किसानों को डीएपी के लिए दर-दर भटकने की आवश्यकता नहीं-आलोक गोयल
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कनीना। अब खाद की कमी नहीं रहने दी जाएगी। उक्त विचार आलोक खाद बीज भंडार के मालिक आलोक गोयल ने खाद बिक्री केंद्र पर किसानों को जय किसान नवरत्न डीएपी पारादीप फास्फोरस लिमिटेड कंपनी द्वारा भेजे गए 600 कट्टे खाद के बांटने के उपरांत व्यक्त किए इस अवसर पर बोलते हुए आलोक ने कहा कि खाद कंपनियों द्वारा खाद की आपूर्ति जमके की जा रही है जिसको लेकर हम किसानों को फोन कर करके बुला बुलाकर खाद दे रहे हैं क्योंकि हमारे देश का किसान अगर उन्नत रहेगा तो हम सब का फायदा होगा इसलिए हम किसान को खाद के बगैर नहीं रहने देंगे उन्होंने आज सैकड़ों किसानों को खाद बिक्री कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने का कार्य किया वही किसानों ने भी आलोक खाद बीज भंडार के मालिक का तहे दिल से धन्यवाद करते हुए अपनी बिजाई सुचारू रखी इस अवसर पर इनके साथ कृषि विभाग के आला अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे
पौधों के बगैर मानव जीवन अधूरा होता है इसलिए हमें अपने स्वस्थ जीवन के लिए पौधारोपण अवश्य ही करना चाहिए- ज्योति टीआरओ
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कनीना। पौधे के बिना मानव जीवन अधूरा है क्योंकि जिस तरह हमें जीने के लिए खाना चाहिए उसी प्रकार हमें सांस लेने के लिए पौधों की सख्त आवश्यकता होती है क्योंकि पौधे ही हमारे जीवन का सार है उक्त विचार हरियाणा वन विभाग गुरुग्राम से आई अधिकारी ज्योति टी आर ओ ने आज स्थानीय कस्बा कनीना के गर्ल सीनियर सेकेंडरी स्कूल कनीना मंडी में आज स्कूली बच्चों का प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम आयोजित कराया गया जिसमें उन्होंने फर्स्ट और सेकंड तथा थर्ड आने वाले विजेताओं को मोमेंटो रूपी उपहार देकर उनका सम्मान किया इस प्रतियोगिता में प्रथम आने वाली छात्रा खुशी द्वितीय स्थान पर रही मौसम तृतीय स्थान पर हिमांशी ने विजय प्राप्त की है इस अवसर पर स्कूल प्राचार्य कर्मठ एवं इमानदार रामपाल यादव ने भी बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे घर में कोई भी खुशी का कार्यक्रम हो उस पर हमें एक वृक्ष अवश्य ही लगाना चाहिए क्योंकि आज हम जो वृक्ष लगा रहे हैं उसका फल हमें ही नहीं बल्कि आने वाली तीन पीढिय़ों को मिलता है इसलिए यह सबसे बड़ा पुण्य का कार्य भी है इस अवसर पर स्कूल प्राचार्य रामपाल यादव सतीश सैनी एबीआरसी ओम रति यादव ममता यादव सुमन यादव के अलावा अन्य स्टाफ मौजूद था।
विंटर एडवेंचर कैंप के लिए दिव्यांग विद्यार्थी मोरनी हिल्स रवाना
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कनीना। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग हरियाणा के संयुक्त सौजन्य में आयोजित होने वाले शीतकालीन दिव्यांग साहसिक गतिविधियों के कैंप के लिए महेंद्रगढ़ जिले से 40 दिव्यांग छात्र छात्राओं तथा 10 विशेष अध्यापकों के दल को समग्र शिक्षा के एपीसी डा विक्रम सिंह ने रवाना किया। इस कैंप 3 नवंबर तक र्मोरनी हिल्स पंचकूला में चलेगा। दिव्यांग विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ाने की हरियाणा सरकार की इस अनूठी पहल के अंतर्गत विद्यार्थियों का साहसिक गतिविधियों से अवगत कराया जाएगा। इस जिले से विशेष अध्यापक अमृत सिंह, राजेश नायक, प्रीतम कुमार, अशोक कुमार ,सतीश कुमार, अनिता, प्रेम देवी, शर्मिला यादव एवं सरिता विशेष अध्यापिका आदि बच्चों के साथ मोरनी रवाना हुए।
विशेष शिक्षक अमृत सिंह ने बताया कि कनीना खंड से आठ दिव्यांग विद्यार्थी एडवेंचर कैंप में शामिल होंगे। 8 दिव्यांग विद्यार्थियों में 4 छात्र एवं 4 छात्राएं शामिल है। विशेष शिक्षक में यह भी बताया कि दिव्यांग बच्चे इस कैंप में हिस्सा लेकर अपने आप में आत्मविश्वास पैदा कर सकते हैं। कैंप के दौरान बच्चों में तरह-तरह के एडवेंचर की सिखलाई कराई जाएगी।
