उबाऊ होता जा रहा ऑनलाइन शिक्षण
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कनीना। करीब 5 माह से सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में विद्यार्थी घर पर बैठे ऑनलाइन शिक्षण पा रहे हैं वहीं शिक्षक घर पर स्कूल में या कहीं भी हो ऑनलाइन शिक्षण करवा रहे हैं। अब आलम यह है किस ऑनलाइन शिक्षण से विद्यार्थी ऊब चुके हैं।
एक और जहां विद्यार्थी प्रारंभ में ऑनलाइन शिक्षण से बहुत खुश थे। स्मार्ट फोन लेकर दिनभर स्कूल का होमवर्क करते देखे गये किंतु धीरे-धीरे लगातार मोबाइल या स्मार्टफोन पर काम करते-करते आखिरकार अब उबने लगे हैं और उनका कहना है कि जैसे तैसे कोरोना समाप्त हो जाए और उन्हें स्कूल में बुला लिया जाए। वैसे भी भविष्य का सवाल है। इस बार विद्यार्थी अभी तक नहीं के बराबर ही पढ़ पाए हैं। ऑनलाइन शिक्षण जरूर दिन रात एक कर के शिक्षक करवा रहे हैं किंतु परिणाम उतना बेहतर नहीं आ सकता जितना कक्षा में रूबरू होकर शिक्षण दिया जाता है।
विद्यार्थी वंदना दुबट, मोनिका, साहिल, अमीश यादव, हर्ष कुमार आदि ने बताया कि वे अब ऊब गए हैं। दिन-रात मोबाइल से चिपके रहने से आंखों में दर्द होने लग गया है और नीचे झुके रहते हैं। यहां तक की प्रारंभ में उनकी रुचि थी किंतु धीरे-धीरे रुचि घटती जा रही है। वह भी मजबूर है कि अभिभावक उनको पढऩे के लिए बाध्य कर रहे हैं, वही विद्यार्थी इस प्रकार के शिक्षण से तंग आ गए हैं क्योंकि अकेले में पढऩा होता है। इसलिए निराश लगती है। जहां अन्य विद्यार्थी पढ़ रहे होते हैं वहां पर फिर भी पढ़ाई में मन लगता है और अनेकों प्रकार की अन्य बातें सुनने को मिलती है। यहां केवल और केवल शिक्षण की बातें ही देखने/सुनने को मिल सकती है।
यही कारण है कि विद्यार्थी इस प्रकार के शिक्षण को अब पसंद नहीं करते। करें भी क्या 5 महीने बीत गए और यही हालात रहे तो आगे और भी समय बीत सकता है। अभी स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है कि स्कूल कब लगेंगे।
खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम यादव का कहना है कि सरकारी आदेशों का पालन करना ही पड़ेगा। अगर ऑनलाइन शिक्षण करवाना है तो ध्यान से करवाना चाहिए। विद्यार्थी जरूर पढ़ लेंगे। अभिभावक उन पर ध्यान दें। शिक्षक उन पर ध्यान दें। यही नहीं उन्होंने बताया कि बीच-बीच में क्विज प्रतियोगिता करवाई जा रही है ताकि विद्यार्थियों का मन खुश रहे तथा प्रतिस्पर्धा की भावना भी जागृत हो सके।
उधर शिक्षक सूबे सिंह ने बताया कि वे जी जान एक करके लेशन तैयार करते हैं, विद्यार्थियों के लिए प्रेषित करते हैं। व्हाट्सएप के अलावा संदेश भी भेजा जा रहा है और उनकी प्रतिपुष्टि भी ली जा रही है।
लक्ष्मी यादव का कहना है कि वे इस कार्य को मानिटरिंग कर रही है। उन्हें बड़ा आनंद आता है कि विद्यार्थी उनके प्रत्येक प्रश्न का उत्तर देते हैं। उन्होंने कहा कि यदि कुछ विद्यार्थी निरसता दर्शा रहे हैं किंतु उनकी तरफ से किसी प्रकार की कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है और वे दिन-रात एक किए हुए विद्यार्थियों के भविष्य की चिंता में डूबी हुई है। वे चाहती है कि किसी प्रकार इस कोरोना काल में अच्छी प्रकार शिक्षण करवाई जाए ताकि भविष्य में ये विद्यार्थी कोरोना को याद रखें किंतु इस प्रकार के शिक्षण को भी याद रखें।
उल्लेखनीय है कि सेवानिवृत्ति के पास जा चुके या जिनके सेवानिवृत्ति के 2-4 वर्ष अभी रह गए वे शिक्षक मजबूरन आप स्मार्ट फोन लेकर उस पर काम करवाते देखे गए। यदि भी नहीं कर पाते हैं तो उनके परिवार वाले इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं लेकिन मजबूरी है कि जीवन भर उन्होंने इस प्रकार के फोन प्रयोग नहीं किए। सरकार भी फोन पर प्रतिबंध रखती आई है, अब मोबाइल काम आता है। वही मोबाइल जिस पर सरकार का प्रतिबंध है विद्यार्थी तो क्या शिक्षक विद्यालय में नहीं ले जा सकते थे, परंतु आज सभी विद्यालय में शिक्षक मोबाइल लेकर जरूर जाते हैं।
