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Thursday, April 3, 2025






कनीना की भारती गोयल की ड्रेस डिजाइन का मुम्बई में प्रदर्शन।
डा. सुभाषचन्द्रा ने भारती एवं पूरे परिवार को किया सम्मानित
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कनीना की आवाज।
25वें लैक्मे फैशन शो के अवसर पर  जीओ वल्र्ड कन्वेंशन सेंटर में अपने द्वारा डिजाइन की हुई छह ड्रेस को प्रस्तुत किया, जिसको बड़े स्टार ने पहन कर रैम्प पर चल कर दिखाया। कनीना की भारती को प्रथम स्थान मिला। इस शानदार उपलब्धि पर जी ग्रुप एवं एस्सल ग्रुप के चेयरमैन डा. सुभाषचन्द्रा ने भारती एवं पूरे परिवार को शुभकामनाएं प्रेषित की है, उन्होंने अपने निज निवास मुम्बई में भारती एवं परिवार को बुला कर सम्मानित किया, आगे बढऩे की प्रेरणा दी। उन्होंने  ट्वीट कर खुशी जाहिर की और आशीर्वाद दिया। पिता दुर्गादत्त ने बताया कि भारती ने एमकाम आनर्स इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी से अच्छे अंकों से पास की है, प्रारंभ से ही भारती इनोवेटिव सोच रखती थी और फैशन डिजाइन में विशेष रुचि रखती थी।  तत्पश्चात भारती का दाखिला न्यूयार्क फैशन डिजाइन संस्थान गुरुग्राम में करवाया, एमएससी फैशन डिजाइन करते करते भारती ने लैक्मे फैशन प्रतियोगिता को जीत उपलब्धि हासिल की। इस प्रतियोगिता में देश के मात्र छह डिजाइनर ही चुने गए, जिनको जीओ वल्र्ड कन्वेंशन सेंटर में अपनी ड्रेस को बड़े स्टार को पहना कर रैम्प पर चलने का सुअवसर मिला।
गौरतलब है कि यहां तक पहुंचने से पहले पूरे भारत के सभी डिजाइनरों का कड़ा मुकाबला होता है, जिसमें भारती ने प्रथम स्थान प्राप्त किया था। उसी आधार पर उनको मुंबई जाने का अवसर मिला। इस अवसर पर प्रसिद्ध हीरोइन नुसरत भरुचा मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। शो निर्देशक नीरज गाबा और डेनियल के निर्देशन में भारती द्वारा डिजाइन की हुई ड्रेस को प्रस्तुत करने का अवसर  मिला।
फोटो कैप्शन 02: डा. सुभाषचंद्रा के साथ भारती का परिवार









मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार- 120
 -जब खीर खिलाने की कहानी मंच से सुनाई
  -प्राचार्य के पेट में हुआ दर्द, आग बबूला हो गया
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कनीना की आवाज।
कनीना निवासी डा. होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक बतौर 30 अप्रैल 2024 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्होंने विभिन्न शिक्षण संस्थानों में 40 वर्षों तक शिक्षण कार्य किया है। यह पहले ही बताया जा चुका है कि उनका अधिकांश प्राचार्यों/मुखियों से अच्छा तालमेल नहीं चला परंतु कभी-कभी अच्छी बात भी कोई प्राचार्य उल्टी समझ बैठते हैं और परिणाम यह होता है कि आपस में बैर बढ़ जाता है। ऐसी एक बहुत सुंदर घटना डा. होशियार सिंह के साथ उस समय हुई जब एक कहानी मंच से सुना रहे थे और प्राचार्य ने कहानी अपने ऊपर ले ली, जिसका के कारण वह आग बबूला हो गया। आइये सुनते हैं होशियार सिंह की खीर खिलाने की कहानी उन्हीं की जुबानी---
जब मैं एक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में  काम कर रहा था तो उस समय एक रोचक घटना घटी। यूं तो मैं जिस भी विद्यालय में रहा वहां के मुखिया या प्राचार्य से चाहे अच्छे संबंध नहीं रहे हो किंतु मंच से संबोधित करने का काम मेरे ऊपर ही रहा है। मुझे फक्र है कि जिन-जिन विद्यालयों में रहा उनमें बहुत अच्छी-अच्छी बातें मैं प्रार्थना सभा में हमेशा बताता था परंतु कभी-कभी अच्छी बातें भी किसी को नागवार गुजराती है, नाखुश कर देती हैं क्योंकि उनकी मानसिकता कलुषित होती है। ऐसी ही एक घटना मेरे साथ घटित हुई। एक दिन जब प्राचार्य से थोड़ी अनबन हो गई थी जिसमें प्राचार्य की ही गलती थी और अचानक अगले दिन सुबह सवेरे मंच पर संबोधित करने का मौका मिला। मैंने हमारे समय के एक साथी रहे दुलीचंद साहब केमिस्ट्री प्राध्यापक से सुनी हुई बहुत सुंदर सी कहानी सुनाने का मौका मिला। क्योंकि यह कहानी मुझे पसंद थी। कहानी कुछ इस प्रकार है--
  एक युवक खीर खाना पसंद नहीं करता। जब भी खीर का नाम सुनता तो वह आग बबूला हो जाता। एक दिन त्यौहार था और घर में खीर बना ली। युवक जब घर आया तो अपनी पत्नी से कहने लगा कि भोजन लाओ, आज ज्यादा भूख लगी है। तो उसकी पत्नी जवाब दिया वाह, आज तो बहुत अच्छी खीर बनाई है। इतना सुनकर युवक आग बबूला हो गया और कहा कि तुम्हें मालूम है मैं खीर नहीं खाता। आज मैं अपने दोस्त के घर खाना खाने जाऊंगा और वह अपने दोस्त के घर पहुंच गया। दोस्त ने जब अपने दोस्त को देखा तो कहा कि बहुत खुशी का अवसर है। आओ आज हम दोनों मिलकर बैठेंगे, बातें करेंगे और बहुत सुंदर पकवान, बेहतरीन पकवान खीर खाएंगे। इतना सुनकर युवक वहां भी आग बबूला हो गया और कहां कि यहां भी खीर बनी है और वह दुखी होकर जंगल की ओर चल दिया। क्योंकि युवक सनकी था और उसकी विचारधारा सकारात्मक नहीं थी, इसलिए वह एक पेड़ पर चढ़कर बैठ गया। तभी उधर से चरवाहे आ गए। उनके पास अनेकों गाये थी। चरवाहों ने देखा कि यह पेड़ बहुत सुंदर है, इसकी छांव अच्छी है। आज की रात यही विश्राम करेंगे। शाम का समय था और सभी चरवाहों ने अपना डेरा पेड़ के नीचे डाल दिया। गायों का दूध निकाल कर पेड़ के नीचे खीर बनानी शुरू कर दी। युवक ने जब नीचे झांककर देखा तो फिर से आग बबूला हो गया कि यहां भी खीर बन रही है। तभी गायों के लुटेरे आ गए, लुटेरों को देखकर बेचारे चरवाहे, खीर छोड़कर भाग खड़े हुए। लुटेरों ने गाये तो लूट ली परंतु जब खीर देखी तो उनका भी मन ललचा गया। उन्होंने कहा कि हम खीर खाएंगे परंतु  चरवाहों पर उन्हें शक हुआ। उन्होंने कहा कि चरवाहे बहुत समझदार होते हैं, कहीं ऐसा ना हो कि खीर में जहर मिला दिया हो। कभी एक लुटेरे ने कहा कि चरवाहे बहुत समझदार होते हैं, जरूर वो छुपकर हमें देख रहे होंगे कि ये खीर खाते भी है या नहीं? इसलिए इधर-उधर तलाश करो, चरवाहा कहीं छुपा बैठा होगा। बस फिर क्या था, उनकी नजर पेड़ पर छुपे बैठे युवक पर पड़ी और कहा कि यह रहा चरवाहा? उन्होंने बंदूक तान दी और युवक से कहा कि नीचे उतार आ वरना गोली से उड़ा दिया जाएगा। युवक ने कहा कि मैं नीचे तो उतर आऊंगा परंतु खीर नहीं खाऊंगा। लुटेरों को और भी शक हो गया कि सचमुच खीर में जहर मिला दिया है। उन्होंने कहा तुरंत नीचे आजा नहीं तो एक नहीं कई गोलियां चलेंगे। युवक सहमा और डरा हुआ नीचे आया और लुटेरों ने पकड़ लिया। लुटेरो ने कहा कि जरूर खीर में जहर मिलाया है और यह खीर इस युवक/चरवाहे को खिलाई जाए ताकि जहर होगा कि यह मरेगा। युवक ने खूब मना किया कि मैं खीर नहीं खाऊंगा, खीर नहीं खाऊंगा और लुटेरे को पूरा शक हो गया। ऐसे में उन्होंने उसके हाथ पकड़े और एक लुटेरे ने जबरदस्ती उसके मुंह में खीर ठूंस दी, एक बार नहीं कई बार खीर ठूंस ठूंस कर उसे धपा दिया। ऐसे में युवक बच गया और उन्होंने समझा की अब खीर में जहर नहीं है। लुटेरों ने फिर खीर का मजा लिया। कहानी खत्म हो गई परंतु यहां एक शिक्षा मैंने विद्यार्थियों को दी कि जैसा भी भोजन मिलता है उसे जरूर ग्रहण कर लेना चाहिए, भगवान का दिया हुआ प्रसाद मानना चाहिए। साथ में सदा सकारात्मक विचार रखने चाहिए। जैसे युवक के खीर के विषय में नकारात्मक विचारधारा नुकसानदायक साबित हुई। खीर की कहानी सुनकर प्राचार्य का चेहरा लाल हो गया। ऐसा तिलमिलाया जैसे जैसे एक सांप के फन पर किसी ने लट्ठ जड़ दिया हो। तभी मैंने एक दूसरा उदाहरण विद्यार्थियों को समझाया कि नकारात्मक विचारधारा नहीं रखनी चाहिए। यदि लगातार नकारात्मक विचार रखोगे तो हावभाव और चेहरा भी बदल जाता है। ऐसा उदाहरण एक सुंदर प्रकाश फिल्मी हीरो के बारे में उदाहरण दिया जो बसई के निवासी हैं। मेरे अच्छे दोस्त हैं। मैंने विद्यार्थियों को कहा कि मेरा एक साथी चंद्र प्रकाश फिल्मी दुनिया में है। एक दिन वह मिला तो मैंने कहा कि आपकी कितनी फिल्में आ चुकी है? उन्होंने अपनी फिल्मों के नाम बताये और कहा कि वह विलेन का रोल निभा रहा है। मैंने कहा कि आपका चेहरा भी कुछ ऐसा ही हो गया है। सचमुच विलेन से नजर आते हो। उन्होंने कहा कि आप ठीक कह रहे हो, विलेन का रोल निभाते-निभाते मेरा चेहरा भी ऐसा ही हो गया है। मंैंने विद्यार्थियों को समझाया कि नकारात्मक सोच भी इंसान के चेहरे को बदल सकती। इतना कहने पर  विद्यार्थी और अध्यापकों ने जमकर तालियां बजाई। तत्पश्चात प्राचार्य मंच पर चढ़े और उनके हसवभाव व चेहरा ही बदल चुका था। ऐसा लगा जैसे हरिया ढांढी को किसी ने लठ जड़़ दिया हो। उसकी विचारधारा ही बदल गई। अनेकों उल्टी सीधी बातें मंच से बोलकर और तुरंत आफिस की ओर भाग गया। स्टाफ ने कहा कि आज कुछ गड़बड़ लगती है, आपके व्याख्यान तो बहुत अच्छे थे। चलिए पता करते हैं। कार्यालय में पहुंचे तो वह 2 मिनट तक अपनी टूटी-फूटी अंग्रेजी बोलता रहा, हम सुनते रहे। आखिर हमने पूछा किबात क्या हुई? प्राचार्य का कहना था कि तुमने ये सारी बातें मेरे पर कई है क्योंकि कल तुम्हारे और मेरे बीच मनमुटाव हो गया था। हमने उसे बार-बार समझाया कि आपकी नकारात्मक विचारधारा के कारण ऐसा हो रहा है, नहीं तो हमने ऐसा कुछ भी नहीं कहा। अपितु तुमने अपने पर मेरी कहानी को बात ढाल लिया है। काफी समझाने के बाद भी उसके तेवर शांत नहीं हुए। उसके बाद तो स्टाफ में जब भी चर्चा चलती और खीर का नाम आता तो सभी खिलखिला उठाते। यही कहते कि अब कब खीर खिलाओगे, मंच से। कहने का तात्पर्य है कि अच्छी बातें बताने पर भी कई बार परिणाम बहुत बुरे निकलते हैं। विद्यार्थियों के लिए अच्छी बातें बताई और परिणाम बुरा निकला। ऐसे भी कुछ कलुषित मानसिकता के प्राचार्य से मुलाकात हुई। आज मुझे बहुत दर्द होता है कि मेरे से जो प्राचार्य या मुख्य अध्यापक मिले, अगर उनकी सोच अच्छी होती तो सचमुच उनके लिए मैं कुछ कर गुजरने की क्षमता रखता था। मैंने कभी किसी प्राचार्य के प्रति कोई बैरभाव नहीं रखा। उनको अपने से बड़ा मानता आया हूं। मेरे साथ पढ़े और मेरे साथ कार्य किया तथा प्राचार्य पद पर रहे और मैं विज्ञान अध्यापक रहा, उनका नाम आरपी कौशिक है, मेरे लिए अच्छे प्राचार्यों में से एक निकले। उनके लिए मैंने जीजान एक किया। आज तक मुझे याद हैं। उनसे एक रुपये का लाभ नहीं उठाया हां, उनके कारण मुझे कई जांचों का सामना करना पड़ा और कुछ के साथ झगड़ा करना पड़ा।



