए प्रेरित करता है।




खरीफ की दस फीसदी फसलें हुई नष्ट
-अभी भी बारिश पीछा नहीं रही छोड़
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 कनीना।  जिला महेंद्रगढ़ में इस वर्ष बार बार बारिश होने से किसान तंग आ चुके हैं। करीब दस पीसदी फसलें बारिश की भेंट चढ़ चुकी हैं। कपास एवं बाजरे में अधिक नुकसान हुआ है। किसान मौसम खुलने का इंतजार कर रहे हैं ताकि खड़ी हुई एवं पड़ी हुई दोनों ही फसलों की की पैदावार ली जा सके। जिला महेंद्रगढ़ में 116891 हेक्टेयर पर बाजरा तो 18389 हेक्टेयर पर कपास उगाई गई है।
  किसानों की माने तो फसल में भारी नुकसान हुआ है किंतु कृषि विभाग महज दो प्रतिशत ही मानते हैं। किसान नष्ट हुई फसल नुकसान के मुआवजे की मांग कर रहा है। बाजरा एवं कपास उगाने वाले किसानों का कहना है कि प्रत्येक किसान के यहां हजारों रुपये का नुकसान हुआ है। कनीना के 19 हजार हेक्टेयर पर बाजरा तथा 4760 हेक्टेयर पर कपास उगाया गया है। जिला महेंद्रगढ़ में 133640 हेक्टेयर पर विभिन्न फसलें उगाई गई हैं जिनमें बाजरा, कपास, मूंग, दलहन, ढेंचा एवं चारा देने वाली फसलें प्रमुख हैं।
कम बारिश ने रुलाया था-
किसान बताते है कि जब फसल की बीजाई की गई थी तो कम बारिश हुई थी और फसल जैसे तैसे पकने को पहुंची तो बारिश की कमी झेलती रही। पकने लगी तो अंधड़ एवं बारिश ने समस्या पैदा कर दी है। लगभग सभी फसलों ने विषम परिस्थितियों को झेला है। यही कारण है कि अगैती और पछेती दो प्रकार की फसलें उगाई गई हैं।
बारिश ने पहुंचाया नुकसान-
विगत दिनों हुई बारिश के चलते बाजरे की खड़ी फसल सबसे अधिक नुकसान तथा अन्य फसलों में भी भारी नुकसान हुआ था। किसान की आशाएं उस वक्त धूमिल हो गई थी। किसानों ने मुआवजा दने की मांग की है।
जमने लगी है बाजरे की फसल-
अब तो आलम यह है कि बाजरे की जो फसल काटकर डाली थी वो मिट्टी को छूने से गल गई है और जमने लगी है। भुट्टों से ही बाजरा जमने लगा हैं। बाजरे के दाने का रंग भी बारिश के चलते बदल जाता है। जिन किसानों की फसल काटकर डाल दी और बाद में बारिश हो जाने से भुट्टों में कवक का रोग लग गया है। इस रोग में दाने काले पड़ गए हैं और धुआं सा उडऩे लग गया है। किसान परेशान हैं।
मौसम खुलने का इंतजार-
किसान मौसम के खुलने का इंतजार कर रहे हैं ताकि खड़ी एवं पकी हुई फसल की कटाई शुरू की जा सके। किसान अजीत सिंह, कृष्ण कुमार, सूबे सिंह ने बताया कि मौसम खुल जाने पर धरती पर पड़ी हुई तथा खड़ी हुई फसल को काटा जा सकेगा और पैदावार ली जा सकेगी।
भारी नुकसान व मुआवजे की मांग-
किसानों का कहना है कि उनकी फसल में कम से कम 20 फीसदी फीसदी तक नुकसान हुआ है। प्रत्येक किसान को हजारों का नुकसान उठाना पड़ेगा। इस प्रकार कनीना क्षेत्र में कई लाख की फसल को नुकसान हुआ है। उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है।
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी-
कनीना खंड कृषि अधिकारी डा देवराज यादव का कहना है कि कनीना की करीब 19 हजार हेक्टेयर भू भाग पर बाजरे की बीजाई की गई थी। विगत दिनों बारिश से अगैती फसल में नुकसान हुआ है। उनका मानना है कि पछेती फसल भी पक गई है जिसकी कटाई कर लेनी चाहिए।
 विगत वर्ष की तुलना में अधिक उगाई हैं फसले-
 गत वर्ष की तुलना में जिला महेंद्रगढ़ में कम क्षेत्रफल पर खरीफ फसल उगाई गई है। जहां विगत वर्ष 140352 हेक्टेयर पर बाजरा, कपास, अरहर, मूंगफली, अरंडी, गोवा तथा चचारा देने वाली फसलें उगाई गई थी वहीं इस वर्ष 133640 हेक्टेयर की फसलें उगाई गई हैं। जहां विगत वर्ष की तुलना में बाजरा और कपास कम उगाया गया है वहीं मूंग,तिलहन,ग्वार एवं चारा देने वाली फसलें अधिक भूमि पर उगाई गई हैं।
कैसे मिलता है मुआवजा-
  पूर्व कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज यादव ने बताया की खरीफ फसल का 31 जुलाई तक जबकि रबी फसल का 31 दिसंबर तक किसान द्वारा बीमा करवाया जाता है। जब फसल में नुकसान होता है तो किसान को 72 घंटों के अंदर अंदर कृषि विभाग महेंद्रगढ़ या ऑनलाइन सूचना देनी पड़ती है। बीमा कंपनी और कृषि विभाग संयुक्त रूप से खेत का निरीक्षण कर फसल की स्टेज अनुसार ही मुआवजा देती है सरकार द्वारा मुआवजा देते हैं वहीं किसी प्रकार की सरकार द्वारा मुआवजे की घोषणा पर ही सर्वे के बाद मुआवजा मिल सकता है।
फोटो कैप्शन 2 एवं 3: खेत में पड़े जमें हुये बाजरे के भुट्टे
  4: कनीना क्षेत्र में उगाई खरीफ फसल
  5: जिला महेंद्रगढ़ क्षेत्र में उगाई गई खरीफ फसल।





