कैमला में एसडीएम कनीना ने किया निरीक्षण, की कार्यों की सराहना
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कनीना। कनीना उपमंडल अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया जिसके अंतर्गत राजकीय माध्यमिक विद्यालय कैमला में पहुंचे जहां पर अध्यापक उपस्थिति और कक्षा- कक्ष में बच्चों के दैनिक होमवर्क, उपस्थिति तथा बेसिक सामान्य जानकारी से संबंधित अनेकों प्रश्न पूछे गए जिनका बच्चों ने आत्मविश्वास के साथ जवाब दिया और नवीनतम शैक्षिक गतिविधियों के बारे में बच्चों और अध्यापकों को प्रेरित किया। इसके साथ -साथ एम डी एम की गुणवत्ता और साफ- सफाई और स्वच्छता आदि को देखकर सराहना करते हुए बताया यह विद्यालय वास्तव में बहुत ही सुंदर हरा -भरा और प्राकृतिक वातावरण पढ़ाई के बिल्कुल अनुकूल है। सभी विद्यार्थियों को यहां मन लगाकर के अपने गुरुजनों के सानिध्य में निरंतर पढ़ाई करनी चाहिए क्योंकि शिक्षा ही जीवन में उन्नति का एकमात्र लक्ष्य है। हमें विभाग द्वारा आयोजित होने वाली सभी प्रकार की एक्टिविटी में अपनी सहभागिता को सुनिश्चित करना चाहिए। विद्यालय की शैक्षिक प्रगति रिपोर्ट और सौंदर्य को देख कर मौलिक मुख्याध्यापक वीरेंद्र सिंह जांगिड़ के कार्यों की प्रशंसा की और बताया कि यह विद्यालय सब-डिवीजन में यह बेहतर है। प्रत्येक कार्य और शैक्षिक प्रगति रिपोर्ट की सराहना की तदुपरांत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुढ़ा में गए और वहां भी सब कुछ ठीक-ठाक मिला साथ पढ़ाई से संबंधित अनेकों जानकारी अध्यापकों और बच्चों को दी कि प्रत्येक व्यवस्था को ठीक करना एवं बच्चों को पढ़ाना अध्यापक की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। हम सभी ने अपने कर्तव्य को पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी के साथ करना चाहिए क्योंकि बच्चे ही देश का भावी भविष्य हैं देश का गौरव इन्हीं पर है। समाज और देश की प्रगति, समृद्धि इन्हीं पर निर्भर है। इसलिए अध्यापक को राष्ट्र निर्माता कहा गया है। हमें अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने दायित्व को पूर्ण निष्ठा के साथ करना चाहिए। इस अवसर पर वीरेंद्र सिंह कार्यालय स्टेनो आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 7: कैमला स्कूल का दौरा करने के बाद मुख्याध्यापक से बात करते एसडीएम।
अब केले खाना भी गरीबों का बना सपना
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कनीना। किसी जमाने में केले पेट भरने का उत्तम साधन तथा गरीबों की पहुंच में होते थे किंतु अकेले खाना गरीब तबके से दूर होता जा रहा है। थोक विक्रेता 70 दर्जन तक केले बेच रहे हैं ऐसे में ठेले पर केले बेचने वाले मजबूर और महंगे दामों पर तेल बेच रहे हैं। फलों के भाव सुनकर आम व्यक्ति तो क्या मध्यमवर्ग भी अब दूर हटने लग गया है।
कनीना के केले के शौकीन महेश, दिनेश, कुलदीप, मनोज, इंद्रजीत आदि ने बताया कि 10 से 20 रुपये दर्जन पके हुए केले उपलब्ध हो जाते थे और बड़े चाव से खेल खाते थे। यहां तक कि युवा वर्ग स्कूल विद्यार्थी, कालेज के विद्यार्थी समय निकालकर जरूर खाते थे। भर्ती होने के लिए जाना होता, सेहत बनानी होती तो दूध में डालकर जरूर खाते देखे गए थे।
शिव कुमार,प्रदीप कुमार, अशोक आदि ने बताया कि केले दूसरे जिलों से मंगवाए जा रहे हैं। केलों के भाव बढऩे के पीछे बाढ़ का आना भी माना जा रहा है। केले के थोक विके्रेता विकास भारद्वाज ने बताया कि वे केले बुरहानपुर
