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Wednesday, October 20, 2021

 नेम सिंह ने लगाई सवामणी
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 कनीना। श्रीकृष्ण गौशाला में पूर्व शिक्षक नेम सिंह ने सवामणी का आयोजन किया गया। नेम सिंह ने बताया कि वो समय समय पर गौशाला में सवामणी लगाते हैं। बुधवार को श्रीकृष्ण गौशाला में गौमाताओं को खिचड़ी खिलाई थी। नेम सिंह ने कहा कि जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ, स्वास्थ्य लाभ और पूज्य परिजनों की स्मृति के लिए लोगों को सवामणी के लिए आगे आना चाहिए। जिससे यह लोगों को संतुष्टि प्रदान करने के साथ-साथ गायों के लिए भी एक पौष्टिक आहार का बड़ा माध्यम बन जाता है। इस दौरान अन्य लोग भी शामिल रहे।
उन्होंने कहा कि  गायों की सेवा करने से सभी पुण्य मिलते हैं। उन्होंने कहा कि गायों की सेवा प्रतिदिन करनी चाहिए। गायों की सेवा भगवान श्रीकृष्ण करते थे इसलिए गोपाल कहलाए। अपने सेवानिवृत्ति के चलते तथा वाल्मीकि जयंती पर साथ में शरद पूर्णिमा पर सवामणी लगाई।


गांव के पहले सरपंच की पुण्यतिथि पर गौशाला में गायों को गुड़ खिलाया
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कनीना। दौंगड़ा अहीर गांव के पहले सरपंच बलबीर सिं द्घष्ह महाश्य की पुण्यतिथि पर भालखी की श्री कृष्ण सुदामा गौशाला में उनके परिजनों ने गायों को चारा व गुड़ खिलाकर सेवा की गई। इस अवसर पर उनके पोते इंजीनियर अशोक यादव ने कहा कि इस प्रकार जब भी किसी ऐसे मौके पर जब पूर्वजों की जयंती या पुण्यतिथि हो तो आप गायों के लिए जैसी आपकी हैसियत है उसके अनुसार चारा दाल गुड़ जो भी आप दे सकते हो जरूर गौशाला तक पहुंचा कर सबसे बड़ा पुण्य कमाए, हमने पुरानी परंपरा को तोड़ा और नए सिरे से गौशाला जाकर गायों के लिए गुड़ वितरित करके आज पुण्यतिथि पर गौशाला में गायों को गुड़ खिलाया तथा इस तरह के मौकों पर गौशाला के लिए दान दें। इस अवसर पर उनके परिजन रणजीत सिंह, वीर सिंह प्रिंसिपल ,सुरेश कुमार, आलोक ,अभिषेक,अंजलि,अंकिता, आर्यन, मानवी,जिज्ञासु रहे।





भगवान महर्षि बाल्मीकि प्रकटोत्सव आयोजित
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 कनीना। भगवान महर्षि बाल्मीकि मंदिर कनीना में भगवान महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर मंदिर कमेटी, आर्य समाज और विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने यज्ञ का आयोजन कर भगवान महर्षि वाल्मीकि प्रकटोत्सव मनाया । आर्य समाज कनीना के प्रधान सूबेदार मोहर सिंह , मनफूल आर्य की टीम ने यज्ञ संपन्न करवाया । तुषार बाल्मीकि सपत्निक यजमान के रूप में उपस्थित रहे।  भगवान महर्षि वाल्मीकि मंदिर कमेटी के प्रबंधक कालू बाल्मीकि व सदस्यों ने शरद पूर्णिमा की खीर का प्रसाद वितरण किया । इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के विभाग संगठन मंत्री सुरेंद्र सिंह ने भगवान महर्षि वाल्मीकि के जन्मोत्सव पर उनके जीवन परिचय के बारे में बताते हुए कहां की भगवान महर्षि वाल्मीकि विश्व के प्रथम कवि थे ।उन्होंने विश्व का पहला महाकाव्य संस्कृत भाषा में रामायण नामक ग्रंथ की रचना की, जिसे बाल्मीकि रामायण के नाम से जाना जाता है। महर्षि वाल्मीकि त्रिकालदर्शी थे ।  जिनका उल्लेख चारों युगों में मिलता है। निगरानी कमेटी के सदस्य एडवोकेट विनय यादव ने भी अपने विचार रखे । मंदिर कमेटी के सदस्य राकेश ने इस आयोजन में सर्व समाज के लोगों को शामिल होने व  ग्रहण करने के लिए सभी का धन्यवाद किया । इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघचालक शिवकुमार , विश्व हिंदू परिषद के प्रखंड अध्यक्ष दिलावर सिंह, प्रखंड मंत्री लखनलाल, विष्णु , कृष्ण बाबू , जमादार राकेश , अनिल ,धर्म सिंह धरमू , पूर्व पार्षद सतनारायण , रतन सिंह आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन संत वाल्मीकि को याद करते कनीना क्षेत्र के लोग




