Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Monday, January 9, 2023

 

सौभाग्यवती महिलाओं का पर्व-गणेश चतुर्थी 10 जनवरी
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कनीना की आवाज। 10 जनवरी को कनीना क्षेत्र में गणेश चतुर्थी का व्रत पर्व आयोजित किया जा रहा है। इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है।
 कनीना के ज्योतिषाचार्य सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि पोष माह की कृष्ण चतुर्थी को सौभाग्यवती महिलाओं का पर्व गणेश चतुर्थी मनाया जा रहा है जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में संकटहरण चतुर्थी, तिल कुटनी तथा गणेश चतुर्थी आदि नामों से जाना जाता है। सर्दी के माह में आने वाले इस पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। यह व्रत पति, पुत्र की मंगलकामना, धन एवं धान्य के लिए  किया जाता है जिसका समापन चन्द्रदेव को अघ्र्य देकर पूर्ण किया जाता है।
   इस पर्व पर तिलों को कुटकर तथा चासनी में डालकर बनाई गई विशेष प्रकार की केक खाकर मनाया जाता हे इसलिए इसे तिल कुटनी का व्रत भी कहते हैं। यह व्रत विवाहित एवं अविवाहित दोनों के लिए ही फलदायक माना जाता है। अविवाहित महिलाएं अपने सुपति की कामना से तो विवाहित महिलाएं अपने पुत्र, भाई  एवं पति की मंगलकामना के लिए व्रत करती हैं। चांद को देखकर तथा उसे अघ्र्य देकर ही इस व्रत का समापन किया जाता हे जिसके पीछे माना जाता हे कि महिलाएं चांद जैसी शीतलता एवं चमक अपने इष्टïदेव में देखना चाहती हैं। इस दिन श्रीगणेश की पूजा करने का विशेष विधान है।
     एक बार एक युद्ध में शिवभोले ने बारी-बारी से कार्तिकेय और गणेशजी से देवताओं का सेनापति बनने के बारे में पूछा। दोनों ही अपने को देवताओं का संकट हरने के लिए तैयार थे और एक दूसरे से शक्तिशाली, ज्ञानवान एवं तर्कशील बताने लगे। ऐसे में शिवभोले ने दोनों की परीक्षा लेनी चाही और दोनों को आदेश दिया कि दोनों ही पृथ्वी के तीर्थस्थलों के चक्कर लगाकर आओ। जो भी पहले आएगा उसे ही देवताओं का सेनापति नियुक्त किया जाएगा। इतना सुनकर कार्तिकेय अपने मयूर पर सवार होकर पवन के वेग से तुरंत पृथ्वीलोक की ओर चल दिया और तीर्थों के  चक्कर लगाने लगा।
 उधर श्रीगणेश आराम से अपने स्थान पर बैठा रहा और कुछ समय उपरांत अपने माता-पिता के चारों ओर सात चक्कर लगाकर उन्हें प्रणाम करके बैठ गया।  जब कार्तिकेय अपने मयूर पर सवार होकर तीर्थों के सात चक्कर लगाकर शिवभोले और माता पार्वती के पास पहुंचा तो अपने को पहले पहुंचने वाला बताया। जब गणेश से पूछा गया कि आपने सात तीर्थों का चक्कर ही नहीं लगाया जबकि आप पहले आने की बात कह रहे हो तो श्रीगणेशजी ने कहा-माता-पिता से बड़ा कोई तीर्थ इस जगत में नहीं होता है। श्रीगणेश ने देवताओं के सभी संकट दूर किया। तभी से श्रीगणेश जैसा पुत्र पाने के लिए महिलाएं व्रत रखती हैं। पार्वती भी इस व्रत को रखती थी और गणेश जी की पूजा करती थी।