नांदेड महाराष्ट्र से मंगवाते थे। वहां बाढ़ आने से केले के पेड़ नष्ट हो गए और भाव कच्चे केेलों के ही बढ़ गये हैं इसलिए पके हुए केले में के दामों में वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि अब केले लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश से भी के लिए मंगवाए जा रहे किंतु इनसे भी पूर्ति न होने से रोहतक गुडगांव, झज्जर आदि से मंगवाए जाते हैं ताकि खाने को गरीबों को मिल सके। अकेले ही नहीं यदि किसी भी अन्य फल पर नजर डाले तो पता चलता है कि सेब 120 रुपये किलो अमरूद
भी 50 रुपये किलो से कम नहीं मिलते। यही हालात सब्जियों की है और आम व्यक्ति का जीना दूभर हो गया है। गरीब तबके से अब केले से दूर होता जा रहा है। केले बेचने वाले शिव कुमार ने बताया कि कभी केले 5 रुपये दर्जन के हिसाब से बेचते थे किंतु अब 60 रुपये दर्जन से कम नहीं बेचे जाते हैं।
फोटो कैप्शन 11: ठेले पर केले बेचता हुआ युवा।
हिंदू और मुसलमान के प्यार की मजार है बाबा दयाल का मेला
-आधा दर्जन गांवों में लगे मेले
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कनीना। हिंदू और मुसलमान के प्यार की सामूहिक मजार है गांव धनौंदा स्थित बाबा दयाल। ये विचार पूर्व सरपंच ठाकुर रतन सिंह तंवर, राजेंद्र सिंह नंबरदार, पूर्व पंच सुनील कुमार पूर्व आदि लोगों ने व्यक्त करते हुये बताया कि बाबा दयाल का मेला गांव धनौंदा में पिछले लंबे समय से लगता रहा है जिसमें क्षेत्र के ही नहीं बल्कि देश विदेश तक के हजारों तादात में लोग आकर बाबा की मजार पर माथा टेकते हैं और अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए दुआ मांगते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस मजार पर हिंदू और मुसलमान दोनों ही एक साथ पूजा अर्चना करते हैं क्योंकि यह मजार किसी जाति व धर्म विशेष की नहीं है। आठ सितंबर को आयोजित मेला आपसी प्रेम छोड़ गया है। आयोजित मेले में विभिन्न खेल आयोजित हुये वहीं दिनभर मेला चला।
वृक्ष हमें समय-समय पर कुछ ना कुछ देते रहते हैं
-इनको देवता कहना भी कोई अतिशयोक्ति नहीं-एसडीएम
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कनीना। वृक्ष हमारे को जीवन दान देते हैं इसलिए हमें वृक्ष अवश्य ही लगाने चाहिए ताकि हमारा आने वाला जीवन स्वस्थ व सुरक्षित रह सके। ये विचार कनीना के एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने खंड के गांव गुढा में त्रिवेणी लगाने के उपरांत व्यक्त किए।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में चाहे सुख का समय हो या दुख का हमें वृक्ष अवश्य ही लगाने चाहिए क्योंकि वृक्ष वह यज्ञ है जो किसी एक के लिए नहीं बल्कि मानव जाति के साथ साथ पशु पक्षियों के लिए भी अति महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि वृक्ष हमारे से कभी कुछ नहीं लेते बल्कि वह सदा हमें कुछ ना कुछ देते रहते हैं। जिस प्रकार खाने के लिए फल, बैठने के लिए छाया, जीने के लिए शुद्ध वातावरण देते हैं। इसलिये बड़ और पीपल को देवता भी कहा गया है क्योंकि यह हमेशा देते हैं और इनकी उम्र भी लंबी होती है। इसलिए हमें अपने जीवन में बड़ पीपल को अवश्य ही महत्व देना चाहिए। इसके उपरांत एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने गुढ़ा में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण भी किया जिसमें सब कुछ ठीक पाया गया।इस अवसर पर इनके साथ कार्यालय स्टेनो वीरेंद्र सिंह उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 8: गुढ़ा स्कूल में पौधारोपण करते एसडीएम कनीना।
पीला रतुआ ने खराब की मूंग की फसल
- महज 250 एकड़ में बची है मूंग
