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Saturday, April 13, 2024
निजी स्कूलों की बसों के निरीक्षण में सामने आई कई कमियां
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल स्तरीय कमेटी में माडल संस्कृति के प्राचार्य सुनील खुडानिया, ककराला के प्राचार्य रामेश्वर दयाल करीरा के प्राचार्य रामस्वरूप, कनीना कन्या उच्च विद्यालय के मुख्य अध्यापक नरेश कौशिक, भडफ़ के मुख्य अध्यापक सत्य प्रकाश ,प्रवक्ता रवि यादव नरेश यादव ,नितिन मुदगिल सुरेंद्र मोरवाल मौलिक खंड शिक्षा अधिकारी दिलबाग सिंह व खंड शिक्षा अधिकारी विश्वेश्वर कौशिक निरीक्षण टीम के साथ थे। इस टीम ने तीन स्कूल चेक किये जिसमें एक स्कूल की बसों में कमियां पाई गई।
सरकार द्वारा निजी संस्थाओं के सुरक्षा मानक जो निर्धारित किए थे उनमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण उच्चतम न्यायालय के निर्देश नामित कुमार बनाम भारत सरकार में जो विद्यार्थियों के हित के लिए निर्धारित की गई है। उनमें सरकार ने अब नवीनतम तकनीक को भी जोड़ दिया है। जहां विद्यालयों में बसों में सीसीटीवी कैमरे, परिचालक चालक का अनुभव ,उसकी नेम प्लेट, उसकी निर्धारित वर्दी तथा वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट ,प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट के साथ-साथ गाड़ी में स्पीड लिमिट जीपीएस सिस्टम ,फायर सेफ्टी सिस्टम, तथा फस्र्ट एड बाक्स यह तमाम वे मानक है जो अब तक अधिकांश वर्षों में बसों में गायब थे या विद्यालय प्रबंधन इससे कोई सरोकार नहीं रख रहा था । आज के निरीक्षण में अधिकांश फस्र्ट एड बॉक्स नए खरीदे गए थे रिफ्लेक्टर भी कुछ बसों में नए लगाए गए थे तथा फायर सेफ्टी सिस्टम अनेक बसों में पुराने ही उपलब्ध थे। आरसीएम की दो बसे टीआरसी टेंपरेरी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के नंबर प्लेट ना होने के कारण एसडीएम अपने साथ ले गई। वहीं एक छोटी क्रूजर गाड़ी को गाड़ी की सही प्रबंधन न होने के कारण सदर थाने में खड़ी कर दी है। 13 क्लस्टरों की टीमें गठित की गई थी किंतु खेड़ी स्कूल के प्राचार्य गैर हाजिर रहने पर उनका स्पष्टीकरण खंड शिक्षा अधिकारी ने मांगा है।
इस क्षेत्र में निजी विद्यालयों की गला काट प्रतिस्पर्धा केवल अपने स्कूलों में नौनिहालों को दाखिल करने की थी अधिक से अधिक आंकड़े दिखाने की थी तथा अपने स्कूल की बसों की लंबी कतार दिखाने की थी जिससे वह अपना परचम समाज में व क्षेत्र में लहरा सके अखबारों में महंगे विज्ञापन छाप कर अपने बड़े-बड़े होर्डिंग सड़कों में व शहर के मुख्य चौराहों पर लगाकर अपना शौर्य प्रदर्शित कर रहे थे। अपनी शोहरत प्रदर्शित कर रहे थे। वह विद्यालय अपनी आउटडेटेड बसों को छुपा कर अब अपने आप को सीमित दिखने में बोना दिखने में ज्यादा रुचि दिख रहे हैं। इस हादसे के बाद सबसे ज्यादा सरगर्मी चाहे शिक्षा विभाग की हो, चाहे प्रशासन की या फिर पुलिस विभाग की, इस क्षेत्र में ज्यादा दिखाई दे रही है तथा यह निश्चित है कि सोमवार से कोई भी निर्धारित मापदंड पूरा करने वाली बस ही रूट पर चल सकेगी तथा विद्यार्थियों को ला ले जा सकेगी। गत दिवस प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा सभी उपायुक्तों व पुलिस कप्तानों को जो नसीहत दी है उसके नतीजा निश्चित रूप से आने वाले सप्ताह में दिखाई देंगे।
सरकार द्वारा निजी संस्थाओं के सुरक्षा मानक जो निर्धारित किए थे उनमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण उ'चतम न्यायालय के निर्देश नामित कुमार बनाम भारत सरकार में जो विद्यार्थियों के हित के लिए निर्धारित की गई है। उनमें सरकार ने अब नवीनतम तकनीक को भी जोड़ दिया है। जहां विद्यालयों में बसों में सीसीटीवी कैमरे, परिचालक चालक का अनुभव ,उसकी नेम प्लेट, उसकी निर्धारित वर्दी तथा वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट ,प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट के साथ-साथ गाड़ी में स्पीड लिमिट जीपीएस सिस्टम ,फायर सेफ्टी सिस्टम, तथा फस्र्ट एड बाक्स यह तमाम वे मानक है जो अब तक अधिकांश वर्षों में बसों में गायब थे या विद्यालय प्रबंधन इससे कोई सरोकार नहीं रख रहा था । आज के निरीक्षण में अधिकांश फस्र्ट एड बॉक्स नए खरीदे गए थे रिफ्लेक्टर भी कुछ बसों में नए लगाए गए थे तथा फायर सेफ्टी सिस्टम अनेक बसों में पुराने ही उपलब्ध थे। आरसीएम की दो बसे टीआरसी टेंपरेरी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के नंबर प्लेट ना होने के कारण एसडीएम अपने साथ ले गई। वहीं एक छोटी क्रूजर गाड़ी को गाड़ी की सही प्रबंधन न होने के कारण सदर थाने में खड़ी कर दी है। 13 क्लस्टरों की टीमें गठित की गई थी किंतु खेड़ी स्कूल के प्राचार्य गैर हाजिर रहने पर उनका स्पष्टीकरण खंड शिक्षा अधिकारी ने मांगा है।
