सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल को जन स्वास्थ्य विभाग का मंत्री बनाए जाने पर मुख्यमंत्री का जताया आभार
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कनीना की आवाज। हरियाणा सरकार में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की नई जिम्मेदारी मिलने पर सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल का क्षेत्र के लोगों ने फूल माला पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। समाजसेवी सचिन रंगा गुरु रविदास विश्व महापीठ के प्रदेश सचिव रामनिवास चौधरी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का आभार व्यक्त किया। सचिन रंगा ने कहा कि डॉ. बनवारी लाल प्रदेश में सहकारिता मंत्रालय के माध्यम से समुचित विकास की सकारात्मक सोच को मूर्त रूप देने में पूरी सक्रियता निभाएंगे। डॉ बनवारी लाल ने कहा कि समान विकास की विचारधारा के साथ वे सहकारिता मंत्रालय को संभाले हुए हैं ठीक उसी प्रकार जनस्वास्थ्य विभाग के माध्यम से वे निरन्तर जनसेवा करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा जताए गए विश्वास पर खरा उतरते हुए अंत्योदय की भावना से कार्य करने का संकल्प लिया। डॉ. बनवारी लाल को जनस्वास्थ्य विभाग मिलने पर क्षेत्र की जनता ने खुशी जताई है। क्षेत्रवासियों ने कहा कि दक्षिणी हरियाणा को को अहम मंत्रालय देकर मुख्यमंत्री ने मान बढ़ाया है।
फोटो कैप्शन 09: डॉ बनवारी लाल को जन स्वास्थ्य मंत्री बनाने पर सचिन रंगा बुक्का भेंट करते हुए।
यदुवंशी कनीना में हुआ भव्य सम्मान समारोह का आयोजन
-बीस हजार से अधिक लोग हुए सम्मानित।
-सरपंच, पंच, नम्बरदार, जिला परिषद एवं ब्लॉक समिति के सदस्यों को किया गया सम्मानित।
-60 वर्ष से अधिक आयुवर्ग में सभी सरकारी नौकरियों से रिटायर कर्मचारी भी हुए सम्मानित।
-सेवानिवृत सैनिकों एवं शहीद परिवारों के सदस्यों ने भी कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति कराई दर्ज
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कनीना की आवाज। यदुवंशी शिक्षा निकेतन, कनीना में मकर संक्रान्ति के पावन अवसर एवं विद्यालय के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन समारोह के उपलक्ष्य में एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें यदुवंशी ग्रुप के चेयरमैन एवं नांगल चौधरी के पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह द्वारा सरपंच, पंच, नम्बरदार, पूर्व पंच-सरपंच, जिला परिषद एवं ब्लॉक समिति के सदस्यों तथा 60 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के सभी सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त कर्मचारियों, सैनिकों तथा शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह में मुख्यातिथि के रूप में पधारे विद्यालय से शिक्षा प्राप्त छात्र डॉ. नितिन यादव (एमबीबीएस, मेडिकल ऑफिसर), डॉ. एसएस यादव (मुख्य नेत्र चिकित्सक), डॉ. आयूष भगत (मुख्य दंत चिकित्सक), डॉ. धर्मेन्द्र यादव (एमबीबीएस, एमएस आर्थो) तथा अध्यक्ष के रूप में यदुवंशी ग्रुप के चेयरमैन एवं पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह तथा विशिष्ट अतिथि वाइस चेयरमैन एडवोकेट कर्ण सिंह यादव, चेयरपर्सन संगीता यादव, निदेशक विजय सिंह यादव, स्कूल प्राचार्य नरेन्द्र गौत्तम ने सामूहिक रूप से विद्यादात्री माँं सरस्वती व भगवान गणेश के समक्ष दीप प्रज्वलित कर सम्मान समारोह में कार्यक्रम का आगाज किया। सम्मान समारोह में पहुुंचने वाले सभी आगुंतकों का बैज व तिलक लगाकर कार्यक्रम में पहुंचने पर स्वागत किया गया। जिले और जिले के आस-पास के लगभग सभी गांवों से 20000 से अधिक पूर्व सैनिक, सेवा निवृत शिक्षक, पंच-सरपंच तथा ब्लॉक समिति के मेंबरों को राव बहादुर सिंह द्वारा शॉल, पेंटसर्ट व लोई प्रदान कर सम्मानित किया गया, वहीं सम्मान समारोह में पहुंचे सभी व्यक्तियों के लिए दोपहर के भोजन की विशेष व्यवस्था की गई।