Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Monday, January 2, 2023

 कस्बे में नववर्ष पर दुकानदारों ने आपसी सहयोग से लगाया भंडारा
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कनीना की आवाज। कस्बा कनीना में नववर्ष के उपलक्ष्य में दुकानदारों की तरफ से भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें आस-पास के लोगों ने मौके पर पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया। दुकानदारों ने बताया कि उनके द्वारा प्रति वर्ष नववर्ष पर भंडारे का आयोजन किया जाता है। इस बार तीसरे भंडारे का आयोजन किया गया था। जिसमें काफी संख्या में लोगों ने पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर दुकानदार जितेंद्र यादव, डा दिनेश, प्रेम स्वामी, विकास जांगड़ा, बलजीत सेहरावत, सतपाल, सुभाष, धोलिया, केडी व सौरव जांगड़ा ने सभी लोगों को मास्क का उपयोग करने व विश्व में दोबारा से कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सावधानी बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सभी लोगों के सहयोग व सावधानी से इस महामारी को फैलने से रोका जा सकता है। जो व्यक्ति वायरल की वजह से बीमार है वह खुले में न घूमे व समय रहते अपना उपचार करवाए ताकि देश व प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर को आने से रोका जा सके।
फोटो कैप्शन 5: कनीना में दुकानदार मिलकर भंडारा लगाते हुए।









अधिवक्ता नरेन्द्र सिंह के पिता के निधन पर कनीना बार ने दो मिनट का मौन रख, एक दिन का रखा वर्क सस्पेंड
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कनीना की आवाज। बार एसोसिएशन कनीना के अधिवक्ताओं की एक बैठक सोमवार को बार प्रधान एडवोकेट ओपी रामबास की अध्यक्षता में हुई। जिसमें कनीना बार के अधिवक्ता नरेन्द्र सिंह यादव के पिता हरद्वारीलाल का निधन होने पर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रख, एक दिन का वर्क सस्पेंड रखा गया। बार प्रधान ओपी रामबास ने बताया कि ककराला निवासी अधिवक्ता नरेन्द्र सिंह के पिता हरद्वारीलाल 88 वर्ष के हो चुके थे। जो अपने पीछे चार पुत्रों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए है। उन्होंने बताया कि हरद्वारीलाल के तीन पुत्र बीएसएफ में कार्यरत है व एक पुत्र नरेन्द्र सिंह अधिवक्ता है। इस दौरान कनीना बार के अधिवक्ता रामनिवास शर्मा रामबास, दीपक जांगड़ा कनीना मंडी, माडू सिंह उन्हाणी, धर्मेन्द्र रोहिल्ला, गिरवर कौशिक, नरेश कनीनवाल, राजेश यादव, संदीप यादव, अभिषेक, मनोज शर्मा सहित अन्य अधिवक्ता उपस्थित रहे।






कनीना क्षेत्र में पड़ी धुंध
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में दूसरे दिन भी धुंध जारी रही। दिन में ही धुंध पडऩे लगी किंतु धुंध समाप्त होने से पहले ही पुन: सघनित हो गई।
 धुंध के चलते आवागमन परेशानी रही। खेतों में भी जहां दूर दराज तक धुंध देखने को मिली। क्षेत्र में मौसम बार-बार बदल रहा है। कभी धुंध पड़ती है तो कभी मौसम बिल्कुल साफ हो जाता है। यदि धुंध पडऩा फसलों के लिए लाभप्रद माना जाता है।
फोटो कैप्शन 4: क्षेत्र में पड़ रही धुंध का नजारा।




शहीद को याद किया
-शहीद रविपाल पाथेड़ा का था 17वां शहीदी दिवस
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कनीना की आवाज। शहीद रविपाल के 17वें शहीदी दिवस पर गांव पाथेड़ा में शहीद सम्मान समारोह आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि अतरलाल एडवोकेट तथा विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर प्रवीण यादव ने अनेक गणमान्य लोगों के साथ शहीद रविपाल की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर तथा माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शहीद की माता ओमवती, वीरांगना कुमकुम तथा भाई अभिषेक को शॉल ओढ़ा कर सम्मानित भी किया।।  
समारोह में अतरलाल ने कहा कि शहीदों तथा उनके परिजनों का सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने शहीदों के सम्मान में गौरवशाली सम्मान समारोह आयोजित करने के लिए पाथेड़ा गांव का धन्यवाद किया। उन्होंने राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार से प्रत्येक शहीद के आश्रितों तथा परिजनों को शहीद प्रतिमाओं में रखरखाव के लिए प्रति वर्ष दो लाख रुपये देने की मांग की। प्रो. प्रवीण यादव ने शहीदों की शौर्यगाथा का वर्णन करते हुए कहा कि उनके कारण ही भारत की सीमाएं सुरक्षित हैं। उन्होंने ग्रामीणों से नशा छोडऩे तथा पानी का सदुपयोग करने का आह्वान किया। समारोह को सरपंच जर्मन सिंह तंवर, पूर्व जिला पार्षद सत्यपाल सिंह, पूर्व सरपंच दलीप सिंह, ठाकुर रतन सिंह चेयरमैन, राजेन्द्र सिंह नंबरदार, इन्द्रलाल शर्मा व पवन कुमार ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर सैकड़ों ग्रामीणों ने भी शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि भेंट की।
फोटो कैप्शन 2: शहीद रविपाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते गणमान्य जन।