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कनीना। पहली बार किसानों ने क्षेत्र में जमकर में मूंग बोया किंतु पीला रतुआ रोग आने से लगभग किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। आंकड़ों के अनुसार 90 फ़ीसदी फसल मूंग की फसल बर्बाद हो गई है। महज 250 एकड़ पर मूंग की फसल ठीक-ठाक बची है जबकि 3000 एकड़ पर किसानों ने मूंग की बिजाई की थी।
किसान बेहद परेशान है। एक और जहां अधिक बारिश होने से मूंग की फसल बर्बाद हुई है वही सफेद मक्खी के आने से यह रोग पनपा है। इसे यलो मोजाइक नाम से जाना जाता है जो सफेद मक्खी द्वारा पत्तों का रस चूसने से बनाता है।
क्या कहते किसान -मूंग उगाने वाले किसानों का कहना है कि पहली बार उन्होंने मूंग बोया था किंतु अधिक बारिश एवं सफेद मक्खी पनपने तथा मूंग की किस्मों के कारण इस बार उनकी फसल बर्बाद हो गई है।
क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक-
पूर्व कृषि विस्तार अधिकारी डा देवराज का कहना है कि यह रोग पीला रतुआ नाम से जाना जाता है जो विषाणु जनित है। सफेद रंग की मक्खी जब पत्तों पर धावा बोल देती और उनका रस चूस जाती है तो यह रोग आता है। यह सफेद मक्खी अधिक बारिश के कारण भी पनपती है। उन्होंने बताया कि इस रोग का इलाज कांफिडोर नामक दवा 50 मिलीलीटर प्रति एकड़ पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।
उधर एडीओ डाक्टर देवेंद्र यादव ने बताया कि क्षेत्र की अधिकांश मूंग फसल बर्बाद हो गई है। किसानों ने पहली बार मूंग बोने का प्रयास किया था किंतु पहली बार ही उन्हें परेशानी झेलनी पड़ी है। उल्लेखनीय है कि मूंग की खेती अधिकतम 50 एकड़ तक उगाई जाती थी किंतु इस वर्ष सरकार के प्रयासों के चलते 3000 एकड़ से भी अधिक उगाई गई थी जिसमें से महज 250 एकड़ के करीब ही बच पाई है। बाकी पीला रतुआ की भेंट चढ ग़ई है
डॉक्टर देवेंद्र यादव का कहना है कि सफेद मक्खी का इलाज समय पर किया जाए तो मूंग को बचाया जा सकता है। बहरहाल अब बहुत देरी हो चुकी है और किसान इस मूंग की फसल को देखकर पछता रहे हैं।
फोटो कैप्शन 5:पीला रतुआसे ग्रसित मूंग की फसल।
अब नहीं लगती कोरोना वैक्सीन लेने वालों की लाइन
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कनीना। कनीना उप-नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन 200 से 250 वैक्सीन लगाई जा रही है। कभी लंबी-लंबी कतारें लगती थी और भारी परेशानी का सामना करके ही वैक्सीन लगवाई जाती थी किंतु अब तो इतनी लंबी लाइन नहीं लगती और न ही भीड़ लगती।
कंप्यूटर आपरेटर पवन कुमार ने बताया कि अप्रैल माह में जहां कोरोना वैक्सीन लेने वालों की संख्या अधिक होती थी, इसलिए मारामारी चलती थी परंतु धीरे-धीरे कोरोना वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या घटती चली गई। अब न तो भीड़ लगती है और आराम से कोरोना वैक्सीन ली जा सकती है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 250 वैक्सीन तक लगाई जाती हैं।
प्राकृतिक प्रकोप के कारण नष्ट हुई मूंग एवं बाजरा की फसल का मुआवजा दे सरकार- बोहरा
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कनीना। व्यापारी एकता मंच प्रधान एवं समाजसेवी महेश बोहरा ने कहा कि बाजरे की फसल के लिए किसान बिजाई के समय तो बारिश की कमी के कारण लगातार बार-बार बिजाई कर-करके परेशान रहे थे जबकि बाद में अधिक बारिश के कारण लगभग पकी हुई बाजरे की फसल खराब हो रही है। कटाई की गई बाजरे की फसल पूर्णतया खत्म हो गई है।