इस क्षेत्र में निजी विद्यालयों की गला काट प्रतिस्पर्धा केवल अपने स्कूलों में नौनिहालों को दाखिल करने की थी अधिक से अधिक आंकड़े दिखाने की थी तथा अपने स्कूल की बसों की लंबी कतार दिखाने की थी जिससे वह अपना परचम समाज में व क्षेत्र में लहरा सके अखबारों में महंगे विज्ञापन छाप कर अपने बड़े-बड़े होर्डिंग सड़कों में व शहर के मुख्य चौराहों पर लगाकर अपना शौर्य प्रदर्शित कर रहे थे। अपनी शोहरत प्रदर्शित कर रहे थे। वह विद्यालय अपनी आउटडेटेड बसों को छुपा कर अब अपने आप को सीमित दिखने में बोना दिखने में ज्यादा रुचि दिख रहे हैं। इस हादसे के बाद सबसे ज्यादा सरगर्मी चाहे शिक्षा विभाग की हो, चाहे प्रशासन की या फिर पुलिस विभाग की, इस क्षेत्र में ज्यादा दिखाई दे रही है तथा यह निश्चित है कि सोमवार से कोई भी निर्धारित मापदंड पूरा करने वाली बस ही रूट पर चल सकेगी तथा विद्यार्थियों को ला ले जा सकेगी। गत दिवस प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा सभी उपायुक्तों व पुलिस कप्तानों को जो नसीहत दी है उसके नतीजा निश्चित रूप से आने वाले सप्ताह में दिखाई देंगे।
कनीना में हुए स्कूल बस हादसे के मामले में दो ओर आरोपित गिरफ्तार, बस चालक के साथ बस में बैठकर पी थी शराब
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कनीना की आवाज। महेंद्रगढ़ जिले के कनीना में वीरवार को उन्हानी के पास हुए सड़क हादसे के मामले में पुलिस ने दो ओर आरोपितों को गिरफ्तार किया है। स्कूल बस चालक ने शराब का सेवन किया हुआ था, शराब के नशे में चालक बस चला रहा था। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ आईपीसी और मोटर व्हीकल एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जांच करते हुए पता लगाया कि बस चालक ने सेहलंग में बस में अपने साथियों के साथ बैठकर शराब पी थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बस चालक के दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनकी पहचान सेहलंग के ही रहने वाले निट्टू उर्फ हरीश और संदीप के रूप में हुई। पुलिस ने जांच में पता लगाया कि आरोपित धर्मेंद्र(बस चालक) ने बस में बैठकर शराब पी और उसके बाद बच्चों को स्कूल के लिए लाने के लिए निकला था।
पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा के दिशा-निर्देशों में मामले में कार्रवाई के लिए डीएसपी कनीना के नेतृत्व में सीआईए महेंद्रगढ़, थाना शहर कनीना की टीमों का गठन किया गया। एसपी के निर्देशानुसार पुलिस द्वारा मामले में तत्परता से कार्रवाई की गई और आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। टीम ने बस चालक धर्मेंद्र वासी सेहलंग, स्कूल प्रिंसिपल दीप्ति वासी कनीना और होशियार सिंह वासी कनीना स्कूल के सचिव को गिरफ्तार किया। जिन्हे कल न्यायालय में पेश कर 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया, जिनसे पूछताछ की जा रही है।
स्कूल की कक्षा बारहवीं की छात्रा की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। छात्र ने बस चालक, स्कूल प्रिंसिपल और स्कूल प्रशासन के खिलाफ शिकायत दी। छात्रा ने बताया कि बस चालक शराब पिए हुए था। जिसको बार बार बस धीरे चलाने की कहने पर भी बस तेज चला रहा था और उन्हानी के पास बस पलट गई और पेड़ के टकराने से बस में बैठे बच्चे घायल हो गए और कुछ की मौके पर ही मौत हो गई। गांव खेड़ी तलवाना में बच्चों के परिजनों ने बस चालक के शराब के नशे में होने के कारण बस की चाबी ले ली थी और इस बारे में स्कूल प्रशासन से बात करने पर स्कूल प्रशासन ने अंजाम भुगतने को धमकी दी। जिसके बाद यह हादसा हो गया। छात्रा में शिकायत में बताया कि स्कूल बस में कोई भी हेल्पर नही था और ना ही कोई महिला कर्मचारी नियुक्त थी। पुलिस ने छात्रा की शिकायत पर धाराओं के तहत थाना शहर कनीना में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।
फोटो साथ है
उन्हानी गांव के पास हुई हृदय विदारक दुर्घटना को होने से रोका जा सकता था
-हाई कोर्ट करे जांच
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कनीना की आवाज। भारत जोड़ो अभियान व जय किसान आंदोलन के संयोजक योगेन्द्र यादव, महेद्रगढ़ जि़ले के उन्हानी गांव के पास हुए हृदय विदारक दुर्घटना में घायल बच्चों से रेवाड़ी के मात्रिका अस्पताल में मिलने पहुँचे और बच्चों और परिजनों से मिलकर हाल जाना।योगेंद्र यादव ने कहा कि यह दु:खद और त्रासद है लेकिन इतना कहना भी काफी नहीं है। ये वो त्रासदी है जिसे रोका जा सकता था। एक जगह नहीं 5-6: ऐसे चेक्स हैं जहां दुर्घटना को रोका जा सकता था। दुर्घटना से 10 मिनट पहले भी गांव वालों ने ड्राइवर से चाभी छीन ली थी लेकिन उन्हें चाबी देने के लिए धमकाया गया।
