Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Tuesday, April 30, 2024


 



29 सालों की सेवा करके डा होशियार सिंह सेवानिवृत्त
-वरिष्ठ पत्रकार दीपचंद यादव रहे मुख्य अतिथि
-पत्रकार संघ के आधा दर्जन सदस्यों ने डा. को पहनाई पगड़ी
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कनीना की आवाज। कनीना निवासी एवं कनीना उप-मंडल के राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा से सेवानिवृत्त हो रहे डाक्टर होशियार सिंह यादव एक ऐसे शिक्षक जिन्होंने शिक्षकों के सम्मान को और बढ़ाया है। चाहे प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें स्टेट अवार्ड/राज्य शिक्षक पुरस्कार से नवाजा हो, दो बार राज्यपाल द्वारा पुरस्कृत तथा पंजाब विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडलिस्ट डाक्टर होशियार सिंह ने अपने जीवन में 40 वर्षों तक निजी स्तर पर तथा सरकारी स्तर पर शिक्षण कार्य किया है। इस दौरान सबसे बड़ी खूबी रही कि उन्होंने एक पल भी कुर्सी पर बैठकर नहीं पढ़ाया, सदा खड़े रहकर कक्षा कक्ष में शिक्षण किया। वे जीवन भर संघर्ष करते आए हैं और राजनीति के शिकार होने के कारण कम से कम 20 विभिन्न स्कूलों में तबादले की मार झेली है परंतु हिम्मत और उत्साह कभी कम नहीं हुआ। 40 वर्षों में उन्होंने कई हजार विद्यार्थियों को शिक्षा दी है। जहां कालेज, निजी स्कूल, केंद्रीय स्कूल और हरियाणा के स्कूलों में शिक्षक का कार्य किया है। उन्होंने न केवल एक पल भी कुर्सी पर बैठकर नहीं पढ़ाया अपितु कभी भी गाइड व कुंजी का प्रयोग न तो स्वयं किया और न ही कक्षा में विद्यार्थियों को पढऩे दिया। यहां तक की पुस्तक भी कभी कभार ही लेकर के शिक्षण का कार्य किया वह भी जब कोई विशेष प्रसंग समझाना हो। विभिन्न प्रयोग दिखाकर भी नाम कमाया है। 40 वर्षों में से 36 वर्षों से लगातार साइकिल चलाते आ रहे हैं। यहां तक की प्रारंभ में उनकी नियुक्ति झूक में हुई और वहां साइकिल से पढ़ाने के लिए जाते रहे। तत्पश्चात जहां भी उनकी नियुक्ति हुई उन्होंने प्रयास किया कि साइकिल प्रयोग की जाए। राजनीति का शिकार होकर दो बार मेवात के स्कूलों में जाना पड़ा परंतु हिम्मत के बल पर उन्होंने सिद्ध कर दिया कि मेहनत कभी असफल नहीं होती, मेहनत की कद्र होती है। ऐसे में वे मेहनत के पर्याय के रूप में जाने जाते हैं। उनके सहयोगी भी उनकी इस बात के कायल है की कभी उन्होंने कुर्सी प्रयोग नहीं की। जहां न केवल उन्होंने शिक्षण कार्य में ही नाम कमाया है अपितु अब तक 36 विभिन्न पुस्तकों की रचना की है। लेखक बतौर भी उनका नाम प्रदेश भर में जाना जाता है। शिक्षकों के लिए सौभाग्य का विषय है कि इस प्रकार की शिक्षक भी उनके साथ ही रहे हैं। अब शेष समय अपने घर पर बच्चों पर ध्यान देंगे और अपनी सेहत का ख्याल रखेंगे। उनके पास पढ़ा हुआ ऐसा शायद ही कोई विद्यार्थी मिले जो यह कहे कि स्कूल में उन्होंने पढ़ाया नहीं। वे जहां भी रहे बस विद्यार्थियों के मुख से यही निकला कि हां उन्हें जमकर बढ़ाया है। आज वो खुश है कि परिवार में चार भाइयों में से वे एक मात्र ऐसे भाई है जो सरकारी नौकरी की तरफ बढ़े परंतु उनका संघर्ष 1986 से शुरू हुआ। हर