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा बिखेरी गई जिसमें नृत्य तू है अंबे तू है भवानी ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया, वहीं 'भोला नाचे महसाणे मेंÓ भोला नृत्य ने खूब धूम मचाई। भक्ति के कार्यक्रमों में हनुमान चालीसा, गोबिंद बोलो गोपाल बोलो, जम के बरसो राम जी, शिव तांडव, कृष्ण डांस आदि ने कार्यक्रम में चार चांद लगाए। अन्य कार्यक्रमों में हरियाणवी नृत्य, राजस्थानी नृत्य, जंगल डांस, तेरी नचाई नाचूं सुं, जंगल-जंगल बात चली है, धूममची हरियाणे की, फ्यूजन डांस, हरियाणा की शान आदि नृत्य आकर्षण का केंद्र रहे।
इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य नरेन्द्र गौत्तम ने कहा कि ये हमारे लिए बड़े गौरव की बात है कि आप सभी सम्मानित नागरिकों ने सम्मान समारोह में पहुंचकर हमें सम्मानित करने का अवसर दिया। मुख्यातिथि के रूप में पधारे विद्यालय से शिक्षा प्राप्त छात्र बने सभी डॉक्टरों ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए युवा वर्ग को उच्च शिक्षा ग्रहण कर सर्वोत्तम पद पाकर देश सेवा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने यदुवंशी शिक्षण प्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि यहाँँ से शिक्षा प्राप्त आज हजारों डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, सेना के उच्च पदों के साथ-साथ अन्य प्रशासनिक सेवाएं दे रहे हैं।
निदेशक विजय सिंह यादव ने सम्मान समारोह में पहुंचे समस्त जनों को लोहड़ी पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि आज यदुवंशी गु्रप के चेयरमैन राव बहादुर सिंह द्वारा सम्मान समारोह में हजारों लोगों को सम्मानित किया गया, यही भारतीय संस्कृति की पहचान है। आज यदुवंशी गु्रप समाज में शिक्षा का दीप जलाकर विद्यार्थियों का स्वर्णिम भविष्य बना अभिभावकों एवं पूरे प्रदेश का नाम रोशन कर रहा है। कार्यक्रम में पधारे विशिष्ट जनों ने अपने संबोधन में मुख्य रूप से यदुवंशी ग्रुप के चेयरमैन राव बहादुर सिंह की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन्होंने जो मान व सम्मान समाज के नागरिकों एवं पूर्व सैनिकों को दिया है वह अति स्मरणीय रहेगा तथा इससे लोगों को सैनिकों एवं देश के प्रति देश भक्ति की भावना को बढ़ावा मिलेगा। अंत में यदुवंशी ग्रुप के चेयरमैन राव बहादुर सिंह ने सम्मान समारोह में पहुंचे सभी सम्मानित व्यक्तियों का हृदय से आभार व्यक्त किया। उन्होंने 14 जनवरी मकर संक्राति के दिन होने वाले विद्यालय भवन के उद्घाटन समारोह पर ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों से पहुंचने व दोपहर के भोजन का निमंत्रण दिया। उद्घाटन समारोह पर प्रसिद्ध समाज सेविका एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री आशा हुड्डा मुख्यातिथि एवं गीता भुक्कल (पूर्व शिक्षामंत्री हरियाणा सरकार) अध्यक्ष के रूप में शिरकत करेंगी। साथ ही वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