प्रभु का नाम लेकर शुरू किए गए कार्य में मिलती है सफलता
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 कनीना । प्रभु का नाम लेकर किए गए कार्य मैं सफलता मिलती है क्योंकि जिस भी कार्य को करने से पहले उस परमपिता का नाम लिया जाता है उसको पूर्ण कराने में वह स्वयं उस में भागीदारी निभाता है ।उक्त विचार कृष्णानंद  महाराज ने आज शरद पूर्णिमा के उपलक्ष में ब्रह्मचारी श्री कृष्णा नंद धाम पर किए गए विश्व शांति यज्ञ के उपरांत भक्त जनों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर बोलते हुए  कृष्णानंद  महाराज ने कहा कि हम अपने जीवन में जो भी कार्य करते हैं उसकी शुरुआत परमपिता के नाम से की जाए तो अवश्य ही उसमें सफलता मिलती है क्योंकि उस परमपिता के नाम से शुरू किए गए कार्य में कोई विघ्न बाधा भी नहीं आती और अगर आ जाए तब भी उसे कोई रोक नहीं सकता तथा वह कार्य अवश्य ही संपूर्ण होता है क्योंकि सर्वशक्तिमान जिसके साथ होता है उसकी हमेशा ही विजय होती है । उन्होंने कहा आज शरद पूर्णिमा है आज के दिन यज्ञ दान और तप का बड़ा ही महत्व है क्योंकि आज के दिन जो दान और तप किया जाता है उसका फल हमें चौगुना बढ़कर मिलता है । स्वामी जी ने यह भी कहा कि वैसे तो शुभ कर्म का फल हमेशा ही अच्छा होता है चाहे वह कोई बार तोहार या कोई भी महाद हो लेकिन आज शरद पूर्णिमा का जो दिन है उसका अपना एक विशेष ही महत्व होता है। स्वामी जी ने यह भी बताया कि आज के दिन मीठा भोजन कराने से बहुत लाभ होता है गौ माता को गुड़ खिलाने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है । स्वामी जी ने बताया आज खीर बनाकर उसमें विभिन्न प्रकार के मेवा मिष्ठान डालकर उसे रात को चंद्र देव की रोशनी में रखना चाहिए। और बाद में सुबह भगवान को भोग लगाकर परिवार में उसे बांटना चाहिए क्योंकि इस खीर में भगवान चंद्र देव की अमृत मैं किरणें पढ़ती है जो उसे अमृत बना देती हैं तथा जो भी इस अमृत तुल्य प्रसाद को ग्रहण करता है उसे काफी फायदा होता है और उसकी सैकड़ों बीमारियां अपने आप ही खत्म हो जाती हैं। इस अवसर पर  कहा कि आज के दिन प्रसाद बनाकर उसे चंद्र देव की किरणों में रखना चाहिए और उसे सुबह परिवार में बांट कर लेना चाहिए जिसके लेने से हमारी बीमारियां तो खत्म हो ही जाती हैं साथ में बुद्धि भी तीव्र हो जाती है और घर में सुख शांति आ जाती है इस अवसर पर .अनेक वक्त मौजूद थे।
फोटो कैप्शन हवन करते हुए संत की फोटो साथ है

