बुजुर्गों का समय बिताने का बेहतर जरिया कपास चुनना
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कनीना। बुजुर्गों का समय बिताने का बेहतर जरिया कपास चुनना बन गया है। हर वर्ष कनीना क्षेत्र में कपास की कृषि घटती -बढ़ती रहती है। इस बार करीब 6000 हेक्टेयर पर कपास उगाया गया है। कपास बेशक अब रोग ग्रसित हो गया हो और नुकसान हो रहा हो किंतु किसान मजबूरी वश उनके पके हुए तथा फूले हुए टिंडे इकट्ठा कर रहे हैं। हर वर्ष इन दिनों बुजुर्ग बहुत व्यस्त हो जाते हैं। कभी बुजुर्ग ताश खेल कर गुजारा करते आए हैं, अब इन दिनों जहां एक साथ बुजुर्ग कई कार्य करते हैं। जहां अक्सर उन्हें चारपाई पर, घर के दरवाजे पर बिठा दिया जाता है। वे घर की देखे तो करेंगे ही वही उनके पास प्रतिदिन 10- 12 किलो कपास के टिंडे रख दिए जाते हैं।
ये बुजुर्ग किसान चाहे महिला हो या पुरुषों घर में जहां इस प्रकार के कार्य करके अपना समय व्यतीत कर लेते हैं। कपास के फूले हुए टिंडों से कपास अलग करते हैं तथा उनके छिलके अलग इकट.ठा करते हैं। एक दिन में एक बुजुर्ग 5 से 7 किलो कपास चुन लेता है। कई बार तो जहां कपास को बेचने की तैयारी होती है उस वक्त एक साथ सारा परिवार मिलकर कपास चुनते देखे गये हैं किंतु इन दिनों बुजुर्ग ताश खेलने की बजाय कपास खेलने में ज्यादा खुश हैं। इस संबंध में बुजुर्गों ओंकार सिंह अमीर सिंह, रामजस, देवकी, धन्नो देवी ने बताया कि इन दिनों गपशप की बजाय कपास चुनना बहुत अच्छा लगता है।
उन्होंने बताया कि उनके पास जब कोई काम नहीं होता है तो वह घर के दरवाजे पर बैठ जाते हैं, इधर उधर टहल कर आते हैं या फिर पुरुष लोग मिलकर ताश खेलकर अपना समय बिताते हैं किंतु महिलाओं के लिए यह एक बड़ी विकट समस्या होती है कि महिलाएं मिलकर महज बातें करती है और उनके पास कोई कार्य नहीं होता। परंतु इन दिनों जब कपास के टिंडे पक जाते हैं तो सभी को काम मिल जाता है। जहां घर की रखवाली करते हैं आए गए की देखरेख करते हैं वही टिंडे कपास चुनने का कार्य उन्हें दिनभर करना पड़ता है।
अगर घर में कोई मेहमान भी आ जाता है तो कभी कभार वह भी इस कार्य में हाथ बटाते देता है क्योंकि कपास चुनने का कार्य कोई अधिक मेहनत का कार्य नहीं अपितु महज हाथों की क्रिया है। जहां हाथों से चुने हुए टिंडों से कपास अलग कर दिया जाता है और इन के छिलके अलग कर दिए जाते हैं। इनके छिलके ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत उपयोगी है जो इनको या तो खेतों में डालकर खाद बनाते हैं या फिर जलाकर पशुओं का सांद्र चारा(चाट) पकाते हैं।
वही कपास के पेड़ के तने अलग करके उनको जलाने के काम लेते हैं। किसान का परिवार कभी-कभी तो पूरे खेत में मिलकर इस कार्य को अंजाम देते हैं जहां मजदूर वर्ग न मिलने से इस बार किसानों पर यह लोढ भी बढ़ गया है कि वह दिन रात अपने कपास को चुनते हैं। कपास को बेचने के लिए आसपास मंडियों का अभाव है किंतु व्यापारी वर्ग घरों से कपास को इक_ा करके ले जाते हैं।
बुजुर्गों ने बताया कि कपास चुनने में उनका को यही नहीं पता होता कि कब समय बीत गया क्योंकि उनकी आंखें टिंडों पर टिकी होती है और हाथों से मिलने केवल एक्सरसाइज करनी पड़ती है अपितु उनका काम भी सुलभ हो जाता है।
