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Tuesday, January 31, 2023

 कनीना न्यायालय से प्रदीप कौशिक एग्जामिनर हुए सेवानिवृत्त
-न्यायाधीशों ने उनके शेष जीवन की की मंगलकामना
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कनीना की आवाज। कनीना के न्यायालय में विगत साढ़े 35 वर्षों से कार्यरत प्रदीप कौशिक एग्जामिनर आज सेवानिवृत्त हो गए हैं। उन्होंने रेवाड़ी से कार्य करना शुरू किया था, तत्पश्चात नारनौल, महेंद्रगढ़ और कनीना में सेवा करने के बाद कनीना से सेवानिवृत्त हो गए। उनके सेवानिवृत्ति समारोह में एसडीजेएम मेनका सिंह, जेएमआईसी वीरेन कादयान, शेर सिंह रीडर, नीरज कुमार ,धीरज कुमार, विनय, राजेश कुमार, विजय कुमार, महावीर सिंह, सुमित, ईश्वर, पांडे, सुभाष ओपी रामबास प्रधान, सुभाष शर्मा, दीपक चौधरी पूर्व प्रधान, अनिल शर्मा, गिरवर कौशिक, रमेश कौशिक, विजेंदर यादव एक्स प्रधान, सतीश कुमार सहित भारी संख्या में जन मौजूद थे। उन्हें पगड़ी पहनाकर बैंड बाजे के साथ विदा किया गया।
फोटो कैप्शन 11: प्रदीप कौशिक को विदाई देते न्यायाधीश।








दिन के ताप में वृद्धि तथा रात के ताप में होगी गिरावट
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कनीना की आवाज। सम्पूर्ण  हरियाणा एनसीआर दिल्ली से मौसम प्रणाली  पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल चुकी है। सम्पूर्ण इलाके में मौसम शुष्क बना हुआ और धीरे रात्रि के तापमान में गिरावट दर्ज हुई है साथ ही  ठंड और कोहरा फिर से अपने पैर पसारने लगा है। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि जैसे ही मौसम प्रणाली आगे निकल गईं वैसे ही सम्पूर्ण मैदानी राज्यों में विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में हवाओं की दिशा में बदलाव( विंड पैटर्न में बदलाव) होने से एक बार फिर से तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। पिछली मौसम प्रणाली द्वारा उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर भारी मात्रा में हिमपात और मैदानी राज्यों में बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया गया था। वर्तमान परिदृश्य में हिमालय की ठंडी बर्फिली हवाओं ने मैदानी राज्यों पर अपना आगाज शुरू कर दिया है। जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में रात्रि तापमान में गिरावट दर्ज हुई है?। आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान 7.0 डिग्री सेल्सियस से 12.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। एक ही दिन में सम्पूर्ण हरियाणा एनसीआर दिल्ली में  1.0 डिग्री सेल्सियस से 5.0 डिग्री सेल्सियस रात्रि तापमान में गिरावट हुई है जबकि जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ का न्यूनतम तापमान क्रमश: 10.0 डिग्री सेल्सियस और 7.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है ।जबकि जिला में दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज हुई जो क्रमश:   17.0डिग्री सेल्सियस और 16.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया एक दिन में 5.0 डिग्री सेल्सियस दिन के तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। साथ ही साथ बारिश की गतिविधियों की वजह से वातावरण में प्रचुर मात्रा यानि 80-100त्न तक नमी होने और रात के समय लगातार  शांत धरातलीय हवाएं चलने से सम्पूर्ण मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में सुबह के धंटो में कोहरा फिर से अपने पैर पसारने लगा है । आने वाले दो तीन दिनों तक सम्पूर्ण इलाके पर इसी तरह की मौसमी गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा। साथ ही हरियाणा एनसीआर दिल्ली में  सप्ताहांत तक मौसम शुष्क बना रहेगा। इस दौरान  फरवरी के पहले सप्ताह के पहले दिन और सप्ताहांत पर यानी 1 और 7 फरवरी को दो कमजोर पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय होने से मौसम में अस्थिरता और तापमान उतार चढाव देखने को मिलेगा इस दौरान  तापमान में गिरावट ज़रूर होगी साथ ही बीच बीच में बादल वाही भी देखने को मिलेगी। रात्रि तापमान में गिरावट और दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज होगी।