फोटो कैप्शन 9: एडवेंचर कैंप में भाग लेने जाते हुए विशेष विद्यार्थी एवं शिक्षक।
कनीना के विभिन्न मंदिरों में भेंट किए जाएंगे 730 दीपक
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कनीना। कनीना का महिला दल जो वर्षों से विभिन्न मंदिरों में दीपावली के अवसर पर दीपक भेंट करता आ रहा है जो इस दीपावली पर 730 दीपक कनीना के विभिन्न 7 मंदिरों में आवंटित करेगा। दीपावली के पर्व पर उन्हें अपने हाथों से प्रकाशित कर दीपावली की खुशियों को और बढ़ाएगा।
इस संबंध में नीलम, शकुंतला, आशा, सरला,बबली आरती, अमीशा, मीनू आदि ने बताया कि उनका उद्देश्य दीपावली के पर्व की खुशियां बढ़ाना है। घी के दीपक जहां खुशी में जलाएं जाते हैं किंतु वे कम से कम तेल के दीपक जरूर जलाएंगे और अपने हाथों से जलाकर मंदिरों को सजाएंगी। हर वर्ष ऐसा ही करती आ रही है। इससे न केवल मंदिरों की दीपावली के दिन शोभा बढ़ती है अपितु दीपावली की प्रसन्नता को बढ़ावा देने और लोगों में खुशी का संचार करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। उन्होंने कहा कि दीपावली के दिन सभी मंदिर जगमग करेंगे। ये दीपक आटे या माटी से बनाती हैं। इस बार आटे से दीपक बनाये हैं।
फोटो कैप्शन 10: अपने हाथों से दीपक बनाते हुए महिला दल।
पुनश्चर्या पाठ्यक्रम शिक्षकों के लिए होता है अहं-मदन मोहन
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कनीना। सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र द्वारका नई दिल्ली में पुनश्चर्या पाठ्यक्रम के अंतर्गत शिक्षा के लिए एकीकृत दृष्टिकोण विषय पर एक प्रशिक्षण कायक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में हरियाणा उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश के 40 अध्यापकों ने भाग लिया। हरियाणा राज्य के 5 जिलों महेंद्रगढ़, भिवानी, चरखी दादरी, कैथल व झज्जर के 11 अध्यापकों ने भाग लिया।
इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए जिला महेंद्रगढ़ के कनीना ब्लॉक के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अगिहार से अंग्रेजी के प्रवक्ता मदन मोहन कौशिक व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बूचावास से राजनीति शास्त्र के प्रवक्ता सुरेश कुमार शर्मा ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सीसीआरटी पिछले 40 साल से पूरे देश के लगभग सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षकों को यह प्रशिक्षण देती है। जिसका मुख्य उद्देश्य हमारी संस्कृति को शिक्षा से जोडऩा है ताकि हमारी सांस्कृतिक विरासत को विद्यार्थियों तक पहुंचाया जा सके इस अवसर पर हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन रागिनी व नृत्य कला के माध्यम से सीसीआरटी के मंच पर हरियाणा के प्रतिभागियों द्वारा प्रदर्शित किया गया। जिसमें हरियाणा के हास्य, वीरता,,हरियाणा की नृत्य शैली, खानपान व खेलों में हरियाणा के योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला गया इस कार्यक्रम में सीसीआरटी दिल्ली में योग,,कला,संस्कृति, कचरा प्रबंधन स्वच्छता, सतर्कता, नैतिक मूल्यों, मूर्तिकला, शास्त्रीय संगीत, ओडीसी नृत्य, वह हिंदुस्तानी संगीत जैसे विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे तथा आपसी विचारों का आदान प्रदान किया। इस अवसर पर पुस्तकों का एक किट मुफ्त प्रदान गया जिनका उपयोग विद्यार्थियों के ज्ञानवर्धन के लिए किया जाएगा सीसीआरटी दिल्ली की अध्यक्ष महोदया डॉक्टर हेमलता एस मोहन निदेशक ऋषि कुमार वशिष्ठ उपनिदेशक प्रशिक्षण संदीप शर्मा ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व पुरस्कार वितरित किए।