करीब 50 मन कड़बी जलकर राख
-कारणों काकुछ पता नहीं चल पाया
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कनीना की आवाज।
 कनीना के के समीवर्ती गांव पाथेड़ा में दो किसानों की करीब 50 मन कड़बी जलकर राख हो गई। मौके पर फायर ब्रिगेड पहुंची और आग पर काबू पाया।
 गांव के सुखबीर सिंह प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धर्मवीर और राजकुमार नामक दो व्यक्तियों की अलग-अलग कड़बी जंगल में पड़ी हुई थी। आसपास काट कर डाली गई सरसों तथा गेहूं की फसल खड़ी हुई है। आग की सूचना पाकर लोग मौके पर पहुंचे तथा 112 नंबर पर फोन किया गया। पुलिस दल मौके पर पहुंचा। तब तक ग्रामीणों ने पानी डालकर आग पर कुछ काबू पाया। सुखबीर ने बताया कि बिजली का अभाव था और जंगल में हवा चलने के कारण आज दूर दराज तक फैल सकती थी। तत्पश्चात फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और उसने आग पर काबू पाया। करीब 1 घंटे तक फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत करके आग  पर काबू पा लिया।
 फोटो कैप्शन 01: पाथेड़ा में आग पर काबू करते दमकल केंद्र के कर्मी