कनीना न्यायालय से प्रदीप कौशिक एग्जामिनर हुए सेवानिवृत्त
-न्यायाधीशों ने उनके शेष जीवन की की मंगलकामना
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कनीना की आवाज। कनीना के न्यायालय में विगत साढ़े 35 वर्षों से कार्यरत प्रदीप कौशिक एग्जामिनर आज सेवानिवृत्त हो गए हैं। उन्होंने रेवाड़ी से कार्य करना शुरू किया था, तत्पश्चात नारनौल, महेंद्रगढ़ और कनीना में सेवा करने के बाद कनीना से सेवानिवृत्त हो गए। उनके सेवानिवृत्ति समारोह में एसडीजेएम मेनका सिंह, जेएमआईसी वीरेन कादयान, शेर सिंह रीडर, नीरज कुमार ,धीरज कुमार, विनय, राजेश कुमार, विजय कुमार, महावीर सिंह, सुमित, ईश्वर, पांडे, सुभाष ओपी रामबास प्रधान, सुभाष शर्मा, दीपक चौधरी पूर्व प्रधान, अनिल शर्मा, गिरवर कौशिक, रमेश कौशिक, विजेंदर यादव एक्स प्रधान, सतीश कुमार सहित भारी संख्या में जन मौजूद थे। उन्हें पगड़ी पहनाकर बैंड बाजे के साथ विदा किया गया।
फोटो कैप्शन 11: प्रदीप कौशिक को विदाई देते न्यायाधीश।



28 वर्ष की सेवा उपरांत चपरासी के पद पर कार्यरत रोहताश हुआ सेवानिवृत्त
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कनीना की आवाज। कनीना के निकटवर्ती गांव बव्वा के राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में चपरासी के पद पर कार्यरत रोहताश आज अपने 28 वर्ष की सेवा पूर्ण करके सेवानिवृत्त हो गए हैं। उनकी  सेवानिवृत्ति में स्कूल के मुख्य अध्यापक मनजीत यादव ने उन्हें पगड़ी व फूल माला पहनाकर  उनकी दीर्घायु व अच्छे स्वास्थ्य की कामना की । उन्होंने कहा कि  रोहतास ने अपनी  सेवा पूरी निष्ठा व ईमानदारी से निभाई है । उन्होंने स्कूल में सैकड़ों पौधे  अपने हाथों से लगाए व उनकी रक्षा की जिम्मेवारी पूरी निष्ठा से निभाई। रोहतास ने वर्ष 1984 में आदर्श कन्या उच्च विद्यालय में बतौर चपरासी के पद पर सेवा शुरू की थी। उस समय यह स्कूल ग्रामीण शिक्षा समिति के अधीन था। वर्ष 1994 में स्कूल का सरकारीकरण हो गया था तब से  समस्त स्टाफ को पक्का कर दिया गया था। उनकी सेवानिवृत्ति के कार्यक्रम में गांव के सैकड़ों लोग उपस्थित थे। चपरासी के पद पर कार्यरत रोहताश ने भी स्कूल में  कार्यरत समस्त  स्टाफ  व उपस्थित ग्रामीणों को  अपने संबोधन में कहा कि हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा व ईमानदारी से निभानी चाहिए। इस अवसर पर स्कूल मुख्याध्यापक मंजीत यादव, सुपरिंटेंडेंट विजय कुमार यादव, संस्कृत अध्यापिका अंजू, लीलावती, पवन शर्मा, पूर्व मुख्याध्यापक कैलाश नारायण शर्मा, अनिल कुमार ठेकेदार बालधन, महिपाल सिंह, शांति देवी पवन शर्मा, संतोष देवी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे ।
फोटो कैप्शन. पीपी साइज फोटो रोहताश



