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Friday, April 11, 2025


 



धनौंदा सड़क हादसे में मृतक बच्चों के परिजनों ने झाड़ली में आयोजित की श्रद्धांजलि सभा
-परिजनों ने सरकार से आरोपितों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की उठाई मांग
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कनीना की आवाज।
कनीना उपमंडल के गांव झाड़ली में शनिवार को उन्हानी मोड़ के पास हुए सड़क हादसे को एक वर्ष होने पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
उल्लेखनीय है कि एक वर्ष पूर्व 11 अप्रैल को गांव धनौंदा के पास उन्हाणी मोड़ पर जीएल स्कूल कनीना की बस पेड़ से टकराने की वजह से 6 बच्चों की जान चली गई थी व करीब दो दर्जन के आस-पास बच्चे घायल हो गए थे। इस हादसे में गांव झाड़ली से चार बच्चों की जान गई थी। एक बच्ची खरकड़ाबास की मौत बाद में हो गई थी। शनिवार को एक वर्ष पूर्ण होने पर मृतक के बच्चों के परिजनों ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर श्रद्धांजिल अर्पित की। सभी परिजन आज भी उस भयानक हादसे से बाहर नहीं निकल पाए है। झाड़ली निवासी मृतक युवराज की माता आशा शर्मा अपने कलेजे के टुकड़े को आज भी मोबाइल फोन में देखकर अपने आंसू नहीं रोक पाती है। शनिवार को पूर्व सरपंच संजय शर्मा, राकेश, जगदीश, नरेश नम्बरदार, जगदीश नम्बरदार, पृथ्वी सिंह, राहुल, अंकित, मनोज पूर्व पंच, प्रमेशवरी देवी, पंकज, विशाल, दिनेश, सहित अन्य गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि सभा में पहुंचकर मृतक बच्चों के आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इस दौरान सभी लोगों ने सरकार से मांग कर आरोपितों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि इस हादसे में अभी तक पुलिस प्रशासन के द्वारा स्कूल संचालक राजेन्द्र सिंह लोढ़ा, स्कूल प्रिंसिपल दीप्ति राव वासी कनीना, होशियार सिंह वासी कनीना स्कूल के सचिव, बस चालक धर्मेंद्र वासी सेहलंग, सेहलंग के रहने वाले बस चालक के चार साथी निट्टू उर्फ हरीश, संदीप, भूदेव और नरेश उर्फ कालिया सहित 10 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जा चुका है। जिनमें से 9 लोगों को जमानत मिल चुकी है वहीं बस चालक धर्मेन्द्र अभी भी जेल में बंद है।
  उधर मृतक युवराज की माता आशा शर्मा अपने बच्चे का फोटो देख विलाप करते रहे।
फोटो कैप्शन 07: मृतक बच्चों को श्रद्धांजलि देते परिजन व अन्य गणमान्य लोग



एसडीएम डा. जितेंद्र सिंह ने किया अनाज मंडी का निरीक्षण
-दी अधिकारियों को हिदायतें
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कनीना की आवाज।
एसडीएम डा. जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
एसडीएम ने अधिकारियों को जल्द से जल्द सरसों के उठान कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंडी में किसानों के लिए बिजली पानी जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार किसानों को उनकी फसल का मूल्य निर्धारित समय में मिलना चाहिए। इस मौके पर उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे अपनी फसल को सुखाकर मंडी में लाएं।
इस अवसर पर मंडी के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 06:कनीना अनाज मंडी का निरीक्षण करते एसडीएम डा. जितेंद्र सिंह।






मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार- 122
 -याद आते हैं कच्चे मकान और बारिश का मौसम
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कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी डाक्टर होशियार सिंह यादव विश्व रिकार्ड धारक 30 अप्रैल 2024 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सेवानिवृत्ति को करीब 1 साल होने को है। वो उन कष्टों से गुजरे हैं जिसे आम आदमी बड़ी मुश्किल से सहन कर पाता है। उनका प्रारंभिक जीवन और जब तक वह दसवीं कक्षा में पढ़े तब तक कच्चे मकानों में जीवन व्यतीत किया। बारिश का मौसम होता था तो मकान गिरने का डर सताता रहता और किताबें भी पढऩा जरूरी होता था। आइये सुनते हैं उनकी कहानी होशियार सिंह की ही जुबानी---
 जब मैं दसवीं कक्षा तक पढऩा था तब तक सारे कच्चे मकान होते थे। मेरे पिता श्री जय नारायण कच्ची ईंट कहीं से खरीदकर लाते या कभी-कभी खुद बना लेते थे और उनसे कच्चे मकान बनाते या फिर झोपड़ी बनाई जाती थी, झोपड़ीनुमा घर बनाया जाता था जो बहुत आरामदायक होते थे। झोपड़पट्टी तो बहुत याद आती है जिसमें किसी प्रकार का डर नहीं होता था परंतु याद आता है वह वक्त जब कच्चे  घरों की दीवार भी कच्ची होती थी। कच्ची ईंटों से बनी होती थी और जब बारिश होती तो लोग बड़ा आनंद लेते थे क्योंकि वे कच्चे घर ताश के पत्तों की भांति ढह जाते थे। उस जमाने में बहुत अधिक बारिश होती थी, अब तो बारिश बहुत कम हो गई है, उस समय तो काली पीली आंधी आती थी और बहुत तेज आंधी चलती थी। धूल भरी आंधी कई कई घंटों चलती थी। जब बारिश होती तो हमारा जीना दूभर हो जाता। माता-पिता पिता हमारे परिवार को कभी इधर कभी उधर बिठाते और कभी ना कभी हमारे कच्चे मकान की दीवार धड़ाम से गिर जाती। मुझे याद है बहुत से ऐसे लोग थे जो बड़े खुश होते थे, तालियां पीटते थे कि इनका मकान गिर गया। परंतु उन्हें यह ज्ञान नहीं था कि ये भी इंसान है और कच्चे मकानों में  रह रहे हैं। खैर उसे जमाने में झोपड़पट्टी में बारिश का मौसम एक अलग ही एहसास और आनंद देता था। चारों तरफ झोपड़पट्टी से टपकती वर्षा की बंूदे ,बीच में चारपाई पर बैठकर कूलर और फ्रिज जैसी हवा, पढऩे में बड़ा आनंद आता था। यह सत्य है कि कपड़े बारिश में भीग जाते थे परंतु हमारे साथ चिडिय़ा बहुत होती थी। झोपड़पट्टी में का अवगुण भी था कि चिडिय़ों के घोंसले को ढूंढते हुए सांप बहुत आते थे। सांपों से बहुत मुकाबला भी हुआ परंतु सांप, जहरीले जानवर और आधुनिक सांप से भी जहरीले लोगों से कभी कोई डर नहीं लगा। सांप आदि तो विचार जानवर है लेकिन इंसान जो काले नाग से भी खतरनाक हो गए हैं उनका कभी डर नहीं लगा। ऐसे नागों का फन लठों से बहुत छेदा है। बाद में पक्के मकान बनाये गये। कुछ आनंद पक्के मकानों में आए तो ज्यादा आनंद कच्चे मकानों में आए। वे दिन आज भी हम नहीं भूल पाए हैं। सबसे बड़ी बात थी अरविंद जोशी के पिता अंगनाराम जोशी पर मेरे पिता का बहुत विश्वास था। उनके हाथ की लिखी हुई हमारे सभी भाइयों की जन्मपत्री आज भी सुरक्षित है। जिस जगह आज हमारी दुकान बनी हुई है यहां पर कच्चा मकान था और काला नाग भी देखने को मिला था। अरविंद जोशी के पिता अंगनाराम जोशी बताते थे कि तुम्हारे घर में सोने का घड़ा है जिसकी देखरेख काला नाग करता है। चाहे घड़ा होगा परंतु हमने काफी घर को खुदाई करके देखा कहीं नहीं मिला। धीरे-धीरे 1982 के बाद पक्के मकान बन गए। पक्के मकानों में लाइट आ गई, जिनका कुछ आनंद अलग था परंतु कच्चे मकानों में आज भी याद है चिमनी के प्रकाश में पढऩा, मिट्टी तेल राशन डिपो से लाना और उसे सामान्य कांच की बोतल में भरकर उनकी रोशनी में घंटों पढ़ते थे। कभी कभी मिट्टी का तेल भी नहीं होता था तो किसी से थोड़ सा तेल उधार लाते थे। पुराने जमाने की चिमनी बनाते और देर रात तक उसमें अध्ययन करते थे। उसकी कालिख हमारी आंखों और नाकों में घुस जाती थी परंतु पढऩे की बहुत अधिक इच्छा होती थी, लगन होती थी और देर रात तक हम पढ़ते रहते, बड़ा ही आनंद आता था। आज तो विद्यार्थी बहुत कम पढ़ते हैं परंतु उस जमाने में  चिमनी में पढ़ाई की। चिमनी के बाद लालटेन भी प्रयोग की और लालटेन मेें कुछ आनंद अधिक आता था क्योंकि हवा में वह बुझती नहीं थी। लालटेन के बाद ही बिजली के दर्शन हुए है। चांद के प्रकाश में भी पढ़ाई की। पढऩे के लिए पुराने जमाने के सभी यंत्र प्रयोग किए गए। पुस्तक के कम उपलब्ध हो पाई इसलिए पढ़ाई अच्छी नहीं हो पाई। वर्तमान दिन होते तो हो सकता है अच्छी पढ़ाई कर पाते। बुजुर्गों की कहावत है- घर का जोगी जोगना, बाहर का जोगी सिद्ध। हम गांव में चाहे कितने अपने ज्ञान को बटोरे रखें, चाहे हम किसी से आगे पहुंच जाए फिर भी लोगों की नजर में हम कुछ भी नहीं, जो उनकी भूल है।