ऐसा लगता है जानबूझ कर बच्चों को मौत के मुंह में धकेला गया। स्कूल प्रशासन से लेकर परिवहन विभाग,शिक्षा विभाग, प्रशासन ,सरकार तक; नीचे से लेकर ऊपर तक सब इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार हैं। इन्होंने शिक्षा को धंधा बना दिया है और इस धंधे के चंदे से राजनीति कर रहे हैं इसलिए जांच के नाम पर सरकार लीपापोती कर रही है।
इस त्रासदी से हमें सबक लेना चाहिए और भविष्य में ऐसा फिर न हो कि किसी बच्चे को शहादत देनी पड़े इसलिए हाईकोर्ट इस दुर्घटना की जाँच करे और नीचे से लेकर ऊपर तक जो भी दोषी है उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करे क्योंकि ये कोई दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या है।
भारत जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय मीडिया व कम्यूनिकेशन प्रभारी संदीप यादव ने कहा बहुत ही दु:खद, पीड़ादायक दुर्घटना है। संदीप यादव ने कहा इस दुर्घटना के बाद जिन लोगों की जांच होनी चाहिए थी विडंबना है कि वही लोग जांच कर रहे हैं।
अस्पताल में भर्ती घायल हुए बच्चों व परिवार जनों ने बताया कि सरकार और प्रशासन की तरफ़ से घायल बच्चों को इलाज के लिए भी किसी तरह की कोई सहायता नहीं दी जा रही। ऐसे में सरकार का दायित्व बनता है जो भी बच्चे घायल हुए हैं वो जब तक वो पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो जाते हैं उनके बेहतर उपचार की व्यवस्था करे व दुर्घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की जांच हो।
फोटो कैप्शन 16,17,18: भारत जोड़ो अभियान व जय किसान आंदोलन के संयोजक योगेन्द्र यादव घायल बच्चों से मिलते हुए।
स्कूल मैनेजमेंट अकाउंटेबिलिटी गाइडलाइंस की पालना सुनिश्चित की जाए - प्रियांक कानूनगो
-सुरक्षा खामियां ठीक करने तक नहीं होंगे जीएल स्कूल में नए दाखिले
-जिला शिक्षा अधिकारी एवं ट्रांसपोर्ट अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
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कनीना की आवाज। गुरुवार को जिला महेंद्रगढ़ के उन्हाणी में हुए स्कूल बस हादसे पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो शनिवार को जीएल पब्लिक स्कूल कनीना में पहुंचे। उन्होंने जिला के अधिकारियों की बैठक ली। इस मौके पर उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने सुरक्षित स्कूल वाहन पालिसी को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। इससे पहले श्री कानूनगों ने विभिनन अधिकारियों की बैठक ली और हादसे से संबंधित कारणों की जानकारी हासिल की।
अधिकारियों को तथा बाद में पत्रकारों के प्रश्रों का उत्तर देते हुए हुए श्री कानूनगो ने कहा कि सभी निजी स्कूलों में स्कूल मैनेजमेंट अकाउंटेबिलिटी गाइडलाइंस की पालना सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्कूल मैनेजमेंट अकाउंटेबिलिटी गाइडलाइंस की पालना न करवा पाने पर जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए। इस स्कूल में सुरक्षा खामियां ठीक करने तक नए दाखिले नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि स्कूल सेफ्टी आडिड की जाएगी। स्कूल सेफ्टी मैनुअल के अनुसार गलती करने पर संबंधित स्कूल पर जुर्माना लगाया जा सकता है। पहली गलती पर कुल राजस्व का एक प्रतिशत, दूसरी गलती पर तीन तथा तीसरी गलती पर 5 प्रतिशत जुर्माना लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन व स्कूल मैनेजमेंट कमेटी गठित की जाए। हर कक्षा में पढऩे वाले बच्चों के माता-पिता को शामिल किया जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि प्राइवेट स्कूलों की कमाई को नियंत्रित करना होगा?। उनके लालच में बच्चों की जान से खिलवाड़ नहीं होने देंगे।
इसके बाद बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री कानूनगो ने कहा कि इस मामले की जांच सही दिशा में हो, दोषियों को सजा मिले तथा ऐसी घटनाओं की पुनरावर्ती ना हो, इस उद्देश्य को लेकर आयोग अपनी जांच करेगा तथा भारत सरकार को सौंपेगा ताकि ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।