हनुमान जी का रोट ,भजन कीर्तन ,हवन एवं भंडारा आयोजित
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कनीना की आवाज। कनीना के संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ आश्रम के नजदीक  हनुमान जी की प्रतिमा के पास रात को जहां कीर्तन आयोजित हुए वही दिन में भजन, हवन तथा भंडारा आयोजित किया। जॉनी एवं गांव के लोगों द्वारा यह आयोजन किया गया। दूर दराज से लोगों ने करके प्रसाद ग्रहण किया। उार मनोज फोटोग्राफर के यहां भी हनुमान जी का प्रसाद वितरित किया।
फोटो कैप्शन: हवन करते भक्तजन



पुराने श्मशान घाट पर आंधी बारिश से बचाव के प्रबंध नहीं
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कनीना की आवाज। यूं तो कनीना में तीन श्मशान घाट अलग-अलग लोगों के लिए बने हुए हैं किंतु कनीना बस स्टैंड के पास पुराना श्मशान घाट आज भी बदतर हालात में है। आखिर हर इंसान को एक ना एक दिन यहां जाना होता है किंतु यहां पर आंधी बारिश से बचाव की कोई सुविधा नहीं है। नगर पालिका द्वारा कुछ बैठने की सीटें जरूर रखी हुई है। चारदीवारी तो बनी हुई है किंतु पूरे परिसर को नहीं ढका गया है जिसके चलते आंधी बारिश में यहां खड़ा होना और भी कठिन है। ऐसे में लोगों की मांग है कि श्मशान घाट की ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए तथा इस श्मशान घाट में को आंधी बारिश से सुरक्षित किया जाना चाहिए।
फोटो कैप्शन  : कनीना का पुराना श्मशानघाट


बढ़ रहा कानफोड़ू डीजे का शोर
-मरीज एवं बुजुर्ग रात को जाग खड़े होते हैं
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कनीना की आवाज। विवाह शादी के मौसम में कानफोड़ू डीजे का शोर बढ़ रहा है। आधी रात तक डीजे चलता रहता है। दो सालों तक कोरोना की मार के चलते डीजे पर प्रतिबंध सा रहा है किंतु विगत वर्ष से पुन: डीजे बजने लगा है। अचानक शोर सुनकर मरीज एवं बुजुर्ग जाग उठते हैं। कंपन इतना तेज होता है कि घरों के खिड़की दरवाजे भी कांप उठते हैं। खुशी के अवसर पर लोग दु:खी हो जाते हैं।  
 ग्रामीण क्षेत्रों में डीजे का बेशक अर्थ नहीं मालूम हो परंतु विवाह शादी तथा अन्य पर्वों पर डीजे जरूर लाते हैं और रात भर नृत्य करते हुए दूसरों को परेशान करते हैं। कई गांवों में डीजे पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जो सराहनीय कदम है। समाजसेवी शहरी क्षेत्रों में भी डीजे पर प्रतिबंध चाहते हैं।  समाजसेवियों का कहना है कि डिस्क जोकी या डिजिटल जोकी के प्रचलन से रात भर मरीज एवं बुजुर्ग सो नहीं पाते हैं। आधी रात तक डीजे बजते हैं और घरों में सोए जन जाग जाते हैं जो अशोभनीय बात है। मनोवैज्ञानिक चिकित्सक, चिकित्सक एवं मनोविज्ञान के ज्ञाताओं का कहना है कि डीजे केवल शरीर में हानिकारक है। संगीत तो लाभकारी होता है किंतु यह शोर है जो चिड़चिड़ापन, बहरा बनाना, खाना न पचने देना तथा दिल की बीमारियों को न्यौता देता है। ऐसे में डीजे पर प्रतिबंध लगना चाहिए।