फोटो कैप्शन 6: नई दिल्ली में भाग लेते महेंद्रगढ़ जिले का प्रतिनिधिमंडल।
7:शिक्षा संबंधित किट प्राचार्य अगिहार को भेंट करते शिक्षक।
उन्हाणी कालेज में प्रतिभा खोज आयोजित
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कनीना। राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हाणी में शनिवार को प्रतिभा खोज कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसके अंतर्गत अनेकविध सांस्कृतिक ,साहित्यिक,ललितात्मक गतिविधियों का आयोजन किया गया। छात्राओं ने इस कार्यक्रम में बढ़ -चढ़कर भाग लिया तथा अपनी प्रतिभा के रंग बिखेरे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. विक्रम यादव ने की ।उन्होंने अपने उद्बोधन में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं में अंतर्निहित प्रतिभा खोज कर विकासोन्मुखी करना है, क्योंकि कोई भी विद्यार्थी प्रतिभाविहीन नहीं होता है, अत: शिक्षक का यह सर्वप्रथम दायित्व है कि अपने विद्यार्थी की अन्तर्निहित प्रतिभा को पहचानना। डॉ. सीमा देवी ने कहा कि आज का विद्यार्थी अपनी संस्कृति के प्रति विमुख होता जा रहा है ,अत: शिक्षक का दायित्व केवल ज्ञान देना नहीं, अपितु संस्कारवान भी बनाना है।
इतिहास प्रवक्ता राजेश कुमार ने कहा कि आज हम आजादी का अमृत महोत्सव बना रहे हैं। जो कि प्रगतिशील भारत के लोगों की संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का स्मरण उत्सव मनाने के लिए विशेष पहल है के बारे में ज्ञानवर्धक वक्तव्य दिया। निर्णायक मंडल की भूमिका डॉ. अंकिता यादव, नीतू, श्रीमती कविता ने निभाई। कार्यक्रम संयोजिका नीतू ने इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए धनेश , सोमेश चंद, श्री हरपाल, अनिल,मोनू यादव, कंवर सिंह ,पूनम हरीश इत्यादि सहयोग के लिए सभी परिवार जनों के प्रति आभार व्यक्त किया।
फोटो कैप्शन 8: प्रतिभा खोज उन्हाणी में अव्वल रही छात्राएं।
राष्ट्रीय एकता दिवस पर आयोजित हुये विभिन्न कार्यक्रम
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कनीना। राष्ट्रीय एकता दिवस की पूर्व संध्या पर ब्रिलिएंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, धनौन्दा में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कक्षा एलकेजी व यूकेजी के विद्यार्थियों के लिए फैंसी ड्रेस कंपिटीशन का आयोजन किया गया, जिसमें एलकेजी में पूर्व ने प्रथम, प्रिंस ने द्वितीय तथा अवंतिका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। यूकेजी में कार्तिक ने प्रथम, सूरज ने द्वितीय तथा जीविका ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा प्रथम से पांचवी तक के विद्यार्थियों के लिए ड्राइंग प्रतियोगिता एवं रंग भरो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें कक्षा प्रथम में तरुण, गोविंद तथा राधिका ने क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा दूसरी में प्रथम स्थान पर विपुल, दूसरे स्थान पर हेमू तथा तीसरे स्थान पर छात्रा निधि रही। तीसरी कक्षा में तनिष्का ने पहला, अंश ने दूसरा और उपासना ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा चौथी में पहले दूसरे तथा तीसरे स्थान पर प्रिया, अदिति तथा अंजू ने कब्जा जमाया। इसी प्रकार कक्षा पांचवी में रितिका, चेनिका तथा पारस ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया।