इस अवसर पर निदेशक सुरेश यादव, सुदेश यादव, उपनिदेशक धर्मेश कौशिक, डीन नौरंग लाल, यदुवंशी के सभी स्कूलों से पहुंचे प्राचार्य, सत्यवीर झूकिया, वीरेन्द्र चौधरी, बाबुलाल, एवं क्षेत्र के सभी गणमान्य लोग मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 8: यदुवंशी स्कूल में सम्मानित किये विभिन्न डाक्टर।
सात दिवसीय एनएसएस शिविर हुआ संपन्न
-प्रेरणादाई जानकारी सतन सिंह प्रवक्ता गणित ने दी
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा में चल रहे सात दिवसीय एनएसएस शिविर का विधिवत रूप समापन हो गया। सात दिन तक चले इस शिविर में विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार की सेवा कार्य किए। विस्तृत जानकारी देते हुए एनएसएस शिविर के इंचार्ज राजेश कुमार ने बताया कि ने स्वयंसेवकों ने विद्यालय परिसर की साफ-सफाई की तथा उनके मार्गदर्शन में मुख्य मार्ग एवं फिरनियों की सफाई की गई। समय समय पर विद्यालय के प्रवक्ताओं द्वारा विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया गया। सात दिन के दौरान मुंशीराम प्रवक्ता राजनीति शास्त्र के बेहतर मार्गदर्शन देखरेख में शुरू से अंत तक कार्यक्रम के सफल संचालन में बेहतरीन योगदान रहा। कार्यक्रम का मंच संचालन विजयपाल ने किया।
स्कूल के पूर्व सतन कुमार यादव प्रवक्ता गणित ने स्वयंसेवकों को प्रेरणादाई जानकारी दी। इस अवसर पर प्राचार्य सतीश कुमार ने कार्यक्रम का समापन के अवसर पर पंचायत धनौंदा से बालकिशन, विक्रम एवं दीपक उपस्थित रहे। विद्यालय स्टाफ मुंशीराम, सुनील कुमार डीपी, श्रुति आर्य एबीआरसी, मिथिलेश कुमार, देवेंद्र प्रवक्ता,जगदीश बाबू , फूल सिंह चौकीदार एवं सभी प्रवक्ता उपस्थित रहे। इस अवसर पर 2 विद्यार्थियों विकास एवं राहुल तथा छात्राओं में निकिता एवं सपना को बेहतर स्वयंसेवक चुना गया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। यही नहीं सभी विद्यार्थियों को एक-एक हिट किए गए(
कार्यक्रम के अंतिम दिन मोटीवेटर के रूप में यहां के पूर्व गणित अध्यापक सतन कुमार ने विद्यार्थियों को सतत प्रयास करते रहने तथा आगे बढऩे की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा रुका हुआ जल भी एक दिन सडऩे लग जाता है इसी प्रकार विद्यार्थी यदि सतत प्रयास करते रहेगा तो निश्चित रूप से सफलता मिलेगी वरना घोर अंधकारमय जीवन बन जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश के युवा स्वामी विवेकानंद से शिक्षा लेनी चाहिए जिन्होंने कहा है कि जब तक नहीं रुको जब तक सफलता न मिल जाए। उन्होंने कहा कि हर विद्यार्थी का फर्ज बनता है कि अपने बड़ों का आदर करते हुए अपने विकास के मार्ग पर सतत प्रयास करते रहे।
फोटो कैप्शन 6: एनएसएस के विद्यार्थियों को सम्मानित करते प्राचार्य सतीश कुमार।
7: सतन कुमार प्रवक्ता एवं मोटीवेटर को स्मृति चिह्न भेंट करिते प्राचार्य।
सरकारी तथा निजी स्कूलों का शीतकालीन अवकाश 21 जनवरी तक बढ़ा
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कनीना की आवाज। शिक्षा विभाग हरियाणा ने सर्दी की विभीषिका के मद्देनजर शीतकालीन अवकाश 21 जनवरी 2023 तक बढ़ा दिए। अब विद्यालय 23 जनवरी 2023 को सोमवार को खुलेंगे क्योंकि 22 जनवरी का रविवार है। निदेशक विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए पूर्व की भांति कक्षाएं स्कूलों में लगती रहेगी उन्हें विभागीय नियमानुसार अर्जित अवकाश प्रदान दिए जाएंगे।
नवनिर्वाचित बार एसोसिएशन अध्यक्ष ओपी रामबास को दिलवाई शपथ