योग के जानकार मानते हैं कि बुजुर्ग हाथों से काम करते हैं उनका मन शांत रहता है वहीं हाथों की एक्सरसाइज हो जाती है। उनका कहना है कि जहां मन शांत रहेगा तो उच्च रक्तचाप आदि समस्याएं कम हो जाती है। यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कपास चुनना बुजुर्गों पर अधिक निर्भर करता है। बुजुर्ग इस कार्य में अहम भूमिका निभाते हैं खेतों में खड़े कपास के पौधों से बुजुर्ग टिंडे इक_े करने में भी सहायक होते हैं। कुछ किसान हुक्का पास रखकर कपास चुनने का कार्य करते हैं।
फोटो कैप्शन 7 8 9: कपास टिंडे चुनते हुए तथा कपास चुनते हुए किसान।
14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
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कनीना। कनीना न्यायालय ने गाड़ी लुटेरों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कनीना क्षेत्र में विगत दिनों गाड़ी को लूटने वाले दो जनों ने कनीना सीएसडी कैंटीन के पास सिलारपुर के चालक की गाड़ी लूट ली थी। 16 अगस्त को मामला दर्ज कर लिया था।
गत दिनों इस मसले में दो जनों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था तथा मंगलवार को एक दिन दिन की पुलिस रिमांड के बाद न्यायालय कनीना में पेश किया। जहां न्यायाधीश ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों कनीना की सीएसडी कैंटीन के पास दो युवकों ने अटेली के सिलारपुर निवासी की एक पिकअप गाड़ी छीन ली थी। पुलिस ने गाड़ी झज्जर से बरामद कर ली है। दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया था। आज उन्हें न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
सरवर ने दी थोड़ी राहत
- 8 दिन में कनीना खंड से अपलोड हुये 262 परिवार आंकड़े जिनमें से 125 मंगलवार को
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कनीना। जहां पूरे ही प्रदेश में चल रहे फैमिली आईडी कार्ड बनाए जाने का सिलसिला जारी है किंतु विगत दिनों से चली आ रही सरवर की समस्या अब धीरे धीरे हल होती नजर आती है। खंड से आठ दिनों में महज 262 परिवारों के आंकड़े अपलोड हुये हैं। अकेले मंगलवार को 125 परिवारों के आंकड़े अपलोड हुये। मंगलवार को कुछ राहत नजर आई।
कंप्यूटर ण्क्सपर्टराजवीर सिंह, प्रदीप कुमार, सूबे सिंह आदि ने बताया कि विभिन्न परिवारों के आंकड़े अंतिम सबमिट नहीं हो पा रहे हैं। पूरा पूरा दिन बर्बाद हो जाता है। खंड कनीना से करीब 262 परिवारों के आंकड़े विगत 8 दिनों में अपलोड हुए हैं जबकि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से 8 दिन में 13 फैमिली परिवारों के आईडी अपलोड हो पाये है।
विस्तृत जानकारी देते हुए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा के प्राचार्य कृष्ण सिंह ने बताया कि वे अपने पूरे स्टाफ सहित दिन-रात जुटे है किंतु 8 दिनों में महज 13 परिवारों के आंकड़े ही अपलोड हो पाए हैं। सरवर कम काम करता है जिसके चलते समस्या आ रही हैं। उधर खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम यादव ने बताया कि सरकारी स्कूलों में आंकड़े अपलोड किए जा रहे किंतु सरवर की थेड़ी समस्या के चलते अब तक पूरे खंड से 262 परिवारों के आंकड़े ही अपलोड हो पाए हैं। मंगलवार को सर्वर ने कुछ राहत दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जल्द ही सर्वर सही काम करेगा और आंकड़े अपलोड हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि आंकड़े अंतिम सबमिट करने में समय लगता है जिसके चलते दिक्कत आ रही है। उल्लेखनीय है कि कनीना खंड के सरकारी स्कूलों में करीब 11 हजार विद्यार्थी शिक्षा पा रहे हैं।परिवार के किसी एक सदस्य के आंकड़े अपलोड का मतलब है कि सभी के आंकड़े अपलोड होना। बीइओ ने कहा कि