श्री कानूनगों ने कहा कि कि स्कूल बसों एवं स्कूल के संचालन में अनेक प्रकार की खामियां उजागर हुई है। जहां जांच सही दिशा में हो और दोषियों को सजा मिले, ऐसी घटना की पुर्नवृत्ति ना हो इसके लिए आयोग अपनी विस्तृत रिपोर्ट भारत सरकार को भेजेगा। शिक्षा अधिकारी और रोड ट्रांसपोर्ट महकमे के अधिकारियों की लापरवाही प्रथम दृष्टव्य में झलकती है। इनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी। आरटीओ ने बताया है कि स्कूल की बसों की संख्या तथा सूचना के आधार पर बसों की संख्या में अंतर पाया गया है इसकी पूछताछ की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्कूल के साथ-साथ कोचिंग सेंटर किसी भी सूरत में नहीं चलाया जा सकता। अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर बस चल रही है तो स्कूल संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इस जिले में स्कूल संचालन में बसों की गाइडलाइन का पालन ट्रांसपोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया। उन्होंने जिला प्रशासन को आदेश दिया है कि जिन-जिन स्कूलों में कमियां हो उन स्कूल संचालकों पर जुर्माना लगाया जाए। उन्होंने साथ में कहा कि जीएल स्कूल कनीना में नए सत्र में नहीं दिया जाए जब तक कि अनियमितताएं दूर न हो जाए। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय के 6 बच्चों की मौत हो गई और 850 बच्चे पढ़ रहे हैं। अगर मान्यता रद्द कर दी जाए तो पढ़ रहे इन बच्चों का भविष्य अंधकार में पड़ जाएगा। उन्होंने स्कूल संचालन कर रही ट्रस्ट/ समिति आदि के सभी अधिकारियों को दोषी करार दिए जाने और उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाने के भी बात कही।
जिला उपयुक्त मोनिका गुप्ता ने कहा कि जो आयोग अनुशंसा करेगी उसे पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उनसे पूछे गए प्रश्न में बताया कि पहले जिला शिक्षा अधिकारी जो जांच कमेटी में शामिल थे बाद में उन्हें हटा दिया गया है। साथ में उन्होंने यह भी बताया कि यदि जिला शिक्षा अधिकारी के अतिरिक्त निम्न स्तर के अधिकारी जैसे खंड शिक्षा अधिकारी आदि भी दोषी पाए गए तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि जिला में दो दिन में अब तक 22 स्कूल वाहनों को इंपाउंड किया है। वहीं 58 चालान किए गए हैं। इस मौके पर डीसी ने कहा कि अगर इस हादसे में घायल हुए स्कूली विद्यार्थियों से इलाज के दौरान किसी निजी अस्पताल ने पैसे लिए हैं तो उनके पैसे जिला प्रशासन वापस कराएगा। अभिभावकों को पैसे की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त दीपक बाबूलाल करवा, डीएमसी महावीर प्रसाद, एसडीएम कनीना सुरेंद्र सिंह, सचिव आरटीए मनोज कुमार, सीएमओ डा रमेश चंद्र आर्य, जिला शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त यादव, डीपीओ संगीता यादव के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 13 व 14: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो जीएल स्कूल में जंाच करते हुए तथा बात करते हुए।
डीसी मोनिका गुप्ता ने किया अनाज मंडियों का निरीक्षण
-किसानों की समस्याएं सुनी
-समय पर उठान ना होने पर एजेंसी को कारण बताओ नोटिस होगा जारी : उपायुक्त मोनिका गुप्ता
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कनीना की आवाज। उपायुक्त मोनिका गुप्ता (आईएएस) ने कहा कि रबी फसल की सरकारी खरीद में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। एक साथ में अत्यधिक मात्रा में सरसों आने के कारण मंडियों में थोड़ी भीड़ रहती है। सभी किसानों की सरसों खरीदी जाएगी। डीसी ने आज कनीना तथा महेंद्रगढ़ की अनाज मंडी में निरीक्षण के दौरान किसानों के साथ बातचीत कर रही थी।
उन्होंने कहा कि किसान बहुत ही मेहनत के साथ अन्न पैदा करता है। ऐसे में जिला प्रशासन का पूरा प्रयास है कि किसानों को मंडियों में अपनी फसल बेचते समय किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो।
उन्होंने खरीद एजेंसियों के अधिकारियों को जिले की अनाज मंडियों व परचेज सेंटरों पर सरसों के उठान को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा संबंधित एसडीएम को मंडियों में फसल के उठान के कार्य की निरंतर निगरानी रखने और उठान कार्य में तेजी लाने को कहा। जिन आढ़तियों के पास लेबर नहीं है उन्हें नोटिस जारी किया जाए।
डीसी ने स्पष्ट किया कि यदि कोई एजेंसी उठान कार्य में देरी करती है तो संबंधित एजेंसी को तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि मौसम परिवर्तनशील रहने का पूर्वानुमान है। ऐसे में अनाज मंडियों में सरसों का उठान समय से किया जाए ताकि बारिश आने की सूरत में अनाज को नुकसान ना हो। इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसानों को अनाज मंडियों में किसी प्रकार की समस्या नहीं आनी चाहिए। मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों को किसानों की सुविधाओं हेतु निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मंडियों में सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने मंडियों में साफ सफाई रखने के भी निर्देश दिए।