सांस्कृतिक अहीरवाल सेहलंग  गांव के कार्य दल का गठन
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कनीना। सांस्कृतिक अहिरवार के निमित्त कनीना ब्लॉक के कार्य दल के गठन के बाद दूसरे चरण में प्रत्येक गांव की कार्य दल के का गठन की योजना के निमित सेहलंग गांव के कार्य दल का गठन किया गया । इस अवसर पर  दिलावर सिंह कनीना की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें जानकारी देते हुए प्रवक्ता सुरेंद्र सिंह कनीना ने सांस्कृतिक अहिरवार की कार्य योजना के बारे में बताते हुए कहा कि प्रत्येक गांव की 11 सदस्यो के कार्य दल का गठन किया जाना है। जिसके लिए आज सेललंग गांव के इतिहास लेखन के लिए सदस्यों की एक टीम का गठन किया गया है। जो गांव का प्रमाणिक इतिहास लिखेंगे । इसके लिए सभी ग्राम वासियों से संपर्क करने और उनसे सहयोग की अपेक्षा के बारे में सभी को बताते हुए सांस्कृतिक अहीरवाल के उद्देश्यों और महत्व की जानकारी दी। इस अवसर पर बैठक में हरि सिंह और विरेंद्र सिंह को कार्य दल के प्रमुख के रूप में चुना । जो आगामी कार्य योजना को मूर्त रूप देने के लिए अपना सहयोग करेंगे । बैठक के अंत में विजयपाल सेहलंगीया ने सभी को इस कार्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज गांव की टीम गठन का कार्य हुआ है ,जो जल्दी ही गांव के सभी लोगों से संपर्क कर गांव की पूर्ण जानकारी हासिल करते हुए प्रमाणिक इतिहास लेखन का कार्य करेंगे।  इस अवसर पर सूबेदार महावीर सिंह, प्रिंसिपल सुरेश यादव, राजवीर पंच ,धर्मपाल सिंह, वेद प्रकाश आर्य ,लाल सिंह ,राजेंद्र सिंह, कैप्टन निहाल सिंह ,विक्रम सिंह, श्रीपाल, वेद प्रकाश ,रामवीर सिंह, ओम प्रकाश, मुरारी लाल आर्य ,बलवीर सिंह ,विक्रम सिंह आदि  उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: सेहलंग सांस्कृतिक अहिरवाल की बैठक में उपस्थित जन।