    



वाल्मीकि अपने जमाने के महान विद्वान थे-संत लालदास
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,कनीना। क्षेत्र में बाल्मीकि जयंती एवं शरद पूर्णिमा मनाई गई। इस मौके पर भंडारा लगाया गया एवं भजन सत्संग चले। बुधवार को रात्रि बनाई गई खीर को गुरुवार के दिन वितरित किया जाएगा
'वाल्मीकि अपने जमाने के महान विद्वान थे जिन्होंने संपूर्ण रामायण को न केवल लिखा अपितु लिखी हुई रामायण के अनुसार ही लव-कुश को ढालकर सिद्ध कर दिया कि महर्षियों में भी तप एवं त्याग के बल पर वो सिद्धि प्राप्त हो जाती है जो शायद किसी बड़े से बड़े देव के पास ही हो सकती हैंÓ। ये विचार आज संत शिरोमणि बाबा उधोदास आश्रम के महंत बाबा लालदास ने शरद पूर्णिमा एवं वाल्मीकि जयंती के अवसर पर दूर दराज से आए भक्तों को व्यक्त किए।
   उन्होंने कहा कि जब-जब रामायण की चर्चा होगी तब-तब  वाल्मीकि का नाम भी यूं ही लिया जाता रहेगा। वाल्मीकि जिन्होंने नारद मुनि की प्रेरणा से न केवल घोर तप किया अपितु संपूर्ण रामायण की रचना करके अपने तप के बल को दर्शाया। उन्होंने कहा कि ऐसे महर्षि शायद ही सदियों के बाद कभी पैदा होते हैं। उन्होंने कहा कि संतों का जीवन ही दूसरों के हित एवं भलाई के लिए हुआ है। ऐसे में संतों को अपना प्यार एवं स्नेह अपने भक्तों पर सदा न्यौछावर करते रहना चाहिए।
    उन्होंने दूर दराज से आए भक्तों से कहा कि शरद पूर्णिमा का पर्व बहुत अहमियत रखता है। यह पर्व कई रोगों से छुटकारा दिलाने वाला ही नहीं अपितु इंसान में नया संचार जगाने वाला होता है। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने भी इस पर्व का विशेष महत्व बताया है तथा इस पर्व से सर्दी का मौसम जुड़ा है। सर्दी प्रारंभ होने से सेहत के लिए लाभकारी होती हैं। उन्होंने कहा कि इस दिन से जल्दी उठकर स्नान ध्यान करने से सभी कष्टï स्वत: छूट जाते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
 इस मौके पर भजन एवं कीर्तनों का आगाज किया गया और प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर भारी संख्या में भक्तजन एवं भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी। संत ने बताया कि सोमवार को खीर प्रसाद वितरित किया जाएगा।
  उधर वाल्मीकि जयंती एवं शरद पूर्णिमा के अवसर पर धनौंदा स्थित स्वामी कृष्णानंद आश्रम में  हवन आयोजित किया गया जिसमें स्वामी कृष्णानंद ने हवन के लाभों के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने हर अवसर पर कोई न कोई हवन करने की प्रेरणा दी। इस मौके पर दूर दराज से भारी संख्या में भक्त मौजूद थे।
फोटो कैप्शन: लालदास महाराज


 

