धीमी गति से डीजे बनाने की अनुमति लेने के लिए लोग मिले एसडीएम से
-धीमी गति से डीजे बजते रहने की मांग की
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कनीना की आवाज। गत दिनों या रामबास गांव में डीजे बजाने वालों पर 21000 रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला सर्वसम्मति से किया था जिसके खिलाफ आज रामबास के अनेकों लोग और डीजे बजाने की अनुमति मांगने एसडीएम कनीना कार्यालय पहुंचे। उन्होंने धीमी गति से डीजे बचाने की अनुमति दी जाए।
डीजे बजाने पर प्रतिबंध के फैसले लेने से सामाजिक तनाव बढ़ता है। एक अनेक जन हस्ताक्षरित पत्र भी लोगों ने एसडीएम को दिया जिसमें कहा गया है कि एक समय सीमा के तहत सीमित आवाज में सरकार के निर्देशों का पालन करते हुये डीजे बजते रहना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाए कि 2 जुलाई को गांव में जो बैठक गांव में हुई थी उसने सरपंच हाजिर नहीं थी। न हीं बहुमत से यह फैसला लिया कि डीजे बजाने वालों पर 21000 रुपये का जुर्माना किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम में इस प्रकार डीजे बजते रहना चाहिए। उन्होंने कम से कम 3 दर्जन लोगों के हस्ताक्षरित एक पत्र एसडीएम को सुरेंद्र सिंह को सौंपा और कहा गया है कि जिस सामाजिक कार्यों एवं सद्भावना में सीमित आवाज में डीजे बजते रहना चाहिए।
फोटो कैप्शन 5: डीजे बजते हुए अनुमति पाने के लिए एसडीएम से मिलते रामबास के लोग
वर्षा के मौसम में सब्जियों में लगा रोग
सब्जी उत्पादक दुखी, सब्जियों के भाव में अचानक तेजी
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कनीना की आवाज। वर्षा ऋतु के मौसम में जहां सब्जियों में विभिन्न प्रकार के रोग लग गये हैं, सब्जियां गल सड़ गई हैं वहीं फंगस का रोग बढ़ गया है। सावन माह में वैसे तो हरी सब्जियां खाने के लिए मनाही की जाती है क्योंकि उनमें अनेक प्रकार के कीट मिलती हैं। सब्जियों के भाव पर नजर डालें तो दिनों दिन सब्जी बाजार से महंगी होती जा रही है क्योंकि उत्पादन घटता जा रहा है, सब्जियां महंगी चल रही है। जहां टमाटर भी 80 रुपये किलो तक पहुंच रहे वही बैंगन 40 रुपये किलो है। उसी प्रकार हर सब्जी के भाव में तेजी है। सब्जी उगाने वाले किसान इस मौसम में बेहद परेशान होते हैं। इस समय घीया, तोरई,ककड़ी, बैंगन, भिंडी आदि उगाई जाती हैं।
महाबीर करीरा का कहना है कि वे विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाते हैं लेकिन बारिश के मौसम में कई रोग लग जाते हैं। सब्जी उत्पादन घट जाता है। उन्होंने बताया कि सब्जी पैदा करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
अजय इसराना का कहना है कि वे लंबे समय से सब्जियां उगाते है किंतु इस मौसम में अक्सर बीमारियां प्रवेश कर जाती हुई जो पैदावार घट जाती है। सब्जी पर लगातार पानी लगने से भी खराब हो जाती हैं। फंगस का रोग लग जाता है।
कांता लंबे समय से सब्जी उत्पादन करती आ रही हैं। उनका कहना है कि इस मौसम में सब्जी रोग का शिकार हो जाती है। उसे हरा तेला लग जाता है तथा कई बीमारियां घर कर जाती है। ऐसे में सब्जी उत्पादन बहुत कठिन हो जाता है। पैदावार घटती चली जाती है। सब्जी बड़ी नहीं हो पाती। उन्होंने कहा कि सब्जी महंगी होने के पीछे उत्पादन में कमी माना गया है। इस मौसम में सब्जी उत्पादन कम हो जाता है
गजराज मोड़ी सब्जियां उगाते आ रहे हैं किंतु इस वर्षा के मौसम में सब्जी उत्पादन में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है क्योंकि सब्जी गल सड़ जाती है। बारिश के मौसम में सब्जियों को बचाने के लिए कोई विशेष तरीका उन्हें नजर नहीं आता। रासायनिक पदार्थ डालकर ही बचाया जा सकता है।
