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Friday, April 4, 2025


 

दुर्गा अष्टमी के दिन स्कूलों का समय 1 दिन के लिए बदला
-5 अप्रैल को स्कूल समय होगा सुबह दस बजे का
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कनीना की आवाज। 
विद्यालय शिक्षा निदेशालय हरियाणा ने 5 अप्रैल को दुर्गा अष्टमी के उपलक्ष्य पर शनिवार को एक दिन के लिए सरकारी स्कूलों का समय बदल दिया है। इस दिन स्कूलों का समय प्रात: 10 बजे से दोपहर 2:30 बजे का रखा है ताकि विद्यार्थी दुर्गा अष्टमी का पर्व मनाया जा सके।  उल्लेखनीय की रामनवमी रविवार को है जिसका पहले ही रविवार होने के कारण अवकाश है।






21000 रुपये का दंगल चिराग सासरौली ने जीता
-झाड़ली माता मेला संपन्न
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कनीना की आवाज।
कनीना उपमंडल के गांव झाड़ली स्थित माता मंदिर मेले में बूढ़ों की दौड़ ,बच्चों की दौड़ तथा कुश्तियों का आयोजन किया गया। जहां अनेकों दंगल आयोजित हुए। 21000 रुपये की कुश्ती चिराग सासरोली ने जीती। वहीं 21000 की दूसरी कुश्ती में मोहित छीथरोली तथा बंटी बहू अखाड़ा के बीच बराबरी पर रही। 5100-5100 रुपये की अनेक कुश्तियां संपन्न हुई जिनके विजेता साहिल, मोहित, बिंदु, भोला पहलवान ने जीती। मेले में सरपंच और संत ने अव्वल को पुरस्कृत किया।
फोटो कैप्शन 07 व 08: दंगल की हैं






मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार- 121
- जब-जब विपत्ति आई तब तब करीरा स्कूल ने दिया सहारा
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कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी डा. होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक बतौर 30 अप्रैल 2024 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्होंने अपने जीवन में करीब 40 सालों की शिक्षा के क्षेत्र में सेवा की और विभिन्न संस्थाओं में सेवा देने का मौका मिला किंतु जब जब कोई समस्या आई तब तब करीरा स्कूल ने सहारा दिया। करीरा नवोदय स्कूल से ही शिक्षण काय प्रारंभ हुआ था। आइये सुनते हैं डा. होशियार सिंह यादव की कहानी होने की जुबानी -
बात उन दिनों की है जब मैं गाय एवं भैंस चराने के लिए अपने पिता के संग करीरा की राजावाली बणी में जाता था। उस वक्त जवाहर नवोदय विद्यालय का शुभारंभ हो गया था। एक दिन मां सेढाराम एवं मा. जगराम कोटिया ने मुझे सरकारी स्कूल में सेवा करने का मौका दिया। उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक दिन मैंने दीवार से झांक कर देखा कि यह क्या है? तो पता लगा कि यह नवोदय विद्यालय है। नवोदय अलग भी मेरे समय हुआ है। मुझे बड़ी खुशी हुई नवोदय विद्यालय करीरा में खुल गया है। जहां सरकारी स्कूल करीरा में उस समय बाबूलाल बाबू होते थे। जो आज के दिन अधीक्षक एचईएस-।। डाइट में कार्यरत। अभी उनकी करीब 17 माह की सेवा बाकी है और करीब 40 सालों के करीब सेवा देकर सेवानिवृत्त होंगे। मुझे खुशी है कि किसी समय वो करीरा में कार्यरत थे और आज बड़े पद पर कार्यरत हैं किंतु कुछ दिनों पश्चात ही सेढ़ाराम जी मास्टर कनीना ने मुझे करीरा के नवोदय विद्यालय में सेवा करने के लिए मौका दिलवाया।  इस प्रकार करीरा में लंबे समय तक काम किया। तत्पश्चात मैंने कनीना के राजकीय माडल स्कूल में कार्य किया। वर्ष 2005 में कुछ व्यक्तियों ने मिलकर मेरी बदली कनीना स्कूल से अल्लिका,मेवात करवा दी। यद्यपि मैं जल्द ही अल्लिका से वापस आ गया परंतु फिर से मुझे 6 अगस्त 2005 में करीरा स्कूल मिला। जब करीरा स्कूल में दोबारा से आया तो मैंने अपना पूरा जी जान एक कर दिया। उसे समय अनेक साथी कार्यरत थे। सबसे बड़ी बात है उस समय मैं प्रार्थना सभा में प्रतिदिन किसी एक नए पौधे की जानकारी देता था या अपने शरीर के किसी अंग की जानकारी देता था। शिक्षक भी उस समय बहुत प्रभावित हुए और विद्यार्थी भी बहुत प्रभावित हुए क्योंकि यह सच है कि आज के दिन युवा पीढ़ी पेड़ पौधों की जानकारी नहीं रखती। हमारे आसपास हजारों औषधीय पौधे खड़े हैं, उनकी जानकारी अभाव में यह पौधे बेकार चले जाते हैं। मैंने विद्यार्थियों को बहुत से पौधों की जानकारी दी किंतु वहां लंबे समय तक नहीं रह पाया और वहां से जल्द ही मेरी बदली करीब एक महीने बाद ही कनीना के लिए हो गई। एक महीने में काम से कम 50-60 विभिन्न पौधों की जानकारी दी। सीताराम जी शिक्षक आज भी मिलते हैं तो बताते हैं कि अपने पौधों की बहुत अच्छी जानकारी दी थी और भी कई साथी जब मिलते हैं तो उसे समय को याद करते हैं। मैं पहले की पोस्ट में बता चुका हूं कि प्रार्थना सभा में हर जगह मुझे संबोधन का मौका मिला है। विशेष कर पड़तल स्कूल में तो जी जान एक करके प्रार्थना सभा को संबोधित करता आया हूं। कोई ऐसा विद्यालय नहीं जहां मैं काम किया हो और मंच से संबोधित प्रतिदिन नहीं तो दो दिन बाद न संबोधित किया हो। आज मुझे खुशी है कि मैं विद्यार्थियों को पेड़ पौधों की जानकारी दी थी और यही मेरी इच्छा है कि अभी भी बहुत से पेड़ पौधे हमारे चारों तरफ खड़े हैं जिनकी जानकारी विद्यार्थियों को/ युवा पीढ़ी को नहीं है। जल्द ही एक ब्लाग/ वीडियो ब्लाग बनाने की सोच रहा हूं कि आसपास के सभी पेड़ पौधों की जानकारी उस ब्लाग के जरिए विद्यार्थियों को और आम आदमी को दी जाए ताकि किसी पंसारी के यहां महंगे दामों पर कोई औषधीय पौधा/दवा खरीदने की बजाय सीधे जहां उपलब्ध है वहां से उखाड़ कर प्रयोग कर सकते हैं। अब मेरी उम्र ढल रही है। एक इच्छा है कि शेष कार्य पेड़ पौधों पर लगाऊं और उन लोगों तक भी अपना सारा ज्ञान बांट सकूं जो पेड़ पौधों के विषय में रखता हूं।
करीला स्कूल से ही बाबूलाल करीरा निवासी से मुलाकात हुई। यहीं पर कोटिया निवासी जगराम जी से मुलाकात हुई। जगराम जी बहुत सुलझे हुये इंसान है और उनके घर पर मैंने बहुत लंबे समय  तक खाना भी खाया है। खाना खाकर करीरा स्कूल में पढ़ाने के लिए पहुंचता था। आज भी वो मेरे लिए सम्माननीय गुरु है और रहेंगे। उन्होंने मुझे बहुत सहारा दिया। करीरा स्कूल कई मायनों में मेरे लिए शुभ रहा है। आज भी मैं करीरा स्कूल को याद करता हूं, उस समय मैं करीरा स्कूल में पढ़ाया तब आधा स्कूल नवोदय होता था और आधा सरकारी स्कूल राजकीय उच्च विद्यालय होता था। वर्तमान में करीरा का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय है।