कनीना नागरिक अस्पताल के 30426 बच्चों को अल्बेंडाजोल दी जाएगी-डा विनय
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 कनीना। कनीना उप नागरिक अस्पताल के तहत 12 सितंबर से 22 सितंबर तक 30426 बच्चों को और अल्बेंडाजोल देने का टारगेट रखा गया है।
डा विनय कुमार ने बताया कि भारत सरकार के एनीमिया मुक्त भारत के तहत यह कार्यक्रम चल रहा है क्योंकि पेट में कीड़े होने पर भी एनीमिया की शिकार होना पड़ सकता है। इसलिए एल्बेंडाजोल और आयरन की गोलियां साथ दी जाती है। उन्होंने बताया कि इस एल्बेंडाजोल का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता किंतु 1 से 2 वर्ष की उम्र के बच्चों को आधी गोली वहीं 3-19 वर्ष तक के बच्चों को पूरी टेबलेट दी जाती है। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए आशा वर्कर को
ट्रेनिंग दी जा चुकी है जो घर-घर जाकर अपने क्षेत्र के बच्चों को एल्बेंडाजोल खिलाती है। उन्होंने बताया कि इस दौरान व्यस्क महिलाएं और बच्चों को यह गोलियां दी जाती है। कनीना उप नागरिक अस्पताल के तहत भोजावास और मुंडिया खेड़ा प्राथमिक चिकित्सा केंद्र शामिल किए गए जिनमें 30426 टेबलेट बच्चों को देने का टारगेट रखा है जिसमें से अभी तक 21409 बच्चों को टेबलेट दी जा चुकी है वहीं नहीं 1226 व्यस्क लड़कियों को टेबलेट खिलाने का लक्ष्य रखा है जिसमें से 1208 लड़कियों को यह टेबलेट खिलाई जा चुकी है। उन्होंने बताया छोटे बच्चे इस गोली को नहीं खा सकते इसलिए उन्हें चूरा करके दिया जाता है जबकि बड़े बच्चों को चबाने की हिदायत दी जाती है। अब तक 21409 बच्चों को अल्बेंडाजोल दी जा चुकी है और भविष्य में भी यह कार्यक्रम जारी रहेगा। विभिन्न स्कूलों और संस्थाओं में विभिन्न कर्मी जा रहे हैं और बच्चों को गोली खिला रहे हैं। एल्बेंडाजोल की गोली देने के लिए आदर्श स्कूल और प्राथमिक स्कूल में एमपीएचडब्ल्यू सुनील कुमार पहुंचे और अपने समक्ष ही अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई।
 फोटो कैप्शन दो: एल्बेंडाजोल की गोली खिलाते एमपीएचडब्ल्यू सुनील कुमार।




असावधानी से हो रही है किसानों की मौत
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कनीना। किसान के खेतों में खड़े बिजली के खंभे, बिजली की गुजरती हुई तार, फव्वारा पाइप, थ्रेसर मशीन अंग भंग करने एवं मौत के घाट उतारने में अहं भूमिका निभा रहे हैं। आए दिन किसानों के साथ इस प्रकार की घटनाएं घट रही हैं।
  बिजली विभाग द्वारा कहने को तो बिजली के सभी लोहे के खंभे बदल दिए गए हैं किंतु अभी भी खेतों में ये लोहे के पाइप देखने को मिल रहे हैं। कहीं बिजली की छोटी लाइन तो कहीं बड़ी लाइन का जाल बिछा हुआ है जो थोड़ी सी असावधानी के चलते उन्हें काल का ग्रास बना रहे हैं। रही सही कसर थे्रसिंग मशीन भी उनको अपंग बना रही हैं। किसानों को सांप काटने, पैर में शूल लगने जैसी कई अन्य घटनाओं का सामना भी करना पड़ रहा है।
किसानों के खेतों में ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र में कई स्थानों पर बिजली के तार लटकते रहते हैं। कई जगह तो ये तार इतनी नीचे होते हैं कि किसान के शरीर से काम करते वक्त छू जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है। बार-बार शिकायत करने पर भी समाधान नहीं मिलता। शिकायत करने पर भी तार नहीं बदले जाते।
किसान के खेतों में आज भी लोहे के पोल खड़े हैं। इन पोल में बिजली का करंट आने की पूरी संभावना होती है। बिजली के पोल को सहारे देने वाली तारों से न केवल जन की हानि विगत में बहुत हुई हैं वहीं पशुधन की मौत भी हो रही है। कई बार तो बिजली के तार ही टूटकर गिर जाते हैं जिससे मौत हो रही हैं। बिजली के घिसे पिटे तार बदले नहीं जाते हैं।
किसानों की अकारण मौत का एक कारण एल्युमिनियम का पाइप भी हैं। अक्सर देखने में आता है कि किसान फव्वारा पाइप लाइन को बदलने के लिए खेत में जाता है और थोड़ी सी असावधानी के चलते पाइप को ऊपर उठाकर ऊपर से गुजर रही बिजली की लाइन से छू जाता है और मौत हो जाती है।
लगभग हर दूूसरे-तीसरे किसान के खेत में से बिजली की तारें गुजर रही हैं। ये तारें या तो छोटी लाइन या बड़ी लाइन नाम से जानी जाती हैं। हर गांव में पावर हाउस बन जाने से भी तारों का जाल बिछ गया है। ये तारों के जंजाल जहां जीव जंतुओं के लिए समस्या बन गए हैं वहीं इनसे इंसानी जीवन को खतरा बन गया है।
किसान फसल कटाई के बाद या तो थ्रेसर से अन्न निकालते वक्त या ट्रैक्टर से अन्न निकालते वक्त अंग भंग का शिकार बन जाता है या कई बार मौत हो जाती है।
क्या मिलता है दुर्घटना पर-
सरकार द्वारा परिवार के मुखिया की मौत होने पर जहां आर्थिक सहायता दी जा रही है वहीं लंबे समय तक खाद का बोरा खाद लेने पर कंपनी स्वत: ही बीमा करती थी।
समस्याओं का कैसे हो समाधान-
किसान राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, अजीत कुमार का कहना है कि किसान को सचेत होकर खेतों में काम करना चाहिए। हो सके तो एल्युमिनियम की बजाय प्लास्टिक के पाइप प्रयोग करने चाहिए। थ्रेसिंग पर काम करते वक्त भी सावधानी की जरूरत है।