हेड कांस्टेबल धर्मपाल ककराला हुये शहीद
- पूरे राजकीय सम्मान के साथ की गई अंत्येष्टि
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव ककराला निवासी एवं हेड कांस्टेबल आइटीबीपी शहीद हो गए। उनकी ककराला में सोमवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। धर्मपाल आइटीबीपी में वर्ष 2004 में भर्ती हुए थे। उन्होंने 10 जमा दो तक की परीक्षा पास की हुई थी। मैट्रिक तक की परीक्षा ककराला स्कूल से तथा बारहवीं की परीक्षा डेरोली अहीर से पास की।  2004 में आईटीबीपी में भर्ती। हुए वर्तमान में वे सेंटर ट्रेनिंग कालेज अलवर में कार्यरत थे। 8 जनवरी रविवार को हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया। आईटीबीपी के जवान उन्हें पूरे सम्मान के साथ ककराला लेकर आए। इस मौके पर उनके तिरंगे में लिपटे शव को विभिन्न अधिकारियों ने सलामी दी तथा पुष्प अर्पित किए। प्रशासन की ओर से एसडीएम कनीना सुरेंद्र सिंह ने उन्हें पुष्पचक्र अर्पित किया वहीं उनके आइटीबीपी के जवानों ने भी उन्हें पुष्प अर्पित किए। उनको मुखाग्नि उनके पुत्र पंकज कुमार ने दी।
 हेड कॉन्स्टेबल धर्मपाल अपने परिवार में चार भाइयों में से एक थे तथा दो बड़े भाई एवं एक छोटा भाई है वहीं उनकी 3 बहनें भी है। पिता गुजरात पुलिस में अधिकारी थे। उनके माता पिता का पहले ही निधन हो चुका है। वे अपने पीछे एक लड़की विवाहित तथा एक अविवाहित लड़के सहित अपनी पत्नी को छोड़ गए हैं। उनके अंतिम संस्कार में ककराला के भारी संख्या में लोग उमड़े जहां सीताराम विधायक की ओर से उनका लड़का प्रवीन ने पुष्प अर्पित किए वहीं पूर्व सरपंच कृष्ण कुमार, सरपंच दलीप कुमार, डा राजीव, आरडी शास्त्री, जयप्रकाश चेयरमैन आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन: एचसी धर्मपाल फाइल फोटो
  3: शहीद की अंत्येष्टि में उपस्थित जन।






एनएसएस स्वयंसेवकों ने खेल के मैदान की, की सफाई
-एनएसएस शिविर का था तीसरा दिन
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा में चल रहे सात दिवसीय एनएसएस शिविर के तीसरे दिन 50 स्वयं सेवकों ने खेल के मैदान की सफाई की। खेल के मैदान के अतिरिक्त पौधों को साफ-सुथरा किया तथा उन पर सफेदी करके दूर तक दिखाई देने योग्य बनाया।
 वरिष्ठ प्राध्यापक इंचार्ज एनएसएस राजेश शर्मा
ने बताया स्कूल में विभिन्न टीमें शिक्षा विभाग की आ रही हैं चूंकि पीएम श्री योजना के तहत इस स्कूल को अपनाया जाना है। जिसके चलते विभिन्न टीमें आ रही है और स्कूल का संपूर्ण निरीक्षण भी करती है। ऐसे में स्वयंसेवक साफ सफाई करके स्कूल को पीएम श्री योजना के तहत चुने जाने योग्य बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी प्रतिदिन सफाई करते हैं, योग करते हैं तथा उनको प्रतिदिन प्रेरणादायक बातें प्राचार्य सतीश कुमार तथा अन्य शिक्षाविदों द्वारा बताई जाती है। जीवन में आचरण, संयम, एकता आदि के गुर सिखाए जाते हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ऑनलाइन फ्राड से बचने के तरीके तथा विभिन्न प्रकार की कुरीतियों को मिटाने के लिए भी उन्हें दृढ़ संकल्पित किया जा रहा है।
 फोटो कैप्शन 01: विद्यार्थी खेल के मैदान की सफाई करते हुए।