सरसों की खरीद दो दिनों से है बंद
-गेहूं की खरीद चली किंतु वर्षा ने बिगाड़ा हाल
-10189 क्विंटल खरीदा गेहूं
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कनीना की आवाज।
कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास में सरसों की खरीद जहां शुक्रवार को भी नहीं हुई वहीं शनिवार को भी नहीं होगी। वहीं गेहूं की खरीद कनीना की पुरानी अनाज मंडी में चली किंतु 5 एमएम वर्षा ने खरीद को प्रभावित कर दिया क्योंकि खरीद आढ़तियों के मार्फत हो रही है जिन आढ़तियों के पास तिरपाल थे उन्होंने गेहूं को ढक दिया बाकी जिनके पास तिरपाल नहीं थे उनकी गेहूं की ढेरियां भीग गई। शुक्रवार को कनीना की पुरानी अनाज मंडी में 10189 क्विंटल गेहूं खरीदा गया जबकि पहले 3 दिनों में 8153 क्विंटल ही खरीदा गया था। चार दिनों की कुल गेहूं की खरीद 18332 क्विंटल पहुंच गई है। गेहूं सरकारी दरों पर 2425 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है।
 फोटो कैप्शन 05: पुरानी अनाज मंडी में गेहूं ढका हुआ तथा कुछ भीगता हुआ



उपमंडल मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेश उचित ठहराया
-1189 वर्ग फुट सार्वजनिक भूमि पर हुआ है अवैध निर्माण कार्य
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कनीना की आवाज।
आयुक्त गुरुग्राम में कनीना की राजेंद्र सिंह ने अपील दायक करते हुए 13 नवंबर 2024 के आदेश को चुनौती दी थी। आयुक्त गुरुग्राम मंडल ने उपमंडल मजिस्ट्रेट कनीना/एसडीएम द्वारा पारित आदेश को उचित बताया।
उल्लेखनीय है कि कनीना के प्रदीप यादव ने एसडीम/उप मंडल मजिस्ट्रेट कनीना में एक मामला दाखिल किया था जिसमें बताया कि 1189 वर्ग फुट जमीन पर अवैध कब्जा किया हुआ है। इस संबंध में एसडीएम कनीना ने 13 नवंबर 2024 को आदेश पारित किया जिसमें सार्वजनिक परिसर को खाली करने का निर्देश दिया था। तत्पश्चात राजेंद्र सिंह ने गुरुग्राम आयुक्त को अपील की थी जिस पर सुनवाई करते हुए आयुक्त गुरुग्राम ने आदेश को उचित ठहराया। ऐसे में आप फिर से मामला चर्चा में है कि 1189 वर्ग फुट सार्वजनिक जमीन पर घर और दुकान में बनी हुई है।