प्रवक्ता राजेश कुमार का कहना है कि इस प्रकार के ऑनलाइन शिक्षण में बहुत मेहनत करनी पड़ती है। कक्षा में रूबरू शिक्षण करवाना तो बहुत सरल सा कार्य है किंतु ऑनलाइन शिक्षण में अनेक प्रकार की समस्याओं से जूझ कर करवा सकते हैं परंतु उनका कहना है कि उस उनके हौसले बुलंद है। किसी प्रकार पीछे नहीं हटेंगे। जब तक इस प्रकार का शिक्षण चलेगा दिनरात एक किए हुए विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षण करवाएंगे ताकि बहुत अच्छे अंको से विद्यार्थी पास हो सके।
फोटो कैप्शन 13: आनलाइन शिक्षण लेते विद्यार्थी तथा साथ में सूबे सिंह, राजेश कुमार, लक्ष्मी यादव।
समस्त स्टाफ को शत-प्रतिशत हाजिरी देनी है
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कनीना। समस्त स्टाफ को स्कूलों में आना होगा तथा शत प्रतिशत हाजरी देनी होगी। यहां तक कि अब शनिवार को भी स्कूल लगेंगे। यह कहना खंड शिक्षा अधिकारी कनीना अभयराम यादव का है।
उल्लेखनीय है कि 3 सितंबर को विद्यालय शिक्षा निदेशालय का पत्र विभिन्न व्हाट्सएप ग्ऱुप में घूम रहा है जिसको लेकर के शिक्षकों में भ्रम हो गया है। पत्र में स्पष्ट लिखा है कि सभी राजकीय राजकीय विद्यालय में अनलॉक चार के संदर्भ में जारी आदेशों का दृढ़ता से पालन करना चाहिए और समस्त स्टाफ को विद्यालय में
न बुलाकर अपने विवेक अनुसार रोटेशन से बुला सकते हैं। निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग हरियाणा पंचकूला द्वारा जारी पत्र विभिन्न अधिकारियों को प्रेषित किया गया है। जिसको देखकर सभी शिक्षकों में अनेकों चर्चाएं चल रही हैं। इस संबंध में जब खंड शिक्षा अधिकारी कनीना अभयराम यादव से बात की तो उन्होंने बताया कि जब तक जिला शिक्षा अधिकारी का पत्र उन तक नहीं आता है तब तक इसे कैसे मान ले? उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों में शत-प्रतिशत हाजिर होना जरूरी है साथ में उन्होंने कहा कि शनिवार को भी अब विद्यालय लगेंगे और उन में अध्यापकों को आना होगा।
आफत बनता जा रहा है परिवारों की आईडी बनाने का काम
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कनीना। एक ओर कोरोना की मार वहीं दूसरी ओर परिवारों की आईडी बनाने का कार्य स्कूलों में आफत बनता जा रहा है। 10 दिनों से काम जारी है और खंड कनीना के महज 362 परिवारों की आईडी अपलोड हुई है जबकि करीब 12000 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
एक और जहां सरवर की समस्या चली आ रही है सरकार द्वारा अभी तक सरवर ठीक नहीं किए जाने से दिनभर शिक्षक विद्यार्थी तथा अभिभावक परेशान होकर घर चले जाते हैं। अब तो यह हालात बन गए हैं कि परिवारों की आईडी बनाने के लिए फार्म भरकर ढेर लगा लिए गए हैं ताकि जब कोई अपलोड हो तो कर दिया जाता है। शिक्षक रात को भी चैन नहीं ले पा रहे हैं कभी मौका मिलता है रात को सरवर ठीक होता है तो परिवारों की आईडी अपलोड करते हैं परंतु एक समस्या यह है अंतिम सबमिट तभी हो पाता है जब परिवार के सदस्य उसे चेक कर लेते हैं उनके हस्ताक्षर होना जरूरी है।
परिवारों के आईडी अपलोड तो जाती है किंतु अंतिम अपलोड नहीं हो पाते। यही कारण है कि खंड कनीना के सभी स्कूल के शिक्षक परेशान नजर आते हैं। यदि सरवर ठीक हो तो यही कार्य बहुत जल्दी से निपटाया जा सकता है। ऐसे में अभिभावक राम सिंह, घनश्याम, देवेंद्र, सुरेश आदि ने बताया कि उनके बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं और सरकारी स्कूलों में ही परिवार की आईडी बनाने का कार्य चल रहा है। सभी कागजात लेकर जाते हैं किंतु परेशान होकर वापस लौट आते हैं। सरवर काम नहीं करता या नेट काम छोड़ जाता है और परेशानी बढ़ती चली जाती।
