यदुवंशी ने मनाया अपना स्थापना दिवस
-43वीं शाखा कनीना का किया उद्घाटन
***********************************************
*********************************************
*********************************************
कनीना की आवाज। कनीना में यदुवंशी शिक्षा निकेतन का भव्य स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की पत्नी आशा हुड्डा जी ने शिरकत की वही पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने अध्यक्षता की।
आशा हुड्डा ने कहा कि दुनिया दुनिया का सबसे बड़ा दान शिक्षा का होता है और यह कार्य राव बहादुर सिंह ने कर दिखलाया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा बिना जीवन अधूरा है। पशु और मनुष्य के बीच यदि कोई फर्क है तो शिक्षा है जिस इंसान ने विद्या प्राप्त नहीं की ज्ञान धर्म आदि नहीं प्राप्त किया वह पशु के समान होता है। अच्छा मनुष्य बनाने में शिक्षा का योगदान होता है। उन्होंने कहा कि राजेंद्र सिंह यादव पूर्व उप-पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी जो यदुवंशी शिक्षा निकेतन महेंद्रगढ़ के फाउंडर रहे हैं तथा बहादुर सिंह जिनके हाथों से दक्षिण हरियाणा के क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगाई है, दोनों ही बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा विश्व की प्राचीन शिक्षा भगवान श्रीकृष्ण ने दी थी, उस समय डिग्री नहीं होती थी तो जीवन जीने की कला सिखाई जाती है। यदुवंशी शिक्षा निकेतन श्री कृष्ण के शिक्षाओं का प्रचार और प्रसार भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति मंच नहीं है किंतु 10 साल कांग्रेस सरकार में चौ भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शिक्षा के सुधार में अहम योगदान दिया वहीं योगदान यदुवंशी शिक्षा निकेतन खोलने के बाद बच्चों को अच्छी शिक्षा शिक्षा दे रहे हैं। उन्होंने फक्र से का लड़कियां लड़कों से आगे है। लड़कियों को पढ़ाना समाज के लिए जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि ही सौभाग्य है कि एजेंसी शिक्षा निकेतन मुफ्त शिक्षा देने में अग्रसर है। मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जो भी काम राव बहादुर सिंह उन्हें होगा वह उनके लिए पूरा करेंगी। महेंद्रगढ़ उन्होंने कहा कि महेंद्रगढ़ अब काला पानी नहीं रहा। किसी जमाने में काला पानी माना जाता था किंतु आज हर अधिकारी यहां आना चाहता है। इस अवसर पर पूर्व शिक्षा मंत्री रही गीता भुक्कल ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि शिक्षा क्षेत्र में यदुवंशी शिक्षा ने अहं योगदान दिया है। सेंट्रल विश्वविद्यालय स्थापित होना भी क्षेत्र के लिए सौभाग्य की बात है। इस मौके पर उन्होंने इस मौके पर कम से कम एक दर्जन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जिनमें शिव आराधना पर सबसे अधिक नृत्य किए गए। बकरी का निर्णय कराकर नगड़ा के ब्याह दी-गीत पर बकरियों का नृत्य दिखाया गया। इस अवसर पर पूर्व सीपीएस अनीता यादव, पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह, राव दान सिंह ,सज्जन सिंह बोहरा, श्री भगवान गौतम, एमएल रंगा सहित भारी संख्या में गणमान्य जन मौजूद थे।
अतिरिक्त कक्षाओं का हो रहा है संचालन
-मकर सक्रांति पर भी लगी अतिरिक्त कक्षाएं
