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Friday, April 18, 2025


 


पशुओं को बचाए गर्मी से
-गर्मी और लू में दूध देने की मात्रा जाती है घट  
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कनीना की आवाज।
  जिस प्रकार इंसान को गर्मी से बचना होता है उसी प्रकार पशुओं को भी गर्मी और लू से बचाना चाहिए। पशुओं को भी गर्मी एवं सर्दी प्रभाव डालती है। यदि पशुओं को गर्मी से नहीं बचाते है तो दूध की मात्रा घटती चली जाती है और यहां तक की 50 प्रतिशत दूध कम हो जाता है। जिस प्रकार सर्दी से और गर्मी से इंसान बचता है, इसी प्रकार पशु की भी तासीर होती है। पशुओं को विशेष कर भैंस को अधिक गर्मी लगती है और जब गर्मी बढ़ती चली जाती है, तापमान 47 डिग्री पार कर जाता है तो उस समय पशु गर्मी में हांपने लग जाते हैं। हालात यह होती है कि शाम के समय तापमान अधिक होता है जिससे पशु चारा चरना कम कर देता है और दूध भी कम हो जाता है। ऐसे में पशुओं को भी गर्मी और सर्दी दोनों तापों से बचना जरूरी होता है।
 क्या कहते हैं पशु चिकित्सक कनीना-
 कनीना के राजकीय पशु चिकित्सालय के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डा. पवन कांगड़ा बताते हैं कि ज्यों ज्यों तापमान बढ़ता है त्यों त्यों शाम के समय तापमान अधिक रहता है जिसके कारण पशु चारा चरना काम कर देता है। दूध की मात्रा 50 प्रतिशत तक काम हो जाती है। ऐसे में पशु पालक प्रतिदिन पशुओं को एक निश्चित समय पर चारा डालने की आदत को भुला देना चाहिए और सोते समय पशुओं के लिए चारा डाल देना चाहिए क्योंकि जब ताप कम होता है तो पशु अपने आप चारा चरने लग जाता है। कम ताप होने पर ही पशु चारा चरते हैं। यही कारण है कि जंगली जीव भी गर्मियों में रात को चारा चरने जाते हैं क्योंकि रात को तापमान कम होता है वहीं सर्दियों में दिन के समय चारा चरने जाते हैं क्योंकि सर्दियों में थोड़ा ताप दिन में बढ़ जाता है। उनका कहना है कि पशुओं को ठंडे एवं छायादार पेड़ के नीचे बांधना चाहिए। गर्मी से बचाना चाहिए, हो सके तो किसी कमरे में पशु को रखना चाहिए जिसकी खिड़की और दरवाजे हवादार होने चाहिए किंतु खिड़की और दरवाजों पर सूती कपड़े या बोरी बांध देनी चाहिए और बोरी और सूती कपड़े पर समय-समय पर पानी डालना चाहिए। हो सके तो कूलर और पंखों का भी प्रबंध पशुओं के लिए करना चाहिए। सुबह और शाम दो बार पशु को नहलाना चाहिए। अगर पास में जोहड़ एवं तालाब हैं तो पशु को जोहड़ या तालाब में छोड़ देना चाहिए जिससे पशु प्रसन्न हो जाता है, गर्मी से बच जाता है। उनका कहना है कि कि पशुओं को गर्मी से बचाकर ही उनसे दूध प्राप्त किया जा सकता है। यदि पशु चारा चरना कम कर देता है तो कमजोर होता चला जाता है, ऐसे समय जब दूध को यथावत बनाए रखने के लिए पशु को मीठा खिलाना चाहिए और मिनरल मिक्सर आदि चारे के साथ प्रदान करने चाहिए ताकि शरीर में ऊर्जा की पूर्ति होती रहे और पशु अधिक दूध दे। उन्होंने बताया कि जुलाई से दिसंबर महीने में पशुओं का अधिक ब्याते आते हैं जिसके कारण दूध की मात्रा