कंप्यूटर संचालक प्रदीप कुमार, सूबे सिंह, देवेंद्र महेंद्र आदि ने बताया कि वे मजबूर हो गए हैं7 आंकड़े अपलोड करते हैं और एक चक्कर घूमता रहता है आगे नहीं बढ़ता और काम वही की वहीं रुका रहता है। उनका कहना है कि यदि सरवर की समस्या हल करवा दी जाए तो जल्दी ही आंकड़े अपलोड हो सकते हैं वरना यही हालात जली तो आने वाले समय में बड़ी भारी समस्या बन सकती है।
ऐसे में परिवारों की आईडी बनाना एक मुसीबत और बन गई है। स्कूल में शिक्षक कोरोना काल में भी व्यस्त देखे गए अब अनलाक में कुछ छुटकारा मिला कोरोना केस बढ़ गया है किंतु उन्हें फिर भी स्कूल में जाकर यह कार्य पूर्ण करना ही पड़ता है। इसे कहते हैं गले में पड़ा ढोल बजाना ही पड़ता है।
फोटो कैप्शन : कंप्यूटर पर आंकड़े अपलोड करते शिक्षक।
अब अक्टूबर माह तक का बाट रहे हैं सूखा राशन
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कनीना। सरकार के आदेश अनुसार अक्टूबर माह तक का राशन विद्यार्थियों को उनके घर तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। विभिन्न स्कूलों में सरकारी स्कूलों में जहां करीब 4 महीने का राशन एक साथ उपलब्ध करवाया जा रहा है जिसमें चावल, गेहूं और सूखा दूध पाउडर है। यह सभी उनको मिड डे मील के तहत उपलब्ध करवाया जा रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी अभय राम यादव ने बताया कि यह कार्य प्रमुखता से किया जाता है और जब जब कोई आदेश आता है वह उसका पालन करते हुए तुरंत प्रभाव से स्कूलों को भेज देते हैं। अधिकांश स्कूलों में मिड-डे-मील वितरण का कार्य चल रहा है और या तो पूर्ण हो चुका है या हो जाएगा। उनकी कुकिंग कोस्ट राशि उनके खातों में पहुंचाई जा रही है।
नारनौल की एंटीजन टेस्ट टीम ने लिए 123 सैंपल
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कनीना। नारनौल से आई एंटीजन टेस्ट टीम ने बचीनी और गुढ़ा गांव में 123 सैंपल लिए।
मिली जानकारी अनुसार नारनौल से आई पी सीआर ने पहले बचीनी र्में 13 सैंपल लिये एंटीजन टेस्ट के लिये तत्पश्चात गुढ़ा में 110 टेस्ट लिए गए। उल्लेखनीय है कि इस टीम को एंटीजन टेस्ट टीम नाम से जाना जाता है जो एंटीजन टेस्ट कर संक्रमण का पता लगाती है जिसकी रिपोर्ट 72 घंटों में आती है जबकि रेपिड टेस्ट टीम संक्रमण की कुछ ही समय में जानकारी दे देती है।
किस्त भरने गई महिला घर नहीं लौटी
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कनीना। ग्रुप में जुड़ी हुई महिला किस्त भरने गई थी और वो घर नहीं लौटी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मालडाबास के टोनी ने पुलिस को दी उनकी पत्नी सीमा गुरुवार की सुबह 8-9 बजे घर से ग्रामीण महिला ग्रुप में किस्त भरने के लिए गांव मालडा मे ही ग्रुप की महिला के पास गई थी। तब से घर वापिस नहीं पहुंची। उन्होंने सभी रिश्तेदारियों में भी पता किया किंतु पता नहीं चल पाया। उन्होंने कहा है कि न उनके घर में कोई लड़ाई झगड़ा हुआ। पुलिस मामले में जुट गई है।
अब केले खाना भी गरीबों का बना सपना
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कनीना। किसी जमाने में केले पेट भरने का उत्तम साधन तथा गरीबों की पहुंच में होते थे किंतु अकेले खाना गरीब तबके से दूर होता जा रहा है। थोक विक्रेता 70 दर्जन तक केले बेच रहे हैं ऐसे में ठेले पर केले बेचने वाले मजबूर और महंगे दामों पर तेल बेच रहे हैं। फलों के भाव सुनकर आम व्यक्ति तो क्या मध्यमवर्ग भी अब दूर हटने लग गया है।
कनीना के केले के शौकीन महेश, दिनेश, कुलदीप, मनोज, इंद्रजीत आदि ने बताया कि 10 से 20 रुपये दर्जन पके हुए केले उपलब्ध हो जाते थे और बड़े चाव से खेल खाते थे। यहां तक कि युवा वर्ग स्कूल विद्यार्थी, कालेज के विद्यार्थी समय निकालकर जरूर खाते थे। भर्ती होने के लिए जाना होता, सेहत बनानी होती तो दूध में डालकर जरूर देखे गए थे।