फिर बिगड़ा मौसम
-तेज अंधड़ और हुई 5 एमएम वर्षा
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कनीना की आवाज।
 कनीना में शुक्रवार को शाम के वक्त पहले तेज तेज अंधड़ आया तत्पश्चात 5 एमएम वर्षा हुई। विगत दिनों भी 3 एमएम वर्षा हुई थी। अंधड़ के कारण किसानों की काट कर डाली गई फसल दूर दराज तक उड़ गई वहीं पेड़ पौधे की टहनियां टूट कर गिर गई, बिजली आपूर्ति बंद रही। कनीना कस्बे में पहले ही बिजली आपूर्ति बदहाल हो रही है। उस पर अंधड़ और वर्षा ने समस्या और भी विकराल कर दी है। एक और मच्छर और मक्खियों से लोग परेशान है, कोई बार-बार बिजली कट लग रहे हैं ,साथ में इस प्रकार के अंधड़ और वर्षा भी बिजली कटो को बढ़ावा दे रही है।
किसान दिनेश कुमार, अजीत सिंह, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह ने बताया कि बार बार अंधड़ और वर्षा आती है जिससे उनकी फसल कटाई प्रभावित हुई है, वहीं काट कर डाली गई फसल भी दूर दराज तक उड़ गई है।
 फोटो कैप्शन 04: कनीना में अंधड़ एवं वर्षा का नजारा






पार्षद दीपक चौधरी की अगुवाई में चलाया  गया सफाई अभियान
-सफाई दरोगा विक्की के नेतृत्व में कर्मचारियों ने की सफाई
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कनीना की आवाज।
कनीना के वार्ड 2 के पार्षद दीपक चौधरी की अगुवाई में चलाया  गया सफाई अभियान। गन्दे नाले व गलियों की सफाई करवाई। उन्होंने सरकार व जिला प्रशासन से  सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की मांग की।
दीपक चौधरी ने बताया कि अभी एक पक्का व 34 ठेके प्रथा पर कर्मचारी  नगर की सफाई का कार्य कर रहे हैं।
गौरतलब है की कुछ रोज पहले दूसरे वार्डों के कुछ पार्षदों द्वारा भी इसी स्थान पर सफाई की खानापूर्ति गई थी।
वार्ड वासियों ने वार्ड में नियमित सफाई अभियान चलाए जाने की मांग की।
 शुक्रवारसुबह वार्ड नंबर 2 के पार्षद दीपक चौधरी द्वारा नगर के व्यस्ततम मार्ग होली वाला जोहड़ मार्ग पर सफाई अभियान चलाया गया। इस मौके पर उन्होंने जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर व गंदे नाले की सफाई करवाई गई। इस मौके पर वार्ड वासियों ने कहा यह सफाई अभियान नियमित रूप से चलाया जाना चाहिए। लोगों का कहना है की कुछ रोज पहले भी दूसरे वार्डो के कुछ पार्षदों द्वारा यहां पर सफाई करवाई गई थी जो कि महज एक खानापूर्ति थी। इस मौके पर दीपक चौधरी ने नगर वासियों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने घर का कूड़ा कचरा कूड़ा उठाने वाली गाड़ी आती है उसमें  ही डालें व पालीथिन का प्रयोग बिल्कुल भी ना करें । अपने घर का कूड़ा कचरा इक_ा करके रखें जब गाड़ी आए तब उसी में डालें। ताकि नगर की साफ सफाई बनी रहे । वही नगर को सुंदर बनाने में अपना सहयोग दें । उन्होंने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि कनीना नगर की सफाई के लिए और कर्मचारी लगाया जाए। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल नगर पालिका कनीना में 35 कर्मचारी हैं जिनमें से एक कर्मचारी पक्का है बाकी 34 कर्मचारी ठेके पर लगाए गए हैं। दीपक चौधरी ने लोगों से कहा कि उनकी समस्याओं को सुनने के लिए वह हमेशा तैयार है। जब भी वे बुलाएंगे वह उनके पास आएंगे वह उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।
फोटो कैप्शन 03: वार्ड दो में सफाई करवाता दीपक चौधरी पार्षद