**************************************
********************************************
***********************************************
कनीना की आवाज। राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में दसवीं कक्षा का मकर संक्रांति के दिन भी सुचारु रूप से अध्यापन कार्य चला। 35 छात्राओं में 31 छात्राएं 14 जनवरी को उपस्थित रही। संदीप कुमार टीजीटी पढ़ा रहे थे जबकि अन्य अध्यापक कैलाश चंद, सुभाष चंद्र वर्मा, राकेश कुमार डीपी, रूबी यादव, राजेश शास्त्री, राजबाला, सुनीता मेहरा, कश्मीरी, नीलम क्लर्क स्टाफ सदस्य विद्यालय में उपस्थित रहे।
मुख्याध्यापक सुभाष चंद्र वर्मा ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त व खंड शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में विद्यालय में शिक्षण कार्य बेहतर तरीके से चलाया जा रहा है तथा विद्यार्थी इस कार्यक्रम से रुचि पूर्ण अध्ययन कर रहे हैं। सभी विद्यार्थी प्रसन्न है। विद्यालय में विद्यार्थी अपनी तैयारी कर रहे हैं वहीं अध्यापकों को भी बेहतर परिणाम आने की उम्मीद जताई है। गौरतलब है मकर सक्रांति के विशेष अवसर पर छुट्टी के बावजूद भी अध्यापक विद्यालय में अध्यापन कार्य करवाते देखे गए।
फोटो कैप्शन 9: 10वीं की छात्राओं को पढ़ाते शिक्षक
यदुवंशी कनीना के नवनिर्मित स्कूल भवन का ह
वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री श्रीमती आशा हुडड ने रीबन काटकर किया उद्घाटन।
-सर्वोत्तम शिक्षा देश की उन्नति का आधार - गीता भुक्कल (पूर्व शिक्षा मंत्री)
-विद्यार्थियों द्वारा दी गई सांस्कृतिक एवं देशभक्ति प्रस्तुतियां
**********************************************************
*************************************************************************************
******************************************************************
कनीना की आवाज। यदुवंशी शिक्षा निकेतन, कनीना के विद्यालय भवन का भव्य उद्घाटन समारोह किया गया। समारोह में प्रसिद्ध समाज सेविका एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री श्रीमती आशा हुड्डा मुख्यातिथि, एवं श्रीमती गीता भुक्कल (पूर्व शिक्षा मंत्री हरियाणा सरकार ने) अध्यक्ष के रूप में शिरकत की, वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में राव दान सिंह, राव नरेन्द्र, धर्मपाल सांगवान, अनीता यादव, एमएल रंगा, नितिन जांगू, राष्ट्रीय सचिव कांग्रेस किसान शैल, श्रीभगवान गौत्तम, प्रदेश कॉर्डिनेटर सज्जन बोहरा, सतपाल दहिया आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे। समारोह की परंपरानुसार सभी आंगतुकों का टोपी पहना व बैज लगाकर स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यादात्री माँं शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। गणेश एवं सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का आगाज हुआ तदुपरांत गाए गीत सारे जहाँँसे अच्छा हिंदोस्तां हमारा ने हमारे अंदर एकता व अंखडता की भावना जगाई। हरियाणवी नृत्य ने हरियाणा तथा पंजाबी नृत्य ने पंजाबी संस्कृति की याद दिलाई। कार्यक्रम में पंजाबी नृत्य, हलका दुप्पटा तेरा मुंह दिख, मेरा चुनर मंगा दे, अंब्रेला डांस प्यार हुआ इकरार हुआ, राजस्थानी तेरा ताली, फ्यूजन डांस, महिला सशक्तिकरण, 52 गज का दामन, हरियाणवी बन्ना, कृष्णा थीम डांस मुख्य आकर्षण को केंद्र रहे। वहीं भक्ति संगीत में हनुमान चालीसा, कृष्णा डांस, गौरा एक काम करेगी भांग घोटण का, तू है अंबे तू है भवानी ने वातावरण भक्तिमय बनाते हुए सभी दर्शकों को झुमा दिया। कव्वाली एवं देश रंगीला गीत ने कार्यक्रम को चार चांद लगाए। देश भक्ति लघु नाटिका ने खूब तालियां बटौरी। श्रीमती आशा हुडड (वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री) ने शिक्षा के पवित्र मंदिर यदुवंशी विद्यालय भवन कनीना का भव्य उद्घाटन कर चेयरमैन राव बहादुर सिंह को शिक्षा के प्रसार के लिए हार्दिक बधाई दी। विद्यालय के प्राचार्य नरेन्द्र गौत्तम ने मकर संक्रांन्ति पर सभी को हार्दिक बधाई दी तथा अपने वक्तव्य में कहा शिक्षा मानव जीवन के विकास में अहम् भूमिका निभाती है।