फिर से बढऩे लग जाती है। वरना दूध की मात्रा घटती ही चली जाती है। डा का कहना है कि गर्मियों में पशु को ठीक उसी प्रकार रखना चाहिए जैसी इंसान गर्मी से बचता है।
क्या कहते हैं पशुपालक -
पशुपालक सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार, नरेश कुमार आदि ने बताया कि वह पशु पालते हैं और हर वर्ष गर्मी और सर्दी में उनके पशु दूध कम देने लग जाते हैं। दूध की मात्रा घटने से पूरे परिवार का भरण पोषण भी करना कठिन हो जाता है और यह समस्या बारिश आने तक बनी रहती है। जब बारिश आती है तो फिर से पशु खुश हो जाते हैं। ऐसे में उनका मानना है कि वह पशुओं को सर्दी गर्मी से बचाना चाहिए।
मावा पर प्रतिबंध लगाने की मांग-
गर्मी के दिनों में क्षेत्र में मावा पर प्रतिबंध लगाने की उपभोक्ताओं की मांग बढऩे लगी है। कृष्ण कुमार, सुरेश कुमार, दिनेश कुमार ,महेश कुमार आदि का कहना है कि गर्मियों में दूध की मात्रा कम हो जाती है। ऐसे में मावा बनेगा तो दूध व छाछ उपलब्ध नहीं हो पाएंगे। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जब तक दूध की मात्रा में बढ़ न जाए तब तक मावा पर प्रतिबंध लगाया जाए।
बढ़ जाती है गर्मियों में दूध व छाछ की मांग-
गर्मी के दिनों में दूध व छाछ की मांग बढ़ जाती है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में राबड़ी बनाकर सुबह सवेरे पीने का एक रिवाज चला रहा है और राबड़ी छाछ से ही बनती और छाछ में डालकर ही पी जाती है जिसके कारण छाछ की मांग ज्यादा होती है परंतु अधिकांश लोग जिनके पास पशुधन है वो दूध को डेरी में बेच देते हैं ऐसे में छाछ मिलना कठिन हो जाता है। यही कारण है की डेरी की छाछ से राबड़ी बनाकर पीने के लिए भी लोग अब मजबूर हो गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में छाछ की कमी के चलते राबड़ी बननी कम हो गई है। यहां तक की राबड़ी होटल पर भी मिलने लग गई है और रबड़ी पर अब एक व्यवसाय शुरू हो गया है।
घटने लगा है जोहड़ों में पानी की मात्रा-
 उधर गर्मियों में जोहड़ों में और तालाबों में विशेष ग्रामीण पशुओं को पानी पिलाने के लिए ले जाते हैं। परंतु तालाबों में जल की मात्रा घटती जा रही है। जहां इंसानों के लिए भी जल गर्मियों में कम मिलता है, बिजली आपूर्ति भी बाधित होती रहती है, बुखार के रोगी भी बढ़ गए हैं वहीं पशु धन के लिए भी पानी की मात्रा घटती जा रही है। एक और जहां गर्मी के दिनों में सुबह-शाम पशुओं को जोहड़ में छोड़ देना चाहिए जिससे पशु का तापमान कम हो जाता है और पशु दूध देने की मात्रा फिर से बढ़ जाती है परंतु जोहड़ो और तालाबों में दिनों दिन पानी कम होता जा रहा है। क्षेत्र के लोग बार-बार प्रशासन से सभी जोहड़ों को नहरों के पानी से भरने की अपील करते आ रहे हैं। विगत दिनों से गर्मी पूरे प्रचंड पर है जिसके कारण दोपहर के समय बाहर निकलना भी कठिन हो गया है और पशुओं के लिए पानी की भयंकर समस्या बनती जा रही है। ऐसे में सभी जोहड़ों को पानी से भरवाने पर ही इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।
फोटो कैप्शन: डा. पवन कांगड़ा और
फोटो कैप्शन 05: पशुओं के साथ खड़ा पशुपालक