85वां नेत्र, हृदय, शिशु रोग एवं सामान्य जांच परामर्श शिविर 13 को
--शाम को आर्य समाज में प्रतिदिन देखे जाते हैं मरीज
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कनीना की आवाज।
 सेवा भारती कनीना द्वारा आयोजित 85वां विशाल हृदय रोग, सामान्य रोग, शिशु व बाल रोग जांच एवं परामर्श शिविर 13 अप्रैल 2025 को लाल शिवलाल धर्मशाला कनीना मंडी ,नजदीक रेलवे स्टेशन सुबह  9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक लगेगा जिसमें सामान्य एवं हृदयरोग विशेषज्ञ डा. नरेंद्र, नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. संतोष शाह अपनी सेवाएं देंगे। विस्तृत जानकारी देते हुए सेवा भारती के योगेश अग्रवाल ने बताया कि इस शिविर में बीपी, शुगर, इसीजी की निशुल्क जांच की जाएगी। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों से अपील की, कि इस मुफ्त चिकित्सा शिविर का लाभ उठाएं।





खाद बीज विक्रेता ने खोली अपनी दुकानें  
--अभी नहीं होगा लागू नया कानून
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कनीना की आवाज।
कनीना क्षेत्र में खाद बीज विक्रेताओं ने अपनी दुकान विधिवत रूप से खोल ली हैं। विस्तृत जानकारी देते हुए महेश बोहरा और कुलदीप बोहरा ने बताया कि उनकी मांग मान ली गई है, नया कानून अभी लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 14 अप्रैल के बाद प्रतिनिधि मंडल को बुलाकर बातचीत की जाएगी और समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तथा मोहनलाल बडोली भाजपा अध्यक्ष के आश्वासन के बाद सात दिवसीय हड़ताल को अगले निर्णय तक विधिवत रूप से टाल दिया गया है।





प्रवेश उत्सव पर नई पहल
-अन्य स्कूल से आकर प्रवेश लेने पर मिलेगी साइकिल
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कनीना की आवाज।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय करीरा ने प्रवेश उत्सव पर एक अनूठी पहल शुरू की है। इसमें किसी अन्य स्कूलों का कोई छात्र या छात्रा करीरा स्कूल में कक्षा 6 से 8 तक पढऩे के लिए दाखिला लेगा या लेगी तो उसे स्कूल स्टाफ की तरफ से मुफ्त में एक साइकिल भेंट की जाएगी।
 इसकी शुरुआत करते हुए कोटिया के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय करीरा में पहला दाखिला करवाने पर स्कूल के सुख सहायक सतीश कुमार यादव ने अपनी तरफ से छात्रा को पहली साइकिल भेंट की जिसकी स्कूल के प्राचार्य रामस्वरूप एवं  स्टाफ सदस्यों ने सतीश कुमार यादव की प्रशंसा की है साथ में कक्षा 6 में दाखिला लेने वाली छात्रा नैना के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। उन्होंने बताया कि करीरा गांव को छोड़कर अन्य गांव की जो छात्र-छात्रा इस विद्यालय करीरा में छठी से आठवीं तक दाखिला लगा उसे साइकिल देकर पुरस्कृत किया जाएगा। फोटो कैप्शन 01: छात्रा नैना को साइकिल भेंट करते हुए स्कूल स्टाफ