यदुवंशी ग्रुप के निदेशक विजय सिंह यादव ने भव्य उद्घाटन समारोह में पहुंचे सभी लोगों को पुनीत पर्व मकर संक्रान्ति पर हार्दिक शुभकामनाएं दी तथा उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि मानव जीवन में शिक्षा व पर्वों का महत्व समान रूप से है। अत: विद्यार्थियों को गुणवत्ता परक शिक्षा ग्रहण कर अपना भविष्य संवारना चाहिए तथा देश सेवा केे माध्यम से राष्ट्रोत्थान करना चाहिए। वाइस चेयरमैन एडवोकेट कर्ण सिंह यादव ने पर्व की बधाई देते हुए कहा कि आज देश के शिक्षण संस्थाओं का फर्ज बनता है कि विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा व सुसंस्कार प्रदान कर उनका भविष्य बनाएं। वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री श्रीमती आशा हुड्डा ने सभी जनों को भव्य उद्घाटन समारोह में पहुंचने पर उन्हें शक्ति का जनाधार बताया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि राव बहादुर सिंह का शिक्षा के क्षेत्र में यह पुनीत कार्य लोगों के भविष्य को संवारने का काम करेगा। यदुवंशी शिक्षण संस्थान की पहचान आज पूरे प्रदेश में ही नहीं अपितु देश में बन चुकी है। पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले में बढ़ते शिक्षा के प्रसार पर यदुवंशी ग्रुप के चेयरमैन राव बहादुर सिंह का हार्दिक बधाई दी क्योंकि इस दक्षिण हरियाणा में शिक्षा का दीप जलाने का प्रथम श्रेय यदुवंशी को जाता है। आज प्रदेश व देश के जो भी शिक्षा परिणाम निकलते हैं उसमे अधिकांश विद्यार्थी महेन्द्रगढ़ से होते हैं। मैडिकल में पूरे देश में टॉपर भी यदुवंशी की छात्रा तनिष्का रही है और आज रेवाड़ी जिले से यदुवंशी की छात्रा तमन्ना कौशिक पूरे जिले में एसएसबी पास कर पहली लेफ्टिनेंट बनी। अत: सर्वोत्तम शिक्षा ही देश की उन्नति का आधार है। समारोह में सभी विधायकों एवं गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम में पहुंचकर अपनी गौरवमयी उपस्थिति दर्ज करवाई। उन्होंने मकर संक्रान्ति एवं विद्यालय की स्थापना दिवस पर विद्यार्थियों द्वारा दी गई शानदार देशभक्ति प्रस्तुतियों की सराहना की। विद्यालय प्रबंधन द्वारा सभी के लिए दोपहर के भोजन की व्यवस्था भी की गई।
यदुवंशी ग्रुप के चेयरमैन एवं पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह ने भव्य उद्घाटन समारोह एवं स्थापना दिवस पर सभी मेहमानो के पहुंचने पर तहदिल से आभार जताया तथा उन्होंने पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने मुख्यातिथि महोदया द्वारा अपना कीमती समय देने पर उनका धन्यवाद किया। उन्होंने अपने संदश में कहा कि बच्चों के भविष्य के लिए मेरा शिक्षा के प्रति सकारात्मक प्रयास जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कनीना शहर हमारे प्रभु कान्हा की नगरी मानी जाती है। इसलिए गऊ सेवा से बड़ा धर्म आज कोई नहीं है। उन्होंने जिले की सभी 25 गोशालाओं के लिए एक-एक बोरी गुड़ प्रदान किया।