मुकाम पर उन्होंने संघर्ष किया। आखिरकार 2003 में सरकारी नियमित सेवा मिली। उनका कार्यकाल चाहे छोटा रहा हो परंतु निजी स्तर पर उन्होंने बहुत अधिक विद्यार्थियों को शिक्षित किया है और उनकी एक ही इच्छा है कि अब बिना कुर्सी के 40 वर्ष तक पढऩे का जो उन्होंने कार्य किया है उसके बल पर विश्व रिकार्ड में उनका नाम दर्ज हो जाए। इसके लिए वो भरसक प्रयास करेंगे। आज के जमाने में चाहे शिक्षकों पर उंगली उठाते हुए कितने लोग मिल जाएंगे, कितने ही ऐसे शिक्षक है जिन पर शराब पीने, बीड़ी, सिगरेट पीने का आरोप तक लग जाता है परंतु डाक्टर होशियार सिंह एक ऐसी शख्सियत है जिन्होंने कभी जीवन में बीड़ी, सिगरेट, शराब, हुक्का, चिलम या कोई नशीला पदार्थ सेवन किया हो। वे शिव के पक्के भक्त है। यही कारण है कि अब तक 14 कावड़ हरिद्वार से पैदल लाकर शिवालयों पर अर्पित कर चुके हैं। यही नहीं 14 ही ध्वज खाटू श्याम पर अर्पित कर चुके हैं। 20 सालों से भी अधिक समय से लगातार शिव भोले का व्रत और जप करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके शिव भक्ति से सारे काम सफल हो जाते हैं। विज्ञान के जानकार होते हुए भी वे शिव भक्त है। सबसे बड़ी विशेषता है वे आज भी शिक्षा पा रहे हैं। लोग नौकरी मिलने के बाद शिक्षा छोड़ देते हैं। यही कारण है कि 10 विषयों में एमए/एमएससी कर चुके हैं। डाक्टर होशियार सिंह यादव डीलिट की उपाधि से सम्मानित है। वे पढ़ते हुए पढाते रहे हैं।
उल्लेखनीय की डाक्टर होशियार सिंह यादव की जहां दिवंगत पत्नी सुमन यादव भी अच्छी लेखिका और पत्रकार रही है जिनकी दो पुस्तकें भी आ चुकी है वहीं वर्तमान पत्नी आशा यादव भी पत्रकार एवं लेखिका हैं जिनकी दो पुस्तकें आ चुकी है। उनका पुत्र अमीश कुमार भी हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा पुरुष कर पा चुका है यही नहीं आशा यादव की एक पुस्तक श्रेष्ठ कृति नाम से सम्मान पा चुकी है जिसके चलते होने पूरे हरियाणा में मुफ्त बस पास मिला हुआ है। इस मौके पर प्राचार्य राजेश कुमार सहित विभिन्न शिक्षक मौजूद रहे।
कौन थे मुख्य अतिथि-
सेवानिवृत्ति समारोह में मुख्य अतिथि हरियाणा पत्रकार संघ के खंड कनीना इकाई के प्रधान दीपचंद यादव एवं समस्त पत्रकार कार्यकारिणी रही। जिन्होंने डा होशियार सिंह के गुणों पर प्रकाश डाला। कम से कम दो पत्रकार भी उनके शिष्य रह चुके हैं। उन्होंने अपने हाथों से पगड़ी पहनाकर सम्मान किया। कार्यक्रम को विजय महक, राजेश शास्त्री नेताजी ने भी संबोधित किया। पत्रकारों के स्कूल प्रांगण में पहुंचने पर विद्यार्थी भावुक हो गये और उन्होंने पुन: स्कूल में वापस आने की गुहार पत्रकारों से लगाई।
कौन कौन रहे हाजिर-
सेवानिवृत्ति समारोह में समस्त स्टाफ राजेश ककरालिया, नरेश कुमार हिंदी शिक्षक, राजेश शास्त्री, संतोष मैडम, रावी मैडम, रेणू प्राध्यापिका, विनोद कुमार, महिपाल सिंह, रणबीर सिंह, देवेंद्र प्राध्यापक, सहित विभिन्न शिक्षक मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 03: सेवानिवृत्त होते हुए डा होशियार सिंह यादव




कट को लेकर किसानों का जोश बरकरार, 415वें दिन जारी रहा धरना
--अनिश्चितकालीन धरने पर हैं किसान