नई अनाज मंडी में 2500 क्विंटल सरसों खरीदी
-पुरानी अनाज मंडी में  गेहूं खरीदा
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कनीना की आवाज।
 कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास में जहां सरसों की खरीद एनसीसीएफ द्वारा 5900 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से 24 मार्च से जारी है।
  विस्तृत जानकारी देते हुए कनीना मार्केट कमेटी के एआर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार को 132 किसानों से 2500 क्विंटल सरसों की खरीद की गई है। अब तक कुल खरीद 166085  क्विंटल पहुंच गई है। उठान का कार्य भी जारी है। शुक्रवार को 5720 बैग का उठान किया जा चुका है।
उधर कनीना की पुरानी अनाज मंडी में गेहूं की खरीद विगत दिनों से जारी है। अब तक करीब 7 हजार क्विंटल 8 हजार क्विंटल गेहूं खरीदा गया था। फूड एंड सप्लाई की ओर से गेहूं की खरीद की जा रही है। खरीद के समय अधिकारी एवं किसान  मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 06: कनीना में गेहूं खरीद का नजारा।








पेड-पौधों को गर्मी से बचाने के लिए पानी देना बेहद जरूरी
--पर्यावरण संरक्षक मनोज कुमार रामबास से चर्चा
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कनीना की आवाज।
गर्मी का मौसम शुरू होते ही तापमान में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे न केवल इंसान और जानवर प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि पेड़-पौधों पर भी इसका गहरा असर देखने को मिल रहा है। पर्यावरण मित्रों का कहना है कि इस चिलचिलाती धूप और तेज गर्मी में पेड़-पौधों को नियमित रूप से पानी देना अत्यंत आवश्यक है, ताकि उनकी हरी-भरी हालत बनी रहे और वे सूखने से बच सकें पौधों को सुबह जल्दी या शाम को सूरज ढलने के बाद पानी देना सबसे उपयुक्त समय होता है। इस समय मिट्टी में नमी बनी रहती है और पानी सीधे जड़ों तक पहुंचता है, जिससे पौधे बेहतर तरीके से पानी का उपयोग कर पाते हैं। गाव रामबास के पर्यावरण संरक्षक मनोज कुमार रामबास ने सुझाव देते हुए बताया कि छोटे पौधों को छायादार स्थान पर रखें और गमले या मिट्टी की सतह पर मल्चिंग (सूखी घास, पत्तियों या भूसे की परत) करें, जिससे मिट्टी में नमी बनी रहती है और पौधों को गर्मी से राहत मिलती है।
गर्मी के मौसम में पर्यावरण की सेहत बनाए रखने और हरियाली को बचाए रखने के लिए जरूरी है कि हम पेड़-पौधों की भी उतनी ही देखभाल करें, जितनी अपनी करते हैं। पानी देना एक छोटा लेकिन बेहद असरदार कदम है,  मनोज रामबास ने बताया कि हम छोटे बच्चों को भी साथ लेकर सुबह व शाम को मंदिर परिसर व मंदिर परिसर से बहार बिजलीघर व पशु अस्पताल में लगाये पौधों मे लगातार पानी डालकर उनको हरा भरा रखने का प्रयास है इस प्रकार से आम जन के बीच एक सकारात्मक संदेश भी जाता है कि पौधारोपण सिर्फ एक इवेंट नही है लगाए हुए पौधों मे पानी डालकर उनको पेड़ बनाने तक का प्रयास है और इससे हम प्रकृति की इस अमूल्य धरोहर को बचा सकते हैं।
फोटो कैप्शन 04: पेड़ पौधों को पानी देते हुए मनोज रामबास



कनीना उप प्रधान पद पर होने वाले चुनाव आगामी आदेशों तक स्थगित
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कनीना की आवाज।
नगर पालिका कनीना के उप प्रधान पद के लिए शुक्रवार होने वाले चुनाव को किन्हीं प्रशासनिक कार्यों के कारण आगामी आदेशों तक स्थगित कर दिया गया हैं।
यह जानकारी कनीना एसडीएम डा. जितेंद्र सिंह ने दी।
  उल्लेखनीय है कि बड़े ही मेहनत से अपने अपने पार्षदों को अपनी ओर करने के प्रयास जारी थे। दो गुट बने हुए हैं जिनमें एक गुट लोढ़ा गुट है तो दूसरा मास्टर गुट है। 14 पार्षद, एक प्रधान तथा एमपी एवं एमएलए के वोट पडऩे हैं। ऐसे में कम से 9 वोट चाहिए। नौ वोट पाने के लिए पार्षदों के अलावा एमएलए एवं एमपी तक पकड़ जिसकी होगी वो सफलता पा सकता है। एक ओर जहां प्रधान पद यादव समाज से है तो उप-प्रधान पद गैर यादव बनने की अधिक संभावना जताई जा रही है। यहां तक कि लोगों का मानना है कि प्रधान महिला है तो उप-प्रधान पुरुष बन जाए तो अच्छा हो किंतु जिनके सिर पर राव इंद्रजीत सिंह का हाथ होगा वो सफलता पाने में कामयाब होगा। अब भविष्य में फिर से उप प्रधान की तिथि घोषित होने पर देखा जाएगा कि कौन बाजी मारता है।







