एसडीएम स्तर की समिति करेगी सभी स्कूलों की बसों की जांच
--हर प्रकार से दुरुस्त बसें ही चल पाएंगी
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कनीना की आवाज। जिला उपायुक्त नारनौल मोनिका गुप्ता ने सभी एसडीएम को उप मंडल स्तर पर एक कमेटी गठित कर सभी स्कूलों की बसों को जांचने की आदेश जारी कर दिए हैं। जीएल पब्लिक स्कूल कनीना की एक बस के 11 अप्रैल को नियमों का उल्लंघन करते हुए 6 बच्चों बच्चों की जान लेवा साबित हुई थी जिसके चलते यह कदम उठाया गया ह।
जिला उपायुक्त नारनौल ने आदेश दिया है कि एसडीएम स्तर की कमेटी किसी भी बस को बच्चों को लाने ले जाने के लिए तब तक न जाने दे जब तक कि वह सभी नियमों का पालन नहीं कर रही हो, हर प्रकार से सुरक्षित हो। यह भी आदेश दिया है कि एसडीएम अपने कैंपस या अन्य स्थल पर बसों की जांच करें साथ में विभिन्न अधिकारियों को भी सूचित कर दिया है।
सड़क हादसे को लेकर विभिन्न लोगों ने निकाला कैंडल मार्च
-6 बच्चों के मरने का हादसा
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कनीना की आवाज। आज सभी सामाजिक संगठनों के द्वारा कनीना अंबेडकर चौक से नेताजी मेमोरियल क्लब तक कैंडल मार्च निकालकर स्कूल हादसे में मृतक सभी बच्चों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर दर्दनाक हादसे में मृतक बच्चों की आत्मा को भगवान शांति की प्रार्थना की और उनके परिवार जनों को यह दुख सहने की ताकत देने की प्रार्थना की। घायल बच्चों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना भी की।
इस कड़ी में हिंदू जागरण के जिला सयोजक महेश बोहरा द्वारा कहा गया कि जो नन्हे नन्हे बच्चे अभी दर्द से जूझ रहे हैं अस्पताल से जल्दी ठीक होकर उनके घर वापस आने की कामना की और मृतक परिवार जनों को दुख की भयंकर पीड़ा को सहने का भगवान हौसला दे और भगवान इन छोटे-छोटे बच्चों की आत्मा को शांति प्रदान करें। इस मौके पर सुरेश कुमार, पूर्व पार्षद मनीष यादव, बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एडवोकेट दीपक चौधरी, जनशक्ति विकास संगठन के सदस्य अमित कुमार वशिष्ठ, भारत विकास परिषद के पूर्व प्रधान मोहन सिंह, राकेश यादव, गुरुदेव, धर्मेंद्र, ब्राह्मण सभा के प्रधान डा. रवि ,सुरेश शर्मा, मार्केट कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार यादव, धनुष शर्मा, मनोज शर्मा, संत कुमार ,नीरज चीकू चौधरी, नरेश ,रघुराज, पंकज, गोविंद यादव, श्याम सुंदर महाशय, एडवोकेट मनोज शर्मा कृष यादव केशव यादव जतिन यादव आशीष यादव, विकास यादव हर्ष यादव डा. पवन कांगड़ा, मास्टर नेम सिंह मौजूद रहें।
फोटो कैप्शन 11: कनीना क्षेत्र के लोग कैंडल मार्च निकालते हुए।
सड़क हादसे के मामले में गिरफ्तार आरोपितों को पुलिस ने रिमांड पर लिया
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कनीना की आवाज। वीरवार को उन्हानी के पास सड़क हादसा हो गया था, हादसे में 6 बच्चों की मृत्यु हो गई थी। बस चालक ने शराब का सेवन किया हुआ था, शराब के नशे में चालक बस चला रहा था। पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा के निर्देशानुसार पुलिस द्वारा मामले में तत्परता से कार्रवाई की गई और आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ आईपीसी और मोटर व्हीकल एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा के दिशा-निर्देशों में मामले में कार्रवाई के लिए डीएसपी कनीना के नेतृत्व में सीआइए महेंद्रगढ़, थाना शहर कनीना की टीमों का गठन किया गया। एसपी निर्देशानुसार गठित टीम ने बस चालक धर्मेंद्र वासी सेहलंग, स्कूल प्रिंसिपल दीप्ति वासी कनीना और होशियार सिंह वासी कनीना स्कूल के सचिव को गिरफ्तार किया। जिन्हें आज न्यायालय में पेश कर 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस द्वारा आरोपितों से पूछताछ की जा रही है।
स्कूल की कक्षा बारहवीं की छात्रा की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। छात्र ने बस चालक, स्कूल प्रिंसिपल और स्कूल प्रशासन के खिलाफ शिकायत दी। छात्रा ने बताया कि बस चालक शराब पिये हुए था। जिसको बार बार बस धीरे चलाने की कहने पर भी बस तेज चला रहा था और उन्हाणी के पास बस पलट गई और पेड़ के टकराने से बस में बैठे बच्चे घायल हो गए और कुछ मौके पर ही मर गए। गांव खेड़ी तलवाना में बच्चों के परिजनों ने बस चालक के शराब के नशे में होने के कारण बस की चाबी ले ली थी और इस बारे में स्कूल प्रशासन से बात करने पर स्कूल प्रशासन ने अंजाम भुगतने को धमकी दी। जिसके बाद यह हादसा हो गया। छात्रा में शिकायत में बताया कि स्कूल बस में कोई भी हेल्पर नही था और ना ही कोई महिला कर्मचारी नियुक्त थी। पुलिस ने छात्रा की शिकायत पर धाराओं के तहत थाना शहर कनीना में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।
कंडम बसें दौड़ रही हैं सड़कों पर, हो रहे हैं हादसे