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना जारी है । धरने अध्यक्षता पहलवान रणधीर सिंह  बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि हम केंद्र सरकार के भरोसे पर हैं, राज्य सरकार और केंद्र सरकार का ध्यान अब चुनावों पर केंद्रित है, ग्रामीणों की कट की मांग की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है । हमने पक्का इरादा बना रखा है जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं होगा, हम धरना स्थल पर बैठे रहेंगे और सरकार का विरोध करेंगे।  हमारा मुख्य उद्देश्य है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर चढऩे और उतरने का मार्ग बनना चाहिए। बुजुर्ग किसान बीमार होने के बावजूद भी अपनी परवाह  न करते हुए कट के लिए हर परेशानी का सामना करने के लिए तैयार हैं। केंद्र सरकार के प्रति किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 415 दिन हो गए है। केंद्रीय सड़क, राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा 9 मार्च 2022 को पचगांव गुरुग्राम रैली में राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट की घोषणा की गई लेकिन आज तक कट का काम शुरू नहीं किया गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपनी बात के पक्के हैं, जो बोल देते हैं वह काम अवश्य पूरा करते हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार की कथनी और करनी में रात दिन का फर्क है। केंद्र सरकार ने किसानों को धोखे में रखा है, इनकी पीड़ा का खामियाजा सरकार को भुगतना  पड़ेगा।
इस मौके पर नंबरदार नाथूराम, इंस्पेक्टर सत्यनारायण, पूर्व सरपंच हंस कुमार, डॉक्टर रामभक्त, सीताराम, मुंशीराम, ओम प्रकाश,बाबूलाल, डॉ लक्ष्मण सिंह, बाबूलाल, प्यारेलाल, मास्टर विजयपाल,  प्रधान कृष्ण कुमार, मास्टर विजय सिंह, ओम प्रकाश,   सूबेदार हेमराज अत्री, रोशन लाल आर्य  व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 02: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे लोग।



मजदूर दिवस- 1 मई
हजारों मजदूर रोटी रोजी के लिए आते क्षेत्र में
 -आजादी के 77 साल बाद भी नहीं बदली हालात
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में वर्ष में दो बार हजारों मजदूर दूसरे राज्यों से महज रोटी रोजी कमाने के लिए आते हैं। दिन रात मेहनत करके फटे पुराने कपड़े,बदहाल जीवन जीते हैं। पुराने खंडहर नुमा घरों में निवास करते हैं ताकि 2 जून की रोटी रोजी अपने बच्चों के लिए बचाई जा सके ,कुछ पैसे अपने परिवार के लिए कमा सकें। परंतु उनकी हालत जस की तस है। बिना दिल आबादी बढ़ती जा रही है, बेरोजगारी बढ़ती जा रही जिसके चलते उन्हें कोई काम धंधा न मिलने के कारण केवल कनीना और आसपास क्षेत्र में लावणी करने के लिए मजदूर आते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ मजदूर तो ट्यूबवेलों पर भी पूरे साल किसानों की सेवा करते हैं, फसल उगाते हैं, पैदावार लेते हैं परंतु पैदावार का मालिक किसान होता है। चाय की दुकानों परचून की दुकानों, आजकल घरों में भी गाय भैंस आदि की देखरेख करने, घरों झाडू पोचा आदि के लिए भी मजदूरों को रखा जा रहा है। मजदूरों की हालात देख कर ऐसा लगता है कि आजादी मिली ही नहीं है। आजादी के 77 साल बीत गए किंतु इनकी संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है।