 

 












एक और विश्व रिकार्ड बुक में हुआ नाम दर्ज
-अभी तक चार विश्व रिकार्ड बुकों में हो चुका है नाम दर्ज
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कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी डा. होशियार सिंह यादव ने 40 वर्षों तक बिना कुर्सी पर बैठे शिक्षण कार्य किया। जो अपने आप में एक रिकार्ड है और अभी तक चार ऐसी विश्व रिकार्ड पुस्तकों में नाम दर्ज हो चुका है। शेष कुछ विश्व रिकार्ड पुस्तकों में भी आवेदन किया हुआ है और विश्वास है कि भविष्य में शेष विश्व रिकार्ड पुस्तकों में भी नाम दर्ज हो जाएगा।





300 किसानों से 7500 की क्विंटल सरसों खरीदी
- अब तक कुल खरीद पहुंची 35000 क्विंटल
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कनीना की आवाज।
 कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास में 5900 प्रति क्विंटल की सरकारी दर से वेयरहाउस द्वारा 24 मार्च से सरसों की खरीद जारी है। गुरुवार को 7500 क्विंटल सरसों 300 किसानों से खरीदी।
 विस्तृत जानकारी देते हुए सतीश कुमार मंडी सुपरवाइजर ने बताया कि अब तक कुल सरसों की खरीद 35000 क्विंटल पहुंच चुकी है। गुरुवार को 12000 बैगों का उठान हुआ और अब तक 46315 बैैग का उठान किया जा चुका है। खरीद के समय सचिव मार्केट कमेटी विजय सिंह, सतीश कुमार मंडी सुपरवाइजर ,वीरेंद्र एआर, सीमा परचेजऱ सहित किसान उपस्थित रहे।
 फोटो कैप्शन 05: कनीना अनाज मंडी में सरसों की खरीद का नजारा