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कनीना की आवाज। गुरुवार को हुए सड़क हादसे के विषय में सेवानिवृत्त प्राचार्य और प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश पाली का कहना है कि यह घटना स्तब्ध करने वाली है। कल से मां, बहनों की चीख हृदय को झकझोर रही है। पूरे घटनाक्रम का प्रत्यक्षदर्शी रहा हू। महेंद्रगढ़ मे बस में जले हुए विद्यार्थी भी देखे थे और अब फिर छह लाल काल के गाल में समा गए। स्कूलों की लापरवाही का शिकार हो गए 30 से अधिक जिन्दगी मौत से संघर्ष कर रहे है। घटना ने परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह लगा दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नवंबर-दिसंबर मास में गुप्तचर विभाग ने महेंद्रगढ़ जिले में लगभग 2100 स्कूल बसों व अन्य बस जो सड़क पर दौड़ती हैं उनमें से 388 बसों की नम्बर सहित जानकारी परिवहन विभाग को उपलब्ध कराई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि इन बसों के कागजात पूरे नहीं है और यह निरंतर सड़क पर दौड़ रही है। परंतु गोलमाल के चलते परिवहन विभाग ने किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की। केवल स्कूल बस ही नहीं अपितु अन्य प्राइवेट वाहन भी आज भी सड़कों पर कागज पूरा न होने की अवस्था में भी दौड़ रहे हैं। यह क्षति अपूरणीय है परंतु भविष्य में कोई ऐसी घटना ना हो किसी परिवार के साथ ऐसा हादसा ना हो, इसके लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए और जो अधिकारी मिली भगत करके इस प्रकार के वाहनों को चलने की इजाजत देते हैं ऐसे अधिकारियों पर केस दर्ज करते हुए उन्हें नौकरी से निकाला जाना चाहिए। यह घटना शिक्षा जगत पर एक कलंक है जिसे आसानी से नहीं मिटाया जा सकेगा।
फोटो कैप्शन: कैलाश पाली
रोस्टर अनुसार की जाएगी सरसों की खरीद
-13 अप्रैल को होगी कुछ गांवों के किसानों की सरसों की खरीद
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कनीना की आवाज। सचिव एवं कार्यकारी अधिकारी मार्केट कमेटी कनीना नकुल यादव ने कहा है कि किसने कि किसानों की सरसों की खरीद 5650 रुपये प्रति पर क्विंटल की जा रही है। 8 क्विंटल प्रति एकड़ के अनुसार सरसों की खरीद की जाएगी। गांवों का रोस्टर लागू कर दिया है। एक दिन में अधिकतम 25 क्विंटल सरसों बेची जा सकती है। जिन किसानों का नंबर जिस दिन होता है वो सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक किसी भी समय अपनी फसल मंडी में ला सकता है। जिन किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन पोर्टल मेरी फसल मेरा बुरा के तहत करवाया केवल वही किसान नई अनाज मंडी में अपनी सरसों लेकर आए ।
उन्होंने बताया कि 13 अप्रैल को अगिहार, दौंगड़ा जाट, गोमली, गुढ़ा, झाड़ली और झीगावन के किसानों की सरसों की खरीद होगी।
उधर पुरानी अनाज मंडी में गेहूं के ढेर लग गए हैं। गत दिनों से किसान ढेरियां लगा रहे किंतु सरकारी खरीद अभी तक वेयरहाउस द्वारा नहीं की गई है। इस संबंध में कनीना मंडी व्यापार मंडल प्रकोष्ठ रविंद्र बंसल ने बताया कि बारदाना अभाव के कारण वेयरहाउस गेहूं की खरीद नहीं कर रहा है। उन्होंने खेद जताते हुए कहा है कि किसानों की गेहूं की खरीद अविलंब हो।
विभिन्न नेता पहुंचे सड़क हादसे में पीडि़त परिवारों के पास सभी ने जताया शोक
---हादसा नहीं हत्या करार
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कनीना की आवाज। गुरुवार को कनीना उपमंडल के गांव उन्हाणी के पास भीषण सड़क हादसे में 6 बच्चों की मौत हो गई थी जिसमें जीएल पब्लिक स्कूल कनीना के सभी बच्चे थे। घटना के बाद धनौंदा और झाड़ली में मातम छाया हुआ है। विभिन्न नेता पहुंच रहे हैं। आज दोनों ही गांवों में शोक संतप्त परिवारों को सांत्वना देने कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा, श्रुति चौधरी, अनीता यादव,राव नरेंद्र सिंह, राव दान सिंह जगदीश यादव, कै. अजय सिंह,भाजपा से संतोष यादव, चौधरी धर्मवीर, रामविलास शर्मा के अतिरिक्त विभिन्न नेताओं ने दोनों परिवार को सांत्वना दी।
इस मौके पर दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पूरा ही देश इस घटना से दुखी है, उनकी यादगार में ऐसी दुर्घटना कभी नहीं हुई थी। उन्होंने पीडि़त परिवारों को शौक सांत्वना दी और साथ में घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ लाभ की प्रार्थना की।
उन्होंने इसे महज दुर्घटना ही नहीं हत्या करार देते हुए कहा कि करीब 6 महीने से ड्राइवर की शिकायत की जा रही थी तथा जिस दिन हादसा हुआ उस दिन भी वो शराब पीकर गाड़ी चला रहा था। एक जगह गाड़ी रूकवाई गई चाबी भी छीन ली गई किंतु चाबी वापस दे दी गई। उन्होंने कहा कि इस घटना में कोई भी दोषी नहीं बचना चाहिए।
उन्होंने स्कूल संचालक प्रशासन को दोषी करार दिया तथा स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव बताया। उन्होंने कहा कि इन प्रश्नों के घेरे में सरकार भी है। उन्होंने कहा कि मौका मिला तो वे ऐसा कानून बनाएंगे कि इस प्रकार की घटना को अंजाम देने वालों को बड़ी सजा का नियम बनाया जाएगा।
उधर श्रुति चौधरी ने कहा कि ऐसी घटनाओं से दिल दहल जाता है। जिन परिवारों ने अपने बच्चों को खो दिया है उनका दुख देखा नहीं जा सकता। इस हादसे की जितनी निंदा की जाए वह की जानी चाहिए। प्रशासन इसमें दोषी है क्योंकि छुट्टी के दिन बस चल रही थी। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस में आक्सीजन सिलेंडर नहीं थे, अस्पताल में डाक्टर नहीं थे। ऐसे में कैसे इलाज संभव हो पाएगा? नीचे से ऊपर तक सारी ढलाई करार दी जाए। उन्होंने प्रशासन को दोषी करार देते हुए कहा कि प्रशासन ने हर कदम पर ढि़लाई बरती है।