 बस हालात में जीते हैं मजदूर -
ये मजदूर हालात में जीते हैं। उनके पास रहने के लिए न तो आवास है और न खाने के लिए 2 जून की रोटी, कुछ कमाते हैं वह अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए भेज देते हैं। इनका परिवार कहीं होता है और ये बेचारे कहीं काम करते रहते हैं। इनके तन पर कपड़े फटे पुराने होते हैं, अच्छे कपड़े पहने तो अपने बच्चों का गुजर-बसर नहीं कर पाएंगे। इनके हालात को देखकर ऐसा लगता है कि उनके क्षेत्र में बहुत अधिक बेरोजगारी है। हालात सुधरने की बजाय बिगड़ते जा रहे हैं। हर वर्ष इनकी संख्या बढ़ती जा रही है।
 क्या कहते हैं कनीना क्षेत्र के किसान-
 करीना क्षेत्र के किसान राजेंद्र सिंह, गजराज सिंह मोड़ी, महावीर सिंह, सूबे सिंह बताते हैं कि हर वर्ष उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, नेपाल एवं मध्य प्रदेश आदि क्षेत्रों से भारी संख्या में मजदूर आते हैं। रबी फसल की कटाई और खरीफ फसल की कटाई के समय इनकी संख्या बहुत अधिक देखने को मिलती है। किसानों का काम इनके बगैर नहीं चलता। यहां तक कि अनाज मंडी में अनाज के बैग वाहनों में चढ़ाना उतारना सभी कार्य करते हैं। पशुओं की देखरेख का काम हैं या परचून की दुकान, चाय की दुकान हर जगह मिलते हैं। किंतु इनको मामूली सा पैसा मिलता है जिसको अपने स्वजनों को देते हैं। इनके बच्चे बदहालात में जीते हैं क्योंकि परिवार का मुखिया दूसरी जगह और परिवार के बाकी सदस्य दूसरी जगह होते हैं।
 क्या कहते हैं मजदूर-
 कनीना क्षेत्र में आए हुए मुकेश, कृष्ण, रामदर्श, वीरेंद्र, श्रवण, विवेक, रामनाथ, राजू, गोविंद, अमरनाथ आदि ने बताया कि वे 15 से 20 हजार रुपये कमा लेते हैं परंतु एक नहीं अनेकों सदस्य परिवार के आते हैं। कुछ सदस्य यहां रुक जाते तो कुछ अपने गांव में चले जाते हैं। तत्पश्चात काम करने वाले घर जाते हैं और घर गये हुये व्यक्ति काम पर लौट आते हैं। बारी-बारी शिफ्ट के रूप में काम करते हैं परंतु जो स्थायी रूप से यहां किसी के काम करते हुए अपने बच्चों सहित यहां आ गए हैं।
बच्चों की पढ़ाई-
मजदूरों का कहना है कि उनके बच्चे अधिक पढ़ लिख नहीं सकते क्योंकि पास में आमदनी का स्रोत नहीं होता और न ही वे अपने बच्चों की देखरेख कर पाते हैं। ऐसे में बदहाल जीवन जी रहे हैं।
जान को जोखिम -
ये लोग जान भी जोखिम डालते हुये जीते हैं। उल्लेखनीय है कि विगत वर्षों लावणी के लिए आए दो मजदूरों की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई थी वहीं जिले के 2 मजदूरों को सांप ने काट लिया था,एक मजदूर बिजली का करंट लगने से मौत हो गई थी। इस प्रकार अनेक जान हर वर्ष  गंवा देते हैं। कठिन से कठिन काम करते हैं। यये मजदूर कठिन से कठिन काम करते हैं यहां तक की राजगीर का काम सबसे अधिक करते हैं। कनीना का एक चौक शिवभोले चौक जो मजदूरों के नाम से प्रसिद्ध है। यहां सुबह सवेरे सैकड़ों मजदूर खड़े हो जाते हैं। इनकी जरूरत होने पर ले जाते हैं।
सरकार से मांग-