बंद फैक्टरी का सामान चोरी
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 कनीना। कनीना पुलिस ने उप-मंडल कनीना के गांव कोटिया निवासी सुरेंद्र सिंह की फैक्टरी का सामान चोरी होने का मामला दर्ज किया है।
 सुरेंद्र सिंह कोटिया ने कहा है कि 2015 में उन्होंने फैक्टरी लगाई थी जो 2017 में घाटा होने के कारण बंद कर दी गई। अब 2021 में पंजाब की पार्टी को कुछ स्पेयर पार्ट और सामान तो बेच दिया किंतु कुछ सामान अभी वहीं पड़ा हुआ था। कंपनी बंद होने के कारण चारों तरफ से दीवारें हटाई जा चुकी है, ऐसे में यह सामान खुले में पड़ा हुआ था। सुरेंद्र ने कहा है कि वह 1 सप्ताह यम 10 दिन में एक बार सामान देखने के लिए जाता रहा हूं लेकिन 10 सितंबर को कंपनी के पड़े सामान को जाकर चेक किया तो स्पेयर पार्ट, 2 मोटर, लोहा केबल हाइड्रोक्लीन तेल आदि अज्ञात व्यक्ति चोरी कर ले गया। उनकी शिकायत पर कनीना पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


पुलिस भर्ती के लिए महेंद्रगढ़-रेवाड़ी में बनाये जाए केंद्र
-हर प्रकार की परीक्षा के कंद्र बनाये जाये आस पास जिलों में
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 कनीना। आगामी 18- 19 सितंबर को लड़कियों के लिए पुलिस में भर्ती होने के लिए हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों में टेस्ट आयोजित किए जा रहे हैं किंतु जिला महेंद्रगढ़ की लड़कियां यमुनानगर टेस्ट देने के लिए जाएंगी। जिसको लेकर भारी रोष है। कनीना क्षेत्र के रोहतास, मनेंद्र, विजेंद्र ,रवि कुमार, दिनेश आदि ने खेद जताते करते हुए कहा कि महेंद्रगढ़ एवं रेवाड़ी जिलों में पर्याप्त स्कूल एवं संसाधन उपलब्ध है किंतु जानबूझकर विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए दूरदराज भेजा जाता है। प्रत्येक विद्यार्थी पहले ही गरीब हालात में होता है और उन पर गाड़ी ले जाने का खर्चा 5 से 7 रुपये प्रति विद्यार्थी आता है। ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की है कि परीक्षा केंद्र महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी में बनाए जाए। पहले भी परीक्षा केंद्र कुछ समय के लिए तो रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में बनाए गए थे किंतु फिर से सभी परीक्षाएं दूरदराज करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा  कि हर प्रकार की परीक्षा के लायक महेंद्रगढ़- रेवाड़ी जिले है। रेवाड़ी जिला तो बहुत एडवांस जिला है किंतु कभी भी रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में विभिन्न प्रकार की परीक्षाएं आयोजित नहीं कराई जाती जबकि विद्यार्थियों को दूरदराज जाने के लिए बाध्य कर दिया जाता है जिससे धन और समय की बर्बादी होती है, आने को दुर्घटनाएं घटती है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सभी प्रकार के परीक्षा केंद्र रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिले में बनाई जाये।  उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि नीट की परीक्षा के लिए भी रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिले में कोई परीक्षा केंद्र स्थापित नहीं किया जिसके चलते छोटे विद्यार्थियों को 12वीं पास विद्यार्थी को भारी परेशानी झेलते हुए गुडग़ांव और दिल्ली जैसे क्षेत्रों में जाने को मजबूर होना पड़ा जहां जाम की समस्या तथा आने जाने में विद्यार्थियों को भारी समय गंवाना पड़ा।