माडल स्कूल में 40 नये बच्चों को दिया प्रवेश
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कनीना की आवाज।
शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में करीब 40 नये विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।
 विस्तृत जानकारी देते हुए प्राचार्य ने बताया कि विद्यालय परिवार ने नवागंतुक छात्रों का प्रार्थना सभा में माल्यार्पण कर हार्दिक स्वागत किया गया है। यह विशेष क्षण बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्राचार्य  सुनील खुडानिया ने बताया कि हमारा उद्देश्य न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता प्रदान करना है बल्कि संस्कार और नैतिक मूल्यों के साथ विद्यार्थियों को आगे बढ़ाना भी है।
फोटो कैप्शन 06: नये बच्चों का माल्यार्पण कर स्वागत करता स्टाफ





पंचकूला से आई टीम ने गौशाला भोजावास का किया औचक निरीक्षण
--सब कुछ सही पाया गया
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कनीना की आवाज।
पंचकूला से आई टीम ने गौशाला भोजावास का किया औचक निरीक्षण किया। सब कुछ सही पाया गया
इस टीम में डिप्टी डायरेक्टर डा. चंद्रभान, गो सेवा आयोग पंचकूला से अध्यक्ष पूरन सिंह, महेंद्रगढ़ गौ सेवा संघ के जिला प्रधान अरुण कौशिक के द्वारा बाबा हेमादास गौशाला का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के इस मौके पर भोजावास गौशाला के प्रधान सुरेश मानपुर, सचिन सचिन शर्मा, कोषाध्यक्ष मास्टर हनुमान रोहिल्ला, सहसचिव नरेंद्र यादव समेत गौशाला के अनेक कर्मी मौजूद रहे।
पंचकूला से आई टीम ने भोजावास स्थित बाबा हेमादास गौशाला के बाड़ों का गौशाला में रह रही गायों की सेहत जाली लगाकर हरे चारे की बिजाई के लिए बोया गया चारा तथा इसके अलावा गौशाला प्रबंधन द्वारा जाली लगाकर जो गाएं खुली चारा चरती है उनकी व्यवस्था, गौशाला परिसर की साफ सफाई गोवा की मृत्यु दर मवेशियों की संख्या भूसा स्टॉक के बारे में पूछताछ की।
डिप्टी डायरेक्टर डा.चंद्रभान ने भोजावास गौशाला के चरवाहों से भी बात की। और इन्हें जरूरी दिशा निर्देश दिए। उन्होंने प्रधान व सचिव समेत गौशाला के अन्य कर्मचारियों से कहा कि वह समय-समय पर गौशाला का नियमित निरीक्षण करें। ऐसा न करने पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मवेशियों के नियमित स्वास्थ परिक्षण के लिए गौशाला में तैनात पशु चिकित्सा धारी को भी आवश्यक निर्देश दिए।
इस निरीक्षण पर उन्होंने गौशाला की साफ सफाई उत्तम दर्जे की बताई तथा मैनेजमेंट की सरहना भी की।
उन्होंने कहा कि बाबा हेमादास गौशाला में जो कार्य चल रहा है वह अति उत्तम है। इस तरह का कार्य जिले की अन्य गौशालाओं को भी इस गौशाला से प्रेरणा लेकर करना चाहिए। गायों की मृत्यु दर पर उन्होंने बोलते हुए कहा कि गौशाला में अभी मृत्यु दर के बराबर है।
गौशाला प्रधान सुरेश कुमार ने बताया कि  बाबा हेमादास गौशाला में अन्य गौशालाओं की तुलना में  मृत्यु दर भी अभी ना के बराबर है।
फोटो कैप्शन 07: हेमादास गौशालरा में अधिकारी दौरा करते हुए।