 जीआर स्कूल के विद्यार्थियों ने किया शानदार प्रदर्शन
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कनीना। नारनौल में दस दिवसीय बाल महोत्सव के सातवें दिन भी जीआर इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने शानदार प्रदर्शन किया ।
  विस्तृत जानकारी देते हुए चेयरमैन विजयपाल ने बताया कि सोलो डांस चतुर्थ ग्रुप में सौरभ प्रथम,तृतीय ग्रुप में खुशी ने द्वितीय, स्थान प्राप्त किया। सोलो सोंग तृतीय ग्रुप में गरिमा ने तृतीय स्थान प्राप्त कर विद्यालय का गौरव बढ़ाया।इसके अतिरिक्त  बेस्ट ड्रामेबाज़ द्वितीय ग्रुप में जय सोनी ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
उल्लेखनीय है कि विद्यालय के 15 छात्र छात्राओं का विभिन्न प्रतियोगिताओं में पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। सभी विजेताओं को विद्यालय चेयरमैन विजयपाल यादव व प्रधानाचार्य दीपक वशिष्ठ  द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
फोटो कैप्शन 1: जीआर स्कूल में विद्यार्थियों को सम्मानित करते प्राचार्य एवं चेयरमैन।



पौधे हमारे जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण- सत्यदेव
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,कनीना। पौधे हमारे जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण है, इसलिए हमें अपने जीवन काल में हर वर्ष एक पौधा अवश्य ही लगाना चाहिए और उसकी अपने पुत्र व पुत्री की तरह लालन पालन ही करना चाहिए।
   ये विचार खंड कनीना के गांव नांगल मोहनपुर में  स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य सत्यदेव सिंह ने स्कूल में लगभग 50 पौधे लगाने के उपरांत छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए इस अवसर पर बोलते हुए स्कूल प्राचार्य सत्यदेव ने कहा कि जिस प्रकार जीने के लिए खाना जरूरी है ठीक उसी तरह सांस लेने के लिए पौधारोपण भी अति आवश्यक है, क्योंकि हमारे देश में जितने अधिक वृक्ष होंगे उतनी ही हमें अधिक शुद्ध हवा तथा शुद्ध वातावरण मिलेगा। जिससे हमारी आयु लंबी होगी और हम स्वस्थ रहेंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो सृष्टि पर आया प्रदूषण रूपी दानव सबको निकल जाएगा। इस अवसर पर इनके साथ स्कूल के समस्त स्टाफ है छात्र छात्राएं उपस्थित थी।
फोटो कैप्शन 2: पौधारोपण करते प्राचार्य सत्यदेव।




महेंद्रगढ़ में भिवानी क्षेत्र को एनसीआर में शामिल करें - राव बहादुर सिंह
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कनीना। एनसीआर से महेंद्रगढ़ भिवानी क्षेत्र को निकालकर अलग फेंकना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ये विचार पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह ने आज एक मुलाकात के दौरान व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महेंद्रगढ़-भिवानी जिलों को भाजपा सरकार द्वारा एनसीआर से निकाल कर फेंक दिया इससे यह साफ जाहिर होता है कि इस इलाके में कोई बोलने वाला नहीं है। ै जिसके कारण इस इलाके के साथ सरकार द्वारा ऐसा बर्ताव किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस राज में हमने एनसीआर का दायरा बढ़ाया था जिसमें भिवानी महेंद्रगढ़ के अंतिम छोर को एनसीआर में शामिल किया था जिससे लोगों को एक आस बंधी थी कि इस क्षेत्र में भी अब उद्योग व अच्छी संस्थाएं आएंगी और क्षेत्र के लोगों को लाभ होगा लेकिन वर्तमान सरकार ने उनको एनसीआर से हटा दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र से भाजपा को एक सीट केंद्र में तथा 3 विधानसभा में सदस्य दिए गए हैं इसके बावजूद भी सरकार इस क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार करने पर तुली हुई है। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।