फोटो कैप्शन 10: धनौंदा स्कूल में आंकड़े अपलोड करते कर्मी।
श्रीराम सेवा ट्रस्ट कार्यालय का उद्घाटन
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कनीना। शिक्षा के प्रचार-प्रसार एवं सामाजिक मूल्यों के संवर्धन के प्रति समर्पित श्रीराम सेवा ट्रस्ट, गुजरवास के कार्यालय का उद्घाटन किया गया । ट्रस्ट-संरक्षक वेद प्रकाश अग्रवाल,सरपंच रामकिशन यादव व स्वतन्त्रता सेनानी-पुत्र भवानी सिंह ने रिबन काट कर कार्यालय का शुभारंभ किया। सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क के साथ आयोजित शुभारंभ-पूर्व कार्यालय में वैदिक रीति से सूक्ष्म हवन करवाया गया ।
श्रीराम सेवा ट्रस्ट के प्रधान मास्टर ओमप्रकाश चौहान ने कहा कि वर्तमान में सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है । युवा पीढ़ी दिशाहीन हो रही है । ऐसे में युवाओं का उचित मार्ग दर्शन करना ही ट्रस्ट के लिए सर्वोपरि कार्य है । उद्घाटन अवसर पर विशिष्ट सेवाओं के लिए प्रशासन द्वारा सम्मानित किए गए सुमेर सिंह चौहान एवं नरपत सिंह को ट्रस्ट की ओर से प्रशस्ति-पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉ छत्रपाल वर्मा, प्राइवेट स्कूल संघ के प्रधान विजयपाल रोहिल्ला, प्रजापति समाज के प्रधान अजीत प्रजापति, प्रवक्ता अनिल कुमार जांगड़ा एवं सतीश सोनी सहित पूर्व सरपंच मुंशी सिंह , सरदार सिंह,रामपाल थानेदार, प्यारेलाल, रमेश शर्मा, सुनील टेलर, धीरेंद्र व रणजीत सहित ट्रस्ट के सदस्य भी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 6 व 7: हवन करते हुये तथा उपस्थित जनों को सम्मानित करते हुये।
175 सैंपल लिए गए तथा कनीना क्षेत्र में 10 कोरोना के नये केस आये
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कनीना। कनीना क्षेत्र में कोरोना संक्रमित केस बढ़ते ही जा रहे हैं, जिस के दृष्टिगत उप नागरिक अस्पताल तथा मोबाइल टीम द्वारा लगातार सैंपल लिए जा रहे हैं। कनीना उप नागरिक अस्पताल के डॉ धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि उप-नागरिक अस्पताल कनीना में मंगलवार को 74 सैंपल लिए गए हैं वही मोबाइल टीम द्वारा गुढ़ा गांव में 101 सैंपल लिए गए हैं। विगत दिनों लिए गए सैंपल में के रिपोर्ट बुधवार तक आने की उम्मीद है।
उधर कनीना क्षेत्र में मंगलवार फिर से दस नये केस आये हैं। जिनमें चेलावास गांव कोरोना संक्रमित में अग्रणी रहा है। चेलावास में छह, कनीना में एक, गुढ़ा में एक, बचीनी और पड़ताल में एक-एक कोरोना संक्रमित के आया है। कनीना उप नागरिक अस्पताल की टीम ने आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। जहां पड़तल भोजावास अस्पताल के तहत पड़ता है।
डा धर्मेंद्र का कहना है कि बचाव में ही बचाव संभव है। अगर सावधानी बरती जाए तो रोग को फैलने से रोका जा सकता है।
स्टेट अवार्ड के लिए आवेदन न मांगे जाने पर शिक्षकों में रोष
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कनीना। इस बार हरियाणा स्टेट अवार्ड के लिए शिक्षकों से आवेदन न मांगे जाने पर शिक्षकों में रोष पनप रहा है। शिक्षक 1 साल से लगातार अवार्ड के लिए तैयारियों में लगे हुए हैं और इंतजार करते-करते आखिरकार 5 सितंबर आने वाला है।