इस मौके पर महेंद्रगढ़ के एसडीएम संजीव कुमार, कनीना के एसडीएम सुरेंद्र सिंह,डीएम हैफेड प्रवीण कुमार, सचिव मार्केटिंग बोर्ड नुकुल यादव व सचिव कोमिला के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 15: कनीना व महेंद्रगढ़ की अनाज मंडी का निरीक्षण करती डीसी मोनिका गुप्ता।
बैठक में गठित की गई स्कूलों की बसों की जांच कमेटियां
- 47 स्कूलों की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी 14 तक
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कनीना की आवाज। खंड शिक्षा अधिकारी कनीना विश्वेश्वर कौशिक एवं बीआरसी दिलबाग सिंह की अध्यक्षता में कनीना उपमंडल के विभिन्न स्कूली मुखियाओं, प्राध्यापकों एवं अध्यापकों की बैठक संपन्न हुई जिसमें जिसमें कनीना खंड के 47 विभिन्न निजी स्कूलों में बसों की जांच करने के लिए कमेटियां गठित की गई।
यह इस मौके पर 13 विभिन्न कमेटियां गठित की गई जो 14 अप्रैल तक अपनी-अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी।
मिली जानकारी अनुसार इन गठित कमेटी में एक-एक प्राचार्य, एक-एक प्राध्यापक और एक-एक अन्य शिक्षक सम्मिलित किया गया है। कनीना उपमंडल में 13 विभिन्न कमेटियां जिनमें बाघोत, खेड़ी तलवाना, सीहोर, कनीना, रामबास, नांगल मोहनपुर, पाथेड़ा, बूचावास, बवानिया, धनौंदा, बेवल, दौंगड़ा अहीर और भोजावास के लिए तीन-तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई हैञ यह कमेटी 26 विभिन्न निर्धारित बिंदुओं पर बसों की जांच करेगी। ये बिंदु एक प्रपत्र में वर्णित हैं। इन बिंदुओं में प्रमुख रूप से सीसीटीवी कैमरा, लाइसेंस, कंडक्टर, नेम प्लेट, रजिस्ट्रेशन, रूट, बस का रंग, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, प्रदूषण, स्पीड गवर्नर फिल्टर, जीपीएस सिस्टम, आग बुझाने वाला यंत्र, हार्न, टायर की हालत, ब्रेक, इंडिकेटर, हेडलाइट, रिफ्लेक्टर, वाइपर, फस्र्ट एड बाक्स, रूट बोर्ड, नंबर प्लेट, स्कूल, पुलिस तथा अन्य नंबरों की बसों पर लिखित जानकारी की जांच करेगी।
यह कमेटी प्रत्येक स्कूल में जा रही है और वहां बसों की जांच कर रही है।
फोटो कैप्शन 10 व 11: बैठक में कमेटी गठित करते हुए।
12 बसों की जांच करता अधिकारी।
भोजावास में निकाला मौन कैंडल मार्च
--उन्हाणी बस हादसे को को लेकर
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कनीना की आवाज। स्कूल बस हादसे में मृतक और घायल हुए छात्रों के पीडि़त परिवारों को न्याय देने की मांग को लेकर भोजावास गांव के बस अड्डे पर मौन कैंडल मार्च निकाला गया। अतरलाल एडवोकेट के नेतृत्व में निकाले गए कैंडल मार्च में विजय कुमार अग्रवाल, भाग सिंह चेयरमैन, मदनलाल, गंगाराम अग्रवाल, विष्णु गोयल, उपदेश, प्रवीण शर्मा, रामकुमार, रगबीर, रमेश, महेन्द्र सिंह, विकास, विजय सिंह, रामबिलास शर्मा, कैलाश सेठ, राकेश यादव, सूरज, नरेन्द्र सिंह आदि मौजीजान ने बड़ी संख्या में भाग लेकर राज्य सरकार से पीडि़त परिवारों को त्वरित न्याय देने की मांग की। कैंडल मार्च की समाप्ति पर दो मिनट का मौन धारण कर मृतक बच्चों की आत्मिक शांति तथा घायल बच्चों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की गई। बसपा नेता अतरलाल ने कहा कि इस हृदय विदारक हादसे को लेकर पूरे देश के लोग गमगीन हैं। बच्चों के पीडि़त परिवार परेशानी तथा सदमे में हैं, परन्तु मुख्यमंत्री जी का अभी तक पीडि़त परिवारों से मिलने न आना और राज्य सरकार की तरफ से पीडि़त परिवारों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा न किए जाने से इलाके के लोगों में भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने मुख्यमंत्री से तत्काल पीडि़त परिवारों के पास आकर उनका धीरज बंधाने तथा पीडि़त परिवारों की सहायता के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने की मांग की। सभी वक्ताओं ने राज्य सरकार से एक मत से मृतक बच्चों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये, घायलों का इलाज सरकारी खर्च पर करवाने तथा उनको 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर पीडि़त परिवारों को न्याय देने की मांग की।
फोटो कैप्शन 09: भोजावास में मौन कैंडल मार्च निकालते हुए
कनीना क्षेत्र में हुई 5 एमएम वर्षा
--अनाज मंंडियों में कुछ अनाज भीगा, खेतों में लावणी प्रभावित
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में जहां दोपहर पश्चात वर्षा हुई 5 एमएम वर्षा हुई। वर्षा के चलते जहां अनाज मंडियों में खरीद प्रभावित हुई वहीं पड़ा हुआ गेहूं भी कुछ मात्रा में भीग गया। वहीं खेतों में पड़ी हुई गेहूं की पुलिया भीग गई है। जिसके चलते जहां सरसों निकालने का काम प्रभावित हो गया है वहीं गेहूं की लावणी भी प्रभावित हो गई है। अभी मौसम विभाग और बूंदाबांदी की संभावना जाता रहा है। कनीना क्षेत्र में अचानक तेज आंधी और वर्षा के चलते जहां गर्मी से राहत मिली वहीं कनीना की दोनों अनाज मंडियों में खरीद प्रभावित हुई। जहां नई अनाज मंडी चेलावास में सरसों की खरीद जारी है वही पुरानी अनाज मंडी में गेहूं खरीदने का कार्य शुरू होना था। दोनों ही प्रभावित हो गए हैं।