अब किसान को बद से बदतर बनाने की कसर प्राकृतिक प्रकोप के कारण होती जा रही है। मूंग की फसल पीली पडऩे के बाद नष्ट हो रही। व्यापारी एकता मंच के प्रधान एवं समाजसेवी महेश बोहरा ने किसानों के नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से अविलंब मुआवजे की मांग करते हुए कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान है और कृषि प्रधान देश की अर्थव्यवस्था खेती पर ही निर्भर है। लगातार दो साल से करोना महामारी के कारण पहले ही अर्थ व्यवस्था चरमराई हुई थी। अब बाजरे व मूंग की फसल नष्ट होने से बाजारों में बहुत ज्यादा प्रभाव देखने को मिल रहा है। श्री बोहरा ने कहा कि पहले ही व्यापार बहुत ज्यादा मंदे चल रहा है। अब इस सीजन की फसल अच्छी ना होने से और भी चिंताजनक हालात हो सकते हैं। इस कारण सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए फसलों का मुआवजा जल्द से जल्द दिया जाए ताकि किसान भावी फसल सरसों व गेहूं की बिजाई की तैयारी कर सकें।
फोटो कैप्शन : महेश बोहरा।
फैशन डिजाइन कोर्स की वर्तमान युग में बड़ी मांग-महिपाल सिंह
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कनीना। कन्या राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुंदराह में सरकार द्वारा (एनएसक्यूएफ) संचालित फैशन डिजाइनर का उद्घाटन प्राचार्य महिपाल सिंह द्वारा किया गया। इस प्रकार की लैब कनीना उपमंडल में प्रथम है।
इस अवसर पर महिपाल सिंह प्राचार्य ने कहा कि वर्तमान युग में फैशन डिजाइन कोर्स की मांग है। यह एक ऐसा कोर्स जो स्वरोजगार प्रदान करता है। इसके बल पर अपनी आजीविका चलाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कोर्स ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध करवाकर विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाया है। इस अवसर पर चेतन शर्मा शिक्षक ने बताया कि इस कोर्स के अंतर्गत बीना हुड्डा के मार्गदर्शन में सैकड़ों छात्र छात्राएं अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं। विद्यालय जिला एवं राज्य स्तर पर फैशन डिजाइनिंग में कई बार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुका है। इसके अंतर्गत कक्षा नौवीं के छात्र-छात्राएं इस विषय को चुनकर 12वीं तक 4 वर्ष में डिप्लोमा प्राप्त कर सकते हैं। इस डिप्लोमा के बाद भविष्य में विद्यार्थी डिग्री कोर्स भी कर सकते हैं जिससे स्वरोजगार का मार्ग प्रशस्त होता है। इस कोर्स को करने के बाद विद्यार्थी धन की बचत कर सकते हैं इस अवसर पर समस्त स्टाफ एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन एक: प्राचार्य महिपाल सिंह संबोधित करते हुए
दो: छात्राएं फैशन डिजाइनिंग की जानकारी लेते हुए
तीन: लैब का उद्घाटन करते प्राचार्य महिपाल।
नहर को भूमिगत करने का काम जल्द ही होगा पूर्ण-सीताराम
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कनीना। अटेली विधायक सीताराम यादव ने बताया कि जल्द ही कनीना बस स्टैंड से गुजरने वाले रेवाड़ी मोड़ से अटेली मोड़ तक मार्ग को चार मार्गी बना दिया जाएगा। क्षेत्र में वाहनों का दबाव अधिक होता है तथा परेशानी स्वाभाविक है। इसके बाद जाम आदि की समस्या नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि वे इस कार्य में जुटे हुए हैं। उधर उन्होंने कनीना मंडी से गुजरने वाली नहर के भूमिगत करने के मसले में बताया कि पैमाइश का कार्य पूरा हो गया है। अब नहर की जमीन के बीच से नहर को पाइपों द्वारा गुजारा जा रहा और दोनों तरफ आवागमन के रास्ते होंगे। उन्होंने बताया कि जन स्वास्थ्य के उच्च अधिकारियों से बातचीत हुई है और यह कार्य फिर