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कनीना की आवाज। कनीना न्यायालय परिसर में नवनिर्वाचित अध्यक्ष ओपी यादव रामबास एडवोकेट को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। ओपी यादव बार एसोसिएशन के प्रधान नियुक्त हुये हैं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि रजनीश बंसल जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशिष्ट अतिथि कीर्ति जैन सीजेएम, मेनका सिंह एसडीजेएम कनीना, तहसीलदार नवजीत कौर के अतिरिक्त निर्वाचन अधिकारी कृष्ण यादव एडवोकेट, सहायक निर्वाचन अधिकारी प्रविंद्र कुमार ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिला। ओपी यादव एडवोकेट ने सभी का आभार जताया और कहा कि वे हर किसी की भावनाओं पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। इस मौके पर उन्होंने आश्वासन दिया कि उनके लायक जो भी सेवा होगी उसको पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मिली जिम्मेदारी को पूर्ण निर्वहण केंगे।
इस अवसर पर पूर्व प्रधान कुलदीप कनीनवाल, विजेंद्र यादव, कंवर सिंह यादव, दिनेश यादव, रामकुमार करीरा, कैलाश गुप्ता, संदीप सेहलंग, पूर्व प्रधान दीपक चौधरी ,विक्रम ककराला, सुनील ककराला, वीरेंद्र सरपंच, सत्यवान, राम कुमार तंवर, अनिल शर्मा, मीनाक्षी, ममता तंवर एडवोकेट, विजय कलस्याण, संदीप कनीना आदि उपस्थित रहे। रमेश कौशिक एडवोकेट ने मंच संचालन और शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया।
फोटो कैप्शन 4: उपस्थित मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह प्रदान करते हुए बार एसोसिएशन के पदाधिकारी।
यदुवंशी शिक्षा निकेतन स्कूल का कार्य बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार देना- राव बहादुर सिंह
-चार जिलों के सैकड़ों लोगों को कार्यक्रम में किया गया सम्मानित
- आशा हुड्डा कनीना में यदुवंशी ग्रुप की 43वीं ब्रांच का करेंगी उद्घाटन
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कनीना की आवाज। यदुवंशी शिक्षा निकेतन ग्रुप की तरफ से शुक्रवार को कस्बे में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 4 जिलों के वर्तमान पंच, सरपंच, पूर्व पंच, पूर्व सरपंच, वर्तमान ब्लाक समिति मेंबर व पूर्व ब्लाक समिति मेंबर, जिला परिषद के सभी सदस्य तथा पूर्व जिला परिषद सदस्य, एक्स सर्विसमैन, नंबरदार तथा बुजुर्गों को लोई व शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस विषय में जानकारी देते हुए यदुवंशी शिक्षा ग्रुप के डिप्टी डायरेक्टर धर्मेश कौशिक ने बताया कि यदुवंशी शिक्षा निकेतन स्कूल कनीना में दो दिन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें शुक्रवार को सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसके तहत वर्तमान व पूर्व के सभी पंच, सरपंच, जिला परिषद सदस्य, ब्लॉक समिति के सदस्य, सामाजिक कार्यकर्ताओं व बुजुर्ग लोगों को सम्मानित किया गया है। वहीं 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर कनीना स्थित यदुवंशी स्कूल की 43वीं ब्रांच का उद्घाटन किया जाएगा। जिसमें मुख्यातिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्?डा की धर्मपत्नी आशा हुड्डा उपस्थित रहेंगी। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व शिक्षामंत्री गीता भुक्कल करेंगी। इस मौके पर पार्टी के अन्य दिग्गज नेता भी उपस्थित रहेंगे।
शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में यदुवंशी ग्रुप के चेयरमैन व नांगल चौधरी के पूर्व विधायक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राव बहादुर सिंह रहें। जिन्होंने अपने हाथों से चार जिलों के वर्तमान व पूर्व सदस्यों को सम्मान स्वरूप गरम लोई व शॉल भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर बोलते हुए राव बहादुर सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा व संस्कार देना हमारी संस्था का सबसे पहला कार्य है क्योंकि उच्च शिक्षा से मानव महान बनता है। वही महानता के साथ-साथ उनको संस्कारवान भी बनाया जाता है ताकि वह आने वाले सभ्य समाज की संरचना कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि आज इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए हमने सभी वर्तमान पंच, सरपंच, ब्लॉक समिति मेंबर, जिला परिषद के सदस्य, एक्स सर्विसमैन तथा नंबरदाओं को गरम लोई व शॉल देकर सम्मान दिया है यह सबके सामने है। उन्होंने कहा कि हमारा क्षेत्र एक दूसरे के कंधे से कंधा मिलाकर सेवा भाव करता आया है इसी के मद्देनजर रखते हुए आज यह कार्यक्रम रखा गया था। इस दौरान उन्होंने 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में सभी लोगों को पहुंचने का निमंत्रण भी दिया। कार्यक्रम के उपरांत सभी लोगों को भोजन भी करवाया गया। इस मौके पर क्षेत्र के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. नितिन यादव निवासी गाहड़ा, डा. एसएस यादव, डॉक्टर देवेंद्र यादव, डा. आयुष भगत व उनकी टीम द्वारा लोगों को सम्मानित किया गया। जिसको लेकर क्षेत्रवासियों ने डॉक्टरों की टीम व यदुवंशी ग्रुप के चेयरमैन तथा पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह का तहदिल से धन्यवाद किया। इस मौके पर अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 5: यदुवंशी शिक्षा निकेतन कनीना के चेयरमैन राव बहादुर सिंह पंच एवं सरपंचों को सम्मानित करते हुए।
भैंस एवं कटड़ा चोरी, मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव खेड़ी तलवाना से राजपाल नामक व्यक्ति की भैंस और कटड़ा अज्ञात चोरों ने चोरी कर लिए। कनीना पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज कर लिया है। राजपाल ने पुलिस में बताया कि वह मेहनत मजदूरी से परिवार का गुजर बसर कर आए रहा है। उसकी भैंस मकान के बने छप्पर में बंधी थी। जब सुबह चार बजे उठकर देखा तो में भैंस एवं कटड़ा गायब मिले। उनकी शिकायत पर अज्ञात चोरों के विरुद्ध पशुधन चोरी का मामला दर्ज कर लिया है।
धुंध एवं कोहरा जारी
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में धुंध और कोहरा बढ़ता ही जा रहा है। विगत दिनों हल्की बूंदाबांदी के बाद धुंध और कोहरे की मार बढ़ती ही जा रही है। सुबह धुंध और कोहरा शुरू होता है जो दोपहर पश्चात तक जारी रहता है। बादल छाये रहने के कारण ठंड घट गई है। दिनभर वाहन मंद गति से चलाये गये।
फोटो कैप्शन: धुंध एवं कोहरे का नजारा।
दाल चूरमा के लिए प्रसिद्ध है मकर संक्रांति का पर्व
-वर्तमान में भी बुजुर्गों को जगाने की प्रथा है जारी
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कनीना की आवाज। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में सूर्यपर्व मकर संक्रांति प्रासंगिक है। कनीना क्षेत्र में 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर दिनभर दान पुण्य, धर्म-कर्म एवं उत्सव चलता रहता है। दाल चूरमा प्रमुख रूप से खाया जाता है।