उन्होंने इस घटना को बच्चों की हत्या करार दिया और दोषियों के विरुद्ध सक्ष्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
फोटो कैप्शन 09: श्रुति यादव तथा 08:दीपेंद्र हुड्डा बोलते हुए।
स्कूल हादसे के पीडि़त परिवारों से मिलने पहुंचे दीपेंद्र सिंह हुड्डा
कहा- परिवारों पर टूटा है दुखों का पहाड़, हरसंभव मदद करे सरकार
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कनीना की आवाज। राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा आज उनहानी गांव के पास हुए स्कूल बस हादसे के पीडि़त परिवारों से मिलने पहुंचे। उन्होंने अपने बच्चों को खोने वाले परिजनों से मिलकर ढांढ़स बंधाया। सांसद दीपेंद्र ने बच्चों की दु:खद मौत पर गहरा दुख प्रकट किया और परमात्मा से प्रार्थना की कि वो परिवारजनों को ये दु:ख सहने की क्षमता दे। उन्होंने चोटिल छात्रों का हालचाल भी जाना व उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
इसके बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इस हादसे की वजह से परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पीडि़त परिवारों ने कहा कि यह हादसा नहीं बल्कि हत्या है। क्योंकि अभिभावकों ने कई बार इस ड्राइवर के विरुद्ध शिकायत भी की थी, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उसे अनसुना कर दिया। हादसे के दिन बस ड्राइवर के शराब पी रखी थी। यहां तक पता चला है कि एक गांव में लोगों ने ड्राइवर को रोक भी लिया था उससे बस की चाबी छीन ली थी। लेकिन हैरानी की बात है कि फिर भी स्कूल प्रबंधन ने उसी ड्राइवर से बस चलवाई।
सवाल यह भी है कि ईद की छुट्टी के बावजूद बच्चों को स्कूल क्यों बुलाया गया? सवाल स्कूल व्हीकल की सर्टिफिकेशन व नियमों की उल्लंघना के भी उठ रहे हैं। यानी हादसे के लिए ड्राइवर के शराब पीने से लेकर स्कूल प्रबंधन व स्थानीय प्रशासन की कई स्तर पर हुई लापरवाही जिम्मेदार है। इसलिए जरूरी है पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। ताकि सच्चाई सामने आए और परिजनों को न्याय मिल सके। परिजनों की मांग है कि एक भी दोषी बख्शा ना जाए।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि दोषियों पर ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए, जो नियमों की अनदेखी करने वाले स्कूलों के लिए सबक साबित हो। साथ ही पूरे हरियाणा की स्कूल बसों की सुरक्षा को पूरी तरह रिव्यू किया जाए ताकि भविष्य में ऐसा कोई हादसा पेश ना आए। उन्होंने सरकार से पीडि़त परिवारों के लिए हरसंभव मदद व घायल बच्चों के इलाज के लिए तमाम जरूरी व्यवस्थाएं करने की भी मांग की।
फोटो साथ है।
स्कूल वाहन हादसे में मृत मासूमों के परिजनों को सांत्वना दी
-श्रुति चौधरी ने इसे हत्या करार दिया
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कनीना की आवाज। पूर्व सांसद व वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री श्रुति चौधरी और डॉ राज सुनेश यादव ने शुक्रवार को कनीना के पास उन्हानी गांव के नजदीक स्कूल वाहन हादसे में काल का ग्रास बने मासूमों के परिजनों से मिलकर उनको सांत्वना दी। इसके अलावा उन्होंने हादसे में घायल हुए बच्चों का हाल-चाल भी जाना।
श्रुति चौधरी ने इस मौके पर कहा कि इस दु:ख की घड़ी में हम सभी पीडि़त परिवारों के साथ खड़े रहेंगे। इस दर्दनाक हादसे की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए इसकी लापरवाही के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को कानून के दायरे में लाकर कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए।
डॉ राज ने कहा कि परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करती हूं कि दिवंगत नौनिहालों की आत्माओं को शान्ति प्रदान करें और उनके परिजनों को इस दु:ख की घड़ी में शक्ति प्रदान करें। भगवान से प्रार्थना है कि बच्चों के परिवार को ये अपार पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें। उन्होंने घायल बच्चों के परिजनों से मिलकर कहा कि घायल बच्चों को यथाशीघ्र स्वास्थ लाभ की वे भगवान से प्रार्थना करती हैं।
परिवार का बुढ़ापे का सहारा चला गया उसकी भरपाई कैसे भी नही हो सकती लेकिन सरकार उनको ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहायता देनी चाहिए। इस मौके पर उनके साथ अनेक कांग्रेसी कार्यकर्ता भी रहे।
फोटो साथ है।
स्कूल सेेफ्टी का दिया जाए प्रशिक्षण
--सुरक्षा के मानकों को पूरा करे उन्हें दी जाए मान्यता-नरेश कौशिक
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कनीना की आवाज।। गुरुवार को कनीना उपमंडल के गांव उन्हाणी के पास निजी स्कूल बस हादसे में 6 बच्चों की जान जाने के बाद अब अनेक सवाल उठ खड़े हुए हैं। कुछ लोगों से इस संबंध में चर्चा की गई-