धूमधाम से मनाई महर्षि वाल्मीकि जयंती
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कनीना। महर्षि वाल्मीकि प्रकट दिवस गांव भोजावास में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर गांव के अंबेडकर भवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ पवन कांगड़ा रहे। अति विशिष्ट अतिथि डॉ मणिपाल खैरानी वाले रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सरपंच मंजू बाला ने की। मुख्य अतिथि ने महर्षि वाल्मीकि के चित्र के सामने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित की गई। इस अवसर पर डॉ पवन कांगड़ा ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी ने अपना सारा जीवन समाज उत्थान के लिए लगाया था। उन्होंने समाज में प्रचलित बुराइयों के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि जी के जीवन से हर इंसान को प्रेरणा लेनी चाहिए। वाल्मीकि जी के जीवन से मनुष्य को कर्म की महत्ता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में समाज सेवा के लिए भी समय निकालना चाहिए। इस अवसर पर वाल्मीकि समाज के लोगों के साथ साथ 36 बिरादरी के लोग कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में एडवोकेट हेमंत शर्मा, सरपंच प्रतिनिधि जयप्रकाश, पूर्व सरपंच रामनिवास खेड़ी, समुंद्र सिंह,साधुसिंह, पित्त राम शर्मा, रजनीश वाल्मीकि, सुभाष वाल्मीकि, संतोष कुमार,सनोज, मंगल सिंह वाल्मीकि, पूर्व पंच रघुवीर सिंह, सतीश पंच आदि लोग उपस्थित रहे।



 
21 अक्टूबर को खिलाई जाएगी खीर
शरद पूर्णिमा








पर बनाई जाएगी खीर, श्वास रोगियों के लिए रामबाण
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कनीना। 20 अक्टूबर को क्षेत्र में शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। इस मौके पर रात के समय खीर बनाने तथा प्रसाद के रूप में अगले दिन बांटने की प्रथा चली आ रही है। मंदिरों में खीर बनाकर रात के समय चंद्रमा की किरणें डालकर खिलाने की परंपरा भी अनोखी है। 21 अक्टूबर को खिलाई जाएगी खीर।
    घरों में तो खीर बनती ही है साथ में मंदिरों में भी खीर बनाने की परंपरा है। यह खीर रातभर रखी खुले आकाश के नीचे रखी जाती है तथा चंद्रमा की किरणें डालकर इसे रोग विनाशक बनाकर ही खिलाया जाता है। महंत लालदास का कहना है कि इस रात को चंद्रमा अपने आप में पूर्ण होता है बाकी किसी भी पूर्णिमा को इतना बेदाग नहीं होता है। यही कारण है कि इसकी किरणें डाली जाती है जो मन व मस्तिष्क पर अच्छा प्रभाव डालती हैं।
 उधोदास आश्रम के महंत लालदास ने बताया कि उनके यहां तो जो खीर बनाई जाती है उस मखमल के कपड़े से ढककर रख दिया जाता है ताकि अधिक मात्रा में चंद्रमा की किरणें गिर सके। इन्हीं किरणों के कारण खीर का स्वाद मधुर बन जाता है। तत्पश्चात इस खीरा को रात के बारह बजे बाद ही प्रसाद बतौर खिलाया जाता है। इस खीर का श्वास रोगियों के लिए बेहद लाभ होता है। उन्होंने बताया कि इस खीर में डालने के लिए कई प्रकार की औषधियां व पदार्थ मंगवाएं हैं ताकि खीर के प्रसाद से उनका रोग ठीक हो सके। रातभर भजन कीर्तन करते हुए ठाकुर जी का भोग लगाकर प्रसाद चखते हंै।  
क्या कहते हैं वैद्य-
वैद्य बालकिशन एवं श्रीकिशन का कहना है कि शरद पूर्णिमा का पर्व बहुत अहमियत रखता है। यह पर्व कई रोगों से छुटकारा दिलाने वाला ही नहीं अपितु इंसान में नया संचार जगाने वाला होता है। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने भी इस पर्व का विशेष महत्व बताया है तथा इस पर्व से सर्दी का मौसम जुड़ा है। सर्दी प्रारंभ होने से सेहत के लिए लाभकारी होती हैं। उन्होंने कहा कि इस दिन से जल्दी उठकर स्नान ध्यान करने से सभी कष्टï स्वत: छूट जाते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  सुरेंद्र शर्मा ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इसी पर्व से जुड़ी है कार्तिक स्नान करने की परंपरा। महिलाएं पूरे एक माह तक चलता रहता है। एक माह बाद इसे संपन्न करती हैं। स्वास्थ्य की दृष्टिï से भी यह समय अनुकूल माना जाता है।



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