प्रेम कुमार डीएचओ/जिला होर्टिकल्चर अधिकारी ने बताया कि इस मौसम में सब्जी पर मार पडऩा आम बात है। सब्जी पैदावार पैदावार घट जाती है जिसके कारण भाव भी बाजार में बढ़ जाते और बेहतर सब्जी भी नहीं मिल पाती। उन्होंने कहा कि बताया कि फंगस की मार पड़ती है। वर्षा के मौसम के बाद फिर से सब्जी पैदावार बढ़ जाता है। बेल वाली सब्जियां को लगातार पानी से टच न होने दे।
फोटो कैप्शन 05: कनीना क्षेत्र में सब्जी की पैदावार
साथ में कांता, गजराज, अजय इसराना, महाबीर करीरा।
पूर्व सीपीएस ने कनीना की बदहालात को लेकर एसडीएम को दिया ज्ञापन
-अनीता के आवास से एसडीएम कार्यालय तक किया रोष प्रदर्शन
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कनीना की आवाज। पूर्व सीपीएस अनिता यादव के नेतृत्व में कनीना शहर के मुख्य मार्गों की दयनीय हालत को लेकर रोष प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम कनीना सुरेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा गया। इस रोष प्रदर्शन में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अनिता यादव के आवास से चलकर एसडीएम कार्यालय तक प्रदर्शन किया।इस प्रदर्शन के दौरान पूर्व सीपीएस अनिता यादव मुख्यमार्ग पर गढ्ढे में गिरी जिससे कार्यकर्ताओ ने उठाया। एसडीएम को सौंपे
ज्ञापन में कनीना के मुख्य सड़क मार्गों को जल्दी ठीक कराने की मांग की गई है।
इस अवसर पर पूर्व सीपीएस कांग्रेस नेत्री अनिता यादव ने कहा कि कनीना शहर की टूटी पड़ी सड़कों की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम कनीना को सोपा गया है। कांग्रेस नेत्री व पूर्व सीपीएस अनिता यादव ने कार्यकर्ताओं के साथ शहर में बीजेपी सरकार के खिलाफ, ये सरकारी निकम्मी है ये सरकार बदलनी है के नारे लगाते हुए जुलूस निकाला।रेवाड़ी टी मोड़ से अटेली मोड़ की तरफ जाते हुए सड़क में अधिक गड्ढे होने के कारण पूर्व सीपीएस अनिता यादव गड्डो में गिर भी गई।जिसे कार्यकर्ताओं ने उठाया।पूर्व सीपीएस अनिता यादव ने बताया कि कनीना शहर की सभी सड़क पूर्ण रूप से टूट हुई है।जिससे अत्यधिक मात्रा में धूल उड़ती है।जिससे आम आदमी से लेकर व्यापारी व छात्र दुखी है।लोगो को धूल से बीमारियों हो रही है। बरसात होने पर इन गढ्ढों में पानी भर जाता है। बरसात होने रोजाना दुर्घटना हो रही है।लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नही है।उन्होंने एसडीएम कनीना सुरेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपकर समाधान की मांग की है।
फोटो कैप्शन 2: एसडीएम सुरेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपती हुई कांग्रेस नेत्री अनिता यादव व कार्यकर्ता
हालाते बदहाल,गर्मी और उमस में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं लोग
-धरने का है 114वां दिन
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर सेहलंग एवं बाघोत के बीच कट की मांग को लेकर ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। धरने की अध्यक्षता चेयरमैन सतपाल पोता ने की।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष चेयरमैन विजय सिंह नौताना ने बताया कि धरने को चलते आज 114 दिन हो गए हैं। बढ़ती हुई गर्मी और उमस कि पीड़ा को सहन करते हुए लोग शांति पूर्वक ढंग से धरने पर बैठे हुए हैं। सरकार ने बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनाने के लिए अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