**बच्चों की सुरक्षा हमारा पहला दायित्व है चाहे वह सरकारी स्कूल में जा रहे हैं चाहे प्राइवेट में सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए आज से एक दशक पहले हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान गुरुग्राम में विद्यालयों के मुखियाओं को स्कूल सेफ्टी पर एक सप्ताह का गहन प्रशिक्षण दिया गया था। इस प्रकार के प्रशिक्षण निजी संस्थानों में भी दिए जाने चाहिए और सबसे बड़ी बात बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। विधिवत बसों की जांच की जाए तथा अगर कोई बस प्राइवेट स्कूल की सुरक्षा मानकों पर खरी नहीं उतरती है तो उसका चालान नहीं करना चाहिए बल्कि उसे बंद कर देना चाहिए या उसे स्क्रैप/ कबाड़ में डाल देना चाहिए। साथ ही बस चालक व परिचालक अनुभवी जिम्मेदार तथा प्रशिक्षित हो उसे माननीय उच्च न्यायालय की हिदायतानुसार ज्ञान होना चाहिए जिससे हमारे बच्चों को हम सुरक्षित एवं भय रहित माहौल दे सके।
--नरेश कौशिक मुख्याध्यापक एवं हादसे का प्रत्यक्षदर्शी
आमतौर पर स्कूल प्रबंधन अपने थोड़े से लालच में प्रदूषण का प्रमाण पत्र बस की सुरक्षा का प्रमाण पत्र या उसका इंश्योरेंस समय पर नहीं करवा कर बच्चों की जान को जोखिम में डालते हैं जो बाद में बड़ी समस्या के रूप में सामने आता है। इस इस हादसे में भी बस का सही मानकों पर खरी ना उतरना सबसे बड़ी खामी सामने आ रही है। इस प्रकार सरकार एवं प्रशासन को ऐसे स्कूल संचालकों पर लगाम कसनी चाहिए।
---समशेर सिंह समाजसेवी
प्रशासनिक स्तर पर समय-समय पर अगर सही ढंग से कार्रवाई हो तो इस सम प्रकार की घटनाओं पर रोक लग सकती है। इसके लिए अधिकारियों को अपने अधिकार क्षेत्र में अपनी ड्यूटियों का कड़ाई से निर्वाह करना होगा तभी बच्चों के लिए सुरक्षित एवं सद्भाव युक्त माहौल दिया जा सकेगा।
---समाजसेवी कुलदीप यादव
कहने को तो प्राइवेट स्कूलों ने बसे लगा रखी है लेकिन अनेक विद्यालयों में बसों की संख्या उनकी छात्र संख्या से कहीं काम है तथा बच्चों को भेड़ बकरियों की तरह भर कर लाया जाता है ऐसी शिकायत है। आज गांव में निकल कर आ रही है और आने वाले समय में निश्चित रूप से आम जनमानस इस घटना से सबक लेगा तथा चालकों की गलत हरकतों पर अंकुश लगाने में सहायता करेगा क्योंकि इस घटना ने पूरे प्रदेश नहीं बल्कि देश व दुनिया को हिला कर रख दिया है।
---समाजसेवी महेश बोहरा
फोटो कैप्शन: नरेश कौशिक, महेश बोहरा, समशेर सिंह, कुलदीप यादव
बस हादसे के आरोपितों को भेजा 5 दिन की पुलिस रिमांड पर
---गुरुवार को जीएल पब्लिक स्कूल की बस से 6 बच्चों की हो गई थी मौत
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कनीना की आवाज। गुरुवार को जहां कनीना उपमंडल के गांव उन्हाणी के पास जीएल पब्लिक स्कूल की बस पेड़ से टकराकर पलट गई थी जिसमें 6 बच्चों की मौत हो गई थी। इस हादसे में जहां के आरोपित स्कूल प्राचार्या दीप्ति, स्कूल सचिन होशियार सिंह, चालक धर्मेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया था। आज उनको भारी पुलिस बल की मौजूदगी में कनीना के न्यायालय में पेश किया जहां से न्यायाधीश ने उन्हें 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
उल्लेखनीय है कि जहां दिवस गुरुवार को भीषण बस दुर्घटना में 6 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी जिम दो गांव धनौंदा और 4 झाड़ली के बच्चे थे। घायल करीब 25 बच्चे घायल हो गए थे। जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। कुछ को डिस्चार्ज कर दिया गया है जबकि कुछ का इलाज अभी जारी है। दो बच्चों को आईसीयू में रखा हुआ था जिन्हें गुडग़ांव रेफर किया हुआ है। दोनों की स्थिति अभी स्थिति है।
उधर हिरासत में लिए गए आरोपित स्कूल प्राचार्य दीप्ति, सचिव होशियार सिंह तथा चालक धर्मेंद्र को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर न्यायाधीश ने भेज दिया है।
ऐसा माना जा रहा है कि बस में करीब 45 बच्चे बस में सवार थे। सही स्थिति अब पता लग पाएगी।
फोटो कैप्शन 4: आरोपितों को न्यायालय में पेश करते हुए
50-50 लाखे रुपये अनुग्रह राशि देने की मांग
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कनीना की आवाज। प्रमुख समाजसेवी अतरलाल एडवोकेट ने हरियाणा सरकार से गुरुवार को उन्हाणी गांव के निकट हुए दर्दनाक बस हादसे में मृतक बच्चों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये तथा घायलों का सरकारी खर्च पर इलाज करवाने तथा उन्हें 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता तुरंत देने की मांग की है।
अतरलाल ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भेजे ज्ञापन में कहा है कि अभी तक मुख्यमंत्री द्वारा प्रभावित परिवारों का हाल-चाल पूछने न आना और अभी तक राज्य सरकार की और से आर्थिक सहायता की घोषणा न किए जाने पर इलाके के लोगों में भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि मंत्री तथा अधिकारी घायलों का इलाज सरकारी खर्च पर करवाने की घोषणा तो कर रहे हैं परन्तु हकीकत में अभी तक प्रभावित परिवारों को ही खर्चा उठाना पड़ रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए एक नोडल अधिकारी तत्काल नियुक्त करने की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि प्रभावित शोकाकुल परिवार बहुत परेशान तथा सदमे में है। उन्हें तत्काल राज्य सरकार की तरफ से प्रोत्साहित तथा धीरज बधाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री के आने से तथा आर्थिक सहायता की घोषणा से प्रभावित परिवारों को कुछ राहत, सांत्वना तथा प्रोत्साहन मिलेगा जिसकी उन्हें तत्काल दरकार है।