शिव कुमार,प्रदीप कुमार, अशोक आदि ने बताया कि केले दूसरे जिलों से मंगवाए जा रहे हैं। केलों के भाव बढऩे के पीछे बाढ़ का आना भी माना जा रहा है। केले के थोक विके्रेता विकास भारद्वाज ने बताया कि वे केले बुरहानपुर
नांदेड महाराष्ट्र से मंगवाते थे। वहां बाढ़ आने से केले के पेड़ नष्ट हो गए और भाव कच्चे केेलों के ही बढ़ गये हैं इसलिए पके हुए केले में के दामों में वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि अब केले लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश से भी के लिए मंगवाए जा रहे किंतु इनसे भी पूर्ति न होने से रोहतक गुडगांव, झज्जर आदि से मंगवाए जाते हैं ताकि खाने को गरीबों को मिल सके। अकेले ही नहीं यदि किसी भी अन्य फल पर नजर डाले तो पता चलता है कि सेब 120 रुपये किलो अमरूद
भी 50 रुपये किलो से कम नहीं मिलते। यही हालात सब्जियों की है और आम व्यक्ति का जीना दूभर हो गया है। गरीब तबके से अब केले से दूर होता जा रहा है।
फोटो कैप्शन 11: ठेले पर केले बेचता हुआ युवा।
नारनौल की एंटीजन टेस्ट टीम ने लिए 123 सैंपल
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कनीना। नारनौल से आई एंटीजन टेस्ट टीम ने बचीनी और गुढ़ा गांव में 123 सैंपल लिए।
मिली जानकारी अनुसार नारनौल से आई पी सीआर ने पहले बचीनी र्में 13 सैंपल लिये एंटीजन टेस्ट के लिये तत्पश्चात गुढ़ा में 110 टेस्ट लिए गए। उल्लेखनीय है कि इस टीम को एंटीजन टेस्ट टीम नाम से जाना जाता है जो एंटीजन टेस्ट कर संक्रमण का पता लगाती है जिसकी रिपोर्ट 72 घंटों में आती है जबकि रेपिड टेस्ट टीम संक्रमण की कुछ ही समय में जानकारी दे देती है।
किस्त भरने गई महिला घर नहीं लौटी
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कनीना। ग्रुप में जुड़ी हुई महिला किस्त भरने गई थी और वो घर नहीं लौटी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मालडाबास के टोनी ने पुलिस को दी उनकी पत्नी सीमा गुरुवार की सुबह 8-9 बजे घर से ग्रामीण महिला ग्रुप में किस्त भरने के लिए गांव मालडा मे ही ग्रुप की महिला के पास गई थी। तब से घर वापिस नहीं पहुंची। उन्होंने सभी रिश्तेदारियों में भी पता किया किंतु पता नहीं चल पाया। उन्होंने कहा है कि न उनके घर में कोई लड़ाई झगड़ा हुआ। पुलिस मामले में जुट गई है।
ईंट भ_ा से मजदूर मुक्त करवाकर घर पहुंचाये, मालिक के विरुद्ध मामला दर्ज
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कनीना। बाघोत के पास ईंट भ_ा मालिक द्वारा ईंट थपाई करने वाले मजदूरों की दिहाड़ी न देने पर मामला मानव अधिकार आयोग तक पहुंचाया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुये मजदूरों को मौके पर पहुंचकर मुक्त करवा उनके परिजनों तक पहुंचाया।
मिली जानकारी अनुसार बाघोत एवं चिडिय़ा के बीच स्थित एक ईंट भ_ा ओबीसी पर कार्यरम ममता,गुगन,अंकित, राजवती,शीशपाल,भोती देवी,महेंद्र सिंह,योगेश, धीरज,प्रिया, सुरेश, श्रीनिवास,देवीलाल,दलीप,लवकुश, रविंद्र,शिवकुमार, अमीचंद्र, राजमाला,अशोक,जाटव जाति से संबंध रखते हैं तथा उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों संबंध रखते हैं। इन्होंने उच्चाधिकारियों एवं मानव अधिकार आयशेग को शिकायत की कि चिडिय़ा एवं बाघोत के बीच ओबीसी नामक ईंट भ_ा मालिक रामवीर सिंह उनसे जबरन ईंट थपवा रहा है। मालिक, मुंसी एवं मुनीम मजदूरी के पैसे नहीं दे रहा है। गंद पानी पी लेने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है और इलाज के लिए पैसे नहीं देता यहां तक कि मलमूत्र त्यागने के लिए खेतों में जाने नहीं देता जिसके चलते नारकीय जीवन जी रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि मालिक शिकायत करने पर जिंदा जला देने की धमकी देता है। उन्होंने इस बंधुआ मजदूरी से छुटकारा दिलाने तथा मजदूरी दिलाने की मांग की। जिस पर कार्रवाई करते हुये