 सरकार से मजदूरों की मांग है कि उनको उचित आवास तथा मेहनत मजदूरी का कोई स्थायी काम दिया जाए ताकि यह गुजर-बसर कर सके।
फोटो कैप्शन 06: मजदूर मजदूरी करते हुए।





12वीं का परीक्षा परिणाम रहा बेहतर
--एसडीएम स्कूल का मामला
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कनीना की आवाज। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा जारी किया गया 12वीं कक्षा के परिणाम में एसडीएम वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय छिथरोली के विद्यार्थियों ने शत प्रतिशत परिणाम लाकर परचम लहराया है । विद्यालय के डायरेक्टर अजमेर सिंह दांगी ने बताया कि घोषित परिणाम शत प्रतिशत रहा स्कूल के विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया । 12वीं कक्षा की छात्र अंकिता और मुस्कान ने 447 अंक प्राप्त करके दोनों ने सामूहिक प्रथम स्थान हासिल किया है । मोहित ने 439 अंक प्राप्त करके द्वितीय स्थान प्राप्त किया है । तमन्ना ने 404 अंक प्राप्त करके तृतीय स्थान प्राप्त किया है । 24 विद्यार्थियों में से 12 बच्चों ने मेरिट में स्थान हासिल किया व 12 बच्चों ने फर्स्ट डिवीजन हासिल किया है। इस अवसर पर प्रधानाचार्य रेखा दांगी ने परीक्षा में शामिल विद्यार्थियों को शानदार परीक्षा परिणाम के लिए खुशी जाताते हुए अभिभावकों , विद्यार्थियों व शिक्षकों की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि इन छात्रों ने यह मुकाम मेहनत करके हासिल किया है । शानदार प्रदर्शन पर सभी बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें आगे बढऩे की प्रेरणा दी । इस अवसर पर उप प्रधानाचार्य सतपाल यादव  एचओडी.  प्रवीण कुमार  मंजू ,परमजीत रमेश कौशिक , रवि , मंजू , बबली मंजू , मनीषा , मीना, अर्चना ,  स्नेहलता सहित शिक्षक व विद्यार्थी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 05: परीक्षा परिणाम से खुशी जताते विद्यार्थी।





श्रीमदभगवतगीता कथा में चला गोवर्धन पर्वत प्रसंग
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव तलवाना-खेड़ी में हो रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन व्यासपीठ पर विराजमान पंडित शिवराम अग्निहोत्री ने गोवर्धन पर्वत रासलीला का मार्मिक वर्णन कर श्रद्धालुओं को भाव विभोर किया। शिवराम अग्निहोत्री ने कथा में नारद मोह का वर्णन करते हुए कहा कि भागवत के सुनने से संशय दूर होता है। व्यक्ति को आगे बढऩे से कोई अवगुण रोकता है तो वह संशय का अवगुण है। उन्होंने कहा कि भागवत कथा के सुनने से व्यक्ति, परिवार तथा समाज के जीवन में सुख समृद्धि तथा खुशहाली आती है। कथा सुनने वालों में परमार्थ की भावना जागृत होती है और व्यक्ति धर्म-कर्म की और उन्मुख होकर अपना जीवन सफल करता है। इस दौरान प्रमुख समाजसेवी अतरलाल के कथा सुनने के लिए पहुंचने पर ग्रामवासियों ने उन्हें शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। अतरलाल ने कहा कि कथा सुनने से जीवन में ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ के अभियान में बढ़-चढ़ कर के सहयोग करने की अपील की। उन्होंने इलाके की तरफ से कथावाचक शिवराम अग्निहोत्री का शाल ओढ़ाकर तथा स्मृति चिह्न भेंट कर अभिनंदन किया। इस अवसर पर पंकज सिंह सरपंच, करण सिंह नम्बरदार, रोशन सिंह, जयपाल सिंह, कप्तान मामराज सिंह, ओम सिंह, ओमा बंसल, देवराज सिंह, शेर सिंह, प्रवीन सिंह, जगपाल सिंह, जगरूप सिंह, पवन तंवर, प्रवीण सिंह, आशु तंवर, अतरी देवी, ज्ञानो देवी, शांति देवी, ओमबाई, सरोज देवी, ललिता देवी, कविता देवी, कांता देवी, बबिता देवी, सुमन देवी और लक्ष्मी देवी आदि श्रद्धालुओं ने कथा में उल्लेखनीय योगदान दिया।