जोहड़ों से अतिक्रमण हटाने की मांग की
-जोहड़ों की बेहतर ढंग से हो सफाई-मंजू यादव
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कनीना की आवाज।
कनीना वार्ड नंबर एक पार्षद मंजू यादव ने नगरपालिका चेयरमैन को जोहड़ों की जमीन पर किए गए अवैध कब्जों को हटवाने के लिए ज्ञापन दिया है । उन्होंने दो जोहड़ों की सफाई का काम अतिक्रमण हटाने के गबाद ही करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से जोहड़ों के किनारे अतिक्रमण किया हुआ है जिससे वर्षा के समय कनीना कस्बा में गंदा पानी जमा हो जाता है।
पार्षद ने बताया कि कालरवाली और होलीवाला जोहड़ की जमीन पर कुछ परिवारों में अवैध कब्जा कर रखा है। अभी अतिक्रमण करने का काम जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जोहड़ों की सफाई कराने के लिए राशि मंजूर कर रखी है किंतु अतिक्रमण हटाये बगैर सफाई संभव नहीं है। ऐसे में उन्होंने प्रधान से अविलंब सरकारी तौर पर पैमाइश करवाकर जोहड़ की जमीन को  खाली करवाने बात कही है।
फोटो कैप्शन 06: वार्ड एक की पार्षद प्रधान को ज्ञापन देते हुए


डाकघर में नहीं हो रहा 30 मार्च से कोई लेनदेन
-उपभोक्ताओं में रोष, विवाह शादी भी प्रभावित, सोमवार से लेने देने की संभावना
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कनीना की आवाज।
 कनीना के उप-डाकघर में 30 मार्च से कोई लेनदेन कार्य नहीं हो रहा है। दर्जनों उपभोक्ता लेनदेन के लिए पहुंचते हैं किंतु खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। राजपाल उपभोक्ता ने बताया कि उनके घर पर शादी का कार्यक्रम है किंतु जब राशि लेने डाकघर पहुंचा तो  डाकघर से कोई लेन-देन नहीं किया। उन्हें खानी हाथ लौटना एवं परेशान होना पड़ा। सैकड़ों उपभोक्ता प्रतिदिन आ रहे और वे खाली हाथ लौट रहे हैं। कोई तकनीकी खराबी के कारण डाकघर में काम नहीं हो रहा है। उल्लेखनीय कनीना के आसपास सभी डाकघरों में विधिवत रूप से कार्य चल रहा है किंतु यहां के डाकघर में कार्य न होने से उपभोक्ता में रोष पनप रहा है। उपभोक्ताओं ने तुरंत प्रभाव से उप डाकघर में लेन देन कार्य शुरू करवाने की मांग की है। इस संबंध में विशाल कुमार पोस्ट मास्टर से इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि राउटर खराब होने से यह समस्या बन गई है। शनिवार को राउटर शाम तक ठीक होने की संभावना है तथा सोमवार से विधिवत रूप से लेने देन का काम चलेगा।


साइक्लोथोन 02 यात्रा का स्वागत होगा बाघोत में
--स्कूल में होगा स्वागत
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कनीना की आवाज।
7अप्रैल को होने वाली साइक्लोथोन 02 यात्रा को लेकर एसडीएम कनीना डा. जितेंद्र सिंह ने बाघोत में दौरा किया तथा स्वागत स्थल की जानकारी ली।
एसडीएम कनीना ने बताया कि हरियाणा उदय आउटरीच कार्यक्रम के तहत प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के उद्देश्य से ड्रग फ्री हरियाणा के तहत एक साइकिल यात्रा नशा मुक्ति के नाम थीम पर आधारित साइक्लोथान-2 आगामी 7 अप्रैल को कनीना उपमंडल के गांव बाघोत से शुरू होगी। यह यात्रा 7 अप्रैल को पहुंचेगी तथा उनका स्वागत बाघोत में किया जाएगा। यह यात्राजिला में नशा के प्रति लोगों को जागरूक करेगी। उन्होंने बताया कि इस यात्रा की सफलता को लेकर सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं।
फोटो कैप्शन 05: बाघोत स्कूल ग्राउंड का निरीक्षण करते हुए एसडीएम