डा एस राधाकृष्णन भारत के पूर्व राष्ट्रपति के जन्म दिन पांच सितंबर को हरियाणा प्रदेश के उत्कृष्ट सेवा देने वाले शिक्षकों को हरियाणा स्टेट अवार्ड से नवाजा जाता है। इस बार किसी प्रकार का कोई आवेदन न निकाले जाने के चलते शिक्षक आखिरकार परेशान होकर बैठ गए हैं। शिक्षकों ने अपना नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि 1 साल से विभिन्न प्रकार के सर्टिफिकेट सीडी/विडियो इक_े करते आ रहे थे, अब
इंतजार करते करते थक गए हैं। अब उनके द्वारा बनाई गई लेसन प्लान तथा ऑडियो/वीडियो सीडी आदि सभी अगले वर्ष के लिए नकारा हो जाएंगी और उन्हें फिर सिंह की तैयारी करनी पड़ेगी। शिक्षक हर वर्ष इस अवार्ड के लिए तैयारी करते हैं। उल्लेखनीय है कि कनीना खंड से कई शिक्षकोकं को स्टेट अवार्ड मिला है तथा विगत वर्ष भी कनीना खंड से जहां आधा दर्जन शिक्षकों ने आवेदन किया था जिनमें से 2 शिक्षकों को अवार्ड मिला मिल चुका है। इच्छुक शिक्षक परेशान नजर आए। वे चाहते हैं कि यदि स्टेट लेवल पर नहीं तो कम से कम जिला स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित करके उन्हें अवार्ड दिया जाना चाहिए।
उद्घाटन की बाट जोह रहा है पालिका का नया भवन
-अढाई वर्षो में भव्य नगर पालिका भवन बनकर तैयार
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कनीना। कनीना में नगरपालिका का तीन मंजिला भवन महेंद्रगढ़ रोड पर उद्घाटन की बाट जोह रहा है। महज अढ़ाई वर्षों में भव्य भवन बनकर तैयार हो चुका है। इस भवन के निर्माण में चार करोड़ छह लाख रुपये की राशि खर्च हुई है।
उल्लेखनीय है कि 6 जुलाई 2015 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राजकीय महाविद्यालय कनीना में एक सभा आयोजित की थी जिसमें उन्होंने इस भवन निर्माण की घोषणा की । तत्पश्चात 10 मार्च 2018 को तत्कालीन अटेली विधायक एवं उपाध्यक्ष संतोष यादव ने इसकी नींव रखी थी।
तत्पश्चात त्वरित गति से इस भवन का निर्माण कार्य चला और अब बनकर तैयार है। इसमें भूतल पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है जिसमें सैकड़ों वाहन खड़े किए जा सकते हैं वहीं भवन में हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है। तत्पश्चात दो मंजिल जिनमें प्रधान, सचिव, एमई आदि सभी के लिए अलग-अलग कक्षों का निर्माण किया गया है। हर प्रकार की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भवन निर्मित किया गया है। जिसको देखकर अधिकारी प्रसन्न हो जाते हैं। अब तक जितने भी अधिकारी यहां आए हुए प्रसन्नचित नजर आए।
परंतु अभी तक इस भवन को नगरपालिका के अधीन नहीं किया गया है। अभी नगरपालिका के अधीन होने का इंतजार है।
क्या करते पालिका प्रधान पालिका-
पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि पालिका का नया भवन बनकर तैयार है। अभी इसको हैंड ओवर नहीं किया गया है। हैंड ओवर करते ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। ऐसे में अभी से ही यह वहां उद्घाटन की बाट जो होने लगा है। निकट भविष्य में इसका उद्घाटन होगा।
फोटो कैप्शन चार: भूतल पर पार्किंग का स्थान फोटो कैप्शन 5: अत्याधुनिक बहुमंजिला नगर पालिका का भवन।
73वें जन्मदिन पर त्रिवेणी