से प्रगति पर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य को अंजाम देने के लिए डेढ़ वर्षों से प्रयासरत थे, दो बार यह प्रोपोजल रद्द भी हुआ किंतु आखिर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसे पूरा करने का आदेश दे दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार न केवल कनीना बस स्टैंड से वाहनों का दबाव घटेगा अपितु नहर के भूमिगत नहर के ऊपर से पगडंडी भी बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि कनीना मंडी से गंदगी भी साफ हो जाएगी और लोगों को बेहतर सुविधा मिल पाएंगे। उन्होंने इस कार्य की सराहना की और कहा कि इस काम को जल्द ही पूरा कर दिया जाएगा। क्षेत्र के बहुत से लोगों की मांग अनुसार नहर का जमीन के मध्य से नहर को भूमिगत किया जाएगा तथा दोनों तरफ सड़क मार्ग बनेंगे। क्षेत्र के लोगों ने प्रसन्नता जाहिर की है कि नहर के भूमिगत होने के बाद उनकी जमीन के रास्ते उनको मिल जाएंगे जो नहर के दूसरी ओर लगती है।
फोटो कैप्शन: सीताराम विधायक।
रात को अज्ञात चोर हजारों के जेवरात एवं नकदी चोरी कर ले गया
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कनीना। दौंगड़ा अहीर निवासी रतन सिंहने दौंगड़ा पुलिस चौकी में मामला दर्ज करवाया है कि उनके घर में अज्ञात चोर रात्रि को सोने चांदी के जेवरात तथा नकदी चोरी कर ले गया।
उन्होंने पुलिस में बताया कि छह सितंबर की रात्रि को अज्ञात चोर घर में घुस कर घर में रखे दो तोला सोने के गहने, करीब 260 ग्राम चांदी के आभूषण घर तथा 700 रुपये की नकदी जेब से निकाल ले गया। दौंगड़ा पुलिस ने अज्ञात चोर के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया। हजारों रुपये की चोरी के सामान का अनुमान है।
सोये हुये लोगों का दरवाजा बाहर से बंद कर जेवरात तथा स्कूटी कर ले गये चोरी
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव सीहोर में रात को मकान में सोए हुए लोगों के कमरे का दरवाजा बंद कर दूसरे कमरों में रखी हुई जेवरात तथा खड़ी हुई स्कूटी अज्ञात चोर चोरी कर ले गए। पायल नामक महिला ने मामला दर्ज करवाया है और बताया कि उसका पति आर्मी में काम करता है। घर पर उसकी सास तथा वो रहते हैं। अज्ञात चोरों ने उस कमरे का दरवाजा बंद कर दिया जिसमें पायल एवं उनकी सास सो रही थी। करीब चार लाख रुपये के जेवरात तथा स्कूटी चोरी कर ले गये । पुलिस ने अज्ञात चोरों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। पायल ने कहा है कि सीहोर में प्रताप सिंह के मकान से भी अज्ञात चोर चोरी कर ले गए।
बारिश ने की सभी
मार्ग जर्जर
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कनीना। कनीना क्षेत्र के विभिन्न सड़क मार्ग बारिश ने जर्जर कर दिये हैं। जिसके चलते आवागमन परेशानी हो रही है। कनीना बस स्टैंड समक्ष रेवाड़ी टी-प्वाइंट से अटेली टी-प्वाइंट तक मार्ग अति जर्जर हो गया है वहीं कनीना अनाज मंडी का मार्ग जर्जर हो गया है। कनीना मंडी से भीम सिंह, मुकेश सिंह नंबरदार रमेश कुमार, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि एक अक्टूबर से बाजरे की खरीद होनी शुरू हो जाएगी किंतु मार्ग अति जर्जर हो गया है। कनीना मंडी मार्ग रेलवे स्टेशन तक पहुंचता है जिसमें आधा मार्ग नगर पालिका के तहत तथा आधा मार्ग मार्केट कमेटी के तहत आता है।
नगर पालिका मार्ग पेंटर जर्जर हो गया जिस पर चलना कठिन हो गया है। ऐसे में उन्होंने मांग की है कि मार्ग की सुध ली जाए।
फोटो कैप्शन 12: कनीना मंडी का जर्जर मार्ग।
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