इस अवसर पर पूर्व उप जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र सिंह यादव फाउंडर यदुवंशी शिक्षा निकेतन महेंद्रगढ़ ने भी अपना संबोधन दिया। माँँ लोढी देवी, चेयरपर्सन संगीता यादव, निदेशक मुकेश यादव, सुनीता यादव, सुरेश यादव,उपनिदेशक धर्मेश कौशिक, डीन नौरंग लाल, यदुवंशी के सभी स्कूलों से पहुंचे प्राचार्य, सत्यवीर झूकिया, राजेन्द्र यादव शिक्षा अधिकारी, वीरेन्द्र चौधरी, बाबुलाल, एवं क्षेत्र के सभी गणमान्य लोग मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 3 व 4: कार्यक्रम से संबंधित हैं।
सबसे बुजुर्ग व्यक्ति से लिया आशीर्वाद
**********************************
********************************************
****************************************
कनीना की आवाज। खंड के गांव भोजावास के वरिष्ठतम व्यक्ति 95 वर्षीय गोपी राम अग्रवाल का मकर सक्रांति के अवसर पर कंबल उढ़ा कर व मिठाई खिलाकर परिवार जनों ने मान सम्मान किया एवं उनका आशीर्वाद लिया। इस मौके पर उनके पुत्र विजय कुमार ने बताया कि वह हमारे परिवार के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति ही नहीं अपितु गांव के भी सबसे वरिष्ठ व्यक्ति है। इस मौके पर उनके परिवार जन, पोते, पोतियां, उनके पुत्र श्याम सुंदर विजय कुमार, मास्टर धर्मेंद्र, उमेश कुमार ,अमित कुमार, विनोद कुमार, वैभव गुप्ता आदि सभी लोग उपस्थित रहे एवं सभी ने आशीर्वाद लिया।
फोटो कैप्शन 5: सबसे बुजुर्ग आदमी से आशीर्वाद लेते भोजावास के लोग।
यदुवंशी शिक्षा निकेतन की 43वीं शाखा के उद्घाटन पर बकरियों के नृत्य ने मन मोहा
****************************************************************
**********************************************************
****************************************************************
कनीना की आवाज। यदुवंशी शिक्षा निकेतन की 43वीं शाखा कनीना में स्थापित हुई। शाखा का उद्घाटन समारोह स्कूल परिसर से करीब 3 किलोमीटर दूर चेलावास में बन रही कनीना अनाज मंडी में आयोजित हुआ। यहां कार्यक्रम में यूं तो कई नृत्य किए गए किंतु हरियाणवी गीत नगड़ों के ब्याही पर बकरियों ने नृत्य करके लोगों को आकर्षित किया। इस अवसर पर जहां भारी संख्या में लोग पहुंचे। वही आज ही के दिन 1995 में यदुवंशी ने अपनी पहली शाखा महेंद्रगढ़ में स्थापित की थी। तत्पश्चात अब तक 43 शाखाएं स्थापित हो चुकी है। यदुवंशी शिक्षा निकेतन महेंद्रगढ़ के फाउंडर पूर्व उप जिला शिक्षा अधिकारी रेवाड़ी ने भी संबोधित किया।
फोटो कैप्शन 8: बकरी नृत्य करते हुए
धुंध एवं ठंड जारी
******************************
*************************************
**********************************
कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में शनिवार को धुंध एवं ठंड का कहर जारी रहा। दसवीं एवं बारहवीं की कक्षाएं स्कूलों में लग रही हैं। दिन में सूर्यदेव के दर्शन हुए। लोहड़ी के दिन से तो ठंडी हवाएं चल रही हैं।
दिनभर चला गौशालाओं में गायों की सेवा का कार्यक्रम
-आयोजित हुए हवन
********************************************
*****************************************************
************************************************
कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में जहां हवन आयोजित किया गया वहीं दिनभर गायों की सेवा की गई। भारी संख्या में लोग गुड़, गाजर, शकरकंदी, चारा एवं दलिया आदि खिलाने के लिए गौशाला में पहुंचे।