रस्म पगड़ी पर ही लोगों ने हादसे का जताया शोक
-भीषण दुर्घटना पर शोक
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कनीना की आवाज। छितरोली के एक रस्म पगड़ी कार्यक्रम में भी गुरुवार को उन्हाणी के पास बस हादसे में मारे गये 6 बच्चों का शोक जताया। हुआ यूं कि प्यारी देवी हंसते बोलते हुए 101 साल की उम्र में देहांत होने पर 4 अप्रैल 2024 को शाम दाह संस्कार किया गया। दिन होने पर 12 अप्रैल 2024 को हवन करवाया गया, प्रसाद वितरण किया और उसके बाद कप्तान हजारीलाल को गांव की तरफ से सरपंच बलवान सिंह आर्य छिथरौली के द्वारा रसम पगड़ी का प्रोग्राम किया गया। इस मौके पर जीएल पब्लिक स्कूल कनीना बस एक्सीडेंट में 6 बच्चों की मौत का शोक जताते हुए दो मिनट मौन धारण करके भगवान से प्रार्थना की कि बच्चों को आत्मिक शांति और परिवारजनों को इस दुखद घटना को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। इस मौके पर कई गणमान्य जन मौजूद रहे।
उधर गुरुवार के बस हादसे के बाद विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में शुक्रवार को दो मिनट का मौन रखा वहीं निजी स्कूलों ने जहां गुरुवार को ही तीन तीन दिनों का अवकाश कर दिया। अब निजी स्कूल सोमवार को फिर खुलेंगे।
आज भी याद करते है हादसे को-
खेड़ी तलवाना के सूबे सिंह इस हादसे के प्रत्यक्षदर्शी है। उनका कहना है पास में निजी स्कूल नहीं होता तो मरने वाले बच्चों की संख्या अधिक होती। घटनास्थल के पास स्थित एक निजी स्कूल स्कूल के समस्त स्टाफ एवं विभिन्न बस चालकों ने न केवल दुर्घटनाग्रस्त बस को खड़ा किया अपितु बच्चों को निकालकर अपनी दस निजी बसों से अस्पताल तक पहुंचाया। उनका कहना है कि कुछ बच्चे तो इस हादसे को देखकर बेहोश हो गये। खेड़ी एक लड़की का इलाज गुरुग्राम चला है जो मृतकों को देखकर सदमे में आ गई थी।
फोटो केप्शन 07: दुर्घटना में मारे गये बच्चों के प्रति शोक जताते हुए रस्म पगड़ी में उपस्थित जन।
इतिहास कभी नहीं भुला पाएगा 13 अप्रैल का दिन
-जलियांवाला बाग हत्याकांड में मारे गये थे करीब 379 व्यक्ति
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कनीना की आवाज। 13 अप्रैल 1919 पंजाब के जलियावाला बाग हत्याकांड की याद दिलाता है। जब हजारों लोग घायल हो गये थे तथा करीब 379 लोग मौत के मुंह में चले गये थे। निर्दोष लोगों पर जो बैसाखी पर्व की खुशी मनाने के लिए इक_ा हुए थे और उन निहत्थों पर जनरल डायर ने गोलियां बरसाकर जघन्य अपराध किया था। इस संबंध में इतिहासकारों के विचार इस प्रकार हैं-
प्रथम विश्वयुद्ध में अंग्रेजों की मार्मिक अपील पर भारतीयों ने तन मन धन से अंग्रेजों की मदद की और विदेश जाकर शहादत दी। उस वक्त अंग्रेजों ने आश्वासन दिया था की युद्ध के बाद भारत को स्वशासन प्रदान करने की दिशा में प्रयास किया जाएगा लेकिन बदले में रोलेट एक्ट मिला । प्रथम विश्व युद्ध के दुष्प्रभाव एवं सरकार की दमनकारी नीतियों की वजह से भारतीय जनमानस में एक आक्रोश पैदा हो रहा था जिससे भयभीत होकर ब्रिटिश सरकार ने रौलेट एक्ट पास कर दिया। यह एक ऐसा काला कानून था जिसके तहत किसी भी भारतीय को ब्रिटिश सरकार संदेह के आधार पर गिर तार कर सकती थी और वह व्यक्ति अपने बचाव में ना अपील कर सकता था ना दलील कर सकता था ना वकील कर सकता था। तो स्वाभाविक रूप से इस काले कानून के खिलाफ पूरे भारत में तीव्र प्रतिक्रिया हुई और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इसके विरोध में 6 अप्रैल 1919 को राष्ट्र्रय स्तर की हड़ताल का आह्वान किया। पंजाब क्षेत्र में भी इसी तरह की पूर्ण हड़ताल रही और इस हड़ताल के दौरान ब्रिटिश सरकार ने पंजाब के बड़े नेताओं डा सत्यपाल और सैफुद्दीन किचलू को गिर तार कर लिया जिसके विरोध में अमृतसर के जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 इस्वी को बैसाखी के पर्व के दिन एक सभा बुलाने का निर्णय किया गया। इस दौरान स्वामी श्रद्धानंद के आह्वान पर गांधी जी ने 10 अप्रैल को पंजाब के लोगों से मिलने का कार्यक्रम बनाया लेकिन उनको पलवल रेलवे स्टेशन पर ही रोक लिया गया और गिर तार करके वापस मुंबई भेज दिया। सरकार की इस तरह की दमनकारी नीतियों रौलेट एक्ट के प्रतिरोध और पंजाब के लोकप्रिय नेताओं की रिहाई के लिए 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक सभा बुलाई गई और उस दिन पंजाब का लोकप्रिय त्यौहार वैशाखी भी था इस सभा में लगभग 20 हजार के करीब लोग शामिल हुए जो निहत्थे थे और शांतिपूर्ण तरीके से सभा करके सरकार से मांग कर रहे थे अपने नेताओं की रिहाई की लेकिन इसी दौरान पंजाब के गवर्नर माइकल ओ डायर के आदेश पर सेना अधिकारी जनरल डायर ने निहत्थे जनता के ऊपर बगैर चेतावनी दिए गोलियां चलवाई और यह गोलियों के खत्म होने तक जारी रही।
-- प्रो. कर्मवीर
जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को हजारों लोगों को माइकल ओ डायर मौत के घाट उतारा गया था। जो बहुत ही निंदनीय कार्य था। इसी दिन जलियांवाला बाग में एक 20 वर्ष का उद्यम सिंह भी पानी पिलाने का कार्य कर रहा था और उसने अपनी आंखों के आगे जब इस नरसंहार को देखा तो उसने शपथ ली संकल्प किया कि मैं इसका बदला लूंगा और वह बदला उसने पूरा किया। 21 साल के बाद 1940 में लंदन में जाकर तत्कालीन पंजाब के गवर्नर माइकल ओ डायर की हत्या करके बदला लिया।। तो इस तरह से जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को एक तरफ जहां आक्रामकता प्रदान की जिससे आगे चलकर क्रांतिकारी आंदोलन चला और भगत सिंह राजगुरु सुखदेव जैसे हजारों नव युवकों ने अपने प्राणों की आहुति देकर आजादी को निकट लाया गया दूसरी तरफ गांधी जी के नेतृत्व में राष्ट्र्रव्यापी आंदोलनों की पृष्ठभूमि तैयार हुई जिसके परिणाम स्वरूप असहयोग आंदोलन और आगे चलकर सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन चले और अंतत भारत को आजादी हासिल हुई।
प्रो.डा शर्मिला यादव
हर वर्ष 13 अप्रैल को जलियांवाला बाग में हुए मासूम लोगों के हत्याकांड को याद करने के लिए और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए इस दिन को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। बैसाखी के दिन 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में भारी नरसंहार की वजह से भारतीय इतिहास में जलियांवाला बाग एक प्रसिद्ध नाम और जगह बन गया । ब्रिटिश सरकार के बढ़ते अत्याचारों और रोलेट एक्ट नाम के काले कानूनों का विरोध करने के लिए जनता पंजाब के अमृतसर जिले के जलियांवाला बाग में शांति प्रिय रूप से विरोध प्रदर्शन कर रही थी। किंतु ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध किसी भी विरोध को कुचलने के लिए आमादा ब्रिगेडियर जनरल डायर ने मासूम जनता पर सैनिकों को गोलाबारी करने के आदेश दिए जिसके परिणाम स्वरूप हजारों की सं या में लोग घायल हुए तथा मारे गए । ब्रिटिश सरकार के विरोध में अपनी जान गंवाने वाले इन शहीदों की याद में यहां पर एक स्मारक बनाया गया है जो एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्थान के रूप में प्र यात है।
यह दिवस आज भी राष्ट्र को यह याद दिलाता है कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों एवं राष्ट्र प्रेमियों ने इस देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे और हमें इस स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए भरसक प्रयास करने चाहिए।
-नरेश कुमार शिक्षक
फोटो कैप्शन: प्रो डा शर्मिला, प्रो कर्मवीर तथा नरेश कुमार।
मां मंदिर बसई
--दूर दराज तक विख्यात है मां मंदिर
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कनीना। बसई गांव की पहाड़ी पर 12 वर्ष पूर्व भव्य मंदिर का निर्माण किया गया था जो आज दूरदराज भक्तों के लिए आस्था श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है। प्रतिवर्ष हजारों भक्तों ने आकर मन्नत मांगते हैं। जब जब नवरात्रे आते हैं यहां पर मेले लगते हैं और मेलों में अपार भीड़ जुटती है। ऊंची पहाड़ी पर रमणीक स्थान पर मां का मंदिर है। पहाड़ों को काटकर वहां तक पहुंचने का मार्ग बना रखा है जहां से गुजरते वक्त शकुन का अहसास होता है।
स्थापना इस मंदिर की स्थापना 10 वर्ष पूर्व माता मंदिर की भोलाराम जोशी, महाबीर जोशी एवं उनके परिजनों ने की करवाई थी। परिवार ने मां चिंतपूर्णी हिमाचल की देवी से प्रेरणा लेकर मंदिर का निर्माण करवाया है। इस मंदिर का निर्माण विशेष प्रकार के पत्थर को काटकर बनवाया गया है। करोड़ों रुपए की लागत से इस मंदिर का निर्माण किया गया है। यही कारण है कि इस मंदिर को देखने के लिए दूरदराज से भक्तजन आते हैं। इस मंदिर के निर्माण में प्रयोग की गई सामग्री एवं निर्माण कला विशिष्ट है।
मंदिर की विशेषता-
माता मंदिर में प्रतिदिन भक्तों का ताता लगा रहता है किंतु वर्ष में दो बार नवरात्रों पर जहां भीड़ जुटती है वहीं मेले लगते हैं। भक्त मां दुर्गा का लेकर के तथा विभिन्न प्रकार का प्रसाद विशेष रूप से हलवा, चना, बूंदी आदि लेकर के पहुंचते हैं और माता के चरणों में अर्पित करके मन्नत मांगते हैं। माना जाता है कि उनकी मन्नत पूर्ण होती है। समय समय पर यहां भंडारे एवं हवन आयोजित होते हैं।
मंदिर पहुंचना---
माता मंदिर में पहुंचने के लिए दादरी-महेंद्रगढ़ रोड पर आकोदा उतरकर दो किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। बसई की पहाड़ी पर मंदिर बना हुआ है जो आकर्षण का केंद्र है। कनीना से 17 किलोमीटर दूर पड़ता है। यहां पहाड़ी की चोटी पर रमणीक स्थान है। वही भव्य मंदिर देखकर सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। भक्तों के ठहरने का विशेष प्रबंध किया गया है।
चंद्र प्रकाश बसई भक्त-
चंद्र प्रकाश बसई जो फिल्मी हीरों भी हैं, का कहना है कि जब से मंदिर बना है तब से वे इस मंदिर जा रहे हैं। प्रतिदिन माता के चरणों में धोक लगाते और मन्नत मांगते हैं जिसके चलते फिल्म उद्योग में भी उनका नाम है। माता ने उनकी सभी मन्नत पूर्ण की है। उनका कहना है कि माता आने वाले सभी भक्तों पर दया बरसाती रहती है।
गोविंदराम जोशी पुजारी-
गोविंदराम जोशी का कहना है कि वे सुबह शाम माता की पूजा करते हैं। सुबह जब भी समय लगता हवन करते हैं तथा मंदिर में ही रहते हैं साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं। यात्रियों के मान स मान को देने में कोई कसर नहीं हो छोड़ते। यहां भक्त यहां आकर सारे कष्ट भुला देते हैं। मां के दर्शन कर प्रसन्न हो जाते और मन्नत मांग कर अपने अपने घरों में चले जाते हैं। उनका मानना है कि यहां पर मांगी गई मन्नत पूर्ण होती है।