संघर्ष समिति के सदस्य डॉ लक्ष्मण सिंह और मास्टर विजयपाल सेहलंग ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनना शिव भक्तों के लिए बहुत जरूरी है। बाघेश्वर धाम में मेले की तैयारियां हो रही है। शिव भक्तों का आना -जाना शुरू है। सरकार लोगों की भावना को समझें और कट बनवाने का काम जल्द शुरू करें। जब तक कट नहीं बनेगा तब तक हमारा धरना जारी रहेगा।
इस मौके पर बाबूलाल, रतनलाल पंच बुवाना,नरेंद्र शास्त्री, मास्टर विजय सिंह, नंबरदार लोकेंद्र सिंह,पहलवान धर्मपाल, प्यारेलाल, सुधीर, पंडित मांगेराम, बाबूलाल, शेर सिंह, सूबे सिंह सत्य प्रकाश, वेद प्रकाश, दाताराम, ठेकेदार शेर सिंह व गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: धरने पर बैठे लोग।
ताजा मौसम अपडेट
आगामी दस जुलाई तक होगी झमाझम बारिश
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कनीना की आवाज। हालांकि सम्पूर्ण हरियाणा एनसीआर दिल्ली में आज 4 जुलाई को भी छिटपुट गतिविधियों को दर्ज किया जा रहा है आने वाले दिनों में सम्पूर्ण हरियाणा एनसीआर दिल्ली में बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेगी क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से मानसून गतिविधियों में तेजी आएगी कमजोर मानसून को शक्ति प्रदान करेंगा। सम्पूर्ण इलाके में 5-10 जुलाई के दौरान झमाझम बारिश की राहत भरी बारिश देखने को मिलेगी और आमजन को उमसभरी पसीने वाली गर्मी से राहत मिलेगी। यह जानकारी डॉ चंद्रमोहन नोडल अधिकारी पर्यावरण क्लब राजकीय महाविद्यालय नारनौल ने दी।
बाघेश्वर धाम बाघोत जहां मन्नत होती हैं पूरी
-15 जुलाई शिवरात्रि का लगेगा मेला
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कनीना की आवाज। उपमंडल कनीना के गांव बाघोत में 15 जुलाई शिवरात्रि मेला लगने जा रहा है। वर्ष में यहां दो बार मेला लगता है। सावन माह में शिवरात्रि के दिन सबसे अधिक कावड़ चढ़ती हैं। महाशिवरात्रि पर विशेषकर मेला लगता है। मंदिर एवं स्वयंभू शिवलिंग का पौराणिक महत्व एवं इतिहास समेटे हुए है। भारी भीड़ यहां दर्शनार्थ के लिए आते हैं। बाघोत पहुंचने के लिए कनीना-चरखी दादरी मार्ग पर 15 किमी दूरी पर स्थित बाघोत गांव में मुख्य सड़क मार्ग के पास ही शिवालय स्थित है। चरखी दादरी से भी शिवालय पहुंचा जा सकता है।
बाघोत का मंदिर करीब 1700 वर्ष पुराना है। इस शिवालय के पास खड़े कदंब के पेड़, तालाब एवं स्वयंभू शिवलिंग ऋषि मुनियों की तप स्थली होने की याद दिलाते हैं। मंदिर निर्माण से पहले भगवान् श्रीराम के पूर्वजों ने भी यहां तप किया था। शिवरात्रि पर हजारों कावड़ चढ़ाई जाती हैं। तत्कालीन समय में राजा दलीप को शिव ने बाघ के रूप में दर्शन दिए थे जिसके चलते गांव का मंदिर बाघेश्वर धाम कहलाया। शिवालय का निर्माण कणाणा के राजा कल्याण सिंह रैबारी ने करवाया था। शिवालय का पुनरुद्धार भी किया जा चुका है।
डा होशियार सिंह यादव कनीना ने विगत 30 सालों से बाघेश्वर धाम पर शोध किया है तथा विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित किये हैं। उन्होंने बाघोत मेला नाम से आइएसबीएन नंबर की एक पुस्तक भी प्रकाशित की है।