मकर संक्रांति अनेक सद्भावों से जुड़ा हुआ एक ऐतिहासिक पर्व है। बहनों को याद करना, दान पुण्य करना, गायों की सेवा करना, रातभर आग जलाना, मूंगफली, गुड़ व खांडसारी की बनी रेवडिय़ां एवं गजक खाना, सुबह जल्दी उठकर स्नान करना, शकरकंदी का भाग लगाना जैसी अनेक परम्पराओं को अपने में समेटे हुए होता है। इस त्योहार से एक दिन पूर्व पंजाब प्रांत का प्रसिद्ध पर्व लोहड़ी भी आता है।
प्राचीन समय में सर्वोत्तम माना जाने वाला भाई बहन के प्यार को प्रगाढ़ पूर्ण बनाने के लिए इस त्योहार का विशेष योगदान रहा है। इस मौके पर भाई बहन को याद करता है और उपहार स्वरूप उन्हें रुपये-पैसे और गुड़ भेंट करता है। इस मौके पर भाई बहन से मिलने जाता है और बहन भी भाई को याद करती है। आधुनिक भागदौड़ के युग में भी यह पर्व सार्थक बना हुआ है। इस पर्व का वर्णन अनेकों स्थानों पर मिलता है।
दान पुण्य की शृंखला में बड़े बूढ़ों को जगाने की प्रथा इस त्योहार से जुड़ी हैं। बहुएं अपने सास व ससुर को जगाकर दान पुण्य करती हैं और उन्हें नए वस्त्र भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। दानी सज्जन दान पुण्य करते हैं। शहरों में एक निर्धारित स्थान पर गुड़ व चारा आदि डाल दिए जाते हैं और पशुओं को सामूहिक रूप से वहां चारा चराया जाता है। रातभर जागने की प्रथा में गली व मोहल्लों में बूढ़े बड़े एकत्रित होकर खुशियां मनाते हैं। आग जलाकर रातभर बैठे रहते हैं। जनसमूहों की टुकडियां इस रात मूंगफली और गजक तथा शकरकंदी का उपभोग करती हैं। यहां तक की एक जाति विशेष के लोग तो इस दिन एक ही थाली में इक_ïे बैठकर खाना खाते हैं। गांवों में इस दिन देशी घी का चूरमा तथा खीर का भोजन प्रमुख रूप से पकाया जाता है। चूरमे को दाल के साथ परोसने की प्रथा भी चली आ रही है। मकर संक्रांति का पौराणिक महत्व भी है। माना जाता है कि इसी दिन पितामह भीष्म ने अपने प्राण शरशैया पर लेटे हुए त्यागे थे। उतरायणकाल इसी दिन से शुरू होता है। यही कारण है कि आज भी सूर्य की पूजा के रूप में पर्व मनाया जाता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में तो इस दिन अपना प्रमुख भोजन दाल-चूरमा बनाकर पूरा परिवार ही भोग लगाता है। दाल-चूरमा एक दूसरे को खिलाया जाता है। दाल चूरमा खाने के बाद खेल खेले जाते हैं या फिर जगाने की प्रथा में व्यस्त देखे जा सकते हैं। ग्रामीण लोग इस दिन पुण्य करने में सुबह से ही देखे जा सकते हैं। रातभर जहां ईंधन को जलाकर उसके चारों ओर लोग बैठे देखे जा सकते हैं वहीं गायों के लिए विशेष स्थान पर गुड़ एवं चारा डाल दिया जाता है जहां गाय मीठा भोजन व चारा आसानी से प्राप्त करती हैं।
प्रात:काल जल्दी उठकर स्नान करने की परंपरा भी चली आ रही है। स्त्री व पुरुषों में इस दिन जल्दी उठकर स्नान करने की होड़ लगी रहती है। माना जाता है कि इस दिन जल्दी उठकर स्नान करने वाला सीधा स्वर्ग में जाता है जब उसकी मौत होती है तो। ऐसे में सभी स्वर्ग के भागी बनना चाहते हैं। लोग जल्दी उठकर स्नान करने के उपरांत टहलने को जाते हैं। सर्दी का प्रकोप भी इस दिन से कम होना शुरू हो जाता है। स्त्री व पुरुष ऊनी परिधान धारण करके रंग बिरंगे नजर आते हैं। चारों तरफ सरसों के पीले फूलों को देखकर किसान फूले नहीं समाते हैं। कुछ शहरों में इस दिन मेले लगते हैं और ढोल व ताशें बजते हैं।
मकर संक्रांति के प्रति लोगों का रुझान-
86 वर्षीय डॉ मेहर चंद बताते हैं कि जब छोटे थे तब गांव में 200 से 300 गायों को चारा एवं गुड़ देते थे। मकर सक्रांति पर गायों की सेवा करते थे। सेठ साहूकार गुड़ देते थे तथा दान करने का कार्यक्रम दिनभर चलता था। बुजुर्गों को जगाने का का रिवाज बहुत पुराना है। जिसका अर्थ है कि उनका सम्मान करना। उन्हें गर्म एवं नयसे कपड़े भेंट किये जाते हैं।