फोटो कैप्शन: गोविंदराम जोशी, चंद्र प्रकाश बसई तथा मां मंदिर।
सड़क के पास पड़ी गाय का किया उपचार, हुई ठीक
--समाजसेवी की की जा रही है प्रशंसा
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कनीना की आवाज। गायों कके प्रति रहमदिली का एक बेहतरीन उदाहरण सामने आया है। हुआ यूं कि अटेली सड़क मार्ग के पास खेतों में एक गाय मरणासन्न पड़ी थी कि उस पर सतीश कुमार वीएलडीए की पड़ी। वह बेरोजगार है। उसने अपने साथियों की मदद से गाय का उपचार किया। सतीश कुमार ने उनके ड्रिप तथा कुछ इंजेक्शन लगाए। गत एक सप्ताह से लगातार इसकी सेवा कर रहा है जिसके चलते अब गाय ने उठना बैठना भूरि भूरि प्रशंसा की जा रही है। उसके गायों के प्रति लगाव को लेकर गाय की सुरक्षा हो गई है।
फोटो कैप्शन 01: गाय की सेवा करते हुए सतीश कुमार
जागो वोटर, जागो
मतदान करने से होता है अच्छे प्रत्याशी का चुनाव-सूबे सिंह
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कनीना की आवाज। लोकसभा चुनाव 25 मई को होने वाले हैं। चुनाव आयोग भी समय समय पर नये वोटर कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिनकी उम्र 18 वर्ष हो गई है उन्होंने अपने वोटर कार्ड बनवा लिये है। कुछ लोग वोट डालने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
इस संबंध में सूबे सिंह प्राध्यापक वोटरों को जागरूक करते हुए कहते हैं कि वोट जरूर बनवाना है, वोट बनवाने के लिए घर बैठे भी आनलाइन वोट बनवा सकते हैं। परंतु वोट बनवा लेने के बाद उसे डालना भी जरूरी होता है और अपने मनपसंद प्रत्याशी का चुनाव करना होता है। एक-एक वोट की कीमत अमूल्य होती है। ऐसे में वोट डालना जरूरी हो जाता है, वह डालकर हम परोक्ष रूप से अपनी सरकार को चलाते हैं। यदि वोट नहीं डालेंगे तो अपनी मनपसंद का नेता नहीं चुना जा सकता। परिणाम यह निकलता है कि चुना गया प्रत्याशी हमारी भावनाओं पर खरा नहीं उतर पाएगा। वोट डालने के लिए भी जरूर जाए, जिनके वोट नहीं बन पाए हैं वह अभी भी वोट बनवा सकते हैं।
अपनी मनपसंद के प्रत्याशी को बिना किसी लोभ लालच के वोट देना चाहिए, जो हमारी मांगों को सत्ता में रहते हुए पूरा कर सके।
चुनाव आयोग द्वारा घर के आसपास नजदीक पोलिंग बूथ बनता है, बनाए गये बूथ पर जाकर निर्धारित समय और तिथि पर ही वोट डालने चाहिए। वह डालते समय अपनी पसंद को ध्यान में रखना चाहिए और उसे वोट देना चाहिए। सभी नेता आपका वोट पाने के लिए आते हैं, जिसका निर्णय भी स्वयं करना होता है कि वह किसे पसंद करते हैं। इस बार 25 मई को जरूर वोट डालने चाहिए।
फोटो कैप्शन: सूबे सिंह शिक्षक
घड़ी महासर माता मेला 15 अप्रैल को
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कनीना की आवाज।। क्षेत्र का प्रसिद्ध घड़ी महासर का माता मेला शुक्ल सप्तमी 15 अप्रैल को लगने जा रहा है। विस्तृत जानकारी देते हुए प्रभातीलाल, प्रमोद शर्मा, सत्यवीर, धनराज आदि ने बताया कि वर्ष में दो बार यह मेला लगता है भारी भीड़ जुटती है और यहां पर प्रसाद अर्पित करते हैं। यहां मांगी गई मन्नत पूर्ण होती है।
फोटो कैप्शन 02: माता मंदिर घड़ी महासर
ग्रामीणों ने स्कूल के बच्चों की मौत पर शोक प्रकट किया
-- 397वें दिन जारी रहा धरना
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना जारी है। धरने की अध्यक्षता पहलवान धर्मपाल सिंह सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि हमें बड़ा दुख हुआ कि जीएल पब्लिक स्कूल की बस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर 6 बच्चों की मौत हो गई। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उनके परिवारजनों को इस दुखद घड़ी में उन्हें सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 397 दिन हो गए है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू न होने के कारण धरना स्थल पर बैठे ग्रामीणों में आक्रोश है। उन्होंने प्रतिज्ञा ले रखी है जब तक कट का काम शुरू नहीं होगा तब तक हमारा धरना जारी रहेगा।
इस मौके पर एडवोकेट चंद्रप्रकाश, राजाराम, अजीत फोगाट, देवेंद्र हुहीना, धर्मवीर गहली, डा. लक्ष्मण सिंह, नरेंद्र शास्त्री, चेयरमैन सतपाल, प्रधान कृष्ण कुमार, बाबूलाल, रामकिशन, मास्टर विजय पाल, पहलवान रणधीर सिंह, इंस्पेक्टर सतनारायण, सूबेदार हेमराज अत्री , ओम प्रकाश, पंडित मनीराम अत्री, महेंद्र सिंह, ओम, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह, सीताराम, रोशन लाल आर्य, दाताराम, प्यारेलाल, अशोक चौहान, सज्जन सिंह पंच, नंबरदार नाथूराम व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 03: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण
स्कूल स्कूल बस हादसे में विभिन्न धाराओं के तहत घायल छात्रा ने करवाया मामला दर्ज
-तीनों आरोपितों को भेजा पुलिस रिमांड पर