बीआर स्कूल, सेहलंग के छात्रों का अंतरराष्ट्रीय गणित ओलंपियाड में जोरदार प्रदर्शन     
--विद्यार्थियों को किया सम्मानित
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कनीना की आवाज।
बीआर स्कूल, सेहलंग  में अंतरराष्ट्रीय गणित ओलंपियाड के पदक विजेता विद्यार्थियों के सम्मान में भव्य समारोह का आयोजन किया गया। यह प्रतिष्ठित परीक्षा साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन गुरुग्राम द्वारा आयोजित की जाती है, जिसमें 100 से अधिक देशों के छात्र भाग लेते हैं।
समारोह का आयोजन विद्यालय की प्रार्थना सभा में किया गया, जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीआर ग्रुप के चेयरमैन हरीश भारद्वाज, उपाध्यक्ष कृष्ण भारद्वाज, विद्यालय के प्राचार्य डा. राम मोहन वशिष्ठ एवं उप-प्राचार्या ज्योति भारद्वाज ने छात्रों को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत करके किया।
कक्षा-3 की छात्रा उपासना ने अंतरराष्ट्रीय रैंक-1 प्राप्त कर विद्यालय का नाम रोशन किया। छात्रा को अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक एवं गोल्ड मेडल आफ एक्सीलेंस से सम्मानित किया गया। इसी कक्षा की छात्रा परी और दीक्षित ने अंतरराष्ट्रीय रैंक-3 प्राप्त कर अंतरराष्ट्रीय कांस्य पदक हासिल किया, जबकि सान्वी ने अंतरराष्ट्रीय रैंक-5 प्राप्त कर अंतरराष्ट्रीय रजत पदक अपने नाम किया। इसके अतिरिक्त, विद्यालय के 21 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल ऑफ एक्सीलेंस से सम्मानित किया गया।
विद्यालय के प्राचार्य डा. राम मोहन वशिष्ठ ने इस अवसर पर कहा कि कार्यों की गूंज शब्दों से अधिक होनी चाहिए, और हमारे छात्र इस कहावत को साकार कर रहे हैं। जब शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करते हैं और छात्रों को आनंददायक सीखने का वातावरण मिलता है, तो उत्कृष्ट परिणाम स्वाभाविक रूप से प्राप्त होते हैं। हमारा उद्देश्य प्रत्येक छात्र की छिपी प्रतिभा को निखारना है और अभिभावकों का विश्वास हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।
बी.आर. ग्रुप के चेयरमैन हरीश भारद्वाज ने सभी विजेता विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि शिखर पर पहुंचना आसान हो सकता है, लेकिन उस ऊंचाई को बनाए रखना निरंतर प्रयासों से ही संभव है। छात्रों को सफलता से अभिभूत हुए बिना अपने अगले लक्ष्य के लिए तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने विद्यालय की शिक्षकों की पूरी टीम को उनकी कड़ी मेहनत के लिए धन्यवाद दिया और अभिभावकों का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने विद्यालय पर अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण का भरोसा जताया।
समारोह का समापन राष्ट्रगान की गूंज के साथ हुआ, जिससे समस्त विद्यालय परिवार विद्यार्थियों की उपलब्धि पर गौरवान्वित महसूस कर रहा था।
फोटो कैप्शन 04: अंतरराष्ट्रीय गणित ओलंपियाड के पदक विजेताओं को सम्मानित करते चेयरमैन हरीश भारद्वाज व प्राचार्य







गाड़ी ने बाइक चालक को मारी टक्कर,घायल
- अस्पताल में तोड़ा दम, मामला दर्ज
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कनीना की आवाज।
 सुंदराह निवासी एक बाइक चालक को कार ने टक्कर मार दी जिससे बाइक चालक घायल हो गया। अस्पताल ले जाने पर उन्होंने दम तोड़ दिया। मृतक धर्मेंद्र के पुत्र ने पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया है।
 मृतक का पुत्र नितिन कुमार विज्ञान स्नातक द्वितीय वर्ष, दिल्ली में पढ़ाई कर रहा है, ने मामला दर्ज करवाते हुए कहा है कि वे दो भाई-बहन हैं। बहन बड़ी है जो पढ़ाई कर रही है। 2 अप्रैल को शाम के करीब तीन से चार बजे के बीच पीडि़त का पिता मोटरसाइकिल पर सवार होकर निजी काम से नारनौल से अपने घर सुंदराह की ओर लौट रहा था। गांव के बीजेआरडी पेट्रोल पंप के नजदीक पहुंचा तो सामने से आ रही तेज रफ्तार की गाड़ी ने टक्कर जछ़ दी जिसमें बाइक चालक धर्मेंद्र घायल हो गया। मौके पर हुनेश व कर्ण सिंह आ गए जिन्होंने धर्मेंद्र को उठाकर निजी अस्पताल नारनौल ले गए जहां अधिक चोटों के कारण उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। घायल को स्वजन उसे जयपुर ले जा रहे थे कि रास्ते में अधिक तबीयत खराब होने के कारण वापस सरकारी अस्पताल नारनौल ले आए। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। नितिन की शिकायत पर कार चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।