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संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना खंड के गांव खेड़ी में सेवानिवृत्त हवलदार ने अपने 73वें जन्मदिन पर न केवल त्रिवेणी लगाई अपितु छोटे बच्चों को दूर-दूर बिठाकर खाना खिलाया।
खेड़ी के मांगेराम सेना में 20 साल की सेवा करने के बाद लगातार 17 साल लगातार हरियाणा पुलिस में हवलदार रहे हैं। सेवानिवृत्त होने पर भी गांव में जनसेवा कर रहे हैं। उन्होंने गांव के जंगल में 73 वें जन्मदिन पर त्रिवेणी लगाकर जन्मदिन मनाया। उन्होंने कहा कि हर वर्ष इस प्रकार की त्रिवेणी लगाते रहेंगे।
उन्होंने पेड़ पौधों के बारे में बताया कि हर व्यक्ति के जन्मदिन व शुभ कार्यक्रम में पौधा लगाना चाहिए। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ समाज को संदेश भी मिलेगा। खासकर युवाओं को अपना जन्मदिन पर्यावरण संरक्षण को समर्पित सरोकारों के साथ जोड़कर मनाना चाहिए एवं उसकी सुरक्षा की जिम्मेवारी लेनी चाहिए। हम सभी को अपनी सोच में बदलाव लाना पड़ेगा तभी हम प्रकृति को हो रहे नुकसान से बचा सकते हैं। पर्यावरण के संरक्षण के लिए हम सभी को साँझा कदम बढ़ाने की आवश्यकता हैं। प्रकृति का संतुलन भी पर्यावरण पर ही निर्भर करता हैं। हमारे त्यौहार एवं ऋतुएं भी पौधों के साथ जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि पौधे हमारी प्रकृति का अभिन्न अंग है इनसे हमें प्राणवायु के साथ साथ औषधियां भी मिलती है। इस अभियान से युवाओं में प्रकृति प्रेम का भाव जरूरी है।
इस मौके पर धर्मपाल रेलवे विभाग अधिकारी, ओम प्रकाश, नवनीत कुमार, साहिल कुमार, पीयूष, जतिन आदि मौजूद थे। इस मौके पर लोगों ने उनके लंबी उम्र की कामना की।
फोटो कैप्शन 2: त्रिवेणी लगाते सेवानिवृत्त पुलिस हवलदार मांगेराम व अन्य।
कई समस्याएं मुंह बाये खंड़ी हैं सिहोर गांव में
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कनीना। कनीना उपमंडल का गांव सिहोर कई समस्याओं का धर बन गया है। सीहोर गांव में सबसे पुराना जोहड़ बाबा ब्रह्मचारी नाम से है। इस जोहड़ के चारों तरफ बनाई गई दीवार जर्जर होकर जोहड़ के अंदर ही गिर गई हैं जो पशुओं को लिए आफत बन गई है। ग्रामीणों की मांग है कि पत्थरों को निकलवाया जाए इस दौड़ की साफ सफाई करवाई जाए।
गांव में अधिकतर किसान खेती के साथ पशुपालन का कार्य भी करते हैं उन पशुओं को पानी पिलाने के लिए इन जोहड़ों में लेकर आते हैं । उधर सीहोर से धनोंदा, बव्वा, बहाला की तरफ जाने वाले रास्ते बिल्कुल खराब हो चुके हैं। रास्तों में बहुत गड्ढे हो रखे हैं। खेतों में जाने वाले किसान बहुत परेशान हैं। चार पहिया दोपहिया वाहन भी नहीं चलाये जा सकते। ग्रामीणों की मांग है कि इन सभी रास्तों को बनाया जाए। गांव की नई पंचायत घर के चारों तरफ चारदीवारी नहीं है।
गांव में एक भी पार्क नहीं है ग्रामीणों का कहना है कि अगर गांव में पार्क बन जाए तो बुजुर्ग उस पार्क में सुबह-शाम टहल लेंगे।
क्या कहते हंै ग्रामीण-
गुगनराम सीहोर का कहना है कि
गांव में गंदे पानी की निकास नहीं हो रहा है । गांव की गलियों की साफ सफाई नहीं की जा रही है । गांव में लगे सफाई कर्मचारी तसल्ली पूर्व काम नहीं करते हैं।