 सेवानिवृत्ति समारोह आयोजित
--होशियार सिंह कैमला से सेवानिवृत्त
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कनीना की आवाज। राजकीय माध्यमिक विद्यालय कैमला में वरिष्ठ अध्यापक होशियार सिंह एसएस मास्टर की सेवानिवृत्ति भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता बृजेश शर्मा कलेक्टर हेड ने की और मुख्य अतिथि के रूप में डाक्टर प्रवीण यादव प्राचार्य राजकीय महिला कालेज अटेली रहें गांव की ओर से उनको पगड़ी पहनाकर  सम्मानित किया गया और उल्लेखनीय कार्यों की प्रशंसा की गई। अमृत सिंह ने उनके जीवन का यशोगान किया गया इंद्र लाल शर्मा ने सेवा कार्यों की उपलब्धियां और सामाजिक क्षेत्र की पृष्ठभूमि पर विचार प्रस्तुत किया एवं हंसराज शास्त्री ने होशियार सिंह जी की सामाजिक जीवन के साथ व्यवहारिक जीवन की पृष्ठभूमि  में कर्म की महत्ता पर आधारित भजन प्रस्तुत किया गया विद्यालय के सभी विद्यार्थियों ने रंगारंग प्रस्तुत कार्यक्रम किया गया उन्होंने विद्यालय में  एक प्रिंटर,  एलइडी, यूपीएस, आदि सामान जिसकी लागत 31000 रुपये है।  डिंपल जांगड़ा सरपंच ने भी गांव की ओर से स्मृति चिन्ह देकर उनके उज्ज्वल और सुखद भविष्य की कामना की वीरेंद्र सिंह मुख्याध्यापक ने सभी मेहमानों  का आभार व्यक्त करते हुए  कहा कि होशियार सिंह एक वरिष्ठ अध्यापक ने अपने सेवाकाल में उत्कर्ष कार्य के लिए जाना जाता है ईमानदारी के साथ-साथ सादगी से परिपूर्ण बच्चों के साथ मृदु भाषी आदि  विभिन्न स्कूलों में इन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया है इस प्रकार पूरा कार्यक्रम  आकर्षक रहा इस अवसर पर  सूबे सिंह समाज सेवक ,बृजलाल सेठ , गुरदयाल सिंह, छोटेलाल,  राजकुमार पंच ,सुबेसिंह पंच, अमरसिंह ठेकेदार, सुनील, भगतसिंह, राजेश कुमार, मनवीर सिंह, सुनील कुमार डीपीई, सुनील शास्त्री, ज्ञानी, सत्यपाल साहब, तारामणि, पिंकी, बबली, विमला साहब कौर आदि समस्त  सम्मानित ग्रामीण जन उपस्थित रहें।
फोटो कैप्शन 04: होशियार सिंह कैमला के सेवानिवृत्ति कार्यक्रम में उपस्थित जन।






जागो वोटर जागो
देशहित के लिए करे अपने मत का प्रयोग: मुकेश नंबरदार
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कनीना की आवाज। वोट के बल पर अपनी ताकत दिखाओ। वोट डालकर ही अपनी ताकत दिखा सकते हैं। ये विचार मुकेश नंबरदार लोगों को वोट डालने के लिए प्रेरित करते हुए कहते हैं।  उनका कहना है कि प्रजातंत्र प्रणाली एक सर्वोत्कृष्ट शासन प्रणाली है, जिसमें प्रजा द्वारा चुना गया प्रतिनिधि मंडल शासन तंत्र को संचालित करता है। यह प्रतिनिधि मंडल मतदाताओं का ही प्रतिबिंब होता है। चुनाव चाहे किसी देश में हो या राज्य में, दुनिया की निगाहें मतदाताओं के निर्णय पर टिकी रहती हैं, इसीलिए परीक्षा भी मतदाताओं की ही होती है। समृद्धिशाली प्रजातंत्र के लिए मतदाताओं को वोट डालते समय विवेक का परिचय देना चाहिए। पूर्वाग्रहों से ऊपर उठकर प्रत्याशियों के गुण दोष का आकलन करते हुए चरित्रवान, राष्ट्रभक्त उम्मीदवारों का ही चयन करना चाहिए।    