पुलिस ने शिकायतकर्ता सं संपर्क साधा तो फोन बंद मिले और न वो ईंट भ_ा पर मिले। उधर भ_ा मालिक से मजदूरी संबंधित रिकार्ड मांगा तो वो भी मालिक द्वारा प्रस्तुत नहीं किया। पलिस के अनुसार माननीय सर्वोच्य न्यायलय द्वारा बन्धुआ मुक्ति मौर्चा बनाम भारत संघ 1984 के केस मे दिये गये निर्णय व हिदायतों के अनुसार यह केस बन्धुआ मजदूरी की श्रेणी में आता है जिस कारण मौके पर उपस्थित मजदूरों को मुक्त कराकर उनके सामान सहित घर भेजा गया। इस मौके पर मालिक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
कनीना क्षेत्र में मिले 15 संक्रमित
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कनीना। कनीना क्षेत्र में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को कनीना क्षेत्र में 15 कोरोना के नए केस मिले । एसएमओ डॉ धर्मेंद्र यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुवार को कन्या क्षेत्र में 15 संक्रमित मिले हैं जिसमें कनीना के वार्ड नंबर 9 से एक ही परिवार के चार व्यक्ति संक्रमित मिले । गुढा गांव से 9 व्यक्ति संक्रमित मिले । तलवाना व पाथेड़ा से एक-एक व्यक्ति संक्रमित मिला है। एसएमओ डॉ धर्मेंद्र यादव ने आगे बताया कि एसडीएम रणबीर सिंह भी कंटेनमेंट जोन का समय-समय पर निरीक्षण कर रहे हैं । स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लगातार लोगों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं। हेल्थ इंस्पेक्टर शीशराम रसूलपुर ने जानकारी देते हुए बताया कि संक्रमितों के आसपास रहने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है।
इस संबंध में डॉ धर्मेंद्र शर्मा एसएमओ ने बताया कि कनीना के वार्ड नो में कोंटेनमेंट जोन में दो घर और आठ व्यक्ति तथा बफर जोन में 7 घर और 35 व्यक्ति शामिल किए गए हैं जबकि गुढ़ा में बफर जोन में 34 घर तथा 78 व्यक्ति तथा इसी प्रकार कंटेनमेंट जोन गुढ़ा में 12 घर और 47 व्यक्ति शामिल किए गए हैं। कनीना की डॉक्टर अंजली गुढ़ा में डॉक्टर दीपांशु ,शीशराम एचआई सुपरवाइजर आदि ने अहम भूमिका निभाई। गुढ़ा के एक संक्रमित को पटिकरा भेज दिया है वही
आठ अन्य को घर पर ही आइसोलेट कर दिया गया है। कनीना के वार्ड नंबर 9 के संक्रमित को घर पर ही आइसोलेट कर दिया गया है।
फोटो कैप्शन नो: स्क्रीनिंग करते कनीना अस्पताल के कर्मी।
कनीना नगर पालिका ने करीब 160 दुकानों के बाहर से हटाया अतिक्रमण
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कनीना। कनीना नगर पालिका प्रशासन ने गुरुवार को शहर में किए गए अतिक्रमण को हटवाया गया। पालिका द्वारा की गई इस कार्रवाई की अध्यक्षता पालिका कनिष्ठ अभियंता हितेश यादव ने की। उनके साथ पालिका के सफाई कर्मचारी व पुलिस कर्मचारी मौजूद रहे। यह कार्रवाई एसडीएम रणबीर सिंह के मौखिक आदेश पर की गई।
कनिष्ठ अभियंता हितेश यादव ने बताया कि यह कार्रवाई करने से दो तीन दिन पहले ही पालिका प्रशासन ने दुकानों से बाहर लगाए गए सामान को उठाने की चेतावनी लाउड स्पीकर के माध्यम से दी गई थी, लेकिन दुकानदारों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। पालिका के अधिकारियों ने गुरुवार को अटेली टी-प्वाइंट से रेवाड़ी रोड़ टी-प्वाइंट व बस स्टैंड के आसपास का क्षेत्र से करीब करीबन 160 दुकानों के बाहर से सामान को कब्जे में लिया है। कनिष्क अभियंता हितेश यादव ने बताया कि