  मातृभाषा हिंदी
















लिखने व बोलने में सरल
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 कनीना। चीनी भाषा के बाद सर्वाधिक बोली जाने वाली एवं समझी जाने वाली भाषा हिंदी है। भारत ही नहीं अपितु कई देशों में हिन्दी को बोलने वाले 70 करोड़ से भी अधिक लोग हैं। जफरनामा 1424 में भी हिन्दी प्रयोग की गई है। ऐसे में हिंदी की उपेक्षा क्यों है? यदि हिंदी को बोलने व लिखने के अलावा कामकाज में प्रयोग की जाए तो इससे आसान अन्य कोई भाषा नहीं है।
  14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी देवनागरी को राजभाषा का दर्जा दिया था। बहुत सी  विशेषता होते हुए भी कुछ लोग हिंदी की बजाय अंग्रेजी को वरीयतता देते हैं। हिंदी में शिक्षा पाने वाले जन किसी भी भाषा में शिक्षा पाने वालों से कम नहीं है और इस भाषा को मातृभाषा का दर्जा दिया हुआ है। यह वहीं भाषा है जिसे एक मां अपने बच्चे को सिखलाने में प्रयोग करती है। मां की जुबान से सीखी हुई भाषा भी हिंदी ही है। इस संबंध में कुछ जनों से हिंदी के विषय में चर्चा की तो उनके विचार बेहतर पाए गए।
 पूर्व मुख्याध्यापक कंवरसेन वशिष्ठ का कहना है कि किसी भी जगह अगर एक शुद्ध हिंदी बोलने वाला जन वो सम्मान नहीं पा सकता है जो एक अंग्रेजी बोलने वाला पा सकता है। इसका अर्थ यह है कि सम्मान से भी क्या भाषा का संबंध है। हकीकत कुछ और ही है। हिंदी में बोलने वाला व्यक्ति भी बेहतर सम्मान पाता है। प्राय: देखने में आता है कि अभिभावक भी अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा देने वाले संस्थानों में भेजना पसंद करते हैं। इसका अर्थ यह भी है कि लोग अभी भी अंग्रेजी के मोहपाश में उलझे हुए हैं। उन्होंने हिंदी को अपनाने पर बल दिया।
 लघु व्यापारी महेश कुमार का कहना है कि हिंदी एक सरल एवं आसानी से सीखी जाने वाली भाषा भी है। हिंदी को इसलिए भी आसान भाषा कहा जा सकता है कि विदेशी जन भी हिंदी को झटपट बोलने लग जाता है। हिंदी को अंग्रेजी की बजाय अति मृदु भाषा कहा जाता है। वैसे भी संस्कृत भाषा से निकली हुई हिंदी देवभाषा का अनुकरण कर रही है। उन्होंने कहा कि हिंदी को पूर्णरूप से प्रयोग किया जाए।
  युवा सवाई सिंह का कहना है कि एक वक्त था जब विभिन्न टेस्ट अंग्रेजी माध्यम में संपन्न होते थे किंतु आज के दिन विभिन्न टेस्ट हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में पूछा जाता है। कुछ अपवाद जरूर हैं जिनका हिंदी में रूपान्तरण कर पाना कठिन होता है। सबसे बड़ी बात यह होगी कि जिस देश की मातृभाषा हिंदी हो उस भाषा को सीखकर इंसान किसी पद को धारण करता है तो उसे अपार खुशी होगी। इसका मतलब यह नहीं है कि किसी अन्य भाषा का ज्ञान अनुचित है। किसी भी भाषा को सीख लेने में कोई बुराई नहीं होती है। उन्होंने ऐसे में हिंदी को पूर्णरूप से अपनाने पर बल दिया।
 डाकघर के एजेंट शिवचरण का कहना है कि  हिंदी और देश के नागरिकों ने न केवल कई बड़ी सभाओं में अपितु विदेशों में जाकर भी हिंदी को जुबान से अलग नहीं किया और एक अपनी अमिट पहचान बनाई है। यदि शिकागो में स्वामी विवेकानन्द का हिंदी में दिया गया भाषण याद करे तो आज भी हर पीढ़ी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं और मुख से केवल वाह-वाह ही निकलेगी। ऐसे में हिंदी ही हर जगह प्रयोग होनी चाहिए।
महेशकुमार, शिवचरण, कंवरसेन वशिष्ठ सवाई सिंह की फोटो साथ हैं।

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