 आज प्रजातंत्र के कर्णधारों को चुनने का जो अधिकार मिला है वह आजादी के दीवाने, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने स्वतंत्रता की वेदी पर अपने आप को अर्पित किया है। सरदार भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, राम प्रसाद जैसे अनेकों महानायकों के बलिदान से हमें आजादी मिली है। अपने बेशकीमती वोट का उपयोग करने से पहले इन बलिदानियों के बलिदान का स्मरण करें और सोचें कि कहीं हम भिन्न भिन्न प्रलोभनों में आकर या पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर,जाति, धर्म और सम्प्रदाय के बंधनों में जकड़ कर अपने देश को पतन की ओर न धकेल,उन्नति की ओर ले जाने के लिए अपने मत का जरूर प्रयोग करें।
फोटो कैप्शन: मुकेश नंबरदार














वार्ड 7 पार्षद मुकेश रोकी का निधन, दी लोगों ने श्रद्धांजलि
--व्यापारियों ने रखी दुकानें बंद
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कनीना की आवाज। कनीना नगरपालिका के वार्ड 7 पार्षद 52 वर्षीय समाजसेवी मुकेश रोकी  का निधन हो गया। सोमवार उनकी अंतिम यात्रा उनके घर से शुरु होकर बाबा लालगिरी मोक्षधाम मे अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान कस्बे सहित अनेक गणमान्य लोगों ने अंतिम संस्कार में शामिल होकर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की। वही कनीना अनाज मंडी सहित अनेक व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वर्गीय पार्षद मुकेश रोकी ने हमेशा व्यापारियों के हित के लिए बढ़ चढ़कर कार्य किया है। जिसकी पूरे दिन चर्चा रही। वे पिछले करीब दो महीने से बीमार चल रहे थे। वह अपने पीछे एक पुत्र व एक पुत्री सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये। स्वर्गीय पूर्व मुकेश रोकी 5 भाई बहन है। सबसे बड़ा भाई संजय गर्ग, उनसे छोटा श्री श्याम मित्र मंडल के प्रधान अनिल गर्ग व उनसे छोटा अजित गर्ग है। श्री श्याम मित्र मंडल के प्रधान अनिल गर्ग ने बताया कि उनका बड़ा भाई मुकेश रोकी पिछले 2 महीने से बीमार चल रहा था और जयपुर दुर्लभ जी अस्पताल में उपचार चल रहा था। सोमवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। इस दौरान व्यापार मंडल के प्रधान लाला निरंजन लाल, उप प्रधान रविंद्र बंसल, दादा ठाकुर मंदिर कमेटी के प्रधान विनोद गुड्डू चौधरी, पूर्व पार्षद भगत सिंह, पार्षद प्रतिनिधि कमल यादव, प्रधान बलवान सिंह, शिब्बू पंसारी, सुभाष चंद्र मितल, सुरेंद्र शर्मा,तोताराम जांगिड़, ओमप्रकाश सहगल, कर्नल डाक्टर विकाश रजलीवाल, सूबेदार मनोज राजपूत खेड़ी तलवाना, प्रवक्ता सचिन शर्मा, सतीश गैरा, हरिराम मित्तल, भूमेश,  वेदप्रकाश जेलदार, मोहित जैलदार, अमित चिप्पू सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
फोटो : मुकेश रोकी


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