अधिकारियों तकनीकी खामियों के चलते कनीना में 10.50 करोड़ की 49 विकास योजनाएं सिरे नहीं चढ़ पाई
-अटेली से रेवाड़ी रोड नहर के साथ-साथ बनने वाला मिनी बाईपास भी अधर में लटका
- एक पैसा भी खाते में नहीं आया
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कनीना की आवाज। एक और जहां कस्बावासी कनीना में नए साल पर अटेली एवं रेवाड़ी रोड़ को आपस में नहर के साथ साथ बनने वाले मिनी बाई पास का इंतजार कर रहे थे तथा 10.50 करोड़ रुपये आने की सूचनाओं को लेकर के लंबे समय से रुके हुये विकास कार्य पूरे होने की उम्मीद जताई हुए थे किंतु अभी तक कोई पैसा बैंक में नहीं प्राप्त हुआ है जिसके चलते 49 विकास योजनाएं अधिकारियों के तकनीकी खामियों के चलते पैसा न मिलने के कारण दम तोड़ गई है।
एक और जहां नगरपालिका का कार्यकाल मई 2023 तक का है वही विकास कार्य योजनाएं सिरे चढ़ पाना नामुमकिन लग रहा है। इन विकास योजनाओं में  पूर्व सीपीएस अनीता यादव आवास के समक्ष सड़क मार्ग एवं कनीना मंडी सड़क मार्गों के अतिरिक्त अन्य विकास योजनाएं प्रमुख हैं। विगत 6 माह से पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय रहा है कि 10.50 करोड़ रुपये नगर पालिका में आ चुके हैं जबकि एक पैसा भी अभी तक नहीं आया है। यह बात आज सचिव नगर पालिका प्रदीप कुमार तथा पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने भी स्वीकारी।
  पालिका प्रधान सतीश जेलदार से इस संबंध में चर्चा हुई तो उन्होंने बताया कि अधिकारियों द्वारा की गई तकनीकी खामियों के चलते विकास कार्यों को अप्रूवल नहीं मिल पाई हैं। भेजे गये विकास कार्योंे पर ऐतराज लग चुका है। उन्होंने बताया कि अनीता रोड़ तथा कनीना मंडी रोडु के अतिरिक्त 49 ऐसी विकास योजनाएं थी जिनके अप्रूवल के लिए डीएमसी नारनौल को भेजा गया, वहां से पास होने के पश्चात चंडीगढ़ निदेशक को भेजा गया जहां ऑब्जेक्शन लग गए हैं। जिसके लिए पालिका प्रधान अधिकारियों की तकनीकी खामियां बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे चाहते हैं कि विकास कार्य हो किंतु अधिकारी नहीं चाहते कि उनके विकास कार्य हो पाए। यही वजह है कि कनीना के विकास कार्य ठप के बराबर लग रहे हैं।
 उधर इस संबंध 10.50 करोड़ आने के संबंध में सचिव प्रदीप कुमार से फोन पर बात हुई। उन्होंने बताया कि साढ़े दस करोड़ रुपये बैंक में रिलाइज नहीं हो पाए। बैंक की लिमिट होती है। लिमिट से बाहर की राशि नहीं आ पाती। यही कारण है कि यह राशि 49 विकास कार्यों की राशि अभी तक नहीं मिली है। उधर दिनेश कुमार एमई ने बताया कि विकास कार्यों का एस्टीमेट उन्होंने बना दिया था किंतु फंड उपलब्ध नहीं है जिसके चलते विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कनीनावासी मिनी बायपास का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे वही विकास कार्यो के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। हकीकत यह है कि कोई पैसा नहीं आया। कुछ विकास कार्य करना भी चाहा तो अधिकारियों की तकनीकी खामियों के चलते ऐतराज लग गया है। सतीश जेलदार मई 2023 तक की प्रधान रहेंगे तब तक किसी प्रकार का कोई भी कार्य हो कह पाना कठिन है।
फोटो कैप्शन 2: अनीता के निवास के समक्ष सड़क मार्ग के साथ में मिनी बाइपास गुजरना है।



शिक्षकों का वेतन रुका
-दूध देने वालों ने रोका दूध
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कनीना की आवाज। दिसंबर माह का वेतन अभी तक शिक्षकों को नहीं मिला है जिसको लेकर प्रदेशभर के शिक्षकों में रोष है। अध्यापक नेता धर्मपाल शर्मा एवं सुनील कुमार यादव आदि ने बताया कि सरकार के अनुसार ई-पोस्टिंग डेटा अपडेट नहीं होने के कारण ट्रेजरी से वेतन नहीं निकाला जा रहा है जिसमें शिक्षकों की गलती नहीं है। नये साल में भी वेतन के लाले पडऩे के कारण  जिसके चलते उनमें रोष है। उन्होंने तुरंत शिक्षकों का वेतन निकालने की मांग की है। अब तो दूध एवं सब्जी उधार देने वालों ने भी उधार बंद कर दी है तथा विभिन्न ताने भी मिलने लगे हैं।