कक्षा छठी से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न कक्षाओं के 28 विद्यार्थियों ने भाग लिया। भाषण प्रतियोगिता के विषय सरदार पटेल का जीवन एवं दर्शन, स्वदेश प्रेम तथा देश की एकता व अखंडता थे। इस प्रतियोगिता में कक्षा आठवीं की छात्रा वंशिका और ऋषिका ने संयुक्त रूप से प्रथम स्थान प्राप्त किया। द्वितीय स्थान कक्षा सातवीं के छात्र यशवंत ने जबकि तृतीय स्थान कक्षा बारहवीं के छात्र अमित ने प्राप्त किया। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रवक्ता आशुतोष शास्त्री ने सरदार पटेल के जीवन के बारे में बताते हुए विद्यार्थियों से उनको उनके आदर्शों को अपनाने की अपील की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 से सरदार पटेल का जन्म दिवस राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। मंच संचालन मनजीत सिंह गौड़ ने किया। भाषण प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका प्रवक्ता प्रवीण शर्मा, सुभाष चंद यादव तथा नरेंद्र कौशिक ने निभाई। ड्राइंग प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल में रविंद्र लांबा, राम शर्मा तथा रेनू यादव शामिल रहे। कार्यक्रम के अंत में विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर शन्नो देवी, पूजा तंवर, नवीन जांगड़ा, संतोष देवी,नेहा, सतेंद्र सिंह सहित विद्यालय के सभी अध्यापक गण एवं छात्र उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 1: ड्राइंग कंपटीशन में प्रतिभागी विद्यार्थी अपने चित्र प्रदर्शित करते हुए।
फोटो कैप्शन 2. भाषण प्रतियोगिता में अपने विचार रखते हुए विद्यार्थी।
फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित
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,कनीना। आरआरसीएम पब्लिक स्कूल, कनीना द्वारा प्राथमिक विभाग के विद्यार्थियों के लिए आज फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें प्राथमिक विभाग के सभी विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
रोशनलाल ने बताया कि इस प्रतियोगिता में हिमान्या, परिक्षा, रिहान व अर्चित ने प्रथम स्थान, जानवी, दिवांसी, हर्ष व रितिका ने द्वितीय स्थान तथा पार्थ, गंूंज, रियान, रूद्र व जेसिका ने संयुक्तरूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया।
फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित
कनीना। आरआरसीएम पब्लिक स्कूल, कनीना द्वारा प्राथमिक विभाग के विद्यार्थियों के लिए आज फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें प्राथमिक विभाग के सभी विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
रोशनलाल ने बताया कि इस प्रतियोगिता में हिमान्या, परिक्षा, रिहान व अर्चित ने प्रथम स्थान, जानवी, दिवांसी, हर्ष व रितिका ने द्वितीय स्थान तथा पार्थ, गंूंज, रियान, रूद्र व जेसिका ने संयुक्तरूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर संस्था के चेयरमैन रोशन लाल यादव ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताओं से विद्यार्थियों मे रचनात्मक व कल्पना शक्ति का विकास होता है। इसके साथ ही विद्यार्थियों मे सौंदर्यात्मक मूल्यो का विकास भी होता है।
कार्यक्रम को संस्था के निदेशक संजय यादव ने भी संबोधित किया और कहा कि बाल्य काल से प्रतियोगिताओं में भाग लेने से विद्यार्थियों मे सर्जनशीलता व भावात्मक सौन्दर्य का विकास होता है।
अंत मे कार्यक्रम को विद्यालय के प्राचार्य नरेन्द्र गौतम ने विजेता विद्यार्थियों को उनकी सफलता पर हार्दिक बधाई प्रदान की। इस अवसर पर संस्था के सभी कर्मचारी उपस्थित थे।
प्रदूषण से बचने की सलाह दे रहे हैं समाजसेवी
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कनीना। दीपों का त्योहार दिवाली चार नवंबर को मनाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में पटाखे प्रयोग करते है वहीं किसानों के अगली फसल में व्यस्त रहने पर भी दीपावली के प्रति उत्साह है। अधिकांश लोग प्रदूषण करने के विरुद्ध हैं। ग्रामीण क्षेत्र में फूलझडिय़ां चलाई जाती हें वहीं पटाखे भी चलाए जाते हैं।