दुकानदारों के अतिक्रमण व कानों के सामने खड़ी गाडिय़ों की वजह से बस स्टैंड मार्ग व अटेली टी -प्वाइंट से रेवाड़ी रोड़ टी-प्वाइंट तक हमेशा ही जाम की स्थिती रहती है। जिसके कारण सडक़ की चौड़ाई करीब 50 प्रतिशत के तक सिकुड़ चुकी है। जिससे न सिर्फ वाहनों को बल्कि पैदल यात्रियों को भी आने-जाने में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर में विशेष रूप से बस स्टैंड वाला रोड़, शहर का मेन बाजार, मण्डी रोड़ , पर अतिक्रमण को ज्यादातर देखा जा सकता है। जिस कारण मंडी व बस स्टैंड के पास बने शॉपिंग कांपलेक्स में आना जाना दूभर हो गया है। जिससेे कई बार दुर्घटनाएं भी घटित हो चुकी हैं। शहर की उक्त समस्या को समाप्त करने के लिए नगरपालिका प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए शहर में होने वाली जाम की स्थिति को काबू करने की कोशिश की।
वहीं दूसरी तरफ सोनू, बंटी, छोटा, संजू , महेंद्र, संजीव, गोलू, कालिया इत्यादि रेहड़ी चालकों ने बताया कि नगरपालिका द्वारा हमारे सामान को उठा लिया गया है। रेहड़ी चालकों का यह भी कहना है कि पालिका प्रशासन अपनी मनमानी कर रहा है ठेला रेहड़ी लगाने वाले व्यक्ति कहां जाएं।
फोटो कैप्शन 10 व 11: कनीना से अतिक्रमण हटाते व सामान ट्रैक्टर में लादकर ले जाते पालिका कर्मी।
कपास खराब होने का मिले मुआवजा
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कनीना। रोग लगने तथा अधिक बरसात से क्षतिग्रस्त हुई कपास की फसलों का जायजा लेने के लिए बसपा नेता अतरलाल एडवोकेट ने विभिन्न गांवों का दौरा कर किसानों से उनकी क्षतिग्रस्त फसलों की जानकारी ली। रसूलपुर, गुढ़ा, नांगल मोहनपुर व कोका व सुन्दह, झिगावन, बेवल, मुंडिया खेड़ा के किसानों ने अतरलाल को बताया की अधिक बरसात के कारण कपास की फसल में जड़ गलन, बिलट और उखेड़ा रोग लगने के कारण उनकी कपास की फसल बिल्कुल खराब हो गई है। जिसके कारण उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ है। कई किसानों ने बताया की बैंकों ने उनके खाते से बीमा के पैसे भी काट लिए, परन्तु अब बीमा कम्पनी रोग क्षति बीमा में कवर न होने का बहाना बनाकर बीमा क्लेम को रोक रही है। जो सरासर अन्याय तथा तानाशाही है। उन्होंने कहा कि नुकसान तो नुकसान है वह चाहे भूस्खलन, ओलावृष्टि या जलभराव से हो या रोग लगने से। उन्होंने फसलों की विशेष गिरदावरी करवाकर क्षतिग्रस्त कपास की फसल का 40 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देने की मांग की है।
उन्होंने क्षतिग्रस्त फसलों का तत्काल गिरदावरी करवाकर मुआवजा देने की मांग को लेकर आगामी 9 सितम्बर को जिला उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन कर हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। उन्होंने राज्य सरकार से बीमा नियमों में इसी सीजन से संशोधन कर सभी उन कपास उत्पादक किसानों को बीमा क्लेम दिलाने की मांग की है चाहे उनकी फसल ओलावृष्टि, भूस्खलन, जलभराव से क्षतिग्रस्त हुई हो या कोई भी रोग या बीमारी लगने से।
बार एसोसिएशन ने मुकदमा रद्द करवाने के लिए मुख्यमंत्री व गृह मंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
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************************** कनीना। बार एसोसिएशन कनीना में प्रधान हरीश गाहड़ा की अध्यक्षता में मंत्री ओमप्रकाश यादव पर दर्ज एफआईआर को रद्द करवाने के बारे में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के बाद बार एसोसिएशन के सदस्यों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व गृह मंत्री अनिल विज के नाम एसडीएम रणबीर सिंह को ज्ञापन सौंपा । कनीना बार एसोसिएशन के सचिव अधिवक्ता पवन गोमला ने बताया कि सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता मंत्री ओम प्रकाश यादव पर जिले की पूर्व पुलिस कप्तान द्वारा मंत्री ओम प्रकाश यादव के खिलाफ गलत तरीके से दर्ज करवाया है। इस मुद्दे पर सभी अधिवक्ताओं ने विचार विमर्श किया। जिसमें सर्वसम्मति से विचार-विमर्श के बाद अधिवक्ताओं ने फैसला लिया कि मंत्री ओम प्रकाश के खिलाफ पूर्व पुलिस कप्तान द्वारा गलत तरीके से दर्ज करवाया गया मुकदमा बे बुनियादी