नगरपालिका कनीना ने हटाया अतिक्रमण
-थोड़ी देर बाद फिर से पहले वाली हालात
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कनीना की आवाज।
कनीना नगरपालिका आदेश अनुसार सचिव कपिल कुमार, जेई राकेश यादव, सफाई इंचार्ज सुरेंद्र वशिष्ठ ,जमादार राकेश कुमार ,नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों ने कनीना बस स्टैंड पर दूसरी बार अतिक्रमण हटाया। किंतु कुछ समय पश्चात फिर से पहले वाली हालात देखने को मिली। कई दुकानदारों ने वापस अपना सामान पहले वाली जगह पर लगा लिया। कनीना बस स्टैंड के समय समय पर अतिक्रमण हटवाया गया है।
अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत दुकानों के बाहर रखा सामान उठाया गया और सभी दुकानदारों से अनुरोध किया गया कि नाले से पीछे रहे। दुकान के बाहर सामान ना रखें ताकि आमजन को कोई परेशानी ना हो। उल्लेखनीय है कि लंबे समय से अतिक्रमण की समस्या चली आ रही है। दुकानों के साथ से एक चौड़ा गंदा नाला बना हुआ है जिसके पीछे ही सामान रखने की हिदायत दी है। परंतु दुकानदार दुकान में कम सामान रखते हैं और दुकान के बाहर सामान अधिक रखते हैं। आने जाने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। अगर दुकानदारों के सामान को कोई छू भी जाए तो शामत आ जाती है। सड़क के किनारे तक सामान रखते हैं और साथ में होर्डिंग एवं बैनर आदि लगाने के अतिरिक्त अपने वाहनों को खड़ा रखते हैं। बार बार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चलती है किंतु हालात जस के तस मिलते हैं। अधिकारी भविष्य में कड़ा संज्ञान लेने की बात कह रहे हैं।
फोटो कैप्शन 02: अतिक्रमण हटाते हुए नपा कर्मी व अधिकारी












दो बिजली कर्मियों को लगा करंट
-नारनौल चल रहा है इलाज
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कनीना की आवाज।
कनीना-सिहोर रोड़ पर बिजली की लाइन पर कार्य करते दो कर्मचारियों को करंट लगने का मामला प्रकाश में आया है। घायलों में मनोज कुमार गांव कनीना तथा
राजेश दतौली है। एक एचकेआरएन तो दूसरा बिजली कर्मी है। जिन्हें उपचार के लिए कनीना अस्पताल लाया गया। जहां पर चिकित्सकों के द्वारा दोनों घायलों का उपचार किया जा रहा है। बता दे कि बुधवार रात्रि को अंधकार की वजह से बिजली के पोल टूट गए थे। बिजली निगम में कार्यरत दो लाइनमैन मनोज व राजेश कनीना सिहोर रोड़ पर जवाहरलाल केनाल के नजदीक कार्य कर रहे थे। इस दौरान दोनों को करंट लग गया। जिन्हें उपचार के लिए कनीना अस्पताल लेकर आया गया।  मास्टर बिजेंद्र सिंह ने बताया कि कनीना सीहोर रोड़ पर जवाहरलाल केनाल के नजदीक बिजली का कार्य कर रहे थे। उनका मकान भी वही नजदीक है।  उनको सूचना मिली तो वे मौके पर पहुंचे और दोनो घायलों को कनीना उप नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया। उन्हें तत्पश्चात हायर सेंटर रेफर कर दिया।
बिजली निगम के एसडीओ उमेश कुमार वर्मा ने बताया कि झाड़ली डीएस फीडर पर 4 गांव आते है। इनमे उन्हाणी, झाड़ली, छीतरौली, उच्चत शामिल है। इनमे उन्हाणी की साइड पर नहर के नजदीक पोल टूटे हुए थे। वे सही करवा दिए गए थे। दोनो कर्मचारी वहा स्विच लगाने गए थे। ये हादसा कैसे हुआ इसकी जांच के आदेश दे दिए गए है।


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