एसडी विद्यालय में हुआ वार्षिक उत्सव का आयोजन
-गणमान्य हस्तियों को किया सम्मानित
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कनीना की आवाज। एसडी विद्यालय खेड़ी-तलवाना में वार्षिक उत्सव मनाया गया जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि ममता यादव महिला समन्वय की राष्ट्रीय सह-संयोजिका, विशिष्ट अतिथि डा. सुरेन्द्र सिंह असिस्टेन्ट प्रोफेसर केन्द्रीय विश्वविद्यालय थे।
कार्यक्रम के दौरान शहीद परिवारों के सदस्यों को शाल भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सामाजिक कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले अतिथियों को भी सम्मानित किया गया। सत्र 2022-23 में खेल , कला एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों व अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सम्मानित किया  गया।
विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना व स्वागत गीत की प्रस्तुति दी गई। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम  झूमे गौरी नाचे गोरी गीत पर  सुहाना, हर्षिता , पारुल, निशा व साधना की टीम के द्वारा डान्डिया नृत्य प्रस्तुत किया गया। प्रथम कक्षा के विद्यार्थियों ने हम द्वीप शिक्षा के जगमगाएंगे पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया चंचल, पायल, ज्योति अंलका, संजना की टीम ने -जमके बरसो राम जी गीत  पर नृत्य किया जिसकी दर्शकों ने बहुत प्रशंसा की। विद्यार्थियों  द्वारा मोबाइल फोन के उपयोग पर व्यंग्यात्मक माइम की प्रस्तुति दी गई। सातवीं कक्षा की छात्राओं इशा, अन्नु, मुस्कान , भारती, पायल, हिमांशी व महक  द्वारा शिवतांडव नृत्य प्रस्तुत किया गया। जिस ने सभी उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
हरियाणा कला  परिषद के प्रसिद्ध कलाकार रुबिया, प्रकाश मलिक व उनकी टीम द्वारा हरियाणवी कला की प्रस्तुति से समां बांधा।
एसडी विद्यालय के उप प्राचार्य शोभा राव ने अतिथियों का स्वागत किया। तथा सत्र 2022-23 की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि ने अपने वक्तव्य में बताया कि एसडी विद्यालय में खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों एवं शैक्षिक कार्यों में सामंज्सय के साथ  नियमित प्रयास किया जाता है जिस के परिणामस्वरूप बच्चे  हर क्षेत्र में  उपलब्धियां प्राप्त कर रहे है। इस प्रकार का कार्य बच्चों में सम्पूर्ण विकास का द्योतक है  इस क्षेत्र के विद्यार्थियों में अनूठी प्रतिभा है जिसको तरासने की आवश्यकता है।  विद्यालय निदेशक जगदेव यादव द्वारा सभी उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि उन्हें सभी अभिभावकों का पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है जिस कारण से कम समय में ही सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए है। निदेशक महोदय द्वारा पुरस्कृत हुए विद्यार्थियों को हार्दिक बधाइयां दी व उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
फोटो कैप्शन 03: एसडी स्कूल के वार्षिकोत्सव में विभिन्न गणमान्य जनों को सम्मानित करते एसडी स्कूल के  जगदेव सिंह।



समर्पण भाव ही बनाता है महान व्यक्ति-सत्यपाल धूपिया
-सात दिवसीय एनएसएस शिविर का हुआ शुभारंभ
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कनीना की आवाज। जिस किसी में समर्पण भाव पाया जाता है वो देशभक्त एवं महान व्यक्तित्व बनता है। कनीना के राजकीय माडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में सात दिवसीय एनएसएस शिविर में मुख्य अतिथि प्राचार्य सत्यपाल धूपिया ने ये विचार व्यक्त किये। उन्होंने ऐसे कितने ही महान व्यक्तियों के नाम गिनाते हुए प्रेरणास्रोत की संज्ञा दी। उन्होंने स्वयंसेवकों से अपेक्षा की कि वे भी महान व्यक्तियों की तर्ज पर काम करते हुए आगे बढ़ेंगे।  
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को हमेशा समाज सेवा के लिए तत्पर रहना चाहिए अपना व्यक्तित्व का विकास करके समाज और राष्ट्र का निर्माण करना चाहिए और राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा आज का युवा समाज के लिए आदर्श स्थापित कर सकता हैं। उपस्थित छात्र और छात्राओं को स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रेरित किया कि जहां साफ और सफाई होती है वही देवता निवास करते हैं। इसी दौरान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अभियान को आगे बढ़ाते हुए कहा कि बेटियां आज समाज में सबसे आगे सर्वोपरि है बेटियां हर क्षेत्र में आज अपने देश का नाम रोशन कर रही है चाहे वो खेल का मैदान हो सह शिक्षा का क्षेत्र हो चाहे राष्ट्रीय सेवा योजना हो। विद्यालय सभी छात्र और छात्राओं को राष्ट्रीय इकाई से जुडऩा चाहिए इससे उनमें स्वावलंबन और राष्ट्रीय सेवा की भावना जागृत होगी जिससे एक समृद्ध राष्ट्र का निर्माण होगा।
  इस मौके पर एनएसएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने सात दिनों में स्वयंसेवकों द्वारा कराये जाने वाले कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एनएसएस स्वयंसेवकों ने सफाई करने, कैशलेस की जानकारी, धार्मिक स्थलों का दौरा करके सफाई, प्रभात फरी, मतदाता जागरूकता रैली आदि निकाली जाएगी।
 इस अवसर इस मौके पर रमन शास्त्री, रवि कुमार, संजय यादव, सुरेंद्र सिंह, आमप्रकाश, अमरजीत सहित गणमान्य जन उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 01: एनएसएस शिविर में प्राचार्य सत्यपाल धूपिया एवं स्टाफ।