प्रधान गौशाला हुकुमचंद ने बताया कि हर वर्ष गौशाला में मकर संक्रांति के दिन गायों को मीठा खाना खिलाने वालों का तांता लगता है, वही शनिवार को हवन आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि वह विगत लंबे समय से गायों की सेवा कर रहे हैं और दूर-दराज से लोग इस दिन आकर गायों को चारा चराते हैं। गौशाला के प्रधान हुकम चंद ने बताया कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में मकर संक्रांति के प्रति लोगों की गहन आस्था है और विभिन्न स्थानों पर दान पुण्य की परंपरा चलती है। गायों की सेवा भी उनमें से एक है।
फोटो कैप्शन 01: गायों की सेवा करते लोग।
सूर्य उपासना का पर्व मकर संक्रांति मनाया गया
*********************************************
***********************************************
**************************************************
कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में मकर संक्रांति का पर्व मनाया गया। घरों में चूरमा एवं दाल पकाया गया। बुजुर्गों को जगाने की प्रथा भी कुछ देखने को मिली। रातभर आग जलाकर लोग उसके चारों ओर बैठे रहे। परंपरागत त्योहार के प्रति रुझान कम होता जा रहा है।
मकर संक्रांति पर्व पर दुकानों पर भारी भीड़ रही। लोहड़ी पर्व की रात्रि को ही लोग नहा धोकर आग के पास बैठ गए। गजक, मूंगफली, शकरकंदी आदि खाते देखे गए। सुबह होने तक यह क्रम जारी रहा। बुजुर्गों को जगाने का रिवाज भी देखने को मिला। जागते हुए लोगों को फिर से जगाया जाता है। विभिन्न गौशालाओं में गायों को चारा एवं मीठा खाना परोसा गया और लोगों ने दान दक्षिणा दी। उधोदास गौशाला में बाबा लालदास महाराज ने अपने हाथों से हवन करवाया और अपने हाथों से गायों को मीठा खाना खिलाया। दिनभर दान दक्षिणा दी गई। विभिन्न गांवों में मेला आयोजित हुआ जहां प्रसाद वितरित किया गया।
घरों में खीर चूरमा तथा दाल चूरमा बनाया गया। दिनभर खीर चूरमा और दाल चूरमा का भोग लगाते देखे गए हैं। वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है। इस दिन इस पर्व पर खीर चूरमा और दाल चूरमा बनाया जाता है। उधर बुजुर्गों ने बताया कि वर्षों से वह देखते आ रहे हैं कि उनके पूर्वज भी कभी दाल चूरमा ही बनाते आता है। किसी समय में दाल चूरमा ही क्षेत्र का प्रसिद्ध पकवान होता था उसे आज भी प्रयोग में ला रहे हैं।
बुजुर्गों को जगाकर दान पुण्य की परंपरा को दिनभर आगे बढ़ाया गया। गरीबों को दान, गायों की सेवा, गौशालाओं में मीठा भोजन, सार्वजनिक स्थानों पर गायों के लिए चारा आदि डालकर लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त की।
भगवान श्रीराम एवं शिवभोले के कैलेंडर बांटकर मनाई मकर संक्रांति
-गायों की सेवा करने का लिया संकल्प
*************************************************
***********************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज। व्यापारी एकता मंच के प्रधान व हिन्दू जागरण मंच के जिला संयोजक महेश बोहरा ने मकर सक्रांति के पावन पर्व पर हर वर्ष की भांति व्यापारियों में भगवान राम व भगवान शिव के कैलेंडर वितरण पश्चात कहा कि मकर सक्रांति पर दान व स्नान का विशेष महत्व होता है। पुराणों में मकर सक्रांति को देवताओं का दिन बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन किया हुआ दान सौ गुना होकर वापस लौटता है। श्री बोहरा ने कहा कि इस दिन शुद्ध घी एवं कंबल का दान मोक्ष की प्राप्ति करवाता है। महाभारत काल में भीष्म पितामह ने देह त्यागने के लिए मकर सक्रांति का ही चयन किया था। श्री