मिली जानकारी अनुसार पुरानी अनाज मंडी में जहां गेहूं खरीदने का कार्य वेयरहाउस द्वारा शुरू किया जाना था जो बीच में अटक गया वहीं कुछ गेहूं भी गया। गेहूं भीगने कोई विशेष कुप्रभाव नहीं बताया जा रहा है। यद्यपि गेहूं को बाद में तिरपालों ढक दिया गया। किंतु कुछ मात्रा में भीग गया। कनीना मंडी के रविंद्र बंसल ने बताया कि सरसों और बाजरा भीग जाने पर भारी नुकसान हो सकता है किंतु गेहूं पर हल्की बूंदाबांदी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। उधर खेतों में इस समय गेहूं की लावणी चल रही है और सरसों पैदावार ली जा रही है। दोनों ही कार्य प्रभावित हो गए हैं।
किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार, महेश कुमार, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि समय खेतों में गेहूं की लावणी चल रही है तथा सरसों पैदावार ली जा रही है। तेज अंधड़ से जहां गेहूं की पुलिया बिखर गई वहीं सरसों की पैदावार लेना भी प्रभावित हो गया ह। कुछ समय के लिए सरसों पैदावार लेना स्थगित हो गया है वहीं गेहूं की लावणी भी प्रभावित हो गई है। किसानों ने बताया कि यदि ज्यादा वर्षा होती है तो वह उनकी गेहूं की पड़ी हुई फसलों और सरसों की पड़ी हुई फसलों के लिए नुकसानदायक साबित होगी। बहरहाल वर्षा से गर्मी में राहत जरूर मिल गई है किंतु अभी भी किसानों का कृषि का कार्य प्रभावित हो चुका है।
फोटो कैप्शन 05: आकाश में छाई काले बादल 06: गेहूं की लावणी की हुई पुलिया
07: कनीना मंडी में पड़ा हुआ गेहूं
हृदय रोग चिकित्सा का शिविर रविवार को
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कनीना की आवाज। कनीना अनाज मंडी स्थित लाला शिवलाल धर्मशाला में सेवा भारती हरियाणा प्रदेश शाखा कनीना की ओर से 14 अप्रैल को हृदय रोग शिविर आयोजित किया जाएगा। इस मौके डा अश्विनी यादव हृदय रोग विशेषज्ञ उपस्थित रहेंगे।
विस्तृत जानकारी देते हुए सेवा भारती के योगेश अग्रवाल ने बताया कि इस मौके पर ईसीजी, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर आदि की जांच की जाएगी उन्होंने कहा कि प्राय हृदय रोगों की जांच उन लोगों को करवानी चाहिए जिनकी सांस फूलती हो, अत्यधिक मोटापा, अत्यधिक पसीना आता हो, उम्र 40 वर्ष से अधिक हो, तंबाकू-धूम्रपान सेवन करने वाले, रक्तचाप से पीडि़त, अत्यधिक घबराहट बेचैनी, हृदय संबंधित पारिवारिक रोग प्रवृत्ति, आलसी जीवन शैली वाले जरूर इस शिविर का में जांच करवाएं।
स्कूल सेेफ्टी का दिया जाए प्रशिक्षण
--सुरक्षा के मानकों को पूरा करे उन्हें दी जाए मान्यता-नरेश कौशिक
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कनीना की आवाज। गुरुवार को कनीना उपमंडल के गांव उन्हाणी के पास निजी स्कूल बस हादसे में 6 बच्चों की जान जाने के बाद अब अनेक सवाल उठ खड़े हुए हैं। कुछ लोगों से इस संबंध में चर्चा की गई-
**बच्चों की सुरक्षा हमारा पहला दायित्व है चाहे वह सरकारी स्कूल में जा रहे हैं चाहे प्राइवेट में सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए आज से एक दशक पहले हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान गुरुग्राम में विद्यालयों के मुखियाओं को स्कूल सेफ्टी पर एक सप्ताह का गहन प्रशिक्षण दिया गया था। इस प्रकार के प्रशिक्षण निजी संस्थानों में भी दिए जाने चाहिए और सबसे बड़ी बात बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। विधिवत बसों की जांच की जाए तथा अगर कोई बस प्राइवेट स्कूल की सुरक्षा मानकों पर खरी नहीं उतरती है तो उसका चालान नहीं करना चाहिए बल्कि उसे बंद कर देना चाहिए या उसे स्क्रैप/ कबाड़ में डाल देना चाहिए। साथ ही बस चालक व परिचालक अनुभवी जिम्मेदार तथा प्रशिक्षित हो उसे माननीय उच्च न्यायालय की हिदायतानुसार ज्ञान होना चाहिए जिससे हमारे बच्चों को हम सुरक्षित एवं भय रहित माहौल दे सके।
--राजेश कुमार प्राध्यापक
आमतौर पर स्कूल प्रबंधन अपने थोड़े से लालच में प्रदूषण का प्रमाण पत्र बस की सुरक्षा का प्रमाण पत्र या उसका इंश्योरेंस समय पर नहीं करवा कर बच्चों की जान को जोखिम में डालते हैं जो बाद में बड़ी समस्या के रूप में सामने आता है। इस इस हादसे में भी बस का सही मानकों पर खरी ना उतरना सबसे बड़ी खामी सामने आ रही है। इस प्रकार सरकार एवं प्रशासन को ऐसे स्कूल संचालकों पर लगाम कसनी चाहिए।
---हरिश कुमार, समाजसेवी