चुनावी तैनाती का पारिश्रमिक नकद न दिए जाने का रोष
-तीन माह बीत जाने पर भी नहीं मिला पारिश्रमिक
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कनीना की आवाज। एक और जहां शिक्षा विभाग के लगभग सभी शिक्षकों को चुनावी तैनाती में लिया गया था किंतु शिक्षकों को इस बार पंचायत चुनाव में पारिश्रमिक नकद न दिए जाने का भारी रोष पनप रहा है। शिक्षकों का कहना है कि विगत समय में मतगणना तथा अन्य तैनातियों  का पारिश्रमिक भी अभी तक नहीं मिला है। ऐसे में इस बार पारिश्रमिक देने के लिए महज पेई कोड लिया गया है जिससे पारिश्रमिक मिलना उन्हें कठिन नजर आ रहा है क्योंकि जीरो एवं शून्य आपस में मिलते हैं वहीं कई पीठासीन अधिकारियों ने पारिश्रमिक फार्म में आधी अधूरी जानकारी दी हैं। उन्होंने मांग की है कि सभी शिक्षकों को अविलंब पारिश्रमिक भिजवाने सुनिश्चित किया जाए। वैसे भी इस बार दीपावली के दिनों में तथा अवकाश के दिनों में रिहर्सल एवं चुनाव पूर्ण करवाये गये हैं। शिक्षक पूरी पूरी रात चुनावी तैनाती में लगे रहे यहां तक की सामान जमा करवाते समय भी पूरी रात कागज कार्रवाई करते रहे परंतु उन्हें पारिश्रमिक बतौर पीठासीन अधिकारी को 350 रुपये तथा अन्य को 250 रुपये प्रतिदिन के दिये गये हैं जिनमें से प्रतिदिन का किराया भी एक सौ रुपये तक खर्चा आया है। पारिश्रमिक न के बराबर है। एक और गेस्ट शिक्षकों को भी प्रति घंटे के हिसाब से अधिक पारिश्रमिक दिया जाता रहा है और चुनावी तैनाती जो सबसे कठिन कार्य होता है उसके लिए पारिश्रमिक अल्प देने की बात कही जा रही है। वह भी समय पर नहीं दिया जाता। शिक्षकों ने इस संबंध में चुनाव आयोग से प्रार्थना की है कि अविलंब पारिश्रमिक सभी शिक्षकों को स्कूलों में जाकर प्रदान किया जाए।



विज्ञान के युग में स्कूलों में विज्ञान के पद तक स्वीकृत नहीं
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कनीना की आवाज। आज विज्ञान चरम पर है तथा विज्ञान के इस युग में सरकारी स्कूलों में जहां विज्ञान के पद स्वीकृत न होने से विद्यार्थी विज्ञान के प्रति मुंह मोडऩे लगे हैं। कनीना खंड के करीब एक दर्जन गांव है जहां कोई विज्ञान का पद ही स्वीकृत नहीं है। इन स्कूलों में कभी भारी संख्या में विद्यार्थी होते थे विज्ञान के पद भी मिलते थे किंतु आज विज्ञान का पद स्वीकृत नहीं किया जा रहा है जिसके चलते अभिभावकों में रोष है।  मिली जानकारी अनुसार राजकीय माडल संस्कृति स्कूल में भी जहां विज्ञान का पद खाली है वहीं राजकीय उच्च विद्यालय उन्हाणी, राजकीय उच्च विद्यालय भडफ़, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय करीरा,राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सीहोर, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुढ़ा, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बूचावास ,राजकीय माध्यमिक विद्यालय कोटिया में जहां विज्ञान का पद ही स्वीकृत नहीं है जिसके चलते विद्यार्थियों का मन विज्ञान से उब रहा है। शिक्षक नेता सुनील कुमार, धर्मपाल ने सरकार से मांग की है कि अविलंब इन विद्यालयों में विज्ञान का पद स्वीकृत कर विज्ञान शिक्षक भेजे जाए ताकि विज्ञान की पढ़ाई में रुचि लेकर विद्यार्थी आगे बढ़ सके। वरना भविष्य में विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या घटती चली जाएगी। अभिभावकों महाबीर, सुनील, महेश, दिनेश आदि ने भी सरकार से मांग की है कि विज्ञान शिक्षकों के पद स्वीकृत किये जाए।