विभिन्न शिक्षण संस्थानों में प्रवेश उत्सव मनाने का सिलसिला जारी
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कनीना की आवाज।
 कनीना के विभिन्न सरकारी स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाने का सिलसिला जारी है। राजकीय विद्यालय कपूरी में जहां प्रवेश उत्सव हवन यज्ञ से शुरू हुआ। हवन आचार्य सतीश आर्य रसूलपुर ने करवाया जबकि यज्ञ में खंड शिक्षा अधिकारी डा. विश्वेश्वर कौशिक खंड संयोजक अधिकारी दिलबाग सिंह, विद्यालय स्टाफ, सरपंच आदि ने पूर्ण आहुति डाली और उन्होंने अधिक से अधिक बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिला करवाने की गुहार लगाई। इस मौके पर दिलबाग सिंह ने भी अपने विचार रखे। संपूर्ण स्टाफ उपस्थित रहा।
 उधर राजकीय माध्यमिक विद्यालय कैमला में भी प्रवेश उत्सव मनाया गया। इस मौके पर डा. राजेंद्र सिंह पूर्व उप जिला शिक्षा अधिकारी ने टीन शेड का उद्घाटन भी किया। इस मौके पर वीरेंद्र जांगिड़ मुख्याध्यापक ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
 फोटो कैप्शन 03: हवन करवाते हुए सतीश आर्य







किसान की सरसों के तोल में 20 किलो का आया फर्क
-उन्होंने लगाया कांटे में गड़बड़ का आरोप
-अधिकारी ने कहा कांटे को करवा लिया है दुबारा चेक
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कनीना की आवाज।
 जहां दो  अप्रैल को शाम के समय रसूलपुर निवासी ओमप्रकाश किसान अपनी सरसों बेचने के लिए जब कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास पहुंचा तो उन्होंने मंडी के बाहर महेश धर्म कांटा पर सरसों का तोल करवाया जिसमें कुल वजन 2960 किलोग्राम दर्शाया गया है। उन्होंने यह वजन शाम 3:17 पर करवाया है। तत्पश्चात अनाज मंडी के अंदर पहुंचा है और उन्होंने अनाज मंडी के कांटे पर वजन करवाया है जो 2940 किलोग्राम पाया गया। यह वजन उन्होंने शाम 5:33 पर करवाया है। किसान की 20 किलो सरसों का अंतर पाया गया। उन्होंने इस संबंध में गेट पास दे रहे व्यक्ति को बताया तो उसकी बाहर के धर्मकांटा की पर्ची फेंक दी। किसान का कहना है कि मनीष नामक व्यक्ति ने पर्ची फेंककर उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया।  गुरुवार को किसान कनीना के एसडीएम कार्यालय में अपनी शिकायत लेकर पहुंचा किंतु एसडीएम उस वक्त मौके पर उपस्थित नहीं थे। किसान ने पत्रकारों से बताया कि अनाज मंडी के कांटे में कुछ गड़बड़ होने की वजह से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वह अब शुक्रवार को एसडीएम कार्यालय आएंगे और अधिकारी से मिलेंगे ताकि कोई समाधान हो सके। इस संबंध में उन्होंने पत्रकारों को दोनों पर्चियां दिखाई जिसमें अनाज मंडी के बाहर धर्म कांटे और अनाज मंडी के अंदर धर्मकांटे की पर्ची में अंतर है।
इस संबंध में सचिव मार्केट कमेटी कनीना विजय सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि अनाज मंडी के बाहर के धर्म कांटे की पर्ची का उनसे कोई लेना देना नहीं। उनके पास दो धर्म कांटे हैं और दोनों सर्टिफाइड है। उन्होंने बताया कि किसनो की जब शिकायत आई तो उन्होंने दोबारा से कांटों को चेक करवा दिया है, दोनों दुरुस्त पाए गए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने नियम अनुसार फीस भरकर कांटों की चेकिंग करवाई गई है और दोनों कांटे उनके सही काम कर रहे हैं। अब किसान के बाहर के धर्म कांटे में क्या कारण रहा होगा वह किसान और बाहर का धर्म कांटा जाने?
 बहरहाल इस प्रकार की शिकायत मिलने से जहां किसानों में चर्चा का विषय बना हुआ है और किसान अब बारी-बारी से बाहर और अंदर दोनों जगह तोल करवा रहे हैं।
फोटो कैप्शन: पर्ची नंबर 3 व 4 दोनों अलग-अलग वजन की एक ही किसान की पर्चियां