अधिकांश लोग पटाखे चलाना अनुचित बताया है। आम लोगों का कहना है कि पटाखे चलाने से जहां कर्णफोड़ू ध्वनि में जीना हराम हो जाता है वहीं प्रदूषण इतना बढ़ जाता है कि सांस लेना भी दूभर हो जाता है। अधिकांश जन सादगी से दीपावली मनाने के पक्षधर हैं। समाजसेवियों से इस मुद्दे पर चर्चा हुई जिसमें उनके विचार अलग अलग थे।
क्या कहते हैं समाजसेवी-
प्रसिद्ध आर्य समाजसेवी बलवान सिंह आर्य का कहना है कि मैं सादगी से दीपावली मनाने के पक्ष में हूं। एक ओर पूरा देश महात्मा गांधी के सपनों के अनुसार स्वच्छ भारत मिशन में लगा है और दूसरी ओर यदि प्रदूषण होता है तो सांस की अनेकों बीमारियां फैल जाएंगी। ऐसे में दीपावली के शुभ दिन हवन करके वातावरण को साफ सुथरा बनाने का प्रयास करूंगा और अपने साथियों को भी इस काम के लिए उत्साहित करूंगा साथ में अपील करता हूं कि जगह जगह इस दिन हवन आयोजित करके वातावरण को साफ सुथरा बनाने में अपना योगदान देवें।
स्टेट अवार्डी पूर्व मुख्याध्यापक बनवारीलाल का कहना है कि मैं दीवाली को वर्षों से सादगी से मनाता आ रहा हूं। घर में सफाई करके, सुबह सवेरे योग एवं प्राणायाम के बाद शाम तक ईश्वर स्तुति करता हूं। तत्पश्चात पूरा परिवार मिलकर मिठाई खाता है। बाजार की बनी मिठाइयां परिवार नहीं खाता है। पूरे परिवार के बच्चे पटाखे नहीं चलाते बल्कि पटाखों पर जो खर्च आता है उतना ही पास की अपंग गौशाला में दान कर दिया जाता है। इससे मन को अति प्रसन्नता होती है। मैं अपने साथियों को भी इसी तरीके से दिवाली मनाने की सलाह देता हूं। दिवाली के पर्व पर जो प्रदूषण होता है उसका कुप्रभाव मरीजों के शरीर पर कई दिनों तक पड़ता रहता है। मैं अपने साथियों एवं अनुयायियों से प्रार्थना करता हूं कि वे भी दिवाली सादगी से एवं योग अभ्यास करके पूर्ण रूप से ऊर्जावान होकर प्रदूषण रहित मनाएं।
सुनील कुमार यादव अध्यापक नेता कनीना का कहना है कि मैं दीवाली को सादगी से मनाता आया हूं और अपने साथियों को भी सादगी से मनाने की हर बार प्रेरणा देता हूं। जब दीवाली आती है तो पहले से ही घर में कुछ मिठाइयां बनवा लेता हूं। न कोई पटाखे चलाता हूं और न दूसरों को चलाने की सलाह देता हूं।
डा अजीत शर्मा फिजिशियन झगड़ोली का कहना है कि मैं दीवाली को वर्षों से सादगी से मनाता आ रहा हूं। घर में मूंग का हलवा इसी दिन बनाया जाता है और पूरा परिवार मिलकर खाता है। बाजार की बनी मिठाइयां परिवार नहीं खाता है। पूरे परिवार के बच्चे पटाखे नहीं चलाते बल्कि पटाखों पर जो खर्च आता है उतना ही पास की अपंग गौशाला में दान कर दिया जाता है। इससे मन को अति प्रसन्नता होती है। मैं अपने साथियों को भी इसी तरीके से दीवाली मनाने की सलाह देता हूं। दीवाली के पर्व पर जो प्रदूषण होता है उसका कुप्रभाव मरीजों के शरीर पर कई दिनों तक पड़ता रहता है। विदेशी पटाखे या बिजली के यंत्र घरों में लगाकर बिजली खर्च करना भी बुद्धिमानी नहीं है। मैं निवेदन करता हूं कि जिस प्रकार मैं दीवाली मनाता हूं ठीक उसी प्रकार आप भी दीवाली मनाए ताकि देश का विकास संभव हो सके। दीवाली का प्रदूषण लंबे समय तक कायम रहता है उस प्रदूषण से बचने का प्रयास किया जाए।
फोटो कैप्शन: बनवारीलाल, डा अजीत शर्मा, सुनील कुमार यादव, बलवान सिंह।
गन्नों के प्रति रुझान बढ़ा
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कनीना। दीपावली के पर्व पर गन्नों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ता ही जा रहा है। पहले दूसरे राज्यों से आए लोग ही गन्ना पसंद करते थे किंतु अब क्षेत्रीय लोग भी रुचि दिखा रहे हैं। गन्ने की कटाई भी इसी पर्व से शुरू होती है।
देखादेखी की होड़ कनीना क्षेत्र में बढ़ रही है। आज से पांच वर्ष पूर्व दीपावली के पर्व पर गन्ने के प्रति लोगों का कोई रुझान नहीं होता था किंतु अब दूसरे राज्यों से आए लोग इस पर्व पर गन्ने की पूजा करने लगे तो क्षेत्रीय लोग भी उनके पीछे दौडऩे लगे हैं। क्षेत्र में गन्ने की अच्छी खासी बिक्री होने लगी है। साफ गन्ना नहीं अपितु पत्ते सहित ही बेचा जाता है।