बोहरा ने बताया कि मकर सक्रांति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थी। श्री बोहरा ने व्यापारियों से आग्रह किया कि मकर संक्रांति के दिन हम सभी को गौ सेवा करनी चाहिए गाय को गुड़ खिलाना चाहिए और गौशाला में जाकर दान व सवामणी लगानी चाहिए। आज के दिन गोसेवा को बड़ा महत्व बताया गया है। इस मौके पर भारत विकास परिषद कनीना के प्रधान एवं पूर्व पार्षद मोहन सिंह, एडवोकेट मनोज शर्मा, गोविंद यादव, चंचल मेंदीरत्ता, नीरज यादव, हिमांशु बंसल, सोनू सिंगला, आशीष यादव, विकास यादव, बजरंग सेठ, पवन यादव, विजेंद्र यादव, रवि यादव, सोनू सैनी, कोमल सैनी, रितिक सैनी, विकास शर्मा, दिनेश शर्मा, सहित काफी व्यापारी उपस्थित थे।
प्रतिकूल मौसम के चलते कम पैदावार हो रही है मशरूम की
-विवाह एवं उत्सवों पर मिलती है भारी मांग
***********************************************
*******************************************************
********************************************
कनीना की आवाज। मशरूम जिसे खुंभ/ खुंबी एवं कुकुरमुत्ता आदि नामों से जाना जाता है। विवाह शादियों,संभ्रांत घरों एवं पार्टियों में स्थान बना लिया है। विवाह शादियों के लिए पहले से खुंभ की बुकिंग हो चुकी है।
खुंब की ओर किसानों का रुझान बढ़ता ही जा रहा है। परंतु मौसम की मार झेलते हुए मशरूम की पर्याप्त पैदावार नहीं हो रही है। इसलिए इसके लिए विशेष प्रकार के बेड की जरूरत होती है। एक ही जगह पर कई वर्षों तक उगाई जा सकती जिसके लिए विशेष बेड बनाना पड़ता है। कभी इसको जहरीला मानते थे आज सिद्ध हो चुका है कि इसमें बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, खनिज लवण और विटामिन डी पाई जाती है जो अन्य फल एवं सब्जियों में नहीं पाई जाती।
वर्तमान में 150-200 रुपये किलो तक भाव पहुंच गए है किंतु इसे बड़े चाव से लोग खाते हैं। विवाह शादियों, होटलों, रेस्तरां में बहुत चाही सब्जी बनी हुई है। यहां तक कि इसका अचार बनाकर विगत वर्ष महाबीर करीरा ने अचार बनाकर कृषि मेलों में प्रदर्शित कर सिद्ध कर दिया कि इसका अचार बनाकर भी उपयोग में लाया जा सकता है।
सिंहोर के संदीप एवं सुनील भाइयों ने मशरूम उगा रखी है। उनका कहना है कि इस वर्ष पैदावार कम हो रही है तथा सफेद की बजाय पीली पड़ रही है। खुंबी की सब्जी मंडी आसपास अन्य होने से किसानों को दिक्कत आ रही है किंतु जब कभी विवाह शादी तथा उत्सव होते हैं तो खुंबी को रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, नारनौल, चरखी दादरी आदि स्थानों से लाकर सब्जी बनाकर परोसते हैं। अब यह प्रसिद्ध होती जा रही है।
किसान बताते हैं कि खुंभी के लिए एक नहीं कई लेयर का बेड बनाया जा सकती है। एक बेड से हम भी खत्म हो जाती है तो दूसरे बेड पर तैयार हो जाती है। इस प्रकार लगातार सर्दी के मौसम में खूब खुंब उगाई जाती है। खुंबी उत्पादन में जिला महेंद्रगढ़ धीरे-धीरे अग्रणी बनता जा रहा है।
बागवानी विभाग के डा मंदीप यादव ने कहना है कि दिनोंदिन जमीन घट रही है। ऐसे में घटती जमीन का बेहतर विकल्प खुंबी है। थोड़ी सी जगह पर यहां तक कि प्लाट पर छह माह में अपनी पूंजी को दोगुना किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सरकार इस पर अनुदान दे रही है। ऐसे में खेती आसानी से की जा सकती है। थोड़ी जमीन पर भी बेहतर पैदावार ली जा सकती है जो प्रोटीन का बेहतर स्रोत है।
फोटो कैप्शन 4: सिहोर गांव में मशरूम की खेती करता किसान संदीप।
No comments:
Post a Comment