उधर 80 वर्षीय सुमेर सिंह का कहना है कि जब छोटे थे तो मकर सक्रांति की रात को जागते थे। आग के सामने बैठकर समय बिताते थे। वास्तव में बुजुर्गों को जगाने का अर्थ था उनको दान में रजाई और गद्दे आदि दिया जाते थे। उनका सम्मान करने का यह दिन होता है।
कमला देवी 62 वर्षीय का कहना है कि वे छोटी उम्र से ही मकर सक्रांति के दिन दान पुण्य करते हुए देखती आ रही हैं। इस पर्व के प्रति सदा ही बुजुर्गों, बच्चों और युवाओं में लगाव रहा है। सूर्य की पूजा की जाती और जल्दी उठकर स्नान किया जाता है। 64 वर्षीय भीम सिंह का कहना है कि यह पर्व हंसी खुशी का पर्व है। इस दिन दान दक्षिणा पूरे यौवन पर होती है। इस पर्व के प्रति लोगों में उत्साह मिलता है। पितामह भीष्म को याद करने के लिए इस पर्व को मनाया जाता है।
कनीना के राजेंद्र सिंह का कहना है कि उनके बुजुर्गों से भी सुनते आए हैं इस दिन दाल चूरमा प्रमुख रूप से बनाकर खाए जाते हैं और भारी मात्रा में शकरकंदी, आलू भूल कर खाते हैं। आग के सामने बैठते हैं। यहां तक कि आग के सामने पूरी पूरी रात बैठे मिलते हैं। उन्होंने बताया कि पर्व सचमुच मन में खुशी का उल्लास पैदा करता है।
कनीना के सूबे सिंह किसान का कहना है कि वे इस पर्व पर हर वर्ष आग के सामने बैठकर भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उनकी फसल अच्छी हो। वर्तमान में सरसों और गेहूं खड़ा हुआ है। जल्द ही यह फसल पकान की ओर जाएगी। इस पर्व पर रात भर जाकर अपनी फसल को निहारते है।
उधर कवि महेंद्र शर्मा का कहना है कि वे लंबे समय से देखते आ रहे हैं कि इस पर्व पर बुजुर्गों को याद करने बुजुर्गों के प्रति गीत ,भजन भी बनाए जाते हैं और गाकर महिलाएं बुजुर्गों को दान देती हैं। पूजा अर्चना का विशेष महत्व माना जाता है। सूर्य की पूजा, बुजुर्गों का सम्मान, खेलकूद तथा कुछ जगह पतंगबाजी करके भी इस पर्व को मनाया जाता है। सुनील कुमार बिसोहा का कहना है कि इस पर्व पर वह दान दक्षिणा करते हैं। विशेषकर गायों को गुड़ खिलाया जाता है। विभिन्न गौशालाओं में जाकर के दान दिया जाता है, पूरे दिन हवन एवं गायों की सेवा का सिलसिला चलता है। पुराने समय से गाय बहुत पाली जाती थी, तब गायों को गुड़ खिलाया जाता रहा है और चारा दिया जाता रहा है।
अजीत कुमार तथा बालकिशन करीरा ने बताया कि बुजुर्गों से सुनते आ रहे हैं कि इस पर्व के प्रति गहन आस्था है। जल्दी सुबह उठकर के आग के पास बैठना, ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे प्रमुख है। यही कारण है कि इस पर्व के प्रति उनका लगाव है। दिन भर दाल चूरमा खाया जाता है। कनीना की विभिन्न बाजारों में शकरकंदी, रेवड़ी ,मूंगफली आदि की भरमार है। इस दिन हर घर से ही शकरकंदी रेवड़ी आदि खरीदे जाते हैं और आग के पास ही बैठकर खाए जाते हैं। इस पर्व के प्रति आज भी पुराना लगाव ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलता है और ग्रामीण क्षेत्रों में लोग ढोल बाजे से बुजुर्गों का सम्मान करते हैं।
फोटो कैप्शन दो: आग के पास बैठे लोग
फोटो कैप्शन तीन: शकरकंदी खरीदते लोग साथ में मेहरचंद, अजीत कुमार, बालकिशन, भीम सिंह, कमला देवी, महेंद्र शर्मा, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, सुमेर सिंह, सुनील यादव आदि
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