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव उन्हाणी के पास जीएल पब्लिक स्कूल की बस चालक द्वारा शराब पीकर बस को दुर्घटनाग्रस्त करने तथा दुर्घटना में 6 बच्चों की जान जाने के मामले में अनुज शर्मा छात्रा ने जीएल पब्लिक स्कूल के विभिन्न लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया है। 12वीं की कक्षा की छात्रा अनुज ने पुलिस में दिए गए बयान में कहा है कि वह और अन्य बच्चे स्कूल की बस में सुबह करीब 8:30 से 9 बजे के बीच सवार होकर जा रहे थे तो उन्हाणी वाले रास्ते पर यूरो स्कूल के पास बस के ड्राइवर धर्मेंद्र सेहलंग निवासी शराब पिये हुए था। बच्चों के बार-बार कहने पर भी, अंकल आप शराब पीये हो बस को तेज न चलाएं, बस के साथ दुर्घटना हो जाएगी। तब भी चालक शराब के नशे में बच्चों को धमका कर बस को यह जानते हुए की निश्चित तौर पर बस की दुर्घटना होगी, बच्चों की बात को अनदेखी काटते हुए उन्हें धमका कर लापरवाही से तेज र तार से शराब के नशे में चलाता रहा। यूरो स्कूल के पास उन्हाणी सड़क मार्ग पर 40 से 45 बच्चे बैठे हुए थे, बच्चों के विरोध करने के बावजूद जानबूझकर तेज गति से लापरवाही से नशे की धुन में गाड़ी को चलाते हुए पलट दिया। गाड़ी पलट कर मोटे पेड़ों से जा टकराई जिससे सभी बच्चे घायल हो गए। 6 बच्चे मौके पर ही मौत के शिकार हो गए। यही नहीं उन्होंने पुलिस में कहा है कि पता चला है की खेड़ी तलवाना में जब बच्चों के पेरेंट्स को पता चला कि स्कूल बस का चालक शराब पीकर गाड़ी चला रहा था चालक धर्मेंद्र से चाबी छीन ली थी, पर स्कूल प्रशासन से बात की तो स्कूल प्रशासन ने अभिभावक को स्कूल बस की चाबी वापस देने की बात कही। न देने पर अनजान भुगतने की धमकी दी गई जिस पर स्कूल प्रशासन की धमकी से डरकर खेड़ी तलवाना के बच्चों के अभिभावकों ने चाबी वापस दे दी। धर्मेंद्र ड्राइवर फिर से स्कूल बस को चलाने लगा। स्कूल प्रशासन की मिली भगत से जानबूझकर शराब के नशे में गाड़ी चलाने के कारण इतनी बड़ी दुर्घटना हुई है। छात्रा ने कहा है कि ड्राइवर के अलावा इस बस में ना कोई हेल्पर था ने कोई महिला कर्मचारी नियुक्त था। स्कूल प्रशासन नमित कुमार के केस के निर्धारित किये हुये नियमों का उल्लंघन कर रहा था। इसलिए ऐसे में उन्होंने अस के चालक के साथ स्कूल प्राचार्य, स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ जानबूझकर बरती गई घोर लापरवाही के लिए उनके विरुद्ध स त से स त कानूनी कार्रवाई की मांग की ताकि दुर्घटनाग्रस्त बच्चों को अभिभावकों को न्याय मिल सके।
उधर उनके बयान के बाद कनीना पुलिस ने आनलाइन बस की जानकारी प्राप्त की। इसमें बस का फिटनेस, पाल्यूशन आदि नहीं मिला। गाड़ी 10 साल पुरानी ज्ञात हुई। उसके चलते कनीना पुलिस ने भारतीय दंड संहिता 109/120 बी/ 279/336/ 337/304 एमवी एक्ट की 185 एवं 192 के तहत मामला दर्ज कर लिया। जिसमें अभी तक तीन लोगों को गिर तार भी कर लिये गये हैं।
उधर अभी तक जो बच्चे घायल हुए थे उनकी स्थिति स्थिर है। दूसरी तरफ गांव झाड़ली व धनौंदा में मातम छाया हुआ है। विभिन्न अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं। विभिन्न नेता गांव में जा रहे हैं तथा अभी तक पूरा गांव सदमे में है। गांवों में मातम पसरा हुआ है। गांव के लोग भुलाना चाह रहे हैं किंतु नहीं भुला पा रहे हैं।
उधर तीनों आरोपितों स्कूल प्रिंसिपल दीप्ति वासी कनीना, होशियार सिंह वासी कनीना स्कूल के सचिव तथा चालक धर्मेंद्र को कनीना न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
क्या था मामला-
क्षेत्र के गांव उन्हाणी स्थित महिला कालेज के पास बृहस्पतिवार सुबह बस एक पेड़ से टकराकर पलट गई। दुर्घटना इतनी भयंकर थी कि बस टकराते ही स्कूली बच्चे बस के शीशों में से बाहर निकल कर गिर गए। इस घटना में 6 छात्रों की मौत हो गई है। बस में कुल करीब 40 बच्चे थे और 31 घायल हैं। जीएल पब्लिक स्कूल कनीना की यह स्कूल बस सेहलंग, झाड़ली, धनौंदा, से कनीना की ओर बच्चों को लेकर आ रहे थे। ईद की छुट्टी होने के बावजूद भी छुट्टी नहीं की गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार चालक बस से कूद गया। इसके बाद बस पेड़ से जा टकराई। इस कारण बस पलट गई। बस की गति तेज होने की वजह से कुछ बच्चे शीशे तोड़ते हुए बाहर निकल कर गिर गए। जिनमें से 6 की मौत हो गई और शेष बच्चे घायल हैं। इनको तुरंत कनीना लाया गया। यहां से कुछ नारनौल और रेवाड़ी रेफर कर दिए गए। मृतकों में सत्यम(16) झाड़ली, युवराज(16) झाड़ली, यक्षु(15)झाड़ली, वंश(14) धनौंदा, रिंकी(15) धनौंदा, सत्यम(16) झाड़ली, अंशु(15)झाड़ली प्रमुख हैं। कनीना उप-नागरिक अस्पताल में जो 15 घायल पहुंचे उनमें यशवी, पियूष, पूजा, दिव्या, छवि, हर्ष, बबीता, यंशु, हिना, याशिका, आदित्या, पूजा, आहुज, आरव, तनिश, आरूप, पियूष, भूमिका, अवनी, रविना, मिना, मान प्रमुख हैं। विभिन्न एंबुलेंसों से घायलों को कनीना उप नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया। चालक अभी तक फरार है। चालक शराब का आदी होने की बात सामने आ रही है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। पता चला है कि सेहलंग एवं झाड़ली के ग्रामीणों ने बस चालक को शराब पिये हुए देखकर रोकने का प्रयास भी किया था, लेकिन वह नहीं रुका।
फोटो कैप्शन 04: आरोपितों को न्यायलय में पेश करते हुए।
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