मंगलवार की सुबह आई कोहरे के आगोश में
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कनीना की आवाज। ज्यों ज्यों रबी फसल पकान की ओर जा रही है वैसे वैसे ही मौसम अपने अलग-अलग तेवर दिखा किसानों को परेशान कर रहा है। पूरे जनवरी माह में मौसम में अनेक बदलाव आए हैं।
कभी धुंध और कोहरा छाया रहा तो कभी बादल छाए रहे। तत्पश्चात दो बार अलग-अलग वक्त पाला जमा, कड़ाके की ठंड एवं शीत लहर चली वही बार-बार मौसम में बदलाव आया है। दो दिनों तक बूंदाबांदी होने के बाद एक बार फिर से मंगलवार की सुबह कोहरे के आगोश में लिपटी मिली।
 यह पहला अवसर नहीं है जब मौसम इस प्रकार बदल रहा है। मौसम कई बार करवट बदल चुका है जिसके चलते किसानों की चिंता की रेखाएं बढ़ती जा रही है। यद्यपि कोहरा और ठंड फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाता। अपितु फसलों के लिए लाभप्रद माना जाता है किंतु किसानों की चिंता कम होने का नाम नहीं ले रही है।
किसान अजय, गजराज सिंह, सतीश कुमार कांता, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि लंबे समय से मौसम में बदलाव देख रहे हैं। मौसम बदलाव से अब तक उनकी फसलों को पाले ने भारी नुकसान पहुंचाया है।
 कृषि विशेषज्ञ रहे  डॉ मनोज,डा देवराज, डा देवेंद्र कृषि विशेषज्ञ आदि ने बताया कि फसलों के लिए कोहरा नुकसानदायक नहीं होता। ऐसे में किसानों को चिंता नहीं करनी चाहिए। अब फसल पकान की ओर जा रही है।
 फोटो कैप्शन 1: कनीना क्षेत्र में कोहरा और धुंध का नजारा।





मेलों और पर्वों में बीतेगा फरवरी माह
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कनीना की आवाज। फरवरी महीना और मार्च महीने का प्रथम सप्ताह कनीनावासियों के लिए मेले एवं पर्वों में बीतेगा। क्षेत्र में अनेक मेले और पर्व आने जा रहे हैं। इनकी अब तैयारियां शुरू हो गई है।
 महाशिवरात्रि -
18 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा इसके लेकर तैयारियां जारी है। हर गांव में शिवालय है जहां भंडारे मेले, पूजा अर्चना दिन भर चलती है। कनीना का बाघेश्वर धाम जहां गर्मियों में शिवरात्रि के दिन कई हजार कांवड़ चढ़ती है वही महाशिवरात्रि पर भी कुछ कांवड़ अर्पित की जाती है। यहां विशाल मेला लगता है। कनीना में भी 21 फुट ऊंची शिव प्रतिमा वाले शिवालय में तथा दो अन्य स्थानों पर भी भंडारे और छोटे मेले लगते हैं। एक और फसल पकान पर  चली जाती है जिससे किसान प्रसन्न हो जाते हैं वहीं मेले और पर्वों का की शुरुआत हो जाती है।
मोलडऩाथ मेला-
 कनीना का सबसे बड़ा पर्व संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ मेला आयोजित होता है। 3 मार्च को यह मेला लगेगा जो 4 दिनों तक लगातार चलता है। फागुन शुक्ल एकादशी को एकादशी को यह मेला लगता है तथा दूर दराज से लोग आते हैं। यहां ऊंट, घोडिय़ों आदि की दौड़ आयोजित होती है। पूरे ही प्रदेश भर में यह मेला प्रसिद्ध है जिसकी तैयारियां भी शुरू हो गई है।
 कनीना का खाटू श्याम मंदिर-
 कनीना में खाटू मंदिर भी स्थित है जहां पूरे फरवरी माह पर्व और उत्सव चलेंगे। श्याम जागरण की धूम रहेगी। यही नहीं भारी संख्या में भक्त अपना निशान लेकर खाटू श्याम धाम तथा जैतपुर के खाटू धाम पर पहुंचेंगे। निशान ले जाने के लिए भक्त मेले से 15 दिन पूर्व ही चल पड़ते हैं। वही कनीना में खाटू श्याम मंदिर पर ठहरने की व्यवस्था होती है। खाटू धाम राजस्थान में यह मेला 4 मार्च को लगेगा। कनीना मंडी में भी फरवरी महीने में श्याम जागरण आयोजित किया गया है। जगह-जगह श्याम जागरण आयोजित होते हैं। इस प्रकार कनीना में भारी संख्या में भक्त अपना निशान लेकर खाटू की ओर रवाना होते हैं और खाटू धाम के दर्शन करते हैं। भारी संख्या में भक्त हर गांव से खाटू धाम जाते हैं।
फोटो कैप्शन 5: बाघेश्वर धाम
            6: कनीना का मोलडऩाथ धाम
            7:खाटू श्याम खाटू धाम।