है। जिन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है उनमें मंत्री ओम प्रकाश यादव खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं बनती । मंत्री ओम प्रकाश यादव ईमानदार छवि के व्यक्ति हैं। जो हमेशा आमजन की सेवा में तत्पर रहते हैं। बार एसोसिएशन के प्रधान हरीश गाहडा ने बताया कि बार एसोसिएशन के सदस्यों ने आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के गृह मंत्री अनिल विज के द्वारा तुरंत प्रभाव से फैसला लेकर जिले की पूर्व कप्तान सुलोचना गजराज का तुरंत प्रभाव से तबादला करने पर आभार व्यक्त किया । मंत्री ओम प्रकाश यादव के खिलाफ दर्ज फायर रद्द करवाने की गुजारिश करी गई। इस दौरान बार प्रधान हरीश गाहड़ा, बार सचिव अधिवक्ता पवन गोमला, पूर्व बार प्रधान महेंद्रगढ़ रामकिशन यादव, पूर्व बार प्रधान संदीप कनीना, पूर्व बार प्रधान बिजेंद्र यादव, पूर्व बार प्रधान गिरवर लाल कौशिक, राजेंद्र करीरा, राजकुमार पाथेड़ा, विचित्र अत्री, देवेंद्र चौहान, अखिल अग्रवाल, मनीष कौशिक, सुनील राव ककरालिया, जितेंद्र तोमर, सतीश दहिया, सुनील चौधरी, धर्मेंद्र रोहिल्ला, सुभाष शर्मा, योगेश गुप्ता, धर्मवीर फौजी, सुरेंद्र गोमला, जयवीर पोता, संदीप सिंह, ओपी रामबास, सतीश करीरा, रमेश शर्मा भोजावास, मीनाक्षी यादव, खुशबू बंसल, इंद्र कोटिया, राजेश कनीना, वीरेंद्र दीक्षित, दिनेश जासावास आदि अधिवक्ता गण मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 8: एसडीएम कनीना को ज्ञापन सौंपते हुये बार एसोसिएशन कनीना के पदाधिकारी।
धरती पर रखा है ट्रांसफार्मर
-दुर्घटना होने की संभावना
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कनीना। कनीना क्षेत्र में कनीना उपमंडल के गांव बाघोत में धरती पर ट्रांसफार्मर रखा है जिससे कोई भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है। बाघोत जहां हर वर्ष लाखों का शिवभक्त एवं कावडिय़े यहां के विश्व प्रसिद्ध बाघेश्वर धाम पर गंगाजल अर्पित करते और कांवड़ चढ़ाते हैं। इस गांव के मंदिरवाले जोहड़ के पास धरती पर एक ट्रांसफार्मर रखा हुआ है। यह ट्रांसफार्मर दुर्घटनाओं को न्योता दे रहा है।
इस ट्रांसफार्मर के आसपास यहां घास फूस खड़ी है। वही आवारा पशु इधर-उधर घास चरते हुए तथा पानी पीने के लिए आते हैं। ऐसे में कोई भी पशुधन ट्रांसफार्मर सकता है और बड़ा हादसा हो सकता है। यही नहीं उधर से युवा वर्ग भी खेलकूद में के लिए जाते हैं। युवा वर्ग में भी ट्रांसफार्मर को लेकर के रोष है।
पास में जोहड़ होने से गर्मियां भारी संख्या में प्यासे जंतु पानी पीने के लिए आते हैं। कभी कभार घास चरते हुए उनका मुंह ट्रांसफार्मर से छू सकता है। ऐसे में उसको ऊंचाई पर रखे जाने की मांग बलवती होती जा रही है।
क्या करते सरपंच -
विनोद कुमार सरपंच बाघोत से इस संबंध में बात की। उन्होंने कहा कि के ट्रांसफार्मर विगत दिनों ही लगाया गया है जिसके बारे में विभाग को भी सूचित कर रहे हैं, क्योंकि धरती पर रखा हुआ ट्रांसफार्मर कभी भी हादसे को न्योता दे सकता है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की ट्रांसफार्मर को मंच पर या फिर ऊंचाई पर रखा जाना चाहिए।
क्या कहता है युवा वर्ग-
युवा विक्रम खटाना का कहना है कि कई बार पशुओं को पानी पिलाने के लिए ले जाते हैं और इसके पास से गुजरते हैं। यदि कोई पशु इससे छू जाएगा तो पशुधन के साथ-साथ बड़ा हादसा भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि आवारा जंगली जीव आदि भी इधर से गुजरते हैं।
बाघोत के गौरव का कहना है कि खेलने के लिए इधर से गुजरते हैं। यद्यपि झाड़ झंकार खड़े हुए हैं परंतु कई बार इधर से गुजारना पड़ता है जो मजबूरी है। ऐसे में कोई हादसा हो सकता है। बाघोत के दिनेश कुमार का कहना है कि अक्सर पशुओं को पानी पिलाने के लिए जोहड़ पर ले जाते हैं क्योंकि जोहड़ एकमात्र पानी पिलाने का उत्तम साधन होता है क्योंकि चारों ओर छोटे-छोटे झाड़ झंखाड़ खड़े हैं इसलिए दिखाई नहीं देगा और पशु सीधे इससे टकरा सकते हैं बड़ा हादसा हो सकता है।