344 किसानों से 7914 क्विंटल सरसों खरीदी
- अब तक कुल खरीद पहुंची 42914 क्विंटल
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कनीना की आवाज।
 कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास में 5900 प्रति क्विंटल की सरकारी दर से वेयरहाउस द्वारा 24 मार्च से सरसों की खरीद जारी है। शुक्रवार को 7914 क्विंटल सरसों 344 किसानों से खरीदी।
 विस्तृत जानकारी देते हुए वीरेंद्र सिंह एआर कनीना मंडी ने बताया कि अब तक कुल सरसों की खरीद 42914 क्विंटल पहुंच चुकी है। रविवार को खरीद बंद रहती है। खरीद के समय सचिव मार्केट कमेटी विजय सिंह, सतीश कुमार मंडी सुपरवाइजर ,वीरेंद्र एआर, सीमा परचेजऱ सहित किसान उपस्थित रहे।
 फोटो कैप्शन 04: कनीना अनाज मंडी में सरसों की खरीद का नजारा




सुदामा का प्रयाय बन गया है रामप्रकाश ककराला
-सैंकड़ों बार निभा चुके हैं सुदरामा की भूमिका
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कनीना की आवाज।
88 वर्षीय रामप्रकाश ककराला निवासी आज सुदामा का प्रयाय बन चुके हैं। वे सुदामा की ड्रेस में रहते हैं और जब भी घर पर तथा दुकान वगैराह पर जाते हैं तो इसी ड्रेस में जाते हैं। वे सुदामा के सैकड़ों रोल निभा चुके हैं।
 उन्होंने बताया इंदौर गीता भवन, अनुपगढ़ हरिद्वार, उज्जैन हर जगह सुदामा का रोल निभाते हैं। जब कभी भजन सत्संग कीर्तन आदि चलते हैं तो उनको सुदामा की पोशाक में और सुदामा की वेश में देखा जा सकता है। उन्हें हरिद्वार तथा उज्जैन में के महाकाल मंदिर में जब भी रोल निभाने के लिए बुलाया जाता है तो 2 महीने तक वहीं रहते हैं और अपनी कला के मार्फत लाखों लोगों को आकर्षित करते हैं।
 वर्षों पहले दुकानों पर मुनीम का काम कर चुके और बाद में अचानक उनके दिमाग में सुदामा का रोल करने की सोची। जब मुनीम का काम संपन्न होता तभी किसी रासलीला या अन्य भजन सत्संग में जाते थे और वहां पर ऐसी लगन जागी कि उन्होंने सुदामा की भूमिका निभानी शुरू कर दी। तत्पश्चात इनको लोग सुदामा के रूप में जानने लग गए।
वर्ष 2004 में उन्होंने सबसे पहले इंदौर में के गीता भवन में सुदामा की भूमिका निभाई। आज शक्ल सूरत से भी सुदामा जैसी नजर आते हैं चूंकि टीवी पर सुदामा को देखते हैं तो उनकी शक्ल में सुदामा को पाते हैं। ऐसे में लोग उन्हें रामप्रकाश कम तो सुदामा के नाम से अधिक जानते हैं। एक आदर्श सुदामा के रूप में लोग उन्हें चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि आज भी यह भूमिका निभाने के के लिए महाकाल उज्जैन और हरिद्वार जाते हैं। निस्वार्थ भाव से की भूमिका निभाई कभी उनसे कोई किसी प्रकार का पैसा आदि नहीं लिया।
फोटो कैप्शन : रामप्रकाश











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