दूसरी पुत्री होने पर किया कुआं पूजन
-करवाया लोगों का मुंह मीठा
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कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी मनोज खत्री के यह पहले ही एक पुत्री है वहीं अब दूसरी पुत्री हासेने पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। पूरे परिवार ने मिलकर बच्ची का कुआं पूजन किया वहीं लोगों का मुंह मीठा भी करवाया गया।
मनोज खत्री ने बताया कि उनकी दूसरी पुत्री वान्या खत्री के पैदा होने पर कुआं पूजन किया है। बच्ची की मां ज्योति को भी हुई बेटी होने पर खुशी है। उन्होंने कहा कि बेटी बेटों से किसी प्रकार कम नहीं होती हैं। हरियाणा सरकार का नारा है बेटी बचाओ तथा बेटी पढ़ाओ जिसे सार्थक कर रहे हैं।  बच्ची के दादा पृथ्वी सिंह और दादी सरला देवी को भी हुई पोती होने पर खुशी हुई और उन्होंने बच्ची का कुआं पूजन करने की बात कही जिस पर सभी सहमत हो गये। समस्त खत्री परिवार ने बड़ी धूम धाम से कुआं पूजन किया और जितने भी लोग पहुंचे उनका मुंह मीठा किया। उनका कहना है कि लड़की पैदा होना गर्व की बात होती है। पूरे देश ही नहीं विदेशों में भी लड़कियों ने अपनी प्रतिभा से धूम मचा रखी है।
फोटो कैप्शन 03: बच्ची के पैदा होने पर कुआं पूजन करते हुए।






नवोदय में चयनित विद्यार्थी अभिभावकों सहित पहुंचे स्कूल में
-कक्षा 6 में मिला है प्रवेश
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कनीना की आवाज।
पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में कक्षा छठी में जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा-2025 के माध्यम से प्रवेश प्राप्त विद्यार्थियों ने अपने अभिभावकों साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
 प्राचार्य राजीव कुमार सक्सेना एवं सुंदरलाल पीजीटी अंग्रेजी जेएनवीएसटी अधीक्षक के द्वारा नवोदय विद्यालय समिति के नियम अनुसार छात्र-छात्राओं को बैडिंग सामग्री, दैनिक उपयोगी सामग्री, छात्र लेखन सामग्री, कलम, बैग, कलर, बुक, पेंट, ज्यामिति, तोलिया, चद्दर, प्लेट, गिलास, चम्मच आदि सामग्री उपलब्ध करवाई। किशन कुमार जेएसए, वीरभद्र जेएसए, लोकेश कुमार जेएसए  के द्वारा छात्र-छात्राओं को देने योग्य सामग्री की क्रमबद्ध रूप से तैयारी की हुई थी। मास्टर नवनीत के पिता कपिल देव ने बताया कि नवोदय विद्यालय करीरा के द्वारा छात्र छात्राओं के विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जाते हैं। प्राचार्य राजीव कुमार सक्सेना के द्वारा सभी अभिभावकों को बताया कि विद्यालय में सभी कक्षाओं को स्मार्ट बना दिया गया है। विद्यालय में सभी प्रकार के प्रयोगशालाएं उपलब्ध है और विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए नवोदय विद्यालय करीरा हर संभव प्रयास करता है।
फोटो कैप्शन 01: नवोदय करीरा में प्रथम बार आये विद्यार्थियों को सामग्री उपलब्ध कराते प्राचार्य एवं अन्य।







मारपीट का मामला दर्ज
- मामला कोका गांव का
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कनीना की आवाज।
 अमीलाल नंबरदार कोका निवासी ने उनके साथ मारपीट किये जाने का मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने कहा कि सुभाष कोका तथा धर्मवीर कोका आपस में रंजिश रखते हैं। दो-तीन दिन पहले वह धर्मवीर के वह धर्मवीर के साथ थाने में आया था जिससे रंजिश के कारण सुभाष ने 12 अप्रैल को झुंडों के आग लगा दी। पास में अमीलाल नंबरदार के गेहूं की फसल व सरसों कटी हुई फसल रखी थी। जब घटना को देखा तो नंबरदार ने शोर मचाया। लोग भाग कर आए। इस समय सुभाष ने अमीलाल नंबरदार सिंह हाथापाई एवं मार पिटाई की। तत्पश्चात आग न फैले 112 नंबर एवं फायर ब्रिगेड पर फोन किया और आग पर काबू पाया। इस समय कनीना पुलिस ने सुभाष के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।













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