कनीना की बेटी भारती गोयल की ड्रेस डिजाइन का मुम्बई में प्रदर्शन।
डा. सुभाषचन्द्रा ने भारती एवं पूरे परिवार को किया सम्मानित
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कनीना की आवाज।
25वें लैक्मे फैशन शो के अवसर पर  जीओ वल्र्ड कन्वेंशन सेंटर में अपने द्वारा डिजाइन की हुई छह ड्रेस को प्रस्तुत किया, जिसको बड़े स्टार ने पहन कर रैम्प पर चल कर दिखाया। कनीना की भारती को प्रथम स्थान मिला। इस शानदार उपलब्धि पर जी ग्रुप एवं एस्सल ग्रुप के चेयरमैन डा. सुभाषचन्द्रा ने भारती एवं पूरे परिवार को शुभकामनाएं प्रेषित की है, उन्होंने अपने निज निवास मुम्बई में भारती एवं परिवार को बुला कर सम्मानित किया, आगे बढऩे की प्रेरणा दी। उन्होंने  ट्वीट कर खुशी जाहिर की और आशीर्वाद दिया। पिता दुर्गादत्त ने बताया कि भारती ने एमकाम आनर्स इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी से अच्छे अंकों से पास की है, प्रारंभ से ही भारती इनोवेटिव सोच रखती थी और फैशन डिजाइन में विशेष रुचि रखती थी।  तत्पश्चात भारती का दाखिला न्यूयार्क फैशन डिजाइन संस्थान गुरुग्राम में करवाया, एमएससी फैशन डिजाइन करते करते भारती ने लैक्मे फैशन प्रतियोगिता को जीत उपलब्धि हासिल की। इस प्रतियोगिता में देश के मात्र छह डिजाइनर ही चुने गए, जिनको जीओ वल्र्ड कन्वेंशन सेंटर में अपनी ड्रेस को बड़े स्टार को पहना कर रैम्प पर चलने का सुअवसर मिला।
गौरतलब है कि यहां तक पहुंचने से पहले पूरे भारत के सभी डिजाइनरों का कड़ा मुकाबला होता है, जिसमें भारती ने प्रथम स्थान प्राप्त किया था। उसी आधार पर उनको मुंबई जाने का अवसर मिला। इस अवसर पर प्रसिद्ध हीरोइन नुसरत भरुचा मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। शो निर्देशक नीरज गाबा और डेनियल के निर्देशन में भारती द्वारा डिजाइन की हुई ड्रेस को प्रस्तुत करने का अवसर  मिला।
फोटो कैप्शन 02: डा. सुभाषचंद्रा के साथ भारती का परिवार







करीब 50 मन कड़बी जलकर राख
-कारणों काकुछ पता नहीं चल पाया
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कनीना की आवाज।
 कनीना के के समीवर्ती गांव पाथेड़ा में दो किसानों की करीब 50 मन कड़बी जलकर राख हो गई। मौके पर फायर ब्रिगेड पहुंची और आग पर काबू पाया।
 गांव के सुखबीर सिंह प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धर्मवीर और राजकुमार नामक दो व्यक्तियों की अलग-अलग कड़बी जंगल में पड़ी हुई थी। आसपास काट कर डाली गई सरसों तथा गेहूं की फसल खड़ी हुई है। आग की सूचना पाकर लोग मौके पर पहुंचे तथा 112 नंबर पर फोन किया गया। पुलिस दल मौके पर पहुंचा। तब तक ग्रामीणों ने पानी डालकर आग पर कुछ काबू पाया। सुखबीर ने बताया कि बिजली का अभाव था और जंगल में हवा चलने के कारण आज दूर दराज तक फैल सकती थी। तत्पश्चात फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और उसने आग पर काबू पाया। करीब 1 घंटे तक फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत करके आग  पर काबू पा लिया।
 फोटो कैप्शन 01: पाथेड़ा में आग पर काबू करते दमकल केंद्र के कर्मी

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