अरविंद कुमार का कहना है की धरती पर ट्रांसफार्मर रखना ठीक नहीं है। किसी मंच पर या ऊंचाई पर रखा जाना चाहिए ताकि पशु/आवारा जंतु आदि इससे न छुये वरना भविष्य में एक बड़ा हादसा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
फोटो कैप्शन तीन व चार: धरती पर रखा ट्रांसफार्मर साथ में विक्रम, गौरव,दिनेश, अरविंद, की फोटो।
फिर हुई हल्की बूंदाबांदी
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कनीना। क्षेत्र में एक बार फिर से हल्की बूंदाबांदी हुई जिससे चलते फसल कटाई का कार्य रुक गया। इस वक्त बाजरे की फसल कटाई कार्य पूरे यौवन पर चल रहा है। 21300 हेक्टेयर पर बाजरे की बिजाई की गई है। बाजरे की कटाई या तो किसान अपने परिवार सहित कर रहे हैं या फिर मजदूरों से करवा रहे हैं। बारिश के चलते काम रुक गया है।
एफआईआर रद्द करने की मांग उठाई
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कनीना। नगर पालिका कार्यालय में प्रधान सतीश जेलदार की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें नगरपालिका के सभी पार्षद और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित हुए एसपी द्वारा मंत्री ओम प्रकाश यादव के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर का विरोध किया गया और मांग की गई की एफआईआर को वापस लिया जाए।
उन्होंने कहा कि ओम प्रकाश जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं और जनता की आवाज उठाते हैं और वह जिले में बढ़ रहे अपराध को लेकर आवाज उठा रहे थे इसलिए उन पर मामला दर्ज करवाना अनुचित है इसको तुरंत वापस लेना चाहिए। बैठक में शामिल चेयरमैन सतीश जेलदार, उप -चेयरमैन अशोक ठेकेदार, पार्षद प्रतिनिधि संदीप यादव, विक्रम सिंह, ओम प्रकाश ठेकेदार, पार्षद दलीप सिंह, पार्षद प्रहलाद राय, पार्षद मुकेश रॉकी मित्तल, सांसद प्रतिनिधि विक्की हनुमान सेहलंगिया, सत्यवीर प्रधान, थान सिंह मंडल अध्यक्ष, राजेंद्र भारद्वाज, करण सिंह पीटीआई पूर्व पार्षद और अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 01: एफआईआर रद्द करवाने के लिए अड़े पालिका प्रधान सतीश जेलदार एवं अन्य।
दुर्घटना में बाइक सवार हुआ घायल
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कनीना। गुरुवार को कनीना-चरखी दादरी मार्ग पर हरियाणा रोडवेज की खड़ी बस के पीछे खड़े बाइक सवार को एक गाड़ी ने टक्कर जड़ दी। बाइक सहित सवार बस के नीचे घुस गया। बाइक सवार घायल हो गया। फिर गाड़ी पेड़ से जा टकराई। कनीना से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। व्यक्ति आईटीबीपी में कार्यरत है।
मिली जानकारी अनुसार गुरुवार की सुबह उन्हाणी के पास चरखी दादरी मोड़ पर कनीना की ओर आने वाली हरियाणा रोड़वेज की एक यात्रियों को उतार रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पीछे एक जवान अपनी बाइक पर ब्रेक लिये खड़ा था कि कनीना की ओर आ रही एक गाड़ी ने पहले बाइक सवार को टक्कर जड़ दी फिर गाड़ी सामने लोहे के पोल एवं पेड़ से जा टकराई। मौके पर पहुंचे लोग बस के नीचे से बाइक सवार को निकालने लगे तब तक गाड़ी में सवार लोग गाड़ी को छोड़ भाग खड़े हुये।
बाइक सवार आईटीबीपी दिल्ली में कार्यरत संजीव कुमार ऊंची भांडोर महेंद्रगढ़ का रहने वाला है। विगत दिनों उनकी सगाई हुई थी। उन्हें कनीना उप नागरिक अस्पताल लाया गया जहां से प्राथमिक उपचार कर उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया है। उसके परिजन रेवाड़ी के किसी निजी अस्पताल में ले गये बताये।
फोटो कैप्शन 2: दुर्घटना में मौके पर क्षतिग्रस्त गाड़ी।
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