 दो-दो महीने से वाहनों के रजिस्ट्रेशन कार्ड नहीं मिल रहे
-वाहन चालकों को सड़क पर पुलिस से बचने के लिए करने पड़ रहे हैं प्रयास
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कनीना की आवाज। विभिन्न प्रकार के वाहनों के दो दो महीनों से रजिस्ट्रेशन कार्ड नहीं मिल पा रहे हैं। बताया जाता है कि पूरे हरियाणा में इस प्रकार की समस्या आ रही है जिसके चलते आए दिन वाहन खरीदने वाले पुलिस के शिकंजे में फंसते जा रहे हैं। बार-बार उनके निवेदन करने पर रजिस्ट्रेशन कार्ड न होने के कारण किसी नेता की सिफारिश लगवाकर पुलिस से वाहन छुड़वाने पड़ रहे हैं।
 कुछ भोले-भाले लोग रजिस्ट्रेशन न मिलने के कारण वाहनों को नहीं चला रहे हैं और नए वाहन खरीद कर भी दो महीने से वाहनों को घरों में बंद कर रखा है। वाहन खरीदने वालों ने मांग की है कि तुरंत प्रभाव से वाहनों रजिस्ट्रेशन कार्ड(आरसी) उपलब्ध करवाई जाये। नई वाहन खरीदने वाले रवि, सुनील, महेश अमीश आदि ने बताया कि 2 महीने पहले उन्होंने दुपहिया एवं वाहन खरीदें थे किंतु अभी तक रजिस्ट्रेशन कार्ड नहीं मिले हैं। बार-बार पुलिस उन्हें रोकती है परंतु वे बेबस लाचार नजर आते हैं। यही कारण है कि कुछ तो घर से बाहर वाहनों को नहीं ले जा रहे हैं, ले जाते हैं तो पुलिस से डरते हुए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की गलतियों का खामियाजा उपभोक्ता भुगत रहे हैं।  






सर्दी से राहत नहीं,
- क्षेत्र में पड़ रही है कड़ाके की सर्दी के
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कनीना की आवाज। सर्दी के चलते लोग बेहद परेशान हो चले हैं। कड़ाके की ठंड पड़ रही है वहीं कोहरे एवं धुंध के चलते वाहनों का आवागमन भी प्रभावित हो रहा है। दोपहर तक आए दिन धुंध पड़ती है। ठंड के चलते दुकानदार अपनी दुकानों के बाहर आगे के पास बैठे नजर आते हैं वही प्रतिदिन काम पर जाने वाले जन परेशान है।
 उधर शिक्षक भी 10वीं 12वीं को पढ़ा रहे हैं तथा परिवार पहचान पत्र एवं विभिन्न प्रकार की डाइट की ट्रेनिंग तथा अन्य प्रकार की ट्रेनिंग ले रहे हैं। जिसके चलते शीतकालीन अवकाश में भी उन्हें ठंड झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है।






अभी नहीं मिलेगी ठंड से राहत
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कनीना की आवाज। हरियाणा एनसीआर दिल्ली राजस्थान पंजाब में एक के बाद एक  8,10 एवं 12 जनवरी मौसम प्रणाली पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से  ठंड से राहत और 12-13 जनवरी के दौरान हरियाणा के उत्तरी जिलों और साथ ही  हरियाणा एनसीआर दिल्ली में सिमित स्थानों पर मावठ यानी हल्की बारिश /बूंदाबांदी की संभावना बनी है इस दौरान यानि 8-13  जनवरी तक हाड़ कंपाने वाली ठंड से राहत इस दौरान हरियाणा एनसीआर दिल्ली में बादल अपना डेरा जमा लेंगे और 14 जनवरी को प्रणाली आगे निकल जाएगी और फिर से ठंड अपने तीखे तेवरों से एक बार फिर से हाड़ कंपा देने वाली ठंड का सिक्सर जिसमें कोहरा, गंभीर शीत लहर, कोल्ड डे, पाला जमने, तापमान में गिरावट,विंड चिल्ड फेक्टर और प्रचंड रूप देखने को मिलेगा। यह जानकारी डॉ चंद्रमोहन नोडल अधिकारी पर्यावरण क्लब राजकीय महाविद्यालय नारनौल ने दी।











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