नित्यानंद सीहोर का कहना है कि बाबा ब्रह्मचारी के मंदिर के पास एक जोहड़ बना हुआ है जिसमें किसी समय पर बहुत अच्छा पीने योग्य पानी इक_ा होता था । इस जोहड़ के चारों तरफ पत्थर की चारदीवारी की गई थी जिसके सहारे पत्थर इस जोहड़ में गिर गए है। दौडऩे पानी पीने वाले पशुओं के पैरों में यह पत्थर लगते हैं ।
बिजेंद्र सीहोर का कहना है कि सीहोर से धनोंदा की तरफ जाने वाला कच्चा रास्ता बिल्कुल खराब हो रखा है जिसमें आने जाने में बहुत भारी समस्या का सामना करना पड़ता है । कृषि की भूमि जोतने के लिए ले जाने वाला ट्रैक्टर भी इन गड्ढों में कई बार खराब हो जाता है । भारी पानी जमा हो जाता है जिससे किसानों को जाने में बहुत भारी परेशानी होती है।
फोटो कैप्शन 3: जोहड़ की समस्या
साथ में बिजेंद्र, गुगनराम, नित्यानंद।
सूख गई है खड़ी फसल
-विभिन्न नेता मुआवजे की कर रहे हैं मांग
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कनीना। कनीना क्षेत्र में कपास की फसल में जहां एक तरफ रोग लग गया है वही कपास खराब हो गई है। कपास के डोडा हुई बारिश के चलते खराब हो गये है। नेता मुआवजा दिये जाने की मांग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कनीना क्षेत्र इस बार 5950 हेक्टेयर पर कपास उगाई गई है जबकि 21300 हेक्टेयर पर बाजरा उगाया गया है। कपास की फसल बार-बार बारिश होने के चलते तथा रोग लगने के कारण भी नष्ट हो गई है। किसान सरकार से मांग कर रहे कपास की सर्वे करवाई जाए। यही नहीं जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा करवा रखा है वह मांग करने लगे हैं कि उनकी कपास की फसल का मुआवजा दिया जाए। किसानों से इस संबंध में बात की गई।
किसान मोहन सिंह का कहना है कि अधिक बारिश के चलते कपास के टिंडे खराब हो गए हैं। टिंडों के अंदर कपास एवं रूई काली पड़ गई है। उन्होंने कहा कि इस वक्त बारिश हो रही है। इसी वक्त कपास के टिंडे पक गए हैं। इसलिए उनके कपास में भारी नुकसान हो गया है।
उधर मोड़ी के गजराज सिंह का कहना है कि पूरे खेत की कपास की फसल सूखती जा रही है। यह कोई रोग लग गया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनकी फसल का बीमा किया हुआ है। यहां कंपनी को भेजकर सर्वे करवाई जाए और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।
उधर किसान कुलदीप ने बताया कि इस बार बेहतर पैदावार होने की संभावना थी कि अचानक कपास में रोग लग गया। खड़ी फसल सारी की सारी सूख गई है। सरकार से मांग की है कि सर्वे करवाकर उचित मुआवजा दिया जाए।
पूर्व कृषि अधिकारी डा देवराज यादव से बात की तो उन्होंने कहा कि बारिश के बाद हर वर्ष इस प्रकार की घटना घटती है। यदि तुरंत प्रभाव से फसल सूखती हैं तो यह बिलट नामक रोग भी हो सकता है। इ उन्होंने बताया कि इस रोग के पीछे अन्य कई कारण भी हो सकते हैं। इन में सफेद मक्खी मिलीबग, रस चूसने वाले कीड़े, तेला आदि भी रोग के कारण हो सकते है। उन्होंने कहा कि ब्लाइट नामक रोग के कारण भी ऐसा होता है। उनका कहना है कि कपास की जड़े ज्यादा गहराई पर नहीं होती, इस वक्त कपास में टिंडे अधिक आ जाते हैं और अधिक खुराक की जरूरत होती है। अधिक खुराक उपलब्ध न होने के कारण पौधे सूख जाते हैं। उन्होंने एनपीके का स्प्रे करने की सलाह दी है।
फोटो कैप्शन 1: कपास की खड़ी फसल साथ में किसान साथ में मोहन सिंह, गजराज सिंह तथा कुलदीप सिंह किसान।












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