प्रशासनिक स्तर पर समय-समय पर अगर सही ढंग से कार्रवाई हो तो इस सम प्रकार की घटनाओं पर रोक लग सकती है। इसके लिए अधिकारियों को अपने अधिकार क्षेत्र में अपनी ड्यूटियों का कड़ाई से निर्वाह करना होगा तभी बच्चों के लिए सुरक्षित एवं सद्भाव युक्त माहौल दिया जा सकेगा।
---समाजसेवी सतीश कुमार
कहने को तो प्राइवेट स्कूलों ने बसे लगा रखी है लेकिन अनेक विद्यालयों में बसों की संख्या उनकी छात्र संख्या से कहीं काम है तथा बच्चों को भेड़ बकरियों की तरह भर कर लाया जाता है ऐसी शिकायत है। आज गांव में निकल कर आ रही है और आने वाले समय में निश्चित रूप से आम जनमानस इस घटना से सबक लेगा तथा चालकों की गलत हरकतों पर अंकुश लगाने में सहायता करेगा क्योंकि इस घटना ने पूरे प्रदेश नहीं बल्कि देश व दुनिया को हिला कर रख दिया है।
---समाजसेवी अति यादव
फोटो कैप्शन: राजेश कुमार, अति यादव, हरीश कुमार, सतीश कुमार
लड़की को बहला फुसलाकर कहीं छुपने के चलते दो लोगों पर मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव से एक पिता ने कनीना पुलिस में मामला दर्ज करवाते हुए कहा कि उसकी पुत्री जो 12वीं कक्षा की परीक्षा दे चुकी है को एवन तथा सोनू षड्यंत्र के तहत भगाकर ले गए तथा उसे कई छुपा रखा है। उन्होंने पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि एवन नामक युवक उसकी लड़की 9 अप्रैल को दोपहर 12 बजे के आसपास घर पर आकर बहला पुुसला ले गया। उस समय पत्नी एवं परिवार के अन्य सदस्य खेत में लावणी पर गए थे जिसका फायदा उठाते हुए आरोपी लड़की को बहला फुसला ले गया। घर पर आकर देखा तो लड़की नहीं मिली तो रिश्तेदारियों तक पता किया, कोई सुराग नहीं लगा। पिता ने कहा है कि उसकी लड़की को एवन तथा सोनू आपस में षडय़ंत्र करके घर से बहला फुसलाकर ले गए। तत्पश्चात गांव आसपास के लोगों को साथ लेकर पीडि़त उनके घर पूछताछ के लिए गया तो सोनू ने पहले तो आश्वासन दिया कि 11 अप्रैल को उनकी लड़की को बुला दिया जाएगा परंतु 11 अप्रैल की शाम तक बातों को घुमाता रहा और साथ में ऐलानी तौर पर कहा कि मैं आपकी लड़की एवं एवन की जानकारी नहीं दूंगा। इस प्रकार इस प्रकार एवं और सोनू आपस में मिलकर योजना व तरीके से लड़की को भगा ले गए जिससे समाज में काफी बेइज्जती हुई है। उन्होंने अपनी लड़की को बरामद करने और इन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। जिसके चलते कनीना पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर लिया है।
हेड कांस्टेबल ईश्वर सिंह का हृदय गति रुकने से निधन
पूरे सम्मान के साथ किया बेवल में अंतिम संस्कार
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कनीना की आवाज। 57 वर्षीय हेड कांस्टेबल सीआरपीएफ, बेवल निवासी ईश्वर सिंह का हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। उनका शनिवार को उनके पैतृक गांव बेवल में पूरे मान सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया। उनके साथ आये सीआरपीएफ के जवानों की टुकड़ी ने मातमी धुन बजाकर अपने साथी को अंतिम विदाई दी। ईश्वर सिंह सहित परिवार में चार भाई है तथा ईश्वर सिंह के केवल एक पुत्री है जो शादीशुदा है। उनकी पत्नी प्रकाश देवी घर पर है तथा गृहणि है।
मिली जानकारी अनुसार ईश्वर सिंह को सेवानिवृत्त होकर आना था किंतु ग्वालियर में जब वो तैनाती पर थे उसी समय हृदय गति रुक जाने से उनका देहांत हो गया। उनका पार्थिव शरीर गांव में लाया गया पूरा गांव ईश्वर सिंह जिंदाबाद के नारों से गूंज उठा, भारी भीड़ के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर और पूर्व सीपीएस अनीता यादव ने उन्हें पुष्प अर्पित किये तथा उनके साथ आई जवानों की टुकड़ी ने मातमी धुन बना बजाई। पुलिस प्रशासन भी मौजूद रहा।
फोटो कैप्शन 02: अनीता यादव ईश्वर सिंह को पुष्प अर्पित करते हुए।
आधा दर्जन लोग मधुमक्खियां के हमले ने मधुमक्खियां ने काटा
--कनीना अस्पताल में भर्ती, छुट्टी दी
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कनीना की आवाज। कनीना-गाहड़ा मार्ग पर टाइल की फैक्ट्री के पास मधुमक्खियां के हमले से करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गये। तुरंत एंबुलेंस बुलाई गई, कनीना पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों तरफ सड़क मार्ग को कुछ समय के लिए अवरुद्ध कर दिया गया ताकि मधुमक्खियां के हमले से बचाया जा सके।
मिली जानकारी अनुसार शनिवार की सुबह गाहड़ा सड़क मार्ग पर अचानक मधुमक्खियों ने हमला बोल दिया और आधा दर्जन लोगों को काट खाया। हमले में शहीदुल असम निवासी, हरिओम, वीरेंद्र, जितेंद्र, अर्जुन और रवि आदि घायल हो गए जिन्हें कनीना के अस्पताल में लाया गया। जहां उन्हें प्राथमिक उपचार करके छुट्टी दे दी गई। उल्लेखनीय है कि कनीना उप-नागरिक अस्पताल के पास भी मधुमक्खियां के छत्ते लगे हुए जिन्होंने एक शिक्षकको काट खाया था।