शहीद राम कुमार वीर चक्र की वीरां











गना सारली देवी का निधन
-वे 88 साल की उम्र में त्यागे प्राण
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कनीना की आवाज। कनीना की शहीद राम कुमार वीर चक्र प्राप्त की वीरांगना सारली देवी का निधन हो गया। सारली देवी अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गई है तथा गत दिनों से बीमार थी। उनके अंतिम संस्कार में भारी संख्या में गणमान्य जन पहुंचे। सारली देवी को सम्मान के साथ शमशानघाट ले जाया गया जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
कौन थे शहीद रामकुमार--
  कनीना में गुगनराम नामक एक साधारण व्यक्ति के घर रामकुमार प्रथम जुलाई 1937 को जन्मे थे। मां का नाम दाना देवी था। घर के हालातों के चलते कोई शिक्षा प्राप्त नहीं की किन्तु आर्मी शिक्षा आठवीं तक पाई थी। परिवार में 6 भाई थे। उस वक्त वे चार भाई रामसिंह, नित्यानन्द, अमर सिंह व रामकुमार फौज में नौकरी करते थे। यही वजह है कि उनके पिता गुगनराम भुवालखा को वारजागिर के रूप में पेंशन मिलती थी।  छोटी उम्र में ही जब रामकुमार की उम्र 16 वर्ष थी, उनसे दो वर्ष छोटी सारली देवी से उनकी शादी कर दी गई। आखिरकार 19 वर्ष की उम्र में 6 सितम्बर 1957 को कुमाऊं रेजिमेंट में नायक पद भर्ती हो गए। न जब कभी वे घर लौटते तो देश और दुश्मनों पर घंटों साथियों से चर्चा करते थे। मां-बाप भी उनसे अति प्रसन्न थे। परन्तु भाग्य में कुछ और ही लिखा था। 1965 में पाक ने भारत पर धावा बोल दिया। पाकिस्तानी पीओके से गोलाबारी करने लगे। पाक को सबक सिखाने के लिए कुमाऊं रेजिमेंट को भेजा जिसमें यह वीर भी साथ था।
भारत का का अमर सपूत रामकुमार 4 कुमाऊं टुकड़ी के कमांडर के साथ कारलपुर पुल की सुरक्षा के लिए 7 अगस्त 1965 को तैनात किया। दुश्मन की नजर पुल को उड़ाने की थी क्योंकि आवागमन का यही रास्ता था। पुल की दिन भर कड़ी सुरक्षा की गई धीरे-धीरे काली रात आने लगी। रात करीब 11 बजे दुश्मनों की सेना ने मौका देख गोली बारी शुरू कर दी और राकेटों से हमला बोल दिया। भारी संख्या में सैनिक मारे गए। टुकड़ी का कमांडर भी बुरी तरह से घायल हो गया और वह चलने में असहाय नजर आता था। उधर रामकुमार भी खुद गोलीबारी में घायल हो चुका था परन्तु हिम्मत जुटाकर रामकुमार ने कमांडर को कन्धे पर डाल लिया और धीरे-धीरे घसीटते हुए उन्हें दूर ले गया जहां पर दुश्मन का प्रभाव कम था। दुश्मनी सेना ने जमकर गोलीबारी व राकेटों से हमला बोल दिया। नायक रामकुमार के सिने पर गोलियां लगी और शरीर छलनी हो चुका था। वे मातृभूमि के काम आये। 7 अगस्त 1965 को ही उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र देने की घोषणा कर दी गई। उन्हें रक्षा मैडल, सैन्य सेवा मैडल, वीर सेवा मैडल तथा वीर चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी सारली को इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री तथा डा एस राधाकृष्णन् द्वारा दिल्ली में वीर चक्र प्रदान किया था। उनके दो पुत्रों अर्जुन सिंह तथा भरपूर सिंह का भरा परिवार है।
फोटो कैप्शन: सारली देवी।

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