शिवरात्रि के मेले की तैयारियां चल रही हैं। मंदिर को सजाया जा रहा है हीं सुरक्षा के प्रबंध किए जा रहे हैं। कणाण के महाराज कल्याण सिंह रैबारी द्वारा निर्मित शिवालय पर ऊंटों की कतार 1990 के दशक तक बनी हुई थी किंतु बाद में इस शिवालय का जीर्णोद्धार हुआ तो उस पर ऊंटों की कतार के चित्र नहीं बने हैं। ऊंटों की कतार की तस्वीर बनाने के पीछे महाराजा के ऊंटों के सोने चांदी को लूटने की घटना एवं शिव भोले के दृष्टांत के बाद पुन: प्राप्ति की याद को ताजा करते थे। ये तस्वीर शिवालय का पूरा हाल वर्णित करती थी। शिवालय एवं समीप मंदिर-बाघेश्वर धाम का मुख पूर्व दिशा की ओर है और सामने एक विशाल तड़ाग है जिसमें कांवडिय़ों द्वारा लाया गया गंगाजल जो शिवलिंग पर अर्पित किया जाता है बहकर इसी तड़ाग में चला जाता है। इसलिए यह जोहड़ भी पवित्र माना जाता है। इस शिवालय में शिवलिंग स्वयं-भू है जो प्राचीन इतिहास की याद दिलाता है।
भक्तजन जो स्वयंभू शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहते हैं वे बाघेश्वरी धाम आते हैं उन्हें पश्चिम दिशा में मंदिर से करीब 200 गज दूरी पर कतार में खड़ा होना होता है। कतार दक्षिण को मुड़कर पश्चिम की ओर जाने पर शिवलिंग के दर्शन होते हैं। बाघेश्वरी धाम पर जाने वाले भक्तजन अपने साध गंगाजल, पेठा, बेलपत्र के पत्र, नारियल, केला, फल एवं फूल ले जाते हैं। महाशिवरात्रि के दिन फाल्गुन माह की कृष्ण त्रयोदशी के अलावा दूसरी बार सावन माह की कृष्ण त्रयोदशी को बड़ा मेला लगता है। पुलिस का व्यापक प्रबंध होता है वहीं दवा मुफ्त उपलब्ध होती हैं एवं भंडारे लगते हैं। अपार भीड़ विशेषकर महिलाएं व्रत धारण करके यहां जल अर्पित करने आते हैं। हरिद्वार से विभिन्न रास्तों पर भी बाघोत के इस धाम का नाम वर्णित है।
भरपूर सिंह-
शिवभक्त भरपूर सिंहका कहना हैं कि बाघेश्वर धाम पर हजारों वर्षों से भक्तजन स्वयंभू शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं और उनकी आस्था अपार है। यहां का शिवलिंग स्वयंभू होने के कारण भी इसके प्रति लोगों में आस्था अधिक हैं। कांवड़ चढ़ाने वाले भक्तजन तो दिल में गहन आस्था लेकर ही यहां आते हैं। भगवान् श्रीराम के पुरखों से लेकर आज तक इस स्वयं-भू शिवलिंग के प्रति आस्था बढ़ती ही जा रही है।
उनका कहना है कि इस बाघेश्वरी धाम पर भक्तजन गंगाजल अर्पित करते हैं। यहां का स्वयंभू शिवलिंग गंगाजल अर्पित करने के लिए मशहूर है। भक्तजन पदयात्रा करके यहां आते हैं और शिवालय पर गंगाजल अर्पित करते हैं।भक्त सुमेर सिंह-
भक्त सुमेर सिंह का कहना है कि शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए केवल गंगा जल ही प्रयोग किया जाता है इसके अतिरिक्त बेलपत्र, नारियल, नाशपाती, केला, फल फूल एवं पेठा आदि अर्पित किया जाता है। बाघेश्वर धाम के प्रति आस्था दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। बच्चे हो या बुजुर्ग या फिर महिलाएं सभी मन में आस्था लेकर यहां चले आते हैं। भक्त सुमेर सिंह ने कांवड़ चढ़ाने में भी अपना नाम कमा रखा हैं। उनका कहना है कि वे प्रतिवर्ष बाघोत जाकर पूजा अर्चना एवं शिवलिंग का जलाभिषेक करके जाते हैं। यहां व्यापक प्रबंध किए जाते हैं।
फोटो कैप्शन बाघेश्वरीधाम का बाघोत।
स्वयंभू शिवलिंग, भरपूर सिंह, सुमेर सिंह कांवडिया।
सावन माह है भोलेनाथ का-सुरेंद्र शास्त्री
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कनीना की आवाज। साल में एक माह भगवान भोलेनाथ का होता है। 