ग्रामीणों का राज्य सरकार और केंद्र सरकार के प्रति आक्रोश
-- 398वें दिन जारी रहा धरना
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग-बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना जारी है। धरने की अध्यक्षता डा. लक्ष्मण सिंह सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के प्रति ग्रामीणों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। ग्रामीण इस बात पर अड़े हुए हैं कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा 2 साल पहले पचगांव गुरुग्राम रैली में राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट की घोषणा की गई। ग्रामीणों ने लड्डू बांटकर खुशी मनाई। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपनी जुबान के पक्के हैं, जो बोल देते हैं उस काम को अवश्य पूरा करते हैं लेकिन कट का काम अब तक शुरू नहीं किया गया है। ग्रामीणों का आक्रोषित होना स्वाभाविक है। केंद्र सरकार के प्रति ग्रामीणों का विश्वास खत्म हो रहा है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार ग्रामीणों की पीड़ा को समझे और जितना जल्दी हो सके राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू करवाया जाए अन्यथा ग्रामीणों को मजबूरन सरकार का विरोध करना पड़ेगा।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 398 दिन हो गए है। देश का विकास, विकसित भारत, डबल इंजन की सरकार, सबका साथ सबका विकास, यह बातें प्रत्येक आदमी की जुबान पर हैं, बोलने में बहुत अच्छी लगती हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी ,50 गांवों के बीच से गुजर रहा है, उस पर चढऩे -उतरने का मार्ग नहीं होने से, इन ग्रामीणों का विकास नहीं हो सकता। गांव विकसित होने के बाद ही देश का विकास हो सकता है। जब तक कट का काम शुरू नहीं होगा, हमारा धरना जारी रहेगा।
इस मौके पर ठेकेदार शेर सिंह, डा. लक्ष्मण सिंह , नरेंद्र शास्त्री, मास्टर विजयपाल, पहलवान रणधीर सिंह, पूर्व सरपंच हंस कुमार, दाताराम, सीताराम, प्रधान कृष्ण कुमार, वेद प्रकाश, सूबेदार हेमराज अत्रि , सतपाल चेयरमैन, मनोज कुमार करीरा, डा. राम भक्त, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह, मास्टर विजय सिंह, रोशन लाल आर्य व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 01: धरने पर बैठे ग्रामीण।
जागो वोटर जागो
चरित्रवान व राष्ट्रभक्त उम्मीदवार के चयन के लिए करे अपने मत का प्रयोग: मा.राजेश।
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कनीना की आवाज। करो वोट की चोट, दिखाओ ताकत को-यह गीत गली गली में सुनाई पड़ रहा है, पर क्या हमें पता है कि यह गीत हमें जामवंत की तरह हनुमानजी को उनकी ताकत का एहसास कराने जैसा देशभक्तों द्वारा किया जा रहा प्रयास है। यह हम भूल गए हैं कि प्रजातंत्र प्रणाली एक सर्वोत्कृष्ट शासन प्रणाली है, जिसमें प्रजा द्वारा चुना गया प्रतिनिधि मंडल शासन तंत्र को संचालित करता है। यह प्रतिनिधि मंडल मतदाताओं का ही प्रतिबिम्ब होता है। चुनाव चाहे किसी देश में हो या राज्य में, दुनिया की निगाहें मतदाताओं के निर्णय पर टिकी रहती हैं, इसीलिए परीक्षा भी मतदाताओं की ही होती है। समृद्धिशाली प्रजातंत्र के लिए मतदाताओं को वोट डालते समय विवेक का परिचय देना चाहिए। पूर्वाग्रहों से ऊपर उठकर प्रत्याशियों के गुण दोष का आकलन करते हुए चरित्रवान, राष्ट्रभक्त उम्मीदवारों का ही चयन करना चाहिए। उक्त विचार शिक्षक व समाजसेवी स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी उन्हाणी निवासी राजेश कुमार ने मतदाताओं को जागरूक करते हुए व्यक्त किए।
आज प्रजातंत्र के कर्णधारों को चुनने का जो अधिकार मिला है वह अंग्रेजों ने या अंग्रेजियत के गुलामों ने हमें उपहार में नहीं दिया है, इसके लिए आजादी के दीवाने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने स्वतंत्रता की वेदी पर अपने आप को अर्पित किया है। सरदार भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, राम प्रसाद जैसे अनेकों महानायकों के बलिदान से हमें आजादी मिली है। अपने बेशकीमती वोट का उपयोग करने से पहले इन बलिदानियों के बलिदान का स्मरण करें और सोचें कि कहीं हम भिन्न भिन्न प्रलोभनों में आकर या पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर, किसी राजनीतिक दल के खूंटे से बंधकर जाति, धर्म और सम्प्रदाय के बंधनों में जकड़ कर अपने देश को पतन के गर्त में तो नहीं धकेल रहे हैं।
फोटो कैप्शन: राजेश कुमार शिक्षक।
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