 सड़क मार्ग की नहीं ली जा रही सुध
- वर्षों से परेशान है कनीना वासी
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कनीना की आवाज। कनीना बस स्टैंड से अटेली टी-प्वाइंट तक करीब एक किलोमीटर लंबा यह मार्ग बारिश के दिनों में तुरंत टूटकर गड्ढों युक्त हो जाता है तथा इस पर वाहन चलाना कठिन हो जाता है। कई दुर्घटनाएं घट चुकी है तथा आसपास दुकानों का पानी सड़क पर आकर सड़क को तोड़ डालता है परिणाम स्वरूप वर्ष में अधिकांश समय यह मार्ग पानी के गड्ढों से भरा रहता है। इधर से लोग आना भी पसंद नहीं करते जिसे 4 मार्गी बनाए जाने की बार-बार चर्चा चलती किंतु कोई सुध नहीं ली जाती।
 क्या कहते हैं क्षेत्रवासी -
कनीना के कमल पार्षद का कहना है कि यह सड़क मार्ग हल्की सी बारिश में टूट जाता है और इस पर गड्डे इतने गहरे हो जाते हैं कि उनसे वाहन भी गुजरना कठिन हो जाता है। कितने ही वाहन खराब हो जाते हैं। इस सड़क की मरम्मत की जाती है किंतु पूर्ण रूप से सुध नहीं ली जाती जिसके कारण जल्दी टूट जाता है तथा आवागमन प्रभावित होता है। ै
 संदीप सिंह का कहना है कि विभिन्न दुकानों का पानी गंदा पानी सड़क पर फैल जाता जिससे सड़क टूट जाती। वास्तव में पानी निकासी का बेहतर प्रबंध किया जाए तथा सड़क पर पानी न आने दिया जाए। इसे चार मार्गी मार्ग बना देना चाहिए। सभी शहरों में ऐसी व्यवस्था है कि शहर के करीब एक किलोमीटर दूर से ही सड़क चौड़ी कर दी जाती है किंतु कनीना का यह दुर्भाग्य है।
उधर कृष्ण कुमार का कहना है कि यह सबसे अधिक व्यस्त मार्ग कनीना- महेंद्रगढ़ है जिस पर करीब एक किलोमीटर दूर तक चलना आसान नहीं है। अटेली टी-प्वाइंट पर भी गहरे गड्ढे हो रहे हैं जिनमें अक्सर पानी खड़ा रहता है। कनीना शहर की सौंदर्य का को देखते हुए इसे चार मार्गी बनाना चाहिए ताकि वाहनों का आवागमन पूर्ण रूप से सुरक्षित रूप से हो सके। वर्षों से इस मांग को सिरे नहीं चढ़ाया जा रहा। विधायक अटेली सीताराम यादव ने इस मार्ग को चार मार्गी बनाने का आश्वासन दिया हैं किंतु काम शुरू नहीं हुआ। कनीना पालिका प्रधान का कहना है कि इसे चार मार्गी बनाने के लिए विधायक से फिर से मांग करेंगे ताकि कनीना की सुंदरता भी बढ़े और आवागमन भी सही ढंग से हो सके।
 फोटो कैप्शन तीन: जर्जर कनीना-अटेली टी-प्वाइंट मार्ग
साथ में कमल पार्षद, कृष्ण कुमार एवं संदीप सिंह।