04 जुलाई से सावन प्रारंभ हो रहा है शास्त्रों के अनुसार सावन मास में भगवान शिव पृथ्वी पर वास करते हैं जो कि असाढ़ पक्ष की पूर्णमासी के पश्चात प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होता है और शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते,वर्जित माना गया है। ये विचार सुरेंद्र शास्त्री कनीना ने व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि सावन मास में भगवान भोलेनाथ की आराधना होती है। भगवान भोलेनाथ को विशेष रूप से प्रसन्न करने के लिए भक्तगण अनेक प्रकार के पूजा पाठ करते हैं और व्रत करते हैं। भगवान शिव की उपासना करते हुए भगवान की अनेक प्रिया चीजों का भोग लगाते हैं। भगवान को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक करते हैं और भगवान भोलेनाथ को एक माह तक जल चढ़ाते हैं सावन मास में कुछ विशेष बातें बताई गई हैं। जिनका हमको पालन करना चाहिए सावन मास में खानपान को लेकर सावधानी रखनी चाहिए। माना जाता है कि सावन के महीने में बैंगन, दूध एवं दही का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही भगवान शिव की पूजा के दौरान हल्दी का प्रयोग नहीं करना चाहिए और पूजा करने के नियम सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें,सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। शिवलिंग में गंगा जल और दूध शहद घी दही चढ़ाएं,भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें। भगवान शिव को बेल पत्र, शमी पत्र, आक का फूल, धतूरे का फल अर्पित करें।
उन्होंने कहा कि इस माह में भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें। और भगवान शिव का इस मंत्र से जाप करें। भोलेनाथ सभी संकटों का नाश विनाश करेंगे।
फोटो कैप्शन-सुरेंद्र शास्त्री
फिर डूबने लगी कनीना कस्बे की गलियां अंधेरे में
-बारिश के कारण कुछ केबल कुछ एमसीबी जलने के बाद बन गई है समस्या
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कनीना की आवाज। कनीना कस्बे में एक बार फिर से गलियां अंधेरे में डूबने लगी है और पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने एक सराहनीय कार्य किया था कि सभी गलियों को रोशन कर दिया था किंतु फिर से हालात आज से 20 साल पहले वाली बनती जा रही है। एक बार फिर से अनेकों गलियां अंधेरे में डूबने लगी है। कनीना नगर पालिका के इलेक्ट्रिशियन विद्यानंद से बात हुई तो उन्होंने बताया की कई जगह एमसीबी खराब हो गई है या फिर केवल खराब होने से बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है जिसके कारण कनीना की गलियों में अंधेरा छाया हुआ है।
कनीना के विजयपाल प्राचार्य, लाल सिंह ,कृष्ण कुमार, रोहित कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया उनके यहां दो तरफ गलियों में बिजली की आपूर्ति एक तरफ जहां हवेली चौराहे की तरफ से प्रकाश व्यवस्था हो रही है वहीं वहीं दूसरी तरफ प्रो.हंसराज के पुराने मकान की तरफ से भी स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की हुई है किंतु दोनों तरफ की लाइट बंद पड़ी है और अंधेरा होने से चोरी आदि का खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि अविलंब स्ट्रीट लाइट को बहाल करवाया जाए। परंतु मिली जानकारी अनुसार जब तक केबल और एमसीबी आदि बिजली उपकरण उपलब्ध नहीं होंगे बिजली को ठीक नहीं किया जा सकेगा।
बरहाल वर्तमान में एसडीएम सुरेंद्र सिंह कनीना के प्रशासक और कार्यरत है। उन्हें यह कार्य करवाना है।
पालिका चुना
व अभी नहीे होने की संभावना
-2024 में है संभावना
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कनीना की आवाज। कनीना पालिका के चुनाव वर्ष 2024 में होने की संभावना से जिस कद्र उत्साह चुनाव लडऩे वालों में देखने को मिल रहा था वो ढ़ीला पडऩे लगा है। चुनाव तिथि भविष्य के गर्भ में हैं पर चुनाव लडऩे वाले जल्दी चुनाव चाहते हैं।
चुनाव लडऩा चाहने वाले लोग किसी प्रकार पीछे हटने वाले नहीं। यदि प्रधान पद के लिए उनके परिवार से वो स्वयं या परिवार से महिला आदि चुनाव लड़ सकते हैं। क्योंकि प्रधान की शक्ति इस बार अधिक हो गई है, उसका चुनाव सीधा होने की वजह से उसे पार्षदों का काम कम हो गया है। भविष्य में प्रधान बनने के बाद किसी प्रस्ताव को पारित करते समय इन पार्षदों की जरूरत हो सकती है। ऐसे में बड़ा और सशक्त पद प्रधान का बना दिया गया है जिसको लेकर के दर्जनों लोग तैयार हैं। यह सत्य है कि चुनाव लडऩे वाले अब अपनी मां, बहन, बेटी या पत्नी को चुनाव लड़ा सकते हैं, स्वयं भी पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे के लिए तैयार हो रहे हैं। कनीना के पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे वाले महेश बोहरा एक है। उनके पिता राव सत्यवीर बोहरा भी पार्षद रह चुके हैं। अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए पार्षद पद के चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं क्योंकि उन्होंने तो कभी से ही पार्षद पद के की घोषणा की है और पालिका प्रधान बनने की इच्छा नहीं रही की? विजय चेयरमैन भी पार्षद पद के चुनावों के लिए तैयार हैं। बहरहाल अभी चुनाव होते नजर नहीं आ रहे हैं।
कनीना नगर पालिका चुनावों पर टिकी हैं नजरें---
कनीना पालिका 1952 से चली आ रही है। कनीना नगर पालिका के समय-समय पर अनेक प्रधान रह चुके हैं। सबसे अधिक समय तक पूर्व प्रधान मा. दलीप सिंह एवं उनके पिता स्व. चौ. बलबीर सिंह पालिका में प्रधान रह चुके हैं।
इस बार पालिका प्रधान के चुनाव सीधे होने हैं। अब तक पालिका प्रधान बनते आए वह किसी के रहमों करम पर होते थे या पार्षदों पर निर्भर रहे हैं। सभी की नजरें चुनाव पर टिकी हुई है।
चुनाव लडऩे के दावेदार-
अभी तक पार्षद के चुनाव के लिए
1. महेश बोहरा दावेदारी जता रहे हैं। उधर
2. वार्ड चार से योगेश कुमार
3. वार्ड एक से विजय चेयरमैन चुनाव लड़ेंगे। इस बार चेयरमैन पद का चुनाव डायरेक्ट होगा। जिसके चलते इस बार चेयरमैन पद के लिए अधिक लोग तैयारी में जुटे हुए हैं।
प्रधान पद के लिए दावेदार--
1.कनीना के सज्जन सिंह बोहरा
2. कनीना के वर्तमान चेयरमैन सतीश जेलदार के पुत्र प्रीतम जोनू
3. मनोज कुमार रोहिल्ला वरिष्ठ पत्रकार
4. कनीना के वार्ड 12 का निवासी अमित नंबरदार
5. वार्ड 3 के निवासी राज सिंह
6. पूर्व प्रधान मा. दिलीप सिंह या उनके पुत्र दीपक चौधरी
7. पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा
8. एडवोकेट विनय यादव, एडवोकेट पंकज यादव, वर्तमान में
9. उप प्रधान पद पर आसीन अशोक ठेकेदार, मनीष पार्षद
10. सुमेर सिंह मैनेजर
घट गई हैं चुनावी चर्चाएं ---
दुकान हो या कोई चाय की दुकान, चुनावी चर्चा मिलने लगी थी वो अब गायब हो गई हैं। रातोंरात पार्षद और प्रधान पद के दावेदार ढूंढे जा रहे हैं। क्योंकि बहुत से लोग तो चुनाव तो लडऩा चाहते हैं ऐसे में चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं।
समय लग सकता है चुनाव होने में-
नगर पालिका के चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं। यदि मतदाता उनको अच्छा रिस्पांस देते हैं तो भी अपने उम्मीदवारी पक्की समझ रहे हैं। अभी से ही मतदाताओं से वोट देने की हां या ना करवा रहे हैं। चुनावों में लग सकता है समय। ऐसे भी कहते सुने हैं कि मेरे लिए प्रधान पद के वोट दिलवा दो मैं तुम्हें पार्षद या तुम्हारे द्वारा अनुमोदित पार्षद को अपने क्षेत्र के वोट दिलवा दूंगा। 14 वार्डों में 14 पार्षद चुने जाने है लेकिन कुछ वार्डों में चुनाव लडऩे वाले मौन नजर आ रहे हैं।



















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