लोगों का कहना है कि दीपावली के पर्व पर गन्ना तैयार हो जाता है और कटाई शुरू हो जाती है वहीं तथाकथित भूत भगाने के लिए लोग गन्ने को घर से जलाकर चौराहे पर लाकर पटकते हैं। वाहनों के आगे गन्ना लगाकर दौड़ाने का भी रिवाज बढ़ रहा है। उत्तरप्रदेश में तो गन्ने द्वारा घर को भूतों से बचाकर पूजा की जाती है।
बगैर टिकट लोगों की चेकिंग दौरान हुई मारपीट, चार अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज
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कनीना। उप-मंडल कनीना के गांव उन्हाणी के पास चरखी दादरी डिपों की बस में बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों की जांच करते समय जांच करने वाले के विरुद्ध मार पीट करने, गाली गलौच करने का मामला कनीना पुलिस ने दर्ज किया गया है। कनीना पुलिस ने अज्ञात चार लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस में दी शिकायत में राजेंद्र सिंह फतेहगढ़ ने कहा है कि वह हरियाणा रोडवेज में बतौर परिचालक चरखी दादरी के साथ 28 अक्टूबर को चेकिंग तैनाती पर है था। उन्हाणी मोड़ के पास चेकिंग दौरान चार यात्री बिना टिकट के पाये गये जिनसे जुर्माना मांगने पर वो अभद्र व्यवहार, गाली गलौज पर उतर आए। यही नहीं उन्होंने रोड़वेज के अधिकारी की गाड़ी को लात मारी,शीशे तोड़ डाले, काम में बाधा पहुंचाई जिससे आमजन में विभाग की बदनामी हुई है। इस दौरान 2 यात्रियों के फोन भी गिर गए जो रोड़वेज कर्मियों पास हैं। चारों व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। कनीना पुलिस ने 4 अज्ञात लोगों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
फल और फूलों से
महक रहा है ऋषिराज का घर
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कनीना। कनीना के समीप गांव खेड़ा के जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का घर न केवल फलों से अपितु फूलों से महक रहा है। सुबह और शाम जो भी समय उनका बच पाता है अपने घर की बगिया को तैयार करने में लगे रहते हैं। जब सर्दी और गर्मी आती है तो उनकी बगियां में विभिन्न पौधों पर फूल फल लग जाते हैं और सारा आंगन प्राकृतिक खुशबू से महक उठता है। उनके आंगन में करीब ढाई सौ गमले रखे हुए जिनमें अलग-अलग प्रकार के पौधे विकसित किए गए हैं, जिनमें खुशबू महकती है। यहां तक कि बेरी, अमरूद, अनार पर फल लगे रहते हैं। उन्होंने बताया कि जब भी समय बचता है आकर अपने घर के आंगन के सजाने में लग जाते हैं।
यही कारण है कि उनके घर को देखकर लगता है कि बगिया अधिक है और घर कम है। बैठने के स्थान, डाइनिंग टेबल तथा मेहमान कक्ष आदि चारों और फूल और फल वाले पौधे खड़े हुए हैं तथा बीच में बैठने की का स्थान बनाया हुआ है। ऋषि राज बताते हैं कि उनकी एक ही हाबी रही है। न केवल उनकी अपितु उनके परिजन भी इस हाबी में उनकी मदद करते हैं। सभी पौधों को एक साथ पानी देना भी कठिन इसलिए समय-समय पर अलग-अलग पौधों को पानी दिया जाता है और उनकी दिनचर्या बेहतर ढंग से बीत जाती है।
ऋषि राज ने बताया कि जब भी दीपावली आती है उनका घर सभी फल और फूल और पौधों को बेहतर ढंग से जचाये जाते हैं ताकि पौधों पर भी दिवाली नजर आये और घर में भी दीपावली नजर अैाए। उनके पेड़ पौधों को देखने के लिए आसपास के लोग आते रहते हैं और प्रेरणा लेकर स्वयं भी पौधे उगाने की सोचते हैं।
ऋषि राज ने बताया कि वे चाहते हैं कि उनकी दिनचर्या यूं ही बीते ताकि वे जीवन में न केवल अपने घर प्रांगण के लिए अपितु आसपास के लिए भी खुशबू फैला सके।
फोटो कैप्शन 1 से 4: घर में सजे हुए पेड़ पौधे और ऋषिराज।
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