बहुरेंगे कनीना खास रेलवे स्टेशन के दिन
-बन सकता है कनीना खास रेलवे स्टेशन एक जंक्शन
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कनीना की आवाज।  1935 के आसपास बने कनीना खास रेलवे स्टेशन ने अनेकों  उतार-चढ़ाव देखे हैं। यह रेलवे स्टेशन अभी भी ई-श्रेणी का माना जाता है तथा कभी सभी ट्रेन रुकती थी। आज उपमंडल होने के बाद बहुत कम ट्रेन रुकती है जिसके कारण यह बदहाली के कगार पर है किंतु कनीना रेलवे स्टेशन के दिन बदल सकते हैं। एक नहीं दो रेलवे मार्ग कनीना होकर गुजरने की पूरी संभावना है।
 कनीना-कोसली रेलवे मार्ग रेल की सर्वे लंबे समय पहले हुई थी जो करीरा के पास से होकर कनीना आएगा। अभी भी सर्वे के पपत्थर गड़े हुये हैं।। यदि ऐसा हो जाता है तो कनीना खास रेलवे स्टेशन जंक्शन बन जाएगा और न केवल कनीना से कोसली अपितु रोहतक आदि जाने का मार्ग भी सुलभ हो जाएगा। इस मार्ग के बनने से जहां सिरसा और पंजाब में आसानी से जाया जा सकेगा वही इस मार्ग के बनने की पूरी संभावना कनीना वासी संजोए हुए है।
 विगत वर्षों जहां चरखी दादरी से होते हुए अलवर को जाने वाला रेल मार्ग का भी सर्वे हो चुका है जो कनीना के पास उन्हाणी गांव से होकर कनीना में आएगा। यह रेलवे मार्ग भी आ जाता है तो फिर से कनीना जंक्शन बन जाएगा। न केवल चरखी दादरी अपितु दूर-दराज तक अलवर, जयपुर आदि स्थानों से पहुंचना कनीना से और भी सुलभ हो जाएगा।
 उल्लेखनीय है कि कनीना खास रेलवे स्टेशन जहां सुविधाएं घटती जा रही है और कनीना का दर्जा बढ़ता जा रहा है। यहां कभी बीकानेर के नवाब भी आते थे। आज यह रेलवे स्टेशन इतना बदहाल है कि कुछ पैसेंजर ट्रेन रुकती हैं। परिणाम स्वरूप क्षेत्रवासी बहुत दुखी हैं।
कनीना के सुमेर सिंह, महेंद्र सिंह, मोहर सिंह साहब, दलीप सिंह, रवि कुमार, कुलदीप, महेश आदि ने बताया कि दोनों ही दोनों ही कनीना खास रेलवे स्टेशन से होकर मिल जाते हैं तो कनीना का विकास भी बढ़ेगा वहीं कनीना वासियों के लिए एक बड़ा तोहफा होगा। कनीना वासी बेसब्री से इन पर आस लगाए बैठे हैं कि कब दोनों मार्गो में से कोई एक मार्ग भी बनना शुरू होता है तो बड़ी खुशी होगी।
कनीना कनीना मंडी एक व्यापारिक प्रतिष्ठान है जहां अनेक संस्थाएं हैं और कनीना रेलवे स्टेशन का विद्युतीकरण भी हो चुका है। यादव बाहुल्य क्षेत्र होने के साथ सैनिकों का गढ़ है। ऐसे में इस  रेलवे स्टेशन को सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए ऐसा लोगों का कहना है। विगत दिनों जहां अलवर चरखी दादरी वाला कनीना होकर सर्वे हुआ था तब कनीनावासी बहुत प्रसन्न हुए थे किंतु अब यह मार्ग फिर खटाई में पड़ता नजर आ रहा है।
कनीनावासियों ने कनीना खास रेलवे स्टेशन पर सभी सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है ताकि लोगों का समय एवं धन बच सके।
फोटो कैप्शन 1 व